उदयपुर। आज़ादी चाहने का एक नारा जेएनयू में लगा था और एक नारा शुक्रवार को विधान सभा में सागवाड़ा विधायक sagawara MLA anita katara अनिता कटारा ने आज़ादी का नारा अपनी ही साकार के खिलाफ बुलंद कर दिया । विधान सभा में अनिता कटारा ने “वी वांट फ्रीडम” “वी वांट फ्रीडम” का नारा लगाते हुए वागड़ को अफसर शाही से आज़ादी दिलाने की मांग कर डाली। अनिता कटारा ने विधान सभा में  नियम 295 के तहत विचार व्यक्त करते हुए वागड़ क्षेत्र में  हावी अफसरशाही और मौताणा-डायन प्रथा पर तीखा प्रहार करते हुए वागड़ अंचल को वेदनाओं और दुखों से आज़ादी दिलाने की बात प्रभावी तरीके से रखी।
शुक्रवार को विधान सभा में कई विधायकों ने अपने ही सरकार के मंत्रियों को आड़े हाथों लिया था । इन सब के बीच सागवाड़ा विधायक अनिता कटारा ने वी वांट फ्रीडम का नारा लगाते हुए संसद में सनसनी फैला दी एक बार तो सदन में मौजूद जान प्रतिनिधि और मंत्री सकते में आगये। हर एक के दिमाग में एक बार तो जेएनयू में कन्हैया कुमार द्वारा लगाया गया  आज़ादी का नारा घूम गया। अनिता कटारा ने अपनी बात कहते हुए कहा कि आजादी के बाद अब तक वागड़ अंचल को वेदनाओं और दुखों से मुक्ति नहीं मिली है। समाज की बुराइयों और उस पर हावी अफसरशाही से वागड़ अंचल आजादी चाहता है। यहां गरीबी, बेरोजगारी के साथ ही डायन और मौताणा प्रथा आमजन के विकास में बाधक बने हुए हैं। अनिता कटारा ने अफसर शाही के सिस्टम पर प्रहार करते हुए कहा कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों में अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं और दिनोंदिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। सरकार की योजनाएं भी बदस्तूर जारी है और उन पर सरकार से स्वीकृत पूरी-पूरी राशि भी व्यय हो रही है। लेकिन, क्षेत्र की सूरत नहीं बदल रही है और सरकार तक इन योजनाओं की झूठी तस्वीर पेश की जा रही है। उन्होंने सदन को बताया कि वर्ष 2005 में डूंगरपुर जिले में लागू हुई नरेगा योजना का 11 सालों के बाद भी सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पाया हैं। उन्होंने प्रभारीमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में एक विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र की दस पंचायतों के नाम गिनाते हुए इन पंचायतों में पिछले वर्ष भर में नरेगा में एक भी काम स्वीकृत नहीं होने का मुद्दा उठाया था। जिस पर संबंधित अफसरों ने वस्तुस्थिति जांच कर बताने के नाम पर बैठक में ही लीपापोती कर दी थी। जिले के आला अफसरों ने अपनी इस कमी पर कार्यवाही नहीं की। नरेगा के इस मामले पर विधानसभाध्यक्ष ने पंचायतीराज मंत्री सुरेंद्र गोयल को जवाब देने को कहा तो मंत्री गोयल ने जांच करवाते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने को आश्वस्त किया। विधायक कटारा के इन वक्तव्यों का सदन ने मेजे थपथपाकर स्वागत किया वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने भी इसकी प्रशंसा की।
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