बस ट्रक से टकराई, दो की मौत,15 घायल

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उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे पर हुआ हादसा।

उदयपुर। उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे पर खरपीणा में शुक्रवार सुबह ट्रक और वीडियोकोच बस में आमने-सामने की टक्कर में दोनों गाडिय़ों के ड्राइवर की मौत और 15 लोग घायल हो गए। हादसे के बाद हाइवे पर जाम लग गया। दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने रास्ता खुलवाया।

पुलिस के मुताबिक इस हादसे में बस ड्राइवर झल्लारा में इनेला निवासी तखत सिंह और ट्रक ड्राइवर उत्तर प्रदेश निवासी ललन खान की मौत हो गई। यह हादसा शुक्रवार सुबह 9 बजे हुआ। बताया गया कि नाथद्वारा से सुबह 8 बजे पाŸवनाथ ट्रैवल्स की बस अहमदाबाद के लिए रवाना हुई। उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे पर खरपीणा रोड पर हाइवे ऑथोरिटी द्वारा डामरीकरण के लिए अहमदाबाद से उदयपुर की तरफ जाने वाली रोड से एक तरफ रोक रखा था। इसके चलते दोनों तरफ के वाहन एक ही रोड से आ जा रहे थे।

खरपीणा में वीडियोकोच बस और सामने से गलत दिशा से आ रहे ट्रक के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई। हादसा इतना भयंकर था कि दोनों गाडिय़ों का आगे का हिस्सा चकनाचूर हो गया। हरियाणा पासिंग के ट्रक ड्राइवर ललन खान व बस के ड्राइवर तखत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों के शव गाड़ी में ही फंस गए। बस में 43 लोग सवार थे। हादसे के बाद मौके पर चीख=पुकार मच गई। हाइवे पर आधे घंटे तक जाम लग गया। हादसे की सूचना पर गोवर्धन विलास पुलिस मौके पर पंहुची। एक घंटे के प्रयास से दोनों ड्राइवर के फंसे हुए शव निकाले गए। घायलों को एमबी अस्पताल पहुंचाया गया।

“मंदिर मस्जिद मुद्दा हुआ पुराना आओ मिलकर खून बहायें फेसबुक का है जमाना”

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उदयपुर , सबसे पहले तो मै उन धर्म के ठेकेदारों को बधाई देना चाहता हु , जो अपने फायदे के लिए , हम हिन्दुस्तानियों को धर्म के नाम पर गुमराह कर के बड़ी आसानी से अपना मतलब साध लेते है वो धर्म के ठेकेदार सच में बधाई के हक दार है , क्यों की अब हम हिन्दुस्तानी मंदिर मस्जिद मुद्दे को समझ गए है और इस पर हम आपस में नहीं लड़ सकते , लेकिन फिर भी हमारी फितरत कहो या कमजोरी धर्म के नाम पर हम कोई भलाई का काम करे या न करे , अल्लाह , भगवान को हम याद करे या न करे लेकिन धर्म के नाम पर हम एक दुसरे के खून के प्यासे जरूर हो जाते है | और इतने वेह्शी हो जाते हे की हमे अच्छे बुरे की कोई तमीज़ नहीं रहती , बरसों तक मंदिर मस्जिद मुद्दे पे खून खराबा कर के अब दुश्मनी हमारी आदत होगई है |

