फेसबुक की नई सेवा शुरू, खुदकुशी रुकवाएगा

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सोशल नेवटर्किंग वेबसाइट फेसबुक ने लोगों को आत्महत्या से बचाने के लिए एक नया प्रयास किया है। फेसबुक ने अपनी साइट पर ऐसा एप्लीकेशन लांच किया है जिसके जरिए लोग काउंसलर से ऑनलाइन चैट कर मदद ले सकेंगे।

ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें आत्महत्या करने वाले ने जान देने से पहले अपने विचार फेसबुक पर शेयर किए। अपनी नई व्यवस्था के तहत फेसबुक ऐसे विचार पोस्ट करने वाले लोगों को काउंसलर की सेवाएं उपलब्ध करवाएगा ताकि वो चैट के जरिए अपनी परेशानी साझा कर सकें और उनकी जान बच सके। फेसबुक के प्रवक्ता फ्रेडरिक वोलन्स का कहना है कि अब हर कंटेट संबंधी रिपोर्ट के साथ एक विकल्प दिया जा रहा है जिस पर क्लिक करते ही कंपनी को यह पता चलेगा कि सामग्री लिखने वाला आत्महत्या के विचार रखता है।

फेसबुक के अनुसार किसी के आत्महत्या संबंधी विचार रखने की जानकारी मिलने पर ऐसे व्यक्तियों को एक लिंक भेजे जाएगा जिसके जरिए पोस्ट आत्महत्या के बारे में विचार कर रहा व्यक्ति निजी तौर पर काउंसलर से बात कर पाएगा। इस नई व्यवस्था के ज़रिए उन लोगों को मदद मिल सकेगी जो परेशानी में हैं और सीधे काउंसलर को फोन करने में भी डरते हैं। फेसबुक प्रवक्ता के मुताबिक वेबसाइट इस व्यवस्था को लागू करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा था।

जब कोई व्यक्ति अपने किसी फेसबुक मित्र के व्यवहार के बारे में फेसबुक को जानकारी देगा तो उस व्यक्ति को भी व्यक्ति को भी संदेश भेजा जाएगा कि समस्या को सुलझाने की दिशा में क्या क़दम उठाए गए हैं। फेसबुक से दुनियाभर में करोड़ों लोग जुड़े हैं और ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब आत्महत्या करने वाले व्यक्ति ने अपनी मौत से फेसबुक पर इस संबंध में विचार व्यक्त किए थे।

हालांकि आत्महत्या के व्यवहार पर रिपोर्ट करने के बाद दी जाने वाली सुविधाएं फिलहाल सिर्फ अमरीका और कनाडा में ही उपलब्ध होंगी। अमरीका में हर दिन 100 लोग आत्महत्या करते हैं। एक सर्वे के मुताबिक 18 वर्ष से अधिक की उम्र के करीब 80 लाख अमरीकियों ने पिछले साल आत्महत्या के बारे में सोचा ज़रुर था।

भटक गई ट्रेन

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सड़क पर वाहन चलाने वालों का रास्ता भटकना तो आम है. लेकिन क्या आपने कभी किसी ट्रेन को राह भटकते देखा-सुना है? यह अजीबोगरीब वाकया यहां पूर्व रेलवे के हावड़ा से धनबाद के बीच चलने वाली कोलफील्ड एक्सप्रेस के साथ हुआ. 

इस ट्रेन को जाना तो था धनबाद. लेकिन केबिनमैन ने गलती से इसे शांतिनिकेतन (बोलपुर) जाने वाली पटरी पर आगे बढ़ा दिया. कुछ दूर जाने के बाद जब ड्राइवर और ट्रेन के यात्रियों को राह से भटकने का पता चला तो अफरातफरी मच गई. नतीजतन उस सेक्शन में तीन घंटे से ज्यादा समय तक ट्रेनों की आवाजाही गड़बड़ रही. ट्रेन के इस तरह राह भटकने से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था. वह सामने से आ रही किसी ट्रेन से टकरा सकती थी.

