कॉर्निवल की तैयारी, लेकसिटी में बेकरारी

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उदयपुर। क्या आपने कभी सोचा है कि रोजमर्रा की भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल ऐसे भी हों जो पूरी मस्ती से भरे हों। जिंदगी में तनाव से दूर सुकून के कुछ पल हों। तो इंतजार किस बात का..? आइए आप भी भास्कर के साथ कुछ इसी तरह के पलों में शामिल होकर जिंदगी जीने के नजरिए को बदल दीजिए।

जी हां यह सब दैनिक भास्कर मिराज लेकसिटी कॉर्निवल में संभव हो सकेगा। 27 नवंबर को होने वाले इस कॉर्निवल की तैयारियां जोरों पर हैं, तो इसे लेकर शहरवासियों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है। टाउन हॉल से फतह सागर तक निकलने वाले इस कॉर्निवल में हजारों की संख्या में प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। एचआरएच ग्रुप के पावर्ड में होने वाले इस आयोजन के स्पांसर हिंदुस्तान जिंक हैं। मुख्य सहयोगी में नारायण सेवा संस्थान तथा अन्य सहयोगियों में डिसाइड, वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर तथा बजाज सेवाश्रम हैं।

 होगी अंतरराष्ट्रीय थीम

बताया गया कि दैनिक भास्कर मिराज लेकसिटी कॉर्निवल में अंतरराष्ट्रीय थीम पर आधारित झांकियां होंगी। शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संस्थाओं ने भारतीय संस्कृति पर आधारित झांकियों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। डांस ग्रुप भी रोचक और आकर्षक प्रस्तुतियों की तैयारियों में जुटे हैं। कॉर्निवल का आगाज टाउन हॉल से होगा, जो सुहानी शाम तक फतहसागर पर जमेगा।

दिस टाइम फॉर कॉर्निवल : कॉर्निवल लेटिन शब्द कारनेलवेरियम से बना है, जिसका मतलब है, एक फेस्टिव सीजन जो एक दूसरे की संस्कृति को समझने का अवसर देता है। यह एक वार्षिक उत्सव है जो म्यूजिक, डांसिंग, अलग-अलग कॉस्ट्यूम, परेड व दावतों से परिपूर्ण है। एक ऐसा प्लेटफार्म है जो आपको हुनर प्रदर्शित करने का भी भरपूर अवसर दे रहा है।

 फेमस कॉर्निवल

1. रियो डी जेनेरो, ब्राजील

सभी फोटो गोआ कार्निवाल के है

2. ट्रीनिडड एंड टोबगो

3. मारडी ग्रेस, न्यू ओरलेंस

4. कॉर्निवल ऑफ फ्रांस

5. काडूमेंट डे, बारबाडोस

6. गोवा कॉर्निवल

7. दैनिक भास्कर मिराज लेकसिटी कॉर्निवल

भंवरी का भंवर

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राजस्थान में करीब तीन माह पहले गायब हुई एएनएम भंवरी देवी आज भी राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे देश के लिए एक रहस्य बनी हुई है, जिस दिन से भंवरी देवी गायब हुई उसी दिन से पूरे सरकारी महकमे में हलचल मची हुई है।

पहले पुलिस ने अपने हाथ पैर मारे फिर सीबीआई ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन आज तक कोई यह खुलासा नहीं कर पाया कि आखिर भंवरी देवी है कहां? वह जिंदा है या उसे मार दिया गया?

दिलचस्प बात यह है कि भंवरी देवी का अपहरण करने वाले आरोपी शहबुद्दीन और सोहनलाल पुलिस की गिरफ्त में हैं लेकिन ना तो पुलिस और ना ही सीबीआई इन आरोपियों से कुछ उगलवा पाई, और जो आरोपी फरार हैं (सहीराम, विशनाराम व प्रदीप) उन्हें ढूंढ पाना तो दूर पुलिस अभी तक उनका कोई सुराग भी नहीं लगा पाई है।

