गरमाई छात्र राजनीति

20150822002624-नामांकन रद्द करने के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे एनएसयूआई के कार्यकर्ता, कॉमर्स कॉलेज में छात्र भीड़े

20150822002625-1उदयपुर। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के केंद्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के प्रत्याशी रौनक पुरोहित का नामांकन रद्द होने के बाद छात्र राजनीति एक बार पूरी तरह गरमा गई है। आज सुबह कॉमर्स कॉलेज में दो सौ से अधिक छात्र रौनक पुरोहित में एकत्र हो गए, जिन्हें पुलिस ने हलका बल प्रयोग करके खदेड़ दिया। इस दौरान एक छात्र के सिर में चोट भी आई है। एक तरफ एबीवीपी अपने प्रत्याशी सोनू अहारी के निर्विरोध निर्वाचित होने से जश्न मना रही है, वहीं दूसरी तरफ एनएसयूआई के छात्रनेता चुनाव करवाने को लेकर संघर्ष कर रहे हंै। रौनक पुरोहित का नामांकन निरस्त करने के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ सोनू अहारी द्वारा आचार संहिता की खुलकर धज्जियां उड़ाने को लेकर एनएसयूआई द्वारा कलेक्टर, एसपी और विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
कॉमर्स कॉलेज में आज सुबह रौनक पुरोहित के नामांकन निरस्त करने विरोध प्रदर्शन दो सौ से अधिक छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। रौनक पुरोहित के समर्थन में नारेबाजी की जा रही थी, तभी पुलिस बल ने समझाइश के प्रयास किए, लेकिन छात्र नहीं माने और नारेबाजी तेज कर दी, तब पुलिस ने हल्का बल प्रयोगकर छात्रों को वहां से हटाया, लेकिन छात्र वहां पर पुरोहित के समर्थन में डेट रहे। इस दौरान यश नामक छात्र के सिर में चोट भी आई।
षड्यंत्र का आरोप : निवर्तमान अध्यक्ष हिमांशु चौधरी का कहना है कि भाजपा नेताओं के दबाव में आकर रौनक का नामांकन निरस्त करवाया गया है। छात्र राजनीति में किस पर मुकदमें नहीं होते? विचाराधीन मुक़दमें होने के बावजूद आज तक विश्वविद्यालय के चुनाव होते आए हंै। एमएलए, एमपी भी चुनाव लड़ते आए हैं। सब पर कोई ना कोई मुक़दमे होते हैं, लेकिन अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के पहले यहां सजा सुना दी गई। हिमांशु चौधरी ने एमएलएसयू प्रशासन और चुनाव अधिकारी पर भाजपा नेताओं के दबाव में नामांकन निरस्त करने का आरोप लगाया है। चौधरी का कहना है कि अगर 18 अगस्त को कोर्ट के नए आदेश आए थे तो प्रकाशित क्यों नहीं किए गए?, आदेशों को क्यों दबाकर रखा गया।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी : निवर्तमान अध्यक्ष हिमांशु चौधरी ने बताया कि सोनू अहारी द्वारा शुरू से लिंगदोह कमेटी के निर्देशों की पालना नहीं की जा रही थी। शुरू से आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही है। बार-बार शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि अगर विश्वविद्यालय परिसर के बाहर आचार संहिता का उल्लंघन किया जाता है, तो नियमानुसार जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होते हंै। हिमांशु चौधरी ने बताया कि एनएसयूआई द्वारा सोनू अहारी, जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, एमएलएसयू प्रशासन और चुनाव अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ एक टीम हाईकोर्ट गई है और रौनक पुरोहित के नामांकन निरस्त होने पर स्टे लेने के प्रयास किए जा रहे हंै।
भाई साहब की शरण में : सूचना केंद्र में आज सुबह पासपोर्ट शिविर के उद्घाटन के दौरान सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष सोनू अहारी, उनके पिता खेरवाड़ा विधायक नानालाल अहारी, उपजिला प्रमुख सुंदरलाल भाणावत गृह सेवक गुलाबचंद कटारिया से मिले, जहां उन्होंने श्री कटारिया से शपथग्रहण समारोह आयोजित कराने की बात की, लेकिन श्री कटारिया ने कहा कि नियमानुसार तय समय पर सबकुछ हो जाएगा। इधर, यूनिवरसिटी के लीगल एडवाइजर एडवोकेट अरुण व्यास ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही शपथग्रहण समारोह होगा।

