राशि से जानिए कैसा प्‍यार देगी वो लड़की

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वैलेंटाइंस डे आने वाला है! आपने भी ढेर सारी तैयारियां की होंगी। उससे पहले हम कई अलग-अलग दिन मनाते हैं, जिनमें रोज़ डे कल निकल गया और आज है प्रोपोज़ डे। बेशक 326502_450_height_fc981aआपको भी कोई लड़की जरूर पसंद होगी और आज चाहेंगे कि वो आपके प्रोपोज़ल को स्‍वीकार करे और आपकी अच्‍छी दोस्‍त बने। क्‍या आप उसके नेचर से पूरी तरह वाकिफ हैं? अगर नहीं। तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। हमारे ज्‍योतिष- लखनऊ से आचार्य रामजी मिश्र बता रहे हैं कि किस राशि की लड़की रिलेशनशिप में कैसा व्‍यवहार करती है। तो देर किस बात की है। यदि आप लड़की की राशि जानते हैं, तो नीचे आप उसके व्‍यवहार, व्‍यक्तित्‍व और वो रिलेशनशिप में कैसा व्‍यवहार करती है, जान सकते हैं। यह लेख जन्‍म तिथि पर आधारित राशि के अनुसार तैयार किया गया है। यानी यह सनशइन पर आधारित है। देखें- वैलेंटाइन डे स्‍पेशल पेज यह लेख सिर्फ प्रोपोज़ करने जा रहे लोगों के लिये नहीं है, बल्कि यदि आप शादी करने जा रहे हैं या अभी-अभी शादी हुई है और आप अपनी पत्‍नी को अच्‍छी तरह सझना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिये कारगर साबित हो सकता है। तो चलिये ड्रैग करते जाइये और जानिये किस लड़की कही राशि प्‍यार में कैसा व्‍यवहार करती है-

 

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प्यार में मेष राशि की महिलाएं

r1आज हम आपको उस जगह पर ले चलते हैं जहाँ अब तक किसी भी महिला की कल्पना नहीं गयी है आज हम बात करेंगे मेष राशि की उन महिलाओं की जो अभी ताज़ा तरीन प्यार की गिरफ्त में आयीं हैं, मेष राशि वाली महिलाओं को हमेशा सच्चे प्यार की तलाश रहती है। जो उन्हें बड़ी मुश्किलों के बाद मिलता है लेकिन जब ये इन्हें प्राप्त होता है तो ये प्यार इन्हें मंत्रमुग्ध कर देता है दूसरे लहजे में कहा जाये तो वो केवल आकर्षण ही है जो इन्हें इस तरह मंत्रमुग्ध करता है। जब आप एक मेष महिला से मिलते हैं, पहली बात जो आप को प्रभावित करती है वो है उस की प्रबलता और साज़िश की भावना। ऐसी महिलाएं चाहतीहैं कि उन्हें ऐसा प्रेमी मिले जो उसे विश्वास दिलाये की वो उस की ज़िन्दगी में सबसे पहले और महत्वपूर्ण है।

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प्यार में वृषभ की महिलाएं

वृषभ राशि के लोगों का प्यार निर्मल कोमल और मधुर होता है इनके प्यार में जहाँ एक तरफ मिठास होती है वहीँ r2इनका प्यार दूसरों को अपनी और खींचता है या हम ये भी कह सकते हैं की इनका प्यार दूसरे के लिए बिलकुल चुम्बक की तरह काम करता है। वृषभ राशि की महिलाएं जिस किसी से भी प्रेम करती हैं उनसे बिलकुल सच्ची निष्ठां से प्रेम करती है और चाहती है की वो भी उनको ठीक उसी प्रकार समझे। ऐसी औरतों का मन बड़ा ही शांत और स्थिर होता है। इनके अन्दर दिखावा बिलकुल नहीं होता लेकिन जब इन्हें गुस्सा आता है तो इन्हें संभालना बड़ा मुश्किल होता है । ऐसी महिलाएं किसी एक व्यक्ति की होकर रहती हैं । ऐसी महिलाएं भरोसे के लायक होती हैं। ऐसी महिलाएं जब भी सम्बन्ध बनाएं कुछ विशेष बातों का ख़याल रखें फायदे में रहेंगी

 

 

प्यार में मिथुन की महिलाएं

r3एक मिथुन औरत बहुत रोमांटिक है और अगर वहाँ कोई भी संदेह है, तो वो उसे ढूँढती रहेगी। ऐसी महिलाएं बहुत ही चंचल होती हैं, जो प्यार में गिरती संभाली रहती हैऔरहमेशाही पूर्णता की तलाश मेंरहतीहैं। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं की वो एक बेवफ़ा सुंदरी है- ज्यादातर लोग मिथुन महिलाओ की उम्मीदोंपरखरेनहींउतर पाते हैं। उसे बातचीत, मज़ा, और मानसिक उत्तेजना की जरूरत है। मिथुन महिलाओं को बहुत मुश्किल से ही पूरी तरह से प्यार मिलपाता है। इन महिलाओं के सपने भी बहुत ही चंचल होते हैं।इनका मानना होता है कि पूरा प्यार काल्पनिक है, इसलिए ये प्यार को केवल खेल समझती हैं। ऐसी महिलाएं अपने व्यक्तित्व के सारे पहलु अपने प्रेमी के सामने खोल कर रख देती हैं । ऐसी महिलाओं में ईर्ष्या का भाव दूसरे लोगों के अनुपात में ज्यादा होता है।

 

प्यार में कर्क की महिलाएं

धीरे, धीरे, जैसा कि इटालियंस कहते हैं। किसी भी कर्क महिला के लिए, रोमांस प्यार का एक अंग है – उपहार, फूल, और प्रेम पत्र उस पारंपरिक लुभाने और जीतने की प्रक्रिया के r4लिए आवश्यक हैं। कर्क महिला प्यार करने के मामले में धीमी है और उसे इसमें कोई भी जल्दी नहीं है। एक बार वहाँ, लेकिन, वह एक समर्पित और सुरक्षात्मक प्रेमी है। उसे अनजाने में ठेस लग सकती है, इसलिए उसके साथी को विनम्र और संवेदनशील होना चाहिए। एक कर्क को दूसरे पर विश्वास करने के लिए समय लगता है, और के कड़ा शर्मीला और सुरक्षित स्वभाव का माना जाता है जब यहबातदिलकेमामले मेंआतीहै।

 

 

 

प्यार में सिंह की महिलाएं

r5सिंह महिलाओं के लिए इसके बारे में कोई दो तरीके नहीं हैं – यह एक सभी या कुछ भी नहीं सौदा है। इस तीव्रता और जुनून, जो उसके जीवन के हर पहलू में प्रकट होता है, उसने प्यार जीवन में अपना सबसे बड़ा ध्यान केंद्रित किया है। जो भी कुछ किताबों और फिल्मों में दर्शाते है प्यार के लिए, सिंह औरत के साथ उसे पाने कि उच्चतम संभावना है। इसका मतलब चरमसीमा की ऊचाई और अथाह गहरा के एक रोलर कोस्टर की सवारी है। इसका मतलब बड़ा प्यार, जैसे कि चट्टानों की नींव और टूटते सितारे। वो अपने प्यार को अपने ब्रह्मांड के केंद्र में में रखेगी, लेकिन वह यह भी मांग करेंगे कि इसे अदला बदली करो, और वो इस से कम में समझौता नहीं करेगी। सिंह प्यार में आसानी से गिर जाते हैं, और जब वह गिरती है, वो पूरी तरह से गिरती है। यह कहना कि वह आसान है या कि वह अभी किसी के लिए आदी हो जाएगा नहीं है, लेकिन जब सही प्रेमी उसकि कल्पना को प्रभावित करता है, यह उसके लिए प्यार भावनाओं को प्रस्तुत करने के लिए आसान है। एक क्षेत्रीय प्रेमी, सिंह महिलाएं स्वत्वबोधक हो सकती हैं, तो बिल्ली का पंजे सावधान रहना।

 

 

प्यार में कन्‍या राशि की महिलाएं

जब यह दिल के मामलों के लिए आता है, एक कन्या औरत के पास आंतरिक शक्ति है और दृढ़ संकल्प है जब वह प्यार में है। मेडेन शुद्ध है और सच्ची है और आसानी से विचलित r6होने वाली नहीं है। वो सच्चे प्यार, व्यावहारिक प्यार में विश्वास रखती है- ना कि परियों की कहानियों जिस में हमेशा ही खुशियाँ है, लेकिन भागीदारों और बराबर के बीच का प्यार। वह अत्यंत भावुक और तीव्र है, और उसके रिश्ते से पूर्णता की मांग है- नहीं हमेशा एक प्राप्त उपहार दे रहा है, लेकिन वह अक्सर वहाँ हो रही पर सबसे अधिक काम कर रही है। वह स्थिति का विश्लेषण करती है, खामियों के लिए खोज, कमजोरियों को मजबूत बनाने, और भावनाओं की खोज। वह केवल एक समय में एक व्यक्ति के साथ प्यार करती है, और अपने दिल को अपनी बांह पर नहीं पहनती, प्यार में गहराई से डूबनेवाला के बाद ही उसने अपना महत्वपूर्ण मन उसमे लागू किया है।

 

 

 

प्यार में तुला राशि की महिलाएं

r7तुला वीनस द्वारा शासित संकेत है, और तुला महिलाओं तालमेल भागीदारी चाहते हैं। प्यार में,तुला संतुलन देखती है, सही प्रेमी जो उसके कागज दिल और ताजा फूलों के साथ स्नान करना चाहते हैं। वह प्यार किया जा रहा में आनंद लेता है, और पूरी तरह से उसेके लिए समर्पित है जिसे उसने चुना है। हालांकि Libras शांत, स्थिर और एकत्र लग सकता है, और जब वे आराम करते है तब वे काफी चंचल और रोमांटिक हो सकते हैं। जब तुला महिलाएं प्यार में होती है तब वे खेलती नहीं हैं। वे राजनीति निष्पक्ष और कभी कभी दर्द ईमानदार होती हैं। कृपया यहाँ दिमाग का खेल नहीं, यह उचित नहीं है।

 

 

प्यार में वृश्चिक राशि की महिलाएं

नर्क एक अपमानित वृश्चिक की तरहकामकरताहै ।ऐसेलोगोंकेलिए अच्छी खबर यह है कि वह अक्सर अपमानित r8नहीं होते है। प्यार में, किसी और की तरह वृश्चिक महिलाएं भी बखूबी खेलती है और वे अविश्वसनीय रूप से बूट करने के लिए सेक्सी हैं। तीव्रता से भावुक और भावनात्मक हैरत की बात है, यह जल हस्ताक्षर अपने प्रेमी के लिए एक पहेली हो सकती है। उनकी वास्तविक भावनाओं और इरादों कभी कभी संदिग्ध हैं, गहरे छिपे, और अस्पष्ट है। प्यार में एक वृश्चिक आकर्षक और रहस्यमय है, उसे तूफानी जुनून कि हलचल के बल के साथ जीत।

 

 

 

प्यार में धनु राशि की महिलाएं

r9प्यार हमारे आर्चर महिला के लिए अनन्त रहस्यों में से एक है। यह इसलिए भी है, एक और एक ही समय में दोनों उसे सबसे इंतज़ार पुरस्कार और सबसे छिपा खजाना के लिए। उसे एक ऐसा साथी चाहिए जो मानसिक और शारीरिक रूप से बराबर हो, कोई ऐसा जो उसे जीवन का रहस्य समझा सके और उसे प्यार कर सके। उसे अक्सर अंतरंगता की आशंका है, और उसके लिए, प्यार अक्सर दोस्ती से विकसित होता है। प्यार में एक धनु महिला ईमानदार और विश्वसनीय है। वह नियमों से खेलती है और तब भी जब पूरी तरह से पीटा गया, आकर्षक स्वतंत्रता बरक़रार रखने में सक्षम, जो केवल उसके आकर्षण में वृद्धि करने के लिए कार्य करता है।

धनु और सिंह राशि वाली महिलाऐं और पुरुष यह मसाजर इस्तमाल करें एक बेहतरीन अनुभव का अहसास होगा 

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प्यार में मकर राशि की महिलाएं

मकर राशि की महिलाएं न तो पहली नजर में प्यार में पड़ जाती हैं, और न ही नासमझ इश्कबाज़ी पर समय बर्बाद करती हैं। प्रेम गंभीर बात है और उसे नष्ठ नहीं किया जाना r10चाहिए। वह प्यार में विश्वास करती है, लेकिन उसका भाग्य के साथ कोई लेन देन नहीं होगा। हमेशा अपनी क्षमताओं का पूरा भरोसा है, वह अपने हाथों में दिल के मामलों को लेती है, हालांकि यह थोड़ी देर हो इससे पहले कि वह उसकी चाल बनाती है। चौकस और भेदभाव, वो अपने साथी को समझने क लिए कुछ समय बिताती है, और अपने आप को प्यार करने की अनुमति तभी देगी जब सभी परिणामो पर विचार कर लिया हो।

 

 

 

प्यार में कुंभ राशि की महिलाएं

r11सब कुछ कुंभ महिला के लिए एक खेल है, और कुछ प्यार के खेल से भी बड़ा दांव नहीं है। कुम्भ राशि की महिलाएं बड़े ही मज़बूत विश्वास का परिचय देती हैं। प्यार एक कुंभ महिला के लिए मजेदार है, और वह उसके प्रेमी के लिए कई भूमिकाओं के भाग लेती हैं, सिर्फ बातें दिलचस्प रखने के लिए। इस प्रकाश दिल दृष्टिकोण का मतलब यह नहीं है एक कुंभ औरत प्यार में आसानी से हो जाती है। इसके विपरीत, यह कुछ समय के लिए उसे और भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए किसी और पर भरोसा करने में सक्षम होने के लिए लेती है।

 

 

प्यार में मीन राशि की महिलाएं

मीन राशि वाली महिलाएं जो प्यार के आगोश में है वो इस समय एक अलग ही खुमार में हैं। मजे की बात ये है की r12ऐसी महिलाओं को सपने भी कुछ ऐसे ही आते हैं इन्हें सपने में भी प्यार दिखता है । इनके सपने में भी प्यार का ही खुमार होता है ।इनकी कल्पना और इनका अस्तित्व बस प्यार के ही खुमार में गोते लगाता है। ऐसा माना जाता है की मीन राशि वाली महिलाओं का प्यार समय के साथ साथ कम होता है या यूँ भी कहा जा सकता है की ऐसी महिलाओं के प्यार पर समय का बड़ा गहरा प्रभाव होता है । अगर जानकारों की मानी जाए तो मीन राशि वाली महिलाएं जिसे भी अपने जीवन के लिए चुनती है उसका बखूबी अध्यन्न करती है बड़ा जांचती परखती हैं । इनके बारे में ये भी कहा जाता है की ये प्यार में रहना पसंद करती हैं। हमेशा प्यार में रहना इनके लिए किसी हसीं सपने से कम नहीं होता ऐसी महिलाएं हमेशा बस प्यार के आगोश में रहना चाहती हैं।

लैला सिर्फ मजनूं के लिए जियेगी और मजनूं के लिए मरेगी

उदयपुर . भारत-पाकिस्तान की सीमा के साथ लगते गांव राजस्थान के बिंजौर (अनूपगढ़) में लैला-मजनूं की मजार पर देश भर से आए प्रेमी-प्रेमिकाओं का हुजूम एकत्र होकर उनकी मजार पर माथा टेकते हैं। ऐसा माना जाता है कि लैला व मजनूं ने इसी गांव में अपनी जान दी थी। इस मजार पर पूजा करने के लिए दूर- दूर से नव विवाहित जोड़े आते हैं और साथ में प्रेमी-प्रेमिकाओं का हुजूम भी उमड़ता है।

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मजनूँ के काल्पनिक होने के संबंध में कई कथन वर्णित हैं। लेकिन सदियों से लैला-मजनूँ की प्रेम कहानी दुनिया भर के प्रेमियों के लिए मिसाल बनी हुई हैं। प्रेमी युगल आज भी लैला मजनूं की मजार पर सजदा करते हैं। प्रेमी जोड़ों को विश्वास है कि सैंकड़ों वर्ष पुरानी इस मजार पर मत्था टेकने से उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होंगी।

अरब के प्रेमी युगल लैला-मजनूं सदियों से प्रेमियों के आदर्श रहे हैं। कैस-लुबना, मारवा-अल मजनूं अल फरांसी, अंतरा-अबला, कुथैर-अजा, लैला-मजनूं सरीखी प्रेम कहानियां इसकी मिसाल हैं। और रहें भी क्यों नहीं, इन्होंने अपने अमर प्रेम से दुनिया को दिखा दिया है कि मोहब्बत इस जमीन पर तो क्या जन्नत में भी जिंदा रहती है। इनमें लैला-मजनूं की प्रेम कहानी जगजाहिर है।

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अरबपति शाह अमारी के बेटे कैस की किस्मत में यह प्रेम रोग हाथ की लकीरों में ही लिखा था। उसे देखते ही भविष्य वक्ताओं ने कहा कि कैस प्रेम दीवाना होकर दर-दर भटकता फिरेगा।उनकी भविष्यवाणी को झुठलाने के लिए शाह अमारी ने खूब मन्नतें कीं ताकि उनका बेटा इस प्रेम रोग से महरूम रहे, लेकिन कुदरत अपना खेल दिखाती ही है।दमिश्क के मदरसे में जब उसने नाज्द के शाह की बेटी लैला को देखा तो पहली नजऱ में उसका आशिक हो गया | मौलवी ने उसे समझाया कि वह प्रेम की बातें भूल जाए और पढ़ाई में अपना ध्यान लगाए। लेकिन प्रेम दीवाने ऐसी बातें कहां सुनते हैं। कैस की मोहब्बत का असर लैला पर भी हुआ। नतीजा यह हुआ कि लैला को घर में कैद कर दिया गया और लैला की जुदाई में कैस दीवानों की तरह मारा-मारा फि रने लगा।

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कुछ कथाओं में यह कहा गया है कि मजनूं को जब यह पता चला तो वह पागल हो गया और इसी पागलपन में उन्होंने कई कविताएं रचीं। उसकी दीवानगी देखकर लोगों ने उसे ‘मजनूं’ का नाम दिया।  आज भी लोग उसे ‘मजनूं के नाम से जानते हैं और मजनूं मोहब्बत का पर्याय बन गया है। लैला-मजनूं को अलग करने की लाख कोशिशें की गई। लेकिन सब बेकार साबित हुईं। लैला की तो बख्त नामक व्यक्ति से शादी भी कर दी गई।  लेकिन उसने अपने शौहर को बता दिया कि वह सिर्फ मजनूं की है। मजनूं के अलावा उसे और कोई नहीं छू सकता। बख्त ने उसे तलाक दे दिया और मजनूं के प्यार में पागल लैला जंगलों में ‘मजनूं-मजनूं’ पुकारने लगी।  जब मजनूं उसे मिला तो दोनों प्रेम पाश में बंध गए। लैला की मां ने उसे अलग किया और घर ले गई।  मजनूं के गम में लैला ने दम तोड़ दिया। लैला की मौत की खबर सुनकर मजनूं भी चल बसा।

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उनकी मौत के बाद दुनिया ने जाना कि दोनों की मोहब्बत कितनी अजीज थी। दोनों को साथ-साथ दफ नाया गया ताकि इस दुनिया में न मिलने वाले लैला-मजनूं जन्नत में जाकर मिल जाएं। लैला-मजनूं की कब्र आज भी दुनिया भर के प्रेमियों की इबादतगाह है।

समय की गति ने उनकी कब्र को नष्ट कर दिया है, लेकिन लैला-मजनूँ की मोहब्बत जिंदा है और जब तक दुनिया है जिंदा रहेगी।

laila-majnu 1लैला मजनूं की प्रेम कहानी पर हिंदी में पहली फि ल्म इसी नाम से 1953 में ऑल इंडिया पिक्चर्स के बैनर तले बनी थी जिसके निर्देशक थे – अमरनाथ।

उस फिल्म में बेगम पारा, नूतन, रतन कुमार, शम्मी कपूर आदि कलाकारों ने काम किया था।

उसके बाद हरनाम सिंह रवैल ने ऋषि कपूर और रंजीता को लेकर ‘लैला मजनूं’ फिल्म बनाई थी जो 1976 में रिलीज हुई। उसमें गीत साहिर लुधियानवी ने लिखे थे और संगीत मदन मोहन का था।

फिल्म बनाने के दौरान ही 1975 में मदन मोहन की मौत हो गई और फिर संगीत पूरा करने की जिम्मेदारी जयदेव को सौंपी गई थी।

 

हर दिल को छु गया अनुपम खेर का बेमिसाल अभिनय

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उदयपुर . अभिनेता अनुपम खेर का बचपन दादी के किस्से सुनते हुए शिमला में बीता। उसका चाचा सातवीं कक्षा में आठ बार फेल हुआ। दादाजी अंग्रेजों के जमाने के ईमानदार सिविल इंजीनियर थे। किशोर जीवन में ही उन्हें अभिनय में दिलचस्पी बढ़ी और युवावस्था में फिल्मों की तरफ कदम बढ़ा दिया। अभिनेता ने अपनी यह कहानी जुबानी नहीं बताई, बल्कि नाटक ‘कुछ भी हो सकता है के माध्यम से दिखाई। मौका था पीआई इंडस्ट्रीज के स्थापना दिवस का। नाटक के निर्देशक फिरोज अब्बास खान थे। अशोक सिंघल और सलिल सिंघल ने सभी का आभार व्यक्त किया। संयोजन रागिनी पानेरी ने किया।

नाटक मंचन के दौरान अनुपम खेर जैसे-जैसे अपने जीवन सफर का मंचन करते गए, सूत्रधार की भूमिका भी निभाते रहे। कहानी आगे बढ़ती है जिसमें अनुपम खेर को किशोर जीवन में ‘राधा का तथा युवावस्था में ‘मीरा का साथ रहा। इसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का जीवन, फिर फिल्म इंडस्ट्री में उतार-चढ़ाव वाली जिंदगी दिखाई गई। वे कभी चंचल बच्चे बने, कभी छिछोरे किशोर, तो कभी मस्तमौला युवा। जीवन के उतार-चढ़ाव को स्टेज पर उतारते खेर के प्रभावी अभिनय का कमाल था कि दर्शक ढाई घंटे तक जमे रहे।

पत्नी को सच्चा साथी

इस दौरान अनुपम खेर अपने साथियों और समर्थकों को शुक्रिया कहना नहीं भूले। बचपन के साथी विजय मल्होत्रा उनके किस्सों में कई बार आए तो आठ साल दोस्त रहने के बाद जीवनसाथी बनी किरण खेर को उन्होंने अपना सच्चा साथी बताया। दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन को उन्होंने महान प्रेरणा स्त्रोत कहा तो महेश भट्ट, सुभाष घई, माधुरी दीक्षित, श्री देवी और मनमोहन देसाई का जिक्र भी कई बार आया। इस दौरान एक स्क्रीन पर दिखाए गए उनकी पहली फिल्म ‘सारांश दिलीप कुमार के साथ फिल्म ‘कर्मा के दृश्य, अपनी टीवी प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत के दौर के दृश्य भी विशेष आकर्षक रहे।

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कुत्ते के मुंह से छुडाया मृत कन्या भ्रूण

उदयपुर, कन्या भ्रूण हत्या रोकने की लाख कसमे खाने और शपथ लेने के उपरांत भी लेकसिटी के माथे से कन्या भू्रण हत्या का कलंक मिट नहीं पा रहा है और पहला कलंक धुंधला हो उसके पहले नया कृत्य हो जाता है। बुधवार को जब आवारा कुत्तों के जबडे में कन्या भ्रूण फसा देखा तो हर किसी का दिल पसीज गया।

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बुधवार दोपहर ३.३० बजे स्वरूपसागर रोड पर आवारा कुत्ता अपने मुंह में मृत कन्या भू्रण दबा कर भाग रहा था जिसको एक मोटरसाइकिल सवार पेट्रोल पंप कर्मचारी श्यामलाल नागदा ने देखा तो उसे कुत्ते का पीछा कर बडी मुश्किल से उस भू्रण को कुत्ते के चंगुल से छुडाया और पुलिस को सूचित किया। जल्द ही आसपास काफी भीड एकत्र हो गई और भु्रण को कपडे से ढका। पुलिस के अनुसार भ्रूण कन्या का है और 4-5 दिन पूर्व स्वरूपसागर पर किसी अज्ञात ने डाला होगा। जागरूक श्यामलाल नागदा की वजह से कन्या भ्रूण कुत्तों का भोजन होने से तो बच गया लेकिन झीलों की नगरी में फिर कन्या भू्रण हत्या का कलंक लग गया।

 

इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का पर्चा लीक

वेबसाइट पर आउट हुआ पर्चा

1360695656737उदयपुर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा (आरटीयू) के इलेक्ट्रीकल्स और इलेक्ट्रोनिक्स प्रौद्योगिकी के प्रथम सेमेस्टर का पेपर जो बुधवार सुबह 10 .30 बजे पूरे प्रदेश में हआ वह आउट हो गया किसी अज्ञात ने एक वेबसाइट पर हाथ से लिखा हुआ हुबहू पेपर मंगलवार रात को ही अपलोड कर दिया और पेपर आउट होने का सत्यापन निजी कालेज के प्रबंधकों ने भी कर दिया।

आरटीयू के इलेक्ट्रीकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स के प्रथम सेमेस्टर का पर्चा बुधवार सुबह 10 .30 प्रदेश के 173 कालेज में हुआ लेकिन हेंडराइटिंग मे लिखा हुआ 100 प्रतिशत हुबहू पर्चा जम्प शेयर डाट काम पर मंगलवार रात को ही किसी अज्ञात द्वारा जेपीजी इमेज में अपलोड कर दिया जिसको आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। पेसेफिक इंजीनियरिंग कालेज के डायरेक्टर के.के.छाबड ने भी बताया कि पर्चा लीक हो गया इसमें कोई संदेह नहीं है उन्होने कहा कि इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा सुबह 110.30 बजे थी ओर हमे नोडल एजेङ्क्षसयों द्वारा सुबह 9 बजे पेपर उपलब्ध करवाए गए पेपर परीक्षा के 10 मिनट पहले ही खोला जाता है। ओर हमे जो सूचना मिली उस आधार पर जब मिलान किया तो पेपर के पांचो यूनिट लीक पेपर में हुबहु मौजुद थे।

इस संदर्भ में आरटीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर अनिल कुमार से बात करने पर उन्होने कहा कि इसके लिए हमने कमेटी गठित की है। जो इसकी जांच करेगी उसके बाद ही तय होगा कि लीक हुआ क्यों पुन: कराया जाय या नहीं। इस सारे घटनाक्रम में आश्चर्य की बात यह है कि जो लीक हुआ पर्चा उसकी सूचना सुबह तक परीक्षा दे रहे अधिकतर छात्रों को थी। यहां तक कालेज प्रबंधन को भी लेकिन आरटीयू के अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ थे। इसके बावजूद परीक्षा हुई । निजी कालेज के प्रबंधन का कहना है कि निरस्त करना हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं । अपलोड हुआ पर्चा हस्तलिखत था और उस पर जयपुर के एक निजी कालेज का नाम लिखा हुआ था। कयास लगाये जा रहे कि संभवतया यह पर्चा साईट पर इसी कालेज की किसी विद्यार्थी द्वारा किया गया है।

हैप्पी किस डे: जुम्मा चुम्मा दे दे

उदयपुर ,आज प्यार के इस सफ्ताह यानी कि वैलेंनटाइन वीक का छठां दिन है। ‘रोज डे’, ‘प्रपोज डे’ , ‘चॉकलेट डे’, ‘टेडी बियर डे ‘, ‘प्रॉमिस डे’ के बाद आज बारी है ‘किस डे’ की।

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आज के दिन का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है, हो भी क्यों ना क्योंकि आज उन्हें अपने प्यार के चलते प्यारा सा तोहफा ‘किस’ जो मिलता है। प्रेम को जताने का सबसे अच्छा माध्यम है ‘किस’ यानी ‘चुंबन’। कहते हैं कोई भी लड़की अपना पहला ‘किस’ अपने पति या प्रेमी को देती हैं।

1249819064_1_9किस करना है, इस बात को सिर्फ सोचने मात्र से ही इंसान उत्तेजित हो जाता है। इसलिए पहला चुंबन अक्सर लोगों को ता-उम्र याद रहता है। बीबीसी में छपी खबर के मुताबिक तो शोध बताते हैं कि चुंबन करने से केवल आप प्यार का इज़हार नहीं करते हैं बल्कि ये रिश्ते की गहराई और आपके प्रेम को भी दर्शता है।

 

अमेरिकन रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि लिपलॉक के समय इंद्रियों की रफ्तार बहुत तेज हो जाती है जो रिश्ते को और करीब ले आती हैं। इसलिए पहला ‘किस’ काफी सावधानी पूर्वक होना चाहिए। वैलेंटाइन डे स्पेशल प्यार में सुखद अनुभव दिलाता है ‘किस’ इसलिए दोस्तों अपने इस एहसास को अपने साथी के साथ शेयर कीजिये और उसकी सहमती से ही अपना कदम उठाइये। जब समर्पण और प्रेम की भावना से ‘किस’ किया जाता है तो यकीन मानिये मन को जो शांति मिलती है उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। प्रेम एक मधुर भावना है जिसकी कल्पना मात्र से ही मन खुश हो जाता है लेकिन इसका आनंद आप तभी उठा सकते हैं जब निश्छल भाव से आप अपने साथी के साथ प्रेम को बांटेंगे। इस भावना के साथ अगर आप आज के दिन को मनायेंगे तो यकीन मानिये आज का दिन आपकी जिंदगी के सबसे हसीन पलों में शुमार हो जायेगा। हैप्पी किस डे…

 

1500 रुपये में सबको टैबलेट और सस्ते में घर देने की तैयारी

1864_1देश में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर से बढ़ गई है। जनवरी में यह आंकड़ा बढ़कर 10.79 फीसदी तक पहुंच गया, जबकि दिसंबर में महंगाई दर 10.56 फीसदी थी। वहीं, इस दौरान देश की औद्योगिक उत्पादन दर में गिरावट दर्ज की गई है। दर में हुई इस कमी का सीधा मतलब है कि देश में उत्पादन घट रहा है और उत्पादन घटने का सीधा असर जरूरी चीजों के दाम पर पड़ेगा। चीजें महंगी हो जाएंगी और आपकी जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। लेकिन इस बीच आपके फायदे की भी कई खबरें निकल कर आ रही हैं।

आम आदमी को सस्ता घर मिलने का रास्ता साफ होता लग रहा है। सरकार सस्ते घर पर मिलने वाली रियायत को बढ़ाने की तैयारी में है। होम लोन के ब्याज पर ज्यादा टैक्स छूट, सस्ते घरों पर ज्यादा लोन और डीटीएच-फोन-केबबल सर्विसेस से जुड़े कई फायदे आम आदमी को जल्द ही मिल सकते हैं। वहीं, सरकार अब हर आदमी को सिर्फ 1500 रुपये में टैबलेट देने पर भी विचार कर रही है।

बजट 2013-14 में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जा सकता है। एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि सरकार छोटे और सस्ते घर बनाने और खरीदने वालों को रियायत देने की तैयारी में है। अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने से बिल्डर के लिए कर्ज जुटाना आसान हो जाएगा साथ ही खरीदारों को सस्ते घरों के लिए ज्यादा लोन मिलेगा।

 

1234_21शहरी आवास मंत्रालय ने अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा है। अभी देश में 1.87 करोड़ घरों की कमी है। वहीं, एचआईजी और एमआईजी सेग्मेंट में11 फीसदी घर खाली पड़े हैं। शहरी विकास मंत्री अजय माकन ने भी इस बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिए जाने की मांग की है। अजय माकन ने सेक्शन 80आईबी के तहत बिल्डरों को छोटे मकान बनाने के लिए दी जाने वाली टैक्स रियायत को फिर से लागू करने की मांग वित्त मंत्रालय से की है।

 

केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार 1,500 रुपये में आकाश टैबलेट लोगों तक पहुंचाना चाहती है।

 

सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडैक) के टेक्नोलाजी सम्मेलन का 1235_32उद्घाटन करने के बाद सिब्बल ने कहा कि मैंने रजत मूना (महानिदेशक, सीडैक) से आकाश के मामले में मदद करने को कहा है ताकि इसे लोगों तक 1,500 रुपये में उपलब्ध कराया जा सके। हर विद्यार्थी के पास एक आकाश होना जरूरी है जिससे वह इसके जरिए दुनिया देख सके।’ इस समय, सरकार डाटाविंड से 2,263 रुपये प्रति टैबलेट के दाम में आकाश खरीदती है। सरकार इसे 1,130 रुपये के रियायती मूल्य पर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएगी।

 

सिब्बल ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और मैंने रजत को बुलाया और उनसे कहा कि मैं हमारे देश में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक प्रौद्योगिकी समाधान चाहता हूं। मैं एक कलाई घड़ी चाहता हूं जो वीडियोग्राफ तैयार कर सके, जो अलार्म सेट करे। आइये हम एक जीपीएस प्रणाली लगाएं और इसे 1,000 रुपये से कम कीमत में अपने नागरिकों को उपलब्ध कराएं।

 

होम लोन के ब्याज पर बढ़ेगी टैक्स छूट!

 

1985_imagesदेश की आर्थिक राजधानी मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) समेत देश के सभी बड़े शहरों में मकान की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए अगले वित्तवर्ष के बजट में होम लोन पर कुछ और रियायतों की घोषणा हो सकती है। इस तरह के लोन पर चुकाए जा रहे ब्याज के मद में मिलने वाली सालाना कर छूट की सीमा को मौजूदा डेढ़ लाख से बढ़ाकर दो या ढाई लाख रुपए किए जाने की संभावना है।

 

 

 

बजट पर नजर रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष होम लोन लेने वालों को डेढ़ लाख से ज्यादा की ब्याज रकम पर कर छूट की सौगात मिल सकती है। उनका कहना है कि एक दशक से पहले जब होम लोन के ब्याज पर आयकर कानून की धारा 24बी के अनुसार छूट देने की शुरुआत की गई थी तो उस समय डेढ़ लाख रुपए भले ही बड़ी रकम हो लेकिन अभी जितने में मकान आ रहा है, उसके मुकाबले यह रियायत कुछ भी नहीं है। जब यह सुविधा शुरू की गई थी तब मकान कीमत तीन लाख से शुरू होती थी और 15 से 20 लाख रुपए में बढिय़ा मकान मिल जाता था। अब तो एलआईजी में मकानों की कीमतें 30 लाख रुपए से ऊपर चली गई हैं। एमआईजी में अगर थोड़ा ज्यादा स्पेस वाला मकान देखें तो वह 50 लाख रुपए के आसपास मिल रहा है।

1253_7आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जब यह सुविधा शुरू हुई थी तब होम लोन का औसत आकार पांच लाख रुपए का था। वर्ष 2009-10 में यह बढ़कर 17 लाख रुपए पर पहुंच गया और आज तो यह 22 लाख रुपए है। राष्ट्रीय आवास बैंक के मुताबिक इस समय 68,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम होम लोन के रूप में दी गई है। इसमें से सबसे ज्यादा लोन (43 फीसदी से भी अधिक) 25 लाख रुपए से ऊपर के लोन अकाउंट में है। 15 से 25 लाख रुपए तक के लोन 25 फीसदी अकाउंट में है, जबकि दो लाख रुपए तक के लोन एक फीसदी भी नहीं हैं। यदि किसी व्यक्ति ने 25 लाख रुपए का लोन 20 वर्ष के लिए लिया है तो उसे साल में तकरीबन ढाई लाख रुपए का ब्याज चुकाना पड़ता है जबकि टैक्स में छूट मात्र डेढ़ लाख रुपए तक की ही है।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस सीमा को बढ़ाने की मांग काफी पहले से हो रही है। पिछले वर्ष भी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने इसे बढ़ाकर तीन लाख रुपए करने की मांग की थी, लेकिन यह नहीं हो पाया था। इस वर्ष तो जो मांग की सूची आई है उसमें चार लाख रुपए तक की छूट देने की गुजारिश की गई है।

मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छी खबर है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप जेपी मॉर्गन के मुताबिक 2013 में घरों की बिक्री में अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है और आने वाले 2 सालों में नए घरों की बिक्री में सालाना 7 फीसदी की बढ़ोतरी आ सकती है। ये बढ़ोतरी देश के 6 बड़े शहरों मुंबई, दिल्ली- एनसीआर, बंगलुरू, चेन्नई, पुणे, और हैदराबाद में आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने और ब्याज दरों में गिरावट का असर घरों की बिक्री पर देखने को मिलेगा। आरबीआई की कटौती के बाद बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें घटानी शुरू कर दी हैं। उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में ब्याज दरों में और गिरावट आएगी, जिसका सीधा फायदा हाउसिंग सेक्टर को मिलेगा। हालांकि इस वजह से घरों की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी भी देखने को मिल सकती है।

 

फोन, केबल और डीटीएच सेवाओं के लिए होगा एक बिल

 

1257_81दूरसंचार विभाग की समिति ने टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग सेवाओं के लिए नए एकीकृत लाइसेंस की सिफारिश की है. निकट भविष्य में आपको टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

दूरसंचार विभाग (डॉट) के एक पैनल की सिफारिश को अगर मान लिया गया, तभी यह बदलाव संभव हो पाएगा। इस समिति ने टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग सेवाओं के लिए नए एकीकृत लाइसेंस की सिफारिश की है। यह लाइसेंस पाने वाली कंपनी अपने ग्राहकों को मोबाइल एवं लैंडलाइन फोन सेवाओं के साथ-साथ डीटीएच और केबल टीवी वगैरह सर्विसेज की भी पेशकश कर सकेगी। दूसरे शब्दों में, ग्राहक एक ही कंपनी से मोबाइल, लैंडलाइन फोन, केबल टीवी और डीटीएच जैसी सेवाएं पा सकेंगे। यही नहीं, ये तमाम सेवाएं अपने ग्राहकों को मुहैया कराने के लिए संबंधित कंपनी के पास समूचा इन्फ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचागत सुविधा) रहना भी जरूरी नहीं होगा।

 

उपर्युक्त समिति ने राष्ट्रीय टेलीकॉम नीति 2012 के तहत एकीकृत लाइसेंसिंग व्यवस्था पर पेश अपनी रिपोर्ट में एक नए तरह के लाइसेंस का प्रस्ताव किया है। यह है- यूनिफाइड लाइसेंस (सर्विस डिलीवरी)। यह लाइसेंस पाने वाला ऑपरेटर अपने ग्राहकों को तमाम संचार (कम्युनिकेशन) सेवाएं मुहैया कराने के लिए अन्य कंपनियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी इस्तेमाल कर सकेगा।

धोखाधडी का मामला दर्ज

Fraudउदयपुर, । गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने ८ जनों के खिलाफ साठ लाख रूपये से अधिक की धोखाधडी करने का प्रकरण दर्ज किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार हिरणमगरी सेक्टर ११ स्थित श्रीराम इक्यूपमेट फायनेंस कम्पनी के मैनेजर योगेन्द्र सिंह पुत्र सत्येन्द्र सिंह ने परिवार जरिये ८ जनों को खिलाफ कम्पनी से ऋण स्वीकृत करवा किश्ते नहीं चुकाने का प्रकरण दर्ज करवाया। कि राशमी चित्तोडगढ निवासी कुशाल सिंह, महिपाल सिंह पुत्र घानश्याम सिंह ने कम्पनी से ३० जुलाई ११ को २९ लाख रूपये का,रावत भाटा निवासी गोपाल दास पुत्र रामचन्द्र दास वैरागी व प्रताप पुरा चित्तौडगढ निवासी सुरेश पुत्र कन्हैयालाल धाकड ने २७ मई ११ को १८ लाख रूपये का,प्रतापगढ निवासी सुरेश पुत्र चतर सिंह धाबाई, अरूदास चोधरी पुत्र पूसाराम चौधरी ने २९ अप्रेल ११ को १२ लाख ६५ हजार रूपये का तथा सीमलवाडा डूंगरपुर निवासी दिलीप कुमार पुत्र नाथूलाल रोत, सुखलाल पुत्र तेजा ने १२ फरवरी १२ को ७ लाख ६५ हजार रूपये का कम्पनी से जेसी बी मशीनों पर ऋण स्वीकृत करवाया। उसके बाद से आरोपियों ने शर्तों के अनुसार किश्ते नहीं चुकाई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। इसी तरह हिरणमगरी सेक्टी ११ निवासी सन्तोष पुत्र हरिशचन्द्र ने सेक्टर १३ निवासी सिम्पल जैन पत्नी राजेश जैन व राजेश पुत्र इन्द्रमज जैन के खिलाफ परिवाद जरिये धोखाधडी का प्रकरण दर्ज करवाया। कि २३ दिसंबर १२ को आवश्यकता होने पर आरोपी को १० लाख रूपये उधार दिये तथा बदले में लिया चैक बैंक में जमा कराने पर अनादरित हो गया।

दस परिवारों को पट्टे वितरित

_DSC0638उदयपुर, प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत मंगलवार को नगर परिषद सभागार में पांच कच्ची बस्तियों के पुस्तैनी भूखण्डधारियों को ४२ तथा स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत शहर कोट अन्दर रहने वाले दस परिवारों को अपने पुस्तैनी मकान के पट्टे शहर विधायक गुलाबचन्द कटारिया, सभापति श्रीमती रजनी डांगी , उपसभापति महेन्द्र सिंह शेखावत व आयुक्त सत्यनारायण आचार्य तथा संबंधित पार्षदों ने वितरित किये ।

इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि आम आदमी को जो बरसों से अपने पुस्तैनी मकान में रह रहा है लेकिन उसके पास पट्टा न होने से कई दिक्कतों का सामना करना प$डता था, अब पट्टा मिलने के बाद उसकी ये समस्त समस्याएं समाप्त हो जायेगी और वह अपने भूखण्ड अथवा मकान का निर्माण और विस्तार तो करवा ही सकेगा साथ ही उसके लिये वह बैकों से ऋण भी प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि कच्ची बस्तीवासी पट्टा प्राप्त करने के बाद उसे किसी अन्य के नाम हस्तांतरण नहीं कर सकते और न ही भूखण्ड को बेच सकेगें । यदि कहीं ऐसी स्थिति सामने आयी तो नियमानुसार उनके विरूद्घ कानुनी कार्यवाही की जा सकेगी ।

