राष्ट्रीय बहुरूपिया कार्यशाला सम्पन्न

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उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित राष्ट्रीय बहुरूपिया कार्यशाला सोमवार को सम्पन्न हुई अंतिम दिन देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने दर्पण सभागार में अपनी कला का प्रदर्शन किया तथा एक-दूसरे से विदा ली।
बहुरूपी कला को प्रोत्साहन देने तथा देश के विभिन्न राज्यों में कला दिखाने वाले बहुरूपिया कलाकारों को एक मंच पर लाने तथा उनकी कला को बेहतर बनाने के लिये उन्हें विभिन्न कलाम ाध्यमों का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में दस राज्यों के 55 बहुरूपिया कलाकारों ने भाग लिया। कार्यशाला में जयपुर के श्री राधेलाल बांका ने रूप सज्जा, डॉ. लईक हुसैन ने वेशभूषा, श्री दीपक जोशी ने संवाद सम्प्रेषण श्री विलास जानवे, डॉ. रमेश नागदा ने संगीत व नई दिल्ली के रूपेश सहाय ने कागज व कपड़े पर कलाकृतियाँ बनाने का प्रशिक्षण दिया।
समापन अवसर पर गुर्जरवाणी अहमदाबाद द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘बहुरूपिया’’ एवं संस्कृति चक्र, सुरी, बीरभूम पश्चिम बंगाल द्वारा निर्मित फिल्म दी पेडलर्स ऑफ फैन्टैसी’’ का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद बहुरूपी कलाकारों पश्चिम बंगाल के नित्यानन्द, कर्नाटक के अश्व सुरेश, अश्व तिपेस्वामी, के रामू, आंध्रप्रदेश के वाई हुसेन, एम. श्रीनिवास, महालिंगा, वाई राजू, कर्नाटक के वाई शिवाजी, सीताराम, अश्वरमन्ना, एम. उमेश, अश्व बसवराज, वाई शंकरकुमार, के. नागराज, अश्विन नागराज, वाई शंकर अप्पा, दिल्ली के बबलू, अब्दुल हमीद, शाहिद, राजू, अजय, पंजाबी, झारखण्ड के रजीत कुमार महतो, धर्मदास, जयपुर के मेहमूद, राजू राजस्थानी, महाराष्ट्र के संजय चेचाणे, देवदास तांदुलकर, गणपत मांदंलकर, नामदेव, सोहन खुल्लका, रतन औंधकर, श्रीकांत औंधकर, बांदीकुई के फरीद, अकरम, नूर मोहम्मद, फिरोज़ सवाईमाधोपुर के संजीव, अहमदाबाद के अश्फाक, अमरावती के किशन, शमशाद, लखनऊ के रजब अली, जयसिंह आदि ने विभिन्न किरदारों का वेशधारण कर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर केन्द्र निदेशक श्री शैलेन्द्र दशोरा ने कलाकारों का अभिवादन किया व उनके प्रति आभार व्यक्त किया। श्री दशोरा ने कलाकारों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये। विदाई की वेला में पश्चिम बंगाल से आये बहुरूपिया कलाकार नित्यानन्द व अन्य बहुरूपिया कलाकार काफी भावुक हो गये उन्होंने रवीन्द्रनाथ अैगोर का संदेश भी दिया।

16वीं लोकसभा के हर तीसरे सांसद पर क्रिमिनल केस, सबसे ज्यादा बीजेपी में

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1नई लोकसभा में हर तीसरा नवनिर्वाचित सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है. इसका खुलासा सांसदों द्वारा भरे गए शपथ पत्र के आधार पर हुआ है. नेशनल इलेक्शन वाच (एनईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने 543 में 541 सदस्यों के शपथ पत्र के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि 186 या 34 प्रतिशत चुने गए सांसदों ने अपने शपथ पत्र में खुलासा किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं.
2009 में 30 प्रतिशत लोकसभा सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले थे. इसमें अब चार प्रतिशत की वृद्धि हो गई है. वहीं, 2014 के चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले एक प्रत्याशी के जीतने की संभावना 13 प्रतिशत रही, जबकि साफ छवि के प्रत्याशियों के मामले में यह पांच प्रतिशत रही.

आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 186 नए सांसदों में से 112 (21) ने अपने खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है.

इस विश्लेषण में कहा गया है कि झारखंड के जमशेदपुर से विजयी रहे भाजपा प्रत्याशी और महाराष्ट्र के सतारा से विजयी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रत्याशी के शपथ पत्रों का विश्लेषण नहीं हो पाया है क्योंकि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दिए गए उनके शपथ पत्र अधूरे/अस्पष्ट मिले हैं.

पार्टी वार विश्लेषण में सबसे ज्यादा सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं. पार्टी के 281 सदस्यों में से 98 या 35 प्रतिशत ने अपने शपथ पत्र में आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. भाजपा ने 282 सीटें जीती हैं.