पूर्बिया समाज की महिलाओं ने मनाया सावन उत्सव

nadeswar mandir parisar me sawan utsav manati purbia smaj  ki mahilae (3)उदयपुर, पूर्बिया कलाल जागृति महिला संघ की महिलाओं ने लहरिया धारण कर नादेश्वर जी मंदिर परिसर में सावन उत्सव मनाया। इसके अन्तर्गत महिलाओं ने भजन गाये और प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
यह जानकारी देते हुए महिला मंडल की सदस्य तरूणा पूर्बिया ने बताया कि सावन उत्सव के अन्तर्गत लहरिया पहने महिलाओं ने सावन के गीत गाये और झुले में झुली। इस अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसमें श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को पुरस्कार हेतु चुना गया।
अंत में मंडल की अध्यक्ष अनिता पूर्बिया ने सभी का आभार जताया।

डूंगरपुर में गुप्ता सभापति, सागवाड़ा में अहारी अध्यक्ष

gupta-became-dungarpur-sabhapati-ahari-new-chairman-of-sagwara-55d75bf79fcf5_lडूंगरपुर. निकाय चुनाव के तहत डूंगरपुर नगर परिषद में भाजपा प्रत्याशी के के गुप्ता सभापति बने, वहीं सागवाड़ा में निर्मला अहारी अध्यक्ष बनीं। दोनों निकायों में वार्ड 23 से निर्वाचित सदस्य को अपने-अपने शहर की कमान मिली है।

डूंगरपुर में सभापति के लिए शुक्रवार को भाजपा से गुप्ता तथा कांगे्रस से अंसार अहमद ने पर्चा दाखिल किया। मतदान से गुप्ता को 22 और कांगे्रस के अहमद को आठ वोट मिले। यहां भाजपा के एक पार्षद ने कांग्रेस को वोट दे दिया, लेकिन इसका परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ा। इधर, सागवाड़ा नगर पालिका में भाजपा की निर्मला अहारी विजयी रही। उनके सामने कांग्रेस की मेघा बामणिया प्रत्याशी थीं। निर्मला को 18 तथा मेघा को सात वोट मिले।

कार्यकर्ताओं में अपार उत्साह  

निकाय चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपार उत्साह नजर आया। कार्यकर्ताओं ने जीत के बाद विजेताओं को फूलमालाओं से लाद दिया। जमकर नारेबाजी की। डूंगरपुर में तो कार्यकर्ताओं ने नए सभापति को कांधों पर भी उठा लिया। नगर परिषद परिसर और उसके बाहर भी कार्यकर्ताओं और आमजन का भी जमावड़ा रहा। नगर परिषद के 30 वार्डों के लिए हुए चुनाव में भाजपा के 22, कांगे्रस के सात और एक निर्दलीय ने जीत हासिल की थी। सभापति के लिए भाजपा से वार्ड 23 से निर्वाचित केके गुप्ता तथा कांगे्रस से अंसार अहमद ने रिटर्निग अधिकारी सिद्धार्थ सिहाग के समक्ष पर्चे दाखिल किए। जांच में उनके पर्चे सही पाने और किसी के भी नाम वापस नहीं लेने से वोटिंग होना तय हो गया। अपराह्न तीन बजकर नौ मिनट पर विधायक देवेन्द्र कटारा के निर्देशन में भाजपा के सभी पार्षद बस से नगर परिषद पहुंचे और सुंदरसिंह भंडारी सभाभवन में बनाए मतदान कक्ष में मतदान किया। पहला वोट प्रत्याशी गुप्ता ने ही डाला। मतदान के बाद पार्षदों को बस से अज्ञात स्थान ले जाया गया, गुप्ता वहीं मौजूद रहे।

एक घंटा इंतजार

भाजपा पार्षदों के मतदान के करीब एक घंटा बाद चार बजकर 18 मिनट पर कांगे्रस के पार्षद पहुंचे और वोट डाला। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ताराचंद भगोरा, जिलाध्यक्ष प्रियकांत पण्ड्या, पूर्व मंत्री दयाराम परमार असरार अहमद, नगर अध्यक्ष शार्दूल चौबीसा आदि परिसर में मौजूद थे। वोटिंग के बाद मतगणना में गुप्ता को 22 तथा अहमद को आठ वोट मिले।

