बिग बॉस 5 में जापानी सुमो कुश्ती चैंपियन

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बिग बॉस ५ शो के अंतिम सप्ताह में ६०१-पौंड के जापानी सुमो कुश्ती चैंपियन यामामोटोयामा उर्फ यामा की ग्रैंड एंट्री का शो गवाह बनेगा। उनके वजन को देखते हुए और ६‘४‘‘ की ऊंचाई को मापते हुए, यामा न केवल सबसे लंबे सुमो कुश्ती करने वाले है बल्कि वास्तव में आज तक के सबसे लंबे जापानी इंसान है।

घर के भीतर सप्ताहों की कैद के बाद प्रतिभागी एक नए चेहरे को देख कर निश्चित ही राहत की सांस लेंगे। बहरहाल, यह छोटे समय की बात होगी, विशेषकर जब उनको महसूस करेंगे प्रवेश करने वाले नए प्रतिभागी में एक बड़ी कमी है – वह अंग्रेजी को बोल अथवा समझ नहीं सकता है। कई खिताब जीतने वाला सुमो पहलवान घर में कुछ दिन बिताएगा और अभी तुनकमिजाज रहने वाले घर के सदस्यों को जरूर एक बहुत अधिक आवश्यक हास्य रूपी राहत देगा। बिग हाऊस के घर में रहने के दौरान यामा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उसके लिए घर के भीतर विशेष प्रबंध किए गए है। डायनिंग एरिया को सुमो पहलवाल की दिन प्रति दिन की गतिविधियों को करने हेतु पर्याप्त जगह देने के लिए एक बेडरूम-कम-एटिंग एरिया में बदला जाएगा। जापानी होने के कारण यामा फर्श पर बैठ कर खाते है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या घर के सदस्य उनके भोजन करने के दौरान उनका साथ देने में सक्षम होंगे। चूंकि सुमो पहलवान को भाषा की समस्या का भी सामना करना है, उन्हें तस्वीर वाले विशेष प्लेकार्ड भी दिए जाएंगे जो घर के सदस्यों को उनकी आवश्यकताओं को बताने में सहायता करेंगे। और अखिर में सुनिश्चित करने के लिए कि यामा मनोरंजक रहे घर में उनके रूकने के दौरान विशेष गतिविधियों की योजना तैयार की गई है जो दर्शकों को एक पेशेवर जापानी सुमो पहलवाल की जिंदगी में कुछ विशेष जानकारी देने में सहायता करेंगे।

फेसबुक पर अंगूठी की तस्वीर ने चोर को पहुचाया जेल

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वाशिंगटन। सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर एक अंगूठी की तस्वीर ने उसके चोर को जेल की सलाखों के पीछे करवा दिया। इस अंगूठी की कीमत 3200 डॉलर है। यही अंगूठी एक आभूषण स्टोर से चुराई गई थी। दरअसल जर्विस नाम के एक व्यक्ति ने यह अंगूठी चुराई थी और उसे अपनी प्रेमिका को सगाई में दी थी। जर्विस की प्रेमिका ने उस अंगूठी की तस्वीर फेसबुक पर डाल दी। फेसबुक पर अंगूठी की तस्वीर डालने से पुलिस को इस बारे में सुराग मिल गया और पुलिस चोर तक पहुंच गई।

तीजन बाई की पण्डवानी में प्रस्फुटित हुआ दुशासन वध

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उदयपुर, 29 दिसम्बर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव के नवें दिन गुरूवार को मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर ‘‘धरोहर’’ में पद्मभूषण से सम्मानित तथा देश की जानी मानी पण्डवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई ने पण्डवानी में महाभारत के प्रसंग ‘‘दुशासन वध’’ में कथा श्रवणकों के रोंगटे से खड़े कर दिये वहं इस अवसर पर सिद्दि धमाल व भांगड़ा ने दर्शकों को थिरकने के लिये प्रोत्साहित सा कर दिया।

