हिस्ट्रीशीटर दानिश गिरफ्तार

तीन दिन पहले घर से उठाया था धानमण्ड़ी पुलिस ने, पुलिस हिरासत में होने के बावजूद भी टीडी में मारपीट का मामला दर्ज
उदयपुर। शहर में इन दिनों तेजी से माफिया राज हो जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पुलिस भी आदतन अपराधियों को पकडऩे के लिए उसके परिजनों पर दबाव बना रही है। यही नहीं बल्कि पुलिस अपराधियों के परिजनों से ही अवैध हथियार मंगवा कर आम्र्स एक्ट का मामला दर्ज करने के लिए विवश कर रही है। तीन दिन पूर्व धानमण्ड़ी थाना पुलिस ने आदतन अपराधी दानिश के घर दबिश देकर उसे डिटेन किया और अब टीडी पुलिस ने मारपीट के मामले में उसे गिरफ्तार बताया है। दानिश की मां ने बताया कि दानिश को धानमण्डी थाने का हेड कांस्टेबल फारूख तीन दिन पहले ले गया और कहा कि पूछताछ कर छोड़ देंगे, लेकिन उसे नहीं छोड़ा गया। तीन दिन से पुलिस हिरासत में होने के बाद भी पुलिस ने दानिश को टीडी थाने में एक शराब की दुकान पर मारपीट करने का मामला दर्ज कर गिरफ्तार बताया। जो आरोपी तीन दिन से पुलिस की हिरासत में है वह शहर के लगभग २० किलोमीटर दूर किसी शराब की दुकान पर कैसे मारपीट कर सकता है।
॥सोमवार शाम को थाना क्षेत्र में स्थित एक शराब की दुकान के पास मारपीट करने के मामले में दानिश को गिरफ्तार किया है।
जितेन्द्र सिंह – टीड़ी थानाधिकारी
॥कोर्ट ने दानिश के पिता व भाई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकाला था। जिस के लिए पुलिस ने उसके घर दबिश दी। पुलिस से बचने के लिए उसकी मां गलत आरोप लगा रही है।
राजेंद्र सिंह – धानमंडी थानाधिकारी
॥तीन दिन पहले धानमंडी से हेड कांस्टेबल फारूख आकर मेरे बेटे दानिश को ले गए, जबरन मुझसे पिस्टल लाने की मंाग करते हुए धमकी देना शुरू कर दिया।
खूशनूर – दानिश की मां