कांग्रेस के 44 में से 8 (18 प्रतिशत), एआईएडीएमके के 37 में से 6 (16 प्रतिशत), शिवसेना के 18 में से 15 (83 प्रतिशत) और तृणमूल के 34 विजेताओं में से 7 (21 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले दर्ज होने का खुलासा किया है.

कपासन के पास रेल-मिनी ट्रक भिड़ंत

-छह की मौत, चार घायल, मृतकों में तीन संगी बहनें शामिल
-सिंदियाड़ा रेलवे समपार पर हुआ हादसा

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उदयपुर। कपासन के पास सिंदियाड़ा रेलवे फाटक (मानव रहित समपार) पर आज सुबह आठ बजे एक मिनी ट्रक ब्रांदा-उदयपुर ट्रेन की चपेट में आ गई। इस हादसे में मिनी ट्रक में सवार छह जनों की मौत हो गई है, जबकि चार गंभीर घायलों को यहां एमबी अस्पताल भर्ती किया गया है। मृतक और घायल सभी आपस में रिश्तेदार है। ट्रेन और मिनी ट्रक में इतनी जोरदार भिड़ंत हुई थी कि मिनी ट्रक के परखच्चें उड़ गए और चेचिस उछलकर वापस ट्रेक पर ही गिरी, जो ट्रेन के इंजन के नीचे फंस गई। सूचना पर चित्तौडग़ढ़ कलेक्टर और एसपी अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और शव और घायलों को निकलवाकर अस्पताल पहुंचाया। चित्तौडग़ढ़ के कलेक्टर ने मृतकों के आश्रितों को ५०-५० हजार रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से देने की घोषणा की है।
सूत्रों के अनुसार एक मिनी ट्रक (९०७) कपासन से भूंसा लेकर नाथीखेड़ा जा रही थी। मिनी ट्रक के केबिन में पांच लोग सवार थे, जबकि पांच लोग भूंसे की बोरियों पर बैठे थे। मिनी ट्रक सिंदियाड़ा रेलवे फाटक क्रोस करने लगी, तभी बांद्रा से उदयपुर की तरफ आ रही ट्रेन ने मिनी ट्रक को चपेट में ले लिया। हादसा सुबह आठ बजे हुआ। इस हादसे में ट्रेन में सवार तरजला निवासी रूपा (२०) पुत्र मोहन बंजारा, बाबू (२५) पुत्र जीवा और नाथीखेड़ा निवासी सोसर (२२) पुत्री राजू, उसकी बहन चंदू (२३) और राधा (१८) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल जगदीश (१५) पुत्र शंकर की यहां एमबी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। एमबी अस्पताल में वकील (२२) पुत्र जीवा बंजारा, नगीना (२०) पुत्री जीवा, महेंद्र (१८) पुत्र राजू और मांगिया पुत्र बालू को भर्ती किया गया है। डॉक्टरों ने इन घायलों की हालत भी चिंताजनक बताई है।

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मिनी ट्रक के परखच्चे उड़े
ट्रेन इतनी स्पीड में थी कि भिड़ंत के बाद मिनी ट्रक के परखच्चे उड़ गए और चेचिस करीब सौ मीटर आगे जाकर ट्रेक पर ही गिरी, जो ट्रेन के इंजन के नीचे आ गई। सूचना मिलने पर चित्तौडग़ढ़ कलेक्टर वेदप्रकाश, एसपी प्रसन्न खमेसरा, कपासन डिप्टी रामस्वरूप मीणा, कपासन सीआई करणसिंह जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में ग्रामीण वहां जमा हो गए। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से रस्सें बांधकर चेचिस को ट्रेन के नीचे से निकाला।
५० मीटर तक बिखरे लाशों के टुकड़े
इस हादसे में ट्रेन से कटने वाली लाशों के टुकड़ें पचास मीटर दूरी तक बिखर गए, जिन्हें पुलिस ने समेट कर एम्बुलेंस से नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां पर नाथीखेड़ा, तरजला और आसपास के गांवों के सैंकड़ों लोग जमा हो गए, जहां डॉक्टरों की टीम उनके पोस्टमार्टम में लग गई। दोपहर बाद पोस्टमार्टम करके शव परिजनों को सौंप दिए गए।

