पैंथर आया तो क्या करेगा वन विभाग?

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उदयपुर। वन विभाग के पास टे्रंक्वलाइजर्स का स्टॉक खत्म हो गया है। ऎसी स्थिति में अगर पैंथर या कोई बड़ा जानवर आबादी वाले इलाके में आ जाए तो विभाग कुछ नहीं कर पाएगा। नीमच और रानी रोड के आस-पास आए दिन पैंथर देखे जाने की सूचना आती रहती है।

यही नहीं, गत दिनों नाथद्वारा में पैंथर ने एक युवक को घायल कर दिया था। ऎसी स्थिति उदयपुर में आने पर विभाग की दिक्कतें दुगुनी हो जाएंगी। बडे जानवरों को काबू करने के लिए वन विभाग इंदौर से टे्रंक्वलाइजर मंगवाता है, लेकिन वहां भी टे्रंक्वलाइजर उपलब्ध नहीं है। उप वन संरक्षक सतीश शर्मा ने बताया कि छोटे जानवरों के लिए लो कंसन्टे्रट टे्रंक्वलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी भी सामान्य मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है, लेकिन बडे जानवरों को काबू करने के लिए हाई कंसन्टे्रट टे्रंक्वलाइजर की जरूरत होती है जो उदयपुर में उपलब्ध नहीं है। लेकिन हाल-फिलहाल इंदौर में भी हाई कंसन्टे्रट वाला टे्रंक्वलाइजर उपलब्ध नहीं है।

नहीं पकड़ा गया उत्पाती बंदर

डबोक एयरपोर्ट पर एक बंदर ने उत्पात मचा रखा है। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम शनिवार को बंदर को पकड़नेे के लिए एयरपोर्ट पहुंची, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी बंदर पर काबू नहीं पाया जा सका। बताया गया कि बंदर को टे्रंक्वलाइजर चलाकर पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वह कूद कर किसी कोने में जा छिपा और बच कर निकल गया। विभाग की ओर से रविवार को फिर से कोशिश की जाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट पर पिंजरा भी लगाया जाएगा।

अब लेकसिटी को “फॉल्ट फ्री” करने की तैयारी

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उदयपुर। शहरवासियों को शीघ्र बिजली ट्रिपिंग की समस्या से निजात मिल सकती है। अजमेर विद्युत वितरण निगम ने फॉल्ट फ्री सिटी बनाने के लिए लेकसिटी में प्रयोग शुरू किया है। फिलहाल, ग्रिड गोद देकर सहायक अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जा रही है। प्रयोग सफल रहने पर प्रदेश में इसे मॉडल के तौर पर अपनाया जाएगा। पहले चरण में शहर के 33/11 केवी ग्रिड स्टेशनों में से चार ग्रिड पर प्रयोगात्मक दौर चलेगा।

इसके लिए शहर के सभी सहायक अभियंता अपने-अपने जीएसएस का सर्वे करवा रहे हैं। देखा जाएगा कि, किस स्टेशन पर सबसे कम दिक्कतें आ रही हैं। सर्वे 24 मार्च तक पूरा होने के बाद पहले चरण में चार ग्रिड का चयन किया जाएगा। इसके बाद अभियंताओं से ग्रिड को फॉल्ट फ्री रखने के लिए होने वाले खर्च का एस्टीमेट बनना शुरू होगा। एस्टीमेट व रोड मेप आदि काम अपे्रल मध्य तक पूरा करने के लिए पाबंद किया गया है। जुलाई तक चार ग्रिड के फाल्ट फ्री होने की संभावना है। इसके बाद अन्य ग्रिड हाथ में लिए जाएंगे।

एईएन को गोद
योजना को प्रभावी बनाने के लिए सम्बन्घित सहायक अभियंताओं को ग्रिड गोद दिए जाकर उनकी देखरेख में सारा काम काज होगा। इसके बाद भी ग्रिड पर उनकी नजर रहेगी।

यह होगा फायदा
बार बार ट्रिपिंग के चलते मरम्मत के लिए लाइन से जुड़े अन्य उपभोक्ताओं को भी शटडाउन का सामना करना पड़ता है। चूंकि दुनिया की प्रमुख पर्यटन नगरी है अत: विदेशी पर्यटक भी शहर की अच्छी छवि लेकर लौटेंगे।