हमारी पुलिस कोने में, बूथ वीरान

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शहर में ट्रेफिक बूथों की अनदेखी, सिग्नल लाइट के भरोसे यातायात, बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था बनती है हादसे का सबसे बड़ा कारण
उदयुपर। शहर में ट्रेफिक चल रहा है, चलाया नहीं जा रहा है। चौराहों पर यातायात व्यवस्था संचालन के लिए लगे ट्रेफिक बूथ वीरान पड़े रहते है। वहीं व्यवस्था संभालने वाले ट्रेफिक पुलिसकर्मी इन बूथों के बजाय कोने में खड़े रहते है। चौराहें पर ज्यादातर पुलिस कर्मी फोन पर किसी से बतियाते दिखाई देते हैं। ऐसी हालत में ट्रैफिक व्यवस्था केवल सिग्नल लाइट के भरोसे पर ही टिकी होती है।
नगर के चोक-चौराहों पर दिनभर यातायात नियमों के टूटने का सिलसिला चलता रहता है। यातायात को नियंत्रित करने और हादसों को टालने के लिए शहर में चौराहे पर ट्रैफिक बूथ खड़े किए गए है। विभाग खुट इन गुमटियों की वर्षों से अनदेखी कर रहा है। यातायात पुलिस कर्मियों को तो जैसे याद ही नहीं कि बूथ उन्हीं के लिए खड़े किए गए है। चौराहे पर पुलिस कर्मी ड्यूटी तो देते है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। बूथों में खड़े रहने के बजाय सड़क किनारे दुकान या किसी अन्य स्थान पर खड़े रहते है। इस दौरान यातायात व्यवस्था वाहन चालकों के ही हवाले होती है। किसी को जल्दी हो और लगे कि निकल जाना चाहिए, तो वह ग्रीन लाइट का इंतजार नहीं करता। बल्की रेड लाइट में भी एक्सीलेटर घुमाकर सरपट निकल जाता है। पीछे वालों को लगे कि आगे वाला निकल गया और उन्हें भी निकल जाना चाहिए, तो पूरी की पूरी लाइन चल पड़ती है। फिर एक साइड से नियम टूटता देख दूसरी साइड वाले भी यातायात नियम तोड़कर निकल जाते है। नियम टूटते देख कुछ देर के लिए यातायात पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभाने बीच में आकर खड़े हो जाते है।
बूथों का हाल बेहाल
ट्रेफिक पुलिस के जवानों के लिए हजारों रूपए खर्च कर लगाई गई गुमटियां वीरान पड़ी रहती है। इनका बुरा हाल देखकर लगता है कि यह मोटा खर्च बेकार में ही गया। कोई बूथ जर्जर है, तो किसी का हालत खस्ता है। वहीं कुछ चौराहोंं पर तो बूथ गायब ही हो गए हैं। ऐसे में यातायात पुलिस इनमें अब खड़ा भी होना चाहे, तो पहले इन्हें दुरुस्त करना होगा।
खास चौराहे खाली
शहर के सूरजपोल, दुर्गानर्सरी रोड की गुमटियां तो हमेशा ही खाली पड़ी रहती है। व्यवस्था बिगडऩे पर पर पुलिसकर्मी ड्यूटी संभालने पहुंचते है, लेकिन तब भी बूथ में खड़े नहीं होते।
व्यवास्था बनाकर वे वहां से निकल जाते है। शहर के कई मुख्य चौराहों पर तो पुलिस के जवानों के खड़े रहने के लिए भी बूथ की व्यवस्था नहीं है।
युवाओं की दादागीरी
शहर के युवा और अन्य वाहन चालक अच्छी तरह से जानते है कि ट्रेफिक बूथों में वीरानी रहती है। ट्रैफिक पुलिस के जवान कोने में खड़े रहते है।
चौराहों पर पंहुचते ही वाहन चालक सीधा कोने की तरफ देखता है और यातायात पुलिस को मोबाइल व अन्य किसी से बतियाते देख नियम तोड़कर निकल जाता है। वाहन चालक रेड सिग्नल होने के बादजुद फर्राटे भरता है। तीन सवारी भी बिना रोक-टोक बाइक पर निकल जाते है। ऐसे दृश्य शहर में आम हो चले है।
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टवेरा व ट्रक की टक्कर, दो की मौत एक घायल

उदयपुर। सलूंबर थाना क्षेत्र के बैजनाथ की घाटी में गत रात्रि लगभग साढ़े १२ बजे एक ट्रक ने सामने से आ रही एक टवेरा को टक्कर मार दी। हादसे में टवेरा में सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई तथा एक घायल को सलूंबर अस्पताल में भर्ती कराया गया। आज सुबह मृतकों के परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम कराया गया।
पुलिस ने अनुसार बांसवाड़ा की खांदू कॉलोनी निवासी प्रीतम यादव पुत्र मंागीलाल यादव, जितेंद्र यादव व उसका साथी जगदीश यादव पुत्र शंकर यादव तीनों एक टवेरा में सवार होकर उदयपुर किसी काम से गए थे। जो कि काम खत्म कर पुन: गांव लौट रहे थे। इसी दौरान सलूंबर के बैजनाथ की घाटी में रात साढ़े 1२ बजे सामने से आ रही एक ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में जितेंद्र व प्रीतम की मौके पर ही मौत हो गई, तथा जगदीश गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे सलूंबर अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने दोनों के शव को सलूंबर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा कर परिजनों को सूचना दी। आज सवेरे परिजनों के आने पर दोनों के शव का पोस्टमार्टम करवा कर उन्हे सौंप दिया। पुलिस ने परिजनों के रिपोर्ट पर ट्रक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

