अलविदा “आकांशा ”

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ज़िन्दगी के इस आखरी मोड़ पे तुम सब का हाफिज़ खुदा ,
मेने हंस के जी थी ज़िन्दगी अब तुम भी मुस्करा के
कहो अलविदा ,

जब आकांशा का मुस्कराता चेहरा सामने आता हे तो मानो एसा लगता हे वो ये ही कहकर गयी हमसे .

25 बर्षीय आकांशा राव पांच साल पहले पत्रकारिता में आई थी , और राजस्थान पत्रिका के सम्पादकीय विभाग में कार्यरत थी , अपने मिलनसार व्यक्तित्व, हंसमुख स्वाभाव और सटीक लेखन की वजह से ही आकांशा ने 5 वर्ष की अवधि में ही अपनी एक पहचान बनायीं और खुद को स्थापित किया था , वर्ष 2006 से बतोर ट्रेनी राजस्थान पत्रिका में अपने पत्रकार जीवन की शुरुआत की थी, मात्र एक वर्ष पश्चात् ही संस्थान की और से आकांश को रिअलिटी शो के कवरेज के लिए मुम्बई भेजा गया जहा उसने बखूबी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और कम समय में ही उदयपुर में अपना एक मक़ाम बना लिया , लेकिन अपने इस छोटे से जीवन में ही हमे अपने जीवन से बोहत कुछ सिखा कर अलविदा कह गयी ,

पिछले कई समय से बीमार चल रही थी , और बीती रात दुनिया से रुखसत होगई , अंतिम सफ़र में विदाई देने उदयपुर के पत्रकार जगत के सभी जाने माने पत्रकार पहुचे और सभी ने भारी मन और भीगी आँखों से अन्तिम विदाई दी ,

 

लेक सिटी प्रेस क्लब की तरफ से इस नन्ही पत्रकार साथी को अन्तिम सलाम और अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

कल १ बजे लेक सिटी प्रेस क्लब में इस नन्ही पत्रकार की याद में एक शोक सभा आयोजित की जाएगी

पैंतीस में भी पच्चीस की झलक

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हर महिला की चाहत होती है कि उम्र के हर पड़ाव में वह खूबसूरत और फिट दिखे। लेकिन अक्सर जिम्मेदारियों के बीच वह खुद पर अधिक ध्यान नहीं दे पाती और ज्यादा कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल बढ़ती उम्र को थामने के बजाय समय से पहले ही बूढ़ा बना देता है। ऎसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप जवां नजर आ सकती हैं।

 इंस्टेंट टिप्स वार्डरोब बदल दें

अपने कपड़ों के स्टाइल में थोड़ा सा परिवर्तन लेकर आइए। इसमें ढीले-ढाले पेस्टल शेड्स के कपड़ों से किनारा कर लें और इसके बजाय फिटिंग वाले कपड़े और ब्राइट कलर्स पहिनए। वेस्टर्न ड्रेसेज यदि पहन सकती हों तो पहनिए। जींस, स्कर्ट ट्राउजर्स वगैरह में उम्र कम नजर आती है। न्यू टैं्रड्स और फैशन पर भी ध्यान रखिए। लैंगिंग्स और चूड़ीदार पजामी सूट में लुक काफी अच्छा आता है, यदि साड़ी पहनना जरूरी है तो हमेशा अलग-अलग पैटर्न में साड़ी पहनिए।

हेयर्स में लाएं स्टाइल बाल यदि चेहरे के अनुरूप हों तो आपको जुदा अंदाज दे सकते हंै। हेयर स्टाइल वही चाहिए जो आपकी पर्सनेलिटी को सूट करे। शॉर्ट हेयर्स में उम्र कम दिखती है लेकिन यदि आपके लिए कटवाना संभव न हो फ्लिक्स, स्टेप, यू या अन्य कट करवा सकती हैं। इसके अलावा टॉप नॉट, फ्रें च टेल, बन, जूड़ा चेहरे के अनुसार लुक देते हैं, इसलिए हेयर स्टाइल ट्राई करके देखिए।

