महिला रेजिडेंट डॉक्टर को अपमानित करने का मामला दबाने का प्रयास
राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर जांच कमेटी गठित
उदयपुर। आज महिलाओं के मान सम्मान की बात और गरिमा की बात हर कोई करता है। सरकार हो या आम आदमी महिलाओं के साथ ज्यादती होते ही सब एक कतार में खड़े होकर महिला के प्रति सहानुभूति पेश करते है। सब उस महिला के साथ होने का दावा करते है। लेकिन हकीकत इससे कही कोसों दूर है। महिला को अपनी गरिमा की लड़ाई खुद अकेले ही लड़नी पड़ती है। और यहाँ संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल महाराणा भूपाल चिकित्सालय में पिछले 10 दिन से ऐसा ही हो रहा है। एक रेजिडेंट महिला डॉक्टर अपने एच ओ डी द्वारा सबके सामने अभद्र और अश्लील टिपण्णी करने के खिलाफ अकेले ही लड़ रही है।
यहां सरकारी एमबी अस्पताल में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर से अभद्रता करके उसे अपमानित करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हालांकि इसे दबाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देश पर प्रशासन ने मजबूरी में क्रवूमन्स हरेशमेंट जांच कमेटीञ्ज का गठन किया है। इस कमेटी में डॉ. चंद्रा माथुर, डॉ. मेघश्याम शर्मा, डॉ. मधुबाला चौहान और मधु सरीन को मनोनीत किया गया है। कमेटी ने अभी जांच शुरू नहीं की है। मामले की गंभीरता यह है कि आरोप साबित होने के आरोपी को धारा ३५४ (ए) के तहत पांच साल की सजा हो सकती है। महिला रेजिडेंट डॉक्टर पिछले दस दिन से अपने आत्म-सम्मान के लिए लड़ रही है, लेकिन सभी अधिकारी उसको दबाने में लगे हैं। यहां तक की एचओडी और प्राचार्य के दबाव के कारण सहयोगी डॉक्टरों ने भी उसका साथ छोड़ दिया है। इस बीच महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने इस संबंध में राज्य महिला आयोग, एसपी उदयपुर और हाथीपोल थाने में एचओडी के खिलाÈ शिकायत दर्ज कराई है।
मोबाइल कॉल की रिकार्डिंग, Èिर भी कार्रवाई नहीं
डॉ. विभा चौधरी ने इस घटना के बाद उस पर बनाए जा रहे दबाव के चलते उसे किए जा रहे कॉल की रिकार्डिंग कर रखी है, जिसकी उसने सीडी भी बनाई है। इतने साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद भी जांच कमेटी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। सीडी में स्वयं डॉ. गोयल का कॉल भी रिकार्ड है, जिसमें वे डॉ. विभा से कह रहे हैं कि उन्होने अभद्र भाषा का प्रयोग किया था, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। सीडी में बाल चिकित्सालय के एक और सीनियर डॉक्टर लाखन पोसवाल ने भी पीडि़ता को कॉल कर समझाने और मामले को शांत करने की बात कहीं है।
क्या है मामला
बाल अस्पताल के एचओडी डॉ. सुरेश गोयल 24 अगस्त को आईसीयू के राउंड पर थे, तब उसके साथ उनके करीब सात रेजिडेंट छात्र-छात्राएं भी थी। इस दौरान डॉ. गोयल ने रेजिडेंट डॉक्टर विभा चौधरी से वेंटिलेटर के रखरखाव और मरीज की ब्रीथिंग सर्किट के बारे में पूछताछ की। हालांकि उक्त मरीज चौधरी के देखरेख में नहीं था, Èिर भी एचओडी का सम्मान करते हुए उन्होंने कहा कि शायद स्ट्रेलाइजेशन के लिए गई होगी। इस पर डॉ. गोयल ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा की क्रक्रमैडम जब नहाने जाती हो, तो कपड़े लेकर नहीं जाती क्या?, नहाने के बाद कपड़े नहीं पहनती हो क्या?, बिना कपड़ों के ही दो दिन तक घूमती रहती हो।ञ्जञ्ज ये बात उन्होंने सभी साथी रेजिडेंट और मरीजों के सामने कही। डॉ. गोयल के जाने के बाद साथी रेजिडेंट डॉ. विभा चौधरी का मजाक उड़ाने लग गए कि क्रक्रक्या बाथरूम के बाहर बिना कपड़ों के आती हो?ञ्जञ्ज
महिला आयोग से शिकायत
डॉ. विभा चौधरी ने इस संबंध में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके कौशिक, महिला आयोग, एसपी उदयपुर और हाथीपोल थाने में शिकायत की है। दूसरी तरÈ सीनियर डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर व अन्य अस्पताल स्टॉÈ डॉ. विभा का साथ देने के बजाय मामला दबाने के प्रयास कर रहे हैं। प्राचार्य डॉ. कौशिक ने आठ दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की, तो जांच कमेटी की अध्यक्ष अभी तक जांच ही कर रही है। बाकी विभाग के सीनियर डॉक्टर पीडि़ता पर लगातार दबाव बनाने में लगे हुए है कि वह इस मामले को उठा ले। यहां तक की घटना के वक्त मौजूद साथी रेजिडेंट ने भी एचओडी के दबाव में आकर अपनी साथी से पल्ला झाड़ लिया और ऐसी किसी घटना के होने से इनकार कर दिया है।
: हमने जांच कमेटी बैठा दी है। इस मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई के बारे में सोचा जाएगा।
-डॉ. एसके कौशिक, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज
: मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हंै। मैंने अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया, जो सीडी बनाई गई है, वो बिलकुल झूठी है और उसको एडिट किया गया है।
-डॉ. सुरेश गोयल, एचओडी, बाल अस्पताल
: डॉ. विभा ने सारे काम अकेले ही कर लिए हैं। उन्हें पहले रेजिडेंट बोर्ड के सामने अपनी शिकायत रखनी थी, वे सलाह मशविरा करती, तो Èिर जो उचित होता, वो एक्शन लिया जाता। अब तो इन सबकी जांच रिपोर्ट आने पर ही कुछ कहा जा सकता है।
-डॉ कप्तानसिंह, अध्यक्ष, रेजिडेंट डॉक्टर एसोशियेशन