लेकिन आखिर मंदिर मस्जिद मुद्दे पर कब तक लड़ते , हमे पता चल गया की ये कुछ हुक्मरान और धर्म के ठेकेदार , और सत्ता की लालच में डुबे हमारे नेता हमको इस मुद्दे पर आपस में लड़ा रहे है | इस लिए समस्या उन वेह्शी लोगों की भी थी के अब हिन्दू मुस्लिम को हम धर्म के नाम पे किस तरह से आपस में लड़ाएं ये मंदिर मस्जिद वाली घटिया चाल तो आम हिन्दुस्तानी समझ गया है | और यही समस्या हम आम हिन्दुस्तानी की भी थी के आखिर अब ऐसा क्या हो के हम आपस में एक दुसरे के खून के प्यासे हो जाएँ | लो सब को मुबारक उन हुक्मरानों को भी मुबारक और हम हिन्दुस्तानियों को भी मुबारक | “मंदिर मस्जिद मुद्दा हुआ पुराना आओ मिलकर खून बहायें फेसबुक का है जमाना” , नया ज़माना नयी सोच और इस नयी सोच का कोई अंत नहीं , हमे सोशल नेटवर्किंग और फेसबुक के बारे मै पता हो या ना हो हमे एक नया मुद्दा मिलगया हे आपस में जम कर खून बहाने का और इस मोके को हम किसी भी सूरत में हाथों से जाने नहीं देगे | वो सत्ता लालची लोग और धर्म के ठेकेदार जो ऊंघ रहे थे उनकी भी अब पो बारह होगई ये घर बेठे आगया एक नया तरीका | मेरे हिन्दुस्तानी भाइयों फ़िक्र मत करो , 50 करोड़ यूज़र हे फेसबुक के कोन कहाँ से कब पोस्ट कर दे क्या पोस्ट करदे ये अब किसी के बस में नहीं | और जिसतरह से हम आपस में झगड़ के इस को अपने बस में करना चाहते हे उस तरह से तो कभी नहीं , इसलिए फिकर मत करो अब हमारे नेता और कुछ धर्म के ठेकेदार ऐसी बातों को हवा देते रहेगे और हम आपस में खून खराबा करके अपनी प्यास बुझाते रहेगे ,

नयी तकनीक नया ज़माना इरादा पुराना

क्या हुआ अगर नया ज़माना हे नयी तकनीक है , हमारे इरादे तो वही पुराने हे , वो ही आपस में एक दुसरे की जान लेने के , हम ये बिलकुल भी नहीं सोचना चाहते की फेसबुक क्या हे इस पर किसने क्यों और क्या अपलोड किया , कोन ऐसा कर सकता हे नहीं हम ऐसी समझदारी की बाते नहीं समझेगें हमको तो बस एक ही बात समझ आती है की अगर फेस बुक पर कोई मुस्लिम विरोधी पोस्ट की तो वो जरूर किसी हिन्दू ने की होगी और अगर किसी ने हिन्दू विरोधी पोस्ट की तो जरूर किसी मुस्लिम ने की होगी , और वो हिन्दू या मुस्लिम कोई और नहीं हमारे आस पास का पडोसी या हमारा दोस्त ही हे इसीलिए हम बिना कुछ सोचे समझे आपस में लड़ जायेगे ये है हमारी सोच , और उन लोगों को भरपूर मोका देगे जो ऐसे दंगो को अपनी सत्ता या अपने फायदे के लिए इस्तमाल करते है |

आखिर क्या करें….

मै ये नहीं कह रहा की फेसबुक पर जो शर्मनाक करतूत हुई उसको भुला दिया जाए या उसका विरोध नहीं किया जाए , लेकिन मेरे भाइयों ज़रा थोड़ी सी अक्ल से काम लो , के इसका विरोध अगर करना है तो केसे करे , कहा करे , और ऐसा क्या करे के ऐसी वाहियात हरकत करने वाले खुद ही शर्मशार और परेशान होकर ऐसी करतूत बन्द कर दे | मेरा उन सभी मुस्लिम और हिन्दू भाइयों से अनुरोध है के ऐसी करतूत का सही ढंग से विरोध करे | और ऐसी पोस्ट या अपलोड को सिरे से नकार दे , फेसबुक पर न तो हम किसी हिन्दू कट्टर पंथी पेज या ग्रुप से जुड़े न ही किसी मुस्लिम कट्टर पंथी पेज या ग्रुप से जुड़े जहा इस तरह की वाहियात बाते और पोस्ट होती हे | न ही हम अपनी फ्रेंड लिस्ट में किसी ऐसे शख्स को जोड़े जो किसी जो इस तरह के कमेन्ट और फोटो अपलोड करता हो | ऐसा अगर आप को कोई दिखे उसको अपनी लिस्ट से हटाये , और उसकी रिपोर्ट करे जरूरत पड़े तो उसकी शिकायत स्थानीय थाने में भी करे , अगर हम इस तरह का विरोध लगातार करेगे तो ऐसे , घटिया लोग जो इसतरह की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुचाते हे , जरूर घुटने टेक देगे ,

 

मोका नहीं दे …..