 न्यूड मेकअप करें

अगर आप बहुत मेकअप करने की आदी है तो सावधान हो जाइए। बहुत ज्यादा लिपा-पुता चेहरा अधिक उम्र का आभास करा ही देता हैै, इसलिए न्यूड मेकअप करें। यह ज्यादा उभरकर नहीं आता लेकिन त्वचा के दाग-धब्बों को छुपाकर रंगत जरूर लाता है। इसके अलावा फाउंडेशन, कॉम्पैक, आईलाइनर और लिपस्टिक के डिफरेंट शेड्स का प्रयोग त्वचा के रंग के अनुरूप करें।

फेशियल एक्सरसाइज करें

अक्सर बीस वर्ष के बाद त्वचा में कोलोजन कम होने लगता है नतीजन त्वचा पर फाइन रिंकल्स, लाफ लाइंस, क्रो फीट उभरने लगते हैं। इससे बचाव का आसान तरीका है कि खूब पानी पीएं और समय-समय पर फेशियल एक्सरसाइज करते रहें। इसमें चेहरे को कभी रोने की मुद्रा, कभी हंसने की, कभी गाल फुलाने की तो कभी मुंह बिचकाने की पोजीशन में लाइए, ऎसा रोजाना पांच मिनट करें।

स्थाई टिप्स

इंस्टेंट टिप्स अपना कर कुछ समय के लिए उम्र को थामा जा सकता है लेकिन आप स्वाभाविक रूप से युवा और खूबसूरत दिखना चाहती हैं तो सबसे पहले अपनी सोच और नजरिए को बदलना होगा।

बदलें सोच

तनाव, अवसाद, नकारात्मक विचार जीवन पर ही नहीं, बल्कि चेहरे पर भी विपरीत प्रभाव डालते हैं। इसलिए सकारात्मक सोच रखिए और हमेशा खुश रहने की कोशिश करिए। मन की खुशी का तेज चेहरे पर अपने आप ग्लो लेकर आता है।

 व्यायाम करें

योग, प्राणायाम, व्यायाम शरीर से विषैले तत्व निकाल कर काया को निरोगी रखते हैं। मोटा व्यक्ति डबल चिन, लटकते गालों और स्थूल शरीर के कारण उम्र से बड़ा दिखता है इसीलिए जितना हो सके,व्यायाम करिए, भले ही मानिंüग वॉक क्यों न हो। पर्याप्त नींद और समुचित आहार लें।

मोहम्मद अज़हरुद्दीन के बेटे की मौत

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भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन के बेटे मोहम्मद अयाज़ुद्दीन की मौत हो गई है. 19 वर्षीय अयाज़ुद्दीन अजहर के छोटे पुत्र और एक उभरते हुए क्रिकेट खिलाडी थे

रविवार को एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे और तबसे उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई थी. छह दिन जीवन के लिए लड़ने के बाद अयाज़ ने आज सुबह आख़िरी साँस ली. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की काफ़ी कोशिशें कीं, लेकिन उनके शरीर को इतनी ज़्यादा अंदरूनी चोटें आईं थीं कि उन्हें बचाना संभव नहीं हो सका. डॉक्टरों के अनुसार दुर्घटना में अयाज़ के फेफड़ों, गुर्दे, जिगर, पित्त और सीने पर गहरी चोटें लगीं. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उनका एक गुर्दा भी निकाल दिया था. इसके अलावा उनके दिमाग़ को भी काफ़ी लंबे समय तक ऑक्सीजन न मिलने से उसे भी काफ़ी आघात पहुँचा था. इसी दुर्घटना में अज़हर की बहन के बेटे अजमलुर रहमान की मौक़े पर ही मौत हो गई थी.

