मै ज़िन्दगी साथ निभाता चला गया – देवानंद

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भारतीय सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देवानंद का लंदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. वो 88 वर्ष के थे.

 समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार देवानंद का स्वास्थ्य कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा था और अपने चेकअप के लिए वो लंदन आए हुए थे. पीटीआई ने पारिवारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि जब देवानंद ने अंतिम सांसें ली तो उनके पुत्र सुनील उनके साथ ही थे. देवानंद ने 1946 में फ़िल्मी दुनिया में क़दम रखा था और फ़िल्म थी हम एक हैं. इसके बाद उन्हें कई फ़िल्में मिलीं और एक वर्ष बाद जिद्दी के आने तक वो बड़े अभिनेता के रुप में स्थापित हो गए थे.

देवानंद ने कई बेहतरीन फ़िल्में की और अपने अभिनय का लोहा मनवाया. इन फ़िल्मों में पेइंग गेस्ट, बाज़ी, ज्वेल थीप, सीआईडी, जॉनी मेरा नाम, अमीर गरीब, हरे रामा हरे कृष्णा और देस परदेस का नाम लिया जा सकता है.

आगे चलकर 1949 में देवानंद ने नवकेतन फ़िल्म प्रोडक्शन शुरु किया और कई फ़िल्मों का भी निर्माण किया. उन्होंने 35 से अधिक फ़िल्मों का निर्माण किया. फ़िल्मों में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2001 में पद्म भूषण और 2002 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया. देवानंद के बारे में कहा जाता है कि वो कभी हार न मानने वाले लोगों में से थे और 88 वर्ष की उम्र में पूरे जोश के साथ नई फ़िल्म बनाने की तैयारी में लगे हुए थे. देवानंद को दो फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी मिले. 1958 में फ़िल्म काला पानी के लिए और फिर 1966 में गाइड के लिए. गाइड ने फ़िल्मफेयर अवार्ड में पांच अवार्डों का रिकार्ड भी बनाया. इतना ही नहीं गाइड 1966 में भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए नामांकित भी हुई थी.

आगे चलकर देवानंद ने नोबल पुरस्कार विजेता पर्ल बक के साथ मिलकर अंग्रेज़ी में भी गाइड का निर्माण किया था. 1993 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड दिया गया. देवानंद केवल अभिनेता ही नहीं थे. उन्होंने फ़िल्मों का निर्देशन किया, फ़िल्में प्रोड्यूस भी कीं.

प्रतिक्रिया

देवानंद के निधन पर बॉलीवुड के अभिनेताओं और कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं.

अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर लिखा है कि देवानंद के जाने से एक ऐसा सूनापन आया है जो कभी नहीं भरा जा सकेगा.

अनुपम खेर का कहना है कि देवानंद को श्रद्धांजलि स्वरुप क्यों न आज उनके ही गाने सुने जाएं.

शबाना आज़मी लिखती हैं कि देवानंद अपनी शर्तों पर जिए और उनके जीवन को सलाम.

देवानंद के रिश्तेदार और जाने माने निर्देशक शेखर कपूर लिखते हैं कि सबको लगता था कि देवानंद हमेशा हमारे साथ रहेंगे. वो जीते जी मिथक हो गए थे.

ट्विटर और फेसबुक पर कई लोगों ने देवानंद के जाने पर शोक जताया है और संवेदनाएं प्रकट की हैं.

वीना मलिक की नग्न तस्वीर पर बवाल

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चर्चित पाकिस्तानी अभिनेत्री वीना मलिक की पुरुषों की एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के भारतीय संस्करण में छपी तस्वीर पर विवाद छिड़ गया है. ‘एफ़एचएम इंडिया’ में छपी वीना मलिक की नग्न तस्वीर में उनकी बाँह पर बड़े अक्षरों में ‘आईएसआई’ लिखा हुआ है. इस तस्वीर के नग्न होने और बाँह पर आईएसआई लिखे होने से पाकिस्तान में सनसनी फैल गई है.

पाकिस्तानी मीडिया ने वीना मलिक के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि उन्होंने कभी भी ऐसे किसी फ़ोटोशूट में हिस्सा नहीं लिया है.

