हज 2013- 84 की किस्मत खुली अल्लाह के घर हाजरी देने की ….

5312_hajउदयपुर.हजयात्रा 2013 में जाने वालों के चयन के लिए शनिवार को सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में लाटरी (कुर्रा) निकली। इसके माध्यम से 2519 आवेदकों का चयन हुआ। इस मौके पर बडी़ संख्या में आवेदक मौजूद थे। सबसे पहले अजमेर जिले की लाटरी निकाली गई। उदयपुर जिले के 84 जयपुर जिले को 273 सीटें आबंटित हुई है। इसमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के आवेदक और पिछले तीन साल से लगातार आवेदन करने वाले भी शामिल है, जिन्हें बिना किसी औपचारिकता के यात्रा के लिए चुना गया है।

20 मई तक पहली किस्त :

हज कमेटी के सदस्य हाजी शाहिद मोहम्मद ने बताया कि रिजर्व केटेगरी और लाटरी में चयनित सभी आवेदकों को 20 मई तक हजयात्रा की पहली किस्त सेंट्रल हज कमेटी के खाते में जमा करानी होगी। इस बार पहली किस्त के रूप में 76000 रुपए प्रति हजयात्री जमा होंगे। यह किस्त पिछले साल के मुकाबले 25000 रुपए अधिक है।

9137 की वेटिंग लिस्ट जारी : हज के लिए राज्य हज कमेटी को इस बार 5018 सीटों के लिए 14155 आवेदन प्राप्त हुए थे। राज्य को आबंटित सीटों में से 2499 रिजर्व केटेगरी की हैं।

रिंग रोड के लिए एक होटल कि जमीन को आवाप्त करने मे पसीना आरहा है यु आई टी को

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उदयपुर, बड़े बड़े होटल समूह के आगे प्रशासन भी बौना साबित हो रहा है । और यही वजह है की पिछोला के रिंग रोड का काम अटका पड़ा है । यु आई टी और जिला प्रशासन को शहर के हित और झीलों के सोन्दर्य करण के लिए पिछोला झील के रिंग रोड के लिए ट्रायडेंट होटल से जमीन लेने में पसीना आरहा है और इसी के चलते २४ अप्रेल को हुई सिटी लेवल मोनिटरिंग कमिटी की बैठक में संभागीय आयुक्त सुबोध अग्रवाल ने खासी नाराजगी जताते हुए अफसरों को लताड़ लगायी और एक महीने पिछोला रिंग रोड की रिपोर्ट पेश करने को कहा है ।जब की हकीकत यह है की जिला प्रशासन और यु.आई.टी. दोनों भी मिल कर होटल प्रबंधन को जमीं के लिए सहमत नहीं करा पाए है और ट्रायडेंटहोटल प्रबंधन अपने अड़ियल रवय्ये पर कायम है ।

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उल्लेखनीय है कि यूआईटी द्वारा पिछोला में करोड़ों की लागत से रिंग रोड बनाया जा रहा है। रिंग रोड अधिकांश कार्य हो चुका है जबकि कुछ जमीनों की अवाप्ति नहीं होने से रोड का काम अटका पड़ा है। रिंग रोड में ट्रायडेंट होटल सहित राजस्व ग्राम सिसारमा के कुछ निजी खातेदारों की जमीन जा रही है। यूआईटी ने सरकारी नियमों का दबाव बनाते हुए निजी खातेदारों को तो अवाप्ति के लिए राजी कर लिया लेकिन ट्रायडेंट होटल समूह से एक साल की मशक्कत के बाद भी यूआईटी और जिला प्रशासन जमीन लेने में नाकाम रहे हैं। इसके चलते पिछोला का रिंग रोड का काम अटका पड़ा है।

जिला प्रशासन को दी जिम्मेदारी:- यूआईटी द्वारा ट्रायडेंट से जमीन लेने के बाद पिछले साल पिछोला रिंग रोड के दौरे पर आए नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव जीएस संधू ने इसमें प्रशासन को हस्तक्षेप की बात कही थी। बाद में एनएलसीपी की सिटी लेवल की मानिटरिंग कमेटी की बैठक में भी इस संबंध में काफी चर्चा हुई। तब संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल ने इस संबंध में कार्रवाई की जिम्मेदारी कलेक्टर को सौंपी थी।

