ठंड से बढ़ रहा है दिल का दर्द

DSC_0293-300x199 (1)उदयपुर। सर्दियों के दस्तक देने के साथ ही शहरवासियों की रोजमर्रा के जीवन में भी बदलाव शुरू हो गए हैं। घरों में रखे वुलेन आउट फिट को धूप दिखाई जाने लगी है। रजाई-गद्दों ने बेड पर फिर से अपनी जगह बनानी शुरू कर दी है। किचेन में भी च्वयनप्राश, अदरक, काली मिर्च और गरम मसालों ने अपनी जगहें पक्की कर ली। लेकिन इन चेंजेस के साथ ही कुछ और भी बदलाव रूटीन का हिस्सा बन रहे हैं। हाई प्रोटीन-फैट वाली डाइट प्लेट में सजने लगी है और नींद के घंटों में कुछ और इजाफा हो गया है पर हाई कैलोरी और नो फिजिकल एक्टिविटीज की यह आदत दिल के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

हार्ट अटैक सबसे ज्यादा

साल भर में बाकी सीजन्स के मुकाबले सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है। मेडिकल रिपोट्र्स सर्दियों के दौरान ही हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा होने की बात कहती है। दरअसल सर्दियों में Žलड प्रेशर काफी बढ़ जाता है। वहीं शरीर में ऐसे प्रोटीन्स बनने का लेवल भी बढ़ जाता है, जो Žलड क्लॉटिंग बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कड़ाके की ठंड में 1.8 फॉरेनहाइट तक का टेंम्परेचर कम होने तक से हार्ट अटैक के केसेज दुगुने तक पहुंच जाते हैं। जिनमें 70 से 85 साल के बुजुर्गो की तादाद ज्यादा है।

ये आराम जान पर भारी: सर्दियों में आराम का मामला जान का जोखिम बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार है। ठंड के दिनों में फिजिकल एक्टिविटीज से दूर रहने वालों के लिए यह बेहद खतरनाक है। सर्दियों में प्रोटीन-फैट रिच डाइट लेने के बावजूद कोई भी वर्कआउट या फिजिकल मूवमेंट न करने से Žलड में कोलेस्ट्रोल का लेवल काफी हद तक बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रोल के बढने से आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं। इससे Žलड सर्कुलेशन का फ्लो बेहद धीमा हो जाता है और हार्ट पर Žलड पंप करने में एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है, जो धीरे धीरे कभी भी हार्ट अटैक या पैरालिसिस अटैक का कारण बनता है। सर्दियों में वर्कआउट या नॉर्मल फिजिकल मूवमेंट न करने वालों के लिए बोन प्रॉŽलम की भी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। यह खतरा अमूमन 50 साल की उम्र से शुरू हो जाता है। दरअसल ठंड शुरू होते ही नर्व सेंसिटिविटी बढ़ जाती है। ऑस्ट्रियोऑर्थराइटिस और ज्वॉइंट पेन के पेशेंट्स के लिए सर्दियों में आराम और भी पेनफुल है। ठंड के दिनों में ज्वॉइंट्स और फिंगर्स व टोज में स्वैलिंग हो जाती है। ज्वांइट्स में तेज दर्द के साथ ही स्टिफनेस की प्रॉŽलम श्ुारू हो जाती है। जबकि ठंड का प्रकोप बढ़ते ही कई बार हाथ पैर भी सुन्न हो जाते हैं। ऐसे में एक्सपट्र्स हल्की एक्सरसाइज व हाथ पैरों की रोजाना मूवमेंट की सलाह देते हैं।

मेटाबॉलिक सिंड्रोम से करें बचाव: मेटाबॉलिक सिंड्रोम पांच बीमारियों का कॉम्बीनेशन है। जिसमें मोटापा, Žलड प्रेशर, डायबिटीज, एल्कोहल-स्मोकिंग और आराम पसंद लाइफ स्टाइल शामिल हैं। एक्सपट्र्स के मुताबिक इन पांच में से तीन का होना ही मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। 40 साल की उम्र के बाद से ही हार्ट के लिए पहले की तरह Žलड पंप करना आसान नहीं होता। ऐसे में मेटाबॉलिक सिंड्रोम हार्ट को कमजोर करने का काम करता है। डाइट बैंलेस्ड न होने और फिजिकल एक्टिविटीज से बचने वालों के लिए हार्ट अटैक से जुड़े गंभीर खतरे शुरू हो जाते हैं।