लेकिन एफ़एचएम इंडिया के संपादक ने बीबीसी को बताया है कि तस्वीर से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. ये तस्वीर पत्रिका के दिसंबर के अंक के कवर पर प्रकाशित की गई है.

‘मज़े के लिए’

कबीर शर्मा, “हमारे पास उस फ़ोटो शूट की वीडियो फ़ुटेज के अलावा वीना मलिक के ईमेल भी हैं, जिसमें उन्होंने इस तस्वीर के कवर पर आने को लेकर उत्सुकता जताई थी.” उन्होंने कहा, “उनकी बाँह पर आईएसआई लिखने का विचार मुझे आया था और उसे बड़े अक्षरों में लिखने का आइडिया वीना का था. उनका कहना था कि ऐसा मज़ा लेने के लिए किया गया. वे कहते हैं, “भारत में हम इसके बारे में मज़ाक करते हैं….जब भी कुछ ग़लत हो जाता है, हम कहते हैं कि इसके पीछे आईएसआई का हाथ है.”

 आईएसआई पाकिस्तान की विवादास्पद रही ख़ुफ़िया एजेंसी है.

 

आईएसआई पर भारत में हुए हमलों से लेकर अफ़ग़ानिस्तान में कई चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं और हाल ही में अमरीका ने खुले आरोप लगाए थे कि आईएसआई के चरमपंथी गुट हक़्क़ानी नेटवर्क से संबंध हैं. हालांकि आईएसआई और पाकिस्तानी सरकार इन आरोपों का खंडन करती है.

पाकिस्तान में बवाल

पुरुषों की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के भारतीय संस्करण में छपी वीना मलिक की इस तस्वीर ने पाकिस्तान में एक तूफ़ान खड़ा कर दिया है. इस तस्वीर को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर संदेशों की भरमार हो गई है. पाकिस्तानी अख़बार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने लिखा है कि वीना मलिक के प्रतिनिधि ने ऐसे किसी फ़ोटो के खींचे जाने से इनकार किया है.

इस अख़बार से वीना मलिक के प्रतिनिधि सोहेल राशिद से कहा, “वीना को अपनी सीमाएं मालूम हैं. हमने भी कई बोल्ड तस्वीरें शूट की हैं जो हमारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं लेकिन वीना को अपनी हदें मालूम हैं.”

उधर एफ़एचएम के संपादक ने कहा है कि उन्होंने सोहेल राशिद का नाम कभी नहीं सुना. उनका कहना है कि वीना मलिक की ओर से तस्वीर को हटाने या इसमें कोई बदलाव करने का कोई संदेश नहीं मिला है.

वीना मलिक पहले भी विवादों में रह चुकी हैं.

वर्ष 2010 में उन्होंने भारतीय टीवी रियलटी शो ‘बिग बॉस’ में हिस्सा लेकर पाकिस्तान के परंपरावादी तबके को चौंका दिया था. इसके अलावा इसी वर्ष मार्च में उन्होंने टीवी पर एक पाकिस्तानी मौलाना के विचारों को खुली चुनौती दे डाली थी. अपने कथित प्रेम संबंधों को लेकर भी मीडिया में खुली चर्चा होती रही है.

 

सो.- बी.बी.सी.

फेसबुक में अब आप भी कर सकते हे नोकरी

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फेसबुक का यूजरबेस लगातार बढ़ रहा है। अपने यूजर को लगातार बिना किसी दिक्कत के सेवाएं देने के लिए फेसबुक अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी इजाफा करेगा। अगले साल आईपीओ लाने से पहले फेसबुक कई हजार लोगों को नौकरियां देगा।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक फेसबुक नए कर्मचारियों की भर्ती के अपने अभियान की शुरुआत न्यूयार्क से करेगा। यह करीब 100 नए लोग भर्ती किए जाएंगे। फेसबुक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैरिल सैंडबर्ग ने यह जानकारी दी।

हालांकि शैरिल ने यह नहीं बताया कि कुल कितने लोगों की फेसबुक को जरूरत है लेकिन जिस तरीके से फेसबुक का आधार बढ़ता जा रहा है उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि फेसबुक को हजारों लोगों की जरूरत होगी। शैरिल ने कहा कि हम सबसे अच्छे लोगों को एक साथ लाएंगे।