चर्चा के बाद बात आगे नहीं बढ़ी:- यूआईटी और जिला प्रशासन के अधिकारी होटल प्रबंधन के पदाधिकारियों से जमीन लेने के संबंध में कई बार चर्चा कर चुके हैं। बताया जाता है कि कुछ शर्तों पर होटल समूह बीच में राजी भी हो गया था लेकिन आगे जाकर बात ठंडे बस्ते में चली गई। काफी समय से रिंग रोड के संबंध में यूआईटी और जिला प्रशासन के अलावा एनएलसीपी की सिटी लेवल मानिटरिंग कमेटी ने भी इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई है।

एनएलसीपी के अंतर्गत बन रही है रिंग रोड:- पीछोला पर रिंग रोड नेशनल लेक कंजर्वेशन प्रोजेक्ट (एनएलसीपी) के अंतर्गत बनाई जा रही है। यूआईटी द्वारा इसका कार्य कछुआ चाल से किया जा रहा है। बताया जाता है कि पहले निजी खातेदारों जमीन देने के कारण विलंब हुआ और अब होटल समूह से सड़क के लिए जमीन मिलने में विलंब से इस योजना के पूरा होने में देरी हो रही है।
रिंगरोड पर उठा सवाल:- झील संरक्षण समिति और शहर के अन्य कुछ झील प्रेमी संगठनों ने रिंग रोड को लेकर सवाल उठाया है। झील प्रेमियों का कहना है कि यूआईटी द्वारा पीछोला झील पर रिंग रोड गलत तरीके से बनाई जा रही है। तथाकथित लोगों की जमीन को लाभ पहुंचाने के लिए रिंग रोड के नक्शे में बदलाव किया गया है। इस संबंध में पिछले दिनों मुख्य सचिव को शिकायत भी भेजी गई है। आरोप है कि यूआईटी अधिकारियों ने मिली भगत कर प्रभावी लोगों की जमीन को पेटे से बाहर निकाल दिया है।
तीसरा रिंग रोड:- झील प्रेमियों का कहना है कि पीछोला झील पर यह तीसरा रिंग रोड बनाया जा रहा है। इससे पहले दो रिंग रोड पहले ही बने चुके हैं। एकलव्य कॉलोनी में रिंग रोड के बोर्ड आज भी लगे हुए है। पूर्व में बनाए गए रिंग रोड का नया रिंग रोड बनाए जाने से कोई मतलब नहीं रह गया है। पुराना रिंग रोड आबादी से घिर चुका है। झील प्रेमियों को कहना है कि नया रिंग रोड बनाने से झील का नुकसान हो रहा है।

ठग गिरोह के मास्टर माइंड सहित तीन गिरफ्तार

dsc0046उदयपुर, फर्जी बीएसएनएल अधिकारी बनकर एक चिकित्सक के साथ ठगी करने के मामले में उदयपुर पुलिस के हत्थे चढे ठग गिरोह के मास्टर माइंड को चिकित्सकों से बहुत नफरत थी। इसकी कारण वह ठगी के लिए केवल चिकित्सकों को ही अपना निशाना बनाता था। अब तक यह आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर भारत के कई राज्यों में कई लोगों से लाखों रूपए ठग चुका है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार संजीवनी हॉस्पीटल के डॉक्टर अजय सिंह चुंडावत को बी.एस.एन.एल. के जीएम रूप में फोन करके मेडीक्लेम पॉलिसी का लालच देकर रिश्वत के रूप में ५ लाख रूपये मांगने के बहाने धोखाधडी के मामले में पुलिस की पकड में आए आरोप बृजेश पुत्र प्रहलाद तिवारी निवासी मनीपुर थाना बरूराज मुज्जफरपुर व प्रमोद पुत्र मुन्ना शर्मा निवासी भेरपुर थाना केण्ट गोरखपुर ने मास्टर मांईड पी. रमेश होना बताया था। जिस पर पी रमेश और इसके अन्य साथियों को पकडने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा के निर्देशन में आर पी एस प्रशिक्षु सुभाष मिश्रा के नेतृत्व में स्वाती शर्मा व थानाधिकारी भुपालपूरा सतीश मीणा के साथ एसआई दयाराम, कांस्टेबल बनवारी पुनिया, गोवर्धन, देवेन्द्र, विश्वेन्द्र, गोविन्द की टीम का गठन कर भीलवाडा भेजी। इधर भीलवाडा पुलिस ने मास्टर माइण्ड रमेश प्रजापती पुत्र स्व. रामसुभग निवासी ग्राम भृगुसरी पोस्ट वेल कुण्डा थाना रूद्रपुर, देवरीया उतर प्रदेश, इसके दो साथी मंगरू पुत्र रानूहरा प्रजापती निवासी कालाबन्द थाना गोरी बाजार, देवारीया उतर प्रदेश, सुरेश पुत्र सुन्दर निसाद जिला केवट गोरखपुर उतर प्रदेश को गिरफ्तार कर चुकी थी।