उत्सव में रंगमंचीय कार्यक्रमों की शुरूआत राजस्थान के बाड़मेर की गैर से हुई। ढोल की थाप पर गैर नर्तकों ने होली के दिन याद ताजा करवाये। महाराष्ट्र की शब्दभेद कला में नारियल की तलाश जहां एक रोचक प्रस्तुत बन सकी वहीं बहुरूपिये सिकंदर अब्बास व उनके साथियों ने लोगों का मानेरंजन किया। इसके उपरान्त लावणी की बालाओं ने लास्य व लावण्य बिखेरा। सर्दी के माहौल के चलते नृत्यांगनाओं ने शीत ऋतु का अभिनय रोचक ढंग से किया।

कार्यक्रम में पद्म भूषण श्रीमती तीजन बाई प्रमुख आकर्षण रही। नृत्य, अभिनय, नाट्य और गायन की सिद्ध इस कलाकार ने अपनी ओजपूर्ण स्वरों में महाभारत दुशासन वध प्रसंग को रोचक ढंग से दर्शाया। तंबूरे के साथ तथा उसके कलात्मक प्रयोगों के अनुठे युग्म से इस प्रसंग में उन्होंने अपने आंगिक अभिनय से महाभारत के पात्र भीम, दुशासन, द्रौपदी इत्यादि को जीवंत बनाया। द्रौपदी द्वारा केश में दुशासन का रक्त लगाने का दृश्य अत्यंत प्रभावी बन सका।

कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार व निबूड़ा फेम गाजी खां मांगणियार व उनके साथियों ने गीत ‘‘झिर मिर बरसे मेह….’’ सुनाये वहीं इस अवसर पर बिहू नृत्य की प्रस्तुति ने असम के बिहू पर्व में युवा मन की तरंगों को उमंगपूर्ण ढंग से मंच पर अपनी दैहिक भंगिमाओं के साथ दर्शाया। कार्यक्रम में सिद्दि धमाल पर दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शक थिरक उठे वहीं भांगड़ा नर्तकों ने भी दर्शकों को नाचने व थिरकने पर मजबूर किया। भपंग वादक जुम्मेखां की शेरा शायरी पर दर्शकों ने ठहाके लगाये।

 

उत्सव के आखिरी दिन ‘‘झंकार’’ का आयोजन आज

नव वर्ष का अभिनन्दन को आ पहुंची देह व्यापारी बालाएं

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उदयपुर , लेकसिटी में इस बार नए साल का जश्न रंगीन होगा जश्न को लेकर होटल व् रेस्टोरेंट संचालकों ने तो अपने स्तर पर तय्यारियां प्रारंभ कर दी है |लेकिन इस बार शहर के समीप बने तथाकथित फार्म हाउसेस पर भी जश्न की तय्यारियां जारी है | नव वर्ष अभी नंदन के लिए निकट वर्ती राज्यों से देह व्यापारी बालाएं भी झीलों की नगरी में पहुच चुकी है |

हर वर्ष से कुछ हट कर होगा लेकसिटी में इस बार नए साल का जश्न कारण साफ़ है की मानसून मेहरबान रहा तो झीलों की नगरी का नेसर्गिक सोंदर्य खिल उठा अरावली की हरी भरी पहाडियों के मध्य स्थित झीलों की उठती लहरें मनो सैलानियों को आलिंगन कर निमंत्रण दे रही हे जल है तो जीवन है के सन्देश के साथ हरीतिमा की चादर ओढ़े अरावली की वादियाँ कोहरे व् बादलों की लुका छिपी में अपना सोंदर्य बिखेर कर मानो कह रही हों परदेसी बालम आओ नि पधारो म्हारे देश रे |

पलक पावडे बिछाये यहाँ के बाग़ बगीचे अतिथियों के अभिनन्दन को आतुर है इसी खुश नुमा माहोल को और भी रंगत देने के लिए निकट वर्ती राज्यों से देह व्यापारी बालाओं का आना शुरू हो गया है | इन बालाओं ने शहर के उपनगरीय क्षेत्रों में डेरा दाल दिया है |तथा अपने पुराने संपर्कों से ग्राहकों तक पहुच बना ली है |

सूत्रों परविशवास करें तो तिन खेपों में विभिन्न राज्यों से प्रयोजनार्थ लगभग १०० से अधिक बलाए लेकसिटी के जश्न को रंगीन बनाने पहुच चुकी है |तथा आगामी अंतिम दिन इनकी वृधि होने की आशंका है |

