चुनावी घमासान शुरू : उदयपुर जिले में कांग्रेस का पलड़ा भारी

उदयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि (एक दिसंबर, २०१३) की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है, जिससे कई सारी बातों को छोड़कर चुनाव-चर्चा ने विशेष प्रमुखता प्राप्त कर ली है। इस चर्चा में सर्व प्रथम हम उदयपुर जिले की आठ सीटों का वर्तमान क्रसिनेरियोञ्ज प्रस्तुत कर रहे हैं।

उदयपुर: यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के पास है। इन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस के पास लालसिंह झाला, नीलिमा सुखाडिय़ा और सुरेश श्रीमाली ही सर्वाधिक मजबूत प्रत्याशी माने गए हैं। फिर भी इनकी जीत सुनिश्चित नहीं हैं।

उदयपुर (ग्रामीण): इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती सज्जन कटारा बैठी हुई है। दावेदारी देवेंद्र मीणा ने भी की है। इनको चुनौती देने के लिए भाजपा के पास श्रीमती वंदना मीणा को ही टिकाऊ उम्मीदवार माना जा रहा है। सज्जन कटारा यह सीट निकाल सकती है।

सलूंबर: इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती बसंती देवी मीणा बैठी हुई है, ये सांसद रघुवीर मीणा की पत्नी है। यहां से रघुवीर मीणा व रेशमा मीणा की दावेदारी को ठीक माना गया है, जिन्हें भाजपा के अर्जुनलाल मीणा अथवा अमृत मीणा टक्कर देने के लिए तैयार बैठे हैं। वैसे रघुवीर मीणा यह सीट निकाल सकते हैं।

गोगुंदा: इस आरक्षित सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस के मांगीलाल गरासिया ने विजयश्री हासिल करके राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किया है। श्री गरासिया को लोहे के चने चबवाने के लिए भाजपा में महावीर भागोरा और चुन्नीलाल गरासिया का दावा ठीक माना गया है। इस सीट पर कड़ी टक्कर रहेगी।

खेरवाड़ा: इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के डॉ. दयाराम परमार का वर्चस्व है। इनको टक्कर देने के लिए भाजपा के पास नानालाल अहारी ही एकमात्र विकल्प है। यहां कांग्रेस मजबूत है।

वल्लभनगर: यह सीट वर्तमान में कांग्रेस के गजेंद्रसिंह शक्तावत के पास है, जो राजस्थान सरकार के सचेतक है। इनके अलावा सूरजमल मेनारिया और अशोक जैन ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है। दूसरी तरफ भाजपा के आकाश वागरेचा, गीता पटेल और रणधीरसिंह भींडर ने चुनौती स्वीकार की है। यहां कांग्रेस की हालत पतली है।

मावली: यह सीट कांग्रेस के पुष्कर डांगी के पास है, जिनका क्षेत्र में काफी विरोध है। इनके अलावा कांग्रेस के पास शांतिलाल चंडालिया और गोपाल सिंह का विकल्प मौजूद है। उधर, भाजपा के पास धर्मनारायण जोशी और शांतिलाल चपलोत ही ऐसे प्रत्याशी हैं, जो यह सीट निकाल सकते हैं।

झाड़ोल: इस आरक्षित सीट पर भाजपा के बाबूलाल खराड़ी विधायक है। इनको कांग्रेस के सुनील भजात और हीरालाल दरंगी में से कोई भी एक चुनौती देने में सक्षम माना जा रहा है। यहां भी कड़ी टक्कर है।

यह प्रारंभिक आकलन है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर के साथ ही कांग्रेस का पलड़ा अपेक्षाकृत भारी दिखाई पड़ रहा है।

चुनावी घमासान शुरू : उदयपुर जिले में कांग्रेस का पलड़ा भारी

उदयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि (एक दिसंबर, २०१३) की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है, जिससे कई सारी बातों को छोड़कर चुनाव-चर्चा ने विशेष प्रमुखता प्राप्त कर ली है। इस चर्चा में सर्व प्रथम हम उदयपुर जिले की आठ सीटों का वर्तमान क्रसिनेरियोञ्ज प्रस्तुत कर रहे हैं।