घी- बटर भी खाएं संभलकर

प्लेट में घी और बटर की एक्स्ट्रा क्वांटिटी भी दिल को जानलेवा दर्द देने के लिए जिम्मेदार है। घी, डालडा व बटर सैचुरेटेड फैट में आते हैं। वहीं चिकेन, मीट और फिश में भी पाया जाने वाला फैट सैचुरटेड होता है, जबकि रिफांइड ऑयल अनसैचुरेटेड फैट का हिस्सा हैं। एक्सपट्र्स बताते हैं कि शरीर में सैचुरेटेड फैट की जरूरत कुल फैट की महज 25 परसेंट है। लेकिन डाइट में इस क्वांटिटी से ज्यादा का सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है। इससे Žलड जमने लगता है। एक्सेसिव सैचुरेटेड फैट शरीर में हार्ट अटैक ही नहीं बल्कि ब्रेन हैमरेज और किडनी को भी नुकसान पहुंचाने के लिए भी जिम्मेदार है।

 

युवाओं ने सीखा ईवीएम द्वारा मतदान

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उदयपुर। अलर्ट संस्थान द्वारा गोगुंदा क्षेत्र में किए जा रहे युवा नेतृत्व एवं कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत संस्थान के युवा प्रशिक्षण केंद्र पर युवा-युवतियों को मतदान संबंधी जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया। संस्थान के संस्थापक परियोजना प्रबन्धक बीके गुप्ता ने बताया कि इस शिविर में युवाओं को ईवीएम से मतदान प्रकिया, विधानसभा क्षेत्र पोलिंग बूथ मतदान दौरान आवश्यक दस्तावेज एवं मतदाता के मताधिकार पर जानकारियां प्रदान की गई। इसमें युवाओं ने भारी उत्साह दिखाया। शिविर दौरान गोगुंदा तहसील के मास्टर ट्रेनर एवं राजस्व निरीक्षक महेश रावल ने ईवीएम द्वारा मतदान प्रक्रिया के तहत युवाओं को प्रायोगिक चुनाव चिह्नों को ध्यान में रखते हुए बटन दबाने की जानकारी देते हुए मशीन से निकलने वाली बीप की आवाज के महत्व एवं नाटो के बारे में विस्तार से बताया। शिविर के दौरान संस्थान के युवा समन्वयक लक्ष्मीलाल टेलर ने युवा मतदाता को अपने मताधिकार के उपयोग के साथ किसी भी प्रकार से आने वाली समस्या के लिए संबंधित पीठासीन अधिकारी से सम्पर्क करने की जानकारी दी। शिविर में कुल 55 युवक-युवतियों ने भाग लिया। इन्हें प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराई मतदाता जारूकता संबंधी पोस्टर एवं पर्चे उपलब्ध करवाए गए। शिविर का संचालन संस्थान के कार्यकर्ता फतहलाल मेघवाल ने किया

भड़भूजा घाटी में आज रात होगा छडिय़ों का मिलन

शहादत की रात आज, मनेगा मातमी पर्व

उदयपुर। शहीदाने कर्बला हजरत इमाम-ए-हसन हुसैन एवं उनके 72 जांनीसारों कर्बला में शहीद हो जाने की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम पर्व के दौरान आज शहादत की रात मनाई जाएगी। धुनों के साथ ताजिये सजा धजा कर जियारत के लिए रखे जाएंगे। देर रात एक बजे भड़भूजा घाटी पर छड़ी मिलन होगा। कल ताजियों की सवारियां निकाली जाएगी, जिन्हें कर्बला (नाव घाट) ले जाकर ठंडा किया जाएगा। आज मुहर्रम की नवीं तारीख को शहादत की रात मनाई जाएगी। इस दौरान सभी मोहल्लों के ताजिये और तीनों बड़े ताजिये जियारत के लिए रखे जाएंगे। धोलीबावड़ी का ताजिया धोलीबॉडी चौक में अलीपुरा का बड़ा ताजिया मस्जिद के सामने इमाम बाड़े में व पलटन का ताजिया चेतक पलटन मस्जिद के बाहर रखा जाएगा। जिनकी जियारत के लिए रात आठ बजे से लोगों का हुजूम आना शुरू हो जाएगा। आज शहादत की रात के लिए सभी मुस्लिम मोहल्लों में विभिन्न व्यवस्थाएं भी की ई है। कहीं हलीम और कहीं पुलाव और कहीं शरबत की सबीलें सजायी गई है। मुस्लिम मोहल्लों में सबीलों को विद्युत सज्जा कर आकर्षक ढंग से सजाया गया है, जहां स्पीकरों पर कर्बला के शहीदों की नाअत मर्सियें पढ़े जाएंगे। सभी मोहल्लों की मस्जिदों पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।

छड़ी मिलन होगा रात एक बजे: भड़भूजा घाटी में रात करीब एक बजे मेवाफरोशान के ताजिये व नायकों के छड़ी का मिलन होगा। पिछले वर्ष छड़ी मिलन के दौरान होने वाले झगड़ा-फसाद को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया था। परंतु इस बार फिर इस 150 वर्ष पुरानी रस्म को प्रशासन के साथ अपनी जिम्मेदार पर शांतिपूर्वक अदा करने की अनुमति ली गई है। इसके लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है। भड़भूजा घाटी पर बेरिकेटिंग लगाकर इस रस्म की अदायगी के लिए खास इंतज़ाम किए हैं।

जश्ने शहीदे आजम कांफ्रेंस आज: आयड मुल्तानी चौक में गुरुवार रात को मुल्तानी नौजवान कमेटी द्वारा जश्ने शहीदे आजम कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। इसमें धोराजी गुजरात से आए आले रसूल औवेसी का इमाम हुसैन की शान में बयान होगा। कमेटी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान उदयपुर में पहली बार पैगम्बरे इस्लाम की चादर मुबारक (काली कमली) की जियारत भी कराई जाएगी और उसके साथ गिलाफे काबा शरीफ, पैगम्बर इस्लाम व गौसे आजम के मुए मुबारक (बाल मुबारक) व चादर शरीफ और हजरत इमाम हुसैन व हजरत मोहकमुद्दीन शैरानी की चादर मुबारक की जियारत कराई जाएगी।

प्रशासन ने की व्यवस्था: शहर में छड़ी मिलन एवं 15 नवंबर को आयोजित होने वाले मोहर्रम ताजिया के जुलूस में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार को एडीएम (नगर) ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों, पुलिस प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने डेन मेवाड़ के व्यवस्थापक तथा इंटरनेट सेवा एमटीएस, रिलाइंस, होण्डाफोन, टाटा टेलीफोन के प्रतिनिधियों से कहा कि वे आवश्यक रूप से केबल वायरों को शीघ्र हटा देंवे, ताकि ताजिये के दौरान निकलने वाले जुलूस में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने मोहर्रम पर्व पर जगदीश चौक व लाल घाट पर बेरिकेटिंग करने, नावों एवं गोताखोरों की व्यवस्था करने, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस तैनात करने आदि के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए। इस अवसर पर संबंधित थानाधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी तथा मुस्लिम संप्रदाय के प्रतिनिधि मौजूद थे। शुक्रवार को सुबह व शाम की ताजियों की सवारी के लिए यातायात की भी विशेष व्यवस्था की गई है।

 

शुरुआती जीत का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए भाजपा के दो दिग्गज

