सर्दियों में कुछ ऐसे रखें अपनी त्वचा का ख़याल

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नेहा राज.

भले ही गर्मियों का मौसम खत्‍म हो गया हो और हम त्‍वचा पर तेज़ धूप से होने वाले नुक्‍सान से भी बच गए हों, पर हर मौसम के अपने ही फायदे और नुक्‍सान होते हैं, जो हमारी चेहरे की त्‍वचा पर गहरा असर डालते हैं। ठंड का मौसम आ गया है और इसकी सर्द हवाएं त्वचा को कई प्रकार से हानि पहुंचाती हैं। इसलिए चलिए बात करते हैं कि त्‍वचा की नमी को किस तरह बरकरार रखा जाए कि यह शुष्क न हो पाए।

 अपनाएं यह उपचार :

1. सर्द हवाएं त्वचा पर गहरा प्रभावा डालती हैं और इससे त्‍वचा फटने लगती है इसलिए साबुन कम इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि साबुन त्वचा की शुष्कता को और बढ़ा देता है। बाजार में ऐसे भी साबुन उपलब्‍ध हैं जो ऑइल बेस्‍ड होते हैं, आप उनका प्रयोग करें।

2. इस मौसम में चेहरा बुझा-बुझा और बेजान लगता है इसलिए आपको त्वचा पर कोक बटर, मिल्क क्रीम, मक्खन, कोल्ड क्रीम, मॉइश्चराइजर आदि की मालिश करते रहना चाहिए। जिससे त्‍वचा अपनी नमी को न खोए।

3. अधिक गर्म पानी से स्नान न करें। स्नान करते समय पानी में कुछ बूँदें बेबी ऑइल, ऑलिव ऑइल या बॉडी ऑइल भी डालें। इससे त्वचा मुलायम बनी रहेगी। इस मौसम में स्टीम बाथ लेना त्वचा के लिए काफी लाभदायक होता है। इससे त्वचा की शुष्कता दूर होती है।

 4. रोज़ नहाने के पहले और बाद में भी अपने शरीर पर नारियल या सरसों के तेल की मालिश करें। तेल की मालिश करने के बाद 15-20 मिनट तक धूप सेंकना और भी फायदेमंद रहता है। इससे त्वचा मुलायम बनी रहती

5. इस मौसम में हमारे होठों पर बहुत बुरा प्रभाव पडता है इसलिए होठों पर मलाई या फिर अच्‍छा लिप बाल्‍म लगाना चाहिए। आज कल बाजार में कई ऐसे बाल्‍म उपलब्‍ध हैं जिनमें ट्री ऑइल मिला होता है। ऐसा करने से होंठ नरम, मुलायम, चिकने एवं गुलाबी बने रहेंगे।

बच्चों से भरी वेन में आग

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उदयपुर , दोपर करीब ३.३० बजे खांजी पीर रोड पर ” द स्कोलर एरिना ” स्कूल की वेन में आगा लग गयी वेन में उस वक़्त करीब ८ बच्चे थे लेकिन उनमे से किसी को कोई चोट नहीं आई |

वेन बच्चो को छोड़ने के लिए खांजीपीर की तरफ जा रही थी तभी इंजन में शोर्ट सर्किट हुआ और धुंआ निकलने लगा इससे पहले की ड्राइवर कुछ समझ पाता वेन गैस चालित होने से लीकेज गैस ने एक दम से आग पकड़ ली | आसपास के युवाओं ने दोड़ कर बच्चो को वेन से निकाला | और फायर ब्रिगेड को फोन किया फायर ब्रिगेड जब तक आकर आग बुझती तब तक वेन पूरी तरह जल चुकी थी |

पूरी तरह जली वेन
वेन में गैस किट लगा हुआ था इस वजह से वेन ने जल्दी ही आग पकड़ ली

 