कैसे करें आवेदन

फेसबुक ने अभी नौकरियों की घोषणा नहीं की है। फेसबुक से आप अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए ही जुड़ सकते हैं। आपके फेसबुक पेज पर सबसे नीचे कुछ लिंक्स होते हैं जिनमें एक करियर का लिंक भी होता है। आप इस लिंक को नियमित चैक करके ये जान सकते हैं कि फेसबुक पर कब और किस तरह के लोगों की जरूरत है।

पूर्व मंत्री मदरेणा एरेस्ट, विश्नोई भी गिरफ्त मै

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भंवरी देवी प्रकरण

 

जोधपुर।शुक्रवार को भंवरी देवी मामले में सीबीआई ने महिपाल मदेरणा को गिरफ्तार कर लिया। मदेरणा के बेहद करीबी रहे परसराम बिश्नोई को भी सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।

शुक्रवार को ही सीबीआई ने भंवरी मामले में चार्चशीट भी दाखिल की जिसमें राजस्थान सरकार से निकाले गए मंत्री महिपाल मदेरणा समेत पांच लोगों का नाम है।

सीबीआई ने भंवरी अपहरण प्रकरण में चार्जशीट पेश करने से पहले पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक के भाई परसराम विश्नोई को पूछताछ के लिए बुलाया था। इस पूछताछ के बाद सीबीआ ने चार्जशीट दायर की और फिर मदेरणा और बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया।

सीबीआई ने मदेरणा से यह पांचवीं बार और पूर्व पीसीसी सदस्य परसराम विश्नोई से छठी बार पूछताछ की थी। दोनों को सुबह फोन कर सर्किट हाउस बुलाया गया था। परसराम सुबह करीब 11 बजे सर्किट हाउस पहुंच गए और दोपहर करीब साढ़े बारह बजे महिपाल मदेरणा भी आ गए। दोनों से अलग-अलग कमरे में पूछताछ हुई।

इसके अलावा सीबीआई-ने शुक्रवार को सोजत में जलदाय के एक एलडीसी और पाली में रहने वाले व्यवसायी अशोक गुप्ता से भी पूछताछ कर रही है। गुप्ता ने बताया कि सीबीआई उनसे अब तक पांच-छह बार पूछताछ कर चुकी है। वह मदेरणा का परिचित है इसलिए उससे पूछताछ की जा रही है।

‘अंतरराष्ट्रीय सेक्स स्कूल’

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बेहतर प्रेम संबंधों का पाठ पढ़ाने का दावा करने वाला दुनिया का पहला अंतर्राष्ट्रीय सेक्स स्कूल ऑस्ट्रिया के विएना शहर में खुला है.

 आम तौर पर यौन संबंधों के बारे में लोग बात करने से हिचकते है और एकांत में ही इसकी जानकारियां इकट्ठा करते हैं.लेकिन विएना का यह सेक्स स्कूल छात्र-छात्राओं को भर्ती करके उन्हे सेक्स के बारे में व्यवहारिक जानकारी देने का दावा कर रहा है. हालाँकि इस स्कूल में दाखिला लेना किसी की भी जेब पर भारी पड़ सकता है.

 ‘कॉमन हॉस्टल’

समाचार पत्र हफ़िंगटन पोस्ट के मुताबिक़ इस स्कूल में एक सत्र के लिए हर छात्र को 1400 पाउंड की फ़ीस जमा करनी होगी. छात्रों और छात्राओं को एक ही हॉस्टल में रखा जाएगा और कहा गया है कि ये इसलिए ताकि वे वहाँ अपना ‘होमवर्क’ कर सकते हैं. ब्रितानी समाचार पत्र डेली मेल के अनुसार विएना की ऑस्ट्रियन इंटरनैशनल सेक्स स्कूल की हेड मिस्ट्रेस और संस्थापक येल्वा-मारिया थॉम्पसन ने कहा है कि इस स्कूल में स्टूडेंट्स को बेहतर प्रेमी बनना सिखाया जाएगा.

येल्वा-मारिया ने डेली मेल को बताया कि 16 साल या उससे ज़्यादा की उम्र वाले लोग इस सेक्स स्कूल में भर्ती होने के लिए आवेदन दे सकते हैं. येल्वा-मारिया ने हफ़िंगटन पोस्ट को बताया, ”इस स्कूल में थ्योरी से ज़्यादा प्रैक्टिकल पर ध्यान दिया जाएगा और हमारी प्राथमिकता छात्रों को बेहतर प्रेमी बनाने की होगी.”