 ‘तार नहीं दिखी तो पता चला….’

सोमवार की शाम यह ट्रेन हावड़ा से रवाना होकर बर्दवान तक तो ठीक राह पर ही गई थी. उसके बाद वाले स्टेशन खाना जंक्शन से धनबाद और शांतिनिकेतन की पटरियां अलग हो जाती हैं. लेकिन केबिनमैन ने इस ट्रेन को धनबाद की बजाय शांतिनिकेतन की ओर बढ़ा दिया. लगभग पांच किलोमीटर जाने के बाद जब ड्राइवर ने देखा कि आगे तो बिजली के ओवरहेड तार हैं ही नहीं, तब उसे इस गलती का पता चला. हावड़ा-धनबाद रूट में हर ट्रेन में बिजली वाला इंजन लगा होता है. लेकिन शांतिनिकेतन वाले रूट में ऐसा नहीं है. इस गलती का पता चलने पर ड्राइवर ने नजदीकी स्टेशन को सूचित किया. लगभग दो घंटे ट्रेन वहां खड़ी रही. उसके बाद बर्दवान से एक इंजन भेजकर ट्रेन को पीछे की ओर से खींच कर उसके असली रूट तक लाया गया. इस गड़बड़ी की वजह से धनबाद या उससे आगे जाने वाली ट्रेनें तीन-तीन घंटे तक विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं.

 रूट बाधित

उस ट्रेन में ज्यादातर वही लोग होते हैं जो धनबाद और कोलकाता के बीच नौकरी या व्यापार के सिलसिले में रोजाना आवाजाही करते हैं. ट्रेन में सवार एक यात्री रामेश्वर सिंह कहते हैं, ‘खाना जंक्शन से आगे जाने के बाद ट्रेन अचानक दो स्टेशनों के बीच खड़ी हो गई. अंधेरा होने की वजह से पहले तो कुछ समझ में नहीं आया. लेकिन बाद में पता चला कि हमारी ट्रेन ही रास्ता भटक गई है.’

एक अन्य यात्री विश्वनाथ मंडल कहते हैं, ‘रेलवे की इस गलती से बड़ा हादसा हो सकता था. हमारी ट्रेन गलत पटरी पर होने की वजह से सामने से आने वाली किसी ट्रेन से टकरा सकती थी. लेकिन भगवान का शुक्र है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.’

पूर्व रेलवे ने इस मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, ट्रेन के नाम के बारे में सही सूचना नहीं मिलने की वजह से शायद केबिनमैन ने उसे गलत पटरी पर डाल दिया.

 टल गया हादसा

रेलवे सूत्रों का कहना है कि इसमें ट्रेन के ड्राइवर की कोई गलती नहीं है. वह तो हरा सिगनल मिलने के बाद ट्रेन को पूरी रफ्तार से भगाने में लगा होगा. तलित स्टेशन से सौ मीटर बाद इस गलती का पता चला.

रेलवे के अधिकारियों की दलील है कि रेलवे के इतिहास में ऐसी गलती बहुत कम हुई है. कम से कम पूर्व रेलवे में तो पहली बार ऐसा हुआ है. वह मानते हैं कि इस गलती की वजह से कोई बड़ा हादसा हो सकता था.

इसके अलावा ट्रेन के इंजन पर लगा पैंटोग्राफ, जिससे ओवरहेड तारों से बिजली मिलती है, कहीं फंस कर टूट सकता था.

पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि अब जांच से पता चलेगा कि यह कोई मानवीय गलती थी या फिर तकनीकी कारणों से पटरी बदल गई.