अधेड़ की हत्या में एक गिरफ्तार

उदयपुर। माण्डवा थाना क्षेत्र के जोगीवाड़ा गांव में आपसी विवाद के चलते एक अधेड़ की हत्या के मामले में पुलिस ने गत रात्रि को हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को इस मामले में चार आरोपियों के तलाश जारी है।
गौरतलब है कि माण्डवा थाना क्षेत्र के जोगीवाड़ा गांव निवासी परथा पुत्र देवा गरासिया का गांव के ही रतना पुत्र हरा गमेती के साथ आपसी विवाद चल रहा था। उसी के चलते परथा ने एक माह पूर्व गांव में पंचायती का आयोजन किया। जोगीवाड़ा गांव के पंचों ने रतना गरासिया की गलती मानते हुए परथा को मुआवजा देने के लिए कहा। जिस पर आरोपी रतना ने मुआवजा देने के लिए एक माह का समय लिया। दो दिन पूर्व समय पूरा हो जाने पर परथा आरोपी रतना के घर गया। जहां रतना पुत्र हरा गमेती, उसका पुत्र साहिबा व साखिया, अम्बालाल पुत्र लाला गरासिया, हमीरा पुत्र नाथूलाल गरासिया ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के दौरान रतना ने परथा के सिर पर ल_ से वारकर परथा को गंभीर रूप से घायल कर दिया। सूचना पर पंहुचे परथा के परिजनों ने उसे तत्काल ही अस्पताल ले जाया गया, जहंा डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। मृतक के परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया। जांच के दौरान पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी को रतना को गत रात्री को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी रतना के दो पुत्र सहित चार आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस कई जगह दबिश दे रही है।

शराब की खराब नीति: महिलाओं ने थामीं लाठियां, मोहल्लों में दिन-रात पहरा

8923_80उदयपुर. शहर में शराब की नई दुकानों के स्थान को लेकर लोगों में जबर्दस्त नाराजगी हैं। पायड़ा व ठोकरा चौराहा क्षेत्र की महिलाएं तो समूह बनाकर लाठियां लिए रात-रातभर पहरा दे रही हैं। इन्होंने प्रशासन और ठेकेदारों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे किसी सूरत में ठेका नहीं खुलने देंगी। आबकारी विभाग द्वारा आनन फानन में किए लोकेशन वेरिफिकेशन के कारण ये हालात बने हैं। पायड़ा क्षेत्र में महिलाओं ने शराबियों को पकड़ कर पिटाई भी कर दी।

ऐसे हो रही है चौकसी
ठोकर चौराहा- क्षेत्र के फास्फेट नाका बस्ती की 30 से ज्यादा महिलाएं हाथों में लट्ठ लेकर क्षेत्र में प्रस्तावित शराब ठेके वाली जगह की पहरेदारी कर रही हैं। बताया गया कि पहले भी शराब ठेकेदार ने देर रात दुकान पर कब्जा जमा लिया था। इसी कारण इस बार पहले से चौकसी की जा रही है।

भट्टियानी चौहट्टा – क्षेत्र की 25 से अधिक महिलाएं भी शराब की दुकान के विरोध में कमर कसे हुए हैं। कलेक्टर और आबकारी विभाग को ज्ञापन देने के बाद अब तक कार्रवाई के इंतजार में हैं। ये महिलाएं उग्र आंदोलन करना पड़े तो भी तैयार हैं।

पायड़ा – क्षेत्र में महिलाओं ने शराब की दुकान की तरफ जाने वाले रास्ते को ही बंद कर दिया है। इसी सड़क पर तिरपाल बिछाकर विरोध किया जा रहा है। महिलाएं लाठियों से लैस हैं। इससे पूर्व महिलाओं ने क्षेत्र में गश्त की तथा एक कॉम्पलेक्स में शराबियों को पकड़कर पिटाई भी की।

॥हमारे मोहल्ले में देशी शराब की दुकान है। शाम होते ही शराबियों का आना जाना लगा रहता है। घर की महिलाएं बाहर जाने से भी डरने लगी है। यहां दुकान नहीं खोलने देंगे। -शांता देवी, क्षेत्रवासी, भटियानी चौहट्टा

॥ महिलाएं रातभर इसलिए चौकीदारी कर रही हैं, कि ठेकेदार वहां आधी रात में कहीं दुकान शिफ्ट न कर ले। शराब दुकान हटवाने के लिए पार्षद की मदद मांगी, लेकिन वे नहीं आए। हमने ठान लिया कि क्षेत्र में शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे। -सुशीला चौहान, फास्फेट नाका बस्ती

ठेकेदारों को नई जगह देखने को कह दिया है
॥पायड़ा और ठोकर चौराहा स्थित फास्फेट नाका बस्ती में शराब की दुकान नहीं लगाई जाएंगी। इसके लिए ठेकेदार को अन्य दुकान देखने के लिए कहा है। भटियानी चौहट्टा क्षेत्र में अगर दुकान के अंदर-बाहर लोग शराब पीते हैं तो मैं सीआई को भेजकर दिखवाता हूं और कानूनी कार्रवाई करेंगे। -संतोष कुमार, जिला आबकारी अधिकारी, उदयपुर

चेन स्नैचिंग: टेम्पो में साथ बैठीं, बातों में लगाकर तोड़ ली चेन

9265_81उदयपुर. यदि आप टेम्पो में बैठे हैं तो आसपास की सवारियों और उनकी संदिग्ध हरकतों पर नजर भी रखें। हो सकता है कोई आपकी चेन या कीमती सामान चुरा ले। ऐसी वारदात कुछ महिलाएं गिरोह बनाकर कर रही हैं। ऐसी ही वारदात सोमवार को कुम्हारों का भट्टा से भूपालपुरा मठ के बीच सेक्टर 5 के बसंत विहार निवासी मुन्नी देवी पत्नी खूबीलाल खटीक के साथ हुई।
टेम्पो में बैठी इस आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बातों में लगाया और ध्यान भटकाकर सहयात्री तीन महिलाएं साढ़े तीन तोला सोने की चेन ले भागीं। मुन्नी देवी कृष्णपुरा स्थित आंगनवाड़ी केंद्र पहुंची तब भनक लगी। हाथीपोल थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने नाकाबंदी भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। पीडि़त कार्यकर्ता ने बताया कि तीनों महिलाएं सुबह साढ़े बजे उसके साथ बैठी थीं। मुन्नीदेवी सोमवार सुबह मेनारिया गेस्ट हाउस से टेम्पो में बैठी। कुम्हारों का भट्टा के पास से उसी टेम्पो में तीन महिलाएं बैठीं।
शहरी बनकर आईं लग रही थीं गांव की
मुन्नी देवी ने बताया कि दल में तीन महिलाएं शामिल थीं। दो ने सफेद व एक ने लाल रंग का सलवार कुर्ता पहना था। एक हाथ में बच्चा भी था। तीनों आपस में कम ही बात कर रहीं थी। लेकिन जब भी बोलती तो शब्दों में ग्रामीण लहजा आ रहा था। महिलाएं खुद को शहरी क्षेत्र का बताने का पूरा प्रयास कर रही थीं।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी वारदात, टेम्पो वाले की भूमिका भी संदिग्ध
इससे पूर्व भी जनाना अस्पताल में इसी तरह की महिला चेन स्नैचर गैंग सक्रिय हुई थी। अस्पताल में जांच के लिए कतार में लगी महिलाओं के बीच खड़ी हो जाती तथा कतार में खड़ी महिलाओं का ध्यान भटकाकर चेन स्नैचिंग कर लेती। इस दौरान एक वृद्धा के सचेत रहने से इस महिला गैंग को पकड़ा गया था, जो नीमच से आईं थी। ताजा मामले में पुलिस को टेम्पो चालक की भी भूमिका संदिग्ध लग रही है। जब टेम्पो में जगह नहीं थी तो अतिरिक्त सवारियां क्यों बिठाईं। इसके अतिरिक्त जब महिलाएं उल्टी करने का प्रयास कर रही थी, तो टेम्पो क्यों नहीं रोका।
जी घबराने का बहाना कर उड़ाई चेन
मुन्नी देवी ने बताया कि टेम्पो में जगह नहीं थी फिर भी उन्हें बिठा लिया गया। सहानुभूति दिखाते हुए तीनों महिलाओं को स्थान दिया। इस दौरान तीनों महिलाएं, मेरे दोनों तरफ बैठ गईं। दल में शामिल एक महिला के हाथ में बच्चा भी था, उसने उल्टी आने का बहाना बनाया। वो सीट पर बैठे-बैठे ही खिड़की से उल्टी करने का नाटक करने लगी। मैंने उसे खिड़की की तरफ आने को कहा। ऐसे में पास बैठी अन्य महिला ने मेरे चेहरे के सामने काला बैग कर दिया और चेन उड़ा ली, जिसे में मैं समझ नहीं पाई।