उदयपुर: यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के पास है। इन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस के पास लालसिंह झाला, नीलिमा सुखाडिय़ा और सुरेश श्रीमाली ही सर्वाधिक मजबूत प्रत्याशी माने गए हैं। फिर भी इनकी जीत सुनिश्चित नहीं हैं।

उदयपुर (ग्रामीण): इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती सज्जन कटारा बैठी हुई है। दावेदारी देवेंद्र मीणा ने भी की है। इनको चुनौती देने के लिए भाजपा के पास श्रीमती वंदना मीणा को ही टिकाऊ उम्मीदवार माना जा रहा है। सज्जन कटारा यह सीट निकाल सकती है।

सलूंबर: इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती बसंती देवी मीणा बैठी हुई है, ये सांसद रघुवीर मीणा की पत्नी है। यहां से रघुवीर मीणा व रेशमा मीणा की दावेदारी को ठीक माना गया है, जिन्हें भाजपा के अर्जुनलाल मीणा अथवा अमृत मीणा टक्कर देने के लिए तैयार बैठे हैं। वैसे रघुवीर मीणा यह सीट निकाल सकते हैं।

गोगुंदा: इस आरक्षित सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस के मांगीलाल गरासिया ने विजयश्री हासिल करके राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किया है। श्री गरासिया को लोहे के चने चबवाने के लिए भाजपा में महावीर भागोरा और चुन्नीलाल गरासिया का दावा ठीक माना गया है। इस सीट पर कड़ी टक्कर रहेगी।

खेरवाड़ा: इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के डॉ. दयाराम परमार का वर्चस्व है। इनको टक्कर देने के लिए भाजपा के पास नानालाल अहारी ही एकमात्र विकल्प है। यहां कांग्रेस मजबूत है।

वल्लभनगर: यह सीट वर्तमान में कांग्रेस के गजेंद्रसिंह शक्तावत के पास है, जो राजस्थान सरकार के सचेतक है। इनके अलावा सूरजमल मेनारिया और अशोक जैन ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है। दूसरी तरफ भाजपा के आकाश वागरेचा, गीता पटेल और रणधीरसिंह भींडर ने चुनौती स्वीकार की है। यहां कांग्रेस की हालत पतली है।

मावली: यह सीट कांग्रेस के पुष्कर डांगी के पास है, जिनका क्षेत्र में काफी विरोध है। इनके अलावा कांग्रेस के पास शांतिलाल चंडालिया और गोपाल सिंह का विकल्प मौजूद है। उधर, भाजपा के पास धर्मनारायण जोशी और शांतिलाल चपलोत ही ऐसे प्रत्याशी हैं, जो यह सीट निकाल सकते हैं।

झाड़ोल: इस आरक्षित सीट पर भाजपा के बाबूलाल खराड़ी विधायक है। इनको कांग्रेस के सुनील भजात और हीरालाल दरंगी में से कोई भी एक चुनौती देने में सक्षम माना जा रहा है। यहां भी कड़ी टक्कर है।

यह प्रारंभिक आकलन है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर के साथ ही कांग्रेस का पलड़ा अपेक्षाकृत भारी दिखाई पड़ रहा है।