महिला मोर्चा ने निकला मौन मोर्चा

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उदयपुर , गहलोत सरकार ३ वर्ष पुरे होने पर इन ३ वर्षों के शाशन को कुशासन करार देते हुए महिला मोर्चा ने प्रदेश व्यापी आव्हान पर मुह पर काली पट्टी बांध कर शहर में मौन जुलुस निकला |

जुलुस टाउन हाल से प्राम्भ होकर सूरजपोल, बापुबज़ार , देहलीगेट आदि मार्गों से होते हुए कलेक्ट्री पहुंचा और सभा में तब्दील होगया वह कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया , सभा में सभापति रजनी डांगी, किरण जैन, हंसा माली , ने सभा को संबोधित किया और सरकार को जनविरोधी बताया |

पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या

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उदयपुर , नाइ थाना क्षेत्र राम पूरा चोराहा के पास एक युवक ने अपने घर में फांसी पर लटक कर आत्म हत्या करली |

सूत्रों के मुताबिक 30 वर्षीय उंकार ने आज सुबह रामपुर स्थित अपने घर में फंदा लगा कर आत्म हत्या करली सुबह दरवाजा नहीं खोलने पर जब परिजनों ने दरवाजा तोडा तो वह अन्दर लटक रहा था |

परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया और राम पूरा चोराहे पर जाम कर दिया| उनका आरोप था की मृतक के वर्तमान में 4 भाई है और चारों बलात्कार के केस में जेल में बंद है | मृतक के बड़े भाई की पूर्व पत्नी ने चारो भाई पर अपहरण और बलात्कार का मुकदमा कर रखा है | और मृतक इस घटना के बाद से ही काफी परेशान था क्यों के आये दिन पुलिस आकर परेशान करती थी | और इसी से तंग आकर उसने आत्म हत्या करली |

सुचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मोके पर पहुचे और आक्रोशित परिजनों को समझा कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया और जाम खुलवाया

बिना वीजा के पाक सीमा में घुसा भारतीय बंदर

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इस्लामाबाद। एक भारतीय बंदर बिना वीजा के पाकिस्तान की सीमा में क्या पहुंच गया, उसके लिए तो आफत हो गई। बिना वीजा पाकिस्तान सीमा में घुसने पर इस भारतीय बंदर को बंधक बना लिया गया। इस बंदर को वहां के अधिकारियों ने पकडकर बहावलपुर चिडियाघर को सौंप दिया। भारतीय बंदर के सीमा में घुसने से अधिकारी जासूसी की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इस पर पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने पाक सरकार का जमकर मजाक बनाया। अखबार ने अपने पाठकों से राय ली कि पाकिस्तान में सीमा पार से एक बंदर के बिना वीजा घुस जाने से सरकार के खिलाफ भारत, अमेरिका या इजराइल की साजिश कैसे हो सकती है। पकडा गया बंदर एक मामूली बंदर है। इसा बात की पुष्टि बहावलपुर चिडियाघर के प्रबंधक ने भी की है। एक भारतीय संगठन ने इस बंदर को वापस लौटाए जाने की मांग की है। जबकि पाकिस्तान के कुछ अधिकारी इस बंदर को छोडने या लौटाने पर राजी नहीं हैं।

दुनिया की ख़बरें फोटो की ज़ुबानी

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भारत – अहमदाबाद भारत में कपास का उत्पाद

 

मिस्र – सैनिक शासन के खिलाफ प्रदर्शन

 

इराक -अमेरिकी सैनिकों का आखरी ग्रुप ईराक छोड़ते वक़्त , नो साल के अमेरिकी कब्जे के बाद इराक छोड़ा |

 

तिब्बत – फ़्रांस के लिले ने अपनी सौर उर्जा साईकिल पर किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान,ईरान, तुर्की और इटली के माध्यम से 13000 के आसपास किलोमीटर की यात्रा अभी तक तय की हे |

 

