सियोल। उत्तर कोरिया में इस महीने की शुरुआत में 80 लोगों को सरेआम फांसी दे दी गई। सोमवार को यहां प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमे से ज्यादातर पर दक्षिण कोरियाई टेलीविजन शो देखने का आरोप था। उत्तर कोरिया में विदेशी फिल्में खासतौर पर दक्षिण कोरियाई फिल्में देखना एक गंभीर अपराध है। एक अज्ञात सूत्र के हवाले से जुंगआंग इलबो अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उत्तर कोरिया के सात शहरों में गत तीन नवंबर को 80 लोगों को फांसी दी गई। अखबार ने जिस सूत्र के हवाले से खबर दी है, वह उत्तर कोरिया के आंतरिक मामलों की अच्छी समझ रखता है और हाल ही में वहां से लौटा है। एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से दी गई फांसी को देखने के लिए दस हजार से अधिक लोगों को वोनसान के उत्तरी भाग स्थित एक स्टेडियम में बुलाया गया था।
उत्तर कोरिया में 80 लोगों को सरेआम फांसी
सीपी जोशी का पुतला फूंका, जूतों कि माला पहनायी
उदयपुर। उदयपुर शहर विधानसभा से कांग्रेस के प्रबल दावेदार लालसिंह झाला का टिकट काट कर पार्षद दिनेश श्रीमाली को शहर का दावेदार घोषित करने पर देहात कांग्रेस के कार्यकर्ता व् कुछ युवाओं ने अपना गुस्सा शहर के चेतक चौराहे पर जम कर निकाला
झाला समर्थकों ने चेटक सर्कल पर डॉ. सीपी जोशी के पुतले को जूतों की माला पहनाकर जूते मारे और एक झाला समर्थक ने सिर भी मुंडवा दिया। इस दौरान एक काली हांडी पर हार का ठीकरा भी लिखा था। सीपी जोशी के खिलाफ जम कर नारे लगाये । एक तरफ शहर के कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश श्रीमाली नामांकन भर रहे थे उसी वक़्त दूसरी तरफ सीपी जोशी के पुतले पर जूट मारे जारहे थे । प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में झाला समर्थक मौजूद थे,
दिग्गजों की सरपरस्ती में श्रीमाली ने भरा नामांकन
उदयपुर। शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी दिनेश श्रीमाली ने आज जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दिग्गज नेताओं कि सर परस्ती में नामांकन दाखिल किया। और अपनी युवा शक्ति का परिचय देते हुए दिनेश ने सैकड़ों समर्थकों के साथ पैदल जुलुस भी निकाला ।
नामांकन भरने के पूर्व अमल का कांटा स्थित सूरजपोल थाने के सामने से श्रीमाली का जुलूस निकला, जिसमें सैंकड़ों लोग शामिल थे और ख़ास कर युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं कि खासी भीड़ थी । जुलूस अमल का काटा, मार्शल चौराहा, धानमंडी, तीज का चौक होते हुए देहलीगेट पहुंचा, जुलुस में कोई गाडी घोड़ा वाहन प्रयोग में नहीं लाकर दिनेश सभी व्यापारियों का अभिवादन करते स्वीकारते पैदल ही जुलुस में रवाना हुए और देहली गेट पहुच कर कलेक्ट्री पहुचे जहां दिनेश श्रीमाली ने कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेता डॉ. गिरिजा व्यास, शहर जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडिय़ा, सांसद रघुवीर मीणा, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया व् सज्जन कटारा के साथ नामांकन दाखिल किया। जुलूस सुबह साढ़े 11 बजे रवाना हुआ, साढ़े 12 बजे देहलीगेट पहुंचा। इस बीच जगह-जगह श्रीमाली का शहरवासियों और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।
नाराज नहीं आए नजर: कांग्रेसी नेता लालसिंह झाला का गुट दिनेश श्रीमाली से नाराज बताया जा रहा है। श्रीमाली के नामांकन जुलूस के दौरान भी झाला गुट का एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। इस गुट से श्रीमाली को भीतरघात की आशंका भी है। लेकिन बाकी बचे डॉ गिरजा व्यास , रघुवीर मीना , नीलिमा सुखाडिया , गोपाल शर्मा , पंकज शर्मा का दिनेश श्रीमाली के साथ होना शुभ संकेत भी मना जारहा है।
जानलेवा बनी तीसरे मंजिल की इमरजेंसी
उदयपुर। एमबी चिकित्सालय के ट्रोमा सेंटर की अव्यवस्थाओं से रोगियों की जान पर बन आई है। तीसरी मंजिल पर बने आईसीयू तक पहुंचने के लिए रैम्प की यात्रा रोगी का शरीर ढीला कर देती है। क्योंकि लिफ्ट संचालन चौबीस घंटे नहीं हो पा रहा है। बजट स्वीकृति के बगैर ही आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर का भूतल से तीसरी मंजिल पर स्थानांतरण रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। आईसीयू में पावर प्लग कनेक्शन नहीं होने से यह सामान्य वार्ड बनकर रह गया है, जहां पांच वेंटीलेटर और पांच मॉनिटर बंद पड़े हैं।
केवल एक प्वॉइंट पर कनेक्शन देते हुए गंभीर रोगी को यहां शिफ्ट करते हुए वेंटीलेटर पर लेने का जुगाड़ किया गया है, वह भी आवश्यकता होने पर। ऑपरेशन थिएटर में भी केवल एक प्लग चालू है, जिससे सभी लाइटें संचालित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतिदिन यहां तीन से चार ऑपरेशन होते हैं, जिनके लिए तीसरी मंजिल तक ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाना और अन्य व्यवस्थाएं बगैर लिफ्ट के करनी होती है। तीसरे मंजिल पर स्थापित आईसीयू में टेलीफोन की सुविधाएं भी नहीं जो, आपात स्थितियों में रोगियों की जान से समझौता करने जैसा हो गया है।
नहीं चलती लिफ्ट
लिफ्ट संचालन सवेरे नौ से दोपहर तीन बजे तक ही होता है और इसके बाद आने वाले गंभीर रोगी रैम्प से आईसीयू का सफर तय करते हैं। इस दौरान गंभीर रोगी की हालत और दयनीय हो जाती है, जबकि यही हालत ऑपरेशन के बाद एक्स-रे जांच के लिए पहुंचने वाले रोगी की भी होती है। इधर, लिफ्ट में आए दिन स्टाफ के फंसने की परेशानी होती है, जिससे किसी दिन गंभीर रोगी के फंसने पर स्थिति गंभीर होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। क्योंकि इसे खुलवाने में आधे से पौन घंटा तक लग जाता है।
भोलूराम ने तोड़ा दम
चीरवा घाटा में हुई दुर्घटना के बाद गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचा ट्रोला चालक भोलूराम भी रविवार शाम अव्यवस्थाओं का शिकार हुआ और आखिरकार जान से हाथ धो बैठा। किशनगढ़ निवासी चालीस वर्षीय भोलूराम को एंडोट्रेकियल टयूब लगाते हुए अम्बुश बैग के साथ आईसीयू में भेजा गया, ताकि वेंटीलेटर पर लिया जा सके। लिफ्ट ठप होने से तीन मंजिल तक ट्रोली पर रैम्प की यात्रा करते हुए आईसीयू पहुंचने तक उसकी मौत हो गई।
बजट मांगेंगे
हम वित्त विभाग से होने वाली बैठक में चौबीस घंटे लिफ्ट संचालन के लिए बजट मांगेंगे, तभी ऎसा संभव हो सकेगा। पावर पॉइंट और टेलीफोन आदि के संबंध में मेरे पास विभाग से कोई शिकायत नहीं आई है, इसलिए मेरे अनुसार तो सब ठीक चल रहा है। कल पता करता हूं।
डॉ.डी.पी.सिंह अधीक्षक, एमबी चिकित्सालय
कचरा बीनते परवान चढ़ी प्रेम कहानी
उदयपुर। सिनेमाई और टीवी स्क्रीन के जादुई रोमांस से दूर है ये प्रेम कहानी। बचपन से शुरू होकर ताउम्र साथ में बदली दास्तां के किरदार सड़कों पर रेंगती जिंदगियों से जुड़े हैं, लेकिन समज को कई संदेश दे जाते हैं। मध्यप्रदेश के बीना रेलवे स्टेशन पर गुजरे असलम और सुषमा के बचपन से शुरू हुई ये कहानी अब स्थानीय रेलवे स्टेशन पर सांसें ले रही हैं। खुद भीख मांगने वाले दम्पती की दो संतानें भोपाल और कोटा के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ती हैं। हॉस्टल में रखते हुए बच्चों को अच्छा भविष्य देने और परिवार को सीमित रखने के लिए असलम ने नसबंदी करा ली है।
साम्प्रदायिक सौहाद्रü का आलम यह है कि असलम को सुषमा का धर्म परिवर्तन कराने में कोई दिलचस्पी नहीं।
कोसीकला का शनि मंदिर हो या अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह… ये दम्पती अपने बच्चों के लिए समभाव से भीख मांगते हैं। कचरा बीनने, भीख मांगने और रेलों में घूम-घूमकर सामान बेचने वाली आंखों ने बेटी दुर्गा को पुलिस अफसर और बेटे प्यारेलाल को पढ़ाकर पैरों पर खड़ा करने का सपना संजोया है। आत्मसम्मान के साथ जीने की चाह रखने वाला दम्पती छोटा-मोटा काम करके अपने बच्चों के सपने पूरे करना चाहता है। असलम कहता है कि लोग आते हैं, अपंग देखकर भीख दे जाते है…कोई पैरों पर खड़ा करने की मदद नहीं करता।
महिलाएं कहां सुरक्षित?
पहले ही अर्जुन से हुई अपनी दो नन्ही बच्चियों के बीना स्टेशन से उठा ले जाने की घटनाएं झेल चुकी ये मां अब अपनी बेटी को कतई साथ नहीं रखना चाहती। कहती हैं-मुझे ही आने-जाने वाले सौ रूपए में रात बिताने के लिए पूछ लेते हैं तो मेरी बेटी को तो साथ रखने का सोच भी नहीं सकती।
उसके सुरक्षित भविष्य के लिए चिंतित मां की बेटी दुर्गा आठवीं में पढ़ती है। सुषमा ने उसके लिए पांच हजार का किसान विकास पत्र भी खरीद लिया है ताकि राशि उसके काम आ सके।
प्रेम कहानी अनूठी सी
चार साल की उम्र से सुषमा बीना रेलवे स्टेशन पर कचरा बीन रही थी और दोस्त असलम उसका ख्याल रखता था। कुछ साल बाद सुषमा का परिवार अन्यत्र जा बसा। बेचैन असलम अपनी दोस्त को खोजने निकला। यात्रा के दौरान रेल के दरवाजे पर नींद के झोंके ने पटरियों पर ला पटका जिससे एक पांव कट गया। असलम बताता है कि हादसे के 5-6 साल बाद सुषमा उसे बीना स्टेशन पर ही वापस मिली, लेकिन बच्चों और पति अर्जुन के साथ। असलम ने बचपन के प्यार को पहचान लिया और परिचय दिया।
सुषमा के अनुसार अर्जुन शराब पीकर मारपीट करता था और वह खुद ट्रेन में बीड़ी-गुटखा बेचकर घर चलाती थी। असलम मदद करता तो पति शक करके और पीटता जिससे असलम खुद दोनों से दूर हो गया। एक रात शराबी अर्जुन परिवार को छोड़ कर भागा निकला तो पैसे की तंगी ने सुषमा को अंधी गलियों की ओर धकेल दिया। यह बात असलम को पता चली तो उसने सुषमा का हाथ थाम लिया और ससम्मान जीवन देने का वादा निभाया।
चॉकलेट के बहाने मासूम को साथ ले गया, जब रोने लगी तो हुआ खुलासा
उदयपुर। हिरणमगरी थाना क्षेत्र के सेक्टर 3 में सोमवार को पड़ोसी युवक द्वारा ढाई साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास का मामला सामने आया। बच्ची के रोने पर मां को दुष्कर्म का पता चला। बाहर आकर आस-पड़ोस से पूछा। पता चला बच्ची को पड़ोसी युवक शांतिलाल चॉकलेट के बहाने साथ लेकर गया था। इस पर बच्ची के माता-पिता ने आरोपी आजाद नगर, सेक्टर 3 निवासी शांतिलाल (25) पुत्र पूंजीलाल मीणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार बच्ची के मेडिकल में दुष्कर्म का प्रयास होना सामने आया है।
डीएसपी गोवर्धन लाल ने बताया कि आईपीसी की धारा 376/511 और यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके घर पहुंची तो वह फरार था।संभावित स्थानों पर दबिश देकर पुलिस आरोपी की तलाश कर रही हैं।
थानाधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी शांतिलाल टाइल्स लगाने (कारीगर) का काम करता है। वह घर में बहन और माता-पिता के साथ रहता है। घटना के समय उसके घर पर कोई नहीं था। सुबह करीब 11 बजे आरोपी पड़ोस में खेल रही बच्ची को चॉकलेट खिलाने के बहाने साथ ले गया।
खुद के घर में आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। करीब आधे-पौन घंटे बाद बच्ची घर आई। बच्ची के रोने के बाद मां को दुष्कर्म के बारे में पता चला। इस पर बच्ची की मां ने आस-पड़ोसियों से पूछा तो पता चला कि बच्ची को आरोपी साथ लेकर गया था।
गंगा का खुलासा,जमुना के बेटे का पिता है साईं
सूरत। यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम के बेटे नारायण साईं के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। नारायण साईं का उसकी सहयोगी जमुना से एक बेटा है। ये खुलासा किया है उदयपुर से गिरफ्तार साईं की सेविका गंगा उर्फ धर्मिष्ठा ने।
गंगा और जमुना सगी बहनें हैं। सूरत के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के मुताबिक गंगा ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसकी बहन भावना उर्फ जुमाना का बेटा दरअसल नारायण साईं की औलाद है।
गंगा पर साईं को लड़कियां सप्लाई का आरोप है। साईं के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज कराने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि गंगा लड़कियों को नारायण साईं के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करती हैं।
अदालत ने साईं को भगोड़ा घोषित किया
सूरत की स्थानीय अदालत ने नारायण साईं को भगोड़ा घोषित किया है। सूरत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएस गढ़वी ने साईं की सहयोगी जमुना उर्फ भावना और हनुमान उर्फ कौशल ठाकुर को भी भगोड़ा घोषित किया है। कोर्ट ने तीनों को 30 दिन के भीतर जांच एजेंसी या कोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए कहा है।
यदि तीनों तीस दिन में पेश नहीं होते है तो सीआरपीसी धारा-83 के तहत संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। बलात्कार का केस दर्ज होने के बाद से नारायण साईं और उसके दोनों सहयोगी फरार हैं। पुलिस तीनों की खोज में डेढ़ सौ से अधिक जगह पर छापेमारी कर चुकी है।
यह था मामला
गौरतलब है कि जहांगीरपुरा पुलिस थाने में सूरत की पीडिता ने नारायण सांई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने के बाद से यानि एक महीने से अधिक समय से वह और उसके सहयोगी जमुना और हनुमान भूमिगत हैं। इससे पहले पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी तीनों पुलिस के समक्ष पेश नहीं होने पर नारायण सांई, गंगा, जमुना और हनुमान चारों के खिलाफ न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।
चुनावी धूमधड़ाका
रैली, जुलूस के साथ निकले प्रत्याशी
उदयपुर। आज से शहर में चुनावी रंग नजर आने लगा है। विधानसभा चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि से एक दिन पहले आज उदयपुर शहर और ग्रामीण विधानसभा सीट के लिए पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए। ये प्रत्याशी जुलूस और रैलियों के साथ देहलीगेट पहुंचे, जहां से समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां नामांकन दाखिल किए गए। आज नामांकन दाखिल करने वालों में उदयपुर शहर विधानसभा सीट से भाजपा के गुलाबचंद कटारिया, जागो पार्टी के रमेशराज सुहालका और उदयपुर ग्रामीण सीट से कांग्रेसी प्रत्याशी सज्जन कटारा, भाजपा प्रत्याशी फूलसिंह मीणा, कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र मीणा ने नामांकन दाखिल किए हैं।
