जिन्होंने तुलसी को मारा ही नहीं वे हैं जेल में बंद!

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तुलसी को अवैध हिरासत में रखने वाली और उसके एनकाउंटर में शामिल थी दूसरी टीम, आजम को झूठे चोरी के केस में फंसाकर तुलसी को पेशी पर ले जाया गया, जहां कर दिया उसका एनकाउंटर
– नारीश्वर –
उदयपुर। सोहराब व तुलसी प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ की असली कहानी दूसरी ही है, जो बताया गया वो सच नहीं है। सच पर पर्दा डाला गया। इन दोनों का एनकाउंटर महज इसलिए कर दिया गया, क्योंकि गुजरात और उदयपुर के पुलिस अधिकारी सरकार से अवार्ड चाहते थे। अवार्ड के लिए इन अधिकारियों की फाइलें होम मिनिस्ट्री को भी भेजी गई, लेकिन इसी बीच दोनों ही एनकाउंटर फर्जी होने की कहानी सामने गई, जिसमें ये सभी अधिकारी फंस गए और पिछले सात साल से जेल में बंद है।
अंडरवल्र्ड और पुलिस अधिकारियों से मिली अन्दनी जानकारी के अनुसार इन दोनों फर्जी एनकाउंटर की कहानी की शुरुआत ३१ दिसंबर, २००४ की सुबह साढ़े ११ बजे उदयपुर में हाथीपोल क्षेत्र से हुई थी। यहां तुलसी, आजम और सिल्वेस्टर ने हमीद लाला की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस दौरान दूसरी बाइक पर सोहराब भी था। हत्या के पीछे कारण था यहां के मार्बल उद्यमियों में खौफ पैदा करना, क्योंकि आजम और उसके साथियों ने मुणवास स्थित मरियम मार्बल के मालिक अली हुसैन से १८ लाख की फिरौती मांगी थी, लेकिन अली हुसैन और हमीद लाला दोस्त थे। इस कारण हमीद लाला बीच में आ गया, जिससे आजम और हमीद लाला के बीच वर्चस्व को लेकर खींचतान शुरू हो गई। इसीलिए आजम ने तुलसी और सोहराब के साथ मिलकर हमीद लाला की हत्या कर दी। हालांकि हमीद लाला की हत्या के वक्त उसका भाणजा मोहम्मद रफीक चश्मदीद गवाह था, जिसने इन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाकर जहीर, रईस खडख़ड़, हनीफ उर्फ छक्का, शकील कालिया सहित अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। बाद में पुलिस को पता चला कि उक्त मामले में जिन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी थी, वे लोग शामिल नहीं है। इसका पता भी इसलिए चला, क्योंकि सोहराब, आजम के सज्जननगर निवासी रिश्तेदार के यहां पर किराये से रहता था और हमीद लाला की हत्या हुई, उसी शाम आजम का भाई सज्जननगर की तरफ जा रहा था, जिसे पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की, तो उसने सारी कहानी उगल दी, लेकिन तब तक तुलसी, सोहराब, आजम सहित अन्य आरोपी फरार हो चुके थे। हालांकि इस हत्याकांड के सभी आरोपी बाद में न्यायालय से बरी हो चुके हैं। इस हत्याकांड के बाद तुलसी और सोहराब ने सूरत में कपड़ा व्यवसायियों से फिरौती मांगी थी, जिनकी पहुंच वहां के राजनेता से थी। इसी दौरान वहां के सीनियर आईपीएस अधिकारी डीजी बंजारा को पता चला कि सोहराब और तुलसी आंध्रा में हैं। इस पर आंध्रा पुलिस के जरिये सोहराब, तुलसी और सोहराब की पत्नी कौसर बी को नवंबर, २००५ के अंतिम सप्ताह में आंध्रा के सांगली बस स्टैंड से पकड़कर गुजरात पुलिस अहमदाबाद लाई। यह जानकारी डीजी बंजारा ने उदयपुर के तत्कालीन एसपी दिनेश एमएन को दी, जिस पर एमएन वहां गए। बाद में एक टीम बनाई गई, जिसमें तत्कालीन प्रतापनगर थानाधिकारी अब्दुल रहमान, सब इंस्पेक्टर हिमांशुसिंह और श्यामसिंह को गुजरात भेजा गया। इस टीम ने गुजरात पुलिस के साथ मिलकर अहमदाबाद में सोहराब का २६ नवंबर, २००५ को एनकाउंटर कर दिया। इसी बीच कौसर बी की हत्या भी कर दी गई और तुलसी प्रजापति को उदयपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
तुलसी की गिरफ्तारी की सच्ची कहानी : सोहराब और कौसर बी की हत्या के बाद तुलसी को गुजरात पुलिस ने उदयपुर पुलिस को सौंप दिया था। यहां लाकर तुलसी को हाथीपोल थाने में अवैध हिरासत में रखा गया। एक झूठी कहानी बनाई गई, जिसमें बताया गया कि तत्कालीन डिप्टी सुधीर जोशी, अंबामाता थानाधिकारी रणविजयसिंह और हाथीपोल थानाधिकारी भंवरसिंह हाड़ा ने तुलसी को भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया। बाद में तुलसी को जेल भेज दिया गया, तब तुलसी ने स्थानीय वकील सलीम खान के जरिये कोर्ट में रिपोर्ट दी कि उदयपुर और गुजरात पुलिस से उसको खतरा है और उसका भी एनकाउंटर हो सकता है। उसने उसे मारने के चार तरीकों का जिक्र भी अदालत के सामने किया था, जिसमें से एक तरीके से बाद में उसे भगाकर गोली मार दी गई।
तुलसी से डर गई थी उदयपुर पुलिस : तुलसी काफी डेयरिंग और शार्प शूटर था। यह बात दिनेश एमएन भी जानते थे। उसने १४ साल की उम्र में पहला मर्डर किया था और उसके एनकाउंटर से पहले २४ साल की उम्र तक उसने दस मर्डर कर दिए थेे।