फ़्रांस – तेज़ हवाओं से किनारे पर फंसा २२० तन वजनी माल वाहक जहाज़ |

 

मेक्सिको सिटी – एक एजटेक नर्तकी अपने दोस्त का स्वागत करती एक धार्मिक समारोह के दोरान |

 

 

भारत – देहली में विशाल हनुमान की प्रतिमा के द्वार से बहार निकलता एक हिन्दुस्तानी परिवार |

 

इंडोनेशिया – एक संगीत प्रोग्राम के दौरान ६५ युवकों ने इस्लाम का अपमान किया जिसकी सजा उन्हें पुलिस स्टेंड के सामने पुल में बाल काट कर पानी में बेठा दिया

 

जोर्जिया – अपनी चुम्बकीय क्षमता का प्रदर्शन करता युवक |

 

पाकिस्तान – अपने घोड़े के साथ खेलता बच्चा |

 

 

कोलंबिया – सालसा डांस की एक मनमोहक मुद्रा

 

 

म्यांमार – मछुआरे अपनी नोकों के साथ

शांति संदेश रैली

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सर्व धर्म मैत्री संघ की ओर से क्रिसमस के मौके पर निकली शांति रैली का कई जगहों पर हुआ स्वागत

शांति का संदेश देने, सर्व धर्म समभव से निकली रैली जहां से गुजरी मानो, वहां शांति का माहौल बनता चला गया। रैली में उन सभी संदेशों का प्रदर्शन किया हुआ था, जो प्रत्येक धर्म ग्रंथों में कहे गए हैं। रैली में परियों का रूप धरकर बैठे और राहगीरों को शांति संदेश बांटते बच्चों में खुशी इस कदर थी, मानो प्रभु यीशु का दुनिया में आने ही वाले हैं। प्रभु यीशु के जन्म की झांकियां खुशहाली का संदेश दे रही थी। वहीं शांति संदेश वाहन पर बैठा सेंटा क्लॉज हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार रहा था। यह नजारा सर्व धर्म मैत्री संघ की ओर से क्रिसमस के मौके पर रविवार को निकली शांति रैली का था। पटेल सर्कल से शुरू हुई रैली की शुरुआत में आईजी गोविंद गुप्ता ने कहा कि समाज में शांति कायम करने के लिए निकलने वाली शांति रैली का लाभ सभी को मिलेगा। चौराहों पर विभिन्न धर्म गुरुओं ने शांति का संदेश दिया। अलीपुरा चर्च में समापन पर उदयपुर धर्म प्रांत के बिशप स्वामी जोसेफ पथालिल ने शांति संदेश दिया।

भरत अध्यक्ष और महेंद्र महा सचिव

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उदयपुर.बार एसोसिएशन के रविवार को हुए चुनावों में भरत जोशी अध्यक्ष और महेंद्र नागदा महासचिव पद पर विजयी हुए।

युवा अधिवक्ता भरत ने सीधे मुकाबले में वरिष्ठ अधिवक्ता कनक कुमार मेहता को 477 वोट से हराया, जबकि महासचिव के लिए त्रिकोणीय संघर्ष में महेंद्र नागदा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी माधोसिंह राठौड़ को 365 मतों से हराया।

चुनाव अधिकारी सुरेश द्विवेदी ने बताया कि 1342 मतदाताओं में से 1157 ने मतदान किया। इसके अलावा उपाध्यक्ष पद पर गजेंद्रसिंह सोलंकी, सचिव विपुल जोशी, वित्त सचिव संदीपसिंह राव, पुस्तकालय सचिव संगीता नागदा चुनी गईं।

इस कार्यकारिणी का कार्यकाल दिसंबर 2012 तक रहेगा। यह पहला मौका है जब अध्यक्ष सहित सभी पदों पर युवाओं ने बाजी मारी।

डॉ. सैयदना की झलक पाने उमड़े लाखों अकीदतमंद

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सैयदना की एक झलक पाने के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ गुजरात और मध्यप्रदेश से पहुंचे अकीदतमंद

