उदयपुर, सन्त पॉल हायर सैकण्डरी स्कूल में ६० वर्ष पूर्ण होने पर चार दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया। सेमीनार का विषय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं बच्चों का सर्वांगीण विकास रखा गया। सेमीनार का उद्घाटन १६ अप्रेल को स्कूल प्राचार्य फादर जॉर्ज वी.जे. ने किया।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हीरक जयंती वर्ष में संत पॉल ने यह बहुत ही महत्वपूर्ण आयोजन किया है जो बच्चों के सर्वांगीण शिक्षण की अधुनातन कार्य प्रणालियों तथा अध्ययन विधियों से संबंधित होने के साथ-साथ अभिभावकों के दायित्वों पर भी उपयोगी चर्चा लिए है। उन्होंने कहा कि रूकल का यह शैक्षणिक सत्र स्कूल परिवार को समग्रत: समर्पित है। उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में सभी का साझा प्रयास जरूरी है और इसे जिम्मेदारी के साथ निभाने के लिए कौशल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि २१वीं सदी में एक विद्यार्थी का जीवन सर्वप्रथम माता-पिता उसके बाद शिक्षक, मित्रगण व अन्त में मीडिया द्वारा सर्वाधिक प्रभावित होता है।
सेमीनार के तीसरे दिन गुरूवार शाम को कक्षा पहली से चौथी के बच्चों के अभिभावकों का सेमीनार आयोजित किया गया जिसमें भारी तादाद में अभिभावकों ने भाग लिया। सेमीनार में अभिभावकों ने इस उपयोगी एवं सार्थक आयोजन के लिए एसएमएस द्वारा प्राचार्य का आभार प्रकट किया।
अपने वक्तव्य के दौरान फादर मेनेजेज ने शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के तरीकों के साथ-साथ वर्तमान में विभिन्न संचार माध्यमों के प्रभावों से सावधान रहने के लिए बच्चों एवं अभिभावकों का आव्हान किया और शिक्षकों से अपने अध्यापक कार्य को रूचिपूर्ण बनाने के साथ-साथ उसे प्रभावशाली बनाने के मंत्र दिए।
विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के दात्यिव पर चार दिवसीय सेमीनार
आशाधाम में वृद्घाश्रम के लिए आवासगृह का निर्माण
धनपतियों, दानदाताओं से सेवा-सहयोग का आव्हान
उदयपुर, वृद्घजन, लावारिस, मानसिक रोगी, विकलांग, अपाहिज, गरीब, असहाय, बेसहारा निश:क्तजनों की सेवा सहायता का संकल्प लेकर सिस्टर डेमियन ने बिशप डॉ. जोसफ पतालिन की प्रेरणा से दिसंबर १९९७ में आशाधाम आश्रम की उदयपुर में स्थापना की। प्रारंभ में नगर की सडक पर अस्थि भंग होकर असहाय एक ऐसी भिखारी को आश्रम से जोडा गया जिसके हाथ-पैर सडांध मार रहे थे। उसके पास कोई न जा पा रहा था। उसको सिस्टर डेमियन ने उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया और आवश्यक उपचार तथा देखभाल प्रारंभ की।
गुरूवार को आयोजित प्रेसवार्ता में सिस्टर डेमियन, सिस्टर इगनस, सिस्टर अर्चना व सिस्टर शीना ने संयुक्त रूप से बताया कि इस प्रकार एक की शुरूआत से प्रारंभ हुआ यह सेवाकल्प आज १६५ जनों का संबल एवं सहारा बना हुआ है। इस बीच १५० व्यक्ति यहां रहते उपचार एवं स्वास्थ्य लाभ करते हुए मृत्यु को प्राप्त हुए जिनका उचित विधि से दाहकर्म किया गया। उन्होंने बताया कि संस्था का उद्देश्य बहु आयामी है। धर्म, जाति, भाषा आदि का कोई भेदभाव किए बिना उन सबकी सेवा करना है जो असहाय, गरीब, निराश्रित अथवा परित्यक्त एवं बेसहारा है। साथ ही उनको शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से सहारा देकर उनके जीवन में नई आशा, आनंद एवं उमंग जागृत करने का प्रयास करना है।
