डा. सतीश मिश्रा- राष्ट्रदूत दिल्ली ब्यूरो

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की मुख्य चुनावी जंग यद्यपि अभी भी करीब एक वर्ष दूर है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इसे हिन्दू -मुस्लिम संघर्ष के रुप में प्रस्तुत करना प्रारंभ कर दिया है, जैसा उत्तर प्रदेश विधानसभा की तीन सीटों के उप चुनावों के लिए भाजपा द्वारा किए जा रहे प्रचार अभियान में देखा गया है। भाजपा के दृष्टिकोण की झलक वर्तमान में मुजफ्फर नगर में देखी जा सकती है, जो कि 2013 के दंगों का गवाह है तथा वहां दो विधानसभा सीटों के लिए 13 फरवरी को उपचुनाव होने हैं। देवबंद विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार रामपाल सिंह पुन्ढीर, जो एक आर एस एस प्रचारक हैं, ने अपनी सभाओं में इस बात पर जोर देते हैं कि उनका प्रमुख एजेण्डा हिन्दुओं के गौरव को वापस दिलाना है। उन्होंने कहा, अगर वे चुनाव जीत जाते हैं, तो ’एक भय होगा उनके अन्दर’। हमारा टैरर होगा उनके ऊपर, उनके गुण्डों पर। (अर्थात मुस्लिम डर महसूस करेंगे। उनमें तथा उनके गुण्डों में हमारा डर व्याप्त होगा)।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुन्ढीर ने अगले ही क्षण इस बात पर जोर दिया कि ’’हिन्दु गुण्डे नहीं रखते हैं।’’ पुन्ढीर ने कहा, अब इन चुनावों ने मुख्यत: दो समुदायों के बीच संघर्ष का रुप ले लिया है, क्योंकि हिन्दू असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा ’’हमारी माताओं तथा बहनों के सम्मान को खतरा है। हिन्दू व्यापारी चोरी, डकैती तथा हत्याओं का सामना करते हैं। उन्होंने आगे कहा ’’देवबंद में किसी हिन्दू की हिम्मत नहीं है कि कुछ बोल जाए।’’
उन्होंने वादा किया ’’जब 2017 में हमारी सरकार बनेगी, तब हम देखेंगे कि वे कैसे अत्याचार करते हैं।’’ यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि देवबंद एक मुस्लिम बहुल इलाका है तथा मुसलमानों की शिक्षा का प्रमुख स्थान (दार -उल-उलूम) है, जिसका काफी सम्मान है। देवबंद में 2013 के सामुदायिक दंगों के दौरान भी शांति व्यवस्था स्थापित थी तथा वहां सामुदायिक उपद्रव नहीं देखे गए हैं।

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मुजफ्फरनगर तथा देवबंद विधानसभा सीट, दोनों की ही सभाओं में, चुनाव प्रचारको के भाषणों का मुख्य विषय ही यह है कि हिन्दुओं को मुसलमानों से खतरा है। मुजफ्फर नगर से लोकसभा सांसद संजीव बलियान हैं, जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में कृषि रा’यमंत्री हैं। लव जेहाद, गौ-वध तथा कुछ अन्य ऐसे ही इलजाम हैं जो कि भाजपा नेताओं द्वारा अपने भाषणों तथा निजी वत्त*व्यों दोनों में ही मुसलमानों पर लगाए जा रहे हैं। मुजफ्फर नगर में भाजपा के एक होर्डिंग पर सांसद साक्षी महाराज का एक चित्र लगाया गया है, जिससे वे शंख बजाते हुए दिखाई दे रहे है, इससे पार्टी की रणनीति का आभास होता है। होर्डिंग पर लिखा है ’’समझौता नहीं, सम्मान चाहिए।’’ मुजफ्फर नगर की दोनों ही सीटें समाजवादी पार्टी के विधायकों की मृत्यु के कारण खाली हुई हैं।
विधानसभा उपचुनावों का तीसरा स्थान, फैजाबाद जिले की बीकारपुर सीट है, जहां अयोध्या भी है, वहां भाजपा ने राम मंदिर प्रचारक राम कृष्ण को मैदान में उतारा है तथा यहां पर भी चुनाव अभियान का केन्द्र बिन्दु मुस्लिम अत्याचार तथा मुसलमान शासकों द्वारा इतिहास काल में हिन्दुओं के साथ किए गए गलत कार्यों को बताना ही है। यहां तक कि जहां चुनाव नहीं हैं, वहां भी भाजपा ने गौ-हत्या, राम मंदिर तथा लव -जेहाद जैसे मुद्दों पर ही ध्यान केन्द्रित किया है।
रा’य के पूर्वी प्रांतों की रिपोटर््स कहती हैं कि उनकी योजना संभाग को सामुदायिक रुप से विभाजित करने की है, जिससे भाजपा चुनाव रुपी फसल काट सके। सूत्रों का कहना है कि इस मिशन के लिए गोरखपुर सांसद महंत आदित्यनाथ की सेवाएं भी ली
जा रही हैं।

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