पुलिस ने दिखाई मानवियता, स्वयं के खर्चे पर शव भेजा

हिरणमगरी थाना क्षेत्र में मिले शव की शिनाख्त

नाम पर सम्पत्ति नहीं होने पर परिजनों ने किया था शव लेने से इंकार

उदयपुर, ’पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से जुदा नहीं’ यह कहावत आज लेकसिटी में एक युवक की मौत पर चरितार्थ हुई। युवक के नाम सम्पत्ति नहीं होने पर उसके परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। इस पर पुलिस ने स्वयं के खर्चे पर शव को उसके घर पहुंचवाया जिसके पश्चात युवक का अंतिम संस्कार हो पाया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को हिरणमगरी थाना क्षेत्र के जडाव नर्सरी की गटर के पास एक अज्ञात युवक का शव मिला था। पुलिस ने जिसकी शिनाख्त रेलवे कॉलोनी के समीप पथिक नगर सविना निवासी गणेश (२८) पुत्र चुन्नीलाल के रूप में की। शिनाख्तगी के बाद जब पुलिस ने इसकी सूचना परिजनों को दी तो उन्होंने शव लेने से इंकार कर दिया।

जानकारी में आया है कि मृतक के नाम कोई सम्पत्ति नहीं होने के कारण परिजन उसके शव को लेने से आनाकानी कर रहे थे। परिजनों के नहीं आने पर रविवार को हिरणमगरी थाना एएसआई रामलाल ने परिजनों को बुलवाकर पोस्टमार्टम करवाया और स्वयं के ही खर्चे पर एम्बुलेंस की सहायता से युवक के शव को उसके घर पहुंचाया।

कर्बला के शहीदों को सलाम

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[quote_center]हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और कर्बला में शहीद हुए तमाम शहीदों की याद में रवीवार को योमे आशूरा मनाया गया और शहर भर में ताजियों के जुलुस दो चरण में निकाले गए सुबह और शाम को निकलने वाली ताजियों की सवारी में अपार जन समूह उमड़ा।[/quote_center]

Muharram Procession in Udaipur 2012
रविवार को मुहर्रम की दस तारीख को योमे आशुरा मनाया गया ताजियों की सवारियों को पुरे जोश खरोश के साथ निकला गया ताजिये दो चरण में निकले जिसमे सुबह १० बजे से शहर के सभी मुस्लिम मोहल्लों के के करीब २० ताजिये व् कई छोटी बड़ी मेह्न्दियों का जुलुस हाथीपोल हर्वेन जी के खुर्रे से रवाना हुआ सब से आगे महावत वाड़ी के ताजिये थे उसके बाद सिलावट वाड़ी, कल्ले सात , आदि कई मोहल्लों के सजे धजे ताजिये थे अबरक से बना ताजिया आकर्षण का केंद्र रहा , ताजियों की सवारी पुरे जोश खरोश , और या हुसैन या हुसैन की मातमी गुंजों के साथ आगे बड़ा साथ में युवा ढोल नगाड़ों पर मातमी ताल बजाते चल रहे थे ।
घंटा घर पर घेरा बना कर कई देर तक युवाओं ने या हुसैन या हुसैन कर मातम मनाया जुलुस घंटा घर से गणेशा घाटी होता हुआ पांडू वाड़ी पंहुचा जहा पर ताजियों और मेह्न्दियों को ठंडा किया गया । कई जागरूक लोगों ने ताजियों को ठंडा नहीं किया और झील बचाओ का नारा लगते हुए पानी का छिटा लगा कर वापस ले आये ।
Muharram Procession in Udaipur 2012
शाम को शुरू हुआ बड़े ताजियों का दुसरा चरण जिसमे अकीदतमन्द भारी संख्या में मोजूद रहे । दुसरे चरण के ताजियों के लिए तीनों बड़े ताजियों के अलघ अलग खंड जुलुस के रूप में १ बजे से तीज के चोक में लाना शुरू हो गए अलीपुरा , बड़ी पलटन , और ढोली बावड़ी के बड़े ताजिये तीज के चोक में जमा होकर वही सरे खंड जमाये गए और करीब ४ बाजे वहां से ताजियों का जुलुस निकला गया तिन बड़े ताजियों के साथ विभिन्न मोहल्लों के छोटे ताजिये भी  थे ।
सबसे आगे धोलीबावड़ी के ताजिये जिसको अलनावाज़ कमिटी के युवाओं ने अपने कंधों पर उठा रखा था सर पर सबके सफ़ेद रुमाल बंधा हुआ और सब युवा या हुसैन के नारों के साथ ताजियों को आगे ले कर बड़ा रहे थे साथ में माइक पर नात और मर्सियाह भी पड़ा जारहा था । धोली बावड़ी के बड़े ताजिये अपने आप में एक कारीगरी और आर्ट का नमूना थे ताजियों पर बड़ी बारीकी से पेपर और रंग बिरंगे पन्नी और थर्मा कोल का खुबसूरत काम किया गया था ।
Muharram Procession in Udaipur 2012
दुसरे न. पर अलीपुरा के ताजिये थे उनको भी स्थानीय युवाओं ने बड़े करीने से काँधे पर उठा रखा था और सबसे आखिर में बड़ी पलटन के बड़े ताजिये थे , सभी ताजिये भडभुजा घटी बड़ा बाजार घंटा घर जगदीश चोक होते हुए रात ८ बजे तक लाल घाट स्थित कर्बला पहुचे जहाँ ताजियों को ठंडा किया गया ।
इस बिच बड़ा बाजार स्थित चिल्ले की मस्जिद पर ताजियों का मुकाम रुकवा कर सभी रोजदारों का रोजा खुलवाया गया और जगदीश चोक में विहंगम द्रश्य देखने को भरी जन सैलाब उमड़ा अन्धेरा होते ही सभी ताजिये आकर्षक रौशनी से जगमगा उठे ।
मन्नतें उतारी  
दुसरे चरण की सवारी में बड़े ताजियों पर कई लोगों ने अपनी मन्नतें उतारी तो कई यों ने मन्नते ली , कोई ताजियों के आगे लोटा तो कोई अपने बच्चे को लेकर ताजियों के निचे से निकला , जगह जगह महिलाओं ने फूल के सेहरे और नारियल पेशा किये ।
हर जगह सबिले लगायी गयी थी जिसमे शरबत चाय , पानी , हलवा , आइस क्रीम , पुलाव हलिम आदि खिलाये गए , हलिम तो शाम होते होते हर मुस्लिम मोहल्ले की हर गली में बनता हुआ दिखाई दिया ।