लेकिन मेरे भाइयों अभी जो उदयपुर और डूगरपुर में हुआ इस तरह का विरोध या प्रदर्शन , इस तरह की हरकते बिलकुल गलत हे इससे न तो हम अपनी बात सही ढंग से रख पायेगे और न ही सही तरह से इसका विरोध जाता पायेगे | बल्कि और हम उनलोगों को मोका दे रहे है जो हमे आपस में लड़ा कर अपना मतलब साधना चाहते है |

डूगरपुर में विरोध का जुलुस निकला , कलेक्ट्री के आगे सभा होरही थी , पुलिस प्रशासन की उदासीनता की वहां कोई शरारती मोटरसाइकल वाला आया और सभा के बिच में घुस गया , सभा में मोजूद लोगो को उसको समझा के हटाना चाहिए था लेकिन उन्होंने उसकी पिटाई करदी , पुलिस ने लाठीचार्ज किया सब को खदेड़ा , करीब 6 दोपहिया वहां कुछ क्षति ग्रस्त हो गए और करीब 8 दुकानों के शीशे टूटे , पुलिस ने शाम तक 15 लिप्त लोगों की गिरफ़्तारी की | और यही से शुरू होगया सत्ता के लालची लोगो का खेल, चेंबर ऑफ कोमर्स के अध्यक्ष ने अपना तुगलकी फरमान जारी कर दिया की कल डूगरपुर बन्द रहेगा जो की पहले भी अपने पैसे के बल पर ऐसे मोको को राजनेतिक फायदे के लिए इस्तमाल कर चुके है | जिन्हें इंसानियत और धर्म से कोई लेना देना नहीं सिर्फ अपनी सत्ता और राजनेतिक फायदे की तलाश रहती है , और अब तो इन्होने प्रशाशन को धमकी भी दे डाली हे की आने वाले समय में अनिश्चित काल के लिए बंद होगा और करीब 1000 लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर कर आग में घी डाला क्यों के पता नहीं कल को ऐसा फिर मोका मिले न मिले |

ऐसा ही कुछ यहाँ उदयपुर में भी हुआ फेसबुक पर अपलोड गलत चित्रों का विरोध सही था, लेकिन यहाँ भी सोमवार की रात कुछ अपने फायदे के लिए एक मुस्लिम युवा नेता ने उपद्रव फेला दिया जिसको पुलिस ने गिरफ्तार किया , और अगले दिन फेसबुक पर चित्रों का विरोध तो कही गया उनके समर्थक तोड़फोड़ पर उतर आये , जो की सरासर गलत है |

इसलिए मेरे प्यारे भाइयों एक हिन्दुस्तानी होने के नाते अपने हिन्दुस्तानी होने को पहचाने और ऐसे मोको पर सायं बरते सत्ता के लालची लोगों को आपसी भाई चारा बना के करार जवाब दे | अफवाहों पर नहीं जाये , और रही बात फेसबुक पर फोटो के अपलोड की बात तो ऐसे शर्मनाक कार्य की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है , इसका विरोध करे लेकिन शांति से |

 