इधर शहर और बहार की होटलों पर आयोजित होने वाले जश्न मै अपनी पहचान हो जाने के भय से अब जश्न मानाने के लिए नए स्थानों के रूप मै फार्म हाउसेस खोज लिए गए है | जहाँ सिमित लोगों के साथ नए साल का जश्न प्रायवेसी में बनाये रखते हुए मनाया जा सके अधिकांश देह व्यापारी बालाएं इन्ही फार्म हाउसेस पर अपने जलवे बिखेरेगीं रंगीन मिजाज वालो के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है लेकिन निसंदेह पुलिस प्रशासन के लिए ये खबर अच्छी नहीं तथा लेकसिटी के बाशिंदों की संस्कृति को विकृत करने की इस परंपरा को रोकने के सभी प्रयास किये जाने चाहिए |

बीबे किड्स वियर ब्रांड ने जारी किया ऑटम विंटर कलेक्शन

उदयपुर, 29 दिसम्बर। नववर्ष आगमन के जोशो-खरोश को देखते हुए बच्चों के वस्त्र निर्माता बीबे ने अपना नया ऑटम और विंटर कलेक्शन जारी किया है। राजस्थान के बाजार में में यह 500 रुपए की शुरूआती आकर्षक रेंज से उपलब्ध है। इस कलेक्शन का रंग और स्टाइल त्योहारों और नववर्ष को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है ताकि बच्चे नए साल का उत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मना सके।

बीबे एंड आकृति एपेरल्स प्रा. लि. के निदेशक अवनीश जैन तथा बीबे की ब्रांड निदेशक सुश्री मोनिका जैन ने कहा कि इस कलक्शन के मूल वस्त्र बच्चों के लिए अनुकरणीय, स्मार्ट और कैज्युअल होंगे जो न केवल उनके लिए स्टाइलिश अपितु आरामदायक भी होंगे। साथ ही वे इन्हें पहन कर पूरा आनंद उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस कलेक्शन में युएफओ, रोबोट, एलेन, टून मॉनेस्टर्स, नम्बर डिजीटेशन्स, आर्मी, स्कल और रशियन स्ट्रीटवियर ऐसे नाम शामिल किए गए हैं जो युवा वर्ग द्वारा पसंद किए जाते हैं। स्पोर्टी हिस्से के साथ ही ट्रेन्डी टीशटर््स, शॉट्र्स, केपरिज, ट्राउजर्स और डेनिम्स(आइस वॉश, एसिड वॉश) चटकीले, साहसिक, रंग जैसे लेवली रेड, इलेक्ट्रिक ब्ल्यू, सनशाइन येलो, रिच रस्ट और ईजी टू वियर स्टाइल में यह संग्रह उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि ये विंटर कलेक्शन प्रदेश के सभी नामचीन स्टोर्स पर उपलब्ध हैं।

खादी मेले में जोरदार बिक्री

उदयपुर, २९ दिसम्बर। टाउन हॉल प्रांगण में चल रही राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में इस बार लेकसिटी वासियों द्वारा जोरदार खरीददारी से मेले के स्टॉलधारियों में अपार उत्साह नज़र आ रहा है। अब तक खादी एवम् ग्रामोघेग के उत्पादों से २५ लाख की बिक्री हो चुकी है। लेकसिटी वासियों में खादी मेले के प्रति विशेष लगाव रहा है।

मेला प्रभारी पप्पू खण्डेलवाल ने बताया कि मेले में खादी द्वारा निर्मित गर्म वों की बिक्री में खासी तेजी रही है। रजाई, गद्दे, ऊनी कम्बल, गर्म शॉल, गर्म कोट जैकेट आदि की बिक्री खूब हो रही है। मेले में खादी उत्पादों पर १० से २५ प्रतिशत की छूट का लाभ मेलार्थियों को मिल रहा है।

