धड़कते दिलों में एक हसरत….स्मार्ट बने गरीब नवाज का शहर

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smart-city-ajmer-55dfe1f2d439e_lअजमेर।,केंद्र सरकार ने अजमेर सहित देश के 97 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला कर लिया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इनके नाम जारी कर दिए हैं। स्मार्ट सिटी को लेकर शिक्षाविद, बुद्धिजीवी वर्ग, आमजन की काफी अपेक्षाएं हैं।

पिछले कुछ महीनों में अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर निगम और जिला प्रशासन ने स्मार्ट सिटी को लेकर होमवर्क भी किया है। विद्यार्थियों, शिक्षकों, व्यवसायियों, सरकारी कर्मचारियों, छोटे और मझौले कामकाज करने वाले लोगों, आमजन से रायशुमारी लेकर रिपोर्ट बनाई हैं। अजमेर सहस्र वर्षों से सर्वपंथ समभाव की नगरी के रूप में विख्यात है। लोग अब अजमेर को मैसूर की तरह क्लीन और स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की ख्वाहिश रखते हैं। इसमें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ सड़क, पानी, बिजली और रिहायशी इलाकों का सुनियोजित विकास सबसे अहम है।

लोग उच्च, तकनीकी और मेडिकल शिक्षा में सुधार, गुणवत्ता युक्त कोचिंग इंस्टीट्यूट, सुविधाओं युक्त बाजार, घूमने-फिरने के लिए मनोरंजक पार्क, यातायात में सुधार के लिए प्लाई ओवर, भूमिगत मार्ग, मेट्रो अथवा मोनो रेल सुविधा चाहते हैं। इसके अलावा ई-परिवहन सुविधा, ऊर्जा के वैकल्पिक इंतजामात, बरसाती पानी के संरक्षण, गंदे पानी की निकासी के लिए मुम्बई की तरह ड्रेनेज व्यवस्था, आनासागर झील की स्वच्छता, बाजारों में फुटपाथ और बनाए जाने के पक्षधर हैं।

यह है सरकार की योजना

गुणवत्तापूर्ण जीवन-स्मार्ट सिटी में प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए किफायती दाम पर संसाधनों युक्त घर मिले। चौबीस घंटे पानी और बिजली की सुविधा। मनोरंजन और खेलकूद की सुविधाएं हों। आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी की सड़कें और अच्छे शिक्षण संस्थान हों।

रोजगार-स्मार्ट सिटी में लघु, मझौले उद्योग, बड़े उद्योगों में रोजगार के पर्याप्त साधन हों। इससे शहर और इसके निकटवर्ती इलाकों के लेागों को रोजगार प्राप्ति के अवसर मिलें। उन्हें रोजगार के लिए देश के अन्य शहरों में पलायन नहीं करना पड़े।

परिवहन-स्मार्ट सिटी में एक से दूसरे स्थान पर जाने के लिए आधे घंटे से ज्यादा समय नहीं लगे। बाजारों और आम सड़कों के किनारे दो मीटर चौड़े फुटपाथ हों। रिहायशी इलाकों में 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट की अवधि में मेट्रो ट्रेन या बस सुविधा हो।

रिहायशी क्षेत्र-95 फीसदी रिहायशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से कम दूरी पर स्कूल, पार्क और मनोरंजक पार्क मौजूद हों। बीस फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनें। तीस फीसदी रिहायशी और वाणिज्यिक इलाके में बस या मेट्रो की दूरी 800 मीटर के दायरे में हो।

बिजली और पानी-स्मार्ट सिटी में लोगों को 24 घंटे पानी और बिजली मिले। सौ फीसदी घरों में बिजली और पानी के मीटर और कनेक्शन हों। प्रति व्यक्ति न्यूनतम 135 लीटर पानी मिले।