सिस्टर डेमियन ने बताया कि वर्ष २०१२ में राज्य सरकार की ओर से ५० विमंदितों के लिए अनुदान स्वीकृत हुआ था। अभी वर्ष २०१३ में और ५० व्यक्तियों के लिए अनुदान की स्वीकृत हो गई है। इसके अलावा विगत ८ वर्षों से राज्य सरकार से निशुल्क या रियायती दर पर भूमि की मांग की जा रही थी जिसके फलस्वरूप गत फरवरी माह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में आश्रम को ग्राम हवाला खुर्द बडी में वृद्घाश्रम के लिए २ लाख ६९ हजार वर्गफीट भूमि का आवंटन किया गया जिसके लिए ३२ लाख रूपया जमा करना होगा।
सिस्टर डेमियन ने बताया कि संस्था के पास वर्तमान में ऐसा कोई फंड नहीं है और समय की मांग को देखते हुए वृद्घाश्रम का अलग से निर्माण अति आवश्यक हो गया है। लगातार ऐसे लोगों की संख्या बढती जायेगी जिन्हें आश्रम में रखना और उनका ठीक से उपचार कराना आवश्यक होगा। इसलिए उन्होंने धनपतियों, दानदाताओं, भामाशाहों से आव्हान किया कि वे इस परमार्थ कार्य में अधिक से अधिक सहयोग करें और अन्यों को भी इसके लिए प्रेरित करें। प्रेसवार्ता में आश्रम के लिए मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा एम्बुलेंस, एसबीबीजे द्वारा एम्बुलेंस एवं आरएसएमएम द्वारा लोडिंग टेम्पो भेंट किए जाने पर संस्था सदस्यों ने आभार व्यक्त किया।
मौताणा तय हाने पर हुआ अंतिम संस्कार
उदयपुर, शराब के नशे में विषाक्त सेवन करने से पत्नि की मृत्यु हो गई तथा पति अचेता हो गया। घटना का पता चलने पर मृतका के परिजनों ने चढोतरा कर दिया। जहां तीसरे दिन दोनों पक्षों के बीच वार्ता में मौताणा राशी तय होने पर मृतका का अंतिम संस्कार हुआ।
जिले के पानरवा थानाक्षैत्र आधा लकड गांव निवासी हीरकी पत्नी कन्ना की शराब पीने के बाद विषाक्त सेवन करने से मृत्यु हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मोके पर पहुच कर मृतका के पीहर हेवरा थाना पानरवा सूचना दीं। इस पर दूसरे दिन मृतका के पीहर पक्ष के च$ढोतरा कर दिया। जहां तीसरे दिन सांय तक दोनों पक्षों के पंचों के बीच हुई वार्ता में २५ हजार रूपये झाल राशी देकर एक लाख पांच हजार में मौताणा तय हुआ। इस पर पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सुपुर्द किया। उल्लेखनीय है कि हीरकी व उसके पति कन्ना ने सोमवार रात में शराब पी। जहां किसी बात को लेकर विवाद होने पर दोनों ने विषाक्त सेवन कर लिया। जिन्हें उपचार के लिए झाडोल चिकित्सालय पहुचाया। जहां चिकित्सकों ने हीरकी को मृत घोषित कर दिया तथा कन्ना को रैफर करने पर उपचार के लिए एम बी चिकित्सालय में भर्ती कराया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक कोटडा रामधन बैरवा, पानरवा थानाधिकारी अभयसिंह, ए एसआई लक्ष्मणप्रसाद मय टीम ने मोके पर पहुच कर मृतका के शव को झाडोल चिकित्सालय मोर्चरी में रखवा पीहर पक्ष को सूचना दी।
Vedanta Khushi: Mein Azad Hoon
This story is of a village in Uttar Pradesh which is known for making bricks. The bricks are made from mud and several people from the nearby villages come and work in extreme conditions.
It was raining heavily and Yogi and Dharmu who work in a brick making small unit in Uttar Pradesh in Gajraula was coming back home from his daily work. Yogesh and Dharmu were quite drenched in the rains. As their house was still quite far, they decided to put-stay below a nearby tree. They saw a big tree, where many people were already hiding from the rains.
Amongst many people standing was a small boy of 8-9 years with a turban on his head which was bleeding with the colour of mud and his hands were also full of mud. His knees were swollen and his elbows also bleeding.