उप निदेशक (खादी) श्री प्रकाश गौड़ ने बताया कि मेले में प्रदर्शित खादी ग्रामोघोग के उत्पादों की अच्छी बिक्री से बुनकरों, कारीगरों को विशेष प्रोत्साहन मिल रहा है। खादी के वों में नयी पीढ़ी की पसन्द का भी ध्यान रखा गया है, जिसमे रेडिमेड शर्ट, ड्रेस मटेरियल युवाओं को भा रहे हैं और वे इसकी खरीददारी में रूचि दिखा रहे है।

खान पान के शौकीन मेलार्थियों के लिए आम, केर, मिक्स वेजिटेबल, नींबू, लहसून, मुरब्बा, बीकानेरी नमकीन, पापड़, नूडल्स, कुरकुरे, टमटम, गुड़ की गजक, मूंगफली, तिल्ली का चपड़ा आदि काफी आ रहे है।

 

शिल्प ग्राम उत्सव अपने पुरे शबाब पर

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उदयपुर, 28 दिसम्बर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से हवाला गंाव में आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव-2011 में आने वाले लोग कलात्मकता से खुद को एवं अपने घर को सजान वे संवारने की चाह में मित्रों व परिजनों सहित शिल्पग्राम पहुंच रहे हैं तथा हाट बाजार में शिल्पकारों से मोल भाव कर कुछ ना कुछ अवश्य ले कर जा रहे हैं।

उत्सव के आठवें दिन बुधवार को लोगों की आवाजाही दिन भर बनी रही लोगों ने अपने परिजनों व मित्रों के साथ मेले का आनन्द उठाया। हाट बाजार की विविधा में लोगों ने दीवार को सजाने के लिये महाराष्ट्र की वारली चित्रकारी, पेपर मेशी की बनी मूर्तियां, फूलदान, मिजोरम के ड्राई फ्लॉवर, कपड़े के पारंपरिक खिलौने व कठपुतलियाँ, पीतल की बनी कलात्मक मूर्तियां, पारंपरिक चित्रकारी, खुर्जा शिल्प के बने कलात्मक फूलदान, पैन स्टेण्ड, बांस की सजावटी वस्तुएँ जिसमें पेन स्टेण्ड, फूलदान, डेकोरेटिव वॉल पीस व हैंगिंग्स, वूलन कारपेट, कपड़े पर कशीदा युक्त वॉल पीस, पुराना ग्रामोंफोन, टेलिफोन, दूरबीन, बेडशीट, बेड कवर, लकड़ी व बांस के सोफा सेट, गार्डन चेयर, कॉर्नर ब्रैकेट, कलात्मक लैम्प उल्लेखनीय है।

इसके साथ ही लोगों को ध्यान खुद को सजाने व ंसवारने पर भी केन्द्रित होता नजर आया है। हाट बाजार में लोग लैदर जैकेट, वूलन जैकेट्स लैदर कैप, चिकन कारीगरी से अलंकृत कुर्ते, सलवार सूट, क्रोशिया के बने परिधान, कॉटन शर्ट्स, टी शर्ट्स, लैदर, जूट व कपड़े के पर्स, महिलाओं के लिये साड़ी, श्रृंगार में मैटल बैंगल्स, इयरिंग्स, टॉप्स, ब्रेसलैट, चूड़ियाँ, पंजाब की फुलकारी से सजे परिधान, पंजाबी व हरियाणा की जूतियाँ, कोल्हापुरी चप्पल प्रमुख हैं। मेले में लोगों ने अमरीकन भुट्टों, दूध जलेबी, गन्ने का रस, मक्की व चावल की सिकी व तली पापड़ी, ढोकले, पान्ये आदि का भोग धराया।

सप्तरंग में बिखरी लोक कलाओं की इंद्रधनुषी छटा पाशा दल की रामायण ने दिल को छूआ, सिद्द धमाल व छाऊ ने मचाई धमाल

शिल्पग्राम उत्सव में बुधवार को ‘‘सप्तरंग’’ का आयोजन हुआ जिसमें कला प्रेमियों एक ओर देश के विभिन्न राज्यों की लोक कलाओं की इंद्रधनुषी छटा देखने को मिली वहीं इस अवसर पर एबिलिटी अन लिमिटेड फाउण्डेशन के कलाकारों की प्रस्तुतियों में रामायण का मंचन दर्शकों के लिये हृदय स्पर्शी पेशकश बन सकी। कलाओं में गुजरात के सिद्दि कलाकारों ने अपनी थिरकन से दर्शकों को उन्मादित कर दिया वहीं असम के कलाकारों ने बिहू नृत्य में युवा प्रमियों के उल्लसित भावनाओं का प्रदर्शन किया।

मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर कार्यक्रम की शुरूआत राजस्थान के लोक नाट्य कुचामणी ख्याल ‘‘राजा हरिश्चन्द्र’’ से हुई इसके बाद पश्चिम बंगाल पुरूलिया के गौर कुमार व उनके साथियों ने पुरूलिया छाऊ में रामायण का ताड़का वध प्रसंग दर्शाया जिसमें विश्वामित्र को परेशान करने वाली ताड़का का भगवान श्रीराम व लक्ष्मण द्वारा वध किया जाता है। कार्यक्रम में दिल्ली के गुरू सैयद सलाउद्दीन पाशा व उनके विशेष बालकों ने व्हील चेयर पर अपनी प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने रामायण के संक्ष्प्ति वर्जन मंचन बखूबी से किया। इस प्रस्तुति में बालकों ने शूर्पणखा वध, रावण का सीता हरण, अशोक वाटिका में सीता को राक्ष्सियों द्वारा सताना, राम रावण युद्ध आदि प्रसंगों का चित्रण उत्कृष्ट ढंग से किया प्रस्तुति में ध्वनि व प्रकाश संयोजन श्रेष्ठ बन सका।

इस अवसर पर पाशा व उनके दल ने टैगोर की एक रचना पेश की। इसके बाद बालकों ने व्हील चेयर पर ऑस्कर पुरस्कार जीत चुके ए.आर. रहमान के लोकप्रिय गीत ‘‘जय हो….’’ प्रस्तुत कर देश भक्ति की भावाना को जागृत करने का प्रयास किया। इसी दल के विशेष बालकों ने बाद में ‘‘वंदे मातरम् भी पेश कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। इन प्रस्तुतियों में व्हील चेयर की स्पिन व भाव पक्ष अत्यंत प्रबल बन सका।

इससे पूर्व गुजरात के अफ्रीकी मूल के सिद्दि कलाकारों द्वारा सिर से नारियल फोड़ने करतब श्रेष्ठ बन सके वहीं आसाम के युगलों ने पेपा व गोगोना के साथ ढोलक की थाप पर बिहू प्रस्तुत कर युवा मन को आल्हादित सा कर दिया। नृत्य के दौरान हाथ मं टोकरियां ले कर नृत्य करने पर मनोरम छटा उभर कर आई।

कार्यक्रम मंे इसके अलावा लावणी, मांगणियारों का गायन, भांगड़ा की प्रस्तुति को दर्शकों द्वारा भरपूर सराहा गया।

सेलिब्रेषन मॉल में क्रिसमस वण्डरलेण्ड पर भव्य आयोजन

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स्नोफॉल के लुत्फ के साथ सांस्कृतिक संध्या का लिया आनन्द

उदयपुर 25 दिसंबर,सेलिब्रेषन मॉल में क्रिसमस की संध्या का नजा़रा देखने योग्य था जहां लोगो ने कृत्रिम स्नोफॉल का लुत्फ उठाने साथ ही युक्रेन और जर्मनी के कलाकारो द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी भरपूर आनन्द उठाया। उदयपुरवासियो ने मॉल के वण्डरलेण्ड पर संाताक्लोज से रूबरू होते हुए क्रिसमस ट्री और उपहारो का भी मजा लिया।

मॉल द्वार त्यौहारो पर आयोजित विषेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में क्रिसमस की संध्या वेला में विदेषी कलाकारो द्वारा एंट्रे,स्पेनिष,केन-केन और कलिंका जैसी यूक्रेन के नृत्य विधा ,डांस और संगीत की प्रस्तुतियों का मॉल में आये लोगो का मनोरंजन किया वहीं जर्मनी के कलाकारो द्वारा प्रस्तुत अनान्डा फायर एक्रोबेट ने दर्षको के आकर्षण का केन्द्र रहा। इस मौके पर मॉल मे आने वाले उपभोक्ताओं को खरीद पर उपहारो से भी नवाजा़ गया। मॉल के क्रिसमस वण्डरलेण्ड पर स्नोफॉल का यह अनूठा नजारा आगामी 31दिसंबर देखा जा सकेगा।