 दुर्घटना

दुर्घटना उस समय हुई, जब अयाज़ रविवार की सुबह साढ़े छह बजे अपनी नई इम्पोर्टेड मोटर साइकिल चलाने के लिए आउटर रिंग रोड गए थे और अजमल भी उनके साथ ही थे. पुलिस के अनुसार क़रीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गाडी चलते हुए अयाज़ उसपर नियंत्रण खो बैठे और रोड के बीच बनी दीवार से टकरा गए. अज़हर ने अपने बेटे को यह मोटर साइकिल इसी महीने ईद के अवसर पर भेंट की थी. यह सुज़ुकी जीएसएक्सआर 1000 सीसी गाड़ी उन्होंने 13 लाख रूपए में ख़रीदी थी. जैसे ही अयाज़ की मृत्यु की ख़बर फैली, कई प्रमुख हस्तियाँ अस्पताल पहुँच गईं. इनमें मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कई दूसरे सांसद, राजनेता, खेल और फ़िल्म जगत की हस्तियाँ भी शामिल थीं.

अयाज़ अज़हरुद्दीन की पहली पत्नी नौरीन से हुए दो बेटों में से एक थे. नौरीन भी दुर्घटना की ख़बर मिलते ही हैदराबाद पहुँच गई थीं. अज़हर भी उस समय लंदन में थे, लेकिन वे दूसरे दिन ही हैदराबाद पहुँच गए

सो. -बी.बी.सी.

वर्ल्ड क्लास महाराजा उदयपुर में

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उदयपुर वर्ल्ड क्लास महाराजा डेक्कन ओडिसी चार्टर ट्रेन आज दिन में करीब एक बजे उदयपुर आई , खास मेहमानों के लिए आरक्षित इस ट्रेन में हाई सिक्योरिटी और विशेष सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम होते हे , 10 घंटे रुकने के बाद यह ट्रेन जयपुर के लिए रवाना होगी , इस ट्रेन में रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार सुरक्षा के खास इंतजाम होते हे ट्रेन में मेहमानों के पास नामित कर्मचारी ही जा सकते हे , आये मेहमानों ने लेकसिटी के प्रमुख स्थलों का दोरा किया और लेकसिटी की खूबसूरती के कायल होगये झीले देख के हर मेहमानों के चेहरे खिल उठे ,

एक नज़ारा जन्नत सा

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उदयपुर पे कुदरत कुछ ऐसी मेहरबान हुई के इनदिनों यहाँ
जन्नत की झलक दिखती हे .
 नीमच माता से फतहसागर को देख कर लगता हे की
आखिर क्यों न हो ये वर्ल्ड की न. 1 सिटी

नमस्कार, मै हूँ आतंकवाद

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नमस्कार, मै हूँ आतंकवाद

दोस्तों, सड़क से लेकर संसद तक और मंदिर से लेकर मस्जिद तक अपनी कार्यकुशलता का प्रमाण दिया हे,जिससे आप सभी भारत वासी मेरा नाम आतंकवाद और काम धमाका से वाकिफ होंगे |

देखिये में भी आप की तरह एक भोला-भाला, सीधा-साधा इन्सान हूँ,मेरी कोई जाती नहीं, मेरा कोई धर्म-ईमान नहीं, और न ही इस दुनिया मे मेरा कोई दोस्त या दुश्मन हे | मुझे तो मेरे जीने का मकसद और मंजिल का पता भी नहीं , मेरे दिमाग में तो सिर्फ नफरत के अंगारे और दिल में बदले की आग भरी गयी हे , जिसे शांत करने के लिए मुझे भारत की धरती पर भेजा जाता हे |

आपके भारत की सरकार मेरे बारे में अच्छी तरह से सबकुछ जानती हे कि भारत की धरती पर मुझे किसने और क्यूँ भेजा हे, मुझे इस काम का प्रशिक्षण किसने और कहाँ दिया हे और मेरा खर्च कौन वहन करता हे लेकिन फिर भी भारत की सरकार मोन रहती हे और मेरा विरोध नहीं करती |

यह सत्य हे की भारत की जनता मेरे नाम से डरती हे , लेकिन में आप को बता देना चाहता हूँ कि मै एक कायर और डरपोक इंसान हूँ इसीलिए तो में चोरी छिपे अपने काम को अंजाम देता हु और कई बार तो अंजाम देने के बाद पकडे जाने के डर से अपने आप को भी वहीँ पर समाप्त कर देता हूँ |