वाई-फाई कनेक्टिविटी-सौ फीसदी घरों तक वाई-फाई कनेक्टिविटी हो। सौ एमबीपीएस की स्पीड पर वाई-फाई मिले। लोगों की सुविधार्थ खास स्थानों पर वाई-फाई जोन बने।

स्वास्थ्य सुविधाएं-प्रत्येक एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाल मध्यम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो। प्रत्येक 50 हजार लोगों पर क्षेत्रवार एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।

शिक्षा-15 फीसदी क्षेत्र में सिर्फ शैक्षिक संस्थान हों। प्रत्येक 2 हजार लोगों पर प्री-प्राइमरी, 5 हजार पर प्राइमरी, 7500 पर सेकंडरी और 10 हजार से 1 लाख की आबादी पर पहली से पांचवीं तक संयुक्त स्कूल हो। प्रत्येक क्षेत्रवार 1.25 लाख की जनसंख्या पर एक कॉलेज हो। 10 लाख की आबादी पर विश्वविद्यालय, मेडिकल, इंजीनियरिंग, व्यावसायिक कॉलेज, पैरा मेडिकल कॉलेज हो।

सेक्टरवार बनें बाजार और पार्क

अजमेर को स्मार्ट के साथ हेरिटेज सिटी बनाने की जरूरत है। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए से चंडीगढ़ या दिल्ली की तर्ज पर सर्वप्रथम इसे अलग-अलगर सेक्टर में विभाजित कर वहां बाजार, पार्क विकसित होने चाहिए। इससे मदार गेट, नया बाजार, पुरानी मंडी, कचहरी रोड पर दबाव कम होगा। लंदन, पेरिस और अन्य शहरों की तरह सड़कों के किनारे फुटपाथ बनाने की जरूरत है। इससे सड़कों पर लोगों की पैदल आवाजाही नहीं होगी। स्मार्ट सिटी में विद्युत लाइन, टेलीफोन लाइन को भूमिगत बिछाया जाना तो पहली आवश्यकता है। जयपुर की तर्ज पर अंडरपास और फ्लाई ओवर बनाने से मदार गेट, स्टेशन रोड, कचहरी रोड, पृथ्वीराज मार्ग पर यातायात का दबाव नहीं होगा।

महेंद्र विक्रम सिंह, अध्यक्ष इन्टेक चेप्टर अजमेर

सुनियोजित विकास और जन सुविधाएं जरूरी

स्मार्ट सिटी में सबसे अहम शहर का सुनियोजित विकास और जन सुविधाएं जरूरी हैं। अरावली से घिरे होने के कारण अजमेर का नियोजित विकास नहीं हो पाया है। बरसात के दौरान मदार गेट, स्टेशन रोड, कचहरी रोड, महावीर सर्किल और अन्य इलाकों में पानी भरता है। इन इलाकों में मुंबई की तर्ज पर ड्रेन सिस्टम विकसित होना चाहिए। वाहनों के दबाव को देखते हुए इन इलाकों में अंडर ग्राउन्ड और मल्टी स्टोरी पार्र्किंग, फ्लाई ओवर बनाए जाने चाहिए। आमजन के सुविधार्थ विदेशों और देश के अन्य शहर में संकायवार कॉलेज, विश्वविद्यालय, निकटवर्ती इलाकों में संसाधनों युक्त स्कूल हों। अजमेर में जन सुविधाओं के लिए क्षेत्रवार अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त शौचालय बनें। पर्यावरण संतुलन के लिए शहर को सेक्टर में विभाजित कर ग्रीन बेल्ट बनाए जाएं और छायादार-फलदार पौधे लगाए जाने चाहिए।

डॉ. सी. बी. गैना, पूर्व कुलपति एवं पूर्व प्राचार्य सम्राट् पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय

रात्रिकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिले

– अजमेर संभाग के पर्यटन अधिकारी रतनलाल तुणवाल के अनुसार शहर के प्रवेश द्वारों पर सुविधायुक्त क्यिोस्क हों, जहां पर्यटक ठहर सकें व उन्हे शहर के बारे में पूरी जानकारी मिले। साथ ही केन्द्र पर पर्यटकों के लिए डिजिटल मैप भी उपलब्ध हो।- जिले व शहर के पर्यटन स्थलों का आपसी सम्पर्क बेहतर हो। पर्यटकों को एक से दूसरे स्थान पर जाने की बेहतर सुविधाएं हो।- पर्यटन स्थलों के आस-पास उच्च स्तरीय सफाई हो। साथ ही सफाई व्यवस्था कायम रखने के लिए नवीन तकनीक का इस्तेमाल हो।- रात्रिकालिन पर्यटन को बढ़ावा मिले, तारागढ़ सहित पर्यटन स्थलों पर फ्लड लाइट्स का प्रयोग हो। – शहर के सबसे प्रमुख सौंदर्य झीलों को पूरी तरह से साफ-सुथरा रखा जाए। झीलों के किनारे आधुनिक सुविधाएं हो। पर्यटकों के लिए म्यूजिकल फाउंटेन जैसे आधुनिक आकर्षण हों।

पानी बहुमूल्य, इसे बचाना होगा

स्मार्ट सिटी का अब कोई एजेंडा आया नहीं है। हां, कंसल्टेंट आकर समय-समय पर चर्चा करते रहते हैं। स्मार्ट सिटी में जलदाय विभाग में मीटर जरूरी पार्ट है। कई जगह मीटर लगे हुए नहीं है। इससे राजस्व हानि हो रही है। सभी जगह मीटर लगाए जाने चाहिए, ताकि नॉन रेवेन्यू वाटर कमी आए। इससे सरकार को राजस्व मिलेगा। स्मार्ट सिटी में सबसे ज्यादा जरुरी उपभोक्ता का जागरूक होना है। आमजन को यह समझना होगा कि पानी बहुमूल्य है। इसे बचाना होगा।

सुनील सिंघल, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग

पोललेस हो विद्युत व्यवस्था

स्मार्ट सिटी में विद्युत व्यवस्था पोललेस होनी चाहिए। तार व केबल भूमिगत होनी चाहिए। स्मार्ट ग्रिड हो। उपभोक्ताओं के प्रीपेड मीटर लगे हुए हों। चार घंटे में नए कनेक्शन दिए जा सकें। सभी घरों में बिजली हो। एलईडी लाइटें लगी हों। फाल्ट तुरंत दूर होने चाहिए। एडीए की बैठकों में निगम की ओर से सुझाव व प्रजेंटशन दिया गया है।

वी.एस.भाटी, अधीक्षण अभियंता, अजमेर सिटी सर्किल, अजमेर डिस्कॉम
ईको और टेक्नोफे्रंडली होना जरूरी

स्मार्ट सिटी की अवधारणा आधारभूत विकास के साथ-साथ ईको और टेक्नोफे्रंडली से जुड़ी है। अन्तरराष्ट्रीय शहरों की तरह ईको फे्रंडली विकास के तहत योजनाबद्ध आवासीय और व्यावसायिक विकास होना चाहिए। बड़े शहरों की तरह मेट्रो रेल सुविधा, अन्डर पास और फ्लाई ओवर भी जरूरी है। आबादी के हिसाब से मल्टीस्टोरी बाजार बनाए जाने से लोगों को खरीददारी में सुविधाएं मिल सकती हैं।विदेशों की तर्ज पर समूचे शहर को सूचना और प्रौद्योगिकी से जोड़कर तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जा सकता है। भवनों के निर्माण में इंजीनियरिंग की अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। क्षेत्रवार जरुरत के हिसाब से वाई-फाई जोन बनाए जा सकते हैं। आमजन की सुरक्षार्थ ड्रोन और तकनीकी जोन विकसित हो सकते हैं।

डॉ. अजय सिंह जेठू, प्राचार्य राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेजस्मार्ट सिटी के लिए हाई पावर कमेटी

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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