 

 

हुस्न का जादू चला गाड़ीवालों को लूटती थी

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उदयपुर/पाली/देवगढ़. फोर व्हीलर में लिफ्ट देने के बहाने लूट लेने वाला गिरोह आखिरकार पाली में पुलिस के हाथ आ ही गया। यह गिरोह उदयपुर, जोधपुर, व अजमेर संभाग में पुलिस के सिरदर्द बना हुआ था।

 इस गिरोह में मासूम बच्चे वाली एक महिला भी है, जिसे ये लोग ढाल की तरह इस्तेमाल करते थे। गिरोह ने कई वारदात कबूली हैं। गुरुवार को उदयपुर में एक युवक और देवगढ़ में टीचर के साथ वारदात कर भाग रहे इस गिरोह को पाली पुलिस ने सिरियारी क्षेत्र के करमाल चौराहा पर नाकाबंदी के दौरान पकड़ लिया।

पाली एसपी अजयपाल लांबा ने बताया कि गुरुवार की रात को पकड़े गए इस गिरोह में शामिल तीन युवक व एक महिला नागौर के मेड़ता सिटी इलाके में रहने वाले हैं।

गिरोह का सरगना शहाबुद्दीन उर्फ भयू व उसकी पत्नी रचना उर्फ अनु नायक है। इनके साथी कमरुदीन उर्फ गोगा पुत्र शफी मोहम्मद निवासी मेड़ता सिटी तथा श्यामलाल चौधरी पुत्र हापू राम निवासी भूरियासनी (नागौर) को भी गिरफ्तार किया है। इन चारों के कब्जे से घटना में इस्तेमाल इंडिका कार, 11 मोबाइल, दर्जनों एटीएम कार्ड व 20 हजार रुपए बरामद किए हैं।

महिला की आड़ में करते थे वारदात

 उदयपुर. यह छोटा सा गिरोह मासूम बच्चे वाली महिला की आड़ में वारदात करता था। इन दोनों को देख वाहन की इंतजार में खड़े आसानी से विश्वास कर बैठ जाते थे। सरगना शहाबुद्दीन उर्फ भयू (25) के साथ रचना उर्फ अनु नायक (23) पत्नी के रूप में रहती है, जिसके साथ उसका साढ़े तीन साल का बच्चा भी है। नागौर के मेड़ता सिटी की रहने वाली रचना ने अपने पूर्व पति को छोड़कर करीब चार साल पहले मेड़ता में ही सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले शहाबुद्दीन उर्फ भयू (25) पुत्र शराकुदीन का दामन थाम लिया था।

कैसे करते हैं वारदात : बस- टैक्सी अथवा अन्य साधन के इंतजार में अकेले खड़े रहने वाले लोग इनके निशाने पर रहते थे। कार को शहाबुद्दीन ड्राइव करता था। कार के आगे वाली सीट पर वह अपनी पत्नी व बच्चे को बैठाता था।

पीछे वाली सीट पर उसके दोनों साथी बैठ जाते थे। अकेले खड़े व्यक्ति को देख वे उसे लिफ्ट देने के बहाने कार में बैठा देते थे। पीछे वाली सीट पर सवारी को बैठा कर आरोपियों का साथी पीक थूकने के बहाने बार-बार खिड़की से मुंह निकालता था। ऐसा कर वे लिफ्ट लेने वाले व्यक्ति को बीच में बैठा लेते थे और मौका मिलते ही रिवाल्वर तान वारदात करते थे। उसके बाद लिफ्ट लेने वाले व्यक्ति को सुनसान जगह पर उतार कर कार में फरार हो जाते थे।

शिल्प बाजार में जमने लगा रंग

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उदयपुर, 24 दिसम्बर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव-2011 में शनिवार को हाट बाजार में लोगों की आवक में इजाफा देखने को मिला वहीं लोगों ने जम कर खरीदारी की।