यूं होगा ट्रिपिंग लेस
अमूमन ट्रिपिंग की समस्या का कारण ग्रिड स्टेशन व विद्युत लाइन को लेकर है। फेस टू अर्थिग के चलते लाइन फाल्ट की समस्या आम है। इस योजना में ग्रिड पर तकनीकी समस्याओं को दिखवाकर उन्हें आधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा। साथ ही फेस टू अर्थिग समस्या के निपटारे के लिए लाइनों को मेंटेन करवाया जाएगा। पतले तारों के स्थान पर जरूरी होने पर मोटे तार वाली लाइन डाली जाएगी। इंसूलेटर सिस्टम को भी बेहतर करवाने का प्रावधान किया है।

“जवान बेटी की लोगों ने लगाई बोली”

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main news photo635008-03-2014-01-41-99Hजयपुर। “इस शहर ने हमें बहुत कुछ दिया, पेट भरने को खाना और तन ढंकने को कपड़ा, लेकिन साथ ही हमें मिली हवस से भरी नजरें। कभी कोई राह चलता रूक कर गंदे-गंदे इशारे करता है, तो कभी हमें खरीदने की कोशिश। कई लोगों ने मेरी जवान होती बेटी की बोली तक लगाई। हम फुटपाथ पर भले ही रहते हैं, पर हमारी इज्जत किसी महल वाले से कम नहीं है, मैंने साफ मना कर दिया। कह दिया फटा पहन लेंगे, भूखे रह लेंगे पर बेटी नहीं बेचेंगे।”

womens day265308-03-2014-01-34-99Wडबडबाई आंखों से कही जाती यह दास्तान है गवर्नमेंट हॉस्टल के पास फुटपाथ पर आशियाना बसाए बैठी देवली (बदला हुआ नाम) की। सालों से फुटपाथ पर जिंदगी गुजार रही देवली को पेट पालने से ज्यादा चिंता अपनी दो बेटियों की इज्जत बचाने की रही। आज उसकी बड़ी बेटी पूजा (बदला हुआ नाम) की भी शादी हो चुकी है और वह भी तीन बच्चों की मां बन गई है। पर चिंता बदस्तूर कायम है।

अब पूजा को यह डर है कि कहीं बड़ी बड़ी कारों में घूमते, फुटपाथ पर अपनी भूखी नजरें टिकाए हवस के भेडियों की निगाहें उसकी बेटियों पर न पड़ जाएं। उनको हर वक्त किसी अनहोनी का डर सताता है। जब उनसे कहा कि क्यों डर काहे का, पुलिस है तो सही। तो जाने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया हो। कहने लगी, दीदी, कोई स्थायी ठिकाना हो तो पुलिस वाले भी सुनें। हम तो बेघर लोग हैं और यही हमारी इज्जत का सर्टीफिकेट भी। कुछ भी कहते ही दुत्कार ही मिलती है। एक ही बात सुनने को मिलती है कि, फुटपाथ पर रहोगे तो ये सब तो चलता ही रहेगा।

लड़कियों को समझते हैं बिकाऊ
देवली ने बताया कि वे आमेट के गोसुंडी के रहने वाले हैं, पति की कई सालों पहले मौत हो चुकी है। कमाई के लिए जयपुर आए और फुटपाथ पर रहना शुरू कर दिया। सजावटी सामान बेचकर जिंदगी बसर कर रहे हैं, लेकिन फुटपाथ पर बैठी लड़कियाें को भी लोग बिकाऊ समझ बैठते हैं। मेरी बेटी पूजा की इज्जत की कई बार बोली लगाई गई, लेकिन मैं बेटी नहीं बेचती। चिंता ऎसी हुई कि मैंने कम उम्र में ही बेटी की शादी कर दी। आज पूजा भी सामान बेचकर अपना परिवार पाल रही है। बाइस साल की उम्र की पूजा के तीन बच्चे हैं, जिसमें सबसे बड़े की उम्र सात साल है। लेकिन मां को पता है उसकी रक्षा के लिए अब पति है।

