बापू बाजार जैन व्यवसाय संघ के द्विवार्षिक चुनाव सम्पन्न

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unnamed (3)लसोड़ संरक्षक, दुग्गड़ अध्यक्ष, दक महामंत्री एवं कोठारी कोषाध्यक्ष
उदयपुर दिनांक, बापू बाजार जैन व्यवसाय संघ की साधारण सभा में सौहाद्रपूर्ण माहौल में द्विवार्षिक चुनाव सम्पन्न कराकर नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया जिसमें सर्वसम्मति से श्री किरणचन्द्र लसोड़ को आजीवन संरक्षक, श्री गंभीरसिंह मेहता, श्री फतहलाल जैन, श्री के.एस. मोगरा, श्री शम्भुकुमार जैन, श्री राजकुमार फत्तावत एवं श्री ललित लोढ़ा को मार्गदर्शक, श्री हरकलाल दुग्गड़ को अध्यक्ष, श्री सुरेन्द्र कुमार बाबेल को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्री शान्तिलाल सिंघवी, श्री अरविन्द लोढ़ा एवं श्री सुरेन्द्र कुमार कोठारी को उपाध्यक्ष, श्री प्रवीण दक को महामंत्री, श्री भूपालसिंह कोठारी को कोषाध्यक्ष, श्री नरेन्द्र जैन, श्री उमेश मेहता एवं श्री हिम्मतसिंह गदिया को मंत्री, श्री नरेन्द्र डांगी, श्री अरविन्द पचौरी एवं श्री यशवन्त कटारिया को सहमंत्री, श्री सुशील तलेसरा को सांस्कृतिक मंत्री, श्री अभय कुमार बोहरा को संगठन मंत्री, श्री डूंगरसिंह कोठारी को प्रचार प्रसार मंत्री, श्री अनिल मेहता को मुख्य संयोजक सेवा प्रकोष्ठ, श्री कमल कोठारी, श्री रमेश सिंघवी एवं श्री देवीलाल कोठारी को संयोजक सेवा प्रकोष्ठ बनाया गया।
सभा के प्रारम्भ में अध्यक्ष श्री किरणचन्द्र लसोड़ ने सभी का स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों की समस्त जानकारी दी। कोषाध्यक्ष श्री भूपालसिंह कोठारी ने समस्त आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। मार्गदर्शक श्री गंभीरसिंह महता एवं श्री फतहलाल जैन ने संघ द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए अपने विचार रखें। नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री हरकलाल दुग्गड़ एवं महामंत्री श्री प्रवीण दक ने भावी कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम का सफल संचालन महामंत्री श्री सुरेन्द्र कुमार बाबेल ने किया।

स्वमी विवेकानन्द जयन्ती समारोह सम्पन्न

DSC_1764 राजस्थान कृषि महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्रावास में स्वामी विवेकानन्द समारोह का भव्य आयोजन किया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा॰ एस॰ आर॰ मालू, मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार धाबाई, क्षेत्रीय प्रबन्धक, युनियन बैंक ऑफ इण्डिया एवं श्री गणपत सिंह राणावत, मुख्य प्रबन्धक, युनियन बैंक ऑफ इण्डिया ने अपने विचार व्यक्त किये।

DSC_1687समारोह में मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो0 ए.यू. सिद्धिकी, महाविद्यालय के सहायक छात्र कल्याण अधिकारी प्रो0 अरविन्द वर्मा एवं स्नातकोत्तर छात्रावास के अधीक्षक डॉं0 विनोद साहरण उपस्थित थे । समारोह में छात्रों द्वारा स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर प्रकाश डालते हुये अपने-अपने विचार व्यक्त किया एवं छात्रावास के मेघावी छात्रों का सम्मान किया गया ।

विद्यापीठ विश्वविद्यालय का 28 वां स्थापना दिवस मनाया

शिक्षा देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे – उपेन्द्र कुशवाहा
समाज निर्माण का जिम्मा शिक्षा पर – उपेन्द्र कुशवाहा
10 को उत्कृष्ट सेवा सम्मान तथा 8 को विशिष्ट सेवा सम्मान से नवाजा

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उदयपुर | में पंडित नागर द्वारा स्थापित विद्यापीठ आदिवासी तथा वंचित वर्ग के लिए शैक्षिक व सामाजिक विकास में लगी हुई है। यह कहा जा सकता है कि शिक्षा आदर्श समाज के पुनर्गठन के लिए तथा प्रगति सुनिश्चित करने के लिए आधारभूत आवश्यकता है यही शिक्षा का वास्तविक उद्ेश्य है। वर्तमान में कई चुनौतियां है। आज जरूरत है समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा मिले लेकिन यह तभी संभव है जब शिक्षा को स्किल डवलपमेंट ;कौशल विकासद्ध के साथ जोड़ें। इसके लिए जरूरत है रोजगारोन्मुख शिक्षा की। शिक्षा का मूल उद्ेश्य मनुष्य की आत्मा और उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को निखारना है और अभिव्यक्ति के लिए समर्थ बनाना है। व्यक्ति को साक्षर एवं प्रबुद्ध बनाते हुए जिविकोपार्जन के लिए तैयार करना है। यह कहना है केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा का। अवसर था जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय का 28 वां स्थापना दिवस।

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नई शिक्षा नीति शीघ्र:-
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि देश में नई शिक्षा नीति जल्दी ही लागू की जायेगी। यह शिक्षा नीति स्किल डवलपमेंट के आधार पर होगी। यह नीति दिल्ली में बैठ कर नहीं बल्कि गांवों में जाकर उनकी राय के आधार पर इस नीति को बनाई जायेगी। इसमें सभी वर्गो का सहयोग लिया जायेगा। नई शिक्षा में क्वालिटी एज्यूकेशन पर जोर दिया जायेगा तथा स्कील डवलपमेंट के नाम से नया मंत्रालय बनाया जायेगा।
प्रो. सीपी अग्रवाल ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति एचसी पारीख ने कहा कि यह दिवस बिते वर्षो में किये गये कार्यो का मूल्यांकन तथा नवीन दायित्वों का बोध कराने का है। और हमारी भूमिका को फिर से परिभाषित करने का सामय है। समारोह के प्रारंभ कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यापीठ के इतिहास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्थापक मनीषी जनार्दनराय नागर तीन रूपये उधार लेकर व तीन कार्यकर्ताओं के साथ इसकी स्थापना की है और आज विद्यापीठ ने वट वृक्ष का रूप ले लिया है। उन्होने कहा कि विद्यापीठ की नई पीढी से मेवाड के ग्रामीण समुदाय के काम हाथ में लेते हुए जनुभाई के सपनो को साकार करने की बात कही। रंगकर्मी व फिल्म अभिनेता मनोज जोशी ने कहा कि देश एवं समाज को आगे बढाने के लिए मूल्यपरक शिक्षा की आवश्यकता है। शिक्षा से समाज व राष्ट्र का निर्माण होता है। आज हमे विवेकानन्द एवं महात्मा गांधी के आदर्शो को अपनाने की जरूरत है। उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा ने कहा कि व्यक्ति को समाज का आदर्श एवं अच्छा नागरिक बनाने में शिक्षा की प्रमुख भूमिका रहती है। और शिक्षा का उद्ेश्य व्यक्ति के मानसिक विकास से ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज के विकास से जुडा है। पं. नागर ने मेवाड के आदिवासी अंचल में महिला एवं प्रौढ़ शिक्षा की स्थापना की थी। समारोह में विशिष्ठ अतिथि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के अति. एडवोकेट जनरल डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी, एमडीएस विवि अजमेर के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी,, प्रो. शिव राज तथा रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह का संचालन डॉ. हीना खान तथा डॉ. धीरज जोशी ने किया जबकि धन्यवाद जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने दिया। समारोह में पूर्व कुलपति डॉ. लोकेश भट्, प्रो. एन.एस.राव, प्रो. एसके मिश्रा,, डॉ.हेमशंकर दाधीच, डॉ. धमेन्द्र राजोरा, प्रो. जीएम मेहता, डॉ. राजन सूद, डॉ. मनीष श्रीमाली सहित शहर के गणमान्य नागरिक, विद्यापीठ कार्यकर्ता एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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इनको मिला विशिष्ठ सम्मान:-
रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने बताया कि विवि स्थापना दिवस पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले फिल्म ( भागम भाग, हेराफेरी, हलचल, विवाह कलाकार इंडियन टेली एवं अप्सरा पुस्कार से सम्मानित मनोज जोशी को कला कीर्ति , कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी को शिक्षा भागीरथ, अति. एडवोकेट जनरल डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी कानून कोहिनूर, साहित्यकार डॉ. महेन्द्र भाणावत को लोककला सुमेरू, अनंत गणेण त्रिवेदी को शांति सारथी, अजुन मीणा को समाज सेतु सम्मान, शिवराज को समाज विभूति, सुश्री अपूर्वी जोशी को क्रीड़ा कीर्तिकेतु सम्मान से सभी सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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इनको मिला उत्कृष्ट सेवा सम्मान:-
स्थापना दिवस पर विद्यापीठ में श्रेष्ठ कार्य करने वाले प्रो. पीके पंजाबी, डॉ. मंजू मांडोत, प्रो. मुक्ता शर्ता, डॉ. सुमन बाला, डॉ. हरीश शर्मा, अरूण पानेरी, के.एल. वैष्णव, इकबाल हुसैन, बालकृष्ण शुक्ला, कालू सिंह एवं भीमराज डांगी को उत्कृष्ट सेवा सम्मान से अलंकिृत किया गया।

पंचायत चुनाव में नेताओं के रिश्तेदारों की भरमार

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electionRPJHONL004211220148Z42Z16 AMप्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में भले ही प्रमुख राजनीतिक दल परिवारवाद से दूर रहने का दावा कर रहे हों, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है।

विभिन्न जिलों में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए सियासी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों की फेहरिस्त पर निगाह डालें तो पहले चरण में कोटा संभाग व राज्य के कुछ अन्य स्थानों को छोड़ सभी जगह नेताओं के रिश्तेदारों की भरमार नजर आती है।

कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले रिश्तेदारों को ज्यादा टिकट दिए हैं। भाजपा ने हालांकि नाथद्वारा के विधायक कल्याण सिंह की पुत्रवधू का टिकट काटकर सख्ती के संकेत दिए, लेकिन प्रतापगढ़ जिले में जनजाति विकास मंत्री नन्दलाल मीणा के बेटे के साथ उनकी पुत्रवधू भी जिला परिषद सदस्य की उम्मीदवार है।

उदयपुर में कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला के बेटे को गोगुंदा पंचायत समिति में टिकट दिया था, लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया। डूंगरपुर में पूर्व विधायक लालशंकर घाटिया की पत्नी राधा देवी पंचायत समिति बिछीवाड़ा के वार्ड आठ से मैदान में हैं।
प्रतापगढ़ जिला परिषद के वार्ड संख्या 16 से मीणा के पुत्र व प्रतापगढ़ के मौजूदा प्रधान हेमन्त और वार्ड 15 से पुत्रवधू सारिका को बाकायदा भाजपा का चुनाव चिह्न तक जारी हो चुका है।
बांसवाड़ा जिला परिषद में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया की पत्नी रेशम मालवीया वार्ड 13 से प्रत्याशी हैं, तो आनन्दपुरी पंचायत समिति के लिए वार्ड 14 से उनके पुत्र प्रेमप्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।
चूरू में भाजपा सहकार प्रकोष्ष्ठ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश आबूसरिया की पत्नी इन्द्रमणि जिला परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशी हैं। दौसा में भाजपा ने पूर्व विधायक नन्दलाल बंशीवाल के बेटे रोहित को पंचायत समिति के वार्ड संख्या 23 और वार्ड 9 से पूर्व विधायक जियालाल बंशीवाल के पुत्र विक्रम को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीणा जयपुर के बस्सी क्षेत्र के वार्ड 24 से जिला परिषद चुनाव लड़ रहे हैं।
जोधपुर में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा वार्ड 33 व पुत्री दिव्या वार्ड 25 से जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, पूर्व मंत्री स्व. नरपतराम बरवड़ की पुत्री गीता को कांग्रेस ने वार्ड 13 से प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस ने सीकर के दांतारामगढ़ से विधायक पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नारायणसिंह के पुत्र वीरेन्द्रसिंह को पंचायत समिति चुनाव में उतारा है, तो झुंझुनूं में सूरजगढ़ विधायक श्रवणकुमार के बेटे डॉ. प्रवीण कुमार जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव जी.आर. खटाणा की पत्नी गीता दौसा में जिला परिषद का चुनाव लड़ रही हैं। दौसा के वार्ड 23 से दो बार चुनाव हार चुके कांग्रेस नेता रामनाथ राजौरिया के पुत्र अमित को प्रत्याशी बनाया गया है।
अलवर के कठूमर में पूर्व विधायक रमेश खींची के दो पुत्र व पुत्रवधू पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं, तो पूर्व विधायक बाबूलाल बैरवा के पुत्र अवधेश भी पंचायत चुनाव मैदान में हैं।
श्रीगंगानगर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुलदीप इंदौरा की पत्नी सीमा घड़साना पंचायत समिति के वार्ड 12 से चुनाव लड़ रही हैं।

इनका कहना है
जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने की शुरूआत भाजपा ने ही की है। पंचायत चुनाव में पार्टी इस मामले में 95 प्रतिशत सफल रही है। इसके बावजूद कुछ मामले सामने आए हैं, उनमें कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
कैलाशनाथ भट्ट, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

कांग्रेस ने पार्टी के प्रति समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता तथा जिसकी जीत की संभावना है, उसे टिकट दिया है।
अर्चना शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस

अब मनचलों की खैर नहीं, वाट्सएप से पकड़ रही पुलिस

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WhatsAppजयपुर। राजधानी की पुलिस इस साल से आवारा और मनचले मजनुओं के पीछे पड़ गई है। पुलिस ने एक जनवरी को दो मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर इनपर वाट्स एप सुविधा शुरू की है, जिसपर आठ जनवरी तक चालीस शिकायतें आई हैं।

जिसमें से आधी शिकायतें मजनुओं और मनचलों के खिलाफ हैं। पुलिस इन शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने तरीके से इन मनचलों का भूत भी उतार रही है। दोनों नंबर पुलिस कंट्रोल रूम में रखे गए हैं।

केस 1
चार जनवरी को शिप्रापथ इलाके से एक छात्रा ने पुलिस के वाट्स एप नंबर पर मैसेज किया कि उसे एक युवक अश्लील मैसेज भेजता है और मोबाइल पर फोन करता है। छात्रा ने मना किया तो सिरफिरे ने देख लेने की धमकी दी।

बाद में छात्रा ने पुलिस को उसका मोबाइल नंबर मैसेज किया। पुलिस ने मोबाइल नंबर ट्रेस कर जांच की तो युवक शिप्रापथ इलाके का ही था। उसे लेकर पुलिस छात्रा के घर गई और छात्रा के सामने ही उसे ठीक से समझाया। हालांकि छात्रा ने किसी भी तरह की कानूनी प्रक्रिया के लिए मना कर दिया।

केस 2
छह जनवरी को शिप्रापथ इलाके में रहने वाली एक कामकाजी युवती ने पुलिस के वाट्स एप नंबर पर फोन कर एक युवक के बारे में सूचना दी। उसने बताया कि युवक उसे परेशान करता है और दोस्ती का दबाव बनाता है।

फोन पर गंदे मैसेज भेजता है। पुलिस ने मोबाइल नंबर ट्रेस किया। सात जनवरी की दोपहर ही पुलिस सिरफिरे को लेकर युवती के घर पहुंच गई और युवती से उसके सामने ही पूछताछ की। मामला खुलने के बाद मजनूं ने माफी मांगी। बाद में युवती ने केस दर्ज कराने से मना कर दिया।

सात दिन में जुड़े 517 लोग
पुलिस की इस नई सुविधा को सार्वजनिक करने के बाद से अब तक इन दोनों मोबाइल नंबरों से 517 लोग मोबाइल नंबरों के जरिए जुड़ चुके हैं। यह संख्या हर दिन तेजी से बढ़ रही है।

इस सुविधा के अच्छे परिणाम आने के बाद अब हर थाने को भी इस प्रक्रिया से जोड़ने की तैयारी है। थाने से इस सुविधा को जोड़ने के बाद इन शिकायतों का और जल्दी निपटारा संभव हो जाएगा।

इसी साल जारी किए ये नंबर
8764868199
8764868200

“मनचले” मुर्गे ने मुर्गियों को छेड़ा, मामला पहुंचा थाने

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cockRPJHONL0041201201511Z40Z58 AMलखनऊ के लखीमपुर खीरी में एक दंपती ने पड़ोसी के मुर्गे पर अपनी मुर्गियों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इस घटना से परेशान दंपती ने पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की है। जिले के निघासन क्षेत्र में ईश्वदीन और उसकी पत्नी रामगुनी ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

इसके मुताबिक उनके पड़ोसी रामू का मुर्गा उसके घर के पीछे बनी ढाबली में घुसकर उनकी मुर्गियों से छेड़खानी करता है। वह अब तक आधा दर्जन बार मुर्गियों को परेशान कर चुका है।

निघासन थाना प्रभारी राम कुमार यादव ने इस घटना पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आए दिन उनके पास इस घटना के संबंध में शिकायत आ रही है। इस झगड़े से मुहल्ले के लोगों को परेशानी होती है।

पाबंद करेगी पुलिस
पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। अगर वे इस मुद्दे को लेकर झगड़ना जारी रखते हैं तो उन्हें पाबंद किया जाएगा।

अब मोदी के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं, सभी कुछ अच्छा चल रहा है, अब देशवासियों को दिखाएं परिणाम

मनोज बिनवाल

udaipurpostसवा सौ करोड़ देशवासी नए भारत के उज्जवल भविष्य के लिए उसी दिन दौड़ पड़े थे, जब उन्होंने नरेन्द्र मोदी के वादों पर भरोसा करते हुए भाजपा को वोट दिया था। पांच सालों तक विकास की धीमी गति और घपलों-घोटालों के बाद 2014 में कोटि-कोटि भारतीयों ने तीन दशक बाद स्थिर सरकार चुनी । सरकार ने भी अभी तक 8 महीनों में सकारात्मक संकेत दिया है कि वह देश के लिए कुछ करना चाहती है। सत्ता में आते ही मोदी ने अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने में ही अपने कार्यकाल का पहला महीना खर्च किया। मकसद था ढांचागत सुधार के लिए विदेशों से धन जुटाना। इसी वजह से उन्होंने जापान से लेकर अमेरिका और चीन तक इकोनॉमी लिफ्ट का अपना एजेंडा पहुंचाया है। जनता को इस पर भरोसा भी इसलिए विधानसभा चुनाव में भी वह भाजपा को जितवा रही है। लेकिन नए साल में देश को 1 करोड़ नौकरियों की आवश्यकता है। स्मार्ट सिटी, डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करना होगा। मंहगाई में कमी के असर को घरों तक पहुंचाना होगा। यानी नए साल में सरकार को संकेत से ज्यादा धरातल पर कुछ करना होगा। उधर सरकार के लिए सभी कुछ शुभ-शुभ ही हो रहा है। अर्थव्यस्था की विकास दर बढ़ी है। क्रूड आइल के दाम कम होने से देश का वित्तीय घाटा आैर सब्सिडी का बोझ कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि बेहतर हुई है। विदेश निवेश बढ़ा है। घरेलू उत्पादन बढ़ रहा है। घरेलू मोर्चे पर पेट्रोल- डीजल के दाम में 12 फीसदी और दैनिक अावश्कताओं की वस्तुओं की कीमतों में भी कुछ कमी आई है। इस साल केन्द्र सरकार के सामने सिर्फ बिहार में ही राजनीितक चुनौती है। यानी पूरा साल काम करने और उनके नतीजे दिखाने के लिए है।

बजट पर रहेंगी नजरें
अब सभी की नजरें आम बजट पर हैं। यह बजट मोदी सरकार का एजेंडा तय करेगा कि सरकार की अगले चार साल के लिए लाइन आफ एक्शन क्या होगी। इससे पहले मोदी सरकार के वित्त मंत्री के तौर पर अरूण जेटली की ओर से पेश किए गए अंतरिम बजट में कुछ करने की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी। इसलिए अब नए बजट पर देश और दुनिया की नजर लगी हुई है। इसमें भी इन प्रमुख मुद्दों पर देशवासी उत्तर चाहेंगे। मसलन
* देशव्यापी जीएसटी यानी गुड्स और सर्विस टैक्स को लागू करने के लिए राज्यों को आर्थिक मदद कैसी दी जाएगी।
* डायरेक्ट टैक्स कोड कैसे लागू होगा और इनडायरेक्ट टैक्स प्रक्रिया का सरलीकरण कैसे होगा।
फूड सबसिडी से लेकर कुकिंग गैस सबसिडी तक को आधार से जोड़ने और बैंक अकाउंट तक सबसिडी को पहुंचाने की चुनौती का भी हल उन्हें निकालना है।
* राेगजगार बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया का फोकस छोटे उद्योगों पर होगा या बडे उद्ममों पर। या दोनों को साथ में रखते हुए कोई मिश्रित फार्मूला होगा।
विनिवेश से भी 38,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा।
* गंगा शुद्धिकरण और किसानों के हालात सुधारने और उन्हें उपज के वाजिब दाम दिलवाने के लिए सरकार की योजना क्या है।
* बजट घाटा संभालने और खर्च में कमी के लिए क्या-क्या किया जा रहा है।

हर साल एक करोड नौकरियां की दरकार
सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती नौकरियों को लेकर है। तीन दशक बाद देश को बहुमत वाली सरकार देने में बेरोजगारी या बेहतर करियर की तलाश में भटक रहे युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसलिए सरकार भी इस दिशा में सक्रिय है। विश्व बैंक के एक अनुमान के अनुसार भारत में हर साल एक करोड़ नौकरियों की जरूरत है। अब इस साल कारपोरेट सेक्टर में 10 लाख नौकरियाें की ही संभावना है। कृषि और इससे जुड़े असंगठित क्षेत्र के रोजगार इससे अलग हैं। यह पिछले कुछ सालों में सबसे बेहतर स्थिति है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नौकरियों की संख्या बढ़ाने मे कम से कम दो साल का समय लगेगा। तत्काल नौकरियों के लिए सरकार को छोटे और मध्यम उद्योगों पर फोकस करना होगा। तभी साल भर में नई नौकरियां आ सकती हैं। मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी उद्योगों को लगाने के बाद भी नई नौकरियां आने में कम से कम दो साल लग जाएंगे।

स्वच्छता के लिए लाना होगा कानून
मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान का देश भर में अच्छा संदेश गया है। लेकिन जमीन पर इसे और कारगर बनाने के लिए स्वच्छता संबंधी कानून modi pm caricatureलाने की जरूरत है। इसके बिना 2019 तक स्वच्छ बनाने के लक्ष्य को पाने में मुश्किलें आएंगी। पिछली सरकारों ने 14 साल में टॉयलेट बनाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं लेकिन स्थिति अभी भी बेहद खराब है। ऐसे में नई सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है और उसने आइटी कंपनी टीसीएस और भारती फाउंडेशन को इस मिशन से जोड़ा है। खासकर गंदगी फैलाने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर दंडात्मक प्रावधान करने होंगे।

स्मार्ट सिटी और डिजीटल इंडिया
स्मार्ट सिटी और डिजीटल इंडिया प्रोजेक्ट पर अमल किया जा रहा है यह सरकार को इसी साल दिखाना होगा। पिछले बजट में स्मार्ट सिटी और डिजीटल इंडिया पर सरकार ने पर कम रकम रखी थी।
अंतरिम बजट मे सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी के लए 7060 करोड़ का बजट रखा था। यानी एक सिटी के लिए 70 करोड़। जानकारों का कहना है कि यह रकम तो िसर्फ प्लानिंग में ही खत्म हो जाएगी। इसलिए इस साल सरकार को 100 स्मार्ट सिटी बनाने का पूरा प्लान आैर पैसे की व्यवस्था बजट में करनी होगी।
डिजिटल इंडिया योजना के पहले चरण में हर यूनिवर्सिटी में वाई-फाई और स्कूलों में इंटरनेट होगा। 50 हजार गांवों को ब्रॉड बैंड से कनेक्ट किया जाएगा। साथ ही मोबाइल इंटरनेट के जरिए बैंक खातों का संचालन होगा। टेलीमेडिसन से डॉक्टर से सलाह लेना आसान होगा। इसके लिए सरकार ने अंतरिम बजट में एक लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया था। इस पर अभी तक कुछ खास नहीं हुआ है। यह ऐसी योजना है जिस का अमल जनता को आसानी से समझ में आ जाएगा।

महंगाई, कालाधन और लोकपाल
सरकार को इस साल जिन कसौटियों कर कसा जाएगा उनमें महंगाई काे कम करना सबसे प्रमुख है। पेट्रोल-डीजल सस्ते हुए हैं, खाद्य महंगाई कम हुई है, लेकिन अभी इसका उतना फायदा जनता तक नहीं पहुंचा है। नए साल में कीमतों में कमी के असर को घरों तक पहुंचाना होगा। इसके अलावा विदेशों से कालाधन लाना, लोकपाल की नियुक्ति करना, जैसे मुद्दों पर पर सरकार के काम की समीक्षा होगी।

अध्यादेश की राजनीति
संसद में कुछ गतिरोधों के बाद भाजपा ने बीमा में एफडीआई की सीमा बढ़ाने और जमीन अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश का सहारा लिया। कुछ बिल लोकसभा में तो पारित हो चुके हैं। भाजपा को इन बिलों को पारित करवाने में विपक्ष का रचनात्मक सहयोग लेना चाहिए। सरकार का तर्क है कि राज्यसभा में विपक्ष के हंगामें के कारण कुछ बिल पारित नहीं हो पाए। विकास की गति को तेज करने के लिए ऐसा करना जरूरी था। वैसे संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर भी कानूनों में संशोधन किसा जा सकता है। जो भी हो भारत में संसद की सर्वोच्चता बनाए रखी ही जानी चाहिए। इसकी सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सत्तापक्ष की होती है और इसे भाजपा को नहीं भूलना चाहिए।

कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका में आना ही होगा
इस सब के बीच कांग्रेस अभी भी अपनी भूमिका की तलाश में है। कांग्रेस दोहरे सदमे में है। पहले तो उसे यह स्वीकारने में समय लग रहा है कि वह अब सत्ता से बाहर है। दूसरा वह यह बात भी नहीं पचा पा रही है कि जनता ने उसे प्रमुख विपक्षी दल बनने लायक भी सीटें नहीं दी। और रही सही कसर महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड में हार ने पूरी कर दी। पर उसे विपक्ष की भूमिका में तो आना ही होगा। सवाल भूमिका को लेकर भी है। पार्टी में भूमिका परिवार की होगी या अब किसी कार्यकर्ता को पार्टी में अहम भूमिका सौंपी जाएगी। कांग्रेस को जनता को यह तो बताना ही होगा कि भले भी जतना ने उसे विपक्ष के लायक भी नहीं समझा पर वह इस भूिमका को लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी की तरह निभा रही है। शायद इसी सकारात्मकता में से कंाग्रेस के लिए कोई भविष्य का रास्ता निकले।

अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का मतलब …. ?

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फ्रांस की राजधानी पेरिस में दस पत्रकारों सहित 13 व्यक्तियों की हत्या की जितनी निंदा की जाए कम है। किसी भी सभ्य समाज में हिंसा के लिए ना पहले कभी कोई स्थान था और ना आज है।
हिंसा से किसी समस्या का ना तो कोई हल निकला है और न निकलने की कोई उम्मीद है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाने के प्रयास तब से चल रहे हैं, जब से ये दुनिया बनी है। दौर राजशाही का रहा हो, तानाशाही अथवा लोकतंत्र का, कभी शासकों की तरफ से कलम और जुबान पर रोक लगाने के प्रयास हुए तो कभी किन्हीं संगठनों की तरफ से।
पेरिस में एक मैगजीन के दस पत्रकारों की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उसमें छपे कार्टून हमलावरों को पसंद नहीं थे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करने वाले ऎसे लोगों को जितनी कड़ी सजा दी जाए, कम है। लेकिन इसी तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में कहने, लिखने और विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी है।
हर कोई अपने-अपने तरीके से इस आजादी का उपयोग करता है लेकिन इसका लाभ उठाने वालों को अपनी लक्ष्मण रेखा भी तय करनी होगी। आजादी का मतलब यह कतई नहीं हो सकता कि किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करें। आजादी के मायने ये नहीं हो सकते कि किसी की आस्था पर हमला किया जाए।
कार्टून व्यंग्य को अभिव्यक्त करने का अच्छा माध्यम है लेकिन उसमें अश्लीलता को कोई कैसे और क्यों स्वीकार करे? स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता कतई नहीं हो सकता। पेरिस की जिस मैगजीन के पत्रकारों पर हमला हुआ वह मैगजीन समय-समय पर अनेक धर्मो पर कार्टून के माध्यम से व्यंग्य करती रही है, इसका पहले भी विरोध होता रहा है। ऎसे कार्टून छापती रही है जिसे परिवार के सदस्य साथ बैठकर देख नहीं सकते।
दुनिया में बड़ी संख्या ऎसे कार्टूनिस्टों की है जो बिना अश्लीलता के भी समाज, राजनीति और धर्म पर व्यंग्य कसते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करने वाले इस बात को समझें कि उनके कृत्य से किसी को बंदूक उठाने की नौबत ही नहीं आए।
ध्यान इस बात का भी रहे कि हम कबीलाई दौर में नहीं जी रहे हैं जहां हिंसा भी जायज मानी जाती हो और किसी की भावनाओं को आहत करने को भी गलत नहीं माना जाता हो। हम सभ्य और स्वतंत्र समाज में जी रहे हैं जहां स्वच्छंदता के लिए कोई जगह नहीं है।

फ्यूल भरवाते ही पकड़ में आएगा चोरी का वाहन

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भारत पेट्रोलियम ने की व्यवस्था शुरू, मोबाइल पर आएगा एसएमएस