भीलवाडा पुलिस ने इन आरोपियों के पास से दर्जन भर मोबाईल व एक दर्जन नयी पुरानी सिमे व एक लेपटाप, एक टेबलेट व वेब कैमरा व करीब ६०-६५ लिफाफे जिस पर बी.एस.एन.एल. की फर्जी सिल व फर्जी हस्ताक्षर किये हुए, ऑफर लेटर व अलोटमेन्ट लेटर जिन पर अलग-अलग जगहो के अलग-अलग डाक्टरो के नाम भरे हुए बरामद किए थे। उदयपुर से गई टीम इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उदयपुर लेकर आ गई।

नेवी की नौकरी छोडकर आया ठगी की लाईन में : पुलिस के अनुसार मुख्य सुत्रधार रमेश प्रजापत नेवी में पेटी ऑफिसर की नौकरी करता था। १५ साल बाद रिटायर्डमेन्ट ले लिया। इसके बाद एक नाईजिरीयन महिला द्वारा धोखाधडी करने के कारण कंगाल हो गया। अपने होटल का बिल चुकाने के लिये कानपुर में एक कम्प्युटर के दुकान करने वाले के साथ धोखाधडी की थी, जिसमें पुलिस ने उसे पकड लिया। जेल में रहने के दौरान रमेश का परिचय वी. के. स्वामी नाम के आदमी से मुलाकात हुई, जिसने रमेश को धोखाधडी का नायाब तरीका बताया। जेल से बाहर आकर रमेश ने स्वामी के साथ मिलकर देहरादुन में तीन डाक्टरो के साथ ६. लाख की ठगी की। वारदात के कुछ दिनों के बाद रमेश को पुलिस ने पकड लिया गया और ६ माह जेल में रहने के बाद में आरोपी ने स्वयं का काम करना शुरू किया। जिसमें एक अन्य साथी मंगरू के साथ मुम्बई और औरंगाबाद में ५-५ लाख की ठगी की, इसके बाद पुन: मुम्बई में ५ लाख की ठगी करने के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मुम्बई में ५ महिने जेल में रहकर उसने अपने साथी बृजेश तिवारी व सुरेश को भी अपने साथ मिला लिया। भटीण्डा में ५ लाख, बरेली में ३ लाख, कलकत्ता में ३ लाख की ठगी की।

आखिर में राजस्थान और गुजरात को चुना : देश के कई हिस्सों में ठगी करने के बाद आरोपी राजस्थान व गुजरात में ठगी करने की सोची और छोटे कस्बों का चयन किया। जिसमें उदयपुर, भीलवाडा व बांसवाडा, मेहसाणा (गुजरात) का चयन किया। उदयपुर में ५ हास्पीटल के डाक्टरो से बीएसएनएल के जी.एम. के रूप में बात की। जिसमें संजीवनी हास्पीटल, कल्पतरू हॉस्पीटल, स्टार हॉस्पीटल व गोयल हॉस्पीटल में बात की। जिसमें संजीवनी हॉस्पीटल के डाक्टर अजय सिंह चुण्डावत ने सकारात्मक जवाब दिया। भीलवाडा में विभा हॉस्पीटल, मिश्रा किरण हॉस्पीटल में बातचीत की। मिश्रा ने सकारात्मक जबाव दिया। इसके बाद बांसवाडा व मेहसाणा में ठगी करने का था।

