दशहरा-दीपावली मेला बना झमेला

आए दिन बदले जा रहे है कलाकार

उदयपुर, नगर परिषद मेला झमेला बनता जा रहा है कलाकारों को लेकर अभी तक भी स्थिति साफ नहीं हुई है। घोषणा के बाद बुधवार को फिर कलाकारों में बदलाव किया गया।

नगर परिषद द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुतियों के लिए शुरू से ही विवाद की स्थिति बनी रही बडे बडे और अच्छे कलाकारों की घोषणा फिर बजट का बहाना बनाकर निचले स्तर के कलाकारों को बुलाया जाना तय हुआ उसमे भी ७ नवम्बर को रश्मि देसाई की व्यस्तता की वजह से वह भी नहीं आएगी तो उपासना सिंह, वर्षा कुलकर्णी को बुलाना तय हुआ। अब आज पता चला कि उपासना भी शूटिंग में व्यस्तता के चलते नहीं आ रही तो आईटम डांसर संभावना सेठ की घोषणा की। पाप सिंगर मीका और दलेर मेहंदी में से किसी एक को बुलाने की घोषणा की थी वह भी पूरी नहीं कर पाये और हंसराज हंस को बुलाया जा रहा है। जनता को उम्मीद रहती है कि परिषद मेले में क्वालिटी के कलाकार बुलाये जायेगें लेकिन आपसी खींचतान और बजट का बहाना बना कर निचले स्तर के कलाकारों को बुला लिया जाता है।

शरद पूर्णिमा पर रोशन हुई आँखे

0

उदयपुर, अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान द्वारा शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर ५० नेत्र रोगियों का नेत्र प्रत्यारोपण कर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गयां

संस्थान द्वारा कमध्वज महाराज भैरूङ्क्षसह मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में २१ अक्टूबर को गांव पारागढ में एक दिवसीय निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान उदयपुर के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डा.लक्षमण ङ्क्षसह झाला ने रोगियों की जांच कर परामर्श प्रदान किया। शिविर में ४३२ रोगियों का परीक्षण कर ६८ मरीजों को ऑपरेशन के लिए चयनित किया गया। कमध्वज ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमती सम्पत कुमारी ने बताया कि ऑपरेशन के लिए चयनित रोगियों का बुधवार को अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान उदयपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। सभी रोगियों को दवा ट्रस्ट की ओर से निशुल्क वितरित की गई। गांव रामपुरिया, तहसील राशमी, जिला चित्तौड में आयोजित अन्य शिविर लगाए गए १० मरीजों व पारा में चयनित ४० मरीजो का विशेष पद्घति द्वारा निशुल्क बिना टांके के मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया।

प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लगेंगे शिविर

उदयपुर, नेशनल एडस कंट्रोल सोसायटी के निर्देशानुसार राजस्थान स्टेट एडस कंट्रोल सोसायटी द्वारा उदयपुर संभाग के १० क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए निशुल्क शिविर लगाया जा रहा है।

डिप्टी सीएमएचओ राघवेन्द्र राय ने जानकारी देते हुए बताया कि शिविर के दीपावली के पहले एक से १०नवम्बर तक मावली, भीण्डर, कुराबड, ऋषभदेव, सराडा, सलूम्बर, झाडोल, कोटडा और गोगुन्दा में आयोजित किया जायेगा जिसमें बाहर राज्यों में नौकरी करने गये युवक जो दीपावली के अवसर पर अपने घर आये युवकों उनकी पत्नी व बच्चों को निशुल्क चेकअप किया जायेगा जिसमें एचआईवी टेस्ट वीपीपी टेस्ट निशुल्क होगें व उन्हें दवाईयां दी निशुल्क हो जायेगी। जिला एडस बचाव नियंत्रक इकाई के पर्यवेक्षक डा.मनु मोदी ने बतायाकि इस १० दिनों के अभियान के लिए पांच डाक्टरों की टीमें गठित की है इसके साथ ही लेब टेक्निशियन नर्सिंग स्टाफ भी साथ रहेगें। मोदी ने बतायाकि यहां यह केम्प मुख्यत: एडस की जांच के लिए लगाया जा रहा है क्यों कि उदयपुर में एडस रोगियों की संख्या बढ रही है जिसका मुख्य कारण यहां के ग्रामीणों का अन्य राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में जाकर नौकरी करना। डा.मनु ने बताया कि इस केम्प को हि.जि.लि.व आरएसएमएम प्रायोजित कर रहे है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर मृतक आश्रितों को

६ लाख रुपये की आर्थिक सहायता

उदयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर उदयपुर जिलें की सराडा तहसील के काला पायरा, सर्सिया फला गांव में गत् २२ अक्टूबर को हुई आगजनी में चार मृतकों के आश्रित को सी.आर.एफ. योजना के तहत प्रति व्यक्ति १.५० लाख रुपये के हिसाब से कुल ६ लाख रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई है। आगजनी की इस दु:खान्तिका में बाबूलाल मीणा, उसकी धर्मपत्नी अम्बा देवी उर्फ अनिता, पुत्र सुनील एवं पुत्री कु. मनीषा का आकस्मिक निधन हो गया था।

गहलोत के निर्देश पर उदयपुर के जिला कलेक्टर विकास एस. भाले ने पीडित परिवार के चार सदस्यों की मृत्यु पर गहरा शोक प्रकट करते हुए पीडित परिवार के आश्रित लोकेश पुत्र बाबूलाल मीणा को ६ लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई। पीडित व्यक्ति के ७ वर्षीय पुत्र लोकेश के नाबालिग होने पर यह सहायता राशि उसके बैंक खातें में एफ.डी. के रूप में जमा रखी जायेगी।

पीडित परिवार के लोकेश के नाम मंगलवार को ही अनाथ पालनहार योजना के तहत भी राशि स्वीकृत की गई है। इसके अन्तर्गत लोकेश को प्रतिमाह ६७५ रूपये सहायता मिलेगी। माह नवम्बर एवं दिसम्बर २०१२ की राशि रुपये १६८३ की स्वीकृति भी तत्काल जारी कर दी गई। यह राशि आश्रित लोकेश की दादी श्रीमती दोली द्वारा प्राप्त की जायेगी।

एक ने गले में फंसी लगायी तो एक कुए में कूद गयी

उदयपुर जिले के झाडोल थाना क्षेत्र में पति से झगडा होने पर एक महिला ने घर के बाहर ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस सूत्रों के अनुसार भागुडी (५२) नानजी मीणा निवासी मोहम्मद फलासिया का अपने ही पति के साथ झगडा हो गया था। जिसके बाद वह घर से निकल गई और घर के सामने ही स्थित पेड पर फंदा उसने आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर मौके पर थाने से पहुंची पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

विवाहिता कुए में कूदी

जिलेके ओगणा थाना क्षेत्र में शराब के नशे में एक विवाहिता ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद मौके पर आए मृतका के पीहर पक्ष ने अभी तक मृतका के शव को कुएं से बाहर नहीं निकालने दिया गया है। दोनों पक्षों के बीच वार्ता चल रही है।