फूलों के पथ पर चलकर आईं ‘महारानी’ वसुंधरा का शाही स्वागत

9152_34मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को दूदू समेत अजमेर जिले के सभी विधायकों से विधानसभा चुनावों के हालात जाने। इस दौरान उनके स्वागत में गुलाब के फूल बिछाए गए। साथ ही उनका स्वागत फूल बरसाकर किया गया। यहां उन्होंने विधायकों से कहा कि वे विधानसभा चुनाव में अपने क्षेत्र से मिली जीत के आंकड़े को बनाए रखें। विधायकों ने अजमेर में पिछले दिनों 5 दिन तक पानी की सप्लाई ठप रहने ओर बिजली के घरेलू बिल डेढ़-डेढ़ लाख के आने के मुद्दे भी उठाए। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया। पुष्कर के मेला ग्राउंड में आमसभा के बाद सभी विधायकों को पुष्कर रिसाला रिसोर्ट पहुंचने के निर्देश मिले।

9173_40 (1)रिसोर्ट के मानक निवास में आधे घंटे तक विधायकों से चर्चा की गई। उन्होंने विधानसभा वार चुनाव में अभी तक की रिपोर्ट ली और अब चुनाव प्रचार में तेजी लाने और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया गया। विधायकों ने इस दौरान अजमेर में पानी की सप्लाई 5 दिन तक प्रभावित रहने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान ऐसे हालात नहीं रहने चाहिए। इसके अलावा डिस्कॉम अधिकारियों की लापरवाही के चलते घरेलू उपभोक्ताओं के बिल डेढ़ लाख तक के आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए।

कांग्रेस के दो पार्षद भाजपा में शामिल
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुष्कर आगमन के दौरान विधायक सुरेश रावत के प्रयासों से पुष्कर नगर पालिका के वार्ड नंबर आठ की कांग्रेस पार्षद मंजू बाकोलिया और कांग्रेस के सहवरण पार्षद राजेंद्र महावर अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। इनके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता मानवेंद्र और कांग्रेस सेवादल दूदू के ब्लॉक अध्यक्ष बृजमोहन वैष्णव भी भाजपा में शामिल हुए। सेवानिवृत ब्रिगेडियर रामेश्वर सिंह राठौड़ और मेहुल गर्ग व रिषभ जैन के नेतृत्व में 111 कार्यकर्ताओं ने भी इस दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

बिजली बंद हुई तो उड़े होश
आमसभा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर रिसाला रिसोर्ट पहुंची। यहां जिस कक्ष में उनकी विधायकों के साथ बैठक होनी थी, उसकी बिजली गुल हो गई। इससे रिसोर्ट प्रबंधक समेत प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। मुख्यमंत्री के आने से पहले ही बैठक की व्यवस्था बदली गई और बैठक का कक्ष बदल दिया गया। बाद में पता चला कि तीन फेज में से एक फेज की सप्लाई बंद हो जाने से यह परेशानी हुई।

भाभी की हत्या कर शव गटर में डाला, प्रेमियों को बोला-बाहर आकर तुम्हारी बारी

6972_4जालंधर-होशियारपुर रोड पर जौहलां के पास गांव बोलीना स्थित एक धार्मिक डेरे के हैड ग्रंथी ने अपनी विधवा भाभी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद ग्रंथी ने शव डेरे के पास ही गटर में फेंक दिया। महिला तीन दिन से लापता थी और उसकी बहन ने ग्रंथी जेठ पर ही हत्या का शक जताया था। थाना आठ पुलिस ग्रंथी के पास पहुंची तो उसने खुद ही अपना गुनाह कबूल कर लिया। सोमवार को पुलिस ने उसके बताने पर गटर से लाश निकलवाई। मृतका ने सिर्फ अंडर गारमेंट्स ही पहने थे।

ग्रंथी ने कहा कि उसके भाई की छह महीने पहले मौत हुई थी और उसके लिए भाभी ही जिम्मेदार थी। उसका दो युवकों के साथ प्रेम प्रसंग था। उसी ने भाई को शराब में जहर दिया। इसी बात का उसने बदला लिया और उसे मार दिया। पुलिस ने आरोपी ज्ञानी महिंदर सिंह (55) को गिरफ्तार कर उस पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है जबकि मृतका कमलप्रीत कौर (30) के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा है।

मृतका की बहन रणजीत कौर ने बताया कि उसके पिता इकबाल सिंह दुबई रहते हैं। वह दो बहनें हैं। बड़ी बहन कमलप्रीत की 13 साल पहले शादी हुई थी, जिससे उसके दो बेटियां हैं। उसका जीजा गुरमीत सिंह लम्मा पिंड चौक के पास राजा भंगड़ा ग्रुप चलाता था। 23 अक्टूबर, 2013 को वह शराब पीकर आया था, जिसके बाद सुबह उसकी मौत हो गई थी। उस मौत के लिए उसका बड़ा भाई ज्ञानी महिंदर सिंह ही जिम्मेदार था। वह उसका पृथ्वी नगर वाला मकान हड़पना चाहता था। चार अप्रैल की सुबह करीब 12 बजे उसने फोन किया और उसकर बहन को डेरे पर बुलाया। इसके बाद से उसके दोनों मोबाइल स्विच ऑफ हो गए।

1404_1ज्ञानी महिंदर सिंह ने एडीसीपी नरेश कुमार डोगरा व मीडिया के सामने गुनाह कबूला। उसने बताया कि 23 अक्टूबर को भाई ने चिक-चिक चौक से चिकन व बीयर ली। घर बैठकर उसने बीयर पी और सो गया। सुबह उसकी मौत हो गई। पहले भाभी ने कहा कि गुरमीत साथ वाले बेडरूम में था, जिस कारण उसे पता नहीं चला। फिर बोली-गुरमीत उसके साथ ही बेड पर था। तीसरी बार कहा कि वह सो गई थी। उसे नहीं पता कि वह कब आया। उसने बताया कि इसी बात से उसे शक पड़ा। लोगों ने भी बताया था कि उसकी भाभी के एक शादीशुदा और एक कुंवारे लड़के के साथ संबंध हैं। उसने तब पुलिस को सूचना नहीं दी, चूंकि उसके पहले भाई भी मर चुके थे। वह खुद बदला लेना चाहता था। उसने तब से भाभी पर नजर रखी। कई बार भाभी के घर पर दोनों युवकों को अलग-अलग समय पर आते देखा। दो-दो घंटे युवक वहां रहते थे। फिर उसने पैसों का लालच देने वाला प्लान बनाया। भाभी को झांसा दिया कि किसी ने भाई के डेढ़ लाख रुपए देने हैं। कुछ दिन पहले अपने पास बुलाया। तभी भी एक युवक साथ आया था। शक यकीन में बदल गया कि भाभी के युवकों के साथ संबंध हैं।

