अब एक दिन में 100 नहीं, 200 एसएमएस कर सकेंगे आप

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नई दिल्ली. मोबाइल पर ज़्यादा से ज़्यादा एसएमएस करने वाले उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने एक दिन में भेजे जाने वाले एसएमएस की संख्या बढ़ाते हुए अब इसका दायरा 200 कर दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। कुछ दिनों पहले ट्राई ने एक दिन में एक सिम से अधिकतम 100 एसएमएस भेजने की पाबंदी लगा दी थी। इस खबर को निश्चित रूप से उन उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी माना जा सकता है, जो ज़्यादा एसएमएस करने के आदी हैं।

एक बयान में ट्राई ने कहा है, ‘अथॉरिटी को सर्विस प्रोवाइडरों और उपभोक्ताओं से एसएमएस की सीमा बढ़ाने को लेकर सलाह मिली थी। अथॉरिटी ने इन सलाहों पर गौर किया और एसएमएस पर पाबंदी का दायरा बढ़ाने का फैसला किया।’ इससे पहले अक्टूबर में लोगों को अनचाहे एसएमएस से मुक्ति दिलाने के लिए ट्राई ने एक और कदम बढ़ाया था। ट्राई ने टेलीमार्केटिंग वाले सभी एसएमएस पर 5 पैसे का टर्मिनेशन शुल्क लगा दिया था। यह शुल्क उस ऑपरेटर पर लगना है जिसके नेटवर्क से एसएमएस भेजा जाएगा। ट्राई ने इस सिलसिले में एक अधिसूचना भी जारी की थी। हर ऑपरेटर पंजीकृत टेली मार्केटिंग कंपनी से यह प्रभार वसूल सकते हैं। सितंबर महीने में जब ट्राई ने अनचाही कॉल और एसएमएस के खिलाफ नियम कड़े किए थे तो उसने यह प्रभार लगाने का भी ऐलान किया था।

‘डिप्रेशन से बचा सकती है कॉफ़ी’

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चाय और कॉफ़ी के स्वास्थ्य पर न जाने कितने शोध हो चुके हैं और जहाँ कुछ उसे फ़ायदेमंद बताते हैं तो कुछ उसके नुक़सानदायक पहलू पर ज़ोर देते हैं.

 अब कॉफ़ी पर आए एक नए शोध के अनुसार एक दिन में दो या उससे अधिक कप कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं के डिप्रेशन का शिकार होने की संभावना काफ़ी कम होती है.

अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि ऐसा प्रभाव क्यों होता है मगर शोधकर्ताओं को लगता है कि कॉफ़ी में मिलने वाली कैफ़ीन दिमाग़ पर ये असर डालती है क्योंकि कैफ़ीनमुक्त कॉफ़ी का ऐसा असर देखने को नहीं मिला. इस शोध के नतीजे आर्काइव्स ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन में छपे हैं और इसके लिए 50 हज़ार अमरीकी महिला नर्सों का अध्ययन किया गया.nविशेषज्ञ ये संबंध समझने के लिए और अध्ययन करने पर ज़ोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि निश्चित ही अभी महिलाओं को ये सलाह देना जल्दबाज़ी होगी कि उन्हें अपना मूड ठीक रखने के लिए कॉफ़ी पीनी शुरू कर देनी चाहिए.

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक दल ने 1996 से 2006 के बीच के दशक में महिलाओं के स्वास्थ्य पर नज़र रखी और उनके कॉफ़ी के सेवन की मात्रा की जानकारी लेने के लिए प्रश्नावलियों का सहारा लिया.

 कैफ़ीन का असर

 इस अवधि में सिर्फ़ 2600 महिलाएँ डिप्रेशन का शिकार हुईं और उनमें से अधिकतर या तो बिल्कुल ही कॉफ़ी नहीं पीती थीं या बहुत ही कम कॉफ़ी का सेवन करती थीं. हफ़्ते में एक कप या उससे कम कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं की तुलना जब ऐसी महिलाओं से की गई जो दिन में दो या तीन कप कॉफ़ी पीती थीं तो कॉफ़ी ज़्यादा पीने वाली महिलाओं में डिप्रेशन होने का ख़तरा 15 प्रतिशत तक कम पाया गया. वहीं चार या उससे अधिक कप कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं में ये ख़तरा 20 प्रतिशत से भी कम हो गया.

अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से कॉफ़ी पीने वालों के धूम्रपान करने या शराब पीने की संभावना भी ज़्यादा थी और उनके चर्च जाने या सामुदायिक कार्यों में हिस्सेदारी कम रहती थी. उन महिलाओं का वज़न बढ़ जाने या उनमें उच्च रक्त चाप की समस्या भी नहीं देखी गई.

शोधकर्ताओं के अनुसार ये अध्ययन पहले के उन शोधों के अनुरूप ही पाए गए हैं जिनके अनुसार कॉफ़ी पीने वालों की आत्महत्या की दर काफ़ी कम होती है. शोधकर्ता इसकी वजह कैफ़ीन को मान रहे हैं.

पटौदी के दसवें नवाब बने सैफ अली खान

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पटौदी [हरियाणा]। अभिनेता सैफ अली खान को सोमवार को उनके पैतृक महल में पटौदी के दसवें नवाब की पदवी सौंपी गई।

हरियाणा के पटौदी स्थित इब्राहिम महल में आज आयोजित ‘पगड़ी’ समारोह में गावों के प्रधानों ने 41 वर्षीय सैफ के सिर पर सफेद पगड़ी बाधी। इस मौके पर उनकी मा शर्मिला टैगोर और बहनें सबा व सोहा के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि 22 सितंबर को सैफ के पिता मंसूर अली खान पटौदी का निधन हो जाने के कारण उन्हें नवाब की पदवी दी गई है। मंसूर पटौदी की मा भोपाल के आखिरी नवाब हमिदुल्ला खान की बेटी थीं।

सप्ताह की ख़बरें, फोटो की जुबानी

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25 अक्टूबर ,संता क्रूज़ कोंफ्रेंस के दोरान फोटोग्राफर पौल स्क्रौब द्वारा दो कुबड़ा व्हेल के आश्चर्य जनक करतब के लिए गए फोटो

28 अक्टूबर , दक्षिणी सूडान में रेल गाड़ी के पास एक बच्ची इंतजार करते , दक्षिणी सूडान में गृह युय्द्ध की समाप्ति के बाद अब इस प्रान्त को आधुनिक बनाने की कवायद चल रही हे |

28 अक्टूबर , सीर्त , गद्दाफी की मोत के बाद , विरोधियो ने गद्दाफी के रिश्ते दरों की कब्रें भी खोद दी |

28 अक्टूबर , हवाना , विद्रोही नायक केमिलो क्लीनफ्युगोस , के सम्मान में स्चूली बच्चे दरिया में पुष्प भेंट कर श्रद्धांजलि देते , क्लीनफ्युगोस कास्त्रो की विद्रोही सेना का कमांडर था जो 28 अक्टूबर 1959 में विमान दुर्घटना के दोरान दरिया में लापता हो गया था |

28 अक्टूबर , रूस ,मोस्को की अदालत के बाहर एक प्रदर्शन कारी को उठा के ले जाते पुलिस के जवान |

31 अक्टूबर को दुनिया की आबादी संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार 7 अरब हो जाएगी |

27 अक्टूबर , चाइना के कुछ शहरों में पुलिस और पब्लिक के बिच विवाद के बाद सुनसान सड़क पर एक साईकिल सवार |

27 अक्टूबर , पेरिस , भूख और विकास के लिए राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी का मुखोटा पहन कर एक रोयल जगह पर प्रदर्शन करते |

28 अक्टूबर को न्यू जर्सी में स्वतंत्रता की प्रतिमा की 125 वि वर्ष गाँठ पर आतिश बाजी |

29 अक्टूबर , रूस , मास्को में वोल्वो फेशन वीक के दोरान एक मोडल |

27 अक्टूबर , कोलकाता , दिवाली के बाद कोलकाता के एक गाँव हावड़ा में पारंपरिक रस्म के दोरान महिलाएं नोक दोड़ में हिस्सा लेती हे |

27 अक्टूबर , इटली में हिंसक बारिश और बाड़ का एक द्रश्य ,

25 अक्टूबर , वाल स्ट्रीट में प्रदर्शन के दोरान आंसू गेस के बिच प्रदर्शन कारी |

28 अक्टूबर , कोलंबिया , सरकार द्वारा बनायीं गयी शिक्षा सुधार की निति के खिलाफ प्रदर्शन करती महिला

यात्रियों का गुस्सा और पुलिस की धमकी

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उदयपुर। भूटान नरेश के उदयपुर आगमन से पहले पुलिस की ओर से की गई सुरक्षा व्यवस्था से परेशान हुए रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इस मौके पर पहले तो पुलिस ने समझाने का प्रयास किया बाद मे नहीं मानने पर पुलिस अधिकारियों ने धक्का-मुक्की कर सभी यात्रियों को वहां से खदेड़ दिया। इस मौके पर यात्रियों में काफी नाराजगी दिखाई दी। सूत्रों के अनुसार भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के उदयपुर आगमन को देखते हुए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से पुख्ता प्रबंध किया गया था। रेलवे स्टेशन में घुसते ही मौजूद पुलिस अधिकारी स्टेशन के प्रवेश द्वार से पहले ही यात्रियों को रोक रहे थे। वहीं भूटान स्टेशन के प्रवेश द्वार पर दो तरह के द्वार बनाए गए थे तथा यात्रियों को दूसरे द्वार से ही अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा था। भूटान नरेश के आने के करीब १५ मिनट पहले से ही दूसरे द्वार को भी बंद कर दिया तथा यात्रियों को काफी पहले ही रोकना शुरू कर लिया। कुछ देर तक तो यात्रियों ने इंतजार किया परन्तु बाद में यात्रियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। सूत्रों के अनुसार यात्रियों ने रेलवे स्टेशन पर ही हंगामा मचाना शुरू कर दिया तथा मुख्य द्वार की ओर बढ़ गए। हो-हल्ला सुनकर प्लेटफार्म नम्बर १ पर खड़े पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी बाहर की ओर भागते हुए गए। जहां पर पहले तो यात्रियों को समझाने का प्रयास किया परन्तु यात्रियों में काफी आक्रोश था। कुछ देर तक समझाईश करने के बाद भी नहीं मानने पर पुलिस अधिकारी पुलिसिया लहजे पर उतर आए तथा यात्रियों को धक्का देना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने एक-दो यात्रियों को थप्पड़ भी मार दी। यह देखकर हंगामा कर रहे यात्री वहां से भाग खड़े हुए तथा पुलिस जवान भी यात्रियों के पीछे दौड़े। सभी यात्री मुख्य द्वार के काफी पहले जाकर खड़े हो गए। फिर से ऐसा हंगामा ना हो इसके लिए पुलिस ने वहां पर भी जाब्ता तैनात कर दिया। भूटान नरेश के आकर होटल की ओर जाने के बाद ही सभी यात्रियों को रेल्वे स्टेशन में प्रवेश करने दिया गया।

 

प्रोटोकॉल तोड़ के मुसीबत में फ़सी मासूम

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– पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों में मचा हड़कंप

– मासूम व उसके पिता को लिया हिरासत में, जयपुर से होगा कार्यवाही के लिए निर्णय, अधिकारियों को जवाब

देना पड़ा भारी

उदयपुर। भूटान राष्ट्राध्यक्ष जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के लिए जारी किए प्रोटोकॉल के दौरान एक

मासूम बालिका ने बिना किसी पूर्व कार्यक्रम या बिना स्वीकृति के भूटान नरेश तथा उनकी पत्नी के

पास जाकर स्वागत के लिए एक चावल का दाना देकर प्रोटोकॉल तोड़ दिया। यह देखकर पुलिस एवं प्रशासनिक

अधिकारियों में हड़कंप मच गया। प्रोटोकॉल के लिए जारी सूची में इस मासूम का नाम नहीं

होने पर पुलिस ने तत्काल ही मासूम तथा उसके पिता को हिरासत में ले लिया है तथा इस बारे में जयपुर

उच्चाधिकारियों को बता दिया जा चुका है। पुलिस अधिकारियों को जवाब तक देना नहीं बन रहा है।

जयपुर से निर्णय के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक तथा उनकी पत्नी जेतसुन पेमा के रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद दोनों होटल में जाने के लिए स्टेशन के से बाहर निकल गए। स्टेशन के बाहर ही उनकी गाड़ी के पास पहुंचे ही थे कि दूसरी तरफ से एक १० वर्षीय मासूम बालिका मनस्विनी सोगा भागकर आई तथा भूटान नरेश को एक कागज दिया। इस कागज पर वेलकम टू इंडिया,एट राजस्थान, एट उदयपुर लिखा हुआ था। कागज पर लिखा हुआ चावल का दाने पर भी लिखा हुआ था। भूटान नरेश ने यह देखकर इस बच्ची के साथ फोटो खिचावाया, हाथ मिलाया। बच्ची ने इसके एवज में उन्हें थैंक्यू भी कहा। भूटान नरेश के रवाना होने के बाद इस बच्ची तथा उसके पिता सेक्टर १४ निवासी जयप्रकाश को घेर लिया तथा पूछताछ करनी शुरू कर दी। केन्द्र सरकार की ओर से आमंत्रित किए गए भूटान नरेश को जेड़ प्लस की सुरक्षा दी गई है तथा पुलिस महकमे की ओर से विशेष सुरक्षा व्यवस्था देने का आदेश आया हुआ है। इस सुरक्षा व्यवस्था में भूटान राष्ट्राध्यक्ष को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बराबर की सुरक्षा दी जाती है तथा बिना पूर्व नियोजित कार्यक्रम कोई भी नहीं मिल सकता है। वहीं पूर्व में जारी हुए सुरक्षा कार्यक्रम में कहीं भी इस बच्ची द्वारा चावल का दाना देने का कार्यक्रम नहीं था। यह देखकर हड़कंप मच गया। कुछ देर तक बात करने के बाद जब भूटान राष्ट्राध्यक्ष रवाना हो गए। उसके बाद पुलिस अधिकारियों ने इस बच्ची तथा उनके पिता जयप्रकाश को घेर लिया तथा पूछताछ करनी शुरू कर दी। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष इस बारे में उच्चाधिकारियों को बताने तथा जवाब देने में हिचकिचाहट हो रही थी। पुलिस अधिकारियों ने इस व्यक्ति को हिरासत मे ले लिया है तथा सूरजपोल थाने भिजवा दिया है। पुलिस

अधिकारियों के अनुसार इस बारे में राजधानी जयपुर में पुलिस के उच्चाधिकारियों को बताया जाएगा। जिसके बाद ही आगामी कार्यवाही का निर्णय लिया जाएगा। पहले भी बाहर निकाला था रू- इधर मौके पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तेजराज सिंह ने बताया कि जयप्रकाश नामक इस व्यक्ति भूटान नरेश के आने से काफी समय पहले ही वहां पर आ गया था तथा स्टेशन परिसर में घुस गया था। जिसे देखकर एक बार तो रेलवे का कर्मचारी समझा। पूछताछ करने पर जयप्रकाश भूटान राष्ट्राध्यक्ष के स्वागत के लिए चावल का दाना देना बताया तो तेजराज सिंह ने उसे साफ तौर से मना करते हुए बाहर निकाल दिया। जिसके बाद वह बाहर ही खड़ा रहा तथा मौका देखकर अपनी बच्ची को भेज दिया। कौन है जयप्रकाश रू- जयप्रकाश नाम का यह व्यक्ति सेक्टर १४ में रहता है तथा छोटे-मोटे ठेके लेकर काम चलाता है। इस व्यक्ति ने पहले भी कई अति महत्वपूर्ण लोगों के लगने वाली प्रोटोकॉल को तोड़ा है। जिस बारे में उसे पहले भी समझाया गया था

भूटान नरेश का उदयपुर में शानदार स्वागत

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उदयपुर। शनिवार शाम को आठ बजे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर काले कोट, काले पेंट तथा काली शर्ट में उतरे भूटान नरेश के साथ ब्ल्यू कलर के टॉप तथा सफेद स्कर्ट में उतरी उनकी पत्नी जेतसुन पेमा आदिवासी कलाकारों के नृत्य को देखा तथा एक मासूम बच्ची ने चावल के दाने के माध्यम से उनका स्वागत करने के तरीके को देखकर अभिभूत हो गए। नव विवाहित भूटान नरेश एवं राजकीय अतिथि जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक अपनी पत्नी जेतसुन पेमा के साथ शनिवार रात्रि को हनीमून मनाने के लिए विशेष रेल से उदयपुर पहुंचे। रेल्वे स्टेशन पर भूटान नरेश का शहर पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों ने मेवाड़ी परम्परा के अनुसार स्वागत किया। पिछले तीन दिनों से अपनी पत्नी के साथ राजस्थान के विभिन्न शहरों में घूमकर राजस्थान की रंगबिरंगी संस्कृति का आनंद उठा रहे भूटान नरेश शनिवार शाम को रेलवे की विशेष ट्रेन से उदयपुर पहुंचे। भूटान नरेश के आगमन के लिए शहर के प्रशासन व रेलवे ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थी। रात्रि करीब ८ बजे तक रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर एक रेलवे के कर्मचारी जुटे रहे। रेलवे कर्मचारियों ने प्लेटफार्म पर गलीचा बिछाया गया। रेलवे के कर्मचारियोंकी ओर से गलीचे पर गुलाब जल तथा केसर का छिड़काव किया गया।

 

शाम को करीब ७.४५ बजे उदयपुर नगर परिषद सभापति रजनी डांगी भी स्वागत के लिए पहुंच गई। वहीं मौके पर रेलवे के डीआरएम, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक ने हाथों में मालाएं लेकर गाड़ी का इंतजार करने लगे। रात्रि को ठीक आठ बजे भूटान नरेश की विशेष गाड़ी प्लेटफार्म नम्बर एक पर पहुंची। गाड़ी में से पहले तो भूटान के सेना अधिकारी, पुलिस अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी उतरे तथा स्टेशन को अच्छी तरह से जांचा परखा। अच्छी तरह से जांचने के बाद भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक तथा उनकी पत्नी जेतसुन पेमा डिब्बे में से उतरे। काले कोट, काले पेंट तथा काली शर्ट में भूटान नरेश तथा ब्ल्यू कलर के टॉप तथा सफेद स्कर्ट में जेतसुन पेमा काफी खुबसूरत लग रहे थे। जिनका वहां पर मौजूद सभापति रजनी डांगी ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। सभापति ने भूटान नरेश तथा उनकी पत्नी का स्वागत किया। उनके बाद अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक उदयपुर रेंज, जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक ने उनका स्वागत किया। सभापति ने प्लेटफार्म पर ही भूटान नरेश तथा उनकी पत्नी से कुछ देर तक बात की। जिसके बाद वे बाहर की ओर रवाना हो गए। इस मौके पर गैलरी से निकलते समय भूटान नरेश तथा उनकी पत्नी वहां पर मौजूद लोगों का अभिवादन कर रहे थे। बाहर भूटान नरेश के बाहर निकलते ही बाहर आदिवासी कलाकारों ने भूटान नरेश के स्वागत के लिए गुजराती लोक नृत्य प्रस्तुत किया तथा बाहर मौजूद एक गजराज ने भूटान नरेश का स्वागत किया। कुछ देर तक रूककर भूटान नरेश ने गुजराती नृत्य को देखा तथा बाद में गाड़ी में बैठने लगे इसी दौरान एक १० वर्षीय बच्ची मनस्विनी सोगा ने भूटान नरेश को एक कागज तथा चावल का दाना दिया। चावल के दाने पर भूटान नरेश के स्वागत लिखा हुआ था। भूटान नरेश तथा उनकी पत्नी ने इस बच्ची के साथ फोटो खिचवाएं तथा अपनी कार में बैठ गए। कार में बैठने के बाद भूटान नरेश की पत्नी ने हाथ जोड़कर सभी का आभार प्रकट किया। जिसके बाद भूटान नरेश पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के भारी लवाजमें के साथ होटल की ओर रवाना हो गए। भूटान नरेश के कार्यक्रम को देखते हुए पूर्व में उदयपुर में पोस्टेड़ प्रोटोकॉल आफिसर तारिक खान को विशेष रूप से बुलाया गया था।

 

एनजाय उदयपुर रू- भूटान नरेश के स्वागत के दौरान सभापति ने इन नव विवाहिता दम्पति को उदयपुर में जमकर एन्जाय करने के लिए कहा। सभापति ने बताया कि मात्र कुछ सैकंड की बातचीत के दौरान उन्होंने उदयपुर में एन्जाय करने तथा शहर के सभी पर्यटक स्थलों पर भ्रमण करने के लिए कहा। वहीं भूटान नरेश ने भी उन्हें थैक्यूं कहा।

 

जुकाम के घरेलू उपचार

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गर्मी के बाद बरसात और बरसात के बाद सर्दी, इस बदलते मौसम के अनुकूल शरीर को भी ढालना होता है, अगर मौसम के अनुसार शरीर एडजस्ट नहीं करता है तो मौसमी रोगों का शिकार हो जाता है. खास कर मौसम के बदलाव के दौरान व्यक्ति का शरीर वातावरण में हो रहे बदवाल को नहीं झेल पाता है. सर्द-गर्म के असर से सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो जाता है. इससे बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय हैं, जिसके जरिये आप इन मौसमी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं.

जुकाम के इलाज में हल्दी काफी फायदेमंद है. बहती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा. यदि नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी.

10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं. एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा. हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन खान-पान की आदतों को लेकर हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और यदि जुकाम वगैरह के लक्षण दिखाई दे तो समुचित दवाओं आदि से इलाज कराना चाहिए.

डिप्थीरिया होने पर अमलतास के काढ़े से गरारा करने पर बहुत हद तक आराम मिलता है. तुलसी और अदरक इस मौसम में लाभदायक होते हैं. तुलसी में काफी उपचारी गुण होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर साबित होते हैं. तुलसी की पत्तियां चबाने से ठंड और फ्लू दूर रहता है. इन बताए गए टिप्स से सर्दी- जुकाम से निजात पा सकते हैं.

सेक्स हार्मोन्स पर असर डालता है गुटखा

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गुटखा खाने वालों के लिए बुरी खबर है। गुटखा से न केवल आपको मुंह का कैंसर हो सकता है, बल्कि दांत भी खराब हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गुटखे में मौजूद कई किस्म के रसायनों से हमारे डीएनए को भी नुकसान हो सकता है, साथ ही सेक्स हार्मोंस भी प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एज्यूकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि गुटखा खाने का बुरा असर हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर होता है।

भारत में दुनिया के दूसरे देशों की अपेक्षा कैंसर होने के खतरे सबसे ज्यादा होते हैं। गुटखे में तंबाकू, कत्था, सुपारी, चूने के साथ और कई नशीले पदार्थों को मिलाया जाता है, जो हमारे शरीर के एंजाइमों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। हमारे शरीर के हर अंग में पाए जाने वाले साइप-450 नामक एंजाइम की कार्यक्षमता पर इसका बुरा असर पड़ता है। चंडीगढ़ में हुआ यह अध्ययन साइंस जर्नल ‘केमिकल रिसर्च इन टॉक्सीकोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया है।

हमारे शरीर में ये एंजाइम हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा गुटखा हमारे शरीर में टॉक्सिन बनने की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाता है। जो हार्मोन टॉक्सीन बनाते हैं, यह उनको नुकसान पहुंचाता है। इस अध्ययन के लिए जानवरों को चुना गया था।

कल भूटान नरेश उदयपुर आयेगें

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उदयपुर अक्तूबर। भूटान के नवविवाहित नरेश जिग्मे खेसर नाग्येल वागचुक और महारानी जेत्सून पेमा वागचुक राजस्थान की पाच दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को विशेष ट्रेन से गुलाबी शहर जयपुर पहुंचे।और जोधपुर होते हुए कल उनके उदयपुर आने की सम्भावना हे |

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली से यहा पहुंचे शाही दंपति की राज्य के उद्योग मंत्री राजेंद्र पारिख और जयपुर के महापौर ज्योति खडेलवाल ने आगवानी की।

राजस्थान के मुख्य सचिव एस अहमद ने बताया कि यह दंपति शुक्रवार को सिटी पैलेस, जंतर मंतर और आमेर का किला देखेगा। उसके बाद शाम में दंपति जोधपुर रवाना होगा।

अहमद ने बताया कि शनिवार को यह दंपति कायलाना झील, मेहरानगढ़ किला और जसवंत थड़ा जाएगा। जसवंत थड़ा महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में बनाया गया है।

दंपति उसके बाद उदयपुर जाएगा। 31 अक्तूबर को दंपति दिल्ली लौट आएगा।

नरेश की 13 अक्तूबर को शादी के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है जबकि नवंबर, 2008 में गद्दीनशीं के बाद चौथा विदेश भ्रमण है।

वागचुक अपनी पत्नी के साथ 24 अक्तूबर को नौ दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे थे।