बीच- बीच में तमाम तरह की अफवाहें भी आती रहीं, कभी खबर आई कि उत्तर प्रदेश के एक गांव में भंवरी का शव मिला है तो कहीं उदयपुर में भी इसी तरह की अफवाह से सन्नाटा फ़ैल जाता है लेकिन सब पानी के बुलबुले उठने और शांत होने जैसा है। इसी बीच खबर आती है कि गुजरात में वह कार मिली है जिसमे भंवरी देवी का अपहरण हुआ लेकिन यह भी जैसे एक अफवाह की तरह चर्चा में आता है और फिर हवा में गायब हो जाता है।

सीबीआई की जांच निरंतर जारी रही और कुछ ऑडियो-वीडियो सीडी मिलने से मामला और गरमा गया लेकिन भंवरी का रहस्य अब भी बरकरार रहा और फिर सीबीआई के हाथ लगती है वह सीडी जो भंवरी देवी और राजस्थान सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदेरणा के अन्तरंग दृश्यों से भरपूर है जिसके मिलते ही माना जा रहा था कि अब भंवरी देवी के रहस्य से पर्दा उठ जायेगा लेकिन इससे सिर्फ राजनीतिक गतिविधियां ही तेज़ हुईं, यहां तक कि राजस्थान सरकार का पूरा महकमा ही बदल गया।

 किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक एएनएम का अपहरण की आग की आंच सरकार को इस हद तक झुलसा देगी कि उसका पूरा का पूरा तंत्र ही हिल जायेगा।

भंवरी देवी के अपहरण मामले की जांच में इस तरह नित नए खुलासे हुए। पुलिस, प्रशासन,सीबीआई यहां तक के भंवरी देवी के परिजनों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन जैसे-जैसे जांच में तेज़ी आई उसी तेज़ी से यह रहस्य गहराया ही है। भंवरी देवी कहां है किस हाल में है जीवित है या समाज के दरिंदों ने उसे मौत के घाट उतार दिया यह प्रश्न आज भी हर जुवां पर है?

 ये उठते हैं सवाल…

>क्या भंवरी देवी मामले में क्या राजस्थान सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास काफी हैं?

>या सरकार मात्र अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रही है?

>क्या सीबीआई और पुलिस अपहरण के आरोपियों से सच उगलवाने में कड़े प्रयास कर रही है?

गहलोत के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैडिंग

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चूरू। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हेलीकॉप्टर की रविवार सुबह इमरजेंसी लैण्डिग करानी पड़ी। तक नीकी खराबी की वजह से हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में उतारना पड़ा। मुख्यमंत्री चुरू के नांगलबाड़ी गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे। पायलट को हेलीकॉप्टर की पंखुडियों में गड़बड़ी का अंदेशा हुआ। उसने तुरंत हेलीकॉप्टर को नीचे उतार दिया। इससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया।

बाद में मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से रवाना हुए। मुख्यमंत्री जिस हेलीकॉप्टर में सवार थे वह रिलायंस कंपनी का बताया जा रहा है। खबर यह भी है कि हेलीकॉप्टर की पंखुडियां एक टॉवर से टकरा गई थी। जिस क्षेत्र में मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर की आपात लैण्डिग कराई गई उसी क्षेत्र में पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी। उस वक्त मुख्यमंत्री कारगिल शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे। उस समय मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर झाडियों में फंस गया था।

ऐसे भी चमकती हे किस्मत

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हिंदू धर्म शास्त्रों में कई ऐसे संकेत बनाए गए हैं जिनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको मनोवांछित कार्य में सफलता मिलेगी या नहीं। इन संकेतों को शकुन-अपशकुन कहा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार आप जब भी किसी खास कार्य के लिए जा रहे होते हैं ठीक उसी समय कई प्रकार की घटनाएं घटती हैं। इन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। छोटी-छोटी शुभ-अशुभ घटनाएं ही शकुन या अपशकुन होती हैं। हालांकि काफी लोग इन बातों को कोरा अंधविश्वास ही मानते हैं लेकिन कई लोग इन बातों पर विश्वास भी करते हैं। यदि आप काफी खास कार्य के लिए जा रहे हैं तो घर से निकलते ही आपको कोई ब्राह्मण दिख जाए तो समझना चाहिए कि आप कार्य बिना किसी परेशानी के सफल हो जाएगा। ब्राह्मण परंपरागत वेशभूषा में होना चाहिए।

कहीं जाते समय किसी पतिव्रता सुहागन स्त्री को लाल साड़ी में देखना भी काफी शुभ माना जाता है। इसका भी यही संकेत है आपके कार्य सफल होंगे और दिन अच्छा बितेगा।

घर से निकलते ही कोई सफाईकर्मी दिख जाए तो समझो आपका दिन बहुत अच्छा बितेगा और धन, ऐश्वर्य, मान-सम्मान भी मिलेगा।

मात्र 7 लाख रुपए में मिलेगी चमचमाती BMW

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अगर आप भी चमचमाती बीएमडब्ल्यू कार की सैर करना चाहते हैं तो अब महज 7 लाख रुपए में आपकी यह तमन्ना पूरी हो सकती है। दरअसल जर्मनी की यह लग्जरी कार निर्माता कंपनी सेकेंड हैंड कारों के बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है। और इस महीने की 25 तारीख को दिल्ली में बीएमडब्ल्यू के सेकेंड हैंड कारों पहला शोरूम खुलने जा रहा है।

खबर है कि कंपनी की तरफ से 4 साल पुरानी बीएमडब्ल्यू-3 सीरीज के मॉडल की कीमत 7-9 लाख रुपये के बीच तय की गई है। फिलहाल नई बीएमडब्ल्यू-3 सीरीज की कीमत 30 लाख रुपये है।

BSNL का ‘धमाकेदार’ ऑफर!

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देश में मोबाइल सर्विस देने वाली सरकारी टेलकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने ग्राहकों के लिए एक और खास ऑफर की पेशकश कर दी है। कंपनी की यह नई पेशकश एसएमएस सेवाओं से जुड़ी हुई है। दरअसल बीएसएनएल ने 36 रुपए, 46 रुपए और 56 रुपए की कीमत वाले तीन स्पेशल एसएमएस पैक जारी किए हैं। इसमें 36 रुपए के एसएमएस पैक के जरिए आप 3000 एसएमएस (लोकल, नेशनल तथा रोमिंग एसएमएस) भेज सकेंगे। इसके साथ 30 दिनों की वैलिडीटी दी जाएगी।

इसी तरह 46 रुपए के एसएमएस पैक के साथ 4500 (लोकल, नेशनल तथा रोमिंग एसएमएस) भेजने की सुविधा दी जाएगी। इस पैक के साथ 45 दिनों की वैलिडिटी दी जा रही है। वहीं 56 रुपए के एसएमएस पैक के साथ 6000 (लोकल, नेशनल तथा रोमिंग एसएमएस) एसएमएस भेजने की सुविधा मिलेगी। इस पर कंपनी की तरफ से 60 दिनों की वैलिडिटी मिलेगी।

 

20 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में चलेगी मेट्रो

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.दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर पुणे,लुधियाना,अहमदाबाद,लखनऊ,इंदौर,भोपाल और चण्डीगढ़ में भी मेट्रो रेल चलाने के एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम 20 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मेट्रो रेल के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की समीक्षा कर रहे हैं।” विभिन्न राज्यों के लिए डीपीआर दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा तैयार किया जा रहा है। कमल नाथ ने संवाददाताओं को बताया,”पुणे,लुधियान,अहमदाबाद और लखनऊ के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है जबकि इंदौर,भोपाल और चण्डीगढ़ के लिए रिपोर्ट की तैयारी जारी है।” मंत्री ने कहा कि नागपुर में मेट्रो चलाने के उद्देश्य से डीपीआर प्राप्त करने के लिए मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार से बातचीत कर रहा है।

57 लड़के लड़कियां एक अंडरवियर में

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उदयपुर | लन्दन , लोग विश्व रिकोर्ड बनाने के लिए क्या क्या कर गुजरते हे | ऐसा ही कारनामा कुछ लोगों ने कर दिखाया , 57 लोगों ने एक ही अंडर वियर में फिट होकर विश्व रिकोर्ड बनाया , यह अंडरवियर 5 मीटर लम्बा और 1 .5 मीटर चोडा था | इसे 57 लोगों ने एक साथ पहना और विश्व रिकोर्ड बना डाला | गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकोर्ड बनाने में जुटे लोगों की संख्या 20 ,000 थी |