चैन व मंगलसूत्र छिना

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उदयपुर, । शहर के हिरणमगरी क्षैत्र में स्कूटी सवार महिला के गले से बदमाश चेन व मंगलसूत्र छिन ले गये।

पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार सवेरे हिरणमगरी सेक्टर 5 गोयल होस्पीटल के पिछे स्कूटी सवार आदर्शनगर हाउसिंग सोसायटी विद्यानगर सेक्टर 5 निवासी अंजना पत्नी प्रकाश चन्द्र जैन के गले से बाइक सवार दो बदमाश सोने का मंगल सूत्र व चेन छिन ले गये। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने क्षैत्र में नाकाबंदी करा बदमाशों की तलाश शुरू की। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। पूछताछ में पता चला कि सेक्टर ५ में आयोजित शादी समारोह से अंजना अपनी पुत्री सफीला के साथ स्कूटी पर घर लोट रही थी। इस दौरान गोयल हास्पीटल पिछवाडे में स्थित गली में पिछे से आये बाइक सवार दो बदमाशों ने गले पर झपट्टा मार आधी चेन,आधा मंगलसूत्र छिनने में कामयाब हो पाये। इसका पता चलने व चिल्लाने तक बदमाश मनवा खैडा रोड की तरफ भाग निकले। २० वर्षीय बाइक चालक काला जाकेट व पिछे बैठा मोटा बदमाश ब्राउन जाकेट पहने था।

 

ताजियों की जियारत के लिए उमडे अकीदतमंद

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मोहर्रम आज
सुबह छोटी और शाम को बडे ताजियों की निकलेगी सवारी
उदयपुर , हजरात इमाम हुसैन की याद में मुहर्रम की 9 वीं तारीख शनिवार को कतल की रात में ताजियों को जियारत के लिए अकीदतमंदो की भीड रही वहीं रविवार को मोहर्रम पर्व पर विभिन्न मौहल्लो से ताजियों की सवारी निकाली जाएगी।
मुहर्रम की नवीं तारीख की रात कतल की रात मनाई गयी जिसमे विभिन्न मोहल्लों में ताजियों को ज्यारत की लिए रखा गया । ताजियों पर विभिन्न तरह के सेहरे और चांदी की चीजें चडा कर मन्नत पूरी की गयी बडे ताजियों के मुकाम पर खासी भीड रही धोली बावडी में ताजियों और मस्जिद पर लाइटिंग की खास सजावट की गयी जिससे पूरी धोली बावडी जगमगा उठी और रात देर तक श्रद्घालुओं का सैलाब उमडता रहा । चेतक स्थित बडी पलटन मस्जिद के बाहर भी बडे ताजिये रखे गए और वहां भी मन्नतों और फातेहा का दौर देर रात तक चलता रहा । अलीपुरा में भी बडे ताजियों के मुकाम पर खासी भीड रही ।
धोली बावडी से सुथार वाडा अश्विनी मार्केट हाथीपोल और चेतक तक रात 8 बजे से ट्राफिक बंद रहा और श्रद्घालुओं का सैलाब उमडता रहा , जगह जगह सबिले लगाई गयी , पुलाव हलिम के लंगर बनते रहे सबिलों में शरबत , चाय , कोफी, मिल्क शेक , तो कही हलवा तकसीम होता रहा ।
150 वर्ष पुरानी छडी मिलन : सलामी की रस्म शनिवार कतल किरात में नहीं हुई । मेवाफरोश और नायकन समाज द्वारा सामूहिक फैसला कर सलामी की रस्म नहीं करने का निर्णय किया था ,हलाकि पुलिस जाब्ता भडभूजा घाटी पर मोजूद रहा लेकिन सलामी नहीं हुई और समझदार समाज जनों का कहना था की ये समाज की राह में तरक्की का एक कदम समझा जाना चाहिए ।
रविवार को मुहर्रम की दस तारीख पर ताजिये दो चरणों में झील में ठंण्डे किये जायेगें पहले चरण में सुबह 10 बजे हर्वें जी के खुर्रे हाथी पोल से ताजियों का जुलुस रवाना होगा जो गणेश घाटी होता हुआ पांडू वाडी पहुचेगा जहा ताजियों को पिछोला में ठंण्डे किये जायेगे । दुसरे चरण में बडे ताजियों का जुलुस रवाना होगा जो तीज का चोक धान मंडी से जो चोखला बाजार , भडभुजा घाटी ,मोचीवाडा , घंटा घर , जगदीश चोक होते हुए कर्बला जायेगे जहाँ ताजियों को ठन्डे किये जायेगें ।

पाबंदी के बावजूद सलामी की रस्म करने पहुंचे युवा

पुलिस अधिकारियों ने की समझाइश, नहीं मानने पर किया बल प्रयोग

उदयपुर, मोहर्रम पर भडभुजा घाटी में हर वर्ष होने वाली छडी मिलन (सलामी) की रस्म पर पाबंदी लगने के बाद भी कुछ युवक छडी व ताजिये को लेकर सलामी स्थल के लिये रवाना हुए। जिसे पुलिस ने हवा में लाठियां घुमा हल्का बल प्रयोग कर पुन: लौटाया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आज रात भूपालवाडी स्थित छडी मिलन वाले स्थान पर भडभुजा घाटी से कुछ युवा मोहर्रम लेकर छडी मिलन (सलामी) के लिए रवाना हो गए। इसके लिए मोतबिर लोगों ने भी उन युवाओं से समझाइश की। नहीं मानने पर पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अतिरित्त पुलिस अधीक्षक तेजराज सिंह, डिप्टी दयानंद सारण व अधिकारियों ने समझाइश का प्रयास किया। बात बनते नहीं देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड को तितर-बितर किया एवं ताजिये को पुन: उसके मुकाम पर रखवाया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पूर्ण नियंत्रण में है एवं नायकवाडी क्षेत्र में भी पुलिस जाब्ते को बढा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि करीब 150 वर्षों से चली आ रही इस छडी मिलन (सलामी) की परंपरा पर मुस्लिम युवाओं की पहल एवं मौतबिरों ने हर वर्ष बढ रही झगडों की घटना को देखते हुए शुक्रवार को इसे बंद करने का पै*सला लिया था। इसी के प*लस्वरूप आज ताजियों को जियारत के लिए अपने मुकाम पर ही रखे गए थे।

खूब गूँजे ‘काका’ पर फिल्माये गीत

उदयपुर ,। शनिवार की शाम ‘एक शाम काका के नाम’ आजाद अनुरंजनी श्रृंखला का प्रथम कार्यक्रम में हिन्दी फिल्मों सुपर स्टार रहे ‘राजेश खन्ना’ पर फिल्माये गीतों से ऐश्वर्या कॉलेज प्रांगण गूँज उठा। इस शाम के गवाह रहे मुख्य अतिथि रोटरी क्लब उदयपुर के रोटे. रमेश गर्ग।

रोटरी अन्तर्राष्ट्रीय के तहत इंटरनेशनल फैलोशिप ऑफ रोटेरियन म्यूजिशियन (आई.एफ.आर.एम.) डिस्ट्रीक्ट 3050 व हॉरमनी म्यूजिक क्लब के संयुक्त तत्वावधान में इस संगीतमय संध्या में शहर की जानी-मानी हस्तियों ने ‘राजेश खन्ना’ पर फिल्माये गीतों की अपनी आवाज़ देकर ‘काका’ को बेहतरीन स्वरांजलि पेश की और संगीतमय लम्हों को यादगार बना दिया।

एक शाम काका के नाम की शुरूआत इंटरनेशनल फैलोशिप ऑफ रोटेरियन म्युजिशियन (आई.एफ.आर.एम) डिस्ट्रिक्ट 3050 की अध्यक्ष रोटे. डॉ. सीमा सिंह स्वागत उद्बोधन देते हुए आई.एम.आर.एम. के बारे में जानकारी दी और बताया कि ‘एक शाम काका के नाम’ का आयोजन काका को संगीतमय स्वरांजलि है। मुख्य अतिथि रोटे. रमेश गर्ग ने कहा कि संगीत हमेशा से ही हमें नहीं स्फूर्ति व नयी ऊर्जा प्रदान करता है और गीत जब ‘राजेश खन्ना’ पर फिल्माये गये हो तो हर शख्स गुनगुना उठता है। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट 3050 की सहायक प्रांतपाल रोटे. स्वर्णा गर्ग ने आई.एफ.आर.एम. के सदस्यों को संगीत पिन प्रदान की। हॉरमनी म्यूजिक क्लब की समन्वयक श्रीमती शालिनी भटनागर ने बताया कि एक शाम काका के नाम मे रोटे. डॉ. स्वीटी छाबड़ा ने अपनी सुरीली आवाज़ में ज़िंदगी के सफर में गुजर जाते हैं वो मुकाम… फिर नहीं आते….. सुनाकर खूब तालियां बंटौरी। रोटे. डॉ. सीमा सिंह ने दिवाना लेके आया है…. और शालिनी राघव भटनागर ने करवटे बदलते रहे सारी सात हम…… प्रस्तुति देकर वातावरण को मदहोश बना दिया। इसके अलावा श्री अरूण लाहोटी ने कहीं दूर जब दिन ढल जाये… श्री रमेश मोदी द्वारा गाये गीत-हमें तुमसे प्यार कितना… पुनीत सक्सेना के मेरे दि लमे आज क्या हैं… ने खूब वाहवाही लूटी। रोटे. स्वर्णा गर्ग ने मैंने तेरे लिये सात रंग….. और रोटे. श्रद्धा गट्टानी ने जय-जय शिवशंकर सुनाकर उपस्थित जनों को झुमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में श्री रोहन भटनागर ने औ मेरे दिल के चैन…. उस्ताद फैयाज खान ने-ये लाल रंग कब मुझे…., मंगेश्वर वैष्णव द्वारा गाये गीत-दिये जलते हैं… और मास्टर यश और-युग भटनागर द्वारा प्रस्तुत गीत-मेरे सपनोें की रानी कब आयेगी….. तू सूनाकर मदमस्त कर दिया…।

राजेश खन्ना की जीवन यात्रा पर आधारित कार्यक्रम का संचालन रोटे. रमेश मोदी व रोटे. डॉ. स्मिता सिंह ने किया। आखिर में फैयाज खान और मंगेश्वर वैष्णव ने आभार जताया।

अब नहीं होगा छड़ी मिलन

उदयपुर, ताजियों के दौरान हर वर्ष होने वाले झगडे से परेशान होकर मेवाफरोश ओर नायकान समाज ने पहल करते हुए प्रशासन को लिखित में दे दिया अब भडभूजा घाटी पर मुहर्रम की 9 तारीख को रात होने वाले छडी मिलन की रस्म नहीं होगी।

उल्लेखनिय है कि मोहर्रम की रात २ बजे भडभूजा घाटी पर वर्षो से चली आ रही छडी मिलन की परम्परा रही है। जिसमें मेवाफरोश व नायको की छडी मिलन होता था जिसको देखने हजारों की संख्या में लोग आते है पिछले कुछ वर्षो से मोहर्रम की सात तारीख को छडियों का जुलूस व छडी मिलन में हो रही चाकूबाजी की घटनाओं से तंग आकर दो वर्ष पहले बडी पलटन का मोहर्रम चमनपुरा लाने की परम्परा भी समाप्त की और अब गुरूवार को हुई चाकूबाजी की घटना के बाद मेवाफरोशियों व नायको के बुजुर्ग व नौज्वानों ने फैसला लिया कि अब भडभूजा घाटी पर मोहर्रम की ९तारीख को रात होने वाले छडी मिलन नहीं होगा। मेवाफरोशान की तरफ से रहीम बक्ष पटेल, नजर मोहम्मद, जाकीर हुसैन आदि तथा नायकान समाज की तरफ से सदर जान मोहम्मद आदिने सर्व सम्मति से जिला कलक्टर को लिख कर दे दिया कि आज के बाद भडभूजा घाटी में छडी मिलन नहीं होगा। समाज के लोगों का कहना है कि यह एक अच्छा निर्णय लिया गया है वेसे भी छडियों के मिलन का कोई ऐतिहासिक या सामाजिक महत्व नहीं था। अंजुमन सदर शराफत हुसैन ने भी छडी मिलन नहीं होने के निर्णय का स्वागत करते हुए मेवाफरोशन व नायकान समाज का धन्यवाद दिया।

लेकसिटी में दिखने लगा सर्दी का असर

उदयपुर, घाटी में हुई बर्फ बारी का असर अब लेकसिटी में भी दिखने लगा है और सर्दी जोर पकडने लगी है। जहां बडों की सर्दी से परेशानी हो रही है तो बच्चे भी सर्दी में सुबह-सुबह स्कूल जाने में मुंह बिगाडने लगे है।

मौसम विभाग के अनुसार गुरूवार को न्यूनतम 10 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया है। सुबह और शाम के तापमान में अधिक गिरावट आ जाती है। दिन में बिना स्वेटर व या जैकेट के चल जाता है लेकिन शाम होते ही स्वेटर जैकेट और शॉल की जरूरत महसूस होने लगती है। दुपहिया वाहनधारी टोपे पहने भी नजर आने लगे है।

सबसे ज्यादा परेशानी सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले नन्हे मुन्हे बच्चों को हो रही है। ये बच्चे मुंह बिगाडते हुए स्वेटर, मप*लर, टोपे पहने ऑटो या स्कूल बस में दिखाई देते है। पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों के मुंह तो सर्दी की खीज की वजह से फूले हुए रहते है और सोचते है कैसे स्कूल से बचा जाए। कई स्कूलों में टाईम में बदलाव कर सुबह 7 बजे की जगह 8 .30 बजे का कर दिया है। सुबह और शाम के तापमान में अंतर के चलते मौसमी बीमारियों की भी आशंकाएं बढ गई है। शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में बच्चों को सर्दी से बचाए रखना जरूरी है। उन्हें गरम कपडे और टोपे, मोजे अवश्य पहनाएं।

बाल विवाह को रोकने के लिए कलक्टर की पहल

शादी कार्डों पर दूल्हा-दुल्हन की जन्मतिथि अंकित करने के निर्देश

…तभी मुकम्मिल मानी जाएगी विवाह पत्रिका

बांसवा$डा, शादी-ब्याह के लिए छपवाएं जाने वाले निमंत्रण पत्रों पर अब दूल्हा-दुल्हन की जन्मतिथि अंकित करने के साथ ही बालिग होने का प्रमाण पत्र देना आवश्यक होगा। जिला कलक्टर कुंजबिहारी गुप्ता ने जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए इस आशय के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में जिला कलक्टर एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी कुंजबिहारी गुप्ता ने जिले में बाल विवाहों को रोकने की दृष्टि से जिले के समस्त प्रिन्टिंग पे*स मालिकों को निर्देशित किया है कि वे विवाह कार्ड छापते समय वर एवं वधु की आयु के संबंध में प्रमाण पत्र प्राप्त करें और वर तथा वधु की जन्मतिथि आवश्यक रूप से निमंत्रण पत्र पर अंकित करें। कलक्टर गुप्ता ने इस आदेश के साथ ही देव प्रबोधनी एकादशी, बसंत पंचमी, फुलेरा दूज तथा अक्षय तृतीया पर बाल विवाहों की संभावनाओं को देखते हुए उनकी रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर के कार्मिक यथा पटवारी, गिरदावर, सचिव, बीट कांस्टेबल, हेल्पर, एएनएम, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता, सहायिका, सहयोगिनी,साथिन, गांव में स्थित किसी भी स्तर के विद्यालय के प्रधानाध्यापक व गांव के किसी भी सरकारी कार्यालय के कर्मचारी को पाबंद किया है कि वे बाल विवाह के आयोजन की सूचना तत्काल प्रभाव से उस क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी को देवें। इसके अलावा उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को विवाह में प्रयुक्त होने वाले वाहनों को परमिट देते समय इस बात को प्रमाणित करने के निर्देश दिए हैं कि वाहन बाल विवाह में उपयोग में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने विवाह के कार्य करवाने वाले बेण्ड बाजा मालिक, हलवाई, पण्डितों को भी निर्देशित किया है कि वे कत्र्तव्यनिष्ठ रहते हुए इस प्रकार का बाल विवाह नहीं करवाएं। कलक्टर ने बताया कि आदेश की अवहेलना करने वाले दोषी व्यक्ति

युवाओं ने सरहद को प्रणाम किया

उदयपुर, फ़ोरम फॉर इनटीग्रंटेड नेशनल सिक्योरिटी के आव्हान पर आयोजित राष्ट जागरण अभियान में देश के 12000 युवाओं ने ’’ सरहद को प्रणाम’’ कार्यक्रम में भाग लेकर सीमावर्ती क्षैत्रवासियों के साथ संवाद किया।

यह जानकारी फिन्स राष्ट्रीय सचिव सेवानिवृत्त आई ए एस आशुतोष गुप्ता ने शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि देश में पनप रहे माओंवाद, आतंकवाद, बम , घुसपेठ, एवं पडोंसी देशों के आक्रमण से भारत की सीमा घटी है। जो देश की अखंडता के लिए खतरा बनती जा रही है। देश की सुरक्षा केवल सैना का ही नहीं अपितु देशवासियों की भी जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 2003 में गठित फिन्स संगठन की ओर से 19से 22 नवंबर तक आयोजित ’’सरहद को प्रमणा’’ राष्ट्र जागरण का अभियान में भारत के 800 से अधिक जिलों के 12 हजार युवा अपने क्षैत्र से नदी कर जल लेकर देश की जमीनी सीमाओं पूर्वोत्तर, पंजाब कश्मीर, बिहार में स्थित भारत की सीमाओं सहित देश भर की 151067 किमी सीमाक्षैत्रों पर बनी 589 चोकियों पर पहुचे वहां जाकर शहीदों को श्रद्घाजली दी अभिषेक किया,सैनिकों रक्षा सूत्र बांधा तथा मानवश्रंखला बनाकर देश की एकता एवं अखंडता को प्रदर्शित किया इस दोरान युवाओं ने प्रशासन तन्त्र व आम जनस मुदाय से संवाद किया। 22 नवंबर को देश के युवा वापस अपने अपने स्थानों की ओर लोटकर गांव स्तर तक राष्ट्रीय एकता अखंडता के लिए आम जन में जागृति पैदा करेगे।उन्होंने कहा कहा कि देश की सुरक्षा कटींली बाड व सेना से संभव नहीं है यह देश के आम नागरिकों की जिम्मेदारी सीमावर्ती क्षैत्रों में दुश्मनों के फैले जाल को तोडने के लिए आवश्यक है नागरिक जागरूकता के लिए सरहद पर गये युवाओं ने मोके पर आने वाली समस्याओं को चिन्हींत किया है। जिसे प्रारूप तैयार कर सरकार, सेना, व अन्य संगठनों को भेज कर उन्हें अमल में जाने के लिए सरकार को अवगत करवाया जाएगा। गुप्ता ने कहा कि देश भर से आये युवाओं को 88 आधार शिविरों में रखकर उन्हें मार्ग में आने वाली चूनौतियों से अवगत करवाया । संभाग से गये 50 युवा 24 नवंबर को इंटरसिटी से शहर पहुचने पर उनका स्वागत किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर 4 दिसंबर को ’’सरहद को प्रणाम’’ कार्यक्रम नगर परिषद प्रांगण में आयोजित किया जाएगा ।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार नागरिकों का मार्ग दर्शन करेंगे।