मुझे भारत में जहाँ भी अपने काम को अंजाम देने का आदेश मिलता हे में वहां जाता हूँ और कुछ ही दिन में योजना पूर्वक वहां के भोले-भाले लोगों को अपना दोस्त बना लेता हूँ या किसी को लालच देकर या मजहब के नाम पर उन्हें अपने साथ जोड़ लेता हूँ , फिर क्या उनके शहर में, उनकी ही मदद से धमाका कर देता हूँ |

धमाका होते ही वहां अफरा-तफरी मच जाती हे, सायरन बजते हे, पुलिस आती हे, जनता इधर उधर दोड़ती हे, इतने में फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस आजाती हे | भारी शोर-शराबे और भगदड़ के बिच घायलों को बकरे की तरह एम्बुलेंस में भर कर अस्पताल पहुंचाते हे उसके बाद चारों तरफ पुलिस का घेरा और घटना स्थल सीज | इतने में ही एक तरफ से दो तिन पुलिस वाले कुत्ते बिल्ली लाते हे जो इधर उधर घूमते हे और सूंघते हे तो दूसरी तरफ फोटोग्रफाए फोटो खींचते हे तो कुछ अधिकारी लोगों से पूछ-ताछ करते हे तो कोई कचरे के ढेर में मेटल की छड़ी को घुमाते हे , और ऐसे तलाशते हे मुझे, जेसे में वहीँ कहीं छिपा बेठा हूँ |

इतने में सनसनाती लाल बत्ती की गाड़ियाँ आती हे, उसमे से सफ़ेद पोश मंत्री-संत्री उतरते हे, मोके का जायजा और जानकारी लेते हे और फिर सरकार द्वारा मृतकों और घायलों को मुआवजा देने और धमाके की उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने की घोषणा करते हे साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का आश्वाशन भी देते हे और वहां से अस्पताल की और ऐसे भागते हे जेसे इन्हें ही अस्पताल जा कर घायलों का इलाज करना हो| इनके भागते ही मोके पर विपक्ष के नेता लोग आते हे और धमाके को लेकर सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा देते हे जेसे की अगर वह सत्ता में होते तो धमाका होता ही नहीं |

अरे हाँ, में तो बताना ही भूल गया की भारत का जिम्मेदार मिडिया भी तुरंत मोके पर पहुँचता हे और वहां हो रही अफरा-तफरी, दोड़ती गाड़ियाँ, भागती पुलिस, भागते लोग, खून से सनी सड़के और घायलों की मार्मिक एवं डरावनी तस्वीरों व क्षत-विक्षत शव की तस्वीरों का मोके से आँखों देखे हाल का चिल्ला-चिल्ला कर सीधा प्रसारण करता हे और भारत का मिडिया यह साबित करता हे की इनकी सरकार और ख़ुफ़िया तंत्र पूर्ण नकारा हे और वह मेरे धमाके के खोफ को भारत के गाँव-गाँव तक पहुंचा कर मिडिया मेरा मकसद भी पूरा करता हे मगर अपने चेनल को खबर के प्रसारण में न. १ बनाने के लिए पुलिस के अग्रिम कदम की जानकारी भी मुझे समय-समय पर देता रहता हे |

धीरे धीरे जनजीवन सामान्य होने लगता हे और वेसे भी भारत में एक चरितार्थ कहावत हे नयी बात नो दिन और खेंच तान तेरह दिन, बस फिर हालात जस के तस |

अब आप ही बताओ इस अँधेरी नगरी और चोपट राज में मेरे जेसा गीदड़ अपने आप को शेर क्यूँ नहीं माने |

आप को मेरे मन का दर्द बता दूँ –मेने आज तक कई बेगुनाहों का सुहाग छीना हे, कोख उजाड़ी हे, सर से साया हटाया हे और कईयों को अपाहिज किया फिर भी भारत की पुलिस, ख़ुफ़िया तंत्र और सरकार मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकी | सच्चाई यह हे के पहल तो धमाके के बाद मुझे पकड़ ही नहीं पाते और भारत के किसी राष्ट्र भक्त ने गलती से मुझे पकड़ लिया तो भी सरकार मुझे अपना दामाद मान कर जेल में रखती हे और लोकतंत्र के नाम पर कई सालो तक मुझपर मुकदमा चलता हे, तब तक मेरे साथी भारत के किसी नेता की बेटी का अपहरण करके या किसी प्लेन को हाईजेक करके सरकार के साथ सोदा करते हे और मुझे छुड़ा लेते हे| और अगर मेरे साथी किसी भी तरह मुझे नहीं छुडा पाए और मुझे फांसी की सजा हो जाये तो भी डर की बात नहीं हे क्योंकी भारत में धर्म और जाती या क्षेत्रीयता के वोट की आड़ में भारत के लोकतंत्र की मजबूत कड़ियाँ ही मेरी सजा माफ़ी में मेरा सहयोग करती हे और उसी समय भारत पर दबाव बनाने के लिए मेरे साथी एक और धमाका कर देते हे |

आप को एक राज की बात बता दू की भारत के अलावा अन्य किसी देश में धमाका करने से मुझे डर लगता हे क्यूँ की वहां की जनता और सरकार में बदले की भावना कूट-कूट कर भरी हुई हे और वह इस के लिए मुझे या मेरे मुखिया को मार कर ही दम लेते हे |

लेकिन भारत की जनता बड़ी दयालु हे, सहिष्णु हे, लेकिन सत्ता-लोलुप और लालची भी हे |

खेर जो भी हे भारत बड़ा महान हे

अतिथी संपादक – अनिल सिंघल

 

जुनून प्यार का

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नीदरलैंड की एक महिला ने अपने प्रेमी के प्यार के जुनून में एक साल के भीतर उसे 65,000 बार फोन किया. इस महिला पर प्रेमी का पीछा करने और उसे परेशान करने को लेकर कार्रवाई की जा रही है और ज़ाहिर है वो इससे खुश नहीं. मामला रॉटरडैम शहर का है जहां एक व्यक्ति ने लगातार मिल रहे फोन, ईमेल और मोबाइल संदेशों से परेशान होकर पुलिस से संपर्क किया. जांच करने पर 42 वर्षीय एक महिला के घर छापा मारा गया जहां से कई मोबाइल फोन बरामद हुए. इन सभी फोन से केवल एक ही नंबर पर फोन किया गया था. बीबीसी संवाददाता एना हूलीगन के मुताबिक इस महिला पर अपने पुरुष मित्र के इस फोन नंबर पर 65,000 बार फोन करने का आरोप है.

हर दिन 178 बार फोन

इस महिला ने पिछले एक साल में अपने मित्र को हर दिन 178 बार फोन किया यानि लगभग 7 फोन-कॉल हर घंटे. हालांकि जिस व्यक्ति को यह महिला अपना पुरुष-मित्र बता रही है उनका कहना है कि इस महिला के साथ उनका कोई भावनात्मक या शारीरिक संबंध नहीं. इस मामले में शुरुआती कार्रवाई के तौर पर महिला को हिरासत में लेकर उन्हें हिदायत दी गई वो इस तरह फोन न करें लेकिन अदालत से बाहर आने के कुछ ही घंटों बाद इस महिला ने फिर उसी नंबर पर फोन करना शुरु कर दिया. मामला अब फिर अदालत में है और दोनों पक्ष न्याय की उम्मीद कर रहे हैं

सो. -बी.बी.सी.

आतंरिक सुन्दरता की जीत सारे ब्रह्माण्ड ने मनाई

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“God का शुक्रिया, जिस तरह God ने मुझे बनाया हे, उस से में काफी प्रसन्न हु और कुछ भी बदलना नहीं चाहूंगी. मैं खुद को आतंरिक सुन्दरता वाली महिला मानती हु. मुझे परिवार से काफी अच्छे संस्कार मिले हैं जिनका में बाकि जीवन अनुसरण करना चाहूंगी”.

ये कहना था मिस यूनिवर्स 2011 का ताज जीतने वाली अंगोला की लीला लोपेज़ का. १२ सितम्बर २०११ की रात को मिस यूनिवर्स के रंगा रंग कार्यक्रम में जब लीना से पुछा गया के अगर उनको मौका मिला तो वो कौनसी शारीरिक विशेहता को बदलना चाहेंगी, तब उन्होंने साबित कर दिया के आज भी आतंरिक खूबसूरती ही ताज की असली हक़दार है.८८ प्रतियोगियों को कड़ी चुनौती देते हुए लीला ने विजय हासिल की और 60th मिस यूनिवर्स का खिताब जीता.

२५ वर्षीया लीला लोपेज़ जो के बिज़नस मैनेजमेंट (U .K ) की स्टुडेंट रह चुकी हैं, ब्रिटेन की अंगोला कम्युनिटी से ताल्लुक रखती हैं.

मिस यूनिवर्स होस्ट कंट्री की प्रतियोगी प्रिसिला मचदु तीसरे स्थान पे रही. दुसरे स्थान पे युक्रेन की ओलेसिया स्त्तिफेनको रही.

गौरतलब है के इस बार मिस यूनिवर्स 2011 कुछ प्रतियोगियों के आपत्तिजनक पहनावे की वजह से विवादों में रहा. ऑस्ट्रलियाई प्रतियोगी शेरी-ली बिग्स के एवेनिंग गाउन और बिकिनी के पहनावे विवादस्पद रहे.

मिस यूनिवर्स आयोजकों ने इस बार फैशन परिधानों को ले के कड़ेयमों का पालन किया जैसे बिकिनी की बनावट अश्लील न हो. ऐसे ही कुछ नियमों की वजह से भान्रतीय मिस इंडिया वासुकी भारतीय परिधान नहीं पेहें पाई. जिसका खुलासा उन्होंने ट्विट्टर पे किया.

ये हे उदयपुर मेरी जान मेरी जान

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ये शहर हे झीलों का …. यहाँ की फिजा हे निराली ,…. यहाँ पे बस
शांति शांति हे
वेनिस सा नज़ारा ,

झीलों की ये नगरी वेनिस से कम नहीं बस अगर हमारे नेता और प्रशासन थोडा सा ध्यान दे तो ये नज़ारा 12 महीने यूँ ही रहे ,

आयड़ नदी जो इनदिनों अपने योवन पर हे .

 

गुमानिया वाला नाले की नाहर जो शहर के बिच होकर गुजरती हे
गुमानिया वाला नाले की नाहर जो शहर के बिच होकर गुजरती हे

 

बारिश का कोहराम ,

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निचली बस्तियां में रहा पानी का राज ,
सभी नदी नाले आज भी उफान पर ,
घर बने तालाब ,
सीसारमा अब भी १० फिट ,
टेकरी में तीनमंजिला मकान ढहा ,
शहर कोट सहित तीन मकान ढहे
प्रशासन लाचार .

 

उदयपुर , रविवार शाम को हुई 5 इंच बारिश ने एसा कोहराम बरपाया के , निचली बस्तियों को पानी ने पूरी तरह अपने आगोश में लेलिया , उदयपुर शहर के आस पास की सारी कोलोनियो का मंजर एसा था मनो बाड़ के हालत हो , हर मकान में पानी भरा हुआ और लोग सडको और छतो पर , गोविन्द नगर , बसंत बिहार , में पूरी तरह पानी ने अपना कब्ज़ा जमाये रखा , यहाँ लोगो को आने जाने के लिए पैडल बोट का सहारा लेना पड़ा ,

इधर टेकरी इलाके में एक तिन मंजिला मकान गिर गया , सिटी स्टेशन के सामने शहर कोट के साथ तीन माकन भी ढेह गए ,

रूप सागर में जहा भूमाफियाओं ने प्लोटिंग कर रखी थी अब वहा रूप सागर ने अपना कब्जा जमा लिया हे और अब पानी का राज हे ,

प्रशासन सारी स्थिति का हर जगह जा कर जायजा ले रहा हे हे लेकिन कुछ भी करने में असमर्थ हे ,

अगले 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी होने से बाद की स्थिति निपटने की तय्यारी में हे

उदयपुर में बाद जेसे हालत तस्वीरों की जुबानी…

गोविन्द नगर

 

 

 

  photo- kamal
kumawat