फेसबुक से उपजा विवाद पथराव और लाठीचार्ज में बदला

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उदयपुर , फेसबुक पर धार्मिक स्थलों के आपत्ति जनक फोटो को अपलोड करने को लेकर उपजे विवाद ने आज यहाँ उग्र रूप ले लिया कल रात शांति भंग के आरोप में अंजुमन के सचिव फारुख मोहम्मद को गिरफ्तार किया था , आज सुबह से ही फारुख मो. की रिहाई को लेकर गुस्साए युवाओं ने हाथीपोल , अश्विनी मार्केट , चेतक सर्किल , आदि बाज़ार बंद करना शुरू कर दिये , और जम कर नारे बजी के साथ रास्ते रोक दिए , हाथी पोल ठाणे का घेराव कर जम कर प्रदर्शन किया , माहोल बिगड़ता देख अंजुमन के सचिव को छोड़ दिया गया , लेकिन गुस्साए लोगो का प्रदर्शन और उत्पात नहीं रुका , समाज के मोतबिर लोगो की भी युवाओ ने नहीं मानी और वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू करदी , जब पुलिस स्थिति को नियंतार्ण करने पहुची तो पुलिस पर पथराव शुरू होगया , तब पुलिस ने जम कर लाठीचार्ज किया , और प्रदर्शनकारियों को , सिलावट वाड़ी और जाट वादी की और खदेड़ दिया , लेकिन फिर भी पथराव नहीं रुका और युवकों ने मकानों से पथराव शुरू कर दिया तब पुलिस ने जाट वाड़ी सिलावट वाड़ी की गलियों में घुस कर जम कर लाठीचार्ज किया , करीब तिन बजे मामला शांत हुआ , माहोल तनाव पूर्ण हे लेकिन तिन बजे बाद कोई अप्रिय घटना नहीं घटी ,

पथराव के चलते कई पुलिस कर्मियों को चोट आई और अभी हाथीपोल क्षेत्र में भरी पुलिस बल तैनात है |

दिन भर शहर में अफवाहों का बाज़ार गर्म रहा , कभी कर्फ्यू की अफवाह तो कभी आगजनी की अफवाह , दिन भर हाथीपोल , मालदास स्ट्रीट , अश्विनी मार्केट , आदि बाजार बंद रहे बाकि शहर में स्थिति सामान्य रही , 4 बजे बाद प्रशाशन ने व्यापारियों से अनुरोध कर दुकाने खुलवाई और स्थिति सामान्य करने की कोशिश की ,

इधर आज बाँसवाड़ा में मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मिल कर ज्ञापन दिया , और डूंगरपुर में चेंबर ऑफ़ कोमर्स की तरफ से डूगरपुर बंद रहा

 

 

Video:

अब देश के किसी भी कोने में बैठ कर दे सकेंगे आनलाइन परीक्षा

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नई दिल्ली.अब कोई भी छात्न देश के किसी दूरदराज इलाके में बैठकर कोई भी परीक्षा आनलाइन दे सकेगा।

 मानव संसाधन विकास एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्नी कपिल सिब्बल ने सोमवार को यहां राष्ट्रीय आनलाइन परीक्षा प्रणाली का उद्घाटन किया। यह आनलाइन परीक्षा एक साफ्टवेयर के जरिए संपन्न होगी जिसे नोएडा स्थित सीडैक कंपनी ‘सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवान्सड् कंप्यूटिंग’ ने तैयार किया है।

इस साफ्टवेयर के जरिए तीस हजार छात्नों की परीक्षा एक साथ पूरे देश में ली जा सकेगी। सीडैक इस साफ्टवेयर को और विकसित करेगा ताकि यह सारी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हो सके। इस साफ्टवेयर से कोई भी छात्न परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण करा सकता है,परीक्षा दे सकता है और उसका रिजल्ट भी आ जाएगा।

सिब्बल ने इस साफ्टवेयर लांच को ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा कि इस आनलाइन परीक्षा प्रणाली के लागू होने से देश में सभी परीक्षाएं पारदर्शी हो जाएंगी और प्रश्नपत्न लीक होने की घटनाएं नहीं हो पाएंगी एवं दूरदराज इलाकों तक प्रश्नपत्न एवं उत्तर पुस्तिकाएं ले जाने की समस्या भी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि एक परीक्षा आयोजित करने में कम से कम 50 टन कागज खर्च होता है।

आनलाइन परीक्षा सें कागज भी बच जाएगा और पर्यावरण की भी रक्षा हो पाएगी१ उन्होंने कहा कि यह साफ्टवेयर नियोक्ता एवं छात्नों दोनों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि अगर इस साफ्टवेयर को ‘आकाश’ टैबलेट से जोड दिया जाए तो आनलाइन परीक्षा प्रणाली और आसान हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि अभी 25 हजार से अधिक कम्प्यूटर एक स्थान पर एक समय ‘लीज’ पर नहीं लिए जा सकते हैं। लेकिन ‘आकाश’ को इससे जोड़ने पर यह प्रणाली सभी छात्नों के लिए सुगम हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि देश में पांच वर्ष से कम आयु के 49 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अस्पतालों में उनका कोई डाटा बेस नहीं है। सूचना प्रोद्यौगिकी के जरिए उनके लिए साफ्टवेयर तैयार कर उनका डाटाबेस बन सकता है। इस तरह स्वच्छता तथा सफाई के बारे में भी डाटाबेस बन सकता है। सिब्बल ने सीडैक से अपील की कि वह लड़कियों,कुपोषित बच्चों तथा स्वच्छता डाटाबेस के लिए भी साफ्टवेयर तैयार करे। इससे आम आदमी को फायदा होगा।

