ये ह्रदय विदारक तस्वीरें अफ़्रीकी राष्ट्र कैमरून मै हाथियों की दुर्दशा दर्शा रही हें ! वर्ल्ड वाईल्ड लाइफ फण्ड फार नेचर के अनुसार यहाँ आधे से ज्यादा हाथी शिकारियों के हाथों मारे जा चुके है क्योंकि यहाँ हाथियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी नहीं हैं ! जनवरी से लेकर अब तक २०० हाथी अपने दांतों के लिए मारे जा चुके हें !केमरून की सरकार ने शिकारियों पर लगाम लगाने के लिए विशेष सुरक्षा बल भेजे है पर यह कोशिश बहुत छोटी और काफी देर से की गयी है ! केमरून में डब्ल्यू . डब्ल्यू . एफ . की पर्तिनिधि नताशा कोफोवोरोला ने बताया की शिकारियों ने एक सुरक्षाकर्मी को भी मार दिया था सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गयी है ! शिकारी चांड और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक से पहले ही हाथियों का सफाया कर चुके है !
कैमरून के हाथी खतरे में
अब इंटरनेट पर पीएचडी थिसिस ओनलाइन
सुविवि और इनफ्लिबीनेट सेन्टर
के बीच हुआ एमओयू
उदयपुर, 10 अप्रेल (का.स.)। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय और इनफ्लिबीनेट सेन्टर अहमदाबाद के बीच मंगलवार को विज्ञान महाविद्यालय के विवेकानन्द सभागार में आयोजित एक समारोह में एक एमओयू हस्ताक्षर किया गया जिसके तहत सुविवि में किए जा रहे रिसर्च को दुनिया भर के शोधार्थी भी ओनलाइन पढ सकेंगे।
समारोह की अध्यक्षता विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो महीप भटनागर ने की। डीन पीजी स्टडीज प्रो वेणुगोपालन ने इस परियोजना से शोधार्थियों को होने वाले फायदों की जानकारी दी तथा बताया कि यह बेहतर शोध में मददगार सिद्ध होगा। समारोह के मख्य वक्ता इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद के वैज्ञानिक डा मनोज कुमार थे। दोनों पक्षों की ओर से एमओयू पर आपस में हस्ताक्षर कर करार किया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी सेन्ट्रल लाइब्रेरी के प्रभारी प्रो एके गोस्वामी तथा डा रामकेश मीणा ने भी विचार व्यक्त किए।
इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद की ओनलाइन कम्पनी है जो शोधगंगा नाम से एक परियोजना संचालित करती है जिसके साथ देश भर की 54 यूनिवर्सिटीज एमओयू हस्ताक्षर कर चुकी है। शोधगंगा में शामिल होने से सुविवि के पीएचडी शोधार्थियों की थिसिस दुनियाभर में पीएचडी स्कालर्स के लिए मार्गदर्शक और संदर्भ सामग्री के तौर पर काम में आ सकेगी। इसी तरह सुविवि के शोधार्थी भी अन्य यूनिवर्सिटीज में हो चुकी पीएचडी थिसिस का अवलोकन और अध्ययन इस शोधगंगा के माध्यम से कर पाएंगे। कम्पनी की ओर से एक साफ्टवेयर दिया जाएगा जिससे थिसिस की आपस मे नकल को आसानी से पकडा जा सकेगा। इससे मौलिक शोध कार्य अध्ययन किए जा सकेंगे तथा उसके कापी करने के खतरे से भी बचाव होगा। यह साफ्टवेयर यह भी सूचना देगा कि किसी शोध कार्य की आपस में नकल तो नही की गई है। यूजीसी की ओर से थिसिस के इस डिजिटल करने की प्रक्रिया और लेब बनाने के लिए इनफ्लिबीनेट के माध्यम से अनुदान भी दिया जाएगा और समय समय पर इसका मूल्यांकन भी होगा। इस करार के साथ ही सुविवि देश का 55 वां तथा प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय हो गया है जिसने इस तरह का करार किया है।
नाव ने डूबाई नैय्या, 7 मजदूरों की मौत
उदयपुर , डूंगरपुर जिले के चितरी थानाक्षेत्र स्थित एक तालाब में डूबने से सात मजदूरों की अकाल मौत हो गई। कई पेट में पानी भर जाने से अचेत हो गए। नाव में सवार मजदूर तालाब के उस पार ईंट भट्टïे पर मजदूरी के लिये जा रहे थे। सभी मृतक बंजारा जाति के हैं। हादसे की सूचना पर कलेक्टर पूनम, एसपी डान के. जोस सहित सभी आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। गोताखोंरो ने सभी शव बाहर निकल दिए है। कलेक्टर ने मृतकों के परिजनों को नियमानुसार आर्थिक सहायता की घोषण की है।
एस.पी. डान के. जोस ने बताया कि उक्त हादसा आज प्रात: करीब 8.30 बजे यहां बाबा की बार तालब में हुआ। एसपी ने बताया कि नाव में करीब 18 लोग सवार थे, जिसमें 7 की डूबने से मृत्यु हुई, जबकि कई लोग जो तैरने में पारंगत थे वे बाहर निकल आए। कुछेक अचेत है जिन्हें निकटतम अस्पताल ले जाया गया है। मृतकों की शिनाख्त कर ली गई है। थाने के एएसआई गोपाल सिंह ने बताया कि हादसे में महुआ निवासी सुशीला पुत्र वक्ता, चिमा पुत्र बबला, सुशीला पुत्री मंदौर, कल्पेश पुत्र फतह सिंह, अल्पा पुत्र नाथू एवं कपिला पुत्री रामचन्द की डूबने से मृत्यु र्हु। तैर कर बाहर निकल आए लोगों ने पुलिस को बताया कि नाव में करीब 18 लोग सवार थे। महुआ आला के बंजारा जाति के यह मजदूर प्रतिदिन लकड़ी की नाव में तालाब के उस पार इण्डेलिया गांव में ईट भट्टïे पर मजदूरी में लिये जाते थे। मजदूरों के अधिकांश युवा और युवतियां थी।
जांच के निर्देश: मौके पर पहुंचे आला अधिकारीयों ने नाव हादसे की वजह अभी पता नहीं चली है। लकड़ी की इस नाव में संभवत: कुछ मजदूर का वजन एक तरफ ज्यादा था। इस कारण नाव अनियंत्रित हो गई और पलट गई। हालांकि प्रशासन के अधिकारी ने रोजाना इस तरह तालाब पार करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के बारे में पूछने पर कोई स्पष्टï जवाब नहीं दे पाए। कलेक्टर पूनम ने उक्त हादसे की जांच के निर्देश दिए है। साथ ही मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार के नियमानुसार आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। कलेक्टर पूनम ने अपरान्ह को बताया कि वह सूचना पर मौके पर पहुंची है तथा घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है, प्रभावित मजदूरों के परिजनों को सहायता मुहैैया कराई जा रही है।
हवा में उड़ेगी कार
उड़ने वाली कार अब एक सपना नही रह गयी हे ! अमेरिकी कम्पनी टेराफुजिया ने एक ऐसी कार बनाई है जो उड़ भी सकती है ! अभी इसे फेरडल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन से परिक्षण उड़ान कि अनुमति मिली है ।उम्मीद है कि लगभग 1.44 करोड़ रूपये कि कीमत कि यह कार अगले वर्ष बाज़ार में आजायेगी दो लोगों के लिए उपयुक्त इस कार के पंख मोड़ कर बंद किये जासकते है । यह कार ज़मीं पर सामान्य कार कि भांति चलेगी । इसके टेंक में 87 लीटर पेट्रोल आसक्त है ।सड़क पर 14 .92 किलोमीटर प्रति लीटर के हिसाब से चलेगी और हवा में 11 .89 किलोमीटर प्रतिलीटर चलेगी उड़ान भरने के लिए इसे 1700 फुट के रनवे कि जरूरत होगी
इंसानी शरीरो पर पेंटिंग
पहली नजर में यह लेण्ड केनवास पर बनी ऑयल पेंटिंग की तरह लग रही हे ! पर गौर से देखने पर बेहद पैनी नजर वाले लोग की यह पहचान पाएंगे की यह पहाड़ी पराक्रतिक द्र्श्य अविश्विनीय रूप से एक महिला के अनाव्रत शारीर पर बना हे ! पर्तिभाशाली कलाकार न्युओर्लियांस के क्रेग टेर्सी ने घंटो की कड़ी मेहनत के बाद यह अदभुत तस्वीर बनाई हे ! क्रेग कहते हे कि वे विशेष रूप से मानव त्वचा के लिए बने रंगों का प्रयोग करते हे ! क्रेग अब तक 500 इंसानी शरीरो पर पेंटिंग कर चुके हे !
सिंघानिया यूनिवर्सिटी पर काश्तकारों के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप
भटेवर के खालातोड तालाब की जमीन ओर बरसाती नाले पर नियम विरूद्घ निर्माण रोकने की मांग
उदयपुर, भटेवर स्थित सिंघानिया युनिवर्सिटी द्वारा पिछले कई समय से तालाब के पेटे की डूबत में आने वाली जमीन तथा तालाब को भरने वाले बरसाती नाले पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य करने से क्षेत्र के काश्तकारों किसानों के हितों पर कुठाराघात हो रहा है।
गुर्जर कृषि प*ार्म हाउस के संचालक लक्ष्मी लाल गुर्जर ने बताया कि भटेवर पंचायत का खाला तो$ड तालाब पिछले कई समय से अतिक्रमण के चलते दम तो$डता जा रहा है। इस तालाब के भरने वाले बरसाती नाले में सिघांनिया यूनिवर्सिटी द्वारा अतिक्रमण के बाद किये जा रहे निर्माण कार्यो से नाले का मार्ग अवरूद्घ हो गया है जिससे तालाब में पानी नहीं पहुंच पाता है।
रियासत काल से इस तालाब के पानी का उपयोग क्षेत्रवासियों को शुद्घ पेयजल, किसानों को कृषि भूमि की सिंचाई तथा मवेशियों को पानी पिलाने के लिए किया जाता रहा है। सिंघानिया यूनिवर्सिटी द्वारा अतिक्रमण के जरिए लगातार अवरोध पैदा करते रहने से इस तालाब की उपयोगिता धीरे धीरे नष्ट होती जा रही है।
शुद्घ पानी के लिए विख्यात यह तालाब धीरे धीरे प्रदूषण का शिकार हो रहा है । सिघांनिया यूनिवर्सिटी का सिवरेज का सारा गंदा पानी इस बरसाती नाले में ही छोडा जा रहा है ओर यह गंदा पानी जाकर सीधा तालाब में समाहित हो रहा है। नतीजन तालाब का शुद्घ पानी सिवरेज के गंदे पानी के साथ मिलने के बाद न तो इंसानों के पीने लायक ओर ना ही जानवरों के और तो ओर इस पानी से किसान अपने खेतों की प*सलों की सिंचाई भी नहीं कर पा रहे है क्यों कि इससे प*सले खराब हो सकती है। इतना ही नहीं सिवरेज के पानी से तालाब में रहने वाले जलीय जीवों पर भी मौत का खतरा मण्डरा रहा है कई जीव तो नष्ट भी हो चुके है। गुर्जर ने बताया कि तालाब पेटे में आने वाली डूबत जमीन और बरसाती नाले को सिघांनिया यूनिवर्सिटी उसके नाम पर आवंटन होना बता रही है जबकि वह कानूनी तौर पर आंवटित हो ही नहीं सकती क्यों कि सुप्रिम कोर्ट ने अपने आदेश में साप* निर्देश दे रखे है कि कहीं भी सरकारी नदी, नाला या डूब क्षेत्र में आने वाली जमीन की अवाप्ति या आवंटन किसी भी सूरत में नहीं हो सकता। पि*र यहां किस नियम कानून के तहत यह सब हुआ है। जिला कलेक्टर से निष्पक्ष जांच व उचित कार्यवाही के लिए अपेक्षित है।
हाऊसिंग बोर्ड में लाखों के माल पर चोरों ने हाथ साफ किया
बांसवाडा, शहर के हाऊसिंग बेार्ड में मुख्य मार्ग पर बने मकान में बीती रात चोरों ने हाथ साफ कर लिया। ये चोर १ लाख ६. हजार रूपये की नगदी और लगभग ६.५. लाख रूपये के जेवरात चोरी कर ले गये। इस मामले में आश्चर्यजनक बात यह रही कि चोरों ने छत पर चढकर छत की जाली में से सीढियों के दरवाजे को लम्बे सरिये से कुंडी खोल ली। इन चोरों ने मकान के कमरे में सो रहे समाजसेवी एवं व्यवसायी हिम्मतसिंह पुत्र तेजकरण बावरिया के पलंग के नीचे से पेटी निकाली और इसी कमरे में पडी अलमारी से सोने व चांदी के जेवरात निकाल लिये। चोरों ने सोने की चार चुडियां, सोने की चार अंगूठी, चांदी के २५ सिक्के, १८ ग्राम सोने की डली, चांदी के १. जोडी पायजेब और लगभग ढाई तोला सोने की चैन चुरा ली। बावरिया ने बताया कि वे रात को लगभग डेढ बजे तक जग रहे थे। संभवत: कूलर की आवाज के कारण हुई खटपट सुनाई नहीं दी। इन चोरों ने बावरिया का एक पुत्र जो अपनी पत्नी के साथ मुम्बई गया हुआ था के कमरे में जाकर ये पेटियां खोली और कीमती सामान पर हाथ साफ कर लिया। चोरी की इस घटना से साफ प्रतीत होता है कि किसी जानकार ने ही इस घटना को अंजाम दिया है क्योंकि चोर अपने साथ उतना ही लम्बा सरिया लेकर आए थे जितनी लम्बाई खिडकी और दरवाजे के बीच की थी। ये चोर बाद में छत पर ही लोहे के सरिये, हथोडी आदि सामान रखकर फरार हो गये। सुबह जब हिम्मतसिंह की पत्नी उठी तो उसने अपने बेटे के कमरे में सामान बिखरा देखा तो उसने हिम्मतसिंह को उठाकर इसका कारण पूछा तो हिम्मतसिंह के होश उड गये। बाद में पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक जीवनसिंह चारण, सूरजपोल चौकी प्रभारी लालसिंह, राजेन्द्रसिंह आदि मौके पर पहुंचे। मौके पर बाद में खोजी श्वान ‘होज‘ को ले जाया गया। कुछ देर श्वान ने बिखरे सामान को सूंघा, बाद में संभावित रास्तों पर भी उसे सुंघाया गया। इसके बाद जब होज को छोडा गया तो वह मौका-ए-वारदाद से लगभग डेढ दो किमी दूर कच्चे मकानों के पास जाकर रूक गई। पुलिस ने यहां पर दो-तीन मकानों की तलाशी ली। ध्यान रहे कि हिम्मतसिंह ने पुलिस को बताया था कि कुछ दिनों पूर्व उसने अपने मकान में रंगाई-पोताई का कार्य कराया था। संभवत: रंगाई-पोताई वाले व्यक्ति ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए पुलिसकर्मियों ने रंगरोगन करने वालों के बारे में पूछताछ की। इसी दौरान रंगाई-पुताई करने वाला एक युवक वहां आया जिस पर पुलिस पूछताछ के लिये उसे थाने ले गई। इधर क्रांतिकारी तरूण मंच ने शहर में बढती चोरियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। मंच के महासचिव अशोक मदहोश ने कहा कि चोर, पुलिस पर भारी पड रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्ग पर हुई चोरी की घटना से साफ होता है कि गश्त व्यवस्था में कितनी पोल है। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले पैरूमल सिंधी की दुकान पर चोरों ने ताले तोड दिये।
सुखाडिया विश्वविद्यालय के शोध कार्य होंगे ऑनलाईन
उदयपुर, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में किए जा रहे रिसर्च वर्क अब दुनिया भर के शोधार्थी भी ओनलाइन पढ सकेंगे। इस आशय के एमओयू पर सुविवि और इनफ्लिबीनेट सेन्टर के बीच मंगलवार को एक समारोह में करार और हस्ताक्षर होगा।
विज्ञान महाविद्यालय के विवेकानंद सभागार में सुबह साढे दस बजे शुरु होने वाले इस समारोह की अध्यक्षता सुविवि के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी करेगे जबकि मुख्य अतिथि इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद के निदेशक डा जगदीश अरोडा होंगे। समारोह के मुख्य वक्ता इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद के वैज्ञानिक डा मनोज कुमार होंगे।
इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद की ऑनलाइन कम्पनी है जो शोधगंगा नाम से एक परियोजना संचालित करती है जिसके साथ देशभर की ५४ यूनिवर्सिटीज एमओयू हस्ताक्षर कर चुकी है। शोधगंगा में शामिल होने से सुविवि के पीएचडी शोधार्थियों की थिसिस दुनियाभर में पीएचडी स्कॉलर्स के लिए मार्गदर्शक और संदर्भ सामग्री के तौर पर काम में आ सकेगी। इसी तरह सुविवि के शोधार्थी भी अय यूनिवर्सिटीज में हो चुकी पीएचडी थिसिस का अवलोकल ओर अध्ययन इस शोधगंगा के माध्यम से कर पाएंगे।
उदियापोल चौराहे को दिया जाएगा हेरिटेज लुक
उदयपुर, नगर परिषद् सभापति सहित परिषद् के जन प्रतिनिधि व अधिकारिया और वेदान्त समूह के अधिकारियों ने सोमवार को निर्माणाधीन उदियापोल सर्कल का दौरा किया व उसको हेरिटेज लुक देने का निर्णय किया ।
नगर परिषद् सभापति रजनी डांगी ने बताया कि शहर के हेरिटेज विकास और पर्यटन की दृष्टि से ये जरूरी है कि उदियापोल चौराहे का लुक हेरिटेज जेसा हो जिससे बाहर से आने वाले देसी विदेशी पर्यटक आकर्षित हों । सभापति सहित परिषद के निर्माण समिति अध्यक्ष प्रेम सिंह शक्तावत, राजस्व समिति अध्यक्ष अर्चना शर्मा आदि वेदान्ता समूह के अधिकारियों के साथ निर्माण धिन उदियापोल चौराहा का निरीक्षण करने पहुंचे। उल्लेखनीय है की चोराहे का निर्माण वेदान्ता समूह द्वारा किया जा रहा है। सभापति ने वेदान्ता के अधिकारियों से आग्रह किया कि सर्कल को हेरिटेज लुक देते हुए बाहर की चुनाई चित्तौ$ड के खण्डों से की जाए। उन्होंने सर्कल का पांच इंची उपरी मोल्डेड हिस्सा भी चित्तोड की फर्शी से करने को कहा । जिसको वेदान्ता के अधिकारियों ने स हर्ष स्वीकार कर लिया ।
शेल्टर: सभापति ने एन.एस पब्लिसिटी को शहर में चिन्हित स्थानों पर बस शेल्टर का निर्माण जल्दी करवाने को कहा ताकि गर्मी और धूप से नागरिकों को कुछ राहत मिले
सेट बेक: सभापति ने नागरिकों से अपील की है की भवन निर्माण के समय वे निर्धारित मानदंडों के अनुसार सेटबेक छोडे ताकि मकान में हवा पानी पर्याप्त मात्र में मिलती रहे । मानदंडों की उपेक्षा कर निर्माण करने पर नियमन भी मुश्किल हो जाता है ।
एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स उदयपुर को मिला श्रेष्ठ हेरिटेज कैटेगरी अवार्ड
उदयपुर, हिमाचल प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा शिमला में गत ६ अप्रेल से आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल ट्यूरिज्म कन्कलेव एवं ट्रेवल अवार्ड के तहत एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स उदयपुर को उनकी कार्यप्रणाली एवं विरासत संरक्षण के साथ सर्वश्रेष्ठ मेहमाननवाजी के लिए श्रेष्ठ हेरिटेज कैटेगरी अवार्ड से नवाजा गया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने यह सम्मान एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स उदयपुर के कार्यकारी निदेशक लक्ष्यराज सिंह मेवाड को प्रदान किया।
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा शिमला में आयोजित समारोह में संपूर्ण भारत के अनेकों होटल व्यवसायियों तथा पर्यटन से जुडे विभिन्न संकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कन्कलेव के चेयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अजय गुप्ता के अनुसार एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स उदयपुर को उनकी सर्वश्रेष्ठ विरासत संरक्षण कार्यपद्घति के साथ बेहतरीन मेहमाननवाजी के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। तीन दिवसीय कन्कलेव में केन्द्रीय पर्यटन विभाग के सचिव आर.एच. ख्वाजा सहित विभिन्न राज्यों के पर्यटनों, सचिवों एवं पर्यटन व्यवसायी संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समारोह के अंतिम दिवस मॉरीशस, चाइना, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर तथा शिलॉंग के पर्यटन प्रतिनिधियों ने पर्यटन उन्नयन पर चर्चा की।