गीतांजलि के छात्र की मौत

उदयपुर, शहर के हिरणमगरी थाना क्षेत्र में एक ट्रक ने नर्सिंग छात्र को टक्कर मार दी। जिससे छात्र की मौके पर ही मौत हो गर्ई। घटना के बाद काफी संख्या में नर्सिंग छात्र मोर्चरी में एकत्रित हो गए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चिराग (२०) पुत्र नारायण पाटीदार निवासी धम्बोला डूंगरपुर हाल सेक्टर ६ में किराए के कमरे में रहता था और गीताजंलि चिकित्सालय में नर्सिंग का द्वितीय वर्ष का छात्र है। मंगलवार को वह बाईक लेकर किसी काम से सवीना की ओर जा रहा था। रास्ते में पीछे से आ रहे एक ट्रक चालक ने ट्रक से नियंत्रण खो दिया और फुटपाथ पर जाकर इस बाईक को चपेट में ले लिया। जिससे इस युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के शव को मोर्चरी में रखवाया और परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर मृतक के परिजन पहुंचे। सुबह मुर्दाघर में मृतक के काफी संख्या में मित्र भी एकत्रित हो गए थे। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कर लिया है। घटना के बाद से ही ट्रक चालक ट्रक छोडकर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक जब्त कर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

करंट लगने से युवक की मौत

0

उदयपुर जिले के डबोक थाना क्षेत्र में एक टेंट हाउस के कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के परिजनों ने मुआवजा राशी की मांग को लेकर हंगामा खडा कर दिया। टेंट हाउस संचालक की ओर से सवा दो लाख रूपए मुआवजा दिए जाने पर मामला निपटा।

पुलिस सूत्रों के अनुसार भगवतीलाल (३०) पुत्र मदनलाल नंगारची निवासी देवाली वर्तमान में खेमली स्टेशन स्थित तलिका टेंट हाउस में नौकरी करता है। मंगलवार को डबोक के रख्यावल गांव में आयोजित मेले में टेंट लगाने के लिए गया हुआ था। जिस स्थान पर वह टेंट लगा रहा था उसके उपर से ही खुले वायर जा रहे थे। काम करते समय अचानक भगवतीलाल का हाथ विद्युत के खुल वायरों से छू जाने पर वह गंभीर रूप से झुलस गया था। जिससे टेंट हाउस का संचालक बाबूलाल शर्मा ने एम.बी. चिकित्सालय में भर्ती करवाया। चिकित्सालय में उपचार के दौरान भगवतीलाल की मौत हो गई। इस सूचना पर सुबह दर्जनों की संख्या में मृतक के परिजन चिकित्सालय में पहुंचे और हंगामा खडा कर दिया। मृतक के परिजनों ने टेंट हाउस संचालक बाबूलाल शर्मा पर समय पर सूचना नहीं देने और एम.बी. चिकित्सालय में छोडकर भागने का आरोप लगाते हुए मौके पर बुलाने की मांग की। परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से भी इंकार कर दिया। करीब दो घंटे तक चले विरोध के बाद टेंट हाउस का संचालक एम.बी. चिकित्सालय में पहुंचा। परिजनों ने ५ लाख रूपए मुआवजे की मांग की। दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता में यह मामला २.२५ लाख रूपए में निपटा। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

मुख्य सचिव ने दिये वीडियो कान्फ्रेंसिंग महत्वपूर्ण निर्देश

प्रशासन शहरों के संग अभियान

उदयपुर, मुख्य सचिव सी.के.मेथ्यू ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि नवम्बर माह में शुरू हो रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान लोगों के लिये राहत भरा साबित हो सकता हे इसके लिये जिला कलक्टर सहित तमाम अधिकारी अभी से सर्वे कार्य एवं कार्यों का चिन्हिकरण करना प्रारंभ कर दें ताकि आयोजित होने वाले शिविरों में लोगों को मौके पर ही लाभान्वित किया जा सके ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्र के नागरिकों की समस्याओं के तत्काल निदान और विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए प्रशासन शहरों की ओर अभियान पूरे राज्य की नगर पालिका, नगर परिषद् व नगर निगम में आयोजित किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिला कलेक्टर्स से ‘प्रशासन शहरों के संग‘ अभियान की तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि शहरी क्षेत्रों की अधिकाधिक समस्याओं का समाधान हो। इसी उद्देश्य से कई कानून व नियमों में शिथिलता व ढील दी गई है तथा स्थानीय स्तर पर गठित एम्पावर्ड कमेटियों को पूर्ण अधिकार संपन्न बनाया गया है, जिससे मौके पर ही मामलों का निपटारा किया जा सके।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में दिये गये आदेश के अनुसार निकाय क्षेत्र की सिवायचक भूमि स्थानीय निकायों को स्थानांतरित कर दी जाए तथा इसकी पालना रिपोर्ट राज्य सरकार को भिजवायें। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिये कि निकायों को प्राप्त भूमि पर स्थानीय निकाय तारबंदी करवायें अथवा पिल्लर लगवाएं और इन पर अतिक्रमण न हो इसकी भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने आदेश दिये है कि शिविरों के संबंध में अधिकाधिक लोगों को जानकारी देने के लिए हर संभव प्रयास किये जाए। शिविर सुव्यवस्थित हो। संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाए। विशेष मामलों के संबंध में नगरीय विकास विभाग तथा स्थानीय निकाय निदेशालय से मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है।

वीडियो कॉन्प्र*ेंस के दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, ऊर्जा, सार्वजनिक निर्माण, राजस्व, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय व अधिकारिता और महिला एवं बाल विकास विभाग के उच्चाधिकारियों ने शिविर के दौरान उनके विभागों द्वारा किये जाने वाले कार्याें की जानकारी दी। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल, जिला कलक्टर विकास एस.भाले, आईएएस प्रशिक्षु होलियन लाल गुइटे, नगर विकास प्रन्यास के सचिव डॉ.आर.पी.शर्मा, नगर परिषद आयुक्त सत्यनारायण आचार्य, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक श्रीमती श्वेता फगडिया , जिला रसद अधिकारी एम.एल.चौहान, मुख्य आयोजना अधिकारी सुधीर दवे, सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

समस्त विद्यालयों के लिये होगी अब एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली

उदयपुर, भारत सरकार के निर्देशानुसार वर्ष २०१२-१३ से प्रांरभिक शिक्षा के डाईस तथा माध्यमिक शिक्षा के सेमिस को एक ही कार्यक्रम में शामिल कर इसे यू-डाईस नाम दिया गया है।

जिला परियोजना समन्वयक मोहनलाल धोबी ने बताया कि जिला शिक्षा सूचना प्रणाली(डाईस) भारत सरकार का समयबद्घ कार्यक्रम है अत: राज्य में ‘‘शिक्षा के अधिकार‘‘ कानून के परिप्रेक्ष्य में जिले के समस्त सरकारी/गैर सरकारी (मान्यता/गैर मान्यता प्राप्त) प्रावि,उप्रावि,मावि,उमावि, मदरसा एवं केन्द्रीय बोर्ड के समस्त विद्यालय ( जिनमें कक्षा १ से १२ का अध्ययन कराया जाता है) द्वारा इसमें वैध व विश्वसनीय सूचना भरी जाना आवश्यक है। डाटा कैप्चर फॉर्मेट (डीसीएफ) के माध्यम से इन विद्यालयों में पढने वाले बच्चों एवं विद्यालय सम्बंधी विभिन्न जानकारी संकलित कर एकीकृत कम्प्यूटरीकृत डाटाबेस तैयार किया जाना है। जिससे बेहतर शैक्षिक नियोजन आगामी वर्षाे में सुनिश्चित हो सके। भारत सरकार एवं न्यूपा नई दिल्ली द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर के माध्यम से डाटा प्रविष्टि, वर्गीकरण व सारणीयन कर विभिन्न मानक रिपोर्ट तैयार की जायेगी। जिले के समस्त ब्लॉकों में यू-डाईस हेतु डीसीएफ प्रपत्र का वितरण एवं इन्हें भरने का प्रशिक्षण दिया गया है।

हवाई दिलासे दे रहे है जनप्रतिनिधि

निर्माण निषेध क्षेत्र का मामला

किसी जनप्रतिनिधि ने विधि नेताओं से नहीं की चर्चा

उदयपुर, निर्माण निषेध क्षेत्र में नोटिस के बाद एक ओर जहां नोटिस मिलने वाले परेशान हुए दर-दर भटक रहे है दूसरी और जनप्रतिनिधि बिना दुख दर्द समझे सिर्फ हवा में बाते कर रहे है। हाईकोर्ट के आदेश आये एक महिना से ज्यादा हो चुका है लेकिन जनता को राहत देने के लिए अभी तक किसी ने प्रभावी कदम नहीं उठाया।

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार देखे तो उदयपुर शहर के करीब १.५० लाख जनता निर्माण निषेध क्षेत्र की चपेट में है और २५ हजार मकान और करीब दर्जन भर कालोनियां आ रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूआईटी और नगर परिषद ने करीब १५० मकानों को नोटिस भेजे नोटिस पाने वालो के साथ उन क्षेत्रों के लोगों की नींदे भी उडी हुई है। प्रभावित लोग एक जनप्रतिनिधि से दूसरे जनप्रतिनिधि के दर पर भटक रहे है। लेकिन सभी ने अभी तक सिर्फ आश्वासन ही दिये है अभी तक किसी नेता, जनप्रतिनिधि या उच्च अधिकारी ने जनता को राहत देने के लिए कोई कानूनी सलाहकार से चर्चा नहीं की सारी बाते बस हवा में की जा रही है।

किसी भी पार्टी के नेता हो: नगर परिषद सभापति ने १५ दिन पूर्व कहां था हम सहमति करेगें जनताको राहत दिलायेगें लेकिन अभी तक वह दिन नहीं आया। किरण माहेश्वरी ने भी राहत की बात कही लेकिन किसी कानूनी जानकारी से राय लेकर आगे का कोई कदम नहीं उठाया। शहर विधायक ने भी ज्ञापन दिया,जनता को राहत देने के वादे किये लेकिन किया क्या ना तो किसी कानून के जानकार से राय ली न ही कोई वकील से सम्पर्क किया। यही हाल कांग्रेसी नेताओं का भी है । सांसद रघुवीर मीणा, ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा, इन्होने भी जनता को बहलाने के लिए सिर्फ आश्वासन दिये ना तो मुख्यमंत्री से सम्पर्क साधा ना ही अधिकारियों से जानकारी मांगी। हाईकोर्ट के आदेश का भी किसी ने सही ढंग से अध्ययन नहीं किया। कानून के जानकारों के अनुसार आदेश में साफ लिखा है कि अवेध निर्माण तोडे जाये। उसमें कही नहीं लिखा कि मकानों को तोडा जाय और यूआईटी नगर परिषद जिनको नोटिस दे रही है। व सिर्प* खाना पूर्ति के लिए भेजी गयी सूची थी उन सूचि में किसी के नाम से आदेश नहीं है इसका मकान तोडा जाय। जिन व्यवसायिक अवेध निर्माणों को तोडना या उनके नामों सहित हाईकोर्ट ने आदेश दिये है। यूआईटी, नगर परिषद और प्रशासनिक अधिकारी आम जनता के बीच में लाकर एक गलती कर चुके है और अब और गलती करने जा रहे है।

राजस्थान जनजाति आयेाग के उपाध्यक्ष दिनेश तरवाडी ने प्रभावी कदम उठाते हुए सोमवार को पीडितों के साथ जयपुर जाकर मुख्यमंत्री से वार्ता की। जहां पता चला कि मुख्यमंत्री आम जनता पर बरसने वाले कहर से ही अंजान है उन्हे ना तो किसी अधिकारी ना ही अपनी पार्टी के स्थानिय नेताओं ने सूचित किया जितने भी ज्ञापन आये बस रद्दी की टोकरी में पहुंच गये।

कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर जनता को सही तरीके से पैरवी की जाए तो मकान को टूटने से बच सकते है।