3577_66उदयपुर. मेवाड़ में भाजपा के दो दिग्गज मौजूदा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पूर्व मंत्री एवं प्रतापगढ़ के मौजूदा विधायक नंदलाल मीणा के राजनीतिक जीवन की शुरुआती जीत का अंतर अब तक दोहरा नहीं पाए हैं। ये नेता 1977 में पहली बार पार्टी टिकट से विधानसभा चुनाव लड़े थे। तब कटारिया ने 72.75 और मीणा ने 67.36 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इतने वोट ये नेता अब तक हासिल नहीं कर पाए हैं। कटारिया विधानसभा व लोकसभा का एक-एक चुनाव हारे। नंदलाल एक बार चुनाव हारे। कटारिया बाद के चुनाव में 2008 में सर्वाधिक 58.94 प्रतिशत वोट लाए थे, जिसे शुरुआती जीत से 13.81 प्रतिशत कम थे। नंदलाल भी 1993 में 58.79 प्रतिशत वोट लाए थे जो शुरुआती जीत से 8.57 प्रतिशत कम थे।

 

जनसंघ के दिग्गज

उदयपुर से 1957 में जनसंघ से पहला चुनाव मदनलाल धुप्पड़ ने लड़ा था। इसके बाद जनसंघ से ही भानूकुमार शास्त्री ने उदयपुर से तीन चुनाव लड़े, लेकिन जीते सिर्फ 1972 में। तब कांग्रेस के प्रकाश आतुर को हराया था। इससे पहले 1962 व ७७ में मोहनलाल सुखाडिय़ा से हार गए थे।

 

छह बार विधायक, एक बार सांसद रहे कटारिया

: २००८ में उदयपुर शहर से लड़े, वोट पाए ५८.९४ प्रतिशत। प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्रिलोक पूर्बिया ३६.९५ प्रतिशत ही पा सके। कुल ५७.५ प्रतिशत वोटिंग।

: २००३ में ५२.६९ प्रतिशत वोट मिले जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्रिलोक पूर्बिया ४३ प्रतिशत वोट ही पा सके।

: १९९८ में बड़ीसादड़ी से लड़े। ४९.७४ प्रतिशत वोट लाए जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रकाश चौधरी ने ४८.३९ प्रतिशत वोट हासिल किए। कुल ७५ प्रतिशत वोटिंग।

: १९९३ में पहली बार क्षेत्र बदल कर बड़ीसादड़ी से लड़े और ५२ प्रतिशत वोट पाए। प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के दिनेश जोशी ४४.०४ प्रतिशत वोट पा सके।

: १९८५ में उदयपुर शहर से हारे। कटारिया ने 47.67 प्रतिश वोट ही पाए जबकि कांग्रेस की डॉ. गिरिजा व्यास ४९.५९ वोट पाकर जीत गई थीं।

: 1980 में उदयपुर शहर से कटारिया ने 50.23 प्रतिशत वोट पाकर कांग्रेस के शेषमल पगारिया को ४६.९३ प्रतिशत पर सिमटा दिया था। यहां कुल 49.41 प्रतिशत मतदान हुआ था।

: 1977 में कटारिया जनता पार्टी के टिकट पर उदयपुर शहर से लड़े और ७२.७५ प्रतिशत वोट पाकर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के हीरालाल देवपुरा को 23.61 प्रतिशत पर सिमटा दिया था। तब यहां कुल ५१.७३ प्रतिशत मतदान हुआ था।

 

 

पांच बार विधायक रहे नंदलाल

: 2008 में प्रतापगढ़ सीट से 50.98 प्रतिशत वोट लाए जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बहादुरलाल मीणा 40.14 प्रतिशत पर सिमट गए।

: 2003 में 51.40 तो प्रतिद्वंद्वी विमलेश मीणा 37.46 प्रतिशत वोट लाई थी। कुल 70.68 प्रतिशत वोटिंग।

: 1998 में 47.71 तो प्रतिद्वंद्वी केसरसिंह को ४२.१३ प्रतिशत वोट मिले। कुल 61.18 प्रतिशत वोटिंग।

: 1993 में 58.79 प्रतिशत वोट मिले जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के धनराज को 38.96 प्रतिशत वोट मिले थे।

: 1985 में नंदलाल हारे। वे 41.93 प्रतिशत वोट ही ला सके जबकि कांग्रेस के धनराज को 58.07 प्रतिशत वोट मिले थे।