शिल्पकारों को कलात्मक उत्पादों के विक्रय के लिये बाजार उपलब्ध करवाने तथा शिल्पकला को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित उत्सव के चौथे दिन दोपहर से ही बड़ी संख्या में लोग शिल्पग्राम पहुंचना शुरू हो गए तथा शाम तक हाट बाजार में लोगों की रौनक बढ़ गई। हाट बाजार में लोगों ने तीर कमान, पत्थर की मूर्तियाँ, कश्मीरी शॉल, नमदे के बने पायदान, कम्पास, दूरबीन, जूट के बैग्स, जूट के कलात्मक नमूने, कॉटन शर्ट्स, लैदर के बने पर्स, बेल्ट, जैकेट, बाड़मेरी पट्टू, कच्छ के वूलन शॉल, कश्मीर के ऊनी शॉल, मफलर, मिट्टी के कलात्मक पॉट्स, इत्र, मधुबनी पेन्टिंग्स, मिनियेचर पेन्टिंग्स, बर्ड्स आदि खरीदे।

मेले में ही मशक वादको ने मशक वादन से लोगों का ध्यान खींचा वहीं बाँस पर चलते बाजीगर से लोग हंसी मजाक करते नजर आये। मेले में ही बहुरूपिया कलाकारों ने लोगों का खासा मनोरंजन भी किया।

मेले में ही लोगों ने कला निवास के समीप बैठे कलाकार से अपना स्कैच बनवाया। इस दौरान चित्रकार जहां तल्लीनता से चित्रांकन कर रहा था वहीं आवक्ष बनाने वाले हंसी ठठ्ठा करते नजर आये। मेले में ही लोक प्रस्तुतियों को देखने के लिये विभिन्न चोपालों पर लोगों का हूजूम सा एकत्र हो गया वहीं खान-पान के स्टॉल्स पर चटखारे लेते लोग देखे गये। मेले में की मक्की की पापड़ी, सरसों की साग, बाजरे की रोटी, ढोकलों तथा मक्का की राब का लोगों ने धूप में बैठ कर रसास्वादन किया। बाड़मेर के लोक गायक गाजी खां मांगणियार ने मेले में जब अपने गीत गाये तो कई आगंतुक थिरक पड़े।

गुजरात दिवस पर रंगीळो गुजरात, रसीलो गुजरात की झलक भवाई ने रंग जमाया,

शिल्पग्राम उत्सव के चौथे दिन शनिवार की शाम राजस्थान के पड़ौसी राज्य गुजरात को समर्पित रही। इस अवसर पर रंगीलो व रसीलो गुजरात का रंग मंच पर सतरंगी छटा बिखेरता नजर आया। इस अवसर पर गुजराती संस्कृति का प्रतीक गरबा के के दो रूप तथा आदिम संस्कृति को दर्शाता डांगी नृत्य व गुजराती भवाई ने दर्शकों को गुजरात की लखूटी संस्कृति से रूबरू करवाया।

रंगमंचीय कार्यक्रम की शुरूआत केरल के तिरूवातिरा से हुई इसके बाद महाराष्ट्र के आदिवासी कलाकारों ने सौंगी मुखवटे से दर्शकों को आल्हादित कर दिया। रंगमंच पर रजत जयन्ती वर्ष में उत्सव में विशेष रूप से मनाये जा रहे राज्य दिवसों की श्रंखला में शनिवार को गुजरात दिवस की शुरूआत अर्वाचीन गरबा से हुई। गुजरात सरकार के युवक सेवा एवं सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग की ओर से प्रेषित दल की गुजराती बालाओं ने शीश पर पीतल के बेड़े धारण किये गुजराती बालाओं ने अपने मंथर थिरकन से दर्शकों पर देवी उपासना के रंग से सराबोर कर दिया।

इसके बाद सौराष्ट्र के नर्तकों ने मेर रास की सुरम्य प्रस्तुति से अपने अंचल की छाप छोड़ी। श्वेत केड़िया व चोरणी व शीश पर फैंटा धारण किये नर्तकों ने तेज गति से अपने नर्तन और आपसी सामंजस्य से दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इसके बाद गुजारत के बहुरूपी कलाकारों ने मंच पर अपनी कला दिखाई।