रैनबसेरों में हुआ आबरू पर हमला
बड़ी-बड़ी चमकती आंखों में कुछ कर गुजरने की चाह, जबान पर चढ़े अंग्रेजी के शब्द, सलीके से बंधे बाल, गोरे-साफ सुथरे चेहरे वाली पूजा भी शहर की घूरती निगाहों से परेशान है। कहा, पहले सोचा फुटपाथ पर पड़े हैं, इसलिए लोग खरीदने की कोशिश करते हैं। रैनबसेरों में आसरा लेने की सोची, लेकिन वहां तो स्थिति और भी खराब रही। रात होते ही छेड़छाड़ होना शुरू हो गया। गरीब हूं, लेकिन इज्जत पर हुआ यह हमला न सह सकी, इसलिए फिर से फुुटपाथ को घर बना लिया। सामान बेचने के दौरान कई बार लोग हाथ लगाने की, छूने की कोशिश करते हैं, लेकिन मैं क्या बोल सकती हूं, पेट तो पालना ही है। लोगों की सोच अब भी पुरानी ही है। चुनाव के समय सब हमारी मदद करने का वादा करते हैं, लेकिन जीतने के बाद न नेता आते हैं ना ही मदद। आज तक कोई स्वयंसेवी संस्था भी हमारी मदद को आगे नहीं आई।

मैं पढ़ाऊंगी बेटियों को ताकि न रहना पड़े फुटपाथ पर
पूजा कहती है, मेरी जिंदगी जैसे गुजर रही है, मुझे चिंता नहीं, लेकिन बçच्चयों को भूखी आंखों का सामना नहीं करने दूंगी। एक-एक रूपया जोड़ रही हूं। बच्ची को स्कूल में भर्ती करवाऊंगी। गांव में भाई भी सरकारी स्कूल में पढ़ता है, अगले साल बेटी को भी स्कूल भेजूंगी। बस चाह यह है कि वो फुटपाथ पर जिंदगी ना काटे।

देह व्यपार के लिए नाबालिगों को लगाए जा रहे इंजेक्शन

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Udaipur. देशभर में चल रहे देह व्यपार की तस्वीर पेश करते हुए एक गैर सरकारी संगठन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आपराधिक गिरोह नाबालिग लड़कियो को बहला-फुसलाकर या फिर उनका अपहरण कर उन्हें जबरन हार्मोन इंजेक्शन लगा देते हैं ताकि उनका शारीरिक विकास जल्दी हो सके। इसके बाद उन्हें देह व्यपार में ढकेल दिया जाता है।

Prostitution265309-03-2014-12-53-99Wउत्तर प्रदेश के रेड लाइट एरिया में पिछले 24 साल से काम कर रहे “गुरिया स्वयं सेवी संस्थान” ने केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि देशभर में 30 लाख महिलाएं देह व्यपार से जुड़ी हुई हैं जिनमें से 40 प्रतिशत नाबालिग लड़कियां हैं। इसका मतलब 12 लाख नाबालिग लड़कियों को जबरन इस व्यपार में ढकेला गया।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी के अनुसार, संगठन ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का भी उदहारण देते हुए कोर्ट को अपनी याचिका में बताया कि वर्ष 2008 से 2010 के बीच 28 हजार बच्चों का अपहरण किया गया था, जबकि एक लाख 84 हजार 605 गायब हो गए थे।

संगठन की अधिवक्ता अपर्ना भट्ट ने कहा कि ज्यादातर अपहरण आपराधिक गिरोह देशभर में फैले अपने चकला घरों मे इन लड़कियों को रखकर इनसे जबरन देह व्यपार करवाकर अपनी जेब भरते हैं।

जस्टिस एच एल दत्तू और जस्टिस एस ए बोबड़े की खड़पीठ ने एनजीओ की याचिका पर केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि देह व्यपार में फंसी नाबालिग लड़कियों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

संगठन ने कहा, आपराधिक गिरोह नाबालिग लड़कियों को जबरन हार्मोन इंजेक्शन या दवाईयां देते हैं ताकि उनका शारीरिक विकास जल्दी हो। चकलाघर चलाने वाले लोग 10 से 13 साल की लड़कियों को तब तक ऎसी दवाएं देते रहते हैं जबतक वे “व्यपार” के लिए तैयार नहीं हो जातीं।

संगठन ने कहा कि रेड लाइट एरिया में लड़कियो का पहला कदम पड़ते ही इन्हें हार्मोनल इंजेक्शन और दवाईयां दी जाती हैं ताकि इनका शारीरिक विकास जल्दी हो सके। ऎसे में अगर इन लड़कियों को बचा भी लिया जाता है तो इनकी उम्र पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

संगठन ने कोर्ट को बताया कि 2005 से लेकर 2012 के बची उसने राजस्थान, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से 153 नाबालिग लड़कियों को ऎसे गिरोह के चंगुल से बचाया जा चुका

सातवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगी केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास

3120_2उदयपुर. केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास सातवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट से इस बार वे लगातार दूसरी बार चुनाव लडऩे जा रही हैं। इससे पहले उदयपुर संसदीय सीट पर पांच बार चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार जीत दर्ज की। टिकट मिलने के बाद डॉ. गिरिजा व्यास ने भास्कर को बताया कि जनता के बीच पांच साल में किए गए कार्यों को लेकर जाएंगी। चित्तौडग़ढ़ के ऐतिहासिक किले को वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल करवाया गया।

मावली-बड़ी सादड़ी रेलवे लाइन को ब्रॉडगेज को स्वीकृति दिलवाई और शिलान्यास किया गया। जल्दी ही वे आमान परिवर्तन के काम शुरू करवाने का प्रयास कर रही हैं।

गिरिजा के लिए 2009 के मुकाबले इस बार बदली हुई है तस्वीर

वर्ष 2009: चित्तौडग़ढ़ की पांचों विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस विधायक थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। चित्तौडग़ढ़ से यह उनका पहला चुनाव था। इस क्षेत्र में दो विधानसभा क्षेत्र मावली व वल्लभनगर उदयपुर जिले के हैं, जहां से पहले कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा के पक्ष में कोई लहर नहीं थी।

वर्ष 2014: राज्य के चुनावों में कांग्रेस की हार के कारण कार्यकर्ताओं का आत्म विश्वास कमजोर है। इस बार चित्तौड़ लोकसभा सीट की किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का विधायक नहीं है। इस सीट से वे दूसरी बार चुनाव लड़ रहीं हैं। भाजपा इस बार प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर बता रही है।

महिला दिवस : महिलाओं संग थिरकीं राजसमंद एसपी

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Udaipur.अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर शनिवार को ओड़ा मेंं आयोजित महिला शक्ति सम्मेलन में एसपी श्वेता धनखड़ महिलाओं संग थिरकने से खुद को रोक नहीं पाईं। महिला आईपीएस ने जब बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर इस तरह हौसला अफजाई की तो महिलाओं ने भी गौरवान्वित महसूस किया।

“राणाजी” में किया महिलाओं का सम्मान

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उदयपुर। महिला दिवस पर महिलाओं के सम्मान में यंग एंटरप्रेनियर्स ग्रुप ऑफ लेकसिटी व् हेल्थ लाइन फिटनेस स्टूडियो द्वारा फतह सागर स्थित रेस्टोरेंट राणाजी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे १०० से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। तथा समाज में विशिष्ठ योगदान रखने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम के संयोजक प्रशांत जैन ने बताया कि महिलाओं को आधी दुनिया ऐसे ही नहीं कहा जाता आज हम अपने समाज , परिवार , देश और दुनिया को बिना महिलाओं के सोच भी नहीं सकते अगर घर मे महिला माँ, बेटी, बहन , और पत्नी के रूप में मौजूद है तो यही माँ बेटी बहन समाज में देश में और दुनिया में हर क्षेत्र में अग्रणी है। प्रशांत ने बताया कि यही सोच लिए युवा नव उधमियों का ग्रुप “एंटरप्रेनियर्स ग्रुप ऑफ लेकसिटी” व् “हेल्थ लाइन फिटनेस स्टूडियो” ने महिलाओं के सम्मान में फतह सागर स्थित राणाजी रेस्टोरेंट में कार्यक्रम आयोजित किया ।
हेल्थ लाइन फिटनेस स्टूडियो के डायरेक्टर डॉ व्योम बोलिया ने बताया कि आज के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पन्नाधाय जानना अस्पताल की अधीक्षक डॉ चंद्रा माथुर थी जिन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाली सभी महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया और कहा कि वर्तमान युग महिलाओं का है। और अब पुरुषों क़े साथ कन्धे सें कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में महिलाये आगे आयी है , कार्यक्रम में समाज में विशिष्ट योगदान देने क़े लिए महिलाओं का सम्मान किया गया. कार्यक्रम के दौरान आयी महिलाओं ने खेल कूद एवम्‌ विभिन्न गतिविधियों द्वारा महिलाओं नें मनोरंजन किया.

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अरावली द्वारा अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी महिलाओं का सम्मान

IMG_2463अरावली इंस्ट्ीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी महिलाओं का सम्मान किया गया। आज के समारोह की मुख्यअतिथी श्रीमती रश्मि बोहरा, निदेशक, वर्धमान कोटा खुला विश्वविद्यालय थी एवं समारोह के गेस्ट ऑफ ऑनर के लिए प्रसिद्ध वकिल श्रीमती रागिनी शर्मा, प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट डॉ. रीतु अग्रवाल, आशाधाम आश्रम एन.जी.ओ. प्रमुख सिस्टर डेनियल, महिला समाज सोसायटी की अध्यक्षा श्रीमती माया कुम्भट, महिला पुलिस प्रभारी श्रीमती बिंदिया टाक ने आतिथ्य स्वीकार कर इस समारोह की गरिमा को बढ़ाया। अरावली संस्थान की ओर से सर्वप्रथम अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया व समूह निदेशक श्री हेमन्त धाभाई व निदेशक डॉ. अशोक जैन ने सम्मान स्वरूप मामेन्टो प्रदान किया। अपने उद्बोधन में श्रीमती माया कुम्भट ने महिला सशक्तिकरण पर विचार व्यक्त किए। डॉ. रश्मि बोहरा ने शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका व महत्ता के बारे में बताया व साथ ही कहा कि महिला परिवार समाज व राष्ट्र में असली मायने में सशक्त तभी बनेगी जब वह शिक्षित होगी। श्रीमती रागिनी शर्मा ने कहा कि महिला व पुरूष दोनों ही एक दूसरे के पुरक हैं व एक स्वस्थ्य राष्ट्र का निर्माण तभी हो सकता हैं जब स्त्री और पुरूष अपने अहम को मिटा कर राष्ट्र निमार्ण में समान भागीदारी दे। इसके अतिरिक्त अन्य वक्ताओं ने भी महिलाओं के सभी पहलुओं और विषयों पर विचार व्यक्त किए एवं इस अवसर पर सभी को बधाई दी। इस अवसर पर अरावली इन्स्टीट्यूट की तरफ से पोस्टर, रंगोली व कोलॉज प्रतियोगिता का आयोजन भी रखा गया। पधारें हुए अतिथियों ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया व अपना निर्णय देकर छात्रों को पारितोषिक दिया। अतिथियों द्वारा संस्थान की विभिन्न महिला फेकल्टी मेम्बर्स को भी उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। अन्त में समूह निदेशक श्री हेमन्त धाभाई व निदेशक डॉ. अशोक जैन ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

निरंकारी शोभा यात्रा में दिखा श्ऱद्धा व भक्ति का अद्भुत संगम

15 राजस्थान का प्रादेशिक निरंकारी संत समागम शुरू
10 चित्तोैडगढ , पायोरी मैने रामरत्न धन पायो‘ मीरां का यह सन्देश आज चित्तौडगढ की धरती पर एक बार फिर गुंज उठा जब संत निरंकारी मिशन के श्रद्धालु भक्तों द्वारा राजस्थान के निरंकारी संत समागम का शुभारम्भ एक भव्य शोेभायात्रा से किया गया । राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से आये हजारों श्ऱद्वालु भक्त अपनी अपनी पारम्परिक वेश-भूषा में नाचते-गाते एक ओर अपने सद्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज तथा उनकी धर्मपत्नी पूज्य माता सविन्दर जी का स्वागत कर रहे थे ओर दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों कों समागम के लिये आमन्त्रित कर रहे थे ।
यह शोभा यात्रा कलेक्टेट चोैराहे के पास से शुरू होकर समागम स्थल इन्दिरा गांधी स्टेडियम पर सम्पन्न हुई । बीच में निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज व पूज्य माताजी शास्त्री नगर चौराहे पर फूलों से सजे एक खुले वाहन में विराजमान् थे । श्रद्वालु भक्त नाचते-गाते आशीर्वाद प्राप्त करते हुये निकल रहे थे ।
इस शोभा यात्रा में चित्तौडगढ, जयपुर, कोटा, टौंक, कानोैता, राजसमन्द, पावटा, जैसलमेर, केकडी, हनुमानगढ, दौसा, जोधपुर , उदयपुर, भीलवाडा तथा राजस्थान के अन्य क्षेत्रों से आये श्रद्वालु भक्तों ने अपनी अपनी संस्कृति, भाषा तथा लोक-नृत्यों द्वारा अपने भक्ति-भावों को प्रकट किया और सद्गुरू के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें ईश्वर का ज्ञान देकर जीवन जीनें की यह अनूठी कला सिखाई । राजस्थान के अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, मध्यप्रदेश, ग्रुजरात तथा महाराष्ट से आये श्रद्वालु भक्तों ने अपनी अपनी कला द्वारा श्रद्वा तथा भक्ति को व्यक्त किया । फलस्वरूप भांगडा, गिद्या, डांडिया, गरबा, मालवा, जाग्गो इत्यादी नृत्यों से शोभा यात्रा ने ओर सुन्दर रूप धारण कर लिया ।
श्रद्वालु भक्त अपनी अपनी भाषा में यह संदेश दे रहे थे कि हमने ईश्वर को पाया है, तुम भी पा लो । हमारा अज्ञानता का अंधकार समाप्त हो गया है आप भी उजाले में स्थित हो जाओ और यह उजाला सद्गुरू की शरण में आये बिना प्राप्त नहीं हो सकता