हफ़िंगटन पोस्ट के मुताबिक़ येल्वा-मारिया ने कहा, ”हम स्टूडेंट्स को सेक्स के तरीकों सहित स्पर्श करने की कला भी सिखाएंगे और ये सब कुछ प्रैक्टिकल होगा.”

कोर्स खत्म करने के बाद स्टूडेंट्स को बाक़ायदा सर्टीफ़िकेट भी दिए जाएंगे.

येल्वा-मारिया थॉम्पसन अपनी कला प्रदर्शनियों के लिए जानी जाती है. उन्होने एक प्रदर्शनी में नग्न महिलाओं के विभिन्न मुद्राओं में सौ पुतलें लगाए थे.

 विरोध

डेली मेल के मुताबिक़ इस सेक्स स्कूल के प्रवक्ता मेलोडी कर्श ने कहा, ”हमें यक़ीन है कि ये स्कूल पूरी तरह सफ़ल होगा.” हालाँकि ऑस्ट्रिया में इस स्कूल के खिलाफ़ विरोध शुरु हो चुका है. इस स्कूल के ‘भड़काऊ’ टीवी विज्ञापनों को पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है. डेली मेल के अनुसार इस स्कूल का विरोध करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ”सेक्स स्कूल खोलने के इस विचार को काफ़ी रोचक तरीके़ से पेश किया गया है लेकिन ये सेक्स ही बेच रहे है.”

बंदूक और महिलाएं

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रिपोर्ट- नेहा राज

 

अमरीका में एक नई किताब आई है जिसका नाम है ‘चिक्स विद गन्स’. इसमें फ़ोटोग्राफ़ी के ज़रिए महिलाओं और हथियारों के बीच के रिश्ते को टटोलने की कोशिश की गई है.

ये तस्वीर मोंटाना में रहने वाली रेचल की है जिन्होंने अपने पिता और बहनों के साथ शिकार करना सीखा. 

 

टेक्सस की जेनीवाईवी अपने पति से क्ले पीजन शूटिग पार्टी में पहली बार मिली थीं. उसी दिन से उन्हें शिकार का शौक हुआ. इस तस्वीर में उनके हाथ में एक पुश्तैनी पिस्तौल है. ये पिस्तौल उनके पिता ने उन्हें शादी पर दी थी.

 

इस किताब में फ़ोटोग्राफ़र लिंडसे मैक्क्रम का मकस्द है कि हथियार रखने और चलाने के महिलाओं के हक़ को कलात्मक तरीके से दिखाना.

 

अमरीका में कम से कम दो करोड़ महिलाओं के पास बंदूकें हैं. ये तस्वीर कैलिफ़ोर्निया की ग्रेटा की है जिनके पास इंग्लिश फ़ोरसिथ सिस्टम सेंट बॉटल पिस्टल, सीए.1820 है. 

 

साउथ कैरोलिना की ली विश्व के कई हिस्सों में जाकर शिकार कर चुकी हैं.

 

चिक्स विथ गन्स किताब में जिन महिलाओं को दिखाया गया है वो अमरीका के विभिन्न हिस्सों में रहती हैं, समाज के अलग अलग तबकों से हैं और कई तरह की शिकार गतिविधियों में हिस्सा लेती हैं. ये तस्वीर जॉर्जिया की रुथ की है. 

 

कनेक्टिकट की सीथिया फ़ील्ड हंटिग करती हैं. वे कहती हैं कि शिकार करते समय जोश बहुत ज़्यादा होता है, आपका ध्यान केवल निशाने पर होता है, आप बिल्कुल एकाग्र हो जाते हैं. 

 

किताब में दिखाईं गई महिलाएँ खिलाड़ी, शिकारी और निशानेबाज़ हैं. कुछ अपने कामकाज के लिए हथियारों का इस्तेमाल करती हैं तो कुछ आत्मरक्षा के लिए. ये तस्वीर ह्यूस्टन से कॉटर्नी की है. 