इस तरीके से करता था ठगी :मास्टर माइंड रमेश प्रजापत चार भाषा अगे*जी, हिन्दी, मराठी, तेलगु का अच्छा जानकार है। कम्प्युटर व आई.टी. का भी अच्छा जानकार हैं। वी.के. स्वामी के साथ वारदात करने बाद धोखाधडी के सभी तरीके जिसमें अलग-अलग जगहो की वेबसाईट के माध्यम से बीएसएनएल विभाग के अलग-अलग जी.एम. अधिकारीयों के बारे में जानकारी डालनलोड करके कम्प्युटर से फर्जी आई.डी. निकालने व फर्जी सिल तैयार कर वारदात करता था। जिसमें फर्जी आई.डी. से सिमे खरीदकर काम में लेते थे। पहले डाक्टर से फोन पर बात करके जी.एम. के रूप में अपनी पहचान देता था व स्कीम के बारें बताता था, व साथी को भेजकर ऑफर लेटर भिजवाता था। सकारात्मक जबाव मिलने पर पुन: अपने साथी को भेजकर अलोर्टमेन्ट दिलवाता था व रिश्वत के रूप में राशी को अपने साथी को दिलवाता था। रमेश प्रजापत कभी भी वारदात की जगह स्वंय नही जाता था।

चिकित्सकों से थी नफरत : पुलिस पूछताछ में मास्टर माइंड रमेश ने बताया कि उसे चिकित्सकों से खासी नफरत थी। उसने बताया कि उसके पिता की बीमारी के लिए वह चिकित्सक के पास गया था। जहां पर चिकित्सक ने उससे १.५० लाख रूपए की मांग की थी। उस समय उसके पास केवल ५० हजार रूपए ही थे, परन्तु चिकित्सक १.५० लाख से कम में ईलाज करने को तैयार नहीं था। इसी दौरान उसके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही आरोपी ने चिकित्सकों को ही ठगी के लिए चुना। अधिकांश चिकित्सक ठगी का शिकार होने के बाद किसी को बताते नहीं थे, इसी कारण पता नहीं चलता था।

दूध दान के प्रति माताओं को रूझान बड़ा

divya mothers milk bankउदयपुर, प्रदेश में स्थापित पहले मदर मिल्क बेंक मे दूध दान करने का रुझान बदने लगा है । विभिन्न माध्यमों से प्रभावित 18 धात्री माताएं १०२ यूनिट दूध दान कर चुकी है ।
उल्लेख निय है कि गत दिनों स्थानीय पन्नाधाय चिकित्सालय मे अपनी माँ के दूध से वंचित शिशुओं के लिए माँ का दूध उपलब्ध करने हेतु मदर मिल्क बेंक कि स्थापना कि गयी थी , विभिन्न माध्यमों से प्रचार के बाद धात्री माताएं दूध दान के महत्त्व को समझने लगी है तथा अब तक १८ माताओं ने १०२ यूनिट अपना दूध दान कर वंचित शिशुओं को उपलब्ध करवाया है । इन माताओं में में बोहत सी माताएं दो तिन बार दूध दान के लिए आचुकी है । इससे यहाँ शिशु नर्सरी इंसेंटिव केयर में भारती शिशुओं को दूध उपलब्ध कराया जारहा है ।

विद्यापीठ रिसर्च बोर्ड की बैठक

jrnrv1उदयपुर , जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में शोध के लिए विशेष फण्ड योजना बनेगी। इस योजना से छात्रों एवं शोधार्थियों को भी लाभ मिलेगा।