मीरा गर्ल्स कोलेज में केम्पस इंटरव्यू

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उदयपुर. संभाग के सबसे बड़े कन्या महाविद्यालय मीरा कन्या महाविद्यालय में पहली बार केम्पस इंटरव्यू का आयोजन किया गया है । कोलेज में आईटी सेक्टर से जुडी १२ कम्पनियाँ आई हुई है । शनिवार को हुए केम्पस इंटर व्यू में छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया । केम्पस प्लेसमेंट को लेकर छात्राएं खासी उत्साहित नज़र आई । यह पहला मोका है जब मीरा कन्या महाविद्यालय में केम्पस प्लेसमेंट आयोजित किया जा रहा है ।
१२ आई टी सेक्टर की कम्पनियाँ उदयपुर सहित राज्य भर से आई हुई है। शनिवार को हुए पहले दिन छात्राओं की तय्यारी और उत्साह को देख कर कंपनियों के प्रतिनिधियों का कहना है की । उन्हें चयन प्रक्रिया में काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी ।
खुद को बेहतर साबित करने के फेर में इन छात्राओं ने भी जबरदस्त तैयारियां की है। इंटरव्यू के दौरान अपनी बारी का इंतजार करने से पहले आईटी सेक्टर से जुड़े विभिन्न कंसेप्ट को भी क्लियर कर लिया था।
साक्षात्कार देकर आई एक छात्रा ने बताया कि कंपनियों के प्रतिनिधियों ने काफी सामान्य प्रश्न पूछे हैं। उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, यहां के संचार माध्यम और प्रमुख कंपनियों की जानकारी के अतिरिक्त यहां के खान पान और रीति रिवाज से जुड़े प्रश्न पूछे।

 

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विधि छात्रों ने ली बाल एवं किशोर संरक्षण की जानकारी

उदयपुर। विधि महाविद्यालय के छात्रों ने क्रक्रकिशोर सुधार गृहञ्जञ्ज का अवलोकन किया और निराश्रित बाल गृह एवं इससे जुड़े सभी नियमों एवं धाराओं की जानकारी प्राप्त की। किशोर सुधार गृह के अध्यक्ष ईश्वरीय प्रसाद वर्मा विधि ने संघर्षरत किशोर एवं किशोरियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्री मीना वीर चंदानी, जो सम्पे्रषण गृह की अध्यक्ष है ने छात्र छात्राओं को संरक्षण के अधिकारी बालक बालकों के बारें में विस्तृत जानकारी दी। इस अध्ययन कार्य में विधि महाविद्यालय के विधि शास्त्र के व्याख्याता डॉ. धर्मेश जैन की निगरानी रही। इस में महाविद्यालय के एल एल बी द्वितीय एवं अंतिम वर्ष के छात्र छात्रा शामिल थे। इसमें नेता निशान्त बागड़ी एवं सुरेन्द्र सिंह राठौड़ भी शामिल थे।

शारीरिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची संबंधित आपत्तियां आमंत्रित

उदयपुर। शिक्षा उपनिदेशक (माध्यमिक) कार्यालय उदयपुर मंडल के अधीन जिला शिक्षाधिकारियों द्वारा प्रसारित तृतीय वेतन श्रृंखला शारीरिक शिक्षकों की स्थायी वरिष्ठता सूची के आधार पर मंडल स्तरीय मिश्रित (पुरूष-महिला) 1971-2008 तक की अस्थाई वरिष्ठता सूची प्रसारित कर 15 दिन में आपत्तियां आमंत्रित की गई है। प्रभावित कार्मिक अपनी आपत्तियां संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से उक्त कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। प्राप्त आपत्तियों का नियमानुसार निराकरण करते हुए अस्थायी वरिष्ठता सूची स्थायी घोषित की जाएगी। शिक्षा उपनिदेशक (माध्यमिक) भरत मेहता ने बताया कि संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं संस्था प्रधान इस अस्थायी सूची का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर कार्मिकों को दिखाने के प्रमाण स्वरूप हस्ताक्षर प्राप्त करेंगे। इसके बाद प्राप्त आपत्तियों का जिला स्तरीय वरिष्ठता सूची में परीक्षण कर समस्त पत्रादि के प्रांरभिक शिक्षा सहित संकलित कर निर्धारित अवधि के पूर्व कार्यालय को भिजवा दिया जायेगा। आपत्ति निराकरण के वक्त जिले की मूल वरिष्ठता साथ ले जाना आवश्यक है।