 

मिनेसोटा की अनीता एक पुलिसकर्मी हैं. वे बताती हैं कि जब उन्होंने पहली बार बंदूक पकड़ी तो वे युवावस्था पार कर चुकी थीं. उन्होंने बताया कि पहली दफ़ा बंदूक पकड़कर जिस ताकत का उन्हें एहसास हुआ वो अभूतपूर्व था

 

कैलिफ़ोर्निया की पैमला को शिकार करने का शौक तब लगा जब उनके पति एक दिन उन्हें अपने साथ ले गए. अब वे 35 साल से शिकार कर रही हैं, सफ़ारी क्लब इंटननेशनल ने उन्हें प्रतिष्ठित डायना अवार्ड से भी सम्मानित किया

 

photo – लिंडसे मैक्क्रम.

इशरत जहाँ का मामला सीबीआई के हवाले

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गुजरात में फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामलों में राज्य सरकार को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.

 जहां हाई कोर्ट ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच गुरुवार को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में राज्य सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई कि वो सीबीआई को मामले से जुड़े सीडी नहीं सौंप रही है. ये दोनों ऐसे मामले हैं जिसे लेकर गुजरात सरकार की लगातार किरकिरी होती रही है.

सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले में तो कई आला पुलिस अधिकारियों को जेल जाना पड़ा है. हालांकि गुजरात सरकार लगातार कहती रही है कि मुठभेड़ फ़र्ज़ी नहीं थी. मानवाधिकार संगठन और इन लोगों के परिजन गुजरात सरकार के दावे को चुनौती देते रहे हैं.

 इशरत जहाँ का मामला

इशरत जहां का मामला 2004 का है जिसमें पुलिसकर्मियों ने एक कथित मुठभेड़ में इशरत समेत चार लोगों को मार दिया था. गुजरात हाई कोर्ट का कहना था कि इस मामले में स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता इसलिए यह मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए. गुजरात पुलिस ने कहा था कि ये चारों पाकिस्तान स्थित चरमपंथी गुट का हिस्सा हैं और ये मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की योजना बना रहे थे. हालांकि कोर्ट में मामला आने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई और इस समिति ने अपनी जांच में इस मुठभेड़ को फ़र्ज़ी करार दिया था. मानवाधिकार संगठन लगातार ये कहते रहे हैं कि गुजरात में कई मामलों में फ़र्ज़ी मुठभेड़ हुए हैं और लोगों को मार दिया गया. गुरुवार को सीबीआई के लिए आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि इशरत जहां का मामला अलग तरह का है और इस मामले के राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ सकता है. पिछले महीने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव रंजन वर्मा की अध्यक्षता वाली विशेष जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी थी.

इस रिपोर्ट के अनुसार जो सबूत मिले हैं उसके आधार पर यही कहा जा सकता है कि इशरत और अन्य तीन लोगों की मौत 15 जून 2004 को नहीं हुई थी. पुलिस का दावा है कि उन्होंने इसी दिन मुठभेड़ में चार लोगों को मारा था. इस मामले में कोर्ट ने जांच एजेंसी से नया मामला दायर करने और पुलिसवालों के ख़िलाफ़ आरोप तय करने के निर्देश भी दिए हैं. मामले में कम से कम दो दर्जन पुलिसकर्मी लिप्त बताए जाते हैं. विशेष जांच टीम के अनुसार इस मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. इससे पहले 2009 में भी एक न्यायिक जांच की घोषणा हुई थी और इस जांच में भी पुलिस की आलोचना की गई थी. जांच में कहा गया था कि पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार कर अहमदाबाद ले गई और वहां पुलिस कस्टडी में उन्हें मारा गया.

सोहराबुद्दीन शेख मामला

सोहराबुद्दीन को भी कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारा गया था

उधर सोहराबुद्दीन शेख मामले में भी गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार का सामना करना पडा है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस बात के लिए फटकारा कि वो इस मामले में पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह और निलंबित आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा के कॉल रिकार्ड्स सीबीआई को क्यों नहीं सौंप रही है. कोर्ट ने सरकार को ये सीडी सौंपने के लिए सात दिसंबर तक का समय दिया है. सीबीआई ने अमित शाह की ज़मानत का विरोध कर रही सीबीआई याचिका पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए हैं. सीबीआई ने यह भी अपील की है कि सोहराबुद्दीन मुठभेड़ की सुनवाई भी गुजरात से बाहर हो. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार के वकील से कहा, ‘‘मामले में पिछले दस दिन से सुनवाई हो रही है लेकिन अभी भी आप सीडी के मामले में पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकते. ये निराशानजक और गंभीर मामला है.’’