समारोह को केन्द्रीय दूरसंचार राज्य मंत्नी सचिन पायलट,सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग के सचिव आर चंद्रशेखर,सीडैक के महानिदेशक प्रो.रजत मूना ने भी संबोधित किया।

एनकाउंटर नहीं हत्या थी इशरत की मौत

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6 अधिकारियों पर चलेगा कत्ल का केस

अहमदाबाद। इशरत जहां मुठभेड़ के सात साल बाद विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इसे फर्जी करार दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय में सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कॉलेज छात्रा इशरत और उसके तीन दोस्तों को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था।

एसआईटी की इस रिपोर्ट से जहां मृतकों के परिजनों ने राहत की सांस ली है, वहीं राज्य सरकार के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जयंत पटेल और न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी की खंडपीठ ने इस मामले में आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नए सिरे से धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया, जिसमें हत्या के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।

पुलिस अधिकारी आर. आर. वर्मा के नेतृत्व में गठित एसआईटी के मुताबिक, पुलिस ने मुम्बई की कॉलेज छात्रा इशरत (19), जावेद शेख उर्फ प्राणेष पिल्लई, अमजद अली राणा तथा जीशान जौहर की हत्या 15 जून, 2004 की मुठभेड़ से पहले ही कर दी थी।

उन्हें अहमदाबाद के बाहरी इलाके में एक कार में मारा गया था। पुलिस ने बाद में उनके तार आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने की बात कही और दावा किया कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे।

इस फर्जी मुठभेड़ में 21 पुलिसकर्मियों की संलिप्तता थी, जिसमें तत्कालीन संयुक्त आयुक्त पी. पी. पांडे, निलम्बित पुलिस उप महानिरीक्षक डी. जी. वंजारा, तत्कालीन सहायक आयुक्त जी. एल. सिंघल और सहायक आयुक्त एन. के. अमीन जैसे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी भी शामिल थे।

न्यायालय ने सोमवार की सुनवाई में एसआईटी की रिपोर्ट का विस्तृत खुलासा नहीं किया, ताकि इससे मामले में आगे की जांच प्रभावित न हो। मामले में आगे की जांच को लेकर न्यायालय ने इस बारे में याचिकाकर्ताओं और राज्य सरकार से भी सुझाव मांगा है कि वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच पर भरोसा करेंगे या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच पर?

न्यायालय ने कहा, “जांच एजेंसी को यह पता लगाने की जरूरत है कि मुठभेड़ में किसकी प्रमुख भूमिका थी.. इसके पीछे मकसद क्या था और चारों की मौत का वास्तविक समय क्या था?”

इस बीच, एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद इशरत और मुठभेड़ में जान गंवाने वाले अन्य युवाओं के परिजनों ने राहत की सांस ली है। इसे जीत करार देते हुए इशरत के परिजनों ने कहा कि इससे आतंकवादी होने का वह दाग धुल गया है, जो पुलिस ने उन पर लगाया था।

उसके चाचा रौफ लाला ने न्यायालय के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “वह जब तक जिंदा रही, निर्दोष थी। वह तब भी निर्दोष थी जब उसका शव हमारे पास लाया गया था। यह हमारी जीत है।”

उसकी मां शमीमा कौसर ने इसके लिए न्यायालय को धन्यवाद दिया और कहा कि न्याय तब तक अधूरा है जब तक कि दोषियों को सजा नहीं मिल जाती। रुं धे गले से कौसर ने कहा, “उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी। उन्होंने हमारी निर्दोष बेटी को मार डाला।”