मकान हड़पना चाहता था, चार अप्रैल को उसका बेटा ले गया था : रणजीत
मकान हड़पना चाहता था, चार अप्रैल को उसका बेटा ले गया था : रणजीत
मृतका की बहन रणजीत कौर ने बताया कि उसके पिता इकबाल सिंह दुबई में रहते हैं। वह दो बहनें हैं। बड़ी बहन कमलप्रीत की 13 साल पहले शादी हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। उसका जीजा गुरमीत सिंह लम्मा पिंड चौक के पास राजा भंगड़ा ग्रुप चलाता था। 23 अक्टूबर, 2013 को वह शराब पीकर आया था। इसके बाद सुबह उसकी मौत हो गई थी। उस मौत के लिए उसका बड़ा भाई ज्ञानी महिंदर सिंह ही जिम्मेदार था। उसी ने शराब में उसे कुछ मिलाकर पिलाया था, चूंकि वह उसका पृथ्वी नगर वाला मकान हड़पना चाहता था। कुछ महीने से वह बहन कमलप्रीत को फोन करके कह रहा था कि गुरमीत ने गांव के एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए लेने थे। वह व्यक्ति उसके पास आया है और वह पैसे लौटाना चाहता है। वह तीन किस्तों में पैसे देगा और उसे तीन हजार रुपए कमीशन देनी होगी। उसने बताया कि बहन उसकी बातों में आ गई। कुछ दिन पहले उसने उसे डेरे बुलाया। फिर वापस भेज दिया। चार अप्रैल की सुबह करीब 12 बजे उसने फोन किया और डेरे बुलाया। कुछ ही देर में ग्रंथी का बेटा गगनप्रीत आ गया और बहन को साथ ले गया। उसके बाद से उसके दोनों मोबाइल स्विच ऑफ हो गए। शाम को एक मोबाइल फगवाड़ा जाती बस से किसी यात्री को मिला और दूसरा मोबाइल एलपीयू स्टूडेंट को। रात तक बहन घर नहीं लौटी तो पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने ग्रंथी पर ट्रैप लगाया, लेकिन वह डेरे पर नहीं मिला। सोमवार सुबह वह पुलिस के हत्थे चढ़ा, जिसके बाद उसने खुलासा किया कि उसने हत्या कर शव गटर में फेंक दिया है। रणजीत कौर ने आरोप लगाया कि गुरमीत उसके जीजा का साढ़े चार माले का मकान हड़पना चाहता था, जिस कारण उसने ऐसा किया। जीजा के बाकी भाई पहले ही मर चुके हैं।
गिरफ्तारी से पहले मांगी माथा टेकने की इजाजत

महिंदर सिंह ने कहा कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है, बल्कि उसके मन से एक बोझ हल्का हुआ। जब पुलिस उसे थाने गिरफ्तार कर ले जाने लगी तो उसने डेरे पर माथा टेकने की इजाजत मांगी। पुलिस के हां करने पर उसने माथा टेका और फिर चुपचाप गाड़ी में बैठ गया। वे दो युवक भी मौके पर थे, जिन पर वह भाभी के संबंधों का शक जता रहा था। वहां उसने पुलिस के सामने धमकी दी कि बाहर निकलने के बाद अब उनकी बारी है। पुलिस ने उसे दबका मारा, जिस पर वह चुप कर गया।

प्रेमिका नहीं, बहन जैसी थी कमलप्रीत : सत्ती

सतनाम सिंह सत्ती ने बताया कि गुरमीत उसके भाई जैसा था। उसकी मौत के बाद उसी ने भंगड़ा ग्रुप संभाला और हर महीने कमलप्रीत को पैसे देता था, ताकि वह बच्चे को पाल सके। वह उसे बहन मानता था। इसके अलावा कोई और संबंध नहीं था। इसी तरह प्रिंस को भी वह भाई मानती थी। वह जानबूझ कर प्रेम संबंधों वाली कहानी बना रहा है। उसका मुख्य मकसद जमीन हड़पना था। वह धमकियां भी देता था कि उसके नाम जमीन कर दो, नहीं तो मार दूंगा। प्रिंस ने भी सत्ती की बातें ही दोहराई। एडीसीपी नरेश कुमार डोगरा का कहना है कि हत्या में फिलहाल महिंदर सिंह की ही भूमिका है। चूंकि महिंदर का कहना था कि कमलप्रीत अकेले उसके पास डेरे आई थी। उसका बेटा लेने नहीं गया था। पुलिस उसकी एक्टिवा के बारे में भी पता लगवा रहा है।

विष्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया

world health day celebrationउदयपुर , ऐश्वर्या महाविद्यालय में आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क दन्त परीक्षण शिविर का आयोजन कर मनाया गया जिसमें डॉ. हरलीन नरूला ने अपनी सेवाएं दी। प्राचार्य डॉ. विजयलक्ष्मी परमार ने बताया कि शिविर के प्रारम्भ में डॉ. हरलीन नरूला ने दांतों से सम्बन्धित विभिन्न जानकारियां से विद्यार्थियों को अवगत कराया। जिसमें उन्होंने दांतों की सफाई कब और कैसे करनी चाहिए, दांतों के लिए कौनसा मंजन व किस तरह का ब्रश उपयुक्त रहता है, दन्त संरचना, दांतो के विभिन्न भाग आदि के बारे में बताया। तद्पश्चात् उन्होने महाविद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों का दन्त परीक्षण किया तथा दांतों से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया।

कार्यक्रम के अंत में नीतू अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

कंधे की विकलागंता से मिली मुक्ती अब नहीे होगी विवाह में परेशानी

DSC00682IMG_0149IMG_0157 (1)उदयपुर , भीलो का बेदला प्रतापपुरा स्थित पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आज एक दुर्लभ आपरेशन को अंजाम दिया। दरअसल हम बात कर रहें मंगलवाड चौराहा निवासी संषोश कुमारी की। संषोश एक अजीबो गरीब बीमारी कंधे की विकलागंता से ग्रस्त थी। इस तरह की बीमारी लगभग 10 लाख बच्चों में एक के होती हैं। स्प्रेंजल डिफोरमिटी के नाम से जाने वाली इस बीमारी में मरीज का कंधा,गले की हड्डी से चिपका रहता हैं।इस वजह से कंधे व गर्दन का हिलना डुलना रूक जाता है।कपडे पहनना मुशकिल हो जाता हैं एवं कंधे का रूप हास्यापद हो जाता हैं। 15 बर्ष से दर-दर भटकने के बाद संषोश का अब पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल में निःशुल्क सफल ऑपरेशन हो चुका हैं। इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया पीएमसीएच के अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सर्जन डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी एवं उनकी टीम ने। जिन्होने एक के बाद एक आगे एवं पीछ से दो ऑपरेशन किए गए जिसमे पहले कंधे की हड्डी को गले की हड्डी सर्वाइकल वर्टि्का से काटकर अलग किया गया। कंधे की आगे की हड्डी को भी जगह-जगह से काट कर व्यवस्थित रूप दिया गया। ऑपरेशन के बाद संषोश कुमारी अब अन्य सामान्य इंसान की तरह दिख रही हैं। कपडे पहनना अब आसान हो गया हैं एवं उसका आत्मविश्वास पुःन लौट आया हैं।

डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी
विभागाध्यक्ष एवं सर्जन अस्थि रोग विभाग।
इस तरह के जटिल ऑपरेशन एम्स जैसे हॉस्पीटल में ही संभव है और इसका खर्चा भी बहुत आता हैं लेकिन विश्वस्तरीय सुविधाओ से युक्त उदयपुर के पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल में अब इस तरह के जटिल ऑपरेशन की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध हैं।

संतोश कुमारी-जब मेरे माता-पिता को मेरी बीमारी के सही होने का पता चला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उनको खुषी हैं की अब मेरे विवाह में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

डॉ. एस एस सुराणा
प्रिसिंपल एवं नियत्रंक
पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल