पुलिस थाने में आने वाले हर व्यक्ति की संवेदना समझे

उदयपुर । गृह राज्यमंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने पुलिस थाने मे आने वाले हर आम आदमी के दर्द एवं संवेदना को समझते हुये उसे त्वरित गति से कार्रवाई कर कानून की सीमा के अंदर न्याय दिलाने का प्रयास करें।

बेनीवाल आज शाम उदयपुर जिले के गोगुन्दा थाना के नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे१ उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह अनपढ भी हो उसे को अपनी बात रखने का हक है, पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी उसकी बात सुनकर आमजन में पुलिस एवं थाने की छवि को सुधारेंी

बेनीवाल ने आह्वान किया कि पुलिसकर्मी थाने मे न्याय की गुहार की उम्मीद को लेकर आने वाले हर व्यक्ति के लिए जी जान लगा दे औ र थाने का वातावरण को बेहतर से बेहतरीन बनाने के लिए काम करे तभी सही मायने मे उनका यहां आना सार्थक होगा१

बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने पुलिस विभाग में न.न सिर्फ आर्थिक राशि दिलायी बल्कि पुलिसकर्मियों की नफरी की राशि भी बढाई है१ उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कांस्टेबल एवं बीट कांस्टेबल को विशेष प्रशिक्षण देकर उसे पुलिस मित्र बनाकर जनता के सामने लाने का प्रयास किया जायेगा१ इससे वह जनता का पथ प्रदर्शक बन सके*। समारोह की अध्यक्षता करते हुये श्रम एवं नियोजन मंत्री मांगीलाल गरासिया ने कहा कि थाने में पुलिस की छवि एवं कार्यशैली एसी होनी चाहिये कि न्याय के लिए आने वाले हर व्यक्ति की निष्पक्ष के साथ सुनवाई हो और अपराधिक छवि वाले लोगों के खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई करने में भी कौताही नहीं बरती जाय।

इस अवसर पर सांसद रघीवीरसिंह मीणा, जिला प्रमूख मधु मेहता, देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष लालसिंह झाला, पुलिस महानिरीक्षक टी सी डामोर, जिला पुलिस अधीक्षक हरि प्रसाद शर्मा साहित विभिन्न अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे । बेनीवाल ने इस अवसर पर चाटियाखेडी ग्राम पंचायत मे भारत निर्माण राजीवगांधी सेवा केन्द्र का भी उद्घाटन किया।

 

’लाजवेब’ का शुभारंभ

उदयपुर, । शहर के पंचवटी स्थित आर.के. मॉल में अत्याधुनिक कम्प्यूटर सॉप*टवेयर तथा वेब डिजायनिंग के नये कार्यालय ’लाज वेब’ का उद्घाटन शुक्रवार को यूसीसीआई की उपाध्यक्ष श्रीमती अंशु कोठारी तथा बीई एवं बीटीटीएस पिलानी के ट्रस्टी व निदेशक आर.एस. व्यास द्वारा किया गया।

कोठारी ग्रु्रप के प्रबंध निदेशक कोमल कोठारी व राजू कोठारी के नेतृत्व में मंसूर अली ने अपनी इस कंपनी का शुभारंभ किया। इस कंपनी में अत्याधुनिक तकनीकी से सुसज्जित कस्टमाइज सॉप*टवेयर एप्लीकेशन, ई-कॉमर्स सोल्युशन, ई-मार्केटिंग, कंपनी ब्रांडिंग, ग्रापि*क डिजाइनिंग, डवलपमेंट तथा प्रिंट मीडिया से संबंधित सभी कार्य किए जाएंगे।

बोल बच्चन – एक्शन विथ कोमेडी

फिल्म समीक्षा

निर्माता : अजय देवगन, श्री अष्टविनायक फिल्म्स

निर्देशक : रोहित शेटटी

गीत : शब्बीर अहमद, फरहाद साजिद

संगीत : हिमेश रेशमिया, अजय अतुल

कलाकार : अजय देवगन, अभिषेक बच्चन, असिन, प्राची देसाई, अर्चना पूरणसिंह, असरानी, कृष्णा अभिषेक और गेस्ट रोल में अमिताभ बच्चन

तिन घंटे फूल इंटरटेनमेंट मनोरंजन का पूरा मसाला अभिषेक का गोलमाल और अजय देवगन की अंग्रेजी ने पूरी फिल्म में समां बंधे रखा है । बोल बच्चन रोहित शेट्टी की फिल्म है जहां आपको सिवाय हंसने के और कुछ नहीं मिल सकता है। ऋषिकेश मुखर्जी की गोलमाल से प्रेरित होकर बनाई गई यह फिल्म हंसी का फव्वारा है, लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म के सामने फीकी है। इसके बावजूद अपने चिरपरिचित अंदाज में रोहित ने इसमें हर वो मसाला डाला है जिसके लिए वे जाने जाते हैं। दर्शक फिल्म देखता है, हंसता है, दिल खोलकर हंसता है और जरूरत पडने पर जोर के ठहाके भी लगाता है।

 

रोहित शेट्टी की फिल्म बोल बच्चन उनकी पुरान हास्य प्रधान फिल्मों की कडी में हैं। इस बार उन्होंने गोलमाल का नमक डालकर इसे और अधिक हंसीदार बना दिया है। बेरोजगार अब्बास अपनी बहन सानिया के साथ पिता के दोस्त शास्त्री के साथ उनके गांव रणकपुर चला जाता है। पितातुल्य शास्त्री ने आश्वस्त किया है कि पृथ्वीराज रघुवंशी उसे जरूर काम पर रख लेंगे। गांव में पृथ्वीराज रघुवंशी को पहलवानी के साथ-साथ अंग्रेजी बोलने का शौक है। उन्हें झूठ से सख्त नफरत है।

 

घटनाएं कुछ ऎसी घटती हैं कि अब्बास का नाम अभिषेक बच्चन बता दिया जाता है। इस नाम के लिए एक झूठी कहानी गढी जाती है और फिर उसके मुताबिक नए किरदार जुडते चले जाते हैं। गांव की अफलातून नौटंकी कंपनी में शास्त्री का बेटा रवि नया प्रयोग कर रहा है। वह गोलमाल फिल्म का नाट्य रूपांतर पेश कर रहा है। फिल्म के एक दृश्य में टीवी पर आ रही गोलमाल भी दिखाई जाती है। एक ही व्यक्ति को दो नामों और पहचान से पेश करने में ही गोलमाल की तरह बोल बच्चन का हास्य निहित है। रोहित के साथ लगातार आठवीं फिल्म में काम कर रहे अजय देवगन का अभिनय जहाँ बेहद लाउड रहा है वहीं अभिषेक बच्चन ने अपनी अदाकारी से बॉलीवुड और उन दर्शकों के मुंह पर ताला लगाने में कामयाबी पायी है जो यह कहते हैं कि उन्हें अभिनय नहीं आता। इस फिल्म को देखते हुए उनकी दोस्ताना की याद जरूर आती है। कामेडी दृश्यों में उनकी टाइमिंग गजब की है। रोहित और अभिषेक का साथ कुछ वैसा ही नजर आया जैसा कभी डेविड धवन और गोविन्दा का हुआ करता था। फिल्म में असिन और प्राची दो नायिकाएँ हैं लेकिन उनके करने के लिए कुछ नहीं है।

फिल्म पूर्ण रूप से पुरुष प्रधान हे महिला पात्रों में अर्चना पूरण सिंह ने अपनी चाप छोड़ी हे कृष्ण कोमेडी सर्कस की फ्रेम से बहार नहीं निकल पाए । एक्शन द्रश्य बहुत प्रभावी है ।

लगभग पौने तीन घंटे लम्बी इस फिल्म में अभिषेक बच्चन का पात्र मध्यान्तर के बाद दर्शकों पर अपनी गहरी छाप छोडता है।अजय देवगन हमेशा की तरह अछे अभिनय के साथ फिल्म में नज़र आये है ।उनकी अंग्रेजी की चीरफाड दर्शकों को बेसाख्ता हंसने पर मजबूर करती है। लेखक और निर्देशक ने यह सावधानी जरूर रखी है कि हंसी की लहरें थोडी-थोडी देर में आती रहें। कभी-कभी हंसी की ऊंची लहर आती है तो दर्शक भी खिलखिलाहट से भीग जाते हैं। चुटीली पंक्तियां और पृथ्वीराज रघुवंशी की अंग्रेजी हंसी के फव्वारों की तरह काम करती हैं। ऎसे संवाद बोलते समय सभी कलाकारों की टाइमिंग और तालमेल उल्लेखनीय है। खासकर गलत अंग्रेजी बोलते समय अजय देवगन का विश्वास देखने लायक है।

 

फिल्म का छांयाकन उम्दा है। कैमरामैन ने फिल्म के स्वभाव के मुताबिक पर्दे पर चटख रंग बिखेरे हैं। एक्शन दृश्यों और हवेली के विहंगम दृश्यों में उनकी काबिलियत झलकती है। हिमेश रेशमिया और अजय अतुल द्वारा दिये गये संगीत में सिर्फ दो ही गीत बोल बोल बच्चन और चलाओ ना नैनों के बाण रे दर्शकों की कसौटी पर खरे उतरते हैं।

उदयपुर के पीवीआर की प्रथम वर्षगांठ मनाई

उदयपुर, उदयपुर का पीवीआर फिल्मप्रेमियों के लिये सिनेजगत की उत्कृष्ट उपलब्धि है। इस मल्टीप्लेक्स में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ भरपूर मनोरंजन की व्यवस्थाएं दर्शकों को इसकी और आकर्षित करती हैं। यह बात लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने शुक्रवार को पीवीआर की प्रथम वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने पीवीआर के सार्थक प्रयासों की सरहाना करते हुए कहा कि यहां एक साथ भारतीय एवं विदेशी फिल्मों के उच्चस्तरीय प्रदर्शन से दर्शकों को अनूठे आनंद की अनुभूति होती है। इस मौके पर लक्ष्यराजसिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और पीवीआर के जनरल मैनेजर विनित विर्दी सहित सभी पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं दर्शकों के साथ केक काटा। उन्होंने लक्की विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए।

कलेक्ट्रेट परिसर में रोज रात जमती है शराबीयों की महफिल

रोज सवेरे कचरे के ढेर में मिलती है शराब की बोतलें

उदयपुर, । शहर की सबसे सुरक्षित परिसर कलेक्ट्री में रोज सुबह कचरे के ढेर में शराब की बोतलें पडी होती है जिससे लगता है कि या तो कलेक्ट्री परिसर शराबियों का अड्डा बन गया है या पि*र यहां रात में पहरा देने वाले ही कलेक्ट्री में महफिल जमा रहे है।

सुबह की रौनक देखके रात को महफिल की रंगीनियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। इध बात को चरितार्थ करता है सरकारी कर्मचारी द्वारा इकठ्ठा किया हुआ कलेक्ट्री परिसर का कचरा, जिसमें शराब और बीयर की बोतलों का ढेर प$डा मिलता है। इन शराब की बोतलों के ढेर से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि या तो शहर के शराबियों ने कलेक्ट्री परिसर को महपि*ल जमाने की सुरक्षित जगह बना ली है जहां कोई रोक टोक करने वाला नहीं और जो विभाग (पुलिस-प्रशासन) पूरे शहर में रात १० बजे बाद शराबियों को धरकप$ड करते है उन्हीं के परिसर में शराबी सुरक्षित है। धमाल मचा रहे है या पि*र कलेक्ट्री परिसर के गार्ड पुलिस की मिलीभगत से शराब की महपि*ले जम रही है या पि*र खुद गार्ड और परिसर में तैनात पुलिसकर्मी आराम से कलेक्ट्री में महपि*ले जमा रहे है और शराब की बोतलें ऐसे ही पैं*क रहे है। ये बोतलें सुबह एसपी ऑपि*स के पीछे, आईजी ऑपि*स के पास, कलेक्ट्रर ऑपिुस के पीछे हर जगह ये बोतलें बिखरी प$डी मिलेगी और खुद रात की महपि*ल को बयां करेगी।

जिले में नये राशनकार्ड बनाने का अभियान कल से

जानिये केसे बनेगे नए राशन कार्ड

मतदाता सूची एवं बीपीएल सूची होंगे आधार

६ से १५ जुलाई तक भरे जायेंगे आवेदन

उदयपुर, । जिले में नये राशनकार्ड बनाने का अभियान ६ से १५ जुलाई तक चलाया जायेगा। इस अवधि में राशनकार्ड बनाने के लिए आवेदन भरे जायेंगे। राशनकार्ड बनाने के लिए मतदाता सूची में नाम और बीपीएल सूची को आधार बनाया जायेगा। यह जानकारी बुधवार को जिला कलक्टर हेमन्त कुमार गेरा ने नये राशनकार्ड बनाने को लेकर आर.एन.टी.मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दी।