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सिंदियाड़ा रेलवे फाटक मानव रहित समपार है। भारत सरकार के नियमों के अनुसार वहां पर बोर्ड लगा हुआ है। जिस पर स्पष्ट लिखा है कि ठहरिये, देखिए, फिर चलिए। ड्राइवर ने देखा नहीं और समपार करने की कोशिश की। इस कारण यह हादसा हुआ। रेलवे फाटक के पास झाडिय़ों को भी रेलवे द्वारा कटवाया जाता है।
-हरफूलसिंह चौधरी, क्षेत्रीय रेलवे अधिकारी
सिंदियाड़ा रेलवे फाटक मानव रहित समपार है। ड्राइवर ने ध्यान नहीं दिया और रेलवे फाटक क्रोस की। इस कारण यह हादसा हुआ। मौके पर पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल की उदयपुर के एमबी अस्पताल में मौत हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस का जाब्ता घटनास्थल पर पहुंचा, जहां ट्रेन के नीचे फंसी चेचिस को बाहर निकाला गया। लाशों और घयलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
-प्रसन्न कुमार खमेसरा, एसपी चित्तौडग़ढ़

नशा बना रहा है दुष्कर्मी

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RPJHONL004180520147Z41Z43 AMउदयपुर । नशा…चाहे शराब का हो या ड्रग्स का…एक अभिशाप है। ऎसा क्यों…इसका जवाब…आए दिन कई परिवारों में होने वाली मारपीट, हत्या और जानलेवा बीमारियां जैसी घटनाएं स्पष्ट रूप से देती हैं…लेकिन अब इसी कड़ी में दुष्कर्म की बढ़ती वारदातें भी जुड़ गई हैं…।

ऎसा पुलिस पड़ताल में सामने आया है…। सच्चाई यह है कि शराब के नशे में व्यक्ति इतना वहशी हो जाता है कि जिंदगी से रिश्ता ही नहीं, रिश्तेदारों तक को भूल जाता है…7 मई 2014 को जयपुर के श्याम नगर की घटना इसका ताजा उदाहरण है, जहां मुंहबोले नाना ने ही शराब के नशे में अपनी छह वर्षीय दोहिती को हवस का शिकार बना डाला।

रात में महिला पुलिसकर्मी नहीं
कोटा के चेचट थाने में 2 अक्टूबर 2010 को रात्रि ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल से थाने के ही कांस्टेबल और लांगरी ने दुष्कर्म किया और चाकू घोंप हत्या कर दी। वारदात के दौरान दोनों नशे में धुत थे। इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने प्रदेश के सभी थानों में रात्रि को महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाना ही बंद कर दिया। जरूरत होने पर महिला पुलिसकर्मी को रात्रि को ड्यूटी पर बुला लिया जाता है।
ये भी बानगी
दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया से चलती बस में, मुम्बई में 22 अगस्त 2013 को शक्ति मिल्स में पत्रकार युवती से और सीकर में 2012 में हुई गैंगरेप की घटनाओं की पड़ताल में सामने आया कि अभियुक्तों ने अपराध करते समय शराब पी रखी थी। ताजा मामले की बात करें तो हरियाणा में 2 मई 2014 को मामा की शादी में गई सीकर की मासूम ने दुष्कर्म का दंश झेला। नशे में धुत युवक ने बच्ची के हाथों में चार फ्रेक्चर कर दिए।

दो साल में बढ़े साढ़े चार सौ मामले
राजस्थान में ही पुलिस विभाग की ओर से जारी आंकड़ों को देखें तो दुष्कर्म के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2012 में मार्च तक के जो प्रकरण 470 थे, वे वर्ष 2014 में 924 तक आ पहुंचे। 2014 में पुलिस ने 166 प्रकरणों में चालान पेश किया, 172 में एफआर लगाई, लेकिन अब भी 586 प्रकरण लंबित हैं। मार्च तक छेड़छाड़ के 1599 मामले रिकॉर्ड में सामने आए हैं।

अवैध कितनी…
आबकारी विभाग ने शहर में अंग्रेजी शराब की और देशी मदिरा की कई दुकानें खोल रखी हैं। जबकि बीयर बार की संख्या अलग से है। शहर में गांव में कई जगह अवैध रूप से शराब की बिक्री होती है, और शराब बनाई जाती है जिस पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं हे
असामान्य हो जाता है व्यक्ति
नशे में व्यक्ति सामान्य की बजाए असामान्य व्यवहार करता है। इस दौरान कभी-कभी आवेश में आकर व्यक्ति अपराध तक कर बैठता है। नशे के दौरान समूह में रहने और साथियों के उकसाने पर कई बार व्यक्ति दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम देते हैं, लेकिन नशा उतरने पर उन्हें आत्मग्लानि होती है। डॉ. रश्मि जैन, समाजशास्त्री

कानून भी हुआ सख्त
दिल्ली गैंग रेप के बाद 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मामलों में पोक्सो कानून बनाया गया। इस कानून में आरोपी को खुद ही बेगुनाही साबित करनी पड़ती है। पोक्सो की जांच आरपीएस अधिकारी ही और रेप मामले की जांच थाना प्रभारी करेगा। इसमें सजा 20 साल तक कर दी गई है। इसके अलावा भी कानून में कई संशोधन किए गए हैं। -अजय जैन, अधिवक्ता

कैसी होगी 16वीं लोकसभा की तस्वीर?

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सोलहवीं लोकसभा में भारत के संसदीय इतिहास में सबसे अधिक महिलाएं सासंद होंगी. लेकिन दूसरी तरफ़ इस सदन में वैसे सासंदों की तादाद बढ़ी है जो दसवीं पास भी नहीं हैं.

ग्रेजुएट प्रतिनिधियो की संख्या भी पहले के मुक़बाले कम हुई है और युवा वोटरों की बड़ी तादाद का बार बार हवाला दिए जाने के वाजवूद उम्र के लिहाज़ से सोलहवीं लोकसभा पहले से अधिक बुज़ुर्ग होगी.
पीआरएस लेजिस्लेटीव रिसर्च ने सभी 543 लोकसभा सीटों की प्रोफ़ाइल का अध्यन करके एक लिस्ट जारी है कि भारत की नई संसद कैसी दिखाई देगी.

इस अध्ययन के अनुसार इस बार के चुनाव में कुल ऐसी 61 सीटें हैं जहां से महिलाएं जीती हैं.

अगर प्रतिशत के लिहाज़ से देखें तो महिलाओं की संख्या लगभग 11.3 फ़ीसद है.

हालांकि 15वीं लोकसभा के मुक़ाबले देखें तो महिला सांसदों की संख्या में महज़ तीन सीटों की बढ़ोतरी हुई है. पिछली लोकसभा में 58 महिला सांसद थीं.
बुज़ुर्ग होती संसद

1952 में होने वाले पहले लोकसभा चुनावों में महिलाओं की संख्या पाँच फ़ीसदी थी. जो 1984 के आठवें लोकसभा चुनावों में लगातार जारी उतार-चढ़ाव के बाद आठ प्रतिशत रह गई . 2009 के क्लिक करें 15वीं लोकसभा में यह संख्या बढ़कर 11 फ़ीसदी तक पहुंची. 16वीं लोकसभा चुनावों में महिला सांसदों की संख्या 11.3 फ़ीसद है.

देश में युवा वोटरों की बड़ी तादाद होने की बात बार बार कही गई लेकिन इसके बावजूद इस बार वैसे सांसदों की संख्या अधिक है जिनकी उम्र 55 साल के पार है.

सोलहवीं लोकसभा में 543 सांसदों में से 253 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 55 साल से ज़्यादा है. प्रतिशत के हिसाब से ये करीब 47 फ़ीसदी के आसपास है.

15वीं लोकसभा में 55 साल से अधिक उम्र के सांसदों की संख्या 43 प्रतिशत थी.

सोलहवीं लोकसभा में आए मात्र 71 सांसदों की उम्र 40 से कम है यानी क़रीब 13 प्रतिशत है.

शिक्षा और व्यवसाय

इस बार चुनावी फ़तह हासिल करने वालों में महज़ 75 फ़ीसदी सांसद ही ऐसे हैं जिनके पास स्नातक की डिग्री है. पिछले सदन में ये फ़ीसद 79 था.

वैसे सांसद जिन्होंने दसवीं भी पास नहीं की है, उनका प्रतिशत पिछली बार के तीन फ़ीसदी के मुक़ाबले बढ़कर 13 फ़ीसदी तक पहुंच गया है. वहीं जनता के वैसे प्रतिनिधि जो मैट्रिक पास हैं, उनकी संख्या 17 फ़ीसद से घटकर 10 प्रतिशत को पहुंच गई है.

हालांकि डॉक्टरेट की उपाधि रखने वाले सांसदों की संख्या पहले से तीन प्रतिशत बढ़ी है.

पिछली लोकसभा से तुलनात्मक अध्ययन करने पर ये बात भी सामने आती है कि इस बार वैसे सांसदों का फ़ीसद पहले के मुक़ाबले (15) अधिक (20) है जिन्होंने कारोबार को अपनी रोज़ी रोटी का ज़रिया बताया है.

खेती को अपना प्राथमिक व्यवसाय बताने वालों की फ़ीसद पिछली बार (27) जितना ही है.

वकालत का पेशा

पंद्रहवी लोकसभा में 28 फ़ीसदी सांसदों ने राजनीति और सोशल वर्क को अपना व्यवसाय बताया था. इस बार ये 24 प्रतिशत है.

पहली लोकसभा में 36 फ़ीसदी संसद सदस्यों का पेशा वकालत था, इसके बाद 22 प्रतिशत सांसदों का प्राथमिक व्यवसाय कृषि था और केवल 12 फ़ीसदी सांसद कारोबार से जुड़े थे.

यह काबिल-ए-ग़ौर है कि 16वीं में एक फ़ीसदी सांसद पत्रकारिता और लेखन से जुड़े हैं, जबकि तीन फ़ीसदी सांसद अध्यापक और शिक्षाविद हैं. तो वहीं चार फ़ीसदी सांसद मेडिकल क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.