बाप चीखता रहा , गुंडे बेटी को उठा के ले गए

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राणा प्रतापनगर रेलवे स्टेशन पर हथियारबंद युवकों ने हजारों की भीड़ में युवती को जबरन उठाया।

 उदयपुर। राणा प्रतापनगर रेलवे स्टेशन पर सोमवार रात को हथियारबंद युवकों ने रिटायर्ड फौजी व उसके परिवार पर जानलेवा हमला कर बेटी को जबरन अगवा कर ले गए। इससे पहले युवती के चिल्लाने पर जब उसके पिता और परिजनों ने विरोध किया तो बदमाशों ने उस पर जान लेवा हमलाकर जख्मी कर दिया।

पुलिस ने बताया कि मनवाखेड़ा में करणीनगर निवासी सुरेंद्र सिंह चौहान की बेटी सृष्टि का अपहरण किया गया है। सृष्टि यहां सेक्टर 4 स्थित गुरुनानक गल्र्स कॉलेज में बीबीएम प्रथम वर्ष की छात्रा है। इस संबंध में धोलीबावड़ी निवासी वसीम पुत्र नोसा खान, इसके भाई इमरान, फिरोज सहित 15 लोगों के खिलाफ हथियार से लैस होकर हमला कर अपहरण करने का केस दर्ज कराया है।

बताया गया कि सुरेंद्र सिंह इनकी पत्नी गिरजा देवी, तीन बेटियां शालिनी, चित्रा और सृष्टि अजमेर से उदयपुर आ रहे थे। सुरेंद्र सिंह का परिचित कैलाश जैन उन्हें कार लेकर रेलवे स्टेशन लेने पहुंचा।

जैसे ही सुरेंद्र सिंह परिवार सहित स्टेशन पर उतरे, वसीम और उसके साथी सृष्टि को जबरन ले जाने लगे। सुरेंद्र और उसकी पत्नी ने इन लोगों का विरोध किया तो बदमाशों ने सृष्टि की गरदन पर तलवार रख दी। उसके साथियों ने सृष्टि के माता=पिता और बहनों पर हमला कर दिया जिससे वे जख्मी हो गए।

इस दौरान कार में लेने आए कैलाश ने भी बीच बचाव का प्रयास किया तो इन पर भी हमला कर दिया। इसके बाद ये बदमाश सृष्टि का अपहरण कर कार में डाल कर फरार हो गए।

खून के आंसूं

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लखनऊ। खून के आंसू रोना मुहावरा तो आपने सुना ही होगा। लेकिन एक लडकी के साथ तो ऎसा हकीकत में हो रहा है। जब वह रोती है तो उसकी आंखों से आंसूओं की जगह खून निकलता है। लखनऊ में रहने वाली टि्वंकल इस बीमारी से काफी परेशान हैं। चिकित्सक भी इस पहेली को सुलझाने में असमर्थ सिद्ध हो रहे हैं। इस कारण अब वह स्कूल भी नहीं जा पा रही है। टि्वंकल जब भी रोती है तो उसकी आंखों से आंसू के बदले खून निकलता है। बिना चोट या खरोंच लगे ही उसके हाथ, नाक, गर्दन से रक्तस्त्राव होता है। टि्वंकल को उसकी बीमारी की वजह से स्कूल से भी निकाल दिया गया है।

हैरतअंगेज स्टंट

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उदयपुर, 13 दिसंबर। जयपुर के जांबाजों ने मोटरसाइकिल पर अपने हैरतअंगेज स्टंटों से शहरवासियों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया।

प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘‘स्टंटमेनिया’’ में जलवा बिखेर चुके सौरभ एंड ग्रुप ने मंगलवार को पैसिफिक हिल परिसर में रोमांचकारी मोटरसाइकिल करतबों से उपस्थित छात्र-छात्राओं को हैरत में डाल दिया। सौरभ जैन के नेतृत्व में रिहेन भारद्वाज, दिग्विजयसिंह नाथावत, अजमत खान, शाहिडी पठान तथा पुष्पेन्द्रसिंह शेखावत ने होंडा कि विभिन्न मोटरसाइकिलों पर स्टोपीज, सर्लक विली, डोनट्स तथा बर्न आउट आदि स्टंट दिखाए। पैसिफिक विश्वविद्यालय के सचिव राहुल अग्रवाल तथा समर्थ होंडा के निदेशक आशिष अग्रवाल ने स्टंटमेनों के पीछे बैठकर बाईक सवारी का लुत्फ उठाया। इससे पूर्व आयोजित क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरसकृत किया।