यह बात शनिवार को कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने रिसर्च बोर्ड की बैठक में अध्यक्षता करते हुए कही। पीजी डीन प्रो. बी.एल. फडिया ने बताया कि १५ अगस्त २०१३ से २७ अप्रेल, २०१३ तक विद्यापीठ के विभिन्न विषयों में पीएचडी उपाधि प्रदान किये जाने सम्बंधी शोधार्थियों की उत्तर स्वीकृति मिल गई है। विद्यापीठ के शोध निर्देशक के अधिन अधिकमत पंजीकृत शोधार्थियों की संख्यां पर विचार किया गया जिसके अन्तर्गत आचार्य के पास अधिकतम १० सहआचार्य के पास ८ व सहायक आचार्य के पास ३ शोधार्थियो की संख्या होगी।

रिसर्च बोर्ड की बैठक में सुखाडिया विश्वविद्यालय के पूर्व डीन के.एस. गुप्ता, रजिस्ट्रार प्रकाश शर्मा, डॉ. एल.एन. नन्दवाना, प्रो. मनोहर सिंह राणावत, डॉ. सीपी अग्रवाल, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. शशि चितौ$डा, डॉ. मुक्ता शर्मा, डॉ. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. सुमन पामेचा, डॉ. आरबी सिंह मौजुद थे।

मंदिर से नकदी चोरी

उदयपुर, । शहर के गोवर्धनविलास थाना क्षेत्र में स्थित एक मंदिर से अज्ञात चोरों ने दानपेटी से नकदी और साउण्ड सिस्टम चोरी कर ले गए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार थाना क्षेत्र के सेक्टर १४ में भटनागर समाज का श्री चित्रगुप्तजी महाराज का मंदिर है। इस मंदिर का गुरूवार रात्रि को अज्ञात चोरों ने ताला तोडकर अंदर घुस गए। चोरों ने इस मंदिर की दान पेटी का ताला तोडकर अंदर रखी करीब ४ हजार रूपए की नकदी चोरी कर ली और मंदिर परिसर में ही रखा साउण्ड सिस्टम चोरी कर ले गए। सुबह मंदिर मे आए लोगों ने ताला टूटा हुआ देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौका-मुआयना कर रमेश पुत्र सरदारसिंह निवासी माछला मंगरा की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

नए कानून ने दिखाया असर युवती को अश्लील इशारे करना महगा पड़ा

main-qimg-2dd833c00bb81d21082cabcffc44ad8fयुवती ने कराया अश्लील इशारे करने का प्रकरण दर्ज
उदयपुर, शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में एक युवती ने एक युवक के खिलाफ सरेराह अश्लील ईशारे और पिता को जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सवीना खेडा निवासी एक युवती ने मामला दर्ज करवाया कि वह शुक्रवार शाम को उदयपुर होटल के पास खडी थी। इसी दौरान आरोपी नीतिन शांडिल्य ने उसे देखकर उसकी पास आया और उसके साथ अश्लील हरकत की। इस आरोपी ने इस युवती को उसके पिता द्वारा गोवर्धनविलास थाने में दी गई रिपोर्ट को उठाने के लिए धमकाया और नहीं उठाने पर जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद युवती सूरजपोल थाने पहुंची और आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। इधर पुलिस का कहना है कि युवती के पिता और आरोपी युवक के बीच किसी मकान को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमें गोवर्धनविलास थाने में दोनों के खिलाफ मामले चल रहे है। मामले की जांच आरपीएस प्रशिक्षु स्वाती शर्मा कर रही है।

पति और ससुराल वालों ने चलती कार में किया पत्नी का गैंगरेप!

26-24-rape-313गाजियाबाद। दिल्ली और एनसीआर में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद से नया मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने पति और ससुरालवालों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। महिला के अपने पति, बहनोई और देवर पर चलती कार में गैंगरेप का आरोप लगाया है।

महिला ने पुलिस को बताया कि उसका पति घर से 25 हजार रुपये लेकर भाग गया। बाद में उसने अपनी पति को फोन कर पैसे देने के लिए मोहन नगर बुलाया। जब महिला वहां पहुंची तो चौराहे पर उसके पति ने महिला को एक कार में बिठाया। जैसे वो कार में बैठी कार में पहले से ही महिला का पति अपने भाई और बहनोई के साथ मौजूद था।

इन तीनों ने चलती कार में महिला के साथ गैंगरेप किया। पीड़िता के मुताबिक इन तीनों ने तकरीबन ढाई घंटे तक चलती कार में उसके सात रेप किया और बाद में उसे हिंडन नदी के पास सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है वहीं आरोपियों की तलाश भी तेज कर दी है।

नगर निगम की लापरवाही से अटका पडा है फ्लोटिंग फव्वारों का काम

fountinउदयपुर, नगर निगम की लापरवाही और काम करने की इच्छा शक्ति की कमी की वजह से पिछोला के फ्लोटिंग फव्वारे खटाई में पडे हुए है और अपनी कमजोरी छिपाने के लिये नगर निगम के अधिकारी सारी गलती फव्वारे लगाने वाली कम्पनी पर डाल कर रहे है।
राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत पिछोला के सौन्दर्यकरण के लिए पिछोला में अब फ्लोटिंग फव्वारे लगाने का निर्णय लिया था डेढ साल बाद भी जब कार्य की प्रगति नहीं हुई तो हाल ही में हुई सिटी लेवल की बैठक में संभागीय आयुक्त ने नगर परिषद आयुक्त सत्यनारायण आचार्य से जवाब तलब किया जिस पर आचार्य ने फाउन्टेन लगाने वाली कम्पनी आईवीआरएच पर आरोप मंढते हुए कहा कि उन्हें तीन बार नोटिस दिया गया है। तब संभागीय आयुक्त ने कह दिया कि यदि कार्य नहीं हो रहा तो ठेका निरस्त कर दिया जाना प्रस्तावित करों।
जबकी हकीकत कुछ और है: आईवीआरएच कंपनी के एक्युकेटीव नासीर जब्बार ने बताया कि फाउन्टेंन का ठेका जून २०११ में हमारी कंपनी को मिला जिसका वर्क आर्डर ५ अक्टूबकर २०१२ को नगर निगम द्वारा दिया गया इससे पूर्व कंपनी द्वारा कई बार लेटर लिख कर वर्क आर्डर के लिए कहा गया था।
परिषद के अधिकारियों कोई रूचि नहीं : नासिर जब्बार ने बताया कि आठ फाउन्टेंन के लिए हमने ११ जगह पम्प स्टेशन बनाने की fountin1जगह देने के लिये परिषद को लेटर लिखा था उसमें से परिषद ने सारा जगह अंकित कर अक्टुबर २०१२ में लेटर दिया लेकिन सात जगह में से सिर्फ मुश्किल से २ जगह ही पम्प स्टेश्न बनाने का कार्य शुय हुआ अन्य पांच जगह पर स्थानिय लीडर व जनता के भारी विरोध के चलते कार्य शरू नहीं किया जा सका।
नासिर ने बताया कि इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों को बार बार लिखने सूचित करने पर भी कोई उचित कार्यवाही नहीं की।
फव्वारें यूनिट को तैयार : नासिर ने बताया कि फव्वारें की सारी यूनिट तैयार है कंपनी ने अपना काम समय पर किया है लेकिन पम्प लगाने की जगह ही नहीं तो कहां लगाया जाए। अभी सिर्फ दूध तलाई पर एक पम्प स्टेशन और अम्बापोल पर एक स्टेशन बनाने के रूपरेखा बनायी गयी है।
हमारे पास कोई नोटिस नहीं : नगर परिषद आयुक्त ने संभागीय आयुक्त को कहा कि फ्लोटिंग फव्वारें से संबंधित कंपनी को तीन बार कार्य प्रगति करने के नोटिस दिये जा चुके है। जबकि कम्पनी के नासिर जब्बार ने बताया कि हमारे पास कोई नोटिस नहीं आया। कुल मिलाकर नगर निगम आयुक्त व अन्य अधिकारी अपने ढुलमुल और टालमटोल रवैये के चलते कंपनी को पम्प हाउस बनाने मे आ रही अडचनों को दूर नहीं किया जिससे ना फव्वारें के पम्प हाउस बने ना ही झील में फव्वारे लगे।

अब तो पुलिस से भरोसा ही उठ गया है ….