16वीं लोकसभा में वकालत के पेशे से जुड़े सांसदों की संख्या सात प्रतिशत है. सिविल, पुलिस और सैन्य सेवा से जुड़े सांसदों की संख्या दो फ़ीसदी के आसपास है.

मोदी मस्त पप्पू पस्त

papuअब ना-नुकर नहीं…
मनु राव
आज देश अपने लोकतांत्रिक इतिहास के नये मोड़ पर आ खड़ा हुआ है। जनता ने सांप्रदायिक ताकतों के विशेषण से पुकारे जाने वाले जत्थे को अपना सेवक चुन लिया है। वह भी भरपूर बहुमत देकर। अब अपने वादों को पूरा करने में ये क्रराष्ट्रवादीञ्ज कोई क्रना-नुकरञ्ज नहीं कर सकते। न ही जनता क्रइफञ्ज और क्रबटञ्ज सुनेगी। एक ही आवाज आएगी, क्रअपने वादे पूरे करो।ञ्ज अब नरेंद्र मोदी के सामने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तथाकथित गुप्त एजेंडे को लागू करने की बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है, जिसे पिछले ७० वर्ष से क्रहिंदू राष्ट्रांग भूताञ्ज कहकर सबके मन में उतारा जाता रहा है। कश्मीर में धारा-३७० को समाप्त करना, समान सिविल कोड लागू करना और आयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाना भी आसन्न चुनौतियों में शामिल है। अब ये क्रजन सेवकञ्ज इन सबके लिए दस साल की अवधि नहीं मांग सकते, न ही गठबंधन की मजबूरी का बहाना बना सकते हैं। संविधान में क्रसमाजवादञ्ज के वादे के आगे क्रगांधीवादीञ्ज शब्द जोडऩे की जरूरत भी नहीं है। संविधान की समीक्षा करने की इनकी पुरानी मंशा पूरी करने में भी कोई अड़चन नहीं आ सकेगी।
ये सारे भावनात्मक मुद्दे जमीन पर उतारने में पता नहीं कितना समय लगेगा लेकिन महंगाई के बोझ में दबी जनता को राहत देने और बेरोजगारी से निजात दिलाने का काम प्राथमिकता से करना जरूरी हो गया है। जनता राज की ढाई रुपए किलो वाली शक्कर का स्वाद आज भी लोगों की जबान पर ताजातर है। आमजन को लूट कर विदेशों में ले जाया गया लाखों करोड़ रुपया वापस देश में लाने का संकल्प भी पूरा करना होगा, जो वर्तमान आर्थिक बदहाली को समाप्त करने का फिलहाल एकमात्र स्रोत है। इसके अलावा पिछले दस वर्षों में हुए लाखों करोड़ रुपयों के घोटालों से हड़पा गया धन ढूंढ निकालने तथा उनमें लिप्त तथाकथित राजनेताओं को सलाखों के पीछे डालने का काम भी प्राथमिकता में आना चाहिए, तभी जन-मन की अशांति दूर हो पाएगी, अन्यथा जिस जनता ने क्रसिर-आंखोंञ्ज पर बिठाया है, वहीं गद्दी से नीचे उतारकर फेंकने में देर नहीं करेगी। सावधान!