सारी हत्याएं उसने भरे चौराहे पर भीड़ के बीच की थी। उसके सरगना सोहराब और कौसर बी की मौत से वह बुरी तरह टूट चुका था और पूछताछ में पुलिस अधिकारियों के सामने ही वह सोहराब व कौसर बी को मारने वालों को जान से मार देने का प्रण करता था। तुलसी ने एक अधिकारी से कहा भी था कि अगर वह छूट गया, तो अन्ना (दिनेश एमएन) को मार देगा। तब उदयपुर पुलिस ने तुलसी का एनकाउंटर करने की तैयार की। तुलसी और आजम को २८ दिसंबर, २००६ को अहमदाबाद पेशी पर ले जाना था, लेकिन अंबामाता पुलिस ने आजम को स्कूटर चोरी के फर्जी मामले में प्रोडक्शन वारंट से गिरफ्तार कर लिया। इधर, पुलिसकर्मी युद्धवीर, करतार, दलपत और नारायणसिंह के साथ ट्रेन से तुलसी के डमी को अहमदाबाद भेजा गया, जिसे रास्ते से भागना बताया गया। इधर, तुलसी को उदयपुर पुलिस की दूसरी टीम गुजरात के साबरकांठा ले गई, जहां उसे जीप से उतारकर गोली मार दी गई। इस फर्जी एनकाउंटर में गुजरात के पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। तुलसी के फर्जी एनकाउंटर के मामले में उदयपुर के पुलिसकर्मी युद्धवीर, करतार, दलपत और नारायणसिंह गुजरात की जेल में बंद हैं, जबकि ये लोग तुलसी के साथ थे ही नहीं।
दासोत को बचाने बन गए सरकारी गवाह : तुलसी के फर्जी एनकाउंटर मामले में खुद और सीनियर आईपीएस अधिकारी राजीव दासोत को बचाने के लिए तत्कालीन डिप्टी सुधीर जोशी, सीआई रणविजयसिंह और भंवरसिंह हाडा सीबीआई में सांठ-गांठ करके सरकारी गवाह बन गए। उन्होंने सीबीआई कोर्ट में हुए १६४ के बयान में बताया कि उन्होंने जो कुछ भी किया, वह सब दिनेश एमएन के कहने पर किया था। सीबीआई को तुलसी को अवैध हिरासत में रखने, आजम को झूठे मामले में फंसाकर तुलसी के एनकाउंटर के षडय़ंत्र में शामिल के लिए इन तीनों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी थी, लेकिन मिलीभगत के कारण इन को सरकारी गवाह बना दिया गया। पता चला है कि काफी बड़ी धनराशि देने से ये लोग छूट पाए।
तुलसी के भतीजे को भी फंसा झूठा : सोहराब के एनकाउंटर के बाद जब तुलसी उदयपुर की जेल में था, तब उसका भतीजा कुंदन उसके एक दोस्त के साथ तुलसी से मिलने आया था। तुलसी ने कुंदन को सोहराब व कौसर बी के फर्जी एनकाउंटर की पूरी कहानी बता दी, जिससे यहां के पुलिस अधिकारियों को डर था कि बाद में कुंदन व उसका दोस्त उनके खिलाफ साक्ष्य न बन जाए। इसलिए वापस जाते समय सलूंबर पुलिस ने कुंदन और उसके साथी को फर्जी एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में जब तुलसी का एनकाउंटर हो चुका, तो उसके बाद कुंदन और उसका दोस्त इस केस से बरी हो गए।
संदेश : दबाव में आकर न करे गैर कानूनी काम
कुख्यात अपराधी सोहराब और तुलसी को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने के मामले में न तो सुपारी देने वाला सामने आया, न ही सुपारी खाने वाला। षड्यंत्र रचने वाले अफसर भी अब तक बाहर ही है। लेकिन वे लोग अंदर धकेल दिए गए, जिन्होंने ऊपर के आदेशों की पालना करना अपना कर्तव्य समझा। इस पूरे प्रकरण से पुलिस फोर्स के लिए यह संदेश निकलकर सामने आता है कि वह किसी भी दबाव में आकर गैर कानूनी काम न करें। इस सबक को सदैव याद रखें।
-संपादक