भीलु राणा जयंती को पुष्पांजलि अर्पित

उदयपुर। महाराणा प्रताप सेना की ओर से भीलु राणा की जंयती पर आज सुबह मोतीमगरी स्थित भीलु राणा महाराणा प्रताप की मुर्ति पर पुष्पाजंलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम में महाराणा प्रताप सेना संस्थापक मोहन सिंह राठौड़, संभाग अध्यक्ष अशोक जैन, जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह राव, प्रकाश प्रजापत, विनोद प्रजापत, रणजीत सिंह राठौड़, नानुराम गमेती, विजयसिंह कुम्भावत, दिलीप शर्मा, मोतीसिंह, भीमसिंह, सुरेश प्रजापत, राकेश मेघवाल, रामलाल गमेती, मोहनलाल गमेती, चत्तरलाल, बाबुलाल प्रजापत आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

भारी बहुमत से जीतेगी भाजपा: किरण माहेश्वरी

downloadउदयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनावों के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं। एक दिसंबर के चुनाव में भाजपा की भारी बहुमत से विजय होगी। वसुंधरा राजे राज्य की सबसे लोकप्रिय नेता है। सभी सर्वेक्षणों में वसुंधरा राजे की लोकप्रियता अपने निकटत्तम प्रतिद्वन्दी से दोगुनी से भी अधिक बताई जा रही है। किरण माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान की जनता शोषण, महंगाई, भ्रष्टाचार और कांग्रेस के कुशासन से त्रस्त है। जनता कांग्रेस की विदाई का मन बना चुकी है। अन्य राज्यों में भी भाजपा की ही सरकार बनेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। कांग्रेस में हताशा चरम पर है। कांग्रेसी कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के मंत्री की सार्वजनिक रूप से पिटाई कर रहे हैं। कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों के दुराचार के प्रकरणों ने राजस्थान को लज्जित कर दिया है। किरण ने कहा कि सुशासन, सुरक्षा और विकास आज मतदाता की पहली चिंता है।

इंटरनेट पर लोग भलाई का काम क्यों करते हैं?

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130929110308_internet_online_laptop_624x351_pa_nocreditपूरी दुनिया में अब ज़्यादा से ज़्यादा लोग ऑनलाइन प्रोजेक्ट में वक्त दे रहे हैं. इन लोगों को पैसे या धन्यवाद के बगैर अनजाने लोगों की मदद करने के लिए कौन सी बात प्रेरित करती है?

राधा तरलेकर ने इमेल्डा को ये सीखने में मदद की कि वो ख़ुद को एचआईवी से कैसे बचाएं, हालांकि दोनों कभी नहीं मिली हैं और न एक दूसरे का नाम ही जानती हैं.

मुंबई में अपने घर से युवा डॉक्टर राधा तरलेकर ने कई हफ़्तों में युगांडा की इमेल्डा और किटेगा समुदाय की उनकी साथियों के लिए एक सूचना पुस्तक तैयार की, इमेल्डा के बच्चे एचआईवी/एड्स का शिकार बने थे.

राधा तरलेकर को इस काम के लिए कोई रकम नहीं मिली, इस काम का विज्ञापन संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर दिया गया था और इसका मकसद दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को उन लोगों से जोड़ना था जिन्हें मदद की ज़रूरत है.

‘घर से काम करने का मौका’

राधा तरलेकर उन प्रतिभाशाली लोगों में से हैं जो ऑनलाइन दूसरे लोगों की मदद करते हैं. लेकिन क्या चीज़ है जो बगैर किसी मुनाफ़े की उम्मीद के इन लोगों को दूसरे लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है?

तरलेकर का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से उन्हें दूसरे देशों के लोगों के साथ काम करने का मौका मिला, बगैर अपना देश छोड़े.

वो कहती हैं, “मैं सिर्फ़ पैसे के लिए काम नहीं करती. मैं लोगों की सेवा करना चाहती हूं, मैं नए विचार रखना चाहती हूं.”

कैंसर पीड़ित अपनी पत्नी और बहन को गंवा चुके टोनी सेलमैन ने कैंसर पर शोध करते हुए कई घंटे बिताए.