हर ओर खिला कमल

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रूझान आते गए, बढ़ती गई खुशियां
उदयपुर। चुनावी रुझान आते ही शहर भाजपा में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि शहर के भाजपाई अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे और जश्न की तैयारी कल से ही शुरू कर दी गई। प्रदेश की सभी 25 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत लगभग तय मानी जा रही है। उदयपुर संभाग की चारों सीटें भाजपा की झोली में चली गई है। गर्मी के चलते और अपनी जीत के प्रति आश्वस्त होने की वजह से आज मतगणना के दौरान मतदान केंद्र के बाहर या सूचना केंद्र में कही ज्यादा भीड़ नहीं दिखाई दी। संभाग के उदयपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद और चित्तौड़ की सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत लगभग तय है।
अर्जुन का अचूक निशाना: उदयपुर से अर्जुन मीणा मतगणना के पहले दौर से ही आगे निकल गए। इसके बाद उनकी लीड बढ़ती गई। किसी भी राउंड में कहीं से भी वे पिछड़ते हुए नहीं दिखाई दिए और आखिर में वे 236762 वोटों से विजयी हुए। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के रघुवीर मीणा को 423611 वोट मिले। और अर्जुन मीणा को कुल 660373 मत प्राप्त हुए
गिरिजा पर सीपी भारी: चित्तौडगढ़़ लोकसभा सीट पर भी भाजपा के चंद्रप्रकाश जोशी निवर्तमान कांग्रेस की डॉ. गिरिजा व्यास से करीब 314474 वोटों से जीत गए। हालांकि शुरुआती दौर में डॉ. गिरिजा व्यास ने अच्छी टक्कर दी और शुरुआती दौर में गिरिजा मात्र छह हजार वोट से पीछे थी, जिससे लगने लगा था की चित्तौड़ की सीट एक बार कांग्रेस की झोली में आ सकती है, लेकिन बाद के दौर में भारी अंतर आते हुए 11 बजे तक तो करीब सवा लाख वोटों से पिछड़ गई। डॉ. गिरिजा व्यास को वोट मिले 384917 जबकि सी पी जोशी को कुल 699391 मत मिले।
हरिओम ने दी गोपालसिंह को शिकस्त: राजसमंद में भाजपा के हरिओमसिंह राठौड़ ने शुरू से भारी बढ़त बनाते हुए भारी वोटों से विजय हासिल की। पहले ही दौर में 35 हजार से आगे निकले हरिओमसिंह पंवार ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गोपालसिंह शेखावत को मतों से शिकस्त दी।
मालवीया पर भारी पड़े निनामा: डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी माना जा रहा था कि यह सीट कांग्रेस की झोली में आ सकती है, लेकिन कड़ी टक्कर के बाद आखिरकार भाजपा के मानशंकर निनामा 91916 वोटों से जीते। इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया की पत्नी रेशम मालवीया खड़ी हुई थी और उनको जीत दिलाने के लिए महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने अपना पूरा दम ख़म लगा दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी मोदी की लहर के आगे रेशम मालवीया टीक नहीं सकी। मानशंकर निनामा को577433 मत मिले तथा रेशम मालवीया को 485517 मत प्राप्त हुए।
भाजपा में उत्साह, कांग्रेस में छाया मातम: मतगणना केंद्रों के अलावा भाजपा के कार्यालय में भी भारी उत्साह का माहौल देखा गया। पटेल सर्कल स्थित पार्टी कार्यालय में सुबह साढ़े सात बजे से ही भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मतगणना के रूझान व परिणाम लाइव देख उत्साह बढ़ता गया और मिठाइयों का दौर चलता रहा। अभी भी पार्टी कार्यालय में फिलहाल जश्न भरा माहौल बना हुआ है। उधर, कांगेे्रस कार्यालय में फिलहाल कोई नहीं है। दुर्गानर्सरी में शहर जिला कांग्रेस कार्यालय के ताले ही नहीं खुले। इउधर देहात जिला कांग्रेस कार्यालय में भी कोई नजऱ नहीं आया। मतगणना केंद्र पर कांग्रेस के छुट-पुट कार्यकर्ताओं के अलावा बड़े नेताओं में सिर्फ पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया ही नजर आए।

अर्जुन का निकला विजय जुलूस
उदयपुर। भाजपा के विजयी प्रत्याशी अर्जुन मीणा को पार्टी कार्यकर्ता एमजी कॉलेज से जीप में बिठाकर जुलूस के साथ पार्टी कार्यालय ले गए। इस बीच जगह-जगह उनका का स्वागत किया गया।

अब की बार मोदी ही सरकार

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भाजपा को जमीन तोड़ बहुमत, कांग्रेस का बंटाधार
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में मोदी की ‘सूनामीÓ पर सवार बीजेपी 30 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए अपने दम पर बहुमत की ओर बढ़ रही है। अब तक आए रुझानों और नतीजों में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। बीजेपी गठबंधन 334 सीटों पर आगे है। इसमें 277 सीटें अकेले बीजेपी की हैं। यह बढ़त नतीजों में तब्दील होती है, तो 1984 के बाद बीजेपी पहली पार्टी होगी, जो अपने दम पर सरकार बनाएगी। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था। कांग्रेस को उस वक्त 414 सीटें मिली थीं। तब कांग्रेस को 49.01 फीसदी वोट मिले थे।
उधर, एग्जिट पोल्स के अनुमानों के मुताबिक ही कांग्रेस का बंटाधार हुआ है। वह 50 पर सिमट सकती है। यूपीए महज 69 सीटों पर आगे चल रही है। उधर, इन रुझानों के बाद बाजार ने भी मोदी को सलामी दी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा की बढ़त के साथ खुलकर 25 हजार के पार पहुंच गया।
क्रअच्छे दिन आने वाले हैंÓ: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत से गदगद मोदी की खुशी गुरुवार को ट्विटर पर छलक पड़ी। उन्होंने अपनी चिर परिचित लाइन अच्छे दिन आने वाले हैं ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत की विजय। अच्छे दिन आने वाले हैं।Ó
मां ने मोदी को किया तिलक: नरेंद्र मोदी ने चुनाव रुझानों में बीजेपी की जीत तय होने के बाद शुक्रवार दोपहर सबसे पहले अपनी मां हीरा बेन से मुलाकात की। मां हीरा बेन ने मोदी का तिलक लगाकर स्वागत किया। इसके बाद मोदी काफी देर तक मां के साथ बैठे रहे। इस दौरान वह अपने भाई के बच्चों से भी हंसी-ठिठोली करते देखे गए।
मोदी को बधाइयों का सिलसिला: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के सूत्रधार रहे मोदी को बधाइयों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीजेपी की जीत पर मोदी को बधाई दी है। इससे पहले सुबह पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मोदी को बधाई दी, तो दोपहर को लालकृष्ण आडवाणी ने भी उन्हें फोन किया। वहीं देश के अगले प्रधानमंत्री बनने के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां भी उनकी सुरक्षा को लेकर सक्रिय हो गई हैं। एसपीजी की टीमें मोदी को अपने सुरक्षा घेरे में लेने के लिए दिल्ली से गांधीनगर के लिए रवाना हुईं।
मोदी वडोदरा, वाराणसी से चुनाव जीते: रुझानों के मुताबिक ही नतीजे भी बीजेपी के पक्ष में आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी वडोदरा और वाराणसी से चुनाव जीत गए हैं। मोदी को वडोदरा में 5 लाख 72 हजार 8 सौ 80 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन मिस्त्री को 1 लाख 86 हजार 4 सौ 51 वोट मिले। 12 हजार एक सौ 10 लोगों ने नोटा बटन दबाया।
अरुण जेटली, अजीत सिंह चुनाव हारे: लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत से उत्साहित बीजेपी को अमृतसर में झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार में वित्त मंत्री के दावेदार माने जा रहे अरुण जेटली अमृतसर से चुनाव हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस के अमरिंदर सिंह ने हराया। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह भी बागपत से चुनाव हार गए। उन्हें बीजेपी उम्मीदवार मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने हराया। वहीं उन्नाव से बीजेपी के साक्षी महाराज, सुल्तानपुर से वरुण गांधी, चंडीगढ़ से किरण खेर और येदियुरप्पा भी चुनाव जीत गए हैं।
राहुल, मुलायम अब आगे: अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुरुआती राउंड में पिछडऩे के बाद अब अब आगे चल रहे हैं। बीजेपी की स्मृति ईरानी दूसरे नंबर पर हैं। रायबरेली से सोनिया गांधी भी आगे चल रही हैं। मैनपुरी सीट से जीत दर्ज कर चुके मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ में शुरुआत में पिछडऩे के बाद अब आगे चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश: 2009 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर सिमटी बीजेपी इस बार सत्तारूढ़ एसपी और बीएसपी को रौंदते हुए बंपर प्रदर्शन की ओर बढ़ रही है। यूपी की 80 सीटों में से बीजेपी 68 पर आगे चल रही है। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी है। वह 8 सीटों पर आगे चल रही है। यूपी में बीएसपी का पत्ता साफ हो गया है। उसे एक भी सीट नहीं मिलती दिख रही है। उत्तराखंड में बीजेपी इस बार सभी पांच सीटें झटकती दिख रही है। टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, हरिद्वार, अल्मोड़ा और नैनीताल में बीजेपी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।
दिल्ली: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को दिल्ली मे भी बड़ी सफलता मिली है। दिल्ली की चांदनी चौक सीट से बीजेपी के हर्षवर्धन और वेस्ट दिल्ली से बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा जीत चुके हैं, जबकि बाकी 5 सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव में उभरी आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा है।
डीएमके कैंडिडेट की पत्नी को हार्ट अटैक: रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र में डीएमके उम्मीदवार मोहम्मद जलील अपनी पत्नी के निधन की वजह से काउंटिंग से कुछ ही घंटों पहले शोक में डूब गए। परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनकी पत्नी शमसू निशा (60) का आज सुबह दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।

अब दवा के लिए ज्यादा देर नहीं रहना पड़ेगा खड़ा!

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rpkgonl010150520146Z57Z46 AMUdaipur नि:शुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को अब दवा के लिए ज्यादा देर लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। सरकार की ओर से करवाई गई समीक्षा में सामने आया है कि दवा काउंटरों पर पूरी सुविधाएं नहीं होने से मरीजों को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सा विभाग इस परेशानी को दूर करने की तैयारी में जुट गया है। विभाग इसके लिए विस्तृत प्लान तैयार कर सीएम के पास भिजवाया जाएगा। प्लान में प्रदेश के करीब-करीब हर अस्पताल में दवा काउंटरों की संख्या दोगुनी करने के साथ ही मेन पावर एवं कम्प्यूटरों की उपलब्धता बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। संभावना है कि आगामी बजट में इनकी घोषणा कर दी जाएगी।

