Udaipur Post. Hindustan Zinc Limited (HZL), in association with Government’s Integrated Child Development Services (ICDS), has launched “Koi Bacha Rahe Na Bhookha” campaign -...
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा बायफ संस्थान के सहयोग से संचालित समाधान परीयोजना के तहत क्षेत्र के जुडें किसानों ने अनूठी पहल करते हुए निर्धन एवं गरीब परीवारों तक गेंहू पहुचा कर मदद की। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरे में केन्द्र व राज्य सरकारों सहित भामाशाहों द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों में समाधान परियोजना से जुडें किसान भी पिछे नही हैं। जावर माइंस संकुल के किसानो ने इसमें अपनी महती भूमिका निभाते हुए गत दिनों आपस में चर्चा की और अपनी मेहनत से कमाए गए अनाज में से कुछ हिस्सा निर्धन एवं गरीब परीवारों तक पहुंचाने का निर्णय लिया। संकुल क्षेत्र के 7 गांवों के काश्तकारों ने 760 किलो ग्राम गेहूं एकत्रित किया। किसानों ने गेंहु समाधान परीयोजना के माध्यम से निर्धन एवं गरीब परीवारों तक पहुंचाने का आहृन किया। इस पहल से 76 निर्धन एवं गरीब परीवारों तक गेहुं पहुचाया गया। किसानों की इस तरह की अनूठी पहल को देखकर क्षैत्र के अन्य किसानों में भी जागरूकता आई है। इस कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, जावर माइन्स के सीएस आर हेड आनन्द चक्रवर्ती, अधिकारी शुभम गुप्ता, सुश्री नेरूति साधंवी ,फील्ड कोर्डिनेटर मोहन मीणा, बद्री मीणा, प्रेम मीणा, एवं बायफ समाधान परीयोजना टीम से संकुल प्रभारी महिपाल सिंह, राजकुमार मीणा, कपिल मोर्दिया आदि उपस्थित थे।
जल संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है और सतत् विकास के लिए एक नॉन-नेगोशिएबल पहलू है। जल संरक्षण केवल समय की आवश्यकता के रूप में नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अंतर्निहित है। प्रचुर मात्रा में होने के बावजूद केवल 4 प्रतिशत पानी का औसत मनुष्य के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस प्रकार, पानी हमेशा संरक्षित होने के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है।
प्रमुख खनन उद्योग में से एक वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक को थर्ड पार्टी आर्गेनाइजेशन द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर वाटर पॉजिटिव कंपनी घोषित किया गया है। 2.41 के अनुपात के साथ, हिंदुस्तान जिंक शीर्ष जल संरक्षण कंपनियों में प्रमाणित हुई है।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा कि “हमारे पास जल प्रबंधन के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य हमारे प्रदर्शन में निरंतर सुधार करना है, पानी के महत्व को पहचानना और स्थायी जल प्रबंधन में योगदान करना है। यह उपलब्धि उन प्रयासों का प्रमाण है जो हमारी टीम ने वर्षों से जारी रखें हैं हम इस स्कोर में लगातार सुधार करते हुए इसे जारी रखेंगे।
राजस्थान जैसे जल की कमी वालें राज्य में कार्य करना, पानी के महत्व को खासतौर पर दर्शाता है। राजस्थान में प्रमुख आर्थिक सहयोग देने वाली कंपनी होने के नाते हिंदुस्तान जिंक द्वारा जल स्रोत पर पानी की कमी, रिसाइक्लिंग, पानी के वैकल्पिक स्रोतों की खोज और विभिन्न संरचनाओं के माध्यम से पानी की पूर्ति के लिए जोर दिया गया है। हिंदुस्तान जिंक ने पानी के स्थायित्व के लिए लगातार प्रयास किए हैं। कंपनी के पास स्टेट एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स और रिसाइकलिंग सुविधाएं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जल दक्षता में वृद्धि और वर्षा जल संचयन संरचनाएँ हैं जिसने जल-प्रबन्ध अभियान एवं प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स द्वारा हिन्दुस्तान जिंक को एशिया-पैसिफिक में सस्टेनेबिलिटी में पहला स्थान प्रदान किया गया है। वाटर पॉजिटिव कंपनी सर्टिफिकेशन, मेटल और...