विचार की व्यापकता ही जनजातीय विकास का वास्तविक पथ है – प्रो. टी. सी. डामोर

DSC_9045(जनजातियों पर दो दिवसीय सम्मेलन प्रारम्भ)

उदयपुर ,जनजातियों के विकास के लिए सामाजिक हैसियत से कोई समाज सेवी वर्तमान में नहीं है। जनजातियों का वास्तविक विकास समाज सेवियों के समर्पण भाव से ही सम्भव है। वर्तमान परिदृश्य में जनजातियों को अपने विकास के लिए अन्य समाजों के साथ संवाद एवं विचार विनिमय करना चाहिए। इससे उनकी विचारधारा व्यापक होगी और विचार की व्यापकता ही विकास का वास्तविक पथ है। उक्त विचार राजीव गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टी. सी. डामोर ने भूपाल नोबल्स स्नातकोŸार महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। आज आवश्यकता जनजातियों में विकास के असली मॉडल की समझ को विकसित करने की है। विशिष्ट अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए प्रो. संजय लोढा ने जनजातीय विकास के बाधक तत्वों का उल्लेख करते हुए कहा कि जनजातियों के विकास के लिए नेहरूजी के पंचशील सिद्धान्त की तरह मध्यम मार्ग को अपनाए जाने की आवश्यकता है जिससे उनका विकास भी और उनकी सांस्कृतिक पहचान भी बनी रहे। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया की औद्योगिक घराने रिलायन्स, टाटा आदि कल-कारखानंे स्थापित कर जनजातियों को विस्थापित कर रहे है पर उनके पुनर्वास की कोई कार्य योजना नहीं है।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में विषय पर प्रकाश डालते हुए जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. के. एन. व्यास ने विकास के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा आज़ादी के बाद से सतत् प्रयास के बाद भी विकास नहीं हो पाने का मूल कारण विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता का अभाव है। उन्होंने कहा कि जनजातियों को आज वैश्विक परिदृश्य से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनजातियों के विकास के लिए विकास के कार्यक्रम बनाए जाए, कार्यक्रमों के लिए जागरूक किया जाए, कार्यक्रमों तक उनकेी पहुँच हो तथा कार्यक्रमों पर उनका नियन्त्रण हो तभी विकास के वास्तविक प्रतिदर्श को लागू कर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष राजसमंद के पूर्व जिला प्रमुख श्री हरिओम सिंह राठौड़ ने कहा कि विकास योजनाओं की पूर्ण सफलता न होने का प्रमुख कारण समर्पण का अभाव है। जनजतियों के विकास के लिए जितने भी सरकारी व गैर-सरकारी एजेन्सियाँ है उन्हें विकास की दृष्टि से ही कार्य करना होगा तभी जनजातियों का पूर्ण विकास होगा। सम्माननीय अतिथि प्रो. दरियाव सिंह चुण्डावत ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के बिना विकास की अवधारणा को मूर्त करना असम्भव है। प्रमुख समाजशास्त्री प्रो. मोहन आडवाणी ने कहा कि नया समाज बहुआयामी है अतः सामाजिक सम्बन्धों को सुधारा जाए तथा विकास के लिए बाहरी व आन्तरिक सोच को विकसित करने कि आवश्यकता है।
इससे पूर्व महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह शक्तावत ने अतिथियों का स्वागत किया एवं दो दिवसीय सम्मेलन की रूपरेखा डॉ. कमल सिंह राठौड़ ने प्रस्तुत की व धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. ज्योतिरादित्य सिंह भाटी ने दिया।
सम्मेलन के तकनीकी सत्रों में सोनाली शर्मा, डॉ. हेमेन्द्र सिंह शक्तावत, डॉ. ज्योतिरादित्य सिंह भाटी, भगवती लाल सुथार आदि ने पत्र वाचन किया तथा तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रमुख समाजशास्त्री प्रो. मोहन आडवाणी, प्रो. सी. एल. शर्मा एवं प्रो के. एन. व्यास ने की।