: 1977 में नंदलाल मीणा पहली बार बनी उदयपुर ग्रामीण सीट से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और 67.36 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। प्रतिद्वंद्वी जयनारायण 32.64 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाए थे।

 

 

कटारिया, नंदलाल से जुड़ी रोचक बातें

 

ञ्चजनसंघ, जनता पार्टी के जमाने के नेता।

ञ्च पहली बार 1977 में जनता पार्टी से लड़ा था चुनाव।

ञ्च दोनों को विधानसभा चुनाव में एक-एक बार हारना पड़ा।

ञ्च राज्य में मंत्री रह चुके हैं। 1985 में हारे थे दोनों।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार सम्पन्न

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उदयपुर। उदयपुर शहर के कम्प्यूटर साइंस अभियांत्रिकी महाविद्यालय में “नॉलेज बेस्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग” विषय पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का बुधवार को समापन हुआ। सेमिनार के अंतिम दिन 15 शोध पत्रों का वाचन किया गया। संगोष्ठी के अंतिम दिन डॉ.मंजू मांडोत ने सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, संदीप उपाध्याय ने मेटाफोरिकल दृष्टिकोण, डॉ.संजय शाह ने डाटा प्रणाली, कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया-2 के अध्यक्ष डॉ.टीवी गोपाल ने नॉलेज के समग्र और एकीकृत रूप के बारे में जानकारी दी।

 

संगोष्ठी के आयोजन सचिव और कम्प्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग उदयपुर के डॉ.धर्मसिंह ने बताया कि संगोष्ठी के अंतिम दिन तकनीकी सत्र में सात पत्रों का वाचन किया गया। इनमें कल्पना जैन, दिव्या जैन, टीना हड़पावत, मयंक पटेल, निकिता सिंह, गौरव पामेचा, राजदीप भाक्तावत, नीलू राजपूत और रिना गुप्ता ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही सीएसआई एसआईजीडब्ल्यू एनएस की ओर से जितेन्द्रसिंह चौहान, योगेश पुरोहित, लालसिंह खमेसरा और विमला डांगी का प्रशंसा पत्र देकर सम्मान किया गया।

 

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के डॉ.धवल कुमार ठक्कर ने “एनटरिंग मेसी वर्ल्ड ऑफ कल्चर:चैलेंजेस एंड ऑपरच्युनिटीज टू इंटेलिजेंट इंटरएक्टिव सिस्टम” विषय के बारे में बताते हुए आई एम रियल, डीबीपीडीया और पेरिको की जानकारी दी।

तीन जिलों के 10 प्रत्याशी मैदान से बाहर

7363_37उदयपुर. संभाग के उदयपुर, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिलों से विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने वाले 19 उम्मीदवारों के पर्चे बुधवार को प्रस्तावकों के नामों की सही खानापूर्ति न होने तथा शपथ पत्रों की घोषणाओं में त्रुटियां पाए जाने से खारिज कर दिए गए। इनमें से छह उम्मीदवारों द्वारा एक से अधिक भरे गए पर्चे सही निकलने से चुनाव लड़ सकेंगे, जबकि 10 उम्मीदवारों के सिंगल पर्चे रद्द हो जाने से चुनावी जंग से बाहर कर दिए गए।

 

प्रस्तावकों के गलत साइन व पते से खारिज हुए नामांकन पत्र

 

समाजवादी पार्टी के उदयपुर ग्रामीण के उम्मीदवार लक्ष्मी लाल गमेती का नामांकन इसलिए खारिज हो गया क्योंकि उन्होंने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पार्टी मानकर सिर्फ एक प्रस्तावक पेश किया था। भारत निर्वाचन आयोग की राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त छह राजनीतिक दलों में समाजवादी पार्टी शामिल नहीं है। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त पार्टी है। राजस्थान में इस पार्टी को मान्यता नहीं दी गई है। लिहाजा इस पार्टी के नाम से राजस्थान में नामांकन भरने वाले प्रत्याशी को निर्दलीय माना गया है। निर्दलीय प्रत्याशी को अपने दस प्रस्तावक पेश करने जरूरी हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक प्रस्तावक पेश किया था।

 

जावेद के फार्म में अंबालाल के स्थान पर मधु के हस्ताक्षर : उदयपुर शहर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पेश करने वाले जावेद खान के फार्म में प्रस्तावक अंबालाल के नाम के सामने मधु के दस्तखत थे। प्रस्तावक सुश्री मधु ने स्वयं और अंबालाल के नामों के सामने दो हस्ताक्षर किए थे, जबकि अंबा लाल ने कहीं भी दस्तखत नहीं किए। इस त्रुटि के कारण जावेद का पर्चा आरओ मोहम्मद यासीन पठान ने खारिज कर दिया।

 

मेहमूद के तीन प्रस्तावकों के पते गलत निकले : शहर विधानसभा से निर्दलीय नामांकन भरने वाले मेहमूद शेख के दस प्रस्तावकों में से क्रम संख्या 8 से 10 तक जिनके नाम थे उनके बताए गए पते वाले मतदाता सूची में तीनों नाम नहीं थे। प्रस्तावक यूसुफ, सर्फराज तथा मेहमूद के स्थान पर मतदाता सूची की भाग संख्या पर अन्य मतदाताओं के नाम पाए गए। जिससे मेहमूद शेख का नामांकन पत्र अयोग्य करार दिया गया।

तेरह हजार मुकदमे राजीनामे से निबटाने के लिए पक्षकारों को नोटिस

7837_untitled-6उदयपुर. जिले की सभी अदालतों में लंबित मुकदमों में से राजीनामे तथा आपसी समन्वय से सुलझ सकने योग्य 13 हजार मुकदमों को निबटाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नोटिस दिए हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिन मामलों का निर्णय किया जाना है उनमें अधिकांश चेक बाउंस से संबंधित हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्ण कालिक सचिव अलका गुप्ता ने बताया कि जिन मामलों की सुनवाई शुरू नहीं हुई (प्री लिटिगेशन केसेज) भी लोक अदालत में निस्तारण के लिए शामिल किए गए हैं। मारपीट, मोटर दुर्घटना, लेनदेन के विवाद, नगर निगम तथा नगर पालिकाओं व यूआईटी के साथ विवाद, बैंकों के रिकवरी संबंधी प्रकरण, राजस्व तथा कर संबंधी विवाद, पारिवारिक अदालत से संबंधित मामलों का निस्तारण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 18 से 23 नवंबर तक स्थाई लोक अदालत में मुकदमों के फैसले दोनों पक्षकारों की रजामंदी से होंगे व अदालतों का आदेश दोनों पक्षों को मानना होगा। लोक अदालत विशेष सप्ताह के दौरान अन्य मुकदमों की सुनवाई नहीं की जाएगी। जिला मुख्यालय तथा कस्बों के सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत लगेगी। हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों को नेशनल लोक अदालत में शामिल नहीं किया गया है।

लोक अदालतों में विवादों की सुनवाई के दौरान वकील उपस्थित रहेंगे। बैंक, वित्तीय संस्थाएं, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, हाउसिंग बोर्ड आदि मुकदमों से संबंधित विभागों के अधिकारियों को उपस्थित रहना होगा। लोक अदालत में पक्षकारों से जिरह, गवाहों के बयान या पक्षकारों की बहस नहीं होगी। दोनों पक्षों की सहमति से फैसले किए जाएंगे।

 

भारत ने जीता टॉस, पहले गेंदबाजी का फैसला

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sach635314-11-2013-09-22-37Nमुम्बई। सचिन के अंतिम टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। टॉस के बाद धोनी ने बताया कि टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। धोनी ने कहा कि पिच सीमर्स और स्पिनर्स दोनों के लिए ही मददगार साबित होगी।

वहीं वेस्ट इंडीज ने सीरीज लेवल करने की उम्मीद के साथ टीम में दो बदलाव किए है। टीम में नरसिंह डियोनरीन और शेनन गैब्रियल को शामिल किया गया है।

सचिन का अंतिम टेस्ट देखने के लिए सचिन की मां रजनी, पत्नी अंजली, कोच अचरेकर और अभिनेता आमिर खान भी वानखेड़े पहुंच चुके हैं।

 

टीमें –

भारत – शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, भुवनेश्वर कुमार, प्रज्ञान ओझा, मोहम्मद शमी

 

वेस्ट इंडीज – क्रिस गेल, केरॉन पॉवेल, डैरेन ब्रावो, मरलॉन सैमुअल्स, शिवनरीन चंद्रपॉल, नलसिंह डियोनरीन, दिनेश रामदीन, डैरेन सामी (कप्तान), शेन शिलिंगफोर्ड, टिनो बेस्ट, शेनन गैब्रियल

रैली एवं फिल्म के माध्यम से दिया मतदान करने का संदेश

उदयुपर। क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार उदयपुर द्वारा उदयपुर जिले में कम मतदान प्रतिशत वाले क्षेत्रों के मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से चलाये जा रहे मतदाता जागरुकता अभियान का शुभारंभ मंगलवार को एडीएम मो. यासीन पठान ने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी रामेश्वरलाल मीणा ने बताया कि यह प्रचार वाहन उदयपुर जिले की गोगुंदा, सलूंबर, खेरवाड़ा तथा उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के उन गांवों में प्रचार-प्रसार करेगा, जहां मतदान का प्रतिशत कम रहा। मतदाता जागरुकता अभियान के तहत आज गोगुंदा विधानसभा क्षेत्र के सायरा एवं नान्देशमा में मतदान जागरुकता रैली निकालकर तथा मतदान पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन कर लोगों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर सायरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के बूथ लेवल आफिसर लक्ष्मण लाल मेघवाल तथा नान्देशमा के प्रधानाचार्य बीएस चौहान ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा अध्यापकगण ने भी हिस्सा लिया।

जनता से धोखाधड़ी में चुनाव आयोग शामिल

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चुनाव आयोग जनता के साथ राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा की जा रही धोखाधड़ी में शामिल है। चुनाव लडऩे वाले अधिकतर उम्मीदवार अपनी संपत्ति के बारे में झूठा शपथ-पत्र प्रस्तुत करते रहे हैं। यह सिलसिला आज भी चल रहा है। इसी प्रकार चुनाव खर्च का गलत ब्योरा देने वाले दस्तावेज भी चुनाव आयोग स्वीकार करता रहा है। चुनाव आयोग ने आज तक कभी भी यह पड़ताल नहीं की है कि उम्मीदवारों के शपथ पत्र में दिए गए आंकड़े सही भी है अथवा नहीं! इसी प्रकार चुनाव लडऩे वाले अधिकतर उम्मीदवार चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा से कई गुना अधिक राशि खर्च कर रहे हैं, लेकिन क्रमॉनीटरिंगञ्ज करने वाले अधिकारियों ने आज तक कोई केस दर्ज करके किसी भी प्रत्याशी को सजा नहीं दिलवाई। वैसे कानून में ऐसे लोगों को दंड देने के लिए पर्याप्त प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति झूठा-शपथ पत्र पेश करता है, तो उसे साढ़े पांच साल तक की बामशक्कत कैद की सजा दी जा सकती है। लेकिन आज तक एक भी केस दर्ज करके छानबीन करने की नज़ीर मौजूद नहीं है।

अत: यह तथ्य स्थापित हो जाता है कि क्रकाले धन की अर्थव्यवस्था चलाने में इस संवैधानिक निकाय की मौन सहमति है।ञ्ज वैसे काले-धन की समस्या कोई जटिल समस्या नहीं हैं। देश विदेश में चल रहा क्रकाला धनञ्ज मात्र अपनी करेंसी बदलकर एक हफ्ते में समाप्त किया जा सकता है। हालांकि यह आयोग का काम नहीं है, लेकिन उसके सामने पेश कानूनी दस्तावेजों में अंकित तथ्यों की जांच करके झूठे शपथ-पत्र प्रस्तुत करने वालों को सींखचों के पीछे धकेलने का काम तो चुनाव आयोग को ही करना है। फिर ऐसा क्यूं नहीं किया जा रहा है? इसका जवाब चुनाव आयोग को तुरंत देना चाहिए।