 उदयपुर। दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब रविवार दोपहर डूंगरपुर के गलियाकोट कस्बे में पहुंचे। उनके साथ उनके साहबजादे सैयदना मुफद्दल भाई भी थे। उनकी एक झलक पाने के लिए सैकड़ों की तादाद में दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग उमड़ पड़े। वे खंडवा के लोनावास से हेलीकॉप्टर द्वारा दोपहर 3.30 बजे डॉ. सैयदना गलियाकोट स्थित हेलीपैड पर उतरे।

उन्होंने सैयदी फखरुद्दीन शहीद साहब की दरगाह में जियारत की। डॉ. सैयदना की एक झलक पाने के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ गुजरात और मध्यप्रदेश से करीब तीन लाख अकीदतमंद गलियाकोट में जुटे। अकीदतमंदों ने उनका इस्तकबाल किया।

 अमन और तरक्की की दुआएं की

दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रवक्ता डॉ. बी. मुमिन ने बताया कि डॉ. सैयदना यहां राजस्थान की तरक्की और देश में अमन की दुआएं कर रहे हैं। यहां पहुंचने वाले जायरीन उनकी दुआएं ले रहे हैं और उनकी उम्र दराजी की दुआएं कर रहे हैं।

photho  by  – Shahid hussain  ( max studio ‘DUNGARPUR” )

 

photho  by  – Shahid hussain  ( max studio ‘DUNGARPUR” )

केसे तय करवाएं अपनी सैलेरी

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नेहा राज,..

 आप किसी अच्छी कंपनी में काम कर रहे हैं, पर मन में असंतोष है कि सैलेरी अच्छी नहीं मिल रही। ऎसी स्थिति हर किसी के साथ हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इंटरव्यू में सलेक्ट होने के बाद सैलेरी के विषय में खुलकर बात कर ली जाए। इस मुद्दे पर आपको समझदारी से काम लेना होगा।

 होमवर्क पूरा करें

ज्यादातर कैंडिडेट्स को कंपनी और सैलेरी स्ट्रक्चर के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। कई बार कैंडिडेट्स कह देते हैं कि मुझे अपने पद और लेवल के मुताबिक सैलेरी नहीं दी जा रही है। पर इससे पहले आपको कंपनी के सभी पदों और तनख्वाह के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए। यह भी याद रखें कि दो फम्र्स की ग्रेड्स समान नहीं हो सकती। साथ ही यह भी पता कर लें कि कंपनी की पे-स्केल, इंक्रीमेंट पॉलिसी और बोनस की नीति क्या है? इसके बाद अपने अनुभव, योग्यता और उपलब्धियों को इन कसौटियों पर परखें। कई बार इंडस्ट्री में मिलने वाले एक्सपोजर पर भी गौर किया जाता है। इसी के अनुरूप वेतन की बात की जाती है।

 घर तक कितना पहुंचेगा?

ज्यादातर युवा मैनेजर्स तनख्वाह फिक्स करवाते समय इस बात पर गौर करते हैं कि आखिर में कट-पिटकर कितने पैसे हाथ में आएंगे? वहीं कंपनियां टोटल कॉस्ट को ध्यान में रखती है। बातचीत के दौरान कैंडिडेट्स दूसरे फायदों को नजरअंदाज करते हैं, वहीं कंपनी सही टैलेंट को खोजने पर फोकस करती है। ज्यादातर कंपनियां मूल तनख्वाह में दीर्घावधि के इंसेंटिव जोड़ती है। इसके बारे में भी कैंडिडेट को ध्यान देना चाहिए। कैंडिटेट को कॉस्ट टू कंपनी के सभी पहलुओं को समझने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ-साथ पिछले सालों से तुलना की जा सकती है कि वैरिएबल कंपोनेंट्स के साथ कितना भुगतान किया जा रहा है।

 आपको चांद भी मिल सकता है!

सैलेरी नेगोसिएशन एक कला है। कई बार समय से पहले, जरूरत से ज्यादा मांग आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती है। आपको कंपनी की डिमांड के अनुरूप ही काम करना है। कंपनी जो काम आपको दे रही है, उसकी इंडस्ट्री में क्या वैल्यू है, यह आपको पता होनी चाहिए। इसके बाद इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि कंपनी आगे से क्या ऑफर कर रही है? कंपनी जो पैकेज ऑफर कर रही है, क्या वह इंडस्ट्री और वर्क टाइप के अनुसार नहीं हो, तो आप अपनी बात को पुरजोर तरीके से कह सकते हैं। कई बार आप इंतजार नहीं कर पाते और गलत सैलेरी की मांग के कारण ही नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। ऎसे में सही यही है कि आप दूसरे कैंडिडेट्स को मोल-भाव करने दें और अपने पत्ते छुपाकर रखें। आखिर में जितने कम कैंडिडेट्स होंगे, आपकी बात उतने ही ध्यान से सुनी जाएगी। हो सकता है कि फासला नजरों का धोखा हो और चांद आपकी पहुंच में हो।

 … पर मुट्ठी खुली रखनी होगी

कई बार कैंडिडेट बदमिजाज एटिट्यूड के साथ जाते हैं और तनख्वाह में एक फिक्स इजाफे की बात करते हैं। कैंडिटेट को लगता है कि बातचीत से पहले ही अपनी शर्तो को साफ कर दें। पर यह तरीका घातक हो सकता है। बाद में कई बार कैंडिडेट के साथ यही होता है कि चौबेजी छब्बेजी तो बन नहीं पाते, बल्कि दुब्बेजी बनकर रह जाते हैं। मतलब जहां आप कंपनी के मैनेजमेंट से मिलने से पहले ही आप शर्तो को गिना रहे थे, वहीं अब कंपनी अपनी तनख्वाह पर भी आपको रखने से परहेज कर रही है। कुल मिलाकर सैलेरी नेगोसिएशन के समय ज्यादा हार्ड बनने की कोशिश फिजूल है। इससे नुकसान आपका ही होगा। हो सकता है कि आपका काम शानदार हो और इंडस्ट्री में आपकी वैल्यू ज्यादा हो, पर कई बार दाव उल्टा पड़ सकता है। इसलिए होशियारी इसी में है कि ऑफर पर सोचने के लिए समय लें और सही तर्को के आधार पर अपनी बात को रखें।

 हमें कॅरियर चाहिए और पैसा भी

किसी भी शानदार कॅरियर को पैसे से तोलकर देखा जा सकता है, पर यह हमेशा याद रखें कि लालच का कोई अंत नहीं होता। कई बार सैलेरी से ज्यादा लर्निग प्रोसेस और अपाच्र्युनिटी ज्यादा मायने रखती है। जब सब कुछ बैलेंस हो, तभी पैसे की धुन रखनी चाहिए। कैंडिडेट्स को अपनी स्किल्स को इम्प्रूव करने और नए एम्प्लॉयर के अनुरूप सैट करने पर ज्यादा जोर देना चाहिए।

 पैसा के साथ-साथ काम भी बढ़ेगा

जो कैंडिडेट्स सिर्फ ज्यादा से ज्यादा सैलेरी के बारे में सोचते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि पैसे के साथ उन पर ज्यादा जिम्मेदारियां और ज्यादा टारगेट्स लादे जाने वाले हैं। अगर आप प्लेसमेंट कंसल्टेंट के संपर्क में हैं, तो खुद को राजा समझने की भूल न करें। आपको लचीला रूख भी अपनाना होगा। अगर काम करने का माद्दा और जुनून है, तो सैलेरी की मांग रखें, पर काम के लिए तैयार भी रहें।