वहीं, मुठभेड़ में जान गंवाने वाले जावेद शेख के पिता गोपीनाथ पिल्लई ने केरल के अलापुझा में कहा, “मैं खुश हूं कि सच्चाई सामने आ गई। अब मुझे कोई आतंकवादी का पिता कहकर नहीं बुला सकता।” मुस्लिम महिला से शादी करने के लिए प्राणेष ने इस्लाम कबूल कर लिया था और अपना नाम बदलकर जावेद रख लिया था।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों ने भी एसआईटी की रिपोर्ट का स्वागत किया है। इशरत के परिवार को आतंकवादी के रूप में बदनाम करने के लिए उन्होंने पुलिस तथा मीडिया से इस मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा।

 

डूंगरपुर में पथराव , लाठीचार्ज

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उदयपुर , फेसबुक पर धार्मिक स्थलों के आपत्तिजनक फोटो को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग काफी तादाद में इकठ्ठा हो कर कलेक्ट्री पर , ज्ञापन देने पहुचे , वहा सभा के दोरान अन्य समुदाय के एक शरारती युवक ने भीड़ में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की , जिस की वहा सभा में मोजूद युवकों ने पिटाई कर दी उसके बाद माहोल बिगड़ने लगा और भीड़ उग्र होगई , पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर किया , इस सारी वारदात के दोरान पथराव भी हुआ जिससे दुपहिया वाहनों एवं करीब आधा दर्जन दुकानों के शीशे टूट गए , तनाव को देखते हुए प्रशासन ने शहर में धरा 144 लगा दी , शहर के काफी बाज़ार भी बंद हो गए , दिन के बाद माहोल शांत होने से दुकाने खुली , | कई युवकों को गिरफ्तार किया , प्रशासनिक अधिकारी प्रमुख लोगों से शांति वार्ता कर माहोल को शांत करने में लग गए , इधर मुख्यमंत्री ने भी फोन पर घटना की जानकारी ली और , शांति व्यवस्था के लिए सख्त कदम उठाने के आदेश दिए |

फेसबुक पर आपत्ति जनक फोटो से आक्रोश

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उदयपुर में फेसबुक पर मुस्लिम समुदाय के पवित्र धार्मिक स्थलों के आपत्तिजनक चित्रों से आक्रोशित युवा रात तक नारेबाजी करते रहे, एसपी व कलेक्टर पहुंचे, क्षेत्र में पुलिस बल तैनात

 धार्मिक भावना भड़काने के उद्देश्य से फेसबुक पर डाले गए आपत्तिजनक चित्रों से रविवार रात को यहां मुखर्जी चौक में तनाव की स्थिति बन गई। मुस्लिम समुदाय के युवाओं की भीड़ जमा हो गई और नारेबाजी करने लगी। ये सभी लोग आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे ।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर हेमंत गेरा, एसपी आलोक वशिष्ठ सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। रात 11 बजे समाज के लोगों की बैठक में प्रशासन को सोमवार शाम तक आरोपी को गिरफ्तार करने का समय दिया गया है। इसके बाद आगामी रणनीति तय की जाएगी। कुछ युवाओं ने उदयपुर बंद कराने की भी चेतावनी दी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आपत्तिजनक चित्रों से आक्रोशित युवा रात करीब 9.00 बजे मुखर्जी चौक स्थित अंजुमन तालीमुल इस्लाम संस्थान के बाहर एकत्र हुए और संस्थान के पदाधिकारियों से विरोध करते हुए मांग करने लगे। कुछ ही देर में यहां अन्य लोगों की भी भीड़ बढ़ती गई। आक्रोशित युवाओं को देखकर पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। माहौल गरमाने पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि फेसबुक का अकाउंट बंद करवाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके बावजूद युवाओं का आक्रोश खत्म नहीं हुआ। आक्रोशित युवा उग्र आंदोलन की बात करने लगे। कुछ युवाओं ने कागज, पोस्टर और टायर जलाए। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों व मुस्लिम समुदाय के लोगों की बैठकें होती रही। रात 11 बजे मौलाना जुल्करनैन ने यह ऐलान किया गया कि सोमवार शाम तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने पर उदयपुर बंद कराने का भी कदम उठाया जा सकता है। इसके बावजूद युवा नहीं माने और अंजुमन बिल्डिंग में चढ़ गए। अंजुमन के सदर शराफत खान ने बताया कि ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि यह धार्मिक भावना भड़काने की हैसियत से ऐसा किया गया है। लोगों को संयम बरतना चाहिए। सरकार और प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उधर, साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि किसी व्यक्ति ने धार्मिक भावना भड़काने के लिए ही गलत आईडी बनाकर आपत्तिजनक चित्र लोड किए। युवाओं को समझाइश करने वालों में पुलिस उप अधीक्षक अताउर्ररहमान, पूर्व पार्षद नजर मोहम्मद, फिरोज, भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जहीरुद्दीन सक्का, सलीम भाई मेवाफरोश, मोइनुद्दीन सहित अन्य लोग मौजूद थे |