संख्या बढ़ने की संभावना कम
पिछली सरकार के समय जहां कुछ महीनों में नि:शुल्क दवाओं की संख्या में इजाफा किया जाता रहा। वहीं वर्तमान सरकार दवाओं की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता बढ़ाने पर ही जोर देगी। सूत्रों के अनुसार एसएमएस जैसे अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज के दौरान कुछ हद तक दूसरी दवाइयां लिखने की अनुमति भी डॉक्टरों को दी जा सकती है। अभी छोटे अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए भी सूचीबद्ध दवाइयां ही लिखने की अनुमति है। डॉक्टरों के अनुसार इससे मेडिकल कॉलेजों एवं छोटे अस्पतालों के बीच अंतर ही समाप्त हो गया है।

गुणवत्ता बढ़ाने पर रहेगा जोर
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार दवा योजना में शामिल दवाओं की संख्या में कोई कटौती नहीं करेगी, लेकिन गुणवत्तापूर्ण दवाइयां ही मरीजों को मिले, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। अभी दवा कंपनियों को निविदा प्रक्रिया में शामिल होने के जो नियम है, उनमें भी बदलाव किया जा सकता है। इसके तहत डॉक्टरों एवं अन्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर हर मर्ज की दवा के लिए गुणवत्ता के आधार पर उच्चतम कंपनियों को निविदा प्रक्रिया में शामिल कर शेष को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

शादी मेें शिरकत करने दिग्विजय सिंह पहुंचे लेकसिटी

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उदयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह गुरूवार को एक स्कूली सहपाठी रहे मित्र के पुत्र के शादी समारोह में शिरकत करने लेकसिटी पहुंचे।
शहर के सेलिब्रेशन मॉल के समीप आयोजित शादी समारोह के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि एग्जिट पॉल ने जो वर्ष 2004 एवं 2009 में सर्वे के आंक$डे पेश किए थे वे भी गलत साबित हुए थे। देश के 80 करोड मतदाता इस बात का पै*सला करेंगे कि सरकार किसकी बनेगी। शुक्रवार को परिणाम सामने आने के बाद ही पता चल पाएगा कि सरकार किसकी बननी है। केवल एक लाख मतदाताओं का आंकलन करके जो एग्जिट पॉल के परिणाम दिए है उस पर विश्वास करना बडा मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जो आंकडे प्रस्तुत किए जा रहे है उनमें कुछ शेयर बाजार के खिला$िडयों का खेल भी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में प्रजातंत्र है और यहां पर हर व्यत्ति* उम्मीद रखता है। उम्मीद है हमारी सरकार को लोकसभा चुनावों के शुक्रवार को घोषित होने वाले परिणामों में अच्छी सीटें मिलेगी। उन्होंने भाजपा के स्पष्ट बहुमत के सवाल पर कहा कि यदि भाजपा को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो रहा होता तो वह दूसरे पार्टियों से गठजोड के लिए सम्पर्क नहीं करती।
मनमोहन की तारीप* की: यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह की तारीप* करते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन का 10 साल का कार्यकाल देश के लिए अच्छा रहा। इस कार्यकाल में देश की विकास दर भी बढी है। जहां 2004 में भारत विश्व में सातवें स्थान पर था। आज विश्व में अमेरिका व चाइना के बाद भारत तीसरे नंबर का देश बन गया है।
हार की जिम्मेदारी सबकी: चुनाव परिणाम आने के बाद यदि कांग्रेस की हार होती है तो क्या इसकी जिम्मेदारी राहुल गांधी की होगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में प्रजातंत्र है और जनता का पै*सला यदि हमारे पक्ष में नहीं रहता है तो हार की जिम्मेदारी छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर हम सबकी होगी। केवल कोई व्यत्ति* विशेष हार का जिम्मेदार नहीं होगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय ने इस बार भाजपा द्वारा किए गए प्रचार प्रसार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा ने विज्ञापनों में पानी की तरह पैसा बहाया है। यदि इसका आंकलन किया जाए तो यह प्रतिदिन 10 करोड रूपया होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा जो संगठन पर गर्व करती थी आज केवल ’नरेन्द्र मोदी’ व्यत्तित्वाद की पार्टी बन कर रह गई है।
बांसवाडा का दुल्हा, जयपुर की दुल्हन: लेकसिटी में आयोजित जिस शादी समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह भाग लेने पहुंचे वह उनके स्कूली मित्र रहे मित्र के पुत्र की शादी है। पेशे से भूमि व्यवसायी मित्र के पुत्र प्रान्जय सिंह बांसवाडा के ख्वासा क्षेत्र से है जबकि दुल्हन दुनी जयपुर की है। शादी समारोह में शिरकत करने दिग्विजय सिंह उर्प* दिग्गी सपे*द कुर्ता, पायजामा व खादी जैकेट पहने हुए थे।