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उदयपुर। अब चोरी की गाड़ी में फ्यूल भरवाते ही चोर पकड़ा जाएगा। यह भारत पेट्रोलियम ने अपने ग्राहकों के लिए शुरू की है। इसके तहत चोर द्वारा भारत पेट्रोलियम के पम्प से गाड़ी में पेट्रोल-डीजल भरवाते ही मालिक को एसएमएस जाएगा, जिसमें तेल की मात्रा, राशि एवं लोकेशन का उल्लेख होगा। इससे मालिक अपनी गाडी की लोकेशन का पता पुलिस को दे सकेगा। राजस्थान में कुछ शहरों में शुरू होने के बाद जल्द ही इस व्यवस्था को उदयपुर में भी लागू किया जाएगा।
चोरी की गाडिय़ों की महीनों तक पुलिस पता नहीं लगा सकती, लेकिन भारत पेट्रोलियम ने ऐसी व्यवस्था शुरू की है कि भारत के पेट्रोलपंप से अगर चोर उस गाड़ी में कितने का भी फ्यूल भरवाता है, तुरंत मालिक के पास इसका एसएमएस चला जाएगा और मालिक को गाड़ी का पता चल जाएगा। इसके लिए मालिक को अपने मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन भारत पेट्रोलियम पर करवाना होगा। उदयपुर में यह सुविधा जल्दी ही शुरू होने वाली है। उदयपुर शहर में भारत पेट्रोलियम के आठ पेट्रोलपंप है।
वाहन मालिक घर बैठे रख सकेंगे नजर : एसएमएस सुविधा से उन ग्राहकों को भी फायदा होगा, जिनकी गाड़ी (टैक्सी, ट्रक एवं अन्य भारी वाहन) ड्राइवर चलाते हैं। आमतौर पर ड्राइवर व कंडक्टर गाड़ी में तेल कम भरवाते हैं और बिल ज्यादा लेकर मालिकों को चूना लगाते हैं, लेकिन इस सुविधा के बाद जैसे ही ड्राइवर गाड़ी में पेट्रोल अथवा डीजल भरवाएगा, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस से जानकारी पहुंच जाएगी कि ड्राइवर ने कितनी मात्रा एवं राशि का तेल कहां से भरवाया है। इससे तेल चोरी भी रूकेगी। इसके साथ सरकारी विभागों में होने वाली तेल चोरी भी रूकेगी।
ऐसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन : भारत पेट्रोलिमय के उदयपुर जिले के सेल्स अधिकारी हरप्रीतसिंह ने बताया कि कंपनी की तरफ से रजिस्ट्रेशन सुविधा निशुल्क है। इसके लिए ग्राहक को वाहन व मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जैसे ही पेट्रोल पंप पर रजिस्ट्रशन होगा, उसकी डिटेल कंपनी को भेज दी जाएगी। इसके बाद देशभर में कहीं भी भारत पेट्रोलियम के पम्प से तेल भरवाने पर मालिक को एसएमएस भेजा जाएगा। इसमें तेल भरवाने की मात्रा भी निश्चित नहीं है, मालिक चाहे तो 50 रुपए का भी तेल भरवा सकता है। नागौर शहर में यह सुविधा चौधरी पेट्रोल पंप पर शुरू की गई है।
वर्जन…
भारत पेट्रोलियम कंपनी ने यह सुविधा अभी शुरू कर दी है। ग्राहक इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए भारत पेट्रोलियम के पंप पर अपने मोबाइल नंबर व गाड़ी नम्बर रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। उदयपुर में यह सुविधा जल्दी ही शुरू की जायेगी। अभी राजस्थान के अन्य शहरों में हुई है। यहां पर जैसे ही सुविधा शुरू होगी इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
-शीतल अमिन, डायरेक्टर अप्पाजी पेट्रोल पंप

पिस्टल दिखा कार ले कर फरार

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उदयपुर। चीरवा घाटे में मध्यरात्रि बाद करीब एक बजे उदयपुर की ओर आ रहे कार सवार को चार जनों ने बीच राह पिस्टल दिखाकर रोका और मारपीट कर कार लेकर फरार हो गए। प्रथम दृष्टया मामला कार की लोन किस्तें बकाया होने के कारण सीजर द्वारा कार लेकर भागना लग रहा है।
डिप्टी गोपालसिंह ने बताया कि रावजी का हाटा निवासी मनोज कुमार देवगढ़ से उदयपुर की ओर लौट रहा था। उस दौरान घाटे पर भैरव मंदिर से पहले मोड़ पर एक अन्य कार उसके आगे आकर रुकी। उसमें से उतरे युवकों ने उसे पिस्टल दिखाकर नीचे उतरने का इशारा किया। मनोज कार से उतरा। इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की और कार ले भागे। कुछ ही देर बाद पीछे से आई पुलिस हॉक को मनोज ने जानकारी दी। वारदात की सूचना मिलने पर डिप्टी व सुखेर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने शहर में नाकाबंदी करवा दी। मनोज ने पुलिस को बताया कि आरोपी उसका मूणवास से पीछा कर रहे थे। रात भर शहर व उसके आसपास क्षेत्र में नाकाबंदी की गई लेकिन समाचार लिखे जाने तक आरोपियों का कुछ पता नहीं लगा। उधर पुलिस के अनुसार मनोज टैक्सी चलाता है। वह गुरुवार को किसी ग्राहक को टैक्सी से देवगढ़ छोडक़र आ रहा था। लोन की कुछ किस्तें बकाया होने के कारण सीजर कार ले गए।