सुनवाई के दौरान वकील ने कहा था कि वो सीडी के बारे में खोजबीन करके जानकारी देंगे जिसके बाद कोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. हालांकि कोर्ट ने सीबीआई की भी कड़ी आलोचना की थी. कोर्ट का कहना था कि सीबीआई का काम संतोषजनक नहीं रहा है और जांच में देरी हो रही है. सीडी का मामला कोर्ट की मदद कर रहे वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने उठाया था. उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार ने अभी तक ये सीडी उपलब्ध नहीं करवाए हैं और सरकार का कहना है कि ये सीडी तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले से जुड़े हुए हैं. सोहराबुद्दीन शेख का मामला भी फ़र्ज़ी मुठभेड़ का बताया जाता है और कहा जाता है कि इसमें गुजरात के गृह राज्य मंत्री अमित शाह का हाथ था. सोहराबुद्दीन एक अपराधी थे लेकिन पुलिस ने उन्हें लश्कर ए तैयबा का चरमपंथी करार देते हुए एक मुठभेड़ में मार गिराया था.

ऍफ़डीआई के विरोध में पूरा भारत बंद

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उदयपुर। खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के विरोध में गुरुवार को अखिल भारतीय उद्योग एवं व्यापार मंडल की ओर से आहूत भारत बंद का उदयपुर में सुबह से व्यापक असर नजर आया। शहर के व्यापारियों द्वारा स्वेच्छा से अपना कारोबार बंद रखने से शहर में सुबह से ही राष्ट्रव्यापी आह्वान का असर नजर आने लगा। बड़े शो रूम के साथ ही चाय की थडिय़ां भी बंद रही। बंद समर्थकों ने चिकित्सा सेवा को छोड़कर अन्य सेवाओं के बंद से मुक्त रखा।

शहर की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य दिनों की तुलना में नहीं के बराबर रही। सूरजपोल पर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में भाजपाई बंद को सफल बनाने सक्रिय नजर आए। इधर बंद को देखते हुए शहर के कई प्राइवेट स्कूल प्रबंधन ने सुरक्षा व बच्चों की सुविधा के लिहाज से बुधवार को ही स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी थी। बंद समर्थकों ने गुरुवार को टोलियों के रूप में शहर भर में घूमकर कई सरकारी दफ्तरों को भी बंद करवा दिया। सुरक्षा व कानून व्यवस्था की दृष्टि से शहर के सुबह से ही जगह जगह पुलिस जाब्ता तैनात रहा। जबकि पुलिस अधिकारी स्वयं बंद समर्थकों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करते नजर आए।

संभाग डूंगरपुर , बांसवाडा , चित्तोड़ में भी बंद का व्यापक असर दिखा , संभाग में बंद का असर पूरी तरह नज़र आया और कही से भी कोई अप्रिय घटना की सुचना नहीं आई |

भारत बंद

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उदयपुर, । भारत सरकार द्वारा खुदरा व्यपार में विदेशी निवेश को अनुमति देने के विरोध में गुरूवार को आहूत भारत बंद विभिन्न संगठनों ने अपना समर्थन देते हुए बंद को सफल बनाने लिए कमर कस ली है वहीं पुलिस प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए है।

खुदरा बाजार में विदेशी निवेश के खिलाफ अखिल भारतीय उद्योग एवं व्यय मण्डल द्वारा आहुत भारत बंद को भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण समर्थ देते हुए विभिन्न व्यपरिक,शैक्षणिक, राजकीय अर्थ एवं गैर राजकीय संगठनो से इस बंद को पूर्ण समर्थन देने की अपील की। पार्टी की शहर जिला इकाई के प्रमुख पदाधिकारियों की सम्पन्न बेठक में इस विदेशी निवेश के खिलाफ व्यपरिक संगठनों द्वारा आहुत बंद को पूर्ण हेतु अपना समर्थन दिया है। इस बंदको केवल चिकित्सा क्षेत्र को छोड सम्पूर्ण उदयपुर बंद हेतु व्यपरिक, शैक्षणिक संस्थाओं, सरकारी, गैर सरकार कार्यालय, बैंक बीमा आदि को पूर्णतया बंद रखने की पार्टी ने अपील् की है। भाजपा ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से इस बंद को शांतिपूर्व सफल बनाने की अपील की।

जिला मजिस्ट्रेट हेमन्त कुमार गेरा ने बताया कि विगत 21 नवम्बर से धारा 144 के प्रावधान शहर सीमा में लागू किया गया था वे यथावत जारी हैं। आम जन से प्रस्तावित बंद में शांति व्यवस्था बनाये रखने तथा किसी से जोर जबरदस्ती न करने तथा शांति एवं कानून व्य्वस्था में सहयोग की अपील की गई है।

 

डूंगरपुर के पूर्व चेयरमेन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ धोखाधडी का मामला

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वरिष्ठ भा.ज पा. नेता शंकर सिंह सोलंकी और पुलिस अधीक्षक विजेयन्द्र झाला लपेटे मै

सरकारी नौकरी के रहते हांसिल की डिग्री

उदयपुर , 29 नवम्बर । प्रतापनगर थाना पुलिस ने तीन व्यक्तियों के विरूद्ध फर्जी तरीके एवं दस्तावेजों से एल.एल.बी.की डिग्री हांसिल करने का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियो में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल है।

प्रकरण के अनुसार जगदेव पुत्र हाजा मीणा निवासी सुराता, थाना वरदा जिला डूंगरपुर हॉल कायर्रत बांसवाडा ऑफिस में कायर्रत समाज सेवी ने परिवाद जरिए तीन व्यक्तियों के विरूद्ध अनुचित तरीके से सुखाडिया विश्वविद्यालय से डिग्री हांसिल कर धोखाधडी करने का मामला शहर के प्रतापनगर थाने में दर्ज कराया है।

शंकर सिंह सोलंकी

शिकायत में बताया गया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ भाजपा नेता शंकर सिंह सोलंकी पर आरोप है कि उन्होने राणी छानी (खेरवाडा) के राजकीय विद्यालय में शिक्षक की नौकरी करते हुए अनुचित तरीके और अपने राजनेतिक संबंधों के बल से सुखाडिया विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

इसी प्रकार आई.पी.एस.अधिकारी विजेन्द्र झाला ने उदयपुर शहर में अतिरित्त जिला पुलिस अधीक्षक के पद पर कायर्रत रहते हुए सुखाडिया विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विधि महाविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्त की। झाला कभी भी कॉलेज नहीं गए जबकि वहां उनकी उपस्थिति बराबर दर्ज होती रही । इस प्रकार झाला ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने प्रभाव से बल पूर्वक उपस्थिति दर्ज करवा कर विधि की डिग्री हांसिल की। झाला वर्तमान में जयपुर (दक्षिण) में डी.सी.पी.पद पर पदासीन है।

उल्लेखनीय है कि सुखाडिया विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विधि स्नातक का पाठयक्रम नियमित पाठयक्रम है। जहां निर्धारित उपस्थिति के उपरान्त ही परीक्षा दी जा सकती है।

सोलंकी ने सरकारी सेवा में रहते हुए वेतन उठाते हुए उक्त डिग्री हांसिल की जो राजकीय सेवा अधिनियम

विजेन्द्र झाला

के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आता है। शंकर सिंह सोलंकी डूंगरपुर नगर पालिका के पूर्व चेयरमेन भी रह चुके है तथा वर्तमान में वरिष्ठ अधिवकता भी है।

इसी प्रकार डूंगरपुर निवासी लाल सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह के विरूद्ध आरोप है कि उसने किसी नरेन्द्र सिंह तंवर नामक व्यक्ति की 10 वीं एवं 12 वीं कक्षा की अंकतालिकाओं में कांट छांट कर सुखाडिया विश्वविद्यालय से बी.ए.की डिग्री हांसिल की तथा इस बी.ए.की डिग्री के आधार पर गुजरात के विधि महाविद्यालय्ा से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त कर जोधपुर बार कौंसिल से सदस्य्ाता भी प्राप्त कर ली। वर्तमान में शंकर सिंह सोलंकी के सहाय्ाक के रूप में कार्यरत है। पुलिस ने तीनों व्यक्तियों के विरूद्ध मामला दर्जकर अनुसंधान आंरभ कर दिया।