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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी नई उलझन में फंसते दिखाई पड़ रहे हैं। यह उलझन वड़ोदरा संसदीय सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही पैदा हुई है। विवाद है उनकी शादी का। श्री मोदी ने नामांकन पत्र के शादी वाले कॉलम में खुद को विवाहित बताते हुए पत्नी का नाम जसोदा बैन अंकित किया है। यह पहली बार है, जब उन्होंने खुद को विवाहित स्वीकार किया है।
इससे पहले लड़े सभी चुनावों में श्री मोदी ने नामांकन पत्र के इस कॉलम को खाली छोड़ दिया था। चंूकि अब सुप्रीम कोर्ट ने नामांकन पत्र के किसी भी कॉलम को खाली छोडऩे पर उम्मीदवारी निरस्त करने का प्रावधान कर दिया है, साथ ही झूठी जानकारी देने पर सजा का प्रावधान पहले से ही है; इसलिए श्री मोदी की शादी का राज उजागर हो पाया है। सारे मामले की पड़ताल करने वाले पत्रकारों का कहना है कि शादी के समय नरेेंद्र मोदी नाबालिग नहीं थे। उस समय श्रीमती जसोदा बेन की उम्र भी १९ वर्ष थी। इस प्रकार श्री मोदी ने शादी के बाद ग्रहस्थ जीवन के कर्तव्यों का निर्वाह नहीं किया और पत्नी के प्रति क्रूरता का आचरण करके उसे छोड़ दिया। बताया गया है कि उपर्युक्त आरोप के अलावा श्री मोदी पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से झूठ बोलने का आरोप भी सामने आया है। यह कहा जा रहा है कि विवाहित को संघ का प्रचारक नहीं बनाया जाता है। श्री मोदी ने शादी के बाद संघ का प्रचारक बनने के लिए खुद को अविवाहित बताया। अब यह सवाल संघ से भी पूछा जा रहा है कि संघ से यह बड़ा झूठ बोलने वाले श्री मोदी के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की जाएगी? या संघ अपने नियम कायदों में शिथिलता प्रदानकरते हुए श्री मोदी को क्षमादान देगा? इधर नरेंद्र मोदी के चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट में पत्नी मानने के बाद जशोदाबेन गुरुवार की सुबह तीर्थयात्रा पर निकल गईं। उधर गुजरात में आम आदमी पार्टी के सदस्य निशांत वर्मा ने राज्य चुनाव आयुक्त अनिता करवाल को एक शिकायती पत्र लिखकर ‘2012 के विधानसभा चुनाव में 53- मणिनगर सीट का परिणाम और उस समय मोदी की जीत को रद्दÓ करने की मांग की है। इससे वह ‘तुरंत आधार पर गुजरात विधानसभा से अयोग्य हो जाएंगे, जिसके जरिए वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं।Ó
बीजेपी के एक सूत्र ने बताया, कि सुप्रीम कोर्ट का यह आर्डर पिछली तारीख से लागू नहीं होने की वजह से इसका पुराने हलफनामों पर कोई असर नहीं होगा। सूत्र के मुताबिक, इसे देखते हुए मोदी पर आयोग से झूठ बोलने का आरोप नहीं लगाया जा सकता। बीजेपी ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमाभाई पटेल की ओर से एक बयान जारी कर विवाह से मोदी को अलग कर दिया। उनका कहना है कि नरेंद्र भाई 40-50 साल से परिवार से अलग है। इसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
बयान में सोमाभाई ने कहा है कि उनका परिवार निर्धन था और परंपराओं से जुड़ा होने के साथ ही सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा था। इस मामले को उसी नजर से देखा जाना चाहिए।
बयान में आगे कहा गया है कि जशोदाबेन चिमनभाई मोदी के साथ विवाह केवल एक परंपरा के तौर पर रहा और मोदी ने लगभग उसी समय घर छोड़ दिया था। बयान में कहा गया है, ‘आज 40-50 वर्षों के बाद भी नरेंद्रभाई परिवार से अलग हैं।Ó इसमें यह अपील की गई है कि ’40-50 साल पुरानीÓ घटना को एक निर्धन और परंपरागत परिवार के नजरिए के साथ ही उस समय की हकीकत के तौर पर देखना चाहिए।

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