टोनी सेल स्लाइडर का इस्तेमाल करते हैं, ये एक वेबसाइट है जो लोगों से कहती है कि वे ट्यूमर के नमूनों के माइक्रोस्कोप से लिए फोटो की समीक्षा करें और उन्हें अलग-अलग श्रेणी में रखें.

टोनी कहते हैं, “मुझे पता है कि ये बीमारियां कितनी खतरनाक हैं. मेरी पत्नी की जब मौत हुई तब मैं उनके साथ था. ये परोपकार का मसला नहीं है. बल्कि उस ज्ञान की बात है जिससे लगे कि आप कुछ दे सकते हैं और संतुष्टि हासिल कर सकते हैं. ईमानदारी से कहूं तो इससे मैं संतुलित रहता हूं.”

‘सामाजिक पहलू’

साल 2011 में मैनचेस्टर के रहने वाले डिज़ाइनर सैम लक ने हत्या के एक मामले को सुलझाने में अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआई की मदद शुरू की.

12 साल पहले मिस्सोरी में रिकी मक्कॉर्मिक का शव एक मैदान में मिला था. सुराग थे वो दो कूटरचित खत जो रिकी की जेब में मिले थे. इन कोड को समझने में नाकाम रहने पर एफबीआई ने इन्हें इंटरनेट पर डाल दिया और स्वयंसेवकों से अपील की कि इन संदेशों को समझने में मदद करें.

लेकिन इस काम में एक सामाजिक पहलू भी था. सैम ने अपने जैसे लोगों से जुड़ने के लिए इस प्रोजेक्ट को लेकर एक ब्लॉग भी लिखा.

सैम ने इन नोट को समझने के लिए कई घंटे बिताए, लेकिन संदेश समझ नहीं आए, और ये केस अब तक नहीं सुलझ पाया है.

लेखक और इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाले क्लै शिर्की का कहना है कि मुनाफ़े की सोच के बगैर काम करने की ये बात समझी जा सकती है.

उनका कहना है, “हम इस बाज़ार की ताकतों के चलते अपने समाज को प्रशासित करने के विचार के इतने आदी हो चुके हैं कि हम भूल जाते हैं कि ज़्यादातर लोग ज़्यादातर काम बगैर मेहनताने के करते हैं.”

‘खरबों घंटे का खाली समय’

शिर्की का मानना है कि दुनिया भर में पढ़े-लिखे लोगों के पास हर साल खरबों घंटे का समय होता है जिसे सहयोगपूर्ण प्रोजेक्ट में लगाया जा सकता है.

‘हेल्प फ्रॉम होम’ जैसी वेबसाइट लोगों को अपने खाली वक्त का कुछ समय भी देने के लिए प्रेरित करती हैं लेकिन कुछ ऑनलाइन स्वयंसेवक ऐसे बड़े प्रोजेक्ट में भी काम करने को तैयार हैं जो इस “सूक्ष्म स्वयंसेवा” से कई गुना बड़े हैं.

विकीपीडिया दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया प्रोजेक्ट में से है.
विकीपीडिया दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया प्रोजेक्ट में से है.

उदाहरण के लिए, विकीपीडिया जो दुनिया का सबसे बड़ा एनसाइक्लोपीडिया है उसे ऐसे लोगों ने लिखा है जो अपनी विशेषज्ञता का योगदान बगैर किसी मेहनताने के करने के इच्छुक हैं.

इसके अलावा बड़े-बड़े जटिल ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को प्रतिबद्ध लोगों ने तैयार किया है जो अक्सर बगैर मेहनताने के काम करते हैं.

वर्ल्ड वाइड वेब के आधार अपाचे को खड़ा करने में मदद करने वाले ब्रायन बेहलेंडर्फ मानते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ बगावत की भावना उनके लिए प्रेरणा थी.