Yogesh asked this small boy about his condition and whether he has taken some medicine or is he going to the doctor. The child sounded a little stubborn , “I am alright and these are small wounds and i will be alright”. Dharmu was not convinced and he felt the child is in pain and is sounding brave. He started checking the wounds of the child and realized that the child must be working in a brick making factory and while lifting bricks he has got himself injured.
“How come a 8-9 year old child work like this. And how come the owner of the brick making factory employ these child labours”, Dharmu asked Yogesh, who had no certain answers. Dharmu asked the child where he was working and the child in innocence disclosed the name of the factory. It was not far away from the place Dharmu and Yogesh were working.
The rain stopped and both of them went ahead for their homes. Dharmu happened to know a social worker in his village who used to work for the welfare of children. He approached him in the night and next day, the government officials went and conducted a surprise check at the premises of this factory. Not one, the owner had engaged at least 10-12 children in work. To same a small petty amount, the owner had taken the law for a ride. The owner arrested and the children were set free. The factory was sealed.
Dharmu was quite happy and so was his friend Yogesh. While going back, Dharmu recognized the child, he was smiling and jumping. Dharmu asked his name and he said “Main Azad Hoon”. “My father now cannot force me to work. Ill go to school from next week”, he was shouting with his friends. The child name was ‘Azad’, but he rightly said, “Main Azad Hoon”.
NOTE : When Vedanta Khushi campaign was launched, very little we knew how much impact it would bring in community. KHUSHI believes, sensitivity in people towards critical issues is increasing and people of all walks of society are taking steps forward for the prevention and also cure.
बंगलौर में बीजेपी कार्यालय के पास धमाका
बंगलौर पुलिस के मुताबिक शहर में बुधवार सुबह क्लिक करें भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के करीब हुए एक विस्फोट में आठ पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 16 लोग घायल हो गए.
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की टीम मौक़े पर पहुंच चुकी है और घटनास्थल से सबूत इकट्ठा कर रही है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने मीडिया से बताया है, “एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है, हम राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हैं और हर संभव मदद के लिए तैयार हैं.”
चरमपंथी हमला
हालांकि अभी तक के जांच में ये पता नहीं चला है कि विस्फोटक में किन पदार्थं का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन जांच करने वाले अधिकारियों का दल इसके हर पहलू की जांच कर रहा है. हालांकि इसे एक चरमपंथी हमले के तौर पर देखा जा रहा है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अभी इस चरमपंथी हमले के लिए किसी चरमपंथी संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने जांच पूरी होने तक देश की जनता से संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा, “हम लोग हर किसी से शांति और संयम बरतने की अपील कर रहे हैं इसके लिए जरूरी है कि किसी तरह के अफवाह पर आप लोग ध्यान नहीं दें.”
पुलिस को संदेह है कि विस्फोटक को एक मोटरसाइकिल पर रखा गया था. घायलों को निकट के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है.
बीजेपी ऑफिस के पास धमाका
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक क्लिक करें बंगलौर के पुलिस आयुक्त राघवेन्द्र औरादकर ने बताया कि विस्फोट सुबह लगभग साढ़े दस बजे मल्लेश्वरम इलाक़े में हुआ. उन्होंने कहा, “अभी मैं इतना ही कह सकता हूं कि ये एक विस्फोट था.”
शुरूआत में माना जा रहा था कि विस्फोट सिलेंडर के कारण हुआ लेकिन पुलिस का कहना है कि ये धमाका बम या विस्फोटक से हुआ था. पुलिस ने पूरे इलाक़े की घेराबंदी कर दी है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट के कारण आसपास के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. साथ ही पास की कई इमारतों के शीशे भी चटक गए.
कर्नाटक में पांच मई को विधानसभा चुनाव होने हैं और बुधवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था. यही वजह थी कि भाजपा ऑफिस में काफी भीड़ थी. राज्य में पाँच मई को विधानसभा चुनाव होने हैं.