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सूचना के अधिकार के तहत खुला मामला
असहाय पिता पीड़ित बेटी के लिए कर रहा गुहार
दहेज प्रताडना का मामला
images (10)उदयपुर, अपनी बेटी और नवासी को न्याय दिलाने के लिए नाहर सिंह पिछले छह महिनों से पुलिस के आला अधिकारियों के चक्कर काट कर आखिर थक के कह उठा कि अब तो पुलिस से भरोसा उठ गया।
फतहपुरा के रामदास कालोनी निवासी नाहर सिंह ने अपनी इकलौती पुत्री गुडिया (परिवर्तित नाम) की शादी जयपुर निवासी प्रवीण से बडे अरमानों से करायी थी और ससुराल वालों को खुश करने अपनी बचत की पाई पाई लगा दी। गुडिया की शादी के कुछ ही दिन बाद जयपुर से फ़ोन आया । नाहर सिंह ने सोचा की कोई खुशखबरी होगी लेकिन काल दहेज की मांग का था और आरोप लगाया कि गुडिया की जो बाजुबंद दिया वह नकली है ओर यह असली दिया जाय साथ ही उन्होंने गुडिया के साथ मारपीट कर दहेज के लिए प्रताडित करना शुरू कर दिया। जब गुडिया गर्भवती हुई तो उसको गर्भपात के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया। लाचार नाहर सिंह जब अपनी बेटी से मिलने जयपुर पहुंचे तो ससुर कन्हैयालाल, सास कांता बाई, जेठ हेमंत, अनिल ओर प्रदीप उन पर टूट पडे क्यों कि फर्नीचर के नाम पर उन्होने सवा लाख मांगे थे। जिसमें से नाहर सिंह ने ६० हजार ही दिये थे। गुडिया के पिता नाहर ङ्क्षसह भारी मन से वापस उदयपुर आ गये।
कुछ दिनों बाद गुडिया के पति प्रवीण को जयपुर के बांगड अस्पताल में भर्ती कराया तब नाहर सिंह को अन्य लोगों की मार्फ़त और नाहर सिंह गुडिया के मामा पन्ना लाल पगारिया व अन्य परिचित के साथ जयपुर मिलने गये लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया और हाथापाई भी कर दी। उपचार के दौरान प्रवीण की मौत हो गयी तब गुडिया के परिजनों को पता चला कि प्रवीण को पहले से ब्रेन टयूमर था जिसका पता गुडिया के परिजनों को नहीं लगने दिया। अपनी इकलौती पुत्री के विधवा होने का दूख साथ ही ससुराल वालों का राक्षसी रवैया नाहर ङ्क्षसह ने बातया कि बेटी के ससुराल पक्ष ब्याह के वत्क्त दिया गया तमाम सामान अपने कब्जे में ले रखा है।
नाहर सिंह ने बताया कि बेटी व नवासी सुखद भविष्य के लिए कोर्ट के जरिये महिला थाने में गुडिया ने मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने पिता नाहर सिंह, मां प्रेम देवी , मामा पन्ना लाल पगारिया व नरेन्द्र ङ्क्षसह शेखावत के बयान दर्ज किये थे। जब सूचना के अधिकार के तहत बयान की प्रति मांगी तो पता चला कि पुलिस ने बयान ही बदल दिये। यहीं नहीं पुलिस ने पीड़ित पक्ष पर मामला उठाने व समझौता करने का दबाव भी बनाया। जांच अधिकारों को बदलने के लिये भी आईजी एसपी को ज्ञापन दिये गये लेकिन न्याय को कहीं आस नहीं जगी। एसपी के आदेश पर जांच डिप्टी को सौंपी गयी लेकिन डिप्टी ने भी पीडित पक्ष से बयान लिये बिना ही रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी। अब नाहर ङ्क्षसह सवाल कर रहे हे कि अपनी पुत्री ओर नवासी को न्याय दिलाने कहां जाये।