कामसूत्र का विज्ञापन हटाने की मांग ने जोर पकड़ा

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उदयपुर। नगर निगम की शह पर एनएस पब्लिसिटी द्वारा सुखाडिय़ा सर्किल पर लगाए गए कामसूत्र के विज्ञापन का विरोध नगर निगम के विपक्ष के पार्षदों ने ही नहीं पक्ष के पार्षदों ने भी शुरू कर दिया है। पक्ष-विपक्ष के अधिकतर पार्षदों का कहना है कि अश्लीलता और सेक्स से जुडी कंपनी के किसी भी प्रोडक्ट का विज्ञापन सार्वजनिक जगह पर नहीं होना चाहिए, जबकि सुखाडिय़ा सर्कल एक ट्यूरिस्ट प्लेस है, जहां से झीलों की नगरी क ी छवि पूरे देश में बनती है। उल्लेखनीय है कि क्रकामसूत्रञ्ज जैसी कंपनी के किसी भी प्रोडक्ट के विज्ञापन पर डीडी जैसे राष्ट्रीय चैनल पर भी रोक है। ऐसे में भारतीय संस्कृति की बात करने वाली पार्टी के राज में में अश्लीलता भरे स्लोगल वाला क्रकामसूत्रञ्ज का विज्ञापन उनकी दोहरी सोच को दर्शाता है।

विरोध में पक्ष-विपक्ष के पार्षद
:जब नगर निगम की मेयर एक महिला है, इसके बावजूद ऐसे विज्ञापन शहर के बीच में लगते हंै, तो यह एक शर्मनाक और महिलाओं के लिए अपमान जनक स्थिति है। ऐसे विज्ञापन को तुरंत हटाना चाहिए और विज्ञापन लगाने वाले पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
-दिनेश श्रीमाली, नेता प्रतिपक्ष
: ऐसे अश्लीलता फैलाने वाली कंपनी के विज्ञापन पर्यटन स्थलों पर लगाना गलत है। इससे देश में उदयपुर शहर के लिए संदेश गलत जाता है। शहर की छवि खराब होती है। ऐसे विज्ञापन को तुरंत हटाना चाहिए।
-मनोहरसिंह पंवार, भाजपा पार्षद
:जिस कंपनी के विज्ञापन को राष्ट्रीय चैनल ने बेन कर रखा है, तो उसे हमारे यहां शहर में भी नहीं लगना चाहिए और जो कंपनी अश्लीलता के लिए जानी जाती है। जिससे अश्लीलता को बढ़ावा मिलता है उन विज्ञापनों को नगर निगम को तुरंत हटाना चाहिए।
-विजय आहूजा, भाजपा पार्षद
:जो राजनैतिक पार्टी भारतीय संस्कृति की दुहाई देती है। अगर उसके कार्यकाल में क्रकामसूत्रञ्ज जैसे विज्ञापन सरेआम लगाए जाए, तो उस पार्टी की दोहरी सोच को दर्शाता है। ऐसे विज्ञापन के जरिये अश्लीलता फैलाकर आखिर समाज को क्या संदेश देना चाहते है?
-राजेश सिंघवी, माकपा पार्षद
:महिला महापौर होने के बावजूद अगर शहर में ऐसे विज्ञापन लगते हैं, तो इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है? सस्कृति को बचाने वाले ही भारतीय संस्कृति की धज्जियां उड़ा रहे हंै। सुखाडिय़ा सर्किल एक पर्यटक स्थल है, जहां से शहर की छवि बनती है। क्रकामसूत्रञ्ज का विज्ञापन तुरंत हटना चाहिए।
-शिप्रा उपाध्याय, कांग्रेसी पार्षद
:अगर कोई विज्ञापन अश्लीलता फैलता है और जिस कंपनी के विज्ञापनों पर राष्ट्रीय चैनल पर भी रोक है, तो हमारे शहर में भी वह विज्ञापन नहीं लगने चाहिए।
-प्रेमसिंह शक्तावत, निर्माण समिति अध्यक्ष,

आधे दिन बंद रहीं निगम की सिटी बसें, ठेकेदार को टेम्पो वाले कर रहे हैं परेशान

images (1)उदयपुर. नगर निगम के ठेकेदार के मार्फत शहर में चलने वाली सिटी बसें सोमवार को आधे दिन बंद रहीं। ठेकेदार ने यह कहते हुए बसें टाउनहॉल में खड़ी कर दी कि टेम्पो वाले उसके ड्राइवर, कंडक्टर को परेशान करते हैं। बाद में कलेक्टर के आश्वासन पर दोपहर बाद बसें फिर से शुरू हो सकीं।

ठेकेदार ने मेयर रजनी डांगी व गैराज समिति अध्यक्ष धनपाल स्वामी को अपनी समस्या बताई। निगम की ओर से बस स्टॉप के बोर्ड नहीं लगाने से भी सवारी लेने बसे रोकने में परेशानी बताई। बसें टाउनहॉल में खड़ी होने के बाद निगम हरकत में आया।

ठेकेदार कंपनी रावल एंड संस के प्रतिनिधि, गैराज समिति के अध्यक्ष व विधि समिति अध्यक्ष कृष्णकांत कुमावत ने कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर से भेंट की। कलेक्टर के आश्वासन के बाद ठेकेदार ने दोपहर बाद बसों का संचालन फिर से शुरू कर दिया। बसें बंद होने की अवधि में आमजन को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि शहर में वर्तमान में रामपुरा, डबोक मार्ग पर छह सिटी बसों का संचालन हो रहा है।

ठेकेदार की समस्या वाजिब है
॥ठेकेदार की समस्या वाजिब है। टेम्पो वाले परेशान करेंगे तो बसे कैसे चलेंगी। हमने कलेक्टर को समस्या बता दी है। इस मामले में शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया से भी बात करेंगे। हम चाहते हैं कि जनहित में बसें नियमित चलती रहे।
धनपाल स्वामी, गैराज समिति अध्यक्ष, नगर निगम।

रोज की परेशानी
॥टेम्पो वाले हमारे ड्राइवर, कंडक्टर को परेशान करते हैं। यह रोज की परेशानी हो गई है। कल ही सूरजपोल पर कुछ टेम्पो वालों ने पहले तो बस को चारों तरफ से घेर लिया। बाद में वे लोग बस में चढ़ गए और ड्राइवर व कंडक्टर के साथ दुव्र्यवहार किया। इस कारण सोमवार को हमें बसे रोकनी पड़ीं।
योगेश रावल, निगम ठेकेदार।

प्रेमी को बचाने के लिए अध्यापिका ने रची गैंगरेप की कहानी

gangrape 635228-04-2014-08-10-99Nराजस्थान के बूंदी जिले के एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका से दुष्कर्म का मामला झूठा साबित हुआ। अध्यापिका ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसे बचाने के लिए पूरी साजिश रची। अध्यापिका का प्रेमी दुष्कर्म के मामले में जेल में है। एफएसएल, मेडिकल सहित सभी पहलुओं पर जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। गौरतलब है कि जिले के दबलाना थाना क्षेत्र के सरकारी स्कूल में 25 अप्रेल को शिक्षिका से सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।