सो. बी बी सी
प्रेरणास्त्रोत बनी पहली 3 धात्री दान दाता माँ
उदयपुर। उत्तरी भारत व राजस्थान के पहले दिव्य मदर मिल्क बैंक को तीन धात्री माताओं के द्वारा दान किये गये दुध के पश्चात बैंक का विधिवत संचालन सोमवार से हुआ। रविवार को हुए शुभारम्भ के पश्चात् सोमवार को तीन धात्री दान दाता माताओं के द्वारा दुध दान करने से मदर मिल्क बैंक को 10 यूनिट माँ का दूध प्राप्त हुआ हैं।
प्रथम धात्री दान दाता माँ मनीषा वैद्य ने कहा कि समाचार पत्र एवं टीवी चैनलों पर मदर मिल्क बैंक द्वारा नवजात बच्चों के लिए धात्री माँ के दूध की उपलब्धता करवा कर किये जा रहे पुनीत कार्य की खबर का पता चलते ही मन में दुध दान करने की स्व-प्रेरणा जागृत हुई, जिसके फलस्वरूप आज बैंक में दुध का दान किया हैं। मनीषा ने बताया कि उनके इस फैसले में उनके पूरे परिवार ने सहयोग दिया।
दूसरी धात्री माँ खुशबु ने बताया कि मदर मिल्क बैंक द्वारा नवजात बच्चों के जीवन को बचाने के लिए दूध की उपलब्धता करवाने का कार्य काफी सराहनीय हें। खुशबु ने कहा कि स्तनपान से ना सिर्फ बच्चा बल्कि माँ को भी लाभ मिलता हैं, जिससे माँ व बच्चा दोनो ही स्वस्थ्य रहते हैं।
इस अवसर पर मदर मिल्क बैंक के समस्त स्टाफ द्वारा तीनो धात्री माताओं को सभी माताओं के लिए प्रेरणा-स्त्रोत बताया गया। तीनो धात्री माताओं ने कहा कि वह अन्य माताओं को भी इस पुनीत कार्य के लिए प्रेरित करेगी जिससे की नवजात बच्चों के जीवन को बचाया जा सके।
मेवाड के भरोसे है राज्य की सरकार: कटारिया
उदयपुर, । कटारिया ने कहा कि राज्य की सरकार मेवाड के भरोसे है और मेवाड राज बनाने वाले लोगों का समूह है।
वसुंधरा राजे की सुराज संकल्प यात्रा के समापन अवसर पर गांधी ग्राउण्ड में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रतिपक्ष के नेता एवं शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच वर्षों में मेवाड को सिर्फ १ लाख ५७ हजार करोड का अपने पांच बजटो में दिया जो कुल बजट का १ प्रतिशत हिस्सा भी नहीं है। जिस मेवाड के जरिए राज्य में सरकार बनती है जहां के २२ एमएलए चुनाव जीतकर सरकार को बनाते है वहां की जनता को बजट का २० प्रतिशत हिस्सा में नहीं मिल रहा है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने शासन में मेवाड की उपेक्षा की है। आने वाले चुनावों में जनता अपने वोटों से इसका फैसला करेंगी और राज बदलकर ही दम लेगी। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य के कारण ही हम सरकार में वापस आते है। यदि मैं अच्छे कार्य करूंगा तो पांच साल बाद फिर लौटकर आउंगा नहीं तो मुझे भी जनता द्वारा अपने गांव देलवाडा भेज दिया जाएगा।
वसुंधरा राजे के सभा स्थल पहुंचने से पूर्व सभा को राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी, सतीश पुनिया, राजेन्द्र सिंह राठौड, औंकार सिंह लखावत, कैलाश मेघवाल, पदमसिंह कुलस्ते सहित कई भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में स्वागत अभिनंदन महापौर रजनी डांगी ने किया। कार्यक्रम का संचालन लोकेश द्विवेदी ने किया।
भाजपा में जुडे: वसुंधरा राजे की सभा के दौरान डॉ. बसंती लाल पितलिया, श्याम सुंदर पुरोहित, उमेश मनवानी, लक्ष्मण सिंह, नवल सिंह, पुष्पा परिहार, भंवर मेघवाल, के.के. गुप्ता आदि ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
कौन है ’भय्या’: कटारिया जब मंच से भाषण दे रहे थे तो मंच पर उपस्थित वसुंधरा राजे का स्वागत करने के लिए कार्यकर्ताओं में होड मची थी। भाषण के दौरान जब मंच के पीछे से तेज आवाज हुई और कार्यकर्ताओं द्वारा जबरदस्ती की जा रही थी तो कटारिया ने अपने भाषण के बीच ही पूछ लिया ’कौन है भय्या’।
राजस्थान में वसुंधरा के नेतृत्व में बनेगी सरकार: गडकरी
यात्रा के प्रथम चरण की अभूतपूर्व सफलता दी कटारिया व राजे को बधाई
केन्द्र सरकार पर जमकर किया कटाक्ष
उदयपुर, । पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की १३ दिन से जारी सुराज संकल्प यात्रा के समापन समारोह को पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया।
गडकरी ने अपने उदबोधन में कहा कि अंधेरा छटेगा, फुल खिलेगा और राजस्थान में वसुंधरा के नेतृत्व में परिवर्तन होगा और भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने अपने भाषण में भय, भूख व भ्रष्टाचार को मिटाना को यही पार्टी का सपना है। कांग्रेस के राज में भूखमरी है। यह सरकार देश से गरीब दूर नहीं कर सकती और ना ही बेरोजगारी को मिटा सकती है। उन्होंने गुजरात के विकास का उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात का विकास आज देश का विकास मॉडल बन चुका है। उन्होंने कहा कि देश धनवान है पर यहां की जनता गरीब है। कांग्रेस का कुशासन ही इसका कारण है। केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियां इसकी जिम्मेदार है। आज ६५ साल के बाद भी देश में गरीबी, भूखमरी के हालात है।
गडकरी ने कहा कि गुजरात व मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार ने विकास किया है क्यों ना राजस्थान में भी सुराज राज्य के लिए वसुंधरा को चुना जाए ताकि राजस्थान को फिर से प्रगति के पथ पर लाया जा सके। उन्होंने अपने भाषण के समापन पर जुटी भीड का अभिवादन करते हुए वसुंधरा राजे एवं कटारिया को इसकी सफलता पर अभूतपूर्व बधाई दी।
गडकरी ने अपने भाषण के दौरान एक चुटुकुले का उदाहरण देते हुए केन्द्र पर कटाक्ष किया। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया- उन्होंने बताया कि मैसेज में महात्मा गांधी को स्वर्ग में बताया गया और जब गांधीजी ने चित्रगुप्त से अपने बंदरों में बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनका अंधा बंदर तो आज देश का कानून बन गया है, बहरा बंदर सरकार है जो जनता पर ध्यान नहीं दे रही है और गूंगा बंदर-बहुत मजे में है और ९ साल से देश का प्रधानमंत्री बना हुआ है।
कटारिया विरोधी के पास न रथ रुका , ना ही स्वागत के लिए बुलाया
उदयपुर, । वसुंधरा राजे की सुराज संकल्प यात्रा को उदयपुर में समापन अवसर पर कटारिया विरोधियों को तवज्जों नहीं दी गई।
जैसा कि पुरी यात्रा में गुलाबचंद कटारिया का विरोधियों से छत्तीस का आंकडा रहा वहीं बात यात्रा के समापन अवसर पर भी दिखाई दी। कटारिया विरोधी ताराचंद गुट, धर्मनारायण जोशी समर्थक एवं महिला भाजपा नेता सुषमा कुमावत के साथ २०० महिलाएं हाथीपोल के समीप स्वागत के लिए वसुंधरा की प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन कारवा के आगे चलते हुए कटारिया ने वहां कारवां को रूकने ही नहीं दिया तथा सीधा स्टेडियम की ओर लेकर रवाना हो गए। इससे वहां घंटो से प्रतीक्षा कर रहे कार्यकर्ताओं ने स्वयं को उपेक्षित महसूस किया तथा सभी भ$डास निकालते देखे गए।
उपेक्षित रही किरण: डबोक से उदयपुर तक के मार्ग पर लगे बडे-बडे होर्डिंग्स में से केवल सेवाश्रम के समीप लगे होर्डिंग्स पर किरण की छवि दिखाई दी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी यहां उन्हें कोई ज्यादा तवज्जों नहीं दी गई। वहीं मंच पर भी जब किरण वसुंधरा राजे के समीप बैठी थी तो वसुंधरा ने उन्हें हटाकर भाजपा के वरिष्ठ नेता भानुकुमार शास्त्री को अपने पास बैठाया। मंच पर कटारिया विरोधी गुट के किसी कार्यकर्ता एवं नेता स्वागत के लिए नहीं बुलाया गया।
सुराज संकल्प यात्रा के पहले चरण का समापन
राज्य का युवा, किसान, गरीब सभी परेशान: राजे