गलती हो गई…

मतदान के दौरान भाजपा के ही एक पार्षद ने कांगे्रस प्रत्याशी को वोट दे दिया। शीघ्र ही उसे अपनी गलती का अहसास हो गया और वह इसे बोल पड़ा। एक मात्र निर्दलीय ने भी भाजपा का ही दामन थामा। इससे भाजपा के खाते में 22 वोट आए। वहीं कांगे्रस को एक वोट का इजाफा हो गया।

पहले ही नारेबाजी

भाजपा पार्षदों के मतदान के बाद प्रत्याशी गुप्ता के परिषद परिसर में पहुंचने पर समर्थकों व कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्हें कांधे पर उठा लिया और फूलमालाओं से लाद दिया, जबकि कांगे्रस के पार्षदों की वोटिंग, मतगणना, शपथ लेनी आदि शेष थी।

प्रत्याशी चयन से पूर्व गरमाई सियासत

डूंगरपुर  निकाय चुनाव की सरगर्मियों के साथ भाजपा में शुरू हुआ घमासान सभापति चुनने से ठीक पहले तक जारी रहा। रातभर विरोध-प्रतिरोध के बाद शुक्रवार को नामांकन से करीब दो घंटे पहले सभापति का नाम तय हो पाया। हालांकि अब भी सियासी भूचाल थमा नहीं है। उप सभापति पद को लेकर भी हो हल्ला मचा हुआ है। नामांकन से पहले ही भाजपा में घमासान शुरू हो गया था। टिकट वितरण को लेकर कोर कमेटी को कटघरे में रखते हुए कार्यकर्ता आलाकमान तक पहुंच गए थे। असंतुष्टों को शांत करने के लिए पार्टी ने ऐनवक्त पर कुछ टिकटों का फेरबदल भी किया। गुरुवार को परिणाम घोषित होने के बाद से एक बार फिर घमासान छिड़ गया। एक धड़ा वार्ड 23 से पार्षद के.के.गुप्ता को सभापति पद का प्रत्याशी बनाने की मांग पर अड़ गया, जबकि पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधि इसके पक्ष में नहीं थे। विजयी पार्षदों, चुनाव प्रभारी मांगीलाल जोशी सहित कुछ पदाधिकारियों की मौजूदगी में उदयपुर में बैठक चली। डूंगरपुर में भी एक खेमा इसके लिए लामबंद होता रहा। जिले के विधायकों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। रातभर इसी मसले पर चर्चा होती रही। विजयी पार्षदों में से अधिकांश ने गुप्ता का समर्थन किया। इस पर पार्टी ने शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई। अब उपसभापति पद के प्रत्याशी को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति है।

अहारी सबसे युवा अध्यक्ष

सागवाड़ा. सागवाड़ा नगरपालिका के इतिहास में वार्ड 23 से निर्वाचित निर्मला अहारी सबसे युवा अध्यक्ष बनी हैं। उन्होंने कांग्रेस की मेघा बामणिया को 18-7 के अंतर से हराया। सुबह दोनों प्रत्याशियों ने रिटर्निंग अधिकारी दीपेन्द्रसिंह राठौड़ के समक्ष अपने पर्चे दाखिल किए। दोपहर बाद भाजपा एवं कांगे्रस के पार्षद घेराबन्दी के बीच पालिका पहुंचे एवं वोट डाले। पहले भाजपा के पार्षद विधायक अनिता कटारा, नगर अध्यक्ष विजय जैन, नारायणलाल दर्जी, प्रभारी भवानी जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया के साथ पहुंचे। वहीं कांग्र्रेस पार्षद सुरेन्द्र बामणिया, बन्धु पाठक, ललित पंचाल के साथ पहुंचे। जीत की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए गुलाल लगाकर फूलमालाएं पहनाई। अहारी ने वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद लिया। इधर, मतदान के बाद भाजपा के पार्षदों को अज्ञात स्थान पर ले गए।

पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म, हत्या

rape-case-55d0596d277dc_lउदयपुर शहर के समीप चीरवा क्षेत्र में एक युवक ने 5 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी। युवक उसका मुंहबोला मामा था, जो वारदात के बाद फरार हो गया। दो दिन बाद बच्ची के परिजनों ने उसे धरा तब मामले का खुलासा हुआ।

थानाधिकारी मांगीलाल पंवार ने बताया कि चीरवा निवासी हुकमीचंद गमेती गत 18 अगस्त को देलवाड़ा (राजसमंद) के निकट एक गांव में अपने परिचित के यहां गया था। दोपहर को लौटते समय वह उक्त परिचित की 5 वर्षीय पुत्री को यह कहकर अपने साथ ले आया कि उसे ननिहाल छोड़ देगा। 
चीरवा आने के बाद बच्ची को उसके ननिहाल छोडऩे के बहाने वह मेनारिया का बीड़ा जंगल में ले गया। वहां बच्ची से दुष्कर्म किया और गला दबाकर फरार हो गया। इधर, बच्ची ननिहाल नहीं पहुंची तो परिजन हुकमीचंद को ढूंढने लगे। 
दो दिन बाद गुरुवार दोपहर वह चीरवा के सर गांव में नजर आया, जहां परिजन ने उसे धर लिया। बच्ची के बारे में पूछने पर वह गुमराह करने लगा। इस पर परिजन व ग्रामीण उसे कैलाशपुरी चौकी ले गए, जहां पूछताछ में उसने बच्ची की हत्या करना कबूल किया। 
बाद में पुलिस ने मेनारिया का बीड़ा से बच्ची का दो दिन पुराना शव बरामद किया। पुलिस ने शव का यहां एमबी चिकित्सालय में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया। इसमें दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई। 

 

जिंदगी बचाने के लिए मां ने नवजात को दी सजा, खौलते तेल में डाली उंगलियां

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baby-image-558ce0457d966_lउत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अंधविश्वास के कारण एक नवजात की अंगुलियां खौलते तेल में डुबो देने का मामला प्रकाश में आया है।

सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में 18 अगस्त को रिसिया क्षेत्र की पूरनपुरवा निवासी महिला सोमा ने पुत्र को जन्म दिया था। बच्चा कुछ अस्वस्थ था, जिसका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्चा धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।

बुजुर्ग महिला ने दी सलाह

इस बीच परिवार की बुजुर्ग महिलाओं ने बच्चे को जमोगा बयार नाम की कोई बीमारी होने का दावा करते हुए उसकी जान को खतरा बताया। महिलाओं ने जमोगा बयार रोग से निजात दिलाने के लिए उस मासूम की अंगुली खौलते हुए तेल में दागने की सलाह दी।

तेल में उंगली जाते ही जोर से निकली चीख

जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए सोमा ने परिवार की बुजुर्ग महिलाओं की बात मानते हुए दिल पर पत्थर रखकर मासूम बच्चे की अंगुलियां सरसों के खौलते तेल में डुबो दीं। खौलते तेल में अंगुलियां डुबोते ही बच्चे की जोर से चीख निकली। इसके बाद बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई।

बच्चे की हालत बिगड़ी

बच्चे को लेकर गुरुवार देर रात सोमा जिला अस्पताल पहुंची तो डॉ. वर्मा उसकी हालत देखकर काफी नाराज हुए। सोमा ने जब पूरी बात डाक्टर वर्मा को बताई तो उन्होंने भविष्य में अंधविश्वास पर अमल न करने की उसे हिदायत दी। उन्होंने कहा की अक्सर बीमार नवजात की जिंदगी बचाने को लेकर माता-पिता अंधविश्वास का सहारा लेतें हैं, जिससे मासूमों की जिंदगी खतरे में पड़ती है। अंध विश्वास से लोगों को बचना होगा।

पढ़ाई के लिए नहीं है पैसे तो ‘विद्यालक्ष्मी’ है ना, आसान होगा एजुकेशन लोन मिलना

loan3-55d6deef77afb_lअगर आपके पास पढ़ाई के लिए पैसों की कमी है और आप लोन लेकर पढ़ाई करना चाहते है लेकिन लोन मिलने की लंबी प्रक्रिया के चलते एेसा नहीं कर पा रहे तो अब एक और आसान तरीका भी है। केन्द्र सरकार ने एक नया एजुकेशन लोन पोर्टल बनाया है। इसके जरिए आप एजुकेशन लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं साथ ही एक साथ कई बैंकों में अप्लाई कर सकते हैं।

वेबसाइट पर बैंकों की ओर से एजुकेशन लोन की तमाम जानकारियां भी मौजूद हैं जिससे आप बेहतर विकल्प चुन सकते हैं। पोर्टल का नाम है विद्यालक्ष्मी। लोन के लिए अप्लाई करने के लिए आपको www.vidyalakshmi.co.in पर लॉग इन करना होगा।

आपको बता दें कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में बजट भाषण के दौरान इसकी घोषणा की थी। उन्होंने अपने भाषण में छात्रों को शिक्षा ऋण और छात्रवृत्ति के लिए एक ही इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म बनाने की बात की थी। जेटली ने अपने भाषण में कहा था कि हम ये सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी छात्र पैसे की कमी के कारण उच्चशिक्षा से वंचित ना रहे।

इस पोर्टल को नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड ने वित्त मंत्रालय के वित्त सेवा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग और इंडियन बैंक्स असोसिएशन की मदद से बनाया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक जैसे 13 बैंक इस पोर्टल में शिक्षा ऋण देने के लिए पंजीकृत हैं। इनमें से पांच बैंकों ने इस पोर्टल को अपने सिस्टम में एकीकृत कर लिया है ताकि छात्रों को ये जानकारी भी मिल सके कि उनके आवेदन पर क्या कार्यवाही हो रही है और वह किस चरण में है।

छात्र को पहले इस वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा और फिर ऋण के लिए एक सरल फॉर्म को भरना होगा। अगर उन्हें अपने आवेदन पर हो रही कार्यवाही पर कोई शिकायत है तो वे यहीं उसे दर्ज़ कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति की वेबसाइट का लिंक भी दिया गया है।

…क्योंकि समस्या को सॉल्व करने के दो ही तरीके होते हैं, ‘भाग लो’ या ‘भाग लो’

civil5-55d17165896d9_lदिल्ली का मुखर्जी नगर हो या जयपुर का लाल कोठी और टोंक फाटक का एरिया, यहां हजारों युवा शाम के वक्त आपको चाय की टपरियों पर चुस्कियां लेते हुए दिखेंगे लेकिन उनकी बातचीत को जब आप ध्यान से सुनेंगे तो आपको उनके सपने महसूस होंगे।

वो सपना होता है सिविल सर्विसेज में जाने का। इसके लिए कौन कितने घंटे की पढ़ाई कर रहा है या उसने पढ़ने के लिए किस तरह से रणनीति बनाई है। इस काम में हम भी आपकी थोड़ी मदद किए देते हैं। खबर में कुछ बातें हैं जिन्हें आप टिप्स के तौर पर अपनाएंगे तो जरूर सफलता आपके पास आएगी।

सबसे पहले आपको इन तीन बातों पर फोकस करना चाहिए

प्रारंभिक परीक्षा हेतु कॉन्सेप्ट्स और बेसिक्स के साथ-साथ फैक्ट्स का ज्ञान भी जरूरी है।  

Concepts+Basics+Facts= Success in Prelims

किस-किस विषय पर ज्यादा ध्यान  दिया जाना चाहिए

संविधान, जैव-विविधता, पर्यावरण व पारिस्थितिकी के साथ-साथ लोक नीति, पंचायती राज और स्वतंत्रता संग्राम पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

यदि सिलेबस अभी तक दोहरा नहीं पाए हों तो पुराने पढ़े को रिवाइज करें

यदि पूरा पाठ्यक्रम पूरा नहीं पढ़ पाए हैं तो भी परीक्षा में सफलता पाई जा सकती हैं। जो पहले पढ़ चुकें हैं, उसी का रिविजन करें। नया पढऩें का प्रयास न करें।

Revise+Remind=Craacking of Examination

परीक्षा के अंतिम दो-तीन दिन दिमाग पर बोझ न लें, रिलेक्स रहकर पढ़ें

परीक्षा को बोझ मानने की बजाय उसे सफल व सटीक रणनीति से मंजिल पर पहुंचाएं। फलाहार, जूस, शिकंजी जैसे पेय पदार्थों का प्रयोग करें। योग, एक्सरसाइज, आसन, ध्यान के माध्यम से मन को शान्त रखने का प्रयास करें। जंक फूड, फास्ट फूड आदि से बचें, ये परीक्षा में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कर सकते हैं।

केंद्र पर समय से पहुंचें

चूंकि 23 अगस्त को होने वाली परीक्षा के प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। अपने परीक्षा केन्द्र के अनुसार रेल, बस आदि के टिकट पहले ही बुक करवा लें। जिस शहर में परीक्षा है, यदि वह 100 किमी. से अधिक दूर है तो एक दिन पहले पहुंचें।

मॉक टेस्ट पेपर हल करें

यह देश की सबसे बड़ी प्रतिष्ठित परीक्षा है। अंतिम दिनों में मॉक टेस्ट पेपर अधिक से अधिक दें। रोजाना एक सामान्य अध्ययन और एक सीसेट का टेस्ट पेपर जरूर सॉल्व करें।

भागें नहीं, भाग लें

किसी भी समस्या को सॉल्व करने के दो तरीके होते हैं

 1. भाग लो (Run awey)

2. भाग लो (Participate it)

अब यह आप पर निर्भर है कि आप क्या करते हैं।

अब मोबाईल से लाईव देखिये ‘छलकता फतहसागर’ जिला प्रशासन ने झीलप्रेमियों के लिए की पहल

20150813103131उदयपुर। शहर की शान फतहसागर झील के नैसर्गिक सौंदर्य को देश दुनिया तक पहुंचाने की दिशा में जिला प्रशासन उदयपुर द्वारा एक पहल की गई है। इसके तहत अब पूरी दुनिया में कोई भी व्यक्ति एक मोबाईल एप के जरिये घर बैठे छलकती हुई फतहसागर झील को लाईव देख सकता है।
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता की पहल पर जिला सूचना विज्ञान केन्द्र की तकनीकी सहायता से की गई इस व्यवस्था के तहत इस मोबाईल एप को डाउनलोड करते हुए कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के सहारे कहीं से भी चौबीसों घण्टे फतहसागर झील को अपने मोबाईल पर देख सकता है। यह व्यवस्था गुरुवार रात्रि से प्रारंभ हो गई है और बड़ी संख्या में झील प्रेमियों द्वारा लेकसिटी के इस नैर्सिर्गक सौंदर्य को देखने का लुत्फ उठा रहे हैं।
इस तरह देखा जा सकेगा फतहसागर:
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के उपनिदेशक जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि फतहसागर को लाईव देखने के इच्छुक को प्ले स्टोर पर जाकर 17.63 एमबी का ‘जीडीएमएसएस एलआईटीई’ एप को डाउनलोड कर इंस्टाल करना होगा। इसके बाद कैमेरा ऑप्शन सलेक्टर करने के बाद डिवाईस मैनेजर क्लिक करना होगा। इसके बाद एड डिवाईस में जाकर आईपी डोमेन सलेक्ट करना होगा और यहां पर नाम की जगह एफएस, एड्रेस की जगह 117 डॉट 239 डॉट 31 डॉट 186 तथा पोर्ट नंबर की जगह 37777 भरकर सेव करना होगा। इसके बाद स्टाई लाईव प्रिव्यू पर क्लिक करते ही फतहसागर को लाईव देखा जा सकेगा।
यह प्रयास किए:
वर्मा ने बताया कि फतहसागर को लाईव दिखाने के लिए वायरलेस नेटवर्क का उपयोग किया गया है और फतहसागर पर कैमेरा लगाते हुए इंटरनेट से 4 एमबीपीएस की स्पीड की लाईन का प्रयोग करते हुए सिग्नल को मोबाईल इंटरनेट पर उपलब्ध कराया गया है। फतहसागर के सिग्नल को मोबाईल इंटरनेट के अलावास नीमच माता मंदिर, यूआईटी और चेटक सर्कल पर स्थापित एलईडी तक पहुंचाया गया जिससे फतहसागर को लाईव देखना आसान हुआ है।
चेटक सर्कल पर भी दिखेगा ‘लाईव फतहसागर’:
जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों के कारण चेटक सर्कल पर लगाई गई एलईडी पर भी छलकते हुए फतहसागर को लाईव देखा जा सकता है। यहां पर प्रत्येक 12 मिनट के अंतराल में दो मिनट तक फतहसागर को लाईव देखा जा सकता है। वर्मा ने बताया कि शीघ्र ही लाईव फतहसागर के सिग्नल को शहर में स्थित अन्य एलईडी पर भी दिखाया जाएगा।

हिम्मत होती तो चुनाव लड़ते फिर जीतते – हिमांशु

2 (13)2 (18) copyउदयपुर । एमएलएसयू के निवर्तमान अध्यक्ष हिमांशु चौधरी ने चुनाव कार्यालय के बाहर चुनावी प्रक्रिया पर कई सवाल उठाये और भाजपा के मंत्रियों और ऊपर के नेताओं के प्रभाव में आकर रौनक पुरोहित का पर्चा निरस्त करने का आरोप लगाया। हिमांशु चौधरी ने एबीवीपी के चुनाव प्रभारी अरुण तिवारी को ललकारते हुए कहा कि चालबाजी से नहीं और हिम्मत होती तो चुनाव लड़ के जीतते तब जानता । चौधरी की आँख में एक बार तो आंसू आगये। गौरतलब है कि हिमांशु चौधरी निवर्तमान अध्यक्ष है, और रौनक पुरोहित को टिकिट दिलवाने से लेकर चुनाव लड़वाने तक हिमांशु ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया था। हिमांशु चौधरी पूरी तरह आश्वस्त थे कि रौनक पुरोहित निश्चित तौर पर अध्यक्ष बनेगे।
प्रत्याशियों की सूचि शाम 7.30 बजे बाद भी नहीं लगाने से एक बार हिमांशु चौधरी गुस्से में आगये। इसी बीच एबीवीपी के प्रत्याशी सोनू आहारी उनके पास आकर हाथ मिलाने लगे और बधाई देने को कहा तो चौधरी उखड़ते हुए खड़े हो गए की किस बात की बधाई दू । चुनाव लड़ के नहीं जीते हो धोखे बाजी से ये सारी प्रक्रिया अपनाई जारही है।
हिमांशु चौधरी ने चुनाव अधिकारी पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगे कि अगर उनके पास हाईकोर्ट के आदेश १८ अगस्त को आगये थे तो उन्हें सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया । संशोधित आदेशों को अखबार में विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक किया जाना था।
हाईकोर्ट में क्रिमनल केस को लेकर रीट लगाई गयी थी जिसमे क्रिमनल केस वालों को चुनाव की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए पर जोर दिया गया था जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों के आधार पर आदेश दिए थे की अपराधिक मामले जिस प्रत्याशी पर चल रहे हों वह चुनाव नहीं लड़ पायेगा । यह आदेश चुनाव अधिकारी के पास १८ अगस्त को आगये थे ।

 

 

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MLSU में हंगामा, रौनक का पर्चा निरस्त – सोनू का अध्यक्ष बनना तय

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उदयपुर । मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में केंद्रीय अध्यक्ष पद के लिए एनएसयूआई के प्रत्याशी रौनक पुरोहित का नामांकन निरस्त हो गया । ऐसे में एबीवीपी के सोनू अहारी का निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित होना तय है । आधिकारिक घोषणा चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही की जायेगी।
एनएसयुआई के प्रत्याशी रोनक पुरोहित का पर्चा कोर्ट में अपराधिक प्रकरण लंबित होने के कारण निरस्त हो गया । शुक्रवार को दिन भर एमएलएसयू छात्रसंघ चुनाव के नामांकन का दौर चलता रहा । दिन में अध्यक्ष के प्रत्याशियों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने अपने पर्चे दाखिल किये थे।

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रौनक का क्यों हुआ नामांकन निरस्त :
एबीवीपी से सोनू अहारी और एनएसयूआई से रोनक पुरोहित ने नामांकन दाखिल किया था । रोनक पुरोहित पर २०१3 में केस दर्ज होने व् न्यायालय में मामला लंबित होने की वजह से नामांकन निरस्त हो गया । चुनाव अधिकारी शंकर लाल चोधरी ने नामांकन निरस्त होने की आधिकारिक सूचना दी। मैदान में दो ही प्रत्याशी होने से सोनू अहारी निर्विरोध माने जारहे है । हालाँकि चुनाव अधिकारी द्वारा निर्विरोध चुने जाने की आधिकारिक घोषणा चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद की जायेगी । चुनाव अधिकारी ने बताया कि रोनक पुरोहित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज हुई है, और वह जेल जा चुका है । तथा अभी वह जमानत पर है । कोर्ट में मामला लंबित है, एसी स्थिति में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों पर राजस्थान उच्च न्यायालय के दिए गए निर्णय एवं विश्व विद्यालय चुनाव के संविधान के मुताबिक़ रोनक पुरोहित का नामांकन निरस्त किया गया है । चौधरी ने बताया कि इस निर्णय को लेने के लिए विश्वविद्यालय के विधि सलाहकार अरुण व्यास से भी सलाह ली गयी है, जिस पर व्यास ने रोनक पुरोहित का नामांकन निरस्त योग्य पाया ।

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पुलिस की मशक्कत कई बार खदेडा :
रोनक पुरोहित का फ़ार्म निरस्त होने की सूचना जैसे जैसे छात्रों को लगती गयी वैसे वैसे एबीवीपी और एनएसयूआई के कार्यकर्ता और दोनों प्रत्याशियों के समर्थक चुनाव कार्यालय के बाहर जुटते गए । शाम ७ बजे जब तय हो गया कि रोनक पुरोहित का पर्चा निरस्त होगा एबीवीपी के छात्र जुलुस के रूप में कोमर्स कोलेज के बाहर आगये और वाहन खड़े वाहन और बसों पर चड कर नारेबाजी करने लग गए उधर दूसरी तरफ खड़े एनएसयूआई के छात्र गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के हाय हाय के नारे लगाने शुरू कर दिए । दोनों तरफ से एक बार तो पत्थर भी फेंके गए लेकिन मोके पर दिवार बन कर खड़ी पुलिस ने दोनों दलों के छात्रों को शांत किया और एबीवीपी के छात्रों को वाहन से रवाना किया । चुनाव कार्यालय के बाहर भी निवर्तमान अध्यक्ष हिमांशु चौधरी और एबीवीपी का चुनाव अधिकारी अर्जुन तिवारी आपस में उलझ गए हिमांशु चौधरी ने घपले बाजी का आरोप लगाते हुए लड़ कर जितने के लिए ललकारा । बाद में वहां मोजूद वरिष्ठ भाजपा नेता महेंद्र सिंह शेखावत, वीरेंद्र खींची आदि ने मामला शांत किया ।
नामांकन के दौरान शक्ति प्रदर्शन : आज का दिन कोमर्स कोलेज के बाहर हंगामों के नाम ही रहा । एबीवीपी के सोनू आहारी और एनएसयूआई के रौनक पुरोहित ने जुलुस के रूप में अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए नामांकन दाखिल किया। एबीवीपी के सोनु आहारी सुबह ११ बजे १०० फिट रोड होटल रॉयल इन से जुलुस के रूप में रवाना हुए। सोनू अहारी खुली जीप में सवार एबीवीपी कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ जुलुस के रूप में दुर्गा नर्सरी रोड होते हुए छात्र संघ कार्यालय नामांकन भरने पहुंचे। जुलुस के ढोल नगाड़ों और आतिश बाजी के साथ नामांकन स्थल तक पहुंचा। सोनू आहारी के जुलुस में सोनू के विद्याक पिता नाना लाल अहारी, पार्षद नानालाल वाया, नीरज अग्निहोत्री, वीरेंद्र सिंह खींची। जिनेन्द्र शाश्त्री, देवेन्द्र सिंह चुण्डावत, सहित कई एबीवीपी व् भाजपा के कई नेता मौजूद थे।
एनएसयूआई के रौनक पुरोहित फतह स्कूल स्थित हनुमान मंदिर से अपने समर्थकों के साथ जुलुस के रूप में रवाना हुए। आगे खुली जीप में सवार रौनक पुरोहित के समर्थन में कई छात्र नारे लगाते हुए ढोल नगाड़ों के साथ जुलुस में चल रहे थे। रौनक पुरोहित और एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने रौनक के समर्थन में छात्रों को जुटाने में कोई कसार नहीं छोड़ी। रैली के रूप में पहुंचे रौनक पुरोहित 12.35 पर नामांकन दाखिल किया। रौनक की रैली में कांग्रेस नेता दिनेश श्रीमाली, पूर्व पार्षद मनीष श्रीमाली, राजा चौधरी, नई वर्तमान अध्यक्ष हिमांशु चौधरी, अमित पालीवाल , रिज़वान खान सहित कई एनएसयूआई के छात्र नेता मौजूद थे।
ट्राफिक जाम पुलिस अधिकारी रहे मौजूद :
सुबह 10.30 बजे से दिन शाम ७ बजे तक सूरजपोल से सेवाश्रम और यूनिवर्सिटी रोड पर रास्ता जाम रहा । घंटों लोग जाम में फंसे रहे। यातायात और क़ानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भारद्वाज सहित कई थाना अधिकारी और उपाधीक्षक मौजूद रहे और पुरे समय यातायात और छात्रों को कंट्रोल करते नज़र आये।

सभी फोटो – प्रभु पुर्बिया

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