वाट्सएप दे रहा है पुलिस को टेंशन

Whatsapp-virus-cover-664x374-510x300Whatsapp-virus-cover-664x374-510x300उदयपुर। वाट्सएप से पुलिस को परेशानी हो रही है। कारण यह है कि वाट्सएप से भेजे जाने वाले मैसेज पुलिस ट्रेस नहीं कर पा रही है। वाट्सएप की यही खासियत पुलिस डिपार्टमेंट के सर्विलांस सेल के लिए परेशानी का सबब बन गई है। आप सोच रहे होंगे कि किस बात की परेशानी है सर्विलांस सेल को, हाई फाई टेक्निक से लैस हैं, हर क्रिमिनल की एक्टिविटी को वॉच कर उसको सलाखों के पीछे पहुंचाते हैं, तो फिर टेंशन किस बात की? अरे भाई यही तो टेंशन है कि आजकल क्रिमिनल्स इनकी रडार पर नहीं आ रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि क्रिमिनल्स भी अब फोन पर बात करने से बेहतर वाट्सएप का यूज करना समझ रहे हैं और वाट्सएप न ही सर्विलांस के जरिये ट्रेस हो सकता है और न ही पुलिस इसको ट्रेस कर सकती है।

क्या है वाट्सएप

वाट्सएप एक ऐसा एप्लीकेशन है जिसका यूज नॉर्मली स्मार्ट फोन पर चैट करने के लिए किया जाता है। फोन पर नेट के जरिए प्ले स्टोर से इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के बाद इसमे एकाउंट क्रिएट करना होता है। नॉर्मली अपने मोबाइल नंबर से ही इस एप्लीकेशन पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है, ताकि मोबाइल नंबर आइडेंटिफाई हो सके और इस पर चैट करने वाले की पहचान हर कोई कर ले, लेकिन क्रिमिनल्स अपने फोन नंबर के बदले किसी फर्जी नंबर से इस पर रजिस्ट्रेशन कर इस एप्लीकेशन का यूज कर रहे हैं। इसके चलते सर्विलांस सेल क्रिमिनल्स की इन चालबाजियों के आगे पूरी तरह से फेल हो चुका है।

अलग सर्वर पर करता है वर्क

वैसे मोबाइल पर यूज होने वाले हर एप्लीकेशन मोबाइल सर्वर से ही जुड़े होते हैं और इस पर ही वर्क करते हैं, लेकिन वाट्सएप समेत अन्य दूसरे चैट एप्लीकेशन अपने खुद के सर्वर पर रन करते हैं। इस बारे में मोबाइल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताते हैं कि आज के दौर में हर कोई सीक्रेसी चाहता है। चूंकि सबको पता है कि पुलिस कभी भी किसी का भी मोबाइल नंबर सर्विलांस पर सुन सकती है। इसलिए हर कोई अब वाट्सएप समेत दूसरे चैट मोबाइल एप्लीकेशन की ओर डायवर्ट हो रहा है। चूंकि ये सारे एप्लीकेशंस मोबाइल पर नेट के जरिये ऑपरेट होते हैं और इन पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई शर्त नहीं होती। इसलिए लोग आसानी से फर्जी तरीके से इस पर रजिस्ट्रेशन कराकर इसका यूज करते हैं। पुलिस इन एप्लीकेशंस को ट्रेस इसलिए नहीं कर सकती क्योंकि ये सारे एप्लीकेशंस मोबाइल सर्वर पर नहीं बल्कि खुद के सर्वर से ऑपरेट होते है।

नहीं पढ़ सकते मैसेज

वैसे पुलिस का सर्विलांस सेल किसी क्रिमिनल का फोन नंबर सर्विलांस पर डालकर उसकी सारी बातें बैठे-बैठै ही सुनता है और उसकी लोकेशन भी ट्रेस कर लेता है, लेकिन वाट्सएप समेत दूसरे चैट एप्लीकेशंस को ट्रेस तो करना दूर, इसके मैसेजेज को पढऩा नामुमकिन है। वाट्सएप, निम्मबज, जी टॉक समेत कई ऐसे एप्लीकेशंस है तो जिन पर सिर्फ मैसेज ही भेजे जाते हैं। मैसेज में लिखकर, वीडियो और फोटोज भी जाती है। चूंकि इन एप्लीकेशंस से जुड़ी कम्पनियों का सर्वर अलग होता है। इसलिए इनके जरिए भेजे गए मैसेजेज को सर्विलांस सेल ट्रेस नहीं कर पाता और न ही इन पर पड़े मैसेजेज पढ़ पाता है।

कम्पनी चाहे तो है संभव

हालांकि पुलिस विभाग के आला अधिकारी क्रिमिनल्स के इन हाई फाई तरीकों के आगे हार मानने का तैयार नहीं हैं और उनके क्रिमिनल्स की ओर से यूज हो रहे चैट एप्लीकेशंस का तोड़ निकाले जाने की बात कह रहे हैं। साइबर सेल के एक अधिकारी कहना है कि मानते हैं कि ये चीजें अलग हैं, लेकिन इनकी डिटेल हमें इनकी सर्विस प्रोवाइडिंग कम्पनियों से मिल जाती हैं। इसके लिए थोड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ती है लेकिन अगर किसी क्रिमिनल का सेल नंबर सर्विलांस पर पडऩे के बाद भी पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगता, तो पुलिस फिर चैट एप्लीकेशंस सर्विस प्रोवाइडिंग कम्पनी से सम्पर्क कर इसे यूज करने वाले क्रिमिनल की सारी डिटेल कलेक्ट करने की कोशिश करती है। हां, एक दिक्कत जरूर होती है कि हाई-फाई होने के बाद भी पुलिस को इन चैट एप्लीकेशंस कंपनियों के ऊपर डिपेंड रहना पड़ता है।

परेशानी तो है वाट्सएप

स्मार्ट फोन पर अपनों से कनेक्ट करने के लिए बना वाट्सएप पुलिस को इन दिनों बहुत ज्यादा परेशान किए हुए हैं। समय के साथ क्राइम के तरीकों में चेंज और हाई फाई वेपंस का यूज करने वाले क्रिमिनल्स ने अब पुलिस के सर्विलांस सेल को भी धोखा देने का बेस्ट तरीका ढूंढ निकाला है। वाट्सएप एक ऐसा एप्लीकेशन है जिसे पुलिस का सर्विलांस सेल चाहकर भी ट्रेस नहीं कर पाता है। इसलिए चाहे किसी से फिरौती मांगने का आदेश हो या फिर सुपारी किलर्स के तौर पर वर्क कर रहे क्रिमिनल्स को शिकार की फोटो पहुंचानी हो क्रिमिनल्स अपने गुर्गों को ये सारे मैटिरियल सेंड करने के लिए वाट्सएप का यूज तेजी से करने लगे हैं।

नहीं होता ट्रेस

वाट्सएप ही नहीं बल्कि पुलिस के लिए इन दिनों वो सारे एप्लीकेशंस सिरदर्द बने हुए हैं, जो मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए चैट और वीडियों कॉल करने के लिए यूज किए जा रहे हैं। इनमे लाइन, वी चैट, वाट्सएप, चैट ऑन, निम्मबज समेत कई अन्य एप्लीकेशंस हैं। इन एप्लीकेशंस पर न सिर्फ मैसेजेस के जरिये, बल्कि नेट कॉलिंग और वीडियों कॉलिग के जरिए बात भी की जा सकती है। इन खतरनाक एप्लीकेशंस के बारे में साइबर सेल के अधिकारी का कहना है कि इन हाई फाई एप्लीकेशंस के आने से मुसीबत तो बढ़ ही गई हैं, क्योंकि पहले सिर्फ मोबाइल और उसमे सिम होता था। जिसे पुलिस का सर्विलांस सेल आसानी से ट्रेस कर लेता था, लेकिन जब से एन्ड्रॉयड फोन पर चैट के ये सारे एप्लीकेशंस आए हैं। तब से पुलिस क्रिमिनल्स के बीच हो रही बातचीत को ट्रेस नहीं कर पा रही है। खास तौर पर वाट्सएप, लाइन और स्काइप जैसे एप्लीकेशंस पर। क्योंकि ये सारे एप्लीकेशंस इंटरनेट से ऑपरेट होते हैं और इन पर न ही मोबाइल नंबर और न ही मोबाइल की आईएमईआई वर्क करती है। इसलिए क्रिमिनल्स धड़ल्ले से इन एप्लीकेशंस का यूज कर रहे हैं।

और भी है एप्लीकेशंस

 

सिर्फ वाट्सएप ही नहीं बल्कि और भी कई ऐसे एप्लीकेशंस हैं, जो मोबाइल पर चैट और इंटरनेट कॉलिंग के लिए तेजी से यूज हो रहे हैं और सर्विलांस सेल इनको भी ट्रेस नहीं कर पा रहा है…

॥ वी चैट ॥ लाइन ॥ स्काइप ॥ जी टॉक ॥ चैट ऑन ॥ निम्मबज ॥ फेसबुक मैसेंजर्स

 

हाईलाइट्स

॥ क्रिमिनल्स वाट्सएप और अन्य चैट एप्लीकेशंस का यूज अपने गैंग में कर रहे हैं।

॥ क्रिमिनल्स गैंग के आंका अपने गुर्गों को कोई भी आदेश देने के लिए फोन का नहीं बल्कि वाट्सएप का यूज कर रहे हैं।

॥ क्रिमिनल्स की नई खेप ज्यादा कर रही है इन एप्लीकेशंस का यूज

॥ कई जेलों में बंद बड़े क्रिमिनल्स जेल से भी ऑपरेट कर रहे हैं वाट्सएप

॥ जेल से यूज करने के बाद भी इनकी नहीं मिल रही कोई लोकेशन और हो रहे हैं क्रिमिनल्स के सारे काम

 

राज्य में लागू हुआ खाद्य सुरक्षा, अब कोई भी व्यक्ति नहीं सोएगा भूखा

उदयपुर। गांधी जयंती के अवसर पर जिले के चयनित परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है। इस अधिनियम के तहत पात्र परिवारों को दो रुपये प्रति किलो गेहूं, एक रुपये किलो मोटा अनाज एवं तीन रुपये किलो चावल वितरित किया जाएगा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बुधवार को गिर्वा पंचायत समिति में आयोजित न्यूनतम मूल्य पर खाद्यान्न वितरण के लिए जिला स्तरीय समारोह का आयोजन हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा ने कहा कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा का अधिकार दिया है। अब कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा।

उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी का देखा गया सपना साकार हो रहा है। योजना से गरीब एवं चयनित परिवार को भोजन का अधिकार प्राप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के लागू होने के पश्चात आदिवासी बाहुल्य इस जिले के के करीब 80 प्रतिशत उपभोक्ताओं को योजना का लाभ प्राप्त होगा। गिर्वा प्रधान सुखबीर कटारा, विवेक कटारा ने भी संबोधित किया। जिला रसद अधिकारी एम.एल. चौहान सहित कई लोग मौजूद थे।

राज्य कार्मिकों की उपस्थित में होगा वितरण :

अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पात्र लोगों को चालू माह की 20 से 30 अक्टूबर तारीख तक उपभोक्ता अवधि में पात्र लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की जाएगी। इस दौरान प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर राज्य कार्मिक की उपस्थिति में वितरण कार्य संपन्न होगा।

हर पत्रकार होता है शोधार्थी- डा पांडे

उदयपुर,2 अक्‍टूबर। मोहनलाल सुखडिया विश्‍वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की ओर से चर्चा चौपाल कार्यक्रम के तहत गुजरात विद्यापीठ में पत्रकारिता विभाग के अध्‍यक्ष डा विनोद पांडे का व्‍याख्‍यान आयोजित किया गया।
डा पांडे ने कहा कि हर पत्रकार एक शोधार्थी होता है। उसकी प्रत्‍येक खबर तथ्‍यों और शोध से पूर्ण होती हे तभी वह पाठकों तक विश्‍वसनीय सामग्री उपलब्‍ध करवा पाता है। शोध को समझना और उसके अनुरुप समाचारों को लिखना एक मुश्किल कार्य जरुर है लेकिन इसी से पत्रकार की पहचान बनती है। उन्‍होंने कहा कि अब अखबारों में पत्रकारों को लिखने के साथ ही टाइप करने और पेज बनाने का ज्ञान भी जरुरी है क्‍योंकि ये पद समाप्‍त कर दिए गए है इसलिए खबरनवीसों पर दोहरा दबाव है। उन्‍होंने न्‍यू मीडिया को नई ताकत बताते हुए इसके खतरों से भी आगाह किया। इस अवसर पर उन्‍होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए तथा उनको अच्‍छा पत्रकार बनने के टिप्‍स भी दिए। शुरु में पत्रकारिता विभाग के प्रभारी तथा असिस्‍टेंट प्रोफेसर डा कुंजन आचार्य ने डा विनोद पांडे का स्‍वागत किया।

सिटी बसें चलाने की मांग

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा छात्रसंघ अध्यक्ष अमित पालीवाल के नेतृत्व में छात्रों के एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर यूनिवर्सिटी मार्ग पर सिटी बस संचालन की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि सिटी बस का टेंडर हो चुका है, लेकिन विश्वविद्यालय मार्ग अनछुआ है। इससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिनिधि मंडल ने सिटी बस का संचालन रामपुरा, चेटक सर्किल, मीरा गल्र्स, पंचवटी, देहलीगेट, सूरजपोल, भट्टा चौराहा, दुर्गानर्सरी रोड से विश्वविद्यालय मार्ग पर करने की मांग की है।

दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को सजा-ए-मौत

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aaa845080-large-265x300राजसमंद। जिला सेशन एवं सत्र न्यायाधीश ने साढ़े सात वर्षीय बालिक से दुष्कर्म के बाद उसकी जमीन पर पटक-पटक कर हत्या के आरोपी को सजा ए मौत दी है। राजसमंद जिला न्यायालय में फांसी की सजा का यह पहला मामला है। जिला एवं सेशन न्यायाधीश चंद्रशेखर आजाद ने अपने फैसले में कहा कि मासूम, विमंदित बालिका से दुष्कर्म और हत्या जघन्य अपराध है। अगर ऐसे अपराधी को सजा न मिली, तो समाज में आमजन का रहना मुश्किल हो जाएगा। न्यायालय के इस फैसले के बाद पूरे राजसमंद में खुशी का माहौल है और लोगों ने आतिशबाजी भी की।
मृत्युदंड के साथ ही न्यायालय ने दो लाख रुपए जुर्माना लगाया, जो बच्ची की मां को दिया जाएगा। अपरान्ह 3.15 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर आजाद ने सजा सुनाते हुए कहा कि ‘मुजरिम को तब तक फांसी के फंदे पर लटका रहने दिया जाए जब तक उसकी मौत न हो जाए। यह सुनकर कुछ देर के लिए अदालत में सन्नाटा छा गया, लेकिन बाद में इस न्याय पर लोगों ने संतोष प्रकट किया। इस दौरान पीडि़ता की मां, पिता, नाना, नानी के साथ छह साल की छोटी बहन भी मौजूद थी। जिला बनने के बाद राजसमंद में सजा-ए-मौत का यह पहला मामला है। अभियोजन पक्ष के अनुसार उत्तरप्रदेश में गोरखपुर और हाल कांकरोली निवासी आरोपी मनोज प्रताप सिंह (25) पुत्र सुरेंद्र सिंह को सजा सुनाई गई। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था। इस मामले में दुष्कर्म के बाद पत्थर पर पटक-पटक कर बच्ची की हत्या की गई थी। अब आरोपी को फांसी पर लटकाने का इंतजार है, लेकिन आरोपी की ओर से अपील की जा सकती है। सजा पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी बाकी है। मामला दया याचिका के जरिये राष्ट्रपति तक भी पहुंच सकता है। सजा सुनते ही रो आरोपी मनोजप्रतापसिंह कटघरे में रो पड़ा।

महात्मा गांधी को ज्ञापन सौंपा!

_DSC1587उदयपुर। कांग्रेस ऑफिस का झगड़ा राहुल गांधी से होता हुआ अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पास पहुंच गया है। आज गांधी जयंती पर युवा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सहित करीब 30 युवा कांग्रेसी पदाधिकारियों ने गुलाबबाग स्थित गांधीजी की प्रतिमा को सूत की माला अर्पित करके शहर कांग्रेस के कार्यालय के निर्माण के लिए उनके हाथ में ज्ञापन भी थमा दिया। युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश निमावत ने बताया कि पिछले कई समय से कांग्रेस का कार्यालय जिलाध्यक्ष के घर से ही संचालित हो रहा है। चुनाव करीब आ गए हैं। पारस टॉकिज के पास कांग्रेस कार्यालय के लिए जमीन भी उपलब्ध है। कांग्रेस के पदाधिकारियों में बड़े-बड़े उद्योग पति भी है। यहां तक कि युआईटी चेयरमैन भी सरकार का है, लेकिन अभी तक कांग्रेस कार्यालय का निर्माण नहीं हो पाया है। कार्यकर्ताओं को सड़कों पर ही मीटिंग करनी पड़ती है। निमावत ने बताया की कार्यालय के निर्माण के लिए हमने कांग्रेस के सभी नेताओं, पदाधिकारियों और यूआईटी चेयरमैन को ज्ञापन सौंपे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए गांधीजी की प्रतिमा को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। ज्ञापन देने वालों में पार्षद मो. अयूब, प्रवक्ता फिरोज अहमद शेख, जाजी मेघवाल, गिरीश भारती, जावेद खान भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व राहुल गांधी ने जयपुर में राज्य के सभी पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली थी। वहां पर भी ब्लॉक अध्यक्ष मुजीब सिद्दीकी और पूरण मेनारिया ने कांग्रेस कार्यालय जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडिय़ा के घर से संचालित होने पर एतराज जताया था। यह कार्यालय का झगडा राहुल गांधी तक पहुंच गया था, लेकिन निर्माण अभी तक नहीं हुआ है।

गांधी और शास्त्री जयंती पर निकली प्रभात फेरी

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उदयपुर। गांधी जयंती पर आज सुबह कांग्रेस द्वारा प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेसी जन- प्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रभात फेरी सुबह सवा आठ बजे देहलीगेट स्थित शांति-आनंदी प्रतिमा से शुरू होकर धानमंडी होते हुए गुलाबबाग पहुंची, जहां सभी कांग्रेस जनों ने गांधीजी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर विचार गोष्ठी आयोजित की।
सुबह सवा आठ बजे सांसद रघुवीर मीणा और जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडिय़ा के नेतृत्व में करीब 150 से अधिक कांग्रेसी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने प्रभात फेरी निकाली, जिसमें राष्ट्रपिता गांधीजी अमर रहे के नारे लगाते हुए कांग्रेसी चल रहे थे। माइक पर रघुपति राघव राजा राम और साबरमति के संत तुने कर दिया कमाल की धुन बज रही थी। प्रभात फेरी धानमंडी, मार्शल चौराहा, झीणीरेत चौक, सूरजपोल होते हुए गुलागबाग स्थित गांधी मूर्ति गार्डन में पहुंची। प्रभात फेरी के दौरान अधिकतर कांग्रेस जनों ने श्वेत वस्त्र धारण किए हुए थे। गुलाबबाग स्थित गांधी मूर्ति तक पहुंच रघुवीर मीणा और नीलिमा सुखाडिय़ा ने पुष्पांजलि अर्पित की। बाद में सभी कार्यकर्ताओं ने गांधीजी की प्रतिमा को मालाएं पहनाई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें सांसद रघुवीर मीणा ने गांधीजी के आदर्शों के बारे में कार्यकर्ताओं को बताया।
गुलाबबाग से सभा समाप्ति के बाद सभी लोग शास्त्री सर्कल स्थित लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पहुंचे, जहां पुष्पांजलि अर्पित करके शास्त्री जी को याद किया। इस बीच शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया और नगर निगम महापौर रजनी डांगी ने भी कार्यकर्ताओं के साथ गुलाबबाग पहुंचकर सुबह गांधी जी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, वहीं शास्त्री सर्कल स्थित लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर फूल मालाएं अर्पित की।
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साइक्लोथोन से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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उदयपुर । रोटरी क्लब उदयपुर व वन विभाग के साझे में मंगलवार सुबह साइक्लोथोन रैली निकाली गई, जिसमें कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर शहरवासियों के साथ साइकिल चलाते हुए। यह रैली गांधी ग्राउंड से रवाना हुई, जो चेटक सर्किल, शिक्षा भवन, महाकाल मंदिर, रोटरी बजाज भवन, रानी रोड, देवाली, यूआईटी सर्कल होते हुए पुन: गांधी ग्राउंड पहुंचकर संपन्न हुई
वन विभाग की ओर से वन्यजीव सप्ताह के पहले दिन मंगलवार सुबह लवकुश स्टेडियम से साइकिल क्वाटर मैराथन (साइक्लोथोन) रवाना हुई, सुबह कलेक्टर,अधिकारियों, प्रकृति प्रेमी सहित करीब 40 स्कूल के स्टूडेंट्स साइकिल पर चेतक सर्किल, आयुर्वेदिक चौराहा से रानी रोड होते हुए फतहसागर का साइकिल से चक्कर काटा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
रैली के बाद वेटलेंड के जरिए प्रकृति सरंक्षण विषय पर चर्चा हुई। इसमें वन अधिकारियों और प्रकृति संरक्षण से जुड़े कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। इसके बाद रोटरी क्लब की ओर से साइक्लोथोन में हिस्सा लेने वालों को पुरस्कृत करने के लिए लॉटरी निकाली गई।
प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को साइकिल दी गई।इस अवसर पर सीसीएफ एनसी जैन ने बताया कि झील, तालाबों को साफ रखना बेहद जरूरी है। इनको साफ नहीं रखेंगे तो जल जीवन समाप्त हो सकता है।

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स्वेच्छिक रक्तदान दिवस पर विविध आयोजन

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उदयपुर। राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में आरएनटी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एंव नियन्त्रक डॉ. एस. के. कोशिक एवं डॉ चन्द्रा माथुर, अति प्रधानाचार्य एवं प्राध्यापक एंव विभागाध्यक्ष पैथोलोजी विभाग एवं डॉ. संजय प्रकाश सह प्राध्यापक, ट्रांसफ्युजन मेडिसन विभाग के निर्देशन में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन रखा गया।
इस अवसर पर स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के श्री अरूण कौठारी, सुन्दर देवी कौठारी मेमोरियल पब्लिक ट्रस्ट उदयपुर, श्री राकेश जैन, महावीर नवयुवक मण्डल मावली, किरण कुमार नागौरी एवं गुलाब सेन भीण्डर मित्र मण्डल, को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्वेच्छिक रक्तदाताओं में श्री दिनेश चौरडिया-45 बार, असगर मोमीन-28 बार, श्रीमति ताहिरा खोलिया-22 बार, श्री गिरवर सिंह-18 बार, डा. गोपाल बुनकर-10 बार, रक्तदान करने पर प्रशस्ती पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
महाविद्यालय के छात्र छात्रओं के मध्य एक वाद-विवाद, पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वाद-विवाद में क्रमश: प्रथम सिधार्थ, द्वितीय अदिती सोमानी, तृतीय आर्ची चरपोटा, पोस्टर मे प्रथम शिखा शुक्ला, द्वितीय आर्ची चरपोटा, तृतीय प्रियंका मीणा, स्लोगन प्रतियोगिता मे प्रथम रजनी डिडवानिया, द्वितीय हार्दिका मंगल, तृतीय प्राची गुप्ता को प्रशस्ती पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. एस. के. कोशिक, $डा चन्द्रा माथुर अति प्रधानाचार्य एवं प्राध्यापक एंव विभागाध्यक्ष पैथोलोजी विभाग अध्यक्षता, डा. रेखा भटनागर अतिरिक्त प्रधानाचार्य द्वितीय, विशिष्ट अतिथि द्वारा किया गया। समारोह मे आये सभी अतिथियों को धन्यवाद डा. संजय प्रकाश सह प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष ट्रांसफ्युजन मेडिसन विभाग द्वारा किया गया। मंच का संचालन डा. गुन्जा द्विवेदी द्वारा किया गया।

समाज कल्याण सप्ताह के प्रारम्भ मे प्रथम दिन वृद्घ कल्याण दिवस मनाया

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उदयपुर। सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग व तारा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक मंगलवार को अन्तर्राष्ट्रीय वृद्घ कल्याण दिवस का आयोजन तारा संस्थान, उदयपुर के आनन्द वृद्घाश्रम में वृद्घजन का सम्मान कर किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में तारा संस्थान के आनन्द वृद्घाश्रम में आवास कर रहे 26 बुर्जुगों को माला, फल समर्पित कर व शॉल ओढाकर सम्मानित किया गया। बुजुर्गो का सम्मान सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग के उप निदेशक मान्धाता सिंह, परिवीक्षा अधिका आशुतोष एवं संरक्षण अधिका धमेन्द्र व ललिता आमेटा, रोटेरियन एन.सी.बंसल-विजय लक्ष्मी बंसल, शिक्षाविद् डी.आर.माली द्वारा किया गया। इस अवसर पर मान्धाता ंिसंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तहसील स्तर एवं जिला स्तर पर वृद्घाश्रम स्थापना की योजना है एवं वृद्घाश्रम निमार्ण हेतु अनुदान का प्रावधान है, साथ ही वृद्घ कल्याण हेतु वृद्घावस्था पेंशन के नवीन नियमों की जानकारी भी दी ।
एन.सी.बंसल ने वृद्घजन सेे अनौपचारिक बातचीत कर उनके विचार जाने और उनके अनुभव सुने। डी.आर.माली ने विचार गोष्ठी में कहा कि तारा संस्थान ने आनन्द वृद्घाश्रम की शुरूआत कर बेसहारा वृद्घजन को आश्रय देने की पहल की है ।कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद् ज्ञापन संस्थान सचिव दीपेश मित्तल ने किया।