उनका कहना है, “एक आदर्शवाद की भावना थी, हम नहीं चाहते थे कि इंटरनेट का भी हाल डेस्कटॉप कम्प्यूटर जैसा हो. हम जानते थे कि चोटी के एक-दो लोगों को छोड़ दें तो ओपन सॉफ्टवेयर सब के लिए बढ़िया है.”

युगांडा में किटेगा सामुदायिक केंद्र में स्वयंसेवकों के संयोजक डेविड क्लेमी इस बात से सहमत हैं कि उनके चैरिटी को घर बैठे मदद करने वाले दुनिया भर के लोग आदर्शवाद से प्रेरित हैं.

वो कहकते हैं, “वो लोग दुनिया बदलना चाहते हैं, ऑनलाइन स्वयंसेवकों नहीं होते तो ये प्रोजेक्ट आज जहां है उससे 20 साल पीछे होता. “

निर्माणाधीन कमरों में लगा दी कक्षाएं, स्टूडेंट्स ने किया बहिष्कार

5580_51उदयपुर। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के एमटीएम विभाग के भवन का निर्माण कार्य जारी है। कमरों में खिड़कियां लगाई जा रही हैं और फर्श की घिसाई जारी है। विभाग ने इन्हीं कमरों में कक्षाएं भी लगाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को शोर से परेशान स्टूडेंट्स ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। वे नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन गए। कुलपति के नहीं होने पर रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा गया।

तीन बार बदला स्थान

स्टूडेंट्स ने बताया कि पहले इस विभाग को एफएमएस में चलाया गया। फिर विज्ञान भवन में और उसके बाद आईआईएम परिसर में चलाया गया। तब कहा गया कि विभाग का नया भवन बन रहा है। आनन-फानन विवि प्रशासन ने इस विभाग को अधूरे भवन में शिफ्ट कर दिया है। यहां कमरों में काम चल रहा है। पंखे नहीं है। टॉयलेट तक शुरू नहीं हो पाए हैं। यह सब जानते हुए भी विवि प्रशासन ने इस विभाग को यहां शिफ्ट किया है।

चेतावनी दी

विद्यार्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इसे दुरुस्त नहीं किया गया तो कक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा। फिर कोर्स में देरी की जिम्मेदारी विवि प्रशासन की ही होगी। सुविधाओं का इंतजाम विवि प्रशासन को ही करना है। यही कारण है बीटीएम के छात्रों ने यहां की दुर्दशा देखते हुए पहले ही अपनी फीस वापस करवा ली। इसके चलते यहां जीरो सेशन घोषित हुआ है।

पत्नी से मिलवाने के बहाने गेस्ट हाउस ले जाकर महिला से दुष्कर्म

5227_rape3उदयपुर। हाथीपोल थाना क्षेत्र के गेस्ट हाउस में युवक ने परिचित महिला से दुष्कर्म किया। घबराई महिला मुश्किल से अपने घर पहुंची। फिर परिजनों के साथ थाने आकर एफआईआर दर्ज कराई। महिला ने बताया कि युवक उसके ही गांव का था। वह पत्नी से मिलवाने के बहाने उसे गेस्ट हाउस ले गया था।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। थानाधिकारी नरपत सिंह ने बताया कि 23 वर्षीय महिला शहर में पति और परिवार के साथ रहती है। वह गुरुवार को घरेलू खरीदारी के लिए शास्त्री सर्कल गई। लौटते समय उसे उसी के गांव बावलवाड़ा का परिचित ललित गरासिया मिल गया।

ललित महिला को अपनी पत्नी से मिलवाने के बहाने चेतक गेस्ट हाउस ले गया, जहां कमरे में उससे दुष्कर्म किया। घबराई महिला वहां से भाग निकली और घर पर पहुंचकर जेठ-जेठानी को आपबीती बताई। इनकी रिपोर्ट पर थानाधिकारी के नेतृत्व में टीम रवाना की गई। रातभर तलाशने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को बावलवाड़ा थाना पुलिस की मदद से आरोपी ललित पुत्र कालू सिंह गरासिया को गांव के कानपुर बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया।