कन्या भ्रूण हत्या में शिक्षित वर्ग आगे

गत १० वर्षो में देश में डेढ करोड बेटियों की हत्याएं हुई

उदयपुर । वरिष्ठ पत्रकार राजेश कसेरा ने कहा कि बेटी माता-पिता के सबसे करीब होती है। उमसें करूणा व संवेदना कूट-कूट कर भरी होती है। बिटिया एक नहीं सात पीढियों की तारणहार होती है। वह परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इतनी खूबियों वाली बिटिया की बिना चिकित्सक प्रयास के भू्रण हत्या संभव नहीं है। शहर में गिरते लिंगानुपात को पुन: बराबर लाने के लिये हमें बिटिया को बचाना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिये। यह आश्चर्यजनक है कि ग्रामीण क्षेत्र के अशिक्षित वर्ग की तुलना में शहरी क्षेत्र का शिक्षित वर्ग कन्या भू्रण हत्या में बहुत आगे है और यह बात आंकडो से स्पष्ट होती है।

वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा बिटिया बचाओं-आगे बढाओं विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि पिछले कुछ माह से आयोजित किये जा रहे बिटिया बचाओं कार्यक्रम के सुखद परिणाम सामने आये है। समाज में जागरूकता आयी है। जनता अब स्वप्रेरित होकर बिटिया को बचाने में आगे आ रही है। अब वह समय आ गया है जब पुरूष वर्ग बिटिया को बचाने में अपनी जिम्मेदारी सिर्फ अपने मकान की चारदीवारी तक ही सीमित न रख आस-पडौस में रहने वालों को भी उसका अहसास कराये। इस अवसर पर उन्होनें क्लब सदस्यों को बिटिया को बचाने के लिये शपथ भी दिलायी।

अशोका के सामने से नहीं हट पाया अतिक्रमण

उदयपुर, शहर के व्यस्ततम इलाका सूरजपोल में अशोका टॉकीज के सामने वर्षो से काबिज अतिक्रमण राजनैतिक दबाव के चलते नहीं हट पाया और तैयार खडा अतिक्रमण रोधी दस्ता बैरंग लौट गया।

सूरजपोल अशोका टॉकीज के सामने विद्यार्थी रस भण्डार ने नगर परिषद के सात केबिनों के बाहर अपना रस भण्डार का पूरा लवाजमा लगा कर पिछले ४ वर्षो से अतिक्रमण कर रखा है। विद्यार्थी रस भण्डार पूर्व में नगर परिषद सभापति युधिष्ठिर कुमावत के परिवार से है और अपनी मनमानी करते हुए रो$ड पर अतिक्रमण कर रखा है। इसकी वजह से ट्रापि*क हमेशा अवरूद्घ रहता है और केबीन की जगह बस शेल्टर के लिए तय हो चुकी है लेकिन अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे है। बुधवार को प्रशासनिक समिति की बैठक में सभी भाजपा पार्षद व समिति अध्यक्षों ने जोर शोर से शहर में अतिक्रमण हटाने की बात कही थी और आज जब राजस्व समिति अध्यक्ष अर्चना शर्मा सूरजपोल पर अतिक्रमण हटाने पहुंची तो कई पार्षद और समिति अध्यक्ष पूर्व सभापति युधिष्ठिर कुमावत के रिश्तेदार अतिक्रमण हटाने के पक्ष में नहीं थे। अर्चना शर्मा ने कहा कि उन्हें यह अतिक्रमण नहीं तोडने का बहुत राजनैतिक दबाव आया है लेकिन शहर के हित में इसका हटना ही सही है इसलिए में अपने पै*सले पर हंू और विद्यार्थी रस विक्रेता ने १५ दिन का समय मांगा है तब तक वे स्वत: ही वहां से हट जायेंगे।

इधर वार्ड पार्षद और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिघंवी ने अतिक्रमणकारियों की पैरवी की तथा प्रशासनिक समिति की बैठक में जोर शोर से अतिक्रमण हटाने की बात कहने वाले स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष अपनी राजनैतिक मित्रता के चलते अतिक्रमणकारियों के बचाव में आये । सभापति रजनी डांगी ने कहा कि विद्यार्थी रस वालों ने १५ दिन का समय मांगा है तब अगर नही हटाया तो परिषद कार्यवाही करेगी।