जयपुर में बनाई साजिश
पुलिस अधीक्षक के अुनसार मामले की साजिश एक दिन पहले जयपुर में दोनों ने मिलकर बनाई थी। न्यायालय में महावीर की तरफ से लगाई गई जमानत याचिका खारिज होने पर शिक्षिका घटना के एक दिन पहले ही जयपुर गई। वहीं पर महावीर व शिक्षिका ने चारों को फंसाने के लिए सामूहिक दुष्कर्म का षड्यंत्र रचा। अगले दिन 25 अप्रेल को सुबह 5 बजे शिक्षिका जयपुर से बूंदी पहुंची। उसे लेने महावीर का भाई गीताराम आया। गीताराम को दुष्कर्म मामले की योजना भी बताई और सुबह स्कूल पहुंचकर यह सारा ड्रामा रचा।

अध्यापिका पर दर्ज होगा मामला
उन्होंने बताया कि मामले में शिक्षिका के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा लगाया जाएगा। वहीं जिला मजिस्ट्रेट व शिक्षा विभाग को भी कार्रवाई के लिए लिखा गया है। उधर, मामले में शिक्षिका के न्यायालय में बयान दर्ज किए गए हैं। एसपी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में शिक्षिका के साथ दुष्कर्म नहीं होने की बात सामने आई। एफएसएल टीम ने भी मौके की जांच की तो वहां पीडिता को घसीटने, अन्य व्यक्तियों के आने आदि के कोई निशान नहीं मिले। पीडिता के शरीर पर भी चोट के कोई निशान नहीं मिलने से मामला संदेह के घेरे में आ गया।

प्रेमी को दुष्कर्म मामले में चाहती थी बचाना
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गवाह मुख्य षड्यंत्रकर्ता महावीर मीणा के भाई गीताराम ने बताया कि हिण्डोली थाने में एक महिला ने रघुनाथपुरा निवासी महावीर मीणा, रीतेश सहित पांच जनों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने रीतेश को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन महावीर फरार चल रहा है। पुलिस का दावा है कि महावीर शिक्षिका का प्रेमी है। शिक्षिका महावीर को मामले में बचाना चाहती थी। इसलिए उसने दयाराम, बाबूलाल, हरिसिंह व छोटूलाल पर राजीनामा के लिए दबाव बनाया, लेकिन बात नहीं बनी। थाने में भी शिक्षिका महावीर को बचाने के लिए गई, लेकिन मामला न्यायालय में होने से कुछ नहीं हो सका। जिस पर दोनों ने मिलकर यह ष्ाड़यंत्र रचा।

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3 माह बाद अब माइंस मजदूरों का बेमियादी धरना कलेक्ट्रेट पर

कलेक्ट्रेट के बाहर पर ही जाजम बिछाकर रात में सोते हुए ऋषभदेव के खान श्रमिक।
कलेक्ट्रेट के बाहर पर ही जाजम बिछाकर रात में सोते हुए ऋषभदेव के खान श्रमिक।
उदयपुर. पीएफ, बोनस, मेडिकल सुविधाओं सहित पीएल सीएल की मांग पर ऋषभदेव के ग्रीन मार्बल माइंस मजदूरों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के बाहर बेमियादी हड़ताल शुरू की है। गत तीन माह से काम का बहिष्कार कर धरना दे रहे इन मजदूरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके भी प्रशासन की तरफ कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है। इधर, सोमवार को धरने के दौरान पुलिसकर्मियों ने मजदूरों द्वारा लगवाए गए टेंट को भी हटा दिया।

बावजूद इसके भी मजदूरों ने हिम्मत नहीं हारी और गर्मी में ही प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रतिनिधि मण्डल ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की, लेकिन संतुष्ट जबाव नहीं मिल पाया। इस पर मजदूरों ने रात को भी धरना जारी रखने का निर्णय लिया है।

जनजाति खान मजदूर संघ के उपाध्यक्ष गोविंद मीणा ने बताया कि खान मजूदरों को कई सालों से पीएफ, बोनस, मेडिकल सुविधाएं नहीं मिल रही है। वहीं साप्ताहिक अवकाश के साथ पीएल-सीएल भी बंद है। ऋषभदेव थाना क्षेत्र में मसारों की ओवरी एवं ओडवास क्षेत्र में 200 से ज्यादा ग्रीन मार्बल माइंस है। इनमें 5 हजार श्रमिक कार्यरत हैं। जिन्हें कई वर्षों यह लाभ नहीं मिल पा रहा है। मांगों को लेकर मजदूर गत तीन माह से हड़ताल पर हैं।

सोनोग्राफी के दौरान युवती के साथ की छेड़छाड़, डॉक्टर गिरफ्तार

1676_18उदयपुर. नगर के राजकीय अस्पताल में सोनोग्राफी कराने पहुंची एक युवती के साथ सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर द्वारा छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर राजेश करणपुरिया को गिरफ्तार कर लिया है। शहर की जाट खिड़की निवासी 20 साल की युवती को पेट में दर्द की शिकायत थी।

सरकारी अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराने के लिए लिखा था। इस पर युवती सोमवार सुबह 11 बजे को परिजनों के साथ अस्पताल गई। सोनोग्राफी कक्ष में जांच कराने के बाद युवती कमरे से बाहर निकली तो उसने परिजनों को डॉक्टर द्वारा जांच के दौरान दुव्र्यवहार करने की शिकायत की।

इस पर परिजनों ने विरोध करते हुए पुलिस को सूचना दे दी। कुछ ही देर में पुलिस अस्पताल पहुंची और सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर करणपुरिया को गिरफ्तार कर लिया। युवती की ओर से उदयपुर निवासी डॉ. करणपुरिया के खिलाफ छेड़छाड़ की रिपोर्ट दी है। डॉ. करणपुरिया अस्पताल में रेडियोग्राफर हैं। वे गत दो साल से इसी अस्पताल में रेडियोग्राफर के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस का कहना है कि युवती की सोनोग्राफी के वक्त महिला नर्स कमरे में नहीं थी। पुलिस ने धारा 354 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर ने बताया कि ऐसा कोई मेटर नहीं हुआ है, यह सब गलतफहमी से हुआ है।

अस्पताल से 500 मीटर दूर सड़क पर चादर की ओट में प्रसव, नहीं पहुंची एंबुलेंस

1350_17उदयपुर/कोटड़ा. अकेली प्रसूता। कोई परिजन साथ नहीं। अपने घर से 5 किलोमीटर दूर। सड़क पर प्रसव-पीड़ा हुई। सड़क पर ही प्रसूता दो घंटे तक कराहती रही। आसपास के लोगों ने 104 और 108 दोनों एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कोई भी सेवा नहीं आ पाई। यह तब है जब कोटड़ा हॉस्पिटल से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर ही यह घटना हुई। हालांकि, आसपास की अपरिचित महिलाओं ने ही जैसे-तैसे कर प्रसव कराया। शुक्र है! जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

क्षेत्र के गांधीशरणा निवासी धापू पत्नी मीठा गमार 20 किलोमीटर दूर अपने पीहर झोलीबोर (महाड़ी) गांव जा रही थी। कोटड़ा से उसे गाड़ी पकडऩी थी। पैदल चल कर सुबह करीब दस बजे कोटड़ा में पहुंची ही थी कि उसे प्रसव पीड़ा हुई। वह सड़क पर ही गिर गई। उसे कराहता देख लोग इकट्ठे हो गए। महिलाएं सहायता को आगे आईं।

एक ग्रामीण अशोक कुमार, पूर्व कोटड़ा सरपंच राकेश कुमार ने 10:45 पर 108 एंबुलेंस और 10:47 पर प्रसुताओं के लिए चलाई गई 104 एंबुलेंस पर कॉल किया। ग्रामीणों ने एंबुलेंस वालों को लोकेशन भी बताई। इसके बावजूद ये सरकारी सेवाएं करीब बारह बजे तक प्रसूता को उपलब्ध नहीं को सकी। दोपहर करीब बारह बजे परिजन आए और प्रसूता को प्राइवेट जीप से अपने घर ले गए। इस दौरान प्रसूता व नवजात तपती गर्मी में सड़क पर ही रहे।

स्वास्थ्य कर्मी अब लेंगे प्रसूता की सुध
जिन महिलाओं ने ये प्रसव करवाया वे न तो प्रसव कराने में किसी प्रकार की योग्यता रखती हैं और न ही उनके पास कोई साधन सुविधा थी। प्रसव के होने के बाद महिलाओं ने ब्लेड से नाडी काटी। इधर, इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि प्रसूता के मामले की जांच की जाएगी और स्वास्थ्य जांच करवाई जाएगी। एंबुलेंस क्यों नहीं पहुंची, इस मामले की भी जांच की जाएगी।

सहयोग करने वालों में गुजरात की महिला भी
प्रसूता को जब पीड़ा हुई तो उस वक्त उसके अपने कोई नहीं थे। लेकिन प्रसूता की पीड़ा देख आसपास की महिलाओं ने अपनों जैसी सेवा की। पास ही खड़ी गुजरात की लांबडिय़ा निवासी मेरू बाई पत्नी धर्मा, सूबरी निवासी गुजरी पत्नी वजा, ढेड़मारिया निवासी लीला पत्नी चंदू व एक अन्य महिला ने प्रसूता की मदद की।

मामले की जांच करवाएंगे
इतना करीब था मामला तो परिजन हॉस्पिटल ले आते। मुझे भी मामले की जानकारी मिली है। सीएचसी पर किसी ने सूचना नहीं दी। एंबुलेंस को फोन किया गया इसकी जानकारी तो नहीं मिली है। प्रसूता और इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे। शंकरलाल चव्हाण, ब्लॉक मुख्य चिकित्साधिकारी, कोटड़ा

नवनिर्वाचित अध्यक्ष महामंत्री का भव्य स्वागत

IMG_5324सभी कार्यकर्ता मिलकर राजस्थान विद्यापीठ को एक नई ऊंचाईयों पर पहुंचायेंगे – डॉ. धाकड़

उदयपुर ,जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय में गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के संगठन राजस्थान विद्यापीठ एवं कुल कर्मचारी संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. प्रकाष धाकड़ एवं महामंत्री आषीष एस. नन्दवाना का पंचायतन युनिट डबोक द्वारा भव्य स्वागत किया गया। चुनाव संयोजक डॉ. दिलिप सिंह ने बताया कि प्रातः 10 बजे डबोक चौराहे पर युनिट के सभी सदस्यों द्वारा नवनिर्वाचित सदस्यों का भव्य स्वागत एवं आतिषबाजी की गई। जुलूस के रूप में ठोल नागाणों के साथ निर्वाचित सदस्यों को डबोक गांव एवं यूनिट के सभी विभागों का दौरा किया गया जहां इनका स्वागत किया गया। जुलूस का समापन होम्योपेथी महाविद्यालय में किया गया। जहां समापन समारोह रखा गया। समारोह की अध्यक्षता कुल सचिव रियाज हुसैन ने की। अपने संक्षिप्त उद्बोधन में नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. प्रकाष धाकड़ ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ता मिलकर राजस्थान विद्यापीठ को एक नई ऊंचाईयों पर पहुंचायेंगे तथा कार्यकर्ताओं की सही मांगों के लिए संघर्ष करेंगे। इस अवसर पर प्राचार्य राजन सूद, अधिष्ठाता अरूण पानेरी, मनोज रायल, डॉ. संजीव राजपुरोहित, कृष्ण कांत नाहर, घनष्याम भीण्डर, श्रवण शर्मा, प्यारेलाल नागदा, आरीफ मोहम्मद, डॉ. बबीता रसीद, डॉ. लिलि जैन, डॉ. नवीन विष्नोई, डॉ. अजिता रानी ने अपने विचार व्यक्त किये।
घनष्यामसिंह भींडर
जनसंपर्क अधिकारी

नारायण सेवा संस्थान का लन्दन मे भामाषाह सम्मेलन

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गुजराती गरबा व गीत- संगीत से भारतीय प्रवासी मंत्र-मुग्ध
उदयपुर ,नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में 25 अप्रेल से 4 मई तक लन्दन (यु.के.) के विविध क्षेत्रों में स्नेह मिलन एवं सत्संग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को हरिबेन बच्चु भाई नागरेचा हॉल लन्दन में स्नेह मिलन एवं समाज सेवी भारतीय प्रवासियों का सम्मान समारोह आयोेजित किया गया। संस्थान के संस्थापक श्री कैलाष ’मानव’, लन्दन के पुज्य स्वामी बापू रानीगा परिवार, रमणीकभाई रानिगा, दिनेष भाई रंानिगा व हरीष भाई रानिगा ने दीप प्रजज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि श्री मनोज भाई पंखानिया ने कहा कि प्रभु के दर्षन कहा हांेगे, यह किसी को पता नहीं। नारायण सेवा संस्थान जन्मजात पोलियो विकलागों की निःषुल्क चिकित्सा कर उन्हें अपने पंावों पर खडा करने का जो कार्य कर रहा है वह सचमुच साक्षात् नारायण की ही पूजा है। श्री कैलाष मानव ने भारत में नारायण सेवा संस्थान की स्थापना कर गरीबों, निराश्रितों, विकलांगों एवं असहाय महिलाओं व बच्चों की चिकित्सा एवं सेवा के लिए बडा काम किया है। जिस पर हम भारतीय प्रवासियो को गर्व हैं। कार्यक्रम में संस्थान संस्थापक कैलाष ’मानव’ ने कहा कि संस्थान सात समुद्र पार के देषों मे निवासरत् उन भारतीयों का आभारी है, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और सेवा सन्देष को अपनी दिनचर्या में शामिल कर भारत की मिट्टी की खुषबु को सहेजा है। अपने उद्बोधन में, संस्थान अध्यक्ष श्री प्रषान्त अग्रवाल ने संस्थान की 28 वर्षीय सेवा यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि संस्थान के सेवा महातीर्थ बड़ी, उदयपुर में 200 निराश्रित बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि श्री वीनु भाई नागरेचा, श्री जगदीष पामेचा, श्रीमती कान्ता बेन, सिद्ध आश्रम के गुरू श्री राजेष परमार, श्री हसमुखभाई गोहिल, श्री सुभाषभाई, प्रकाष भाई, यू.सी. पटेल, उर्मिल बेन, नवीन भाई-बल्लुभाई, कान्तीलाल टेलर श्री हसमुखभाई थे । राज ज्वेलर्स की ओर से श्री कैलाष मानव का अभिनन्दन किया गया । संस्थान की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर मेवाडी पाग और श्रीनाथजी का उपरणा पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया। कार्यक्रम के दौरान 400 से अधिक लोगों को गुजराती गरबे एवं भारतीय संस्कृति से ओत्-्प्रोत गीत-संगीत की रंगा-रंग प्रस्तुतियों ने वहा उपस्थित सभी महानुभावों का मन गद्-गद् कर दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री महिम जैन ने किया।

रविवारीय श्रमदान

SHRAMDAAN RAVIVARIY 8AMउदयपुर, पिछोला झील पर चांदपोल नागरिक समिति एवम डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित रविवारीय श्रमदान के दौरान झील से पूजन सामग्री ए नारियल ए पुराने कपड़ेए पोलिथिन की थैलिया ए जलीय घास सहित घरो से फेंके गये कचरे ए मांस के टुकड़े ए सडांध मारति खाद्य सामाग्री निकालीं गयी। श्रमदान में तेज शंकर पालीवाल ए ज्योत्सना झाला ए मोहन सिंह चौहान एराम लाल गेहलोत एअम्बा लाल नकवाल एनितिन सांईएप्रताप सिंह राठोड़ एदुर्गाशंकर पुरोहित एकुलदीपक पालीवाल ए नन्द किशोर शर्मा सहित कई नागरिको भाग लिया।
श्रमदान पश्चात हुये सम्वाद मे झील संरक्षण समिति के सह सचिव अनिल मेहता ने कहा कि जिला प्रशाषन द्वारा हाल ही जलधारा योजना के तहत 129 तालाबों के सुधार का निर्णय स्वागत योग्य है लेकिन फाँदातालाब एफ़ूटा तालाब ए नला तालाब मण्डोपा तालाब एरूपसागर एतितरड़ी क तालाब जैसे शहरोँ के तालाबों को भी इसमे सम्मिलित करतें हुये समस्त तालाबो का मूल जल भराव क्षैत्र पुनः कायम करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोर शर्मा ने स्वरुप सागर स्थित नयीं पलिया पर कचरे ए निर्माण सामग्री तथा बेतरतीब तरफ़ फैल रही गन्दगी व बदबू पर अफ़्सोस व्यक्त करते हुये प्रशाषन से इसे तुरन्त हटाने का आग्रह किया। चांदपोल नागरिक समिति के अध्यक्ष तेज शंकर पालीवाल एवं पहल संस्थान की ज्योत्सना झाला ने झीलों में हाईस्पीड बोट के संचालन पर खेद व्यक्त करते हुए इसे रोकने तथा झील क्षैत्र के पास पेड़ो पर लाइटिंग लगाने के नये चलन को पक्षियों के आवास से छेड़छाड़ बतलाया। संवाद में चांदपोल दरवाजे व दीवारोँ जो हैरीटेज सम्पदा है के रखरखाव पर प्रशाषन द्वरा सफाईं व्यवस्था नहीं करने को दुर्भाग्य पुर्ण कहा। इस अवसर पर नागरिको से फ़िर आग्रह किया गया कि झीलों को कचरापात्र बनाये एवम प्रशसन व परिषद से आग्रह किया कि झीलों को गन्दगी से बचाने के पुख्ता प्रबन्ध करे।