कॉर्निवल की तैयारी, लेकसिटी में बेकरारी

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उदयपुर। क्या आपने कभी सोचा है कि रोजमर्रा की भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल ऐसे भी हों जो पूरी मस्ती से भरे हों। जिंदगी में तनाव से दूर सुकून के कुछ पल हों। तो इंतजार किस बात का..? आइए आप भी भास्कर के साथ कुछ इसी तरह के पलों में शामिल होकर जिंदगी जीने के नजरिए को बदल दीजिए।

जी हां यह सब दैनिक भास्कर मिराज लेकसिटी कॉर्निवल में संभव हो सकेगा। 27 नवंबर को होने वाले इस कॉर्निवल की तैयारियां जोरों पर हैं, तो इसे लेकर शहरवासियों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है। टाउन हॉल से फतह सागर तक निकलने वाले इस कॉर्निवल में हजारों की संख्या में प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। एचआरएच ग्रुप के पावर्ड में होने वाले इस आयोजन के स्पांसर हिंदुस्तान जिंक हैं। मुख्य सहयोगी में नारायण सेवा संस्थान तथा अन्य सहयोगियों में डिसाइड, वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर तथा बजाज सेवाश्रम हैं।

 होगी अंतरराष्ट्रीय थीम

बताया गया कि दैनिक भास्कर मिराज लेकसिटी कॉर्निवल में अंतरराष्ट्रीय थीम पर आधारित झांकियां होंगी। शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संस्थाओं ने भारतीय संस्कृति पर आधारित झांकियों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। डांस ग्रुप भी रोचक और आकर्षक प्रस्तुतियों की तैयारियों में जुटे हैं। कॉर्निवल का आगाज टाउन हॉल से होगा, जो सुहानी शाम तक फतहसागर पर जमेगा।

दिस टाइम फॉर कॉर्निवल : कॉर्निवल लेटिन शब्द कारनेलवेरियम से बना है, जिसका मतलब है, एक फेस्टिव सीजन जो एक दूसरे की संस्कृति को समझने का अवसर देता है। यह एक वार्षिक उत्सव है जो म्यूजिक, डांसिंग, अलग-अलग कॉस्ट्यूम, परेड व दावतों से परिपूर्ण है। एक ऐसा प्लेटफार्म है जो आपको हुनर प्रदर्शित करने का भी भरपूर अवसर दे रहा है।

 फेमस कॉर्निवल

1. रियो डी जेनेरो, ब्राजील

सभी फोटो गोआ कार्निवाल के है

2. ट्रीनिडड एंड टोबगो

3. मारडी ग्रेस, न्यू ओरलेंस

4. कॉर्निवल ऑफ फ्रांस

5. काडूमेंट डे, बारबाडोस

6. गोवा कॉर्निवल

7. दैनिक भास्कर मिराज लेकसिटी कॉर्निवल

भंवरी का भंवर

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राजस्थान में करीब तीन माह पहले गायब हुई एएनएम भंवरी देवी आज भी राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे देश के लिए एक रहस्य बनी हुई है, जिस दिन से भंवरी देवी गायब हुई उसी दिन से पूरे सरकारी महकमे में हलचल मची हुई है।

पहले पुलिस ने अपने हाथ पैर मारे फिर सीबीआई ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन आज तक कोई यह खुलासा नहीं कर पाया कि आखिर भंवरी देवी है कहां? वह जिंदा है या उसे मार दिया गया?