अभियान के तहत ५ जुलाई को प्राधिकृत अधिकारियों(विकास अधिकारी) द्वारा पर्यवेक्षकों को आवेदन पत्र एवं अन्य सामग्री वितरित की जायेगी। इसके उपरान्त पर्यवेक्षकों द्वारा प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जाकर ६ जुलाई से घर-घर आवेदन पत्र वितरण का कार्य प्रारम्भ किया जायेगा।

भरे हुए आवेदन पत्र १५ जुलाई तक प्राप्त किये जायेंगे तथा ३० जुलाई तक कम्प्यूटर एजेन्सी से जिला कलक्टर द्वारा अनुबंध कराकर कार्यादेश दिये जायेंगे। आवेदन पत्र १० अगस्त तक आवेदन पत्र कम्प्यूटर एजेन्सियों को प्राधिकृत अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे तथा एजेन्सी द्वारा कम्प्यूटराइज्ड राशनकार्ड एक सितम्बर तक तैयार किये जायेंगे। इसके उपरान्त १५ अक्टूबर तक राशनकार्ड,यूनिट रजिस्टर व वितरण सूचियां तैयार की जाकर राशनकार्डों का वितरण १५ नवम्बर तक सूनिश्चित किया जायेगा।

जिला कलक्टर ने कहा कि बीपीएल की ऑनलाइन सूची से आवेदक का मिलान करने एवं पुराना राशनकार्ड देखकर ही नये राशनकार्ड के लिए आवेदन पत्र दिया जावे जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता होने की स्थिति नहीं बने। आवेदन भरवाते समय एकल परिवार अथवा तीन जनों से कम संख्या के प्रकरणों में विशेष रूप से ध्यान रखा जावे।

जिला कलक्टर ने कहा कि फर्जी राशनकार्ड अथवा बीपीएल दर्ज होने का सम्पूर्ण दायित्व प्रगणक का होगा। उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अभियान कार्य की सतत् रूप से मॉनिटरिंग करें। उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी प्रगणक पंजिका की समय-समय पर स्वयं जांॅच करें और उस पर मय दिनांक हस्ताक्षर करें। जॉच का उल्लेख वे अपनी वर्कबुक में भी करेंगे जिसे कभी भी उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा देखा जा सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनियमितता की स्थिति में संबंधित कार्मिक को निलम्बित करने का अधिकार भी उपखण्ड अधिकारी को होंगा।

उन्होंने कहा कि जनसंख्या अनुपात में (पॉपुलेशन राशनकार्ड रेशो) आवेदन वितरण कार्य होगा। जहां ज्यादा राशनकार्ड वितरण के प्रकरण हो वहां प्रत्येक राशनकार्ड की यूनिट के आधार पर जॉच की जाएगी।

उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान संभागियों की भ्रांतियों का निराकरण करते हुए कहा कि बीपीएल परिवार के मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी अथवा बडे पुत्र के नाम कार्ड दर्ज होगा। शादी होने पर बेटी का नाम स्वत: ही कार्ड से हटा दिया जायेगा जबकि बेटे की शादी की स्थिति में उसकी पत्नी व बच्चों के नाम जोडे जा सकेंगे। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति बीपीएल कार्ड से अलग होकर पृथक यूनिट के रूप में कार्ड बनाना चाहता है तो वह एपीएल के रूप में ही आवेदन कर सकेगा। पिता की मृत्यु की स्थिति में उसके दो बेटों में बॅटवारा होता है तो उनके दो कार्ड नहीं बनेंगे। यदि वे बीपीएल का लाभ उठाना चाहते हंै तो कार्ड बडे पुत्र के नाम रहकर दूसरे का नाम भी उसीमें दर्ज होगा। यदि छोटा पुत्र अलग कार्ड बनवाता है तो वह एपीएल के योग्य होकर बीपीएल के लाभों से वंचित रहेगा।

शुल्क एक रुपया : प्रत्येक श्रेणी के आवेदक को नया राशनकार्ड बनाने के लिए एक रुपया शुल्क देना होगा। एक रुपया चुकाकर आवेदन पत्र प्राप्त किया जा सकेगा। इसी प्रकार एपीएल उपभोक्ताओं को राशन कार्ड के लिए १० रुपये शुल्क देना होगा जबकि गैर एपीएल उपभोक्ताओं को राशन कार्ड नि:शुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे।

सफेद गुलाबी होंगे आवेदन पत्र : नये राशनकार्ड बनाने के लिए आवेदन पत्र सफेद और गुलाबी दो रंगों में होंगे। एपीएल श्रेणी के आवेदन पत्र (प्रपत्र अ-१) सफेद रंग में तथा गैर एपीएल यथा बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय, अन्नपूर्णा एवं आस्था श्रेणी चयनित आवेदकों के आवेदन पत्र (प्रपत्र – अ-२) गुलाबी रंग में होंगे।

माता का नाम भी अंकित करना होगा : नये राशनकार्डों पर दी गई जानकारी में सदस्यों के पिता के साथ-साथ माता का नाम भी अंकित करना होगा, ऐसा प्रथम बार हो रहा है। साथ ही आवेदन प्रपत्र पर जन्मतिथि अंकित करनी होगी और यदि सही जन्मतिथि याद नहीं है तो एक जनवरी आधार मानकर वर्ष अंकित करना होगा।

आवेदन पत्र पर मुखिया का फोटो चिपकाने के साथ ही इसे प्राधिकृत अधिकारी द्वारा मय मोहर सत्यापित कराना आवश्यक होगा। आवेदक यदि किरायेदार है तो आवेदन पत्र पर मकान मालिक के हस्ताक्षर कराने होंगे। इसी प्रकार अकेले व्यक्ति का राशनकार्ड अति विशिष्ट परिस्थितियों के अलावा नहीं बनाया जा सकेगा।

क्षेत्रवार प्राधिकृत अधिकारी : नये राशनकार्ड अभियान के लिए नगर परिषद, नगरपालिका एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए पृथक पृथक क्षेत्रवार प्राधिकृत अधिकारी रहेंगे। जिला मुख्यालय, नगर परिषद स्तर पर जिला रसद अधिकारी , प्रवर्तन अधिकारी, निरीक्षक एवं समय समय पर सरकार द्वारा नियुक्त प्राधिकृत अधिकारी रहेंगे। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लिए संबंधित पंचायत समिति के विकास अधिकारी एवं नगरपालिका क्षेत्रों के लिए संबंधित अधिशाषी अधिकारी प्राधिकृत अधिकारी लगाये गये हैं।

 

पोलियो मिटाओ आन्दोलन

उदयपुर । रोटरी क्लब उदयपुर व प्रांत ३०५० द्वारा भारत में पोलियो उन्मूलन हेतु वृहद स्तर पर वर्ष २०१२-१३ में जन जागृति व पोलियो की दवाई समय-समय पर पिलाने हेतु उदयपुर जयपुर, ग्वालियर, कोटा, अहमदाबाद शहरों में पोलियो उन्मूलन हेतु होर्डिंग लगाये गए। इस क्रम में उदयपुर में कलकत्ता से विशेष तौर पर आए रोटरी अंतर्राष्ट्रीय के निदेशक रो. शेखर मेहता ने रोटरी बजाज भवन में रोटरी क्लब उदयपुर के तत्वावधान में पोलियो उन्मूलन हेतु स्थापित किये गये होर्डिंग का अनावरण किया। रो. शेखर मेहता ने बताया कि गत एक वर्ष के दौरान देश में एक भी पोलियो केस दर्ज नहीं हुआ। रोटरी अगले दो वर्षों में पोलियो मिटाने हेतु कृत संकल्प है।

आबकारी दल पर हमला

उदयपुर, किराणा दुकान पर दबिश देने आये आबकारी दल पर मालिक व उसके पुत्रों ने पत्थरबाजी कर भगा दिया। इस दौरान कांस्टेबल घायल हो गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मंगलवार रात में गांव$डापाल निवासी लाला पुत्र रत्ता मीणा की किराणा दुकान पर शराब बिक्री करने के सूचना मिलने पर एसआई दोलारामपुत्र हरलाल ,कांस्टेबल रामचन्द्र मोके पर पहुच कर कार्यवाही की । इस दौरान विद्युत आपूर्ति बंद होने पर लाला व उसके पुत्र इशिया, भैरा तथा दोलिया पुत्र चोखा ने पत्थरबाजी कर प*रार हो गये। इस दौरान कांस्टेबल रामचन्द्र घायल हो गया। जिसका सलूम्बर चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार करा दोलाराम ने हमलावरों के खिलाप* सलूम्बर थाना पुलिस में राजकार्य में बाधा उत्पन्न करने का प्रकरण दर्ज करवाया।

कॉपीराईट एक्ट में गिरप*तार: गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने टीडी स्थिति चीनूराज मोबाईल की दुकान पर दबीश देकर ब्ल्यू पि*ल्म की ३ मेमोरी कार्ड, ५ सीडी, एक मोबाइल जब्त कर मालिक सेरा निवासी अनिल पुत्र जीवतराम अहारी को गिरप*तार किया।

तलवार बाजी में पांच घायल

उदयपुर,। शहर के समीप तीतर$डी गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई तलवार बाजी में ५ जने घायल हो गए जिन्हें निजी चिकित्सालयों में उपचार के लिए भर्ती कराया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार बुधवार सवेरे तीतर$डी गांव में जमीन विवाद को लेकर भैरूलाल पुत्र किशनलाल सुथार रमेशचन्द्र व हेमंत पुत्र भैरूलाल, मोना पत्नी रमेश, सुशील, नरेन्द्रसिंह पुत्र हमेर सिंह ने तलवार व कूट से श्यामलाल (५५) पुत्र देवकिशन सुथार, शांतिलाल (५०) पुत्र हमेरलाल, हेमन्त(६५) देवकिशन(७५), सतिश (६०) पुत्र डालचंद सुथार निवासी तितर$डी पर हमला कर दिया। जिन्हें परिजनों ने गीतांजली एवं अमेरिकन चिकित्सालय मेंभर्ती कराया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने तितर$डी निवासी विजय पुत्र शांतिलाल सुथार की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाप* प्रकरण दर्ज करवाया है। इस मामलें में हमलावर रमेश व उसके पिता भेरूलाल को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में पता चला कि भाजपा गिर्वा मण्डल महामत्री श्यामलाल का उसके चचेरे भाई रमेश दोनों परिवार के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। बुधवार सवेरे विवादित जमीन पर पत्थर डालने पर श्यामलाल ,शांतिलाल, हेमन्त, देवकिशन, सतिश मोके पर गये जहां विवाद होने पर हमलावरों ने तलवार व कूट से हमला कर दिया। इस दौरान श्यामलाल का बाया हाथ कट गया तथा शेष घायलों के शरीर पर गंभीर चोटे लगने से मोके पर गिर प$डे। जिन्हें परिजनों ने उपचार के लिए चिकित्सालय पहुचाया।

खुला घूम रहा हैं गलत तथ्यों से पासपोर्ट बनवाने का आरोपी

पुलिस ने भी किया गलत सत्यापन

पुलिस मिलीभगत से हुआ यह खेल

उदयपरु, । पासपोर्ट बनवाने के लिए एक ओर जहां आमजन लोहे के चने चबाने प$डतेे हैं वहीं पुलिस की मेहरबानी हो तो आपराधिक रिकार्ड वालों को भी तुरंत पासपोर्ट मिलजाता हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही उजागर हुआ है। पुलिस मामले को दबाने के लिए आरोपी का पासपार्ट अपने कब्जे ले कर स्वयं की पीठ थपथपा रही हैं।

प्रकरण के अनुसार शहर के थाना घण्टाघर क्षैत्र के पाला गणेश जी स्थान निवासी हरीश पालीवाल पुत्र मांगी लाल पालीवाल ने अपना पुराना पासपोर्ट नम्बर ए-९६५०१३८ के नवीनीकरण के लिए फाईल नम्बर जे.पी.आर.डब्ल्यु-३१२१२९-११ के तहत दिनांक०३.०५.२०११ को उदयपुर में आवेदन किया। उक्त आवेदन के आधार पर पुलिस द्वारा किए गए चरित्र सत्यापन रिपोर्ट के बाद उसे पासपोर्ट कार्यालय जयपुर द्वारा पासपोर्ट नम्बर जे-१५६४४१३ जारी कर दिया गया।

उक्त पूरे प्रकरण में जहां आवेदक हरीश पालीवाल ने आवेदन में गलत जानकारी दे कर अपराध किया वहीं दूसरी ओर पुलिस ने भी आवेदक से रसुकात निभाते हुए उसे सद् चरित्र का प्रमाण प्रमाण पत्र दे दिया,जबकि उक्त अवधि में पालीवाल के विरूद्घ शहर के घण्टाघर थाना में ही प्रकरण संख्या २१/०९ में आई.पी.सी. की धारा ३४१-३२३तथा ३५४ के अन्तर्गत चालान होने के बाद वर्तमान में भी उदयपुर न्यायालय में मामला लम्बित हैं। यह ही नहीं उक्त आरोपी के विरूद्घ सत्यापन के दौरान भी हिरणमंगरी थाना में प्रकरण संख्या १२२/११ में आई.पी.सी. की धारा ४२०-४६८ एवं ४७१ के तहत मुकदमा दर्ज हैं। इसके अतिरिक्त महिला थाना में भी प्रकरण संख्यां ४७/११ आई.पी.सी. धारा ४०६-ए तथा ४९८ के तहत मुकदमा दर्ज हैं।

इस मामले में गौरतलब है कि पालीवाल ने तो पासपोर्ट कार्यालय को आवेदन पत्र के कॉलम १७(बी)व (सी) में गलत सूचना दे कर अपराध किया ही वहीं पुलिस ने स्वयं के थाना क्षैत्र मेें प्रकरण दर्ज होने के उपरांत भी उक्त आरोपी को चरित्रवान बता कर पासपोर्ट कार्यालय को मिथ्या रिपोर्ट भेज दी।

उक्त पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही।पुलिस जहां आम आदमी की ऐसे मामलो में सत्यापन रिपोर्ट दो-दो सप्ताह दबाए रखती हैं वहीं इस व्यक्ति की रिपोर्ठ को भेजने में जल्दबाजी दिखाई। जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के निर्देश पर थाना घण्टाघर पर तैनात तत्कालीन बीट प्रभारी अनीस मोहम्मद ने जांच कार्यवाही को अंजाम दिया,जिसकी हेडमोहर्रीर मदन वर्मा ने आंख बंद कर तस्दीक कर दी तथा तत्कालीन थानाधिकारी बंशी लाल ने बिना समय गंवाए अपना ठप्पा लगाते हुए जावक क्रमांक डी-१६३२ के तहत ३१.०५.२०११ को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय को रिपोर्ट प्रेषित कर दी। इधर एस.पी. कार्यालय से भी बिना समय गंवाए क्रमांक संख्यां प०९(३४४८)उदय/जि.वि.शा.।१०-११/४२५५ के तहत दूसरे ही दिन अर्थात ०१.०६.२०११ को ही पासपोर्ट कार्यालय,जयपुर भिजवा दिया गया।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह सत्यापन रिपोर्ट उस पुलिस कर्मी ने अपने हाथों से जावक रजिस्टर में दर्ज कर पासपोर्ट कार्यालय,जयपुर भेजा उसकी ड्युटी उक्त दिनांक को एस.पी. कार्यालय में ही नहीं थी।ऐसी क्या विवशता थी कि उक्त पुलिस कर्मी ने अत्याधिक तत्परता दिखाते हुए नियमों के विपरित कार्य किया। इसकी जांच करानी चाहिए।

प्रकरण के संबंध में हास्यास्पद् बात तो यह है कि इस पासपोर्ट आवेदन के छह माह बाद ही आरोपी ने हथियार का लाइसेंस लेने आवेदन किया तो पुलिस सत्यापन रिपोर्ट मे उसी घण्टाघर थाने पालीवाल के विरूद्घ वर्ष २००९ से लम्बित मुकदमे का उल्लेख कर आपराधिक रिकार्ड की सूचना दी। इस प्रकार एक ही थाना क्षैत्र से एक ही व्यक्ति की पासपोर्ट तथा हथियार लाइसेंस आवेदन की विरोधाभासी सत्यापन रिपोर्ट स्पषत:पुलिस की मिलीभगत की ओर ईशारा करती है।

देश की सुरक्षा व्यवस्था से जु$डा यह संवेदनश्ील मामला उजागर होने पर गत १४ जून २०१२ को सी.आई.डी.(क्राइम ब्रांच) ने उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक तथा उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में रिपोर्ट की। इसी क्रम में खुफिया विभाग ने भी एस.पी. उदयपुर तथा जयपुर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी।

इधर पासपोर्ट कार्यालय की सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक ने थानाधिकारी घण्टाघर को जांच के आदेश दिए। दूसरी ओर इस संवेदनशील मामले की जानकारी मिलने पर इसे गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय एवं राज्य गृह सचिवालय ने भी जांच के आदेश जारी किए वहीं चीफ पासपोर्ट अधिकारी,दिल्ली ने भी मामले की रिपोर्ट तलब की। इस पर पासपोर्ट अधिकारी जयपुर ने पुलिस अधीक्षक,उदयपुर द्वारा पूर्व में भेजी गई सत्यापन रिपोर्ट एवं दस्तावेजों की प्रतियां पुलिस अधीक्षक उदयपुर को भेज कर कार्यवाही करन को कहा। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने जांच घण्टाघर थानाधिरी से वापस ले कर पुलिस उप अधीक्षक(पूर्व)अनन्त कुमार को सौंप दी।

इतनी कार्रवाई और दबाव को देखते हुए भी पुलिस आरोपी से मामले की पूछताछ भी न कर सकी जब कि दिखावे के लिए आरोपी को हिरासत में लेने के लिए पुलिस के चार जवानों को उसकी निगरानी के लिए तैनात किया गया।

पूरे प्रकरण में पुलिस की आरोपी से संलिप्तता उजागर हो जाने के उपरांत भी पुलिस ने इस मामले को हल्के में लिया तथा एक साधारण कार्रवाई की तरह गत २ जुलाई,२०१२ को घण्टाघर थाने का एक सहायक निरीक्षक पालीवाल के घर जा कर उसका पासपोर्ट अपने कब्जे में ले कर कार्रवाई का समापन कर दिया। इस प्रकरण में यह जानते हुए भी कि यह एक संवेदनशील मामला है,पुलिस की उदासीनता उसकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं।

अपराधों का सिलसिला जारी: पासपोर्ट जारी होने के बाद भी आरोपी के द्वारा वारदातों का सिलसिला जारी रहा जिसके तहत थाना गोवर्धन विलास में प्रकरण संख्या ६३/१२ के तहत न्यायालय में चालान हो चुका है तथा वर्तमान में शहर के सूरजपोल थाना में आई.टी.एक्ट के तहत प्रकरण संख्या ७३/१३ में मुकदमा दर्ज है।

यह है मामले के मुख्य दोषी: आरोपी हरीश पालीवाल इस मामले में मुख्यत:मिथ्या जानकारी देने का दोषी है। दूसरी ओर सत्यापन रिपोर्ट देने वाले थानाधिकारी सहित तीनों पुलिस कर्मी भी इस मामले में दोषी हैं जिनके विरूद्घ विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए।

यह है प्रावधान: ऐसे मामलों में पासपोर्ट एक्ट १९६७ के अन्तर्गत आई.पी.सी. की धारा ४२० तथा ४७१ में प्रकरण दर्ज हो कर दो वर्ष का कारावास एवं ५० हजार रूप्ये तक जुर्माना का प्रावधान हैं।

पूर्व में इस प्रकार के प्रकरण में यह हुआ था: अक्टूबर २००९ में सी.आई.डी जोन उदयपुर की रिपोर्ट पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक संजीव नार्जरी ने आरोपी राजेश खरा$डी पिता नरेन्द्र खरा$डी निवासी खैरवा$डा के विरूद्घ पासपोर्ट आवेदन मे गलत जानकारी देने पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस प्रकरण में गलत तथ्यों के आधार पर पासपोर्ट हथियाकर भी आरोपी कानून की पक$ड से दूर खुला घूम रहा है और पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।

इनका कहना है:

आरोपी का पासपोर्ट जप्त कर लिया गया है। अब जो भी कानून के अनुसार कार्यवाही होगी उसके विरूद्घ की जायेगी।

– हरिप्रसाद शर्मा

जिला पुलिस अधीक्षक