कुएं से पैंथर को निकालने के लिए आदमी को अंदर उतारा, लोगों का लगा जमावड़ा

4982_12उदयपुर. क्षेत्र के डबकुडिय़ा गांव की तलवा की भागल के एक कुएं में 57 घंटे पहले देखे गए पैंथर को रविवार दोपहर बाहर निकाल लिया गया। पैंथर को बचाने के लिए वन विभाग ने पुलिस व ग्रामीणों की मदद से ढाई दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। पैंथर को निकालने के लिए उदयपुर से एक्सपर्ट पद्मसिंह को बुलाया गया। पद्मसिंह को पिंजरे के जरिए कुएं में उतारा गया। उन्होंने पांच बार पैंथर पर फंदा फेंका, लेकिन पैंथर ने उसे दूर छिटक दिया।

रविवार को तीन बार ट्रेंक्यूलाइज करने के बाद फंदा डाला जा सका और फिर रस्सी से बाहर खींचा गया। पैंथर भूख और चोट से बेहाल था, जिसे शाम को जंगल में छोड़ दिया गया। पैंथर के बाहर आते ही भीड़ करीब आ गई। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को वहां से हटाया। हर कोई पैंथर का फोटो लेना चाह रहा था।

गुरुवार दोपहर से कुएं में गिरे पैंथर का रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार सुबह 11.45 बजे शुरू हुआ। पैंथर आसानी से काबू में नहीं आया। वनकर्मी रामसिंह को कुएं में उतारा। वह पैंथर के नजदीक पहुंचे तो वह गुर्राने लगा। उसके बाद शूटर सतनामसिंह ने उसे ट्रेंक्यूलाइज कर बेहोश किया।
4983_13शूटर सतनाम सिंह चड़स के सहारे 80 फीट गहरे कुएं के 60 फीट नीचे तक गए लेकिन पैंथर आसानी से काबू में नहीं आया। उसके तीन इंजेक्शन बेहोशी के दिए तब जाकर बेहोश हुआ।
4983_14बचाव अभियान रविवार दोपहर बाद खत्म हुआ। ट्रेंक्यूलाइज करने के बाद पड़ा फंदा, बाहर निकाला। इस दौरान वनकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। मौके पर तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई। शुक्रवार शाम को पैंथर ने ढाई किलो मीट खाया था।

राजस्थान बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं 16 से

2006102300600201_1020441gउदयपुर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सीनियर सेकंडरी कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाएं 16 जनवरी से शुरू होंगी। बोर्ड ने 5 हजार 500 से अधिक परीक्षकों को नियुक्ति पत्र भेजे हैं।
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक 12वीं विज्ञान में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान के अतिरिक्त 12वीं में भूगोल, होम साइंस समेत विभिन्न विषयों की प्रायोगिक परीक्षाएं बोर्ड आयोजित करेगा। इसके लिए सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
बोर्ड की परीक्षा शाखा की ओर से प्रदेशभर के 5 हजार 500 से अधिक परीक्षकों को प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए लगाया जाएगा। इनके लिए नियुक्ति पत्र भेजे जा चुके हैं। यह परीक्षक संबंधित स्कूल के साथ प्रायोगिक परीक्षा की तिथि और समय तय कर बोर्ड को सूचित करेंगे। एक महीने से अधिक समय तक बोर्ड प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन करेगा।
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. पीएस वर्मा के मुताबिक प्रायोगिक परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए एक-एक ऑब्जर्वर प्रत्येक जिले में तैनात किया जाएगा। यह ऑब्जर्वर जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त करेंगे।
सैद्धांतिक परीक्षा में 23 हजार से अधिक परीक्षक
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की 12वीं की सैद्धांतिक परीक्षाएं 6 मार्च से और सेकंडरी की परीक्षाएं 13 मार्च से शुरू होंगी। बोर्ड की परीक्षा शाखा ने मुख्य परीक्षा के लिए 23 हजार से अधिक परीक्षकों को लगाने की तैयारी की है। सैद्धांतिक परीक्षा के लिए भी बोर्ड पर्यवेक्षकों के साथ ही सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति करेगा। इसकी तैयारियां जारी हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों को भी परीक्षा तैयारियों के संबंध में लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।
टाइम टेबल आज होगा फाइनल
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षाओं का विस्तृत टाइम टेबल जयपुर में फाइनल होने की संभावना है। बोर्ड प्रबंधन की ओर से परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जा चुका है। अब अंतिम स्वीकृति जयपुर में शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होने की संभावना है।

गहलोत सरकार में मनोनीत पार्षदों को राजे सरकार ने हटाया

उदयपुर. गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षदों का मनोनयन वसुंधरा सरकार ने निरस्त कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग के शासन उप सचिव की ओर से आदेश में कहा गया है कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 6 की उप धारा (1) के खंड (क) में प्रदत्त शक्तियों के तहत राज्य के सभी निकायों के सहवृत सदस्यों का मनोनयन तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक दिनेश कोठारी ने बताया कि आदेश की कॉपी सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है। गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में प्रदेश के साथ ही उदयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता भरत आमेटा, बाबूलाल घावरी, राजेश जैन, डॉ. अब्दुल सलाम व कैलाश साहू को नगर परिषद (अभी नगर निगम) में सहवृत पार्षद मनोनीत किया था।

भाजपा कार्यकर्ताओं को निगम में मिल सकता है मौका : पिछली सरकार के कार्यकाल में मनोनीत सहवृत पार्षदों को हटाए जाने से अब स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं को नगर निगम में सहवृत पार्षद बनने का मौका मिल सकता है। पालिका चुनाव नवंबर में होने हैं। इससे पहले विधायक चुने गए फूलसिंह मीणा पार्षद से इस्तीफा दे चुके हैं।

मुझे कोई पैसों से नहीं खरीद सकता : आमिर खान

aamir-khan635205-01-2014-10-48-99Wमुंबई। बॉलीवुड मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान का दावा है कि वह दूसरे कलाकारों की तुलना में कम मेहनताना लेते हैं। उनका कहना है कि वह अपनी भावनाओं के साथ समझौता नहीं कर सकते और रूपयों से उन्हें खरीदा नहीं जा सकता।

आमिर ने कहा, आज तक मैंने पैसों के लिए काम नहीं किया और यही मेरी बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा, ऎसा नहीं है कि मुझे पैसों की जरूरत नहीं है। हम सबको पैसे की जरूरत है और मेरे हिसाब से मैं सबसे कम मेहनताना पाता हूं। कम से कम दूसरों की तुलना में मैं बहुत कम कमाता हूं। लेकिन फिर भी मैं खुश हूं क्योंकि मैं वही करता हूं जो मेरा दिल कहता है।

हालिया रिलीज “धूम-3” की सफलता के लिए आमिर ने दर्शकों का धन्यवाद किया। आमिर ने अपने 25 सालों के फिल्मी करियर में हमेशा फिल्मों, किरदारों और शैलियों के साथ प्रयोग किया है। एक प्रेमी से लेकर शिक्षक, गांव के युवक और अब एक खलनायक तक के किरदार आमिर निभा चुके हैं।

आमिर ने दिल चाहता है, जो जीता वही सिकंदर, हम हैं राही प्यार के, राजा हिंदुस्तानी, सरफरोश जैसी फिल्मों से बेहतरीन अभिनय की छाप छोड़ी। इसके बाद आमिर ने रंग दे बसंती, फना, गजनी, थ्री इडियट्स, धोबी घाट में काम किया। 2007 में आई फिल्म तारे जमीं पर का निर्देशन भी किया।

अंग्रेजी बोलने वाले कर्मचारियों को मिलती है ज्यादा सैलेरी

office635205-01-2014-12-59-99Nइंग्लिश में फ्लूएंट होना केवल अपने व्यक्तित्व के लिए ही नहीं बल्कि जेब के लिए भी फायदेमंद है क्यांकि एक ताजा रिपोर्ट में पाया गया है कि फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाले लोग दूसरे कर्मचारियों के मुकाबले 34 फीसदी ज्यादा सैलेरी उठाते हैं। इस स्टडी से इंग्लिश में शिक्षा और रोजगार के अवसरों के बीच का संबंध भी स्पष्ट हो जाता है।

हालांकि अंग्रेजी में अच्छी शिक्षा हासिल करना अभी भी मुश्किल और महंगा है और शायद यही वजह है कि इस माध्यम से पढ़ाई करने वालों की संख्या अब भी काफीकम है। देश के नॉर्थ-सेंट्रल क्षेत्र में 25 फीसदी से भी कम छात्र अंग्रेजी माध्यम में हायर एजुकेशन हासिल कर रहे हैं, जबकि साउथ इंडिया में यही आंकड़ा 75 फीसदी के करीब है।

जहां भारतीय भाषाओं में हायर एजुकेशन हासिल करने का खर्च 1,200 से 3,000 रूपए हर साल आता है तो वहीं इंग्लिश माध्यम में ऎसी ही पढ़ाई का खर्च करीब 6 से 8 गुना अधिक यानी 8 से 15 हजार के बीच आता है। वैसे भविष्य की करियर संभावनाओं के देखें तो यह खर्च कोई घाटे का सौदा नहीं है। यह रिपोर्ट नई दिल्ली के सेंटर फॉर रीचर्स ऎंड डिबेट्स इन डिप्लोमैटिक पॉलिसी के डॉ. अबुसालेह शरीफ और नैशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकॉनमिक रीचर्स के अमित शर्मा ने तैयार की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, “जो पुरूष फर्राटे से इंग्लिश बोलते हैं वह इंग्लिश न बोलने वालों से 34 फीसदी ज्यादा कमाते हैं और जो थोड़ी बहुत इंग्लिश बोल लेते हैं तो वह भी 13 फीसदी ज्यादा वेतन हासिल करते हैं।” रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 20 फीसदी लोग ही इंग्लिश बोल पाते हैं और केवल 4 फीसदी लोग ही फर्राटे से यह भाषा बोल पाते हैं।

डॉ. शरीफ ने टीओआई से कहा, “ऎसे राजनेता जो इंग्लिश का विरोध करते हैं, वह किसी डूबते जहाज के कप्तान की तरह हैं। इंग्लिश में हायर एजुकेशन से लोगों को ग्लोबल ऑर्गनाइज्ड सेक्टर और लेबर मार्केट से जुड़ने में आसानी होती है। जिनके पास इंग्लिश में हायर एजुकेशन नहीं है वह पीछे छूट रहे हैं।”

रंगशाला में नाटक ‘‘नमक का दरोगा’’ का मंचन

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उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में मुशी प्रेमचंद की अमर रचना ‘‘नमक का दरोगा’’ मंचित किया गया जिसमें वर्तमान हालात तथा इंस्पैक्टर राज के चलन का जीवन्त चित्रण किया गया।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में रविवार शाम चंडीगढ़ के नाट्य कलाकारों ने मुंशी प्रेमचंद की रचना ‘‘नमक का दरोगा’’ का नाट्य मंचन श्री डॉ. पी. चन्द्रशेखर के निर्देशन में किया। तकरीबन सौ साल से ज्यादा पहले लिखी यह कथा आज में हमारी व्यवस्थाओं पर खरी उतरती प्रतीत हुई। यह कथा उस जमाने की है जब अंग्रेज सरकार ने नमक का कानून लागू किया व नमक के आम उपभोग पर टैक्स लगाकर करोड़ों का धन वसूला। इसके संचालन के लिये सरकार ने नमक का विभाग बनाया किन्तु सरकार की इस व्यवस्था से लूट, घूसखोरी और चालाकी का दौर शुरू हो गया तथा आम जनता त्रस्त हो गई। नाटक का नायक बंशीधर मध्यमवर्गीय युवा है जिसे उसका पिता समझाता है कि नौकरी में ओहदे पर ध्यान नहीं दे बल्कि ऐसी नौकरी ढूंढे जिसमें ऊपरी आय हो। उसका मानना था कि वेतन मनुष्य देता है जिसमें बरकत नहीं ऊपरी आय ईश्वर देता है इसमें बरकत ही बरकत है।

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सयंयोगवश बंशीधर को नमक विभाग में दरोगा बनाया जाता है तथा बंशीधर ने अपने काम से छः महीने में सरकार को खुश कर दिया। इसी दौरान पंडित अलोपीदीन जो नमक का बड़ा व्यापारी है उसे बंशीधर चोरी छिपे नमक ले जाने के आरोप में पकड़ लेता है। अलोपीदीन उसे बहुत सारी रिश्वत देने की कोशिश करता है मग रवह नहीं मानता। बाद में अदालत में बंशीधर को अदालत से फटकार मिलती है और अलोपीदीन बाइज्जत बरी हो जाता है। और बाद में बंशीधर की नौकरी चली जाती है।
घर लौटने पर पिता से डांट व ताने सुनने को मिलते हैं इधर धन की महिमा खत्म नहीं होती एक दिन अलोपीदीन बंशीधर के घर आता है और उसे अपनी सारी सम्पत्ति का मैनेजर नियुक्त करता है और बंशीधर भावुक हो कर घुटने टेक देता है। नाटक का एक-एक पात्र प्रस्तुति को सशक्त बनाने में कामयाब रहा। वहीं गीत-संगीत ने नाट्य प्रस्तुति को रोचक व सुरीला बनाया। कलाकारों में जसविन्दर, चाइनिस गिल, विनोद, जसवीर, रिन्कू, सचिन, रमण जग्गा, विनीत व विनोद मौर्य शामिल है। नाटक का संगीत चादनिस गिल का था। प्रकश व्यवस्था चक्रेश कुमार की थी।

रोडवेज : ग्रामीण सेवा के लिए 11 बसें और मिलीं, चालक-परिचालक का टोटा

0928_busesउदयपुर। रोडवेज प्रबंधन ने उदयपुर डिपो को 11 नई बसें ग्रामीण सेवा के लिए भेजी हैं, लेकिन चालक-परिचालक का टोटा है। चालक-परिचालक की नियुक्ति के अभाव में फिलहाल बसों को संचालन नहीं किया जा सकता।

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के उदयपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक सीपी चतुर्वेदी के अनुसार इन बसों का रूट निर्धारित करने, परमिट लेने और रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद इन्हें पंचायतों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि हाल ही चालक-परिचालक के लिए आयोजित परीक्षा का परिणाम आना है। चयनित अभ्यर्थियों में से डिपो को चालक परिचालक मिलने की उम्मीद है। इससे इन बसों का संचालन किया जा सकेगा।

14 जोड़ों ने कबूला निकाह, बरसने लगी खुशियां

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उदयपुर। सक्का बिरादरी का 13वां सामूहिक निकाह टाउन हॉल परिसर में बड़े ही धूमधाम से हुआ, जिसमें समुदाय के 14 जोड़ों का निकाह कराया गया। आयोजन में उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, जयपुर और नीमच के समाजजनों ने भाग लिया। निकाह की रस्म अदायगी में महिलाओं ने विशेष भागीदारी निभाई।

सक्का बिरादरी के प्रवक्ता मोहम्मद हुसैन सक्का ने बताया कि 13वें सामूहिक निकाह आयोजन को लेकर दोपहर 2 बजे चंपालाल धर्मशाला से बारात निकाली गई। बैंडबाजों के साथ धूमधाम से निकली बारात में दूल्हे सेहरा बांधे, घोड़ों पर सवार होकर आयोजन स्थल पहुंचे। जहां निकाह से जुड़ी अन्य रस्म अदायगी की गई।

गुलाबचंद कटारिया का उदयपुर दौरा

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उदयपुर। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपने एक दिवसीय प्रवास पर आमजनों की समस्याओं को सुना, पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, कार्यकर्ता सम्मेलन, सामाजिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हुये और रात्री को पुनः जयपुर प्रस्थान कर गये। इस अवसर पर बहुउद्धेशीय रंगीन कैलेण्डर का लोकार्पण किया गया। भाजपा मीडिया प्रभारी चंचल कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रातः उदयपुर पहुचने के पश्चात कटारिया पटेल सर्कल स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे जहां पर विभिन्न समाजजनों ने मालाओं से स्वागत अभिनन्दन किया।

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लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस लें कार्यकर्त्ता : अनिल मसीह

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उदयपुर : समाज का हर एक व्यकित अपने वोट का मूल्य समझे व आने वाले लोेकसभा चुनावों के लिए अपनी कमर कस लें। यह विचार आल इंडिया युनाइटेड क्रिशिचयन फ्रंट के नार्थ इंडिया के अध्यक्ष व पूर्व महामंत्री कांग्रेस म.प्र. अनिल मसीह ने फ्रंट के कार्यकर्त्ता सम्मेलन के दौरान जयसमंद के पास पलूना गाँव में व्यक्त किये। क्रिशिचयन फ्रंट के प्रवक्ता अनिल रोजर्स के बताया कि मसीह ने अपने उदबोधन में कहा कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति को लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होने कहा कि अपने 30 साल के राजनैतिक कैरियर के दौरान उन्हें पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व: माधवराव सिंधिया के साथ काफी समय तक काम करने का मौका मिला, उन्होने कहा कि आज स्व: सिंधिया जी हमारे बीच होते तो शायद पार्टी को ऐसा समय देखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। उन्होने बताया कि वे कांग्रेस पार्टी के हमेशा से वफादार सिपाही रहें हैं। उन्होने कार्यकर्ताओं को निष्ठा, इमानदारी और लगन के साथ आने वाले चुनावों में कार्य करने का आव्हान किया। कार्यक्रम के दौरान आल इंडिया युनाइटेड क्रिशिचयन फ्रंट के जिलाध्यक्ष सुरेश मीणा, फ्रंट के राजस्थान के प्रभारी मनोहर एच. कला, संगठन प्रभारी अमोस मीणा, जिला महामंत्री अरविंद चारण, सराड़ा सलूम्बर अध्यक्ष मोहन लाल डुंगरपुर के पा. बाबुलाल आदि मौजूद थे।