दिलचस्प बात यह है कि भंवरी देवी का अपहरण करने वाले आरोपी शहबुद्दीन और सोहनलाल पुलिस की गिरफ्त में हैं लेकिन ना तो पुलिस और ना ही सीबीआई इन आरोपियों से कुछ उगलवा पाई, और जो आरोपी फरार हैं (सहीराम, विशनाराम व प्रदीप) उन्हें ढूंढ पाना तो दूर पुलिस अभी तक उनका कोई सुराग भी नहीं लगा पाई है।

बीच- बीच में तमाम तरह की अफवाहें भी आती रहीं, कभी खबर आई कि उत्तर प्रदेश के एक गांव में भंवरी का शव मिला है तो कहीं उदयपुर में भी इसी तरह की अफवाह से सन्नाटा फ़ैल जाता है लेकिन सब पानी के बुलबुले उठने और शांत होने जैसा है। इसी बीच खबर आती है कि गुजरात में वह कार मिली है जिसमे भंवरी देवी का अपहरण हुआ लेकिन यह भी जैसे एक अफवाह की तरह चर्चा में आता है और फिर हवा में गायब हो जाता है।

सीबीआई की जांच निरंतर जारी रही और कुछ ऑडियो-वीडियो सीडी मिलने से मामला और गरमा गया लेकिन भंवरी का रहस्य अब भी बरकरार रहा और फिर सीबीआई के हाथ लगती है वह सीडी जो भंवरी देवी और राजस्थान सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदेरणा के अन्तरंग दृश्यों से भरपूर है जिसके मिलते ही माना जा रहा था कि अब भंवरी देवी के रहस्य से पर्दा उठ जायेगा लेकिन इससे सिर्फ राजनीतिक गतिविधियां ही तेज़ हुईं, यहां तक कि राजस्थान सरकार का पूरा महकमा ही बदल गया।

 किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक एएनएम का अपहरण की आग की आंच सरकार को इस हद तक झुलसा देगी कि उसका पूरा का पूरा तंत्र ही हिल जायेगा।

भंवरी देवी के अपहरण मामले की जांच में इस तरह नित नए खुलासे हुए। पुलिस, प्रशासन,सीबीआई यहां तक के भंवरी देवी के परिजनों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन जैसे-जैसे जांच में तेज़ी आई उसी तेज़ी से यह रहस्य गहराया ही है। भंवरी देवी कहां है किस हाल में है जीवित है या समाज के दरिंदों ने उसे मौत के घाट उतार दिया यह प्रश्न आज भी हर जुवां पर है?

 ये उठते हैं सवाल…

>क्या भंवरी देवी मामले में क्या राजस्थान सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास काफी हैं?

>या सरकार मात्र अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रही है?

>क्या सीबीआई और पुलिस अपहरण के आरोपियों से सच उगलवाने में कड़े प्रयास कर रही है?

गहलोत के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैडिंग

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चूरू। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हेलीकॉप्टर की रविवार सुबह इमरजेंसी लैण्डिग करानी पड़ी। तक नीकी खराबी की वजह से हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में उतारना पड़ा। मुख्यमंत्री चुरू के नांगलबाड़ी गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे। पायलट को हेलीकॉप्टर की पंखुडियों में गड़बड़ी का अंदेशा हुआ। उसने तुरंत हेलीकॉप्टर को नीचे उतार दिया। इससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया।

बाद में मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से रवाना हुए। मुख्यमंत्री जिस हेलीकॉप्टर में सवार थे वह रिलायंस कंपनी का बताया जा रहा है। खबर यह भी है कि हेलीकॉप्टर की पंखुडियां एक टॉवर से टकरा गई थी। जिस क्षेत्र में मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर की आपात लैण्डिग कराई गई उसी क्षेत्र में पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी। उस वक्त मुख्यमंत्री कारगिल शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे। उस समय मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर झाडियों में फंस गया था।