देश को जरूरत है अनुभवी देसी पायलटों की

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भारत में अनुभवी पायलटों की कमी के कारण यहां विदेशी पायलटों को नियुक्त करना पड़ता है। वर्तमान में घरेलू एयरलाइन्स के लिए 356 विदेशी पायलट कार्यरत हैं।

 एयर इंडिया में 70 विदेशी पायलट, इंडिगो और स्पाइस जैट में क्रमश: 54 और 33 एक्स्पैट(अपने घर या देश से दूर किसी काम पर) पायलट हैं, वहीं किंगफिशर में 100 से ज्यादा विदेशी पायलट हैं, लेकिन कब तक एविएशन इंडस्ट्री विदेशी पायलटों के भरोसे रहेगी? इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक आने वाले दो सालों में घरेलू एयरलाइंस में 300 सीनियर पायलट या कमांडर्स की जरूरत होगी।

चीन के बाद भारत विकसित हो रही एविएशन इंडस्ट्री का बड़ा बाजार है, जहां ज्यादातर एयरलाइंस ग्लोबल पायलट रिक्रूटमेंट एजेंसीज के जरिए एक्सपैट पायलट को नियुक्त करते हैं। एयरइंडिया में 90 त्न पायलट्स की सप्लाई लंदन की रिशवर्थ एविएशन लिमिटेड, सिग्मा एंड इकोनॉमिक डायनेमिक्स से होती है।

जान प्यारी हे तो यहाँ मत आना

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टेक्सास का यह परिवार बंदूक से प्यार और पुलिस से नफरत करता है। इनका विश्वास गोली के बदले गोली और आंख के बदले आंख की नीति में है। पिछले ग्यारह साल से ये लोग अमेरिकी पुलिस और एजेंसियों को चुनौती दे रहे हैं। उनके नाम गिरफ्तारी वारंट है लेकिन किसी की हिम्मत नहीं है कि उनके घर के चारों तरफ की फैंसिंग तक पहुंच सके।

करीब दर्जनभर महिला, पुरुष और बच्चों के इस परिवार के मुखिया उनके 63 वर्षीय दादा ‘जॉन जोए ग्रे’ हैं। 1999 के अंत की बात है, एंडरसन काउंटी में जॉन तेज गति से कार चलाते हुए गुजर रहे थे। इस कारण पुलिस ने उन्हें रोका तो उनकी कार में आपत्तिजनक हथियार भी मिले। फिर भी जॉन ने कार से उतरने को तैयार नहीं थे। पुलिस ने उन्हें उतारना चाहा तो उन्होंने एक अधिकारी के हाथ में काट लिया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनकी जमानत का विरोध किया क्योंकि उनका पुराना रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं था।

फिर भी जनवरी 2000 में उन्हें जमानत मिल गई और इसके बाद से उन्होंने कभी भी कोर्ट में अपना चेहरा नहीं दिखाया है। उसने पुलिस अधिकारियों को एक पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर किसी ने भी उसके परिसर में घुसने की कोशिश की तो वह अपने साथ बहुत से शव रखने वाले बैग लेकर आए। त्रिनिदाद के पास के एक ग्रामीण इलाके में परिवार की 47 एकड़ जमीन है।

पिछले ग्यारह साल से ये लोग यहां बिजली-पानी की सुविधा के बिना जी रहे हैं लेकिन उनके पास बंदूकों की कमी नहीं है। ये लोग अपने लिए खुद फसल उगाते हैं और गुजारा करते हैं। सभी सदस्य हर वक्त हथियारों से लैस रहते हैं। उन्होंने अपनी इस जमीन पर हर जगह चेतावनी के बोर्ड भी लगा रखे हैं। जॉन का कहना है कि हम यहां खुद को कैदी नहीं समझते, हम यहां रहकर भगवान के नियमों का पालन कर रहे हैं।