’जय-जय राजस्थान’ के साथ हुई सभा का समापन
उदयपुर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की सुराज संकल्प यात्रा के प्रथम चरण का समापन मंगलवार को उदयपुर के गांधी ग्राउण्ड पर हुआ। सभा में वसुंधरा राजे ’आओ मिलकर साथ चले’ का जनता से आव्हान किया।
समारोह में तीन घंटे देरी से पहुंची वसुंधरा राजे ने अपने भाषण में राज्य सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मेरी १३ दिन में यात्रा में मेरे सम्मान किया गया। कहीं चुनरी ओढाई गई। उस चुनरी का कोई मौल नहीं पर बुजुर्ग महिलाओं ने मुझे अपनी बेटी बनाया तो किसी ने बहन बनाया जो मुझे मेरे परिवार का अहसास कराता है। मैं मेरे परिवार को विश्वास दिलाती हूं कि वे जहां भी रहेंगी सेवा करेगी और उन्हें कभी कलंकित नहीं होने देंगी। कांग्रेस के राज में जनता दुखी हुई है, इस सरकार ने कभी उनका मुसीबत में साथ नहीं दिया वे हमेशा ही उन्हें दुखी रखकर खुश हुए है। यात्रा के दौरान राज्य सरकार द्वारा गरीबों के लिए की गई घोषणाओं की भी जानकारी उन्हें जयपुर से मिलती रही परन्तु उनमें से अभी तक कोई भी योजनाएं जमीन पर नहीं आई है। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान उन्होंने नौजवानों की आंखो में दर्द देखा। बेरोजगारी के कारण राज्य राज्य का युवा परेशान है।
राजे ने अपने भाषण में कहा कि कई बुजुर्ग महिलाओं ने महंगाई के बारे में उन्हें बताया। इस राज्य सरकार ने किसानों को भी दुखी कर दिया। आज किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो चुका है। उन्होंने लोगों को आव्हान करते हुए कहा कि आज जनता चाहती स्वयं सरकार को हटानी चाहती है।
उन्होंने कहा कि जिस समय वे राज्य की मुख्यमंत्री बनी तब राज्य बीमारू प्रदेश की श्रेणी में आता था। हमने सरकार में आते ही राज्य की हालत को सुधारा। राजे ने कहा कि यदि हमें पांच साल और मिलते तो हम राजस्थान ’अग्रणी’ राज्य बन जाता।
उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों को आव्हान किया कि क्या वे नहीं चाहते कि २४ घंटे बिजली मिल और उनके बच्चों का सपना पूरा हो। इसके लिए हम सब को साथ मिलकर चलना होगा।
१५००० की भीड: वसुंधरा राजे की सुराज संकल्प यात्रा के समापन कार्यक्रम में करीब १५००० हजार की भीड जुटी। भीड में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। अधिकतर महिलाओं एवं पुरूषों को ग्रामीण क्षेत्र से जुटाया गया था।
कार्यकर्ताओं ने रोका: वसुंधरा राजे के सभास्थल पर तीन घंटे देरी से पहुंचने के कारण जब कटारिया भाषण देने आए उसके पश्चात महिलाओं की भीड उठकर जाने लगी। इस पर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने मोर्चा संभालते हुए हाथ जोडकर बैठने की विनती की। कई महिलाओं ने यह कह डाला कि- घर पर खाना बनाना और घडी में आठ बज चुकी है।
कटारिया ने जोडे कार्यकर्ताओं के हाथ: वसुंधरा राजे सिंधिया के सभास्थल पर पहुंचते ही मंच के समीप ही भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड जुट गई। इस दौरान मंच से ही भाजपा के प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने हाथ जोडकर कार्यकर्ताओं से जहां जगह है वहीं बैठने की विनती की।
वसुंधरा को माला पहनाई: सुराज संकल्प यात्रा के समापन अवसर पर कार्यक्रम में वसुंधरा राजे का मंच पर स्वागत करते हुए कटारिया ने पहले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को माला पहनाई एवं महाराणा प्रताप की प्रतिमा भेंट की। इसके पश्चात उन्होंने वसुंधरा राजे सिंधिया का माला पहनाई जिस पर वसुंधरा राजे ने उठकर कटारिया का हाथ पकड जनता के सामने विजयी घोष लगाते हुए ’जय-जय राजस्थान’ का नारा लगाया।