झांसा देकर वीडियो कैमरे ले उडा शातिर ठग

उदयपुर, । हाथीपोल थानान्तर्गत स्थित होटल के कमरे से बदमाश दो कैमरे चुरा ले गया। अन्यत्र अम्बामाता थानान्तर्गत स्थित सूने मकान का ताला ता$डकर चोर जेवर नकदी चुरा ले गये।

पुलिस सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद निवासी जितेन्द्र कुमार पुत्र विष्णु कुमार ब्राह्मण ने मुंबई निवासी एम. नर्सिह के खिलाप* प्रकरण दर्ज करवाया कि गत दिनों अहमदाबाद में शूटिंग के दौरान मिले आरोपी ने उदयपुर में शूटिंग का काम दिलाने का आश्वासन देकर १ हजार रूपये एडवांस लिये। ६ जून सांय सहेली मार्ग स्थित सीता होटल में ठहरे। जहां मौजूद आरोपी देहलीगेट स्थित होटल पर खाना खाने के लिए लेकर गया। वहां झांसा देकर आरोपी चाबी लेकर होटल पहुंच कर कमरे से दो वीडियो कैमरे चोरी कर प*रार हो गया। इसका पता चलने पर जितेन्द्र ने आरोपी के खिलाप* प्रकरण दर्ज करवाया। इसी तरह अम्बामाता थानान्तर्गत रामदास कॉलोनी निवासी ईशाक अली टेलर के मकान का बुधवार रात में चोर ताला तो$ड नकदी व जेवर चुरा ले गये। इसका पता चलने पर रिश्तेदार धोलीबाव$डी निवासी जाकिर हुसैन पुत्र याहया अली बोहरा ने पुलिस ने प्रकरण दर्ज करवाया। पूछताछ में पता चला कि २ मई को इशाक परिजनों के साथ जम्मू कश्मीर घूमने के लिए गया था। पीछे से चोर ने वारदात को अंजाम दिया। गुरूवार सवेरे प$डौसियों ने जाकिर को सूचना दी। इशाक के लौटने पर चोरी गये सामान का पता चल पायेगा।

बुद्घा ग्रुप आशापूर्णा ग्रुप में संयोजित हुआ

उदयपुर राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम बुद्घा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स (बी.जी.आई.) अब अपनी उन्नति की राह में एक नई आधारशिला रख रहा है। आज ७ जून को बी.जी.आई. का प्रबंधन आईएसओ ९००१:२००८ मान्यता प्राप्त आशापूर्णा बिल्डकोन लिमिटेड के साथ संयोजित हो गया है जिसके चैयरमेन राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करणसिंह उचियारडा हैं।

गुरूवार को होटल पारस महल में आयोजित प्रेसवार्ता में आशापूर्णा बिल्डकोन लिमिटेड के चैयरमेन करणसिंह उचियारडा ने बताया कि राजस्थान की अग्रणी स्टेट कंपनी आशापूर्णा बिल्डकोन लिमिटेड अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल करने के बाद अब उच्चशिखा के क्षेत्र में प्रवेश कर रही है। इसी कडी में उदयपुर स्थित बुद्घा ग्रुप इंस्टीट्यूशन्स के साथ मिलकर शिक्षा के नये आयाम तक व आमजन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई है। आशापूर्णा ग्रुप ने अपनी सोच ‘‘जहां सपने हकीकत से मिलते हैं‘‘ को संधारित करते हुए आज दिन तक २१ उच्चस्तरीय कई प्रोजेक्ट्स, आवासीय कॉलोनीज, मल्टीप्लेक्स होटल्स बनाकर जनता को समर्पित किया है। आशापूर्णा ग्रुप अतिशीघ्र चार नई आवासीय व कमर्शियल परियोजनाएं जयपुर, मुंबई बैंग्लोर व बाडमेर में लेकर आ रहा है। इस अवसर पर ग्रुप चैयरमेन ने यह घोषणा की कि इस सत्र के प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली चार गरीब व जरूरतमंद छात्राओं को सभी संकायों में निशुल्क शिक्षा हेतु छात्रवृत्तियां प्रदान की जायेंगी।

जेट / प्री.पी.जी. परीक्षा की तैयारियॉं पूर्ण

उदयपुर, प्रदेश के सभी कृषि महाविद्यालयों, उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, मात्स्यकी महाविद्यालय, गृह विज्ञान महाविद्यालय एवं डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के स्नातक एवं कृषि तथा गृह विज्ञान के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेट/प्री.पी.जी. २०१२, रविवार को आयोजित की जायेगी । यह परीक्षा सत्र २०१२-१३ में प्रवेश हेतु प्रदेशभर में आयोजित की जावेगी ।

प्रो.ओ.पी. गिल, कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने बताया कि प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु यह परीक्षा विगत दो वर्षों की भॉंति इस वर्ष भी महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही है । प्रो. गिल ने बताया कि इस वर्ष यह परीक्षा प्रदेश के ०७ शहरों उदयपुर, बीकानेर, जयपुर, जोबनेर, अजमेर, कोटा और श्री गंगानगर केन्द्रों के २६ परीक्षा केन्द्रों पर १० जून, को आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में कुल १०५७६ विद्यार्थी स्नातक स्तर पर, ९५२ विद्यार्थी कृषि स्नातकोत्तर और ८६ छात्राऐं गृह विज्ञान स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा देंगी । परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो व योग्य अभ्यर्थी सुचारू रूप से परीक्षा दे सकें इसके लिये सामान्य एवं विशिष्ठ अधिकार प्राप्त उ$डनदस्तों का गठन भी किया गया है।

वीडियो कोच बस की आमने-सामने भि$डन्त में 2 मरे, 9 घायल

उदयपुर, सुखेर थानान्र्तगत चीरवा गांव के समीप दो वीडियो कोच बस की आमने-सामने भिडंत हो गई। हादसे में खलासी सहित दो जनों की मृत्यु हो गई तथा ९ जने घायल हो गये।

पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरूवार त$डके अहमदाबाद से अजमेर जा रही अम्बे ट्रावेल्स बस को बीच रास्ते चीरवा गांव के समीप ममता रिसोर्ट मो$ड पर गलत दिशा से आ रही पूजा ट्रावेल्स बस ने चपेट में ले लिया। हादसे में नारी का नाका जयपुर निवासी हैथल (३४) पत्नी गुरू प्रसाद वर्मा व खलासी झुंझनू निवासी मुकेश (३२) पुत्र भगवती प्रसाद सैनी की मृत्यु हो गई तथा किशन पुरा अजमेर निवासी अब्दुल वहीद(३५) पुत्र समनशाह, वैशाली नगर जयपुर निवासी मनुभाई(६५) पुत्र हिरालाल पटेल, सुभाष चौक जयपुर निवासी अब्दुल प*रीद(४४) पुत्र अब्दुल कादर, देवग$ढ भीम निवासी कंचन(३१) पत्नी अमर सिंह, जमोवा रामग$ढ जयपुर निवासी महेन्द्र कुमार(२४) पुत्र रामजी लाल मोर्य,अहमदाबाद निवासी रमेश(४९) पुत्र पूरणमल रेगर, जमालपुर अहमदाबाद निवासी याकूब भाई (६०) पुत्र अब्दुल गनी, नारी कानाका जयपुर निवासी गुरूप्रसाद पुत्र छोटेलाल घायल हो गये हादसे को देख चालक बस छो$ड मोके से प*रार हो गया। रात्रि गश्त के दौरान हादसे की सूचना मिलने पर सुखेर थानाधिकारी रामसुमेर मय जाप्ता ने घटनास्थल पहुंच कर सभी घायलों को १०८ एम्बूलेन्स की मदद से उपचार के लिए राजकीय एमबी चिकित्सालय में उपचार पहुचाया तथा मृतका हैथल का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सुपुर्द किया तथा मुकेश के परिजनों को हादसे की सूचना दी है जिनके आने पर उसका पोस्टमार्टम होगा। पुलिस ने बस जब्त कर चालक के खिलाप* प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। पूछताछ में पता चला कि हैथल गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ अपने पीहर अहमदाबाद जा रही थी।

विद्या पीठ की 2000 करोड़ की संम्पत्ति पर है सभी निगाहें

उदयपुर । कभी प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाने वाला जनार्दराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्व विद्यालय (जे.एन.आर.यु.) पद लोलुपता एवं व्यवसायिकरण की होड के चलते विवादों के चक्रव्यु में फस गया है। इस संस्थान के संस्थापक शिक्षाविद् स्व. पण्डित जनार्दन राय नागर ने जिस उद्देश्य को लेकर एक मिशन के रूप में इस संस्था को संचालित किया था आज उनके परिजन उस उद्दश्य से भटक गए और स्वार्थ सिद्घी के चलते संस्था को राजनीति का अखाडा बना दिया।

घमासान का आरंभ अचानक नहीं हुआ धीरे-धीरे जलती चिंगारी ने यह विकराल रूप धारण किया है। परिवारवाद के चलते कर्मचारियों पर मन चाहे निर्णय थोपने से रोष बढता गया। कर्मचारियों को भली भंाति विदित था कि यदि परिवारवाद इस संस्था पर हावी रहा तो विश्व विद्यालय अनुदानआयोग द्वारा संस्था की मान्यता रद्द की जा सकती हैं ऐसी परिस्थितियों में एक और यहां अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधरझूल हो जाएगा वहीं दूसरी ओर यहां कार्यरत कर्मचारियों के रोजगार पर भी संकट आ सकता है । इधर निवर्तमान कुलपति का कार्यकाल समाप्ति पर था। कुलपति और कोई नहीं जनुभाई की पुत्र बधु डॉ. दिव्य प्रभा नागर ही थी। जिन्होंने कर्मचारियों को अपने तुगलकी फरमान से प्रताडत करना आरंभ कर दिया। कर्मचारियों को अपने विचारों की अभिव्यक्ति के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया। परिणिति स्वरूप सुलगती चिंगारी ने विस्फोट का रूप ले लिया और डॉ. दिव्य प्रभा के विरूद्घ विरोध के स्वर तेल हो गए परिमत: उन्हें अपनी कुर्सी छोडनी पडी। आनन-फानन में तलाश जारी हुई। नये कुलपति की नियुक्ति के लिए गुप-चुप हुई बैठक में रजिस्ट्रार प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत को अस्थायी कुलपति का कार्यभार सौंपा गया। प्रो. सारंगदेवोत ने २ जून १२ को पदभार भी संभाल लिया हालांकि उनकी इस नियुक्ति को केवल छ:माह के लिए बताया गया हैं दूसरी ओर दिव्य प्रभा नागर को विद्यापीठ सलाहकार समिति में शामिल कर लिया गया और इसके निमित्त उन्हें ७५ हजार रूपये मासिक मानदेय की भी घोषणा जारी की गई।

इस प्रकार इस कहावत को चरितार्थ किया गया कि ’अंधा बांटे रेवडी और अपनों को देय’। कुल प्रमुख ने उक्त युक्ति का ही इस्तेमाल किया जिसने कर्मचारियों के रोष को भडकाने में अहम भूमिका निभायी। इसी के साथ कुल प्रमुख ने निष्ठावान कार्यशील कर्मचारियों को निशाना बनाते हुए कुलाधिपति प्रो. बी. एस. गर्ग को पदमुक्त करने के षडयंत्र के तहत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह घोषणा कर दी कि प्रो. गर्ग ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। जब प्रो. गर्ग से इसकी पुष्ठी करनी चाहि तो गर्ग ने त्याग प. देने से इनकार किया। कुल प्रमुख ने फीर पलटी खाई और कहा कि वर्ष २०१० में प्रो. गर्ग ने अपने स्वास्थ्य के कारण त्याग पत्र सौंपा था। जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है।

बडी हास्यास्पद स्थिति है कि वर्ष २०१० में प्रो. गर्ग ने त्याग पत्र दिया तो वे दो वर्ष से क्यों कार्य करते रहे। कुल प्रमुख ने दो वर्षों में नये कुलाधिपति के चयन की प्रक्रिया क्यों आरंभ नहीं कि तथा अब इतने समय बाद अचानक प्रो. गर्ग को हटाने के पीछे क्या ष$डयंत्र है। प्रो. गर्ग को हटाने की विज्ञप्ति जारी करने के बाद ३ जून रविवार देर रात एक हस्तालिखित विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि डॉ. जितेन्द्र कुमार तायलिया को कुलाधिपति नियुत्त* किया गया है। जितेन्द्र तायलिया के नियुक्ति पर जे. एन.आ.यू. के सभी कर्मचारी संगठन भडक उठे। यहां अध्ययनरत छात्रों ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया और ४ जून को आरपार की लडाई के मूड में उतर गए। कर्मचारियों एवं छात्रों ने कुल प्रमुख को विवश कर दिया चाबीयॉ लौटाने को। आन्दोलनकारी कर्मचारी एवं छात्र इसपर भी सहमत नहीं हुए और उन्होंने कुल कर्मचारी संघ के बैनर तले बैठक कर कुल प्रमुख प्रपु*ल्लनागर नये कुलाधिपति जितेन्द्र तायलिया एवं संगठन सचिव भंवर गुर्जर को बर्खास्त करने, व्यवस्थापिका को भंग करने तथा अनुबंध पर चल रहे कर्मचारियों के स्थायीकरण की मांग को ले कर अनिश्चित काल के लिए विश्व विद्यालय बंद की घोषणा कर दी। डॉ. तायलिया को किसने चुना कुलाधिपति यह प्रश्न अभी मौंन हैं स्वयं डॉ. तायलिया इसका एक ही जवाब दे रहे है कि उन्हें कुल प्रमुख ने यह आदेश दिया हैं उल्लेखनीय है कि कुल प्रमुख किसी भी नियुत्ति* के लिए अधिकृत नहीं है। यह तथ्य संस्था का संविधान बताता है।

 

ऐसे होता है चयन:

जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ कुल का कुलाधिपति आजीवन सदस्य मण्डल द्वारा प्रस्तावित एक प्रतिनीधी, ऋत्विका जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्व विद्यालय द्वारा प्रस्तावित एक ्रप्रतिनिधी एवं व्यवस्थापिका जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ कुल द्वारा प्रस्तावित एक प्रतिनिधि की समिति द्वारा अध्यक्ष द्वारा के नाम का प्रस्ताव रखा जाता है। इस प्रस्ताव को व्यवस्थापिका में सर्वसम्मति से अनुमोदनके बाद ही कुलाधिपति की घोषणा की जाती है।

दत्त* प्रक्रिया कि इस पूरे प्रकरण में अनदेखी करते हुए तुगलकी फरमान जारी कर प्रो. गर्ग को पद से बेदखल करने का षडयंत्र रचा गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रो. गर्ग का कार्यकाल वैसे भी २०१३ में समाप्त होने वाला है तो प्रश्न यह उठता है कुल प्रमुख ने गर्ग को हटाने में जल्दी बाजी क्यो कि बहरहाल प्रौढ शिक्षा और रोजगाररत व्यत्ति*यों को वंचित शिक्षा से पुन: जोडने काध्येय ले कर आरंभ हुआ यह विश्वविद्यालय विकास के चरम पर पहुच कर पतन की ओर अग्रसर हो रहा है।इसे बचाने के लिए निष्ठावान कर्मचारी एवं छात्रों का समूह एकजुट है उनकी यह एकता संकल्पबद्घता क्या रंग लाती है यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।

 

एक रहस्य यह भी: कथित रूप से नवनियुत्त* कुलाधिपति डॉ. जितेन्द्र तायलिया समिति के सदस्य रहे होंगे लेकिन विद्यापीठ के उत्थान में उनका कोई योगदान नहीं है। वे एक उद्यमी है और किसी भी व्यवसाय में लाभ हानि के अंतर को परखने की उनमें क्षमता है लेकिन वे किस दृष्टिकोण से शिक्षाविद् है यह प्रश्न यह बुद्घि ाीवियों के चिंतन का विषय बन गया है। उनका शिक्षा में कब कहां और क्या योगदान रहा यह शोध का विषय हो सकता है। लेकिन एक नजरिया साप* है विद्यापीठ के समक्ष एवं कुछ वर्षो में पल्लवित एक निजी विश्वविद्यालय जिसे तायलिया के समकालीन उद्योगपति भाइयों ने ही स्थापित किया तथा शिक्षाका व्यवसायिकरण करने का श्रेय हांसिल किया यह डॉ. तायलिया उनके अतिनिकट है। विद्यापीठ कुल की कुल सम्पत्ति का आंकलन किया जाये तो यह करीब २००० करोड रूपया है। अब इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि एक समक्ष संस्थान में अराजकता का लाभ लेकर उस संस्थान के हित लाभों को कोई भी प्रतिस्पर्दी छीन ले जाए तो अतिश्योत्ति* नहीं होगी।

 

दुनिया की सबसे छोटी सोने की किताब

उदयपुर ,गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकोर्ड होल्डर उदयपुर के शिल्पकार इकबाल सक्का ने विश्व की पहली सबसे छोटी सोने चांदी की किताबें बनाने का दावा किया है ।

इकबाल सक्का ने बताया की ६ माह के अथक प्रयास से उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है । ६४ -६४ प्रष्टो की सोने और चांदी किताब बनायीं है जिसकी साइज़ ऊंचाई ६ मिमी चोदाई ४ मिमी और मोटाई ३ मिमी है इसके प्रष्ट कागज़ से भी पतले है जिन्हें सुई की नोक से खोल कर पड़ा जा सकता है । इस किताब मै हर प्रष्ट पर अरबी भाषा में अल्लाह , संस्कृत में ॐ , ईसाईयों का क्रोस और सिखों का खंडा स्वयं निर्मित कलम से लिखा हुआ है उन्होंने बताया की इस शुक्ष्म किताब को शुक्ष्म दर्शी लेंस से ही पड़ा जा सकता है । और यह किताब विश्व एकता औ विश्व शांति का पैगाम देती है । सोने की किताब का वजन ५०० मिलीग्राम है और चांदी की किताब का वजन ४०० मिलीग्राम है । इकबाल सक्का ने दावा किया है की उनके द्वारा निर्मित यह क़िताबे विश्व की सबसे छोटी सोने चांदी की क़िताबे है ।

संभागीय आयुक्त के आदेश पुलिस के लिए बने ’’चांदी की टकसाल’’

उदयपुर, संभागीय आयुक्त द्वारा गत दिनों जारी फतहसागर की बंसियों के निकट पार्किंग निषेध के आदेश ने पुलिसकर्मियों के लिए ’’चांदी की टकसाल’’ खोल दी है। आदेश की आड में पुलिसकर्मी पफतहसागर के मुख्य छोर की ओर तीन स्थानों पर खडे होकर दो पहिया वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहे है।

उल्लेखनीय है कि संभागीय आयुक्त सुबोध अग्रवाल ने गत दिनों फतहसागर का नैसॢगक सौन्दर्य बनाए रखने के लिए झील किनारे पार्किंग व्यवस्था, सफाई व्यवस्था आदि में सुधार के निर्देश जारी किए थे। आदेश का प्रभाव भी सकारात्मक रहा और झील के किनारों पर सफाई व्यवस्था मे आंशिक सुधार आया। लेकिन इन आदेशों का पुलिस विभाग ने दुरूपयोग आंरभ किया। सुकून की चाहत में प्रकृति के समीप आने वाले सैलानियों एवं स्थानिय नागरिकों को पुलिस ने भय दिखा कर कथित रूप से ’’लूटना’’ आंरभ कर दिया। ’’खाकी’’ का डर और समय की कीमत को देखते हुए ’’खाकी’’ की इस कथित अवैध वसूली का कोई खुल कर विरोध नहीं कर पा रहा है और यह विवशता खाकी के लिए चांदी की टकसाल बन गई है।

चित्तौ$ड से आये ओम शर्मा बताते है की मेने अपनी मोटर साइकिल गलती से बन्सियों के पास की तभी ट्राफिक पुलिस के दो सिपाही आये और बिना कुछ सुने सीधे अपशब्द कहते हुए चालन बनाने लगे जब की मे अपनी बाइक वहां से हटा चूका था लेकिन वे नहीं माने आखिर कार उन्हें १०० रूपये दे कर पिछा छुडाना पडा । इसीतरह हिरन मगरी निवासी विश्वाश चोपडा अपनी पत्नी के साथ फतह सागर पर शाम को ठंडी अवा लेने पहुचे और यह हवा उन्हें ५०० रूपये में पडी गलती उनकी सिर्फ इतनी थी की जब तक उनकी पत्नी आइसक्रीम लेकर आती तब तक पुलिस कर्मियों ने उनके चालान काटने और गा$डी जब्त करने की कवायद शुरू करदी उन्हें भी आखिर कार ५०० रूपये देकर अपनी और अपनी गा$डी की जान बचानी पडी । इसे कई उदाहरण है ।

 

शाम होते ही ट्राफिक पुलिस और हाथीपोल पुलिस के जवान फतहसागर के एक छोर से दूसरे छोर तक तीन जगह ख$डे रहते है एक तो फतहसागर के कोने पर दूसरा मुम्बैया मार्केट और तीसरा मोतीमगरी या फिर काले किंवा$ड के पास और यहां ज्यादातर युवाओं द्वारा तेज बाइक चलने या कही गलत पार्किंग करने या फिर खडे होकर हंसी ठिठोली करने वालों को चालान बनाने का भय दिखा कर १०० से ३०० रूपये वसूले जा रहे है और चार पहिया वाहनों से ५०० रूपये वसूले जा रही है । वहां मालिक की तो कुछ सफाई सुनी ही नहीं जाती न ही उन्हें गलत जगह पार्किंग हटाने का मोका दिया जाता है बस सीधा चलन के ऊपर पेन चले लगता है वहां मालिक चालान के भय से अपना वहां जब्त होने के भय से १०० से ६०० रूपये तक रिश्वत दे कर अपनी जान छुडाता है ।

 

मोबाइल ने ली युवा छात्र की जान

उदयपुर, आज के दौर में मोबाइल जीवन का एक हिस्सा बन गया है, युवाओं मे तो मोबाइल के प्रति इतनी दिवानगी है कि कई बार इसकी वजह से जान से हाथ धोना प$डता है। ऐसी ही घटना शनिवार को घटी जब एक छात्र मोबाइल पर बात करने में इतना मगन हो गया कि बालकनी से जा रही हाईटेंशन लाईन का भी ध्यान नहीं रहा और अपनी जान से हाथ धोना पडा।

घटना शनिवार रात ८ बजे की है जब बडी स्थित एडवेंट कॉलेज में पीजीडएम की पढाई करने वाला छात्र आमोद (२३) पुत्र नितिन जोशी निवासी अहमदाबाद वर्तमान में बडी में ही कालेज के हॉस्टल में रह रहा था। शनिवार को प*तहपुरा न्यु अहिंसापुरी में रहने वाले कालेज दोस्तों सुरेन्द्र और हर्षित मेहता से मिलने गया और दोस्तों से बातचीत करते वत्त* उसके मोबाइल पर काल आया और वह उनके बीच से उठ कर बात करता हुआ धीरे धीरे बालकनी की तरप* बढा आमोद मोबाइल पर बात करने में इतना खोया कि उसको बालकनी से गुजर रही हाईटेंशन लाईन का भी ध्यान नहीं रहा और कुछ ही पलों में मोबाइल पर हंसते हुए बाते करता आमोद अपनी मौत के करीब पहुंच गया और हाईटेंशन लाईन से एक जोरदार झटका लगा और आमोद चिल्लाता हुआ पहले बिजली के तारो से चिपका और पि*र नीचे जा गिरा। अचानक हुई इस घटना से उसके दोस्त भी कुछ समझ नहीं पाए और दोडकर नीचे गये और आमोद को उठा कर पास के निजी अस्पताल में ले गये जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया। उसके मित्रों ने सूचना होस्टल और कॉलेज को दी तो हडकंप मच गया तथा काप*ी तादाद में छात्र चिकित्सालय पहुंचे। इसी दौरान अम्बामाता थाने से प*तहपुरा चौकी प्रभारी रतन ङ्क्षसह भी मौके पर पहुंचे। मृतक के परिजनों को भी सूचना दे दी जो रविवार सुबह आ गये। जांच अधिकारी रतन ङ्क्षसह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिजली के झटके से मृत्यु होना आया है। जांच की जा रही है। रतन ङ्क्षसह ने बताया कि मृतक हाइटेंशन लाईन के इतने करीब पहुंच गया था की हाई पावर ने उसको खींच लिया यही मृत्यु का कारण बना।