सभापति श्रीमती रजनी डांगी ने बताया कि जो ५२ पट्टे वितरित किये गये उनमें मठ माद$डी के २३, शांतिनगर के १४, कृष्णा कालोनी व आवरी माता बस्ती के दो-दो तथा सुखा$िडया नगर का एक पट्टा शामिल है । शहर कोट अन्दर के दस रहवासियों को भी पट्टे दिये गये । उन्होंने बताया कि अब तक जो भी आवेदन आए है उनमें जिनके भी वांछित दस्तावेज लगे हुए है उन पर पट्टे बनाने की प्रक्रिया निरन्तर जारी है । उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आवेदन के समय पूरे दस्तावेज नहीं दिये है तो उनके पास अब भी मौका है की वे दस्तावेज प्रेषित कर दे । क्योंकि प्रशासन शहरों के संग अभियान शिविर की अवधि आगामी १५ फरवरी को समाप्त होने जा रही है ।

’मुकाम तभी संभव हो जब चुनौतियों से लडने का जज्बा हो’

14वां उम्मेदमल लोढा पर्यावरण पुरस्कार वितरण समारोह

उदयपुर, आदमी में किसी भी चुनौती पर फतह पाने के लिए विश्वास और जज्बे का समावेश हो तो मुकाम पर सहजता से पहुंचा जा सकता है। यही कार्य स्वयं के बजाय सामूहिक रूप से संपादित किया जाए तो सफलता की अनुभूति का अहसास कुछ और ही तरह का होता है। कुछ इस तरह का सार मंगलवार को सेवा मन्दिर एवं उम्मेदमल लोढा मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 14 वें उम्मेदमल लोढा पर्यावरण पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान वक्ताओं के संबोधन में उभर कर सामने आये। समारोह में पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं, व्यक्तियों, समूहों को विभिन्न श्रेणी के पुरस्कारों से नवाजा गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता भारतीय सांख्यिकीय संस्थान नई दिल्ली के प्रो. ईश्वरन सोमनाथन् ने कहा कि वे पिछले दो वर्ष से सेवा मंदिर की और से वन सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रम से जुडे हुए है। अभी उदयपुर जिले की झाडोल तहसील क्षेत्र में २००६ वनाधिकार कानून के प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन के दौरान इस बात की जानकारी ली जा रही है कि जहां की भूमि पर खेती नहीं होती है वहां के इर्दगिर्द के जंगलों की स्थिति क्या है और जहां खेती की जाती है और उसके आसपास जंगल है तो क्या परिस्थितियां बन रही है। अभी अध्ययन शुरू हुआ है। इसके निष्कर्ष के संबंध में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

प्रो. सोमनाथन ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से नेपाल एवं उत्तराखंड के कुमायूं मण्डल में पर्यावरण एवं वनों से जुडे हुए मुद्दों पर उनके द्वारा किए गए गहन अध्ययन की जानकारी दी और कहा कि नेपाल में वर्ष १९५० में राष्ट्रीयकरण किया गया था तभी से वनों की कटाई ज्यादा होने लगी। हालांकि वर्ष १९८८ में इस देश में नई वन नीति को लागू किया गया। इसके पीछे इस देश की सरकार का यही मानना था कि इस कदम से वनों को सुरक्षित रखने में यह नीति कारगर साबित होगी। भारत की अपेक्षा नेपाल में वनों के प्रति सामुदायिक स्वायत्तता ज्यादा है। ऐसा अध्ययन के निष्कर्ष में सामने आया है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए सेवा मन्दिर संस्था अध्यक्ष अजयसिंह मेहता ने कहा कि अभ्यास और अनुभव के माध्यम से हर क्षेत्र में अपेक्षा से ज्यादा कार्य की क्रियान्विति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से देश में जहां विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ तो कई प्रकार की विकृतियों का भी जन्म हुआ है।

दीप प्रज्जवलन के साथ शुरू हुए इस समारोह के प्रारंभ में सेवा मन्दिर की मुख्य संचालक प्रियंका सिंह ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गांव के साधारण लोगों ने अपने प्राकृतिक संसाधनों का अहिंसात्मक तरीके से संरक्षण किया है। अनेकों कठिनाइयों एवं गरीबी के बावजूद निजी लालच को त्याग सार्वजनिक हित में काम करने का प्रयास किया है। अब समाज को उनके सहयोग में आने की आवश्यकता है।

प्रियंकासिंह ने बताया कि समारोह में ग्राम समूह बेड तथा गिर्वा प्रखण्ड को १०-१० हजार रूपये नगद, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर समूह श्रेणी पुरस्कार दिया गया। साथ ही वन सुरक्षा एवं प्रबन्ध समिति- पीपलवास, प्रखण्ड गिर्वा तथा व्यक्तिगत श्रेणी के पुरस्कार में प्रखण्ड कोटडा के मणिशंकर तराल, प्रखण्ड गिर्वा की शान्तादेवी झाबला, प्रखण्ड झाडोल के सोनीराम गरासिया, प्रखण्ड गिर्वा के मावाराम को प्रदान किया गया। सभी को २००० रूपये नगद, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। सायर कंवर लोढा छात्रवृत्ति के रूप में १२ हजार रूपए की राशि प्रखण्ड झाडोल के जामुन गांव की अलका कुमारी को प्रदान की गई। इसी तरह द्वितीय छात्रवृति पलेसर कोटडा की इंद्राकुमारी को दी गई।

शांति मार्च निकाल सौंपा ज्ञापन : सेवा मन्दिर एवं वन उत्थान संघ झाडोल के संयुक्त तत्वावधान में अपरान्ह ३ बजे शान्ति मार्च किया गया। इसका उद्देश्य वन अधिकार कानून २००६ के तहत् सामुदायिक वन अधिकार पर सरकार एवं समाज का ध्यान आकर्षित करना था। यह शान्ति मार्च विद्याभवन आडिटोरियम डॉ मोहन सिंह मेहता मार्ग से आरंभ होकर, खारोल कॉलोनी, फतेहपुरा पुलिस चौकी, सहेली मार्ग होते हुए जनजाति आयुक्त कार्यालय पहुंचा जहां आयुक्त को ज्ञापन दिया गया। इस शान्ति मार्च में लगभग ३०० ग्रामीणों सहित स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।