वो मर्दानी अपनी जान पर खेल डूबते आदमी को बचा लाइ – मर्द बने लोग सिर्फ विडियो और सेल्फी बनाते रहे .

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विडियो देखने के लिए फोटो पर क्लिक करें 

उदयपुर। आजकल हर हादसे को मजाक बनाने और कवर करने वाले घासलेटी सेल्फिये बीमारू हर जगह सैकड़ों की तादाद में मौजूद है। लेकिन इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी है जो इस भीड़ से अलग है। और यही लोग समाज के लिए मिसाल बनते है। ईएसआई ही मिसाल बनी मर्दानी सुनीता चौबीसा जो सेकड़ों सेल्फिये बीमारू लोगों के बिच फतहसागर से एक डूबते युवक को बाहर खिंच लाइ .

आज हम बताने जा रहे है एक ऐसी बेटी के बारे में जिसने सैकड़ों मर्दों के मौजूद होते हुए मर्दानी का काम किया। लोग वीडियो बनाते रहे सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर डालते रहे और वो बेटी ने एक पल के लिए नहीं सोचा और अपनी जान पर खेल पानी में कूद पड़ी और डूबते हुए युवक को बचा कर बाहर ले आयी . फिर बिना किसी का धन्यवाद लिए वहां से चुपचाप चली भी गयी। उसके बारे में आज हम पता कर उसके पास पहुचे और सारी बात जानी .
जी हाँ बात है रविवार 29 july फतहसागर की। छुट्टी होने से काफी तादाद में लोग फतहसागर की पाल पर मौजूद थे । करीब आठ बजे पाल पर बनी तीसरी छतरी के आगे पानी में काफी लोग देख रहे थे और वीडियो बना रहे थे। यह वीडियो डूबते हुए युवक का बनाया जा रहा था ताकि लाइव डेथ का “हेश टैग” लगा कर उसको वायरल किया जाए और वाहवाही कमाई जाय। भीड़ में सैकड़ों युवक मौजूद थे कोई भी उस युवक को बचाने के लिए की प्रयास नहीं कर रहा था बस तमाशबीन बन उस खोफ्नाक मंजर को कैसे भी अपने मोबाइल की शान बनाना चाहते थे . इतने में वहां अपने मित्र के साथ घुमाने आयी सुनीता चौबीसा बिना एक पल गवाएं पानी में उस युवक को बचाने के लिए कूद गयी। पूरी बहादुरी के साथ उस डूबते युवक को पानी से बाहर लेकर आगयी।
यह 19 – 20 साल की युवती आसपुर की रहने वाली सुनीता चौबीसा एक अच्छी तैराक भी है। पूर्व में एनसीसी वन राज में होने की वजह से उसने डूबते इंसान को बचाने का तरिका सीखा भी है और सीखा हुआ हुनर सिर्फ उसने क्लास और किताबों तक ही नहीं रखा बल्कि उसको काम में भी लिया।
सुनीता ने बताया की जब वह पानी में कूदकर उस व्यक्ति को बचा रही थी तब किसी ने उसकी मदद नहीं की, चूँकि सुनीता एक अच्छी तैराक है इसलिए उसने उस व्यक्ति की टाँगे पकड़कर उल्टा तैरकर उसे किनारे पर ले आई तब लोगो ने उस आदमी को खींच कर बाहर निकाला
सुनीता का कहना है की उदयपुर जो की लेकसिटी के नाम से जाना जाता है और यहाँ पर टूरिस्ट भी झील का भ्रमण करने आते रहते है ऐसे में झीलों पर एक रेसक्यू टीम अवश्य तैनात करनी चाहिए और लोगो को भी मौके पर फोटो और वीडियो बनाने की बजाय तुरंत पीड़ित की सहायता करनी चाहिए।
आसपुर निवासी 20 वर्षीया सुनीता चौबीसा जो की मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में एमएससी की छात्रा है और एनसीसी की नेवल यूनिट की कैडेट भी रह चुकी है। सुनीता ने दो वर्ष पूर्व भी आत्महत्या की मंशा से पानी में कूदी महिला की जान बचाई थी, इसके लिए उन्हें लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ द्वारा ‘रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड‘ से नवाज़ा जा चूका है।
https://www.youtube.com/watch?v=FgdKu5tP-d4

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