कल स्टंट गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में

बुधवार को ये सभी जांबाज स्टंटमेन पैसिफिक डेंटल कोलेज तथा गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में अपना प्रदर्शन करेंगे। पैसिफिक विश्वविद्यालय के छात्रों तथा स्टॉफ सदस्यों के लिए समर्थ होंडा द्वारा विशेष स्कीम ऑफर कि पेशकश गई है जिसके तहत आकर्षक नकद छूट तथा एमपी 3 प्लेयर प्रत्येक गाड़ी के साथ दिया जाएगा। यह योजना 25 दिसंबर तक चालू रहेगी।

गाँव की लड़की ने फेसबुक पर ढूंढा विदेशी दूल्हा

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छपरा। बिहार के छपरा जिले के गलिमापुर के तरैया गांव की रहने वाली एक युवती ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के जरिये अपने लिए विदेशी दूल्हा चुना। इस दूल्हा-दुलहन के मिलन के तरीके को देखकर लोग हैरान और अचम्भित हैं।

समीना सात समंदर पार बैठे गाउड मारलैंड को अपना दिल दे बैठी थी और फिर दोनों ने एक-दूजे को अपना जीवनसाथी चुनने का निर्णय लिया। ब्रिटेन के मैनचेस्टर के रहने वाले मारलैंड और तरैया गांव के रहने वाले साबिर हुसैन की पुत्री समीना का निकाह सामाजिक रीति-रिवाज के साथ रविवार को सम्पन्न हुआ। इस रिश्ते को सामाजिक मान्यता भी मिल गई। इस विवाह से समीना के पिता हुसैन भी काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, “”रिश्ते अल्लाह बनाता है, फिर चाहे वह देश में बने या विदेश में।”” समीना के छोटे भाई मोस्तकीम ने कहा, “”दुनिया काफी ब़डी है और हमारे रिश्ते बढ़ें तो इसमें हर्ज क्या है। शुरू में निकाह को लेकर परिजन नाराज थे, लेकिन धीरे-धीरे सभी इसके लिए तैयार हो गए। निकाह हो गया है और मंगलवार को प्रीतिभोज का आयोजन होगा।

इसके बाद दूल्हा-दुल्हन मैनचेस्टर के लिए रवाना हो जाएंगे।”” इस मौके पर दुल्हन समीना ने कहा, “”फेसबुक पर मित्र बनाने की प्रक्रिया में मेरी दोस्ती मारलैंड से हो गई। धीरे-धीरे फेसबुक के ही जरिये ही बातचीत शुरू हुई। सिलसिला आगे बढ़कर पसंद और नापसंद तक जा पहुंचा। इसके बाद न जाने कब हम एक-दूसरे को दिल दे बैठे और उसकी परिणति अब सबके सामने निकाह के रूप में है।””

बेंगलुरू में शिक्षक के रूप में कार्य कर रही समीना ने कहा, “”यह विवाह कहीं भी किया जा सकता था, लेकिन यहां की माटी की खुशबू और सामाजिक दायित्व के कारण निकाह गांव में ही किया गया। हम 18 महीने से एक-दूसरे के सम्पर्क में थे और शायद यह निकाह अल्लाह की मर्जी थी।”” गांव वाले भी इस रिश्ते को लेकर काफी उत्साहित हैं। इस मुबारक रस्म में शामिल होने के लिए पहुंचे ग्रामीण विदेशी दूल्हे से बात करने को उतावले जरूर दिखे, लेकिन अंग्रेजी में बात करने वाला दूल्हा भोजपुरी और हिंदी भाषा नहीं समझ सका, जिस कारण समीना को ही ग्रामीणों को जवाब देना प़डा। भले ही इस निकाह में सिर्फ तरैया गांव के लोग शामिल हुए हों, लेकिन इसकी चर्चा कई गांवों में है और लोग ब़डी उत्सुकता के साथ विदेशी दूल्हे को निहार रहे थे।

चालानी गार्ड्स पर हमला कर अभियुक्त को छुडा ले गए

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चित्तौडगढ, 12 दिसम्बर (नि.सं.)। राशमी थाना क्षैत्र् में सोमवार को पेशी पर ले जाय् गये एक अभियुक्त को दो व्यक्ति पुलिस जाप्ते पर फायर कर भगा ले गए। घायल पुलिसकर्मी चिकित्सालय में उपचाररत है।

जानकारी के अनुसार, राशमी थाने में पुलिस जीप को टक्कर मारने के मामले में गिरतार राधेश्याम पिता लेहरू जाट निवासी भीमगढ को सोमवार को पेशी होने से चालानी गार्ड शिवलाल जाट व इन्द्रमल मेनारिया मोटरसाइकिल पर लेकर राशमी न्यायलय पहुंचे। जहां न्यायाधीश के छृट्टी पर होने से अगली तारीख पेशी मिलने पर वापस कपासन जेल के लिए रवाना हुए। इस दौरान चालानी गार्ड शिवलाल जाट मोटरसाइकिल चला रहा था। व अभियुक्त राधेश्याम में बिच मे बिठा रखा था। राशमी से रवाना होने के बाद डिण्डोली गांव के पास पिछे से एक बिना नम्बर की मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति आए जिसमे से एक ने लठ से शिवलाल के सिर पर वार किया। जिससे शिवलाल, इन्द्रमल व अभियुक्त राधेश्याम नीचे गिर गए। चालानी गार्ड इन्द्रमल ने राधेश्याम को पकडे रखा, लेकिन मोटरसाइकिल पर आए अभियुक्तों मे से एक ने देशी कट्टे से इन्द्रमल पर फायर किया, जिससे इन्द्रमल घायल हो गया और मोटरसाइकिल पर आये अज्ञात व्यक्ति राधेश्याम को मोटरसाइकिल पर बिठा कर फरार हो गए।

इधर सूचना मिलने पर जिला पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वृताधिकारी कपासन व थानाधिकारी राशमी मौके पर पहुंचे। कांस्टेबल इन्द्रमल व शिवलाल को चिकित्सालय पहुंचाय गया। इस दौरान पुछताछ में मोटरसाइकिल पर आए दो अभियुक्तों मे से एक की पहचान उदयलाल पिता लेहरू जाट के रूप मे की गई। पुलिस ने इस संबंध में राशमी थाने में 307, 341, 323, 353, 224, 225 व 120बी भादस तथा 3/25 आर्म्स एक्ट में प्रकरण पंजीबद्व किया है। पुलिस पर हमला करने वाले उदयलाल व उसके साथी की तलाशी के लिए पुलिस ने जिले में नाकाबन्दी कर रखी है व संदिग्ध स्थानो पर दबिश भी दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि अभियुक्त राधेयाम जाट को नारकोटिक्स विभाग ने 2008 में सैनिक स्कूल के पास नौ किलो 800 ग्राम अफीम के साथ पकडा था, जो पन्द्रह दिन के पेरोल पर आया था। लेकिन वापस नही गया इस दौरान उसने उदयपुर में अपने ईनामी योजना के नाम से चिटफण्ड कम्पनी खोलकर कई लोगो के साथ धोखाधडी की थी। इस संबंध में उदयपुर में राधेश्याम के विरूद्व 2010 में अम्बामाता थाने में धारा 406,420,468,471 व 120 बी में प्रकरण दर्ज है। मुखबिर की सूचना पर अप्रैल माह में राधेश्याम को गिरतार करने के लिए नाकाबन्दी की गइ थी दौरान उसने पुलिस की गाडी को टक्कर मारकर भागने का प्रयास किया था। उस समय इसे गिरतार कर लिया गया था और उसी मामले में पेशी पर सोमवार को उसे राशमी न्यायालय गया था जहां राधेश्याम के साथियों ने पुलिस पर फायर कर उसे भगा ले जाने में सफलता हासिल की। जिले में पिछले एक वर्ष में पुलिस पर हो रहे इस तरह के हमले जिले के पुलिस गृह विभाग पर सवालिया निशान खडे करते है, कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही अभियुक्तो को पूरी सूचना मिल जाती है। अब देखना यह है कि जिला पुलिस अधीक्षक इस व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या कदम उठाते है।

 

अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज अब्दुल मलिक सुपुर्दे खाक

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विभिन्न संगठनों ने जताया शोक

उदय्पुर , 12 दिसम्बर । विश्व विख्यात अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज अब्दुल मलिक का अल्पायु में इंतकाल हो गया। सोमवार को उन्हें शहर के अश्विनी बाजार स्थित कब्रस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। इस अवसर पर शहर के कई गणमान्य नागरिक, मुस्लिम नेता एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इधर, अब्दुल मलिक के अल्पायु में निधन के समाचार पर आज विभिन्न संगठनों ने शोक व्यक्त किया।

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की मुख्य सचेतक डॉ. गिरिजा व्यास, उदयपुर सांसद रघुवीर मीणा, सलुम्बर विधायक बसंती देवी मीणा, नीलीमा सुखाडिया, लालसिंह झाला सहित कई कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं एवं पदाधिकारियों ने मलिक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मलिक ने अपने अद्वितीय हुनर की बदौलत उदयपुर का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। उनके निधन पर उदयपुर ने एक अद्वितीय प्रतिभा को खो दिया।

हुसैन कमेटी खेरादीवाडा ने मलिक के इंतकाल पर मरहूम की मग्फिरत की दुआ की व मुख्य्मंत्री, जिला कलेक्टर, शहर विधायक, सांसद , यु आईटी एवं नगर परिषद से फतहसागर पर नवनिर्मित विभूति पार्क की किसी एक जगह का नाम मलिक के नाम पर नामकरण करने का अनुरोध किया।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश प्रतिनिधि जहीरूद्दीन सक्का, पूर्व ट्रस्टी गयासुददीन बुन्दू, प्रदेश कारी समिति सदस्य मो. सलीम मेवाफरोश, पूर्व जिला अध्यक्ष मो. अयुब छीपा, अली असगर मगरी, मो. हुसैन गनवाला ने दुख व्यक्त करते हुए इसे शहर के लिए अपूरणीय क्षति बताया। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के संभागीय प्रभारी सद्दाम हुसैन ने मलिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किय है। नगर परिषद पार्षद दिनेश श्रीमाली ने भी मलिक के निधन पर गहरा दुख जताया।

तैयार हो गया बस में प्रशासन

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तैयार हुआ मोबाइल कार्यालय

हिन्दुस्तान जिंक ने जिला कलक्टर को किया सुपुर्द

उदयपुर, 12 दिस बर/दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य कोटडा क्षेत्र के निवासियों कीविभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं के प्रभावी एवं त्वरित समाधान के लिए गतिमान प्रशासन के तहत करीब 50 लाख रुपये की लागत से तैयार हुए मोबाइल कार्यालय की बस को आज हिन्दुस्तान जिंक के मुख्या परिचालन अधिकारी अखिलेश जोशी ने प्रशासन को सुपुर्द कीया। उन्होंने बस की चाबी जिला कलक्टर हेमन्त कुमार गेरा को सौंपी।

बस में प्रचार-प्रसार के लिए 70 इंच का एलसीडी, जीपीएस, नौ कंप्यूटर मय प्रिन्टर, वीसीडी जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए पूर्णतया वातानुकुलित बनाई गई है। बस में नौ विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए काउण्टर की व्यवस्था की गई है। मोबाइल बस पर अपने काम के लिए आने वालों के लिए बस का उपर दो विंग्स है जिनके खुलने पर छाया की व्यवस्था रहेगी। दस्तावेजों पर फोटो लगाने के लिए फोटोग्राफी काउण्टर भी बनाया गया है। बस में मुख्य मंत्री नि:शुल्क दवा वितरण योजना के तहत दवा का नि:शुल्क वितरण करने का काउण्टर भी रखा गया है।

देश में पहला मोबाइल कार्यालय

इस अवसर पर जिला कलक्टर ने अपने संबोधन में बताया की संभवत: यह देश का पहला मोबाइल कार्यालय है। इस बस को कोटडा क्षेत्र की भौगालिक परिस्थिति की अनुरूप इस प्रकार से डिजाइन कीया गया है कि यह सभी पंचायत मु यालयों पर पहुंच सके। उन्होंने बताया कि यह बस प्रत्येक गुरुवार को पंचायत पर पहुंचेगी। बस के पहुंचने के एक माह पूर्व पटवारी एवं भू-अभिलेख निरीक्षक अपने हलके कि समस्याओं का चिह्नीकरण कर आवेदन तैयार करेंगे जिससे कि मोबाइल बस के पहुंचने पर उसी दिन हाथों-हाथ समस्याओं का निराकरण हो सके। बस में कार्य करने के लिए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा चु·का है।

सहायता कार्यों में उपयोग

जिला कलक्टर ने बताया कि बस में रोशनी कि व्यवस्था के लिए इस प्रकार का बेकअप दिया गया है कि इसका उपयोग आपात स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 24 घण्टे किया जा सकता है।

एक और मोबाइल कार्यालय

जिला कलक्टर ने बताया कि इसी प्रकार कि एक और मोबाईल कार्यालय कि बस को तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा 37 लाख रुपये स्वीक्रत कर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को उपलब्ध कराए है। उन्होंने कहा कि तैयार किए गए मोबाइल कार्यालय कि उपयोगिता का आंकलन कर एक और मोबाइल कार्यालय तैयार किया जायेगा।

 

कैसा हो आपका रेज्यूम

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रिपोर्ट-नेहा राज

 उदयपुर , अगर किसी कंपनी में जॉब की रिक्वायरमेंट है तो उस जॉब के लिए उस कंपनी के एच आर के पास कम से कम 1000 रेज्यूम आते हे और एच आर एक रेज्यूम को ज्यादा से ज्यादा २० से ३० सेकंड तक देखता हे अब आप के रेज्यूम के पास ज्यादा से ज्यादा 30 सेकेंड का समय होता हे उस एच आर को प्रभावित करने का तो आप के रेज्यूम में एसा क्या हो की एच आर प्रभवित हो और आप को इंटरव्यू काल करे |

आप का रेज्यूम आप की गैर मोजुदगी में एच आर को प्रभावित करता हे इसलिए रेज्यूम का प्रभावशाली होना बोहत जरूरी हे आइये जानते हे के किस तरह आप का रेज्यूम प्रभावशाली बनता है

विवरण पूरा हो लेकिन छोटा हो

रेज्यूम के लेफ्ट में ऊपर सबसे पहले अपना नाम और इ मेल और फोन नंबर लिखे कई लोग नाम के साथ ही जेंडर भी लिख देते हैं ऎसा न करें। जेंडर व्यक्तिगत सूचना वाले कॉलम में लिखें। रेज्युमे में ऎसी आईडी न दें जो देखने में अजीब लगे। आईडी बिल्कुल सादा होनी चाहिए।

 अड्रेस: पत्राचार हेतु पता

टॉप राइट साइड में हमेशा पत्राचार करने हेतु वाला पता दिया जाना चाहिए। इससे रिक्रूटर को पत्राचार करने में सुविधा होती है। उसे इसे रेज्यूमे में तलाशना नहीं पढ़ता है।

ऑब्जेक्टिव: साफ और स्पष्ट

ऑब्जेक्टिव हमेशा छोटा, सादा और सीधा हो। साफ और कम शब्दों में यह बताएं कि आप कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं। इसके लिए अपनी स्किल्स का हवाला दे सकते हैं।

 शैक्षिक योग्यता: टू द प्वाइंट

योग्यता बताते वक्त रिवर्स कोनोलॉजी

का इस्तेमाल करे। लेटेस्ट `ॉलिफिकेशन सबसे पहले लिखें और फिर नीचे की तरफ बढ़ते जाएं।इसका उल्लेख करते समय यह ध्यान रखें कि आप किसी पोस्ट के एप्लाय कर रहे हैं।

 अनुभव: संक्षिप्त और क्रमानुसार

कुल अनुभव वर्षो में बता सकते हैं। अनुभव के बारे में बताते हुए जिस कंपनी में अभी काम कर रहे हैं, वह सबसे ऊपर, उसके बाद उससे पहले के अनुभवों का जिक्र करें। इसके अलावा निभाए गए अहम प्रॉजेक्ट्स का जिक्र कर सकते हैं।

 व्यक्तिगत सूचनाएं:

रेज्युमे के सबसे अंत में आप अपने पिता और माता का नाम, डेट ऑफ बर्थ, मैरिटल स्टेटस भी देना चाहिए। डेट ऑफ बर्थ बताते वक्त साथ में यह भी लिख दें कि वर्तमान में आप कितने वर्ष के हैं।

सिर्फ बर्थ ईयर से आपकी उम्र पता करने में कैलकुलेशन करनी होगी, जिसके लिए एम्प्लॉयर के पास वक्त नहीं होता। इसी तरह मैरिटल स्टेटस की जानकारी भी देनी चाहिए। इसके अलावा अपनी रूचियों का विवरण भी देना चाहिए।परमानेंट अड्रेस भी देना चाहिए।

इनका ध्यान रखे हर दम

1. फॉन्ट का प्रयोग

याद रखें कि पूरे रेज्युमे में ज्यादा से ज्यादा दो फॉन्ट का ही प्रयोग करना चाहिए। फॉन्ट साइज आसानी से पढ़ने में आना चाहिए। इसे 10 रख सकते हैं।

 2. बोल्ड ,अंडरलाइन, इटैलिक

शब्दों को बोल्ड, अंडरलाइन या इटैलिक जरूरत से ज्यादा न करें। वाक्यों के बीच गैप भी ठीकठाक हो। याद रखिए एम्प्लॉयर को अगर उन्हें पढ़ने में दिक्कत हुई तो उन्हें आगे बढ़ते देर नहीं लगती।

 3. आकार

रेज्यूमे का आकार इंडस्ट्री और अनुभव पर निर्भर करता है। दो पेज से बडे रेज्यूमे बनाने से बचना चाहिए।

 4. सीधी सपाट हो भाषा

पूरे रेज्युमे की भाषा सीधी और सपाट रखें। तथ्यों को गोलमोल घुमाकर न रखें।

 5. ज्यादा मैं,मैं नहीं

आई, माई, मी जैसे शब्दों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें। अपने बारे में ज्यादा बखान करने का रिक्रूटर पर बैड इंप्रेशन पड़ता है।

 6. रेफरेंस कहने पर ही दें

रेफरेंस का जिक्र तब तक न करें, जब तक निर्देश न दिए गए हो। ऎसे लोगों को तैयार जरूर रखें, जो आपको अच्छी तरह जानते हों। मांगने पर उनका जिक्र करें ,साथ उनका संपर्क नबंर भी दें।

 7. ग्रामर व स्पेलिंग गलत न हो

स्पेलिंग पूरी लिखें। प्रूफ रीडिंग जरूर करा लें। पंच्चुएशन का खास ध्यान रखें। ग्रामर के मामले में बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

 8. फोटो न लगाएं

फोटो न लगाएं क्योंकि जिस साइज में आप फोटो पेस्ट करेंगे, वह न तो क्वालिटी में अच्छा आएगा और न देखने में। जाहिर है इसका अच्छा इंप्रेशन भी नहीं पड़ेगा।