नामांकन से पूर्व भाजपा के उम्मीदवार गुलाबचंद कटारिया और फूलसिंह मीणा सूरजपोल पहुंचे, जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कार्यकर्ताओं और समर्थकों के भारी लवाजमें के साथ जुलूस के रूप में बापूबाजार होते हुए कलेक्ट्री पहुंचे। जुलूस में महिला मोर्चा की खासी उपस्थिति थी। बापूबाजार में व्यापारियों द्वारा कटारिया और फूलसिंह मीणा का स्वागत किया गया। देहलीगेट पर भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं की खासी भीड़ जमा थी। आचार संहिता का पालन करते हुए भीड़ देहलीगेट पर ही रोक दी गई। इसके बाद कटारिया व फूलसिंह मीणा अपने समर्थक और प्रस्तावकों के साथ नामांकन भरने के लिए कलेक्ट्री पहुंचे, जहां अतिरिक्त जिला कलेक्टर के समक्ष शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल किया। देहलीगेट पर भाज पा प्रत्याशियों का भाजपा पदाधिकारियों और नेताओं ने स्वागत किया। इधर, कांग्रेस की तरफ से उदयपुर ग्रामीण की प्रत्याशी सज्जन कटारा ने भी नामांकन रैली से शक्ति प्रदर्शन किया। कटारा सर्वऋतु विलास स्थित सगसजी बावजी के दर्शन के बाद फतह स्कूल के सामने हनुमानजी मंदिर में दर्शन को गई, जहां से जुलूस के रूप में सूरजपोल बापू बाजार होते हुए कलेक्ट्री पहुंची। अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इसी प्रकार उदयपुर ग्रामीण क्षेत्र से ही कांग्रेस के बागी देवेंद्र मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। मीणा को ग्रामीण से उनके टिकट की पूरी उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं देकर वर्तमान विधायक सज्जन कटारा को ही टिकट दिया। इस कारण मीणा नाराज है और निर्दलीय मैदान में उतरकर ताल ठोक दी है। जागो पार्टी के प्रत्याशी रमेशराज सुहालका ने भी आज नामांकन दाखिल किया।
जिले में अन्य सभी जगह कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों ने नामांकन भरे हैं। राजसमंद से किरण माहेश्वरी ने भी आज नामांकन दाखिल किया, वहीं नाथद्वारा से भाजपा के प्रत्याशी कल्याणसिंह ने सैकड़ो समर्थकों के साथ पर्चा भरा।
ईमानदारी की बातें छलावा
उदयपुर। राजनीति, आदर्श और शुचिता की बातें पूरी तहर खोखली है। कांग्रेस में भंवरी मर्डर केस के अभियुक्त विश्नोईयों के डॅान मलखान सिंह की ८२ वर्षीय माँ अमरी देवी को टिकट दिया जाना तो यही संकेत करता है। इसी प्रकार कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोडऩे वाले वल्लभनगर के गणपत मेनारिया को भाजपा का टिकट देना भी आदर्शवाद की कलई खोलता है। बताया गया है कि विचारधारा और ईमानदारी की डींगे हांकने वाले नेताओं ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब और पैसा बांटने की तैयारी भी कर ली है
श्रीमाली कल भरेगे नामांकन
उदयपुर शहर से कांग्रेस के प्रत्याशी दिनेश श्रीमाली कल नामांकन भरेंगे। दिनेश श्रीमाली के नाम की अप्रत्याशित घोषणा कल देर रात को हुई। इसके बाद श्रीमाली के समर्थकों ने सूरजपोल चौराहे पर पहुंचकर जोरदार आतिशबाजी की है। बताया जा रहा हैकि श्रीमाली को डॉ. सीपी जोशी की निकटता का फायदा मिला है। इसके साथ ही श्रीमाली ब्राह्मण प्रत्याशी होने के साथ ही युवा है, जो उनको टिकट दिलाने में सहायक रही।