बाल अधिकारों पर अधिवक्ताओं का अभाव: बेनीवाल

हर कार्य में बच्चों का उपयोग करना बाल अधिकारों का हनन
बाल मजदूरी समाप्त करने में समाज के योगदान की आवष्यकता

विश्वविद्यालय विधि महाविद्यालय द्वारा आयोजित ‘‘विस्तार व्याख्यानमाला’’ में आज राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य गोविन्द बेनीवाल ने बालकांओ के अधिकारों एवं उनसे सम्बन्धित कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हर कार्य में चाहे वह चुनाव आयोग द्वारा इस बार चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान हो, या किसी मंत्री या अधिकारी या नेता का कोई कार्यक्रम हो या फिर अन्य कोई भी कार्यक्रम जिसमें बच्चों का उपयोग किया जाता है खुलम-खुला बाल अधिकारों का उल्लंघन है। वर्तमान में बालक अधिकारों के संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न कानूनी एवं संवैधानिक अधिकार उपलब्ध होने के बावजुद भी हमारे समाज में पर्याप्त जानकारी एवं सजगता का अभाव पाया जाता है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग बालकों के अधिकारों के रक्षा हेतु सतत् रूप से राजस्थान मेें कार्यरत है। वर्तमान में देष भर मेें 23 राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग कार्यरत है। गोविन्द बेनीवाल में अपने उद्बोधन मंे बालकों से सम्बन्धित कानूनों के तहत चलाये जा रहे विभिन्न बाल संरक्षण गृहों, बाल सुधार गृहों की जानकारी दी ओर बताया कि शीघ्र ही देश भर में बाल न्यायालय का गठन किया जायेगाा। राज्य के निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के तहत् 25 प्रतिशत आरक्षित स्थान समाज के पिछडें बच्चों को वास्तव में लाभ नहीं मिल रहा है जो दुःखद स्थिति है। परिवार एवं अन्य स्थानों में बच्चों के साथ हो रहे अन्याय एवं अत्याचार के लिए कोई अलग से अधिनियम नहीं है। बालकों की आयु अलग-अलग अधिनियमों में अलग-अलग है इसको अन्तर्राष्ट्रीय मानदण्डों के अनुरूप 18 वर्ष किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में विधि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आनन्द पालीवाल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शिल्पा सेठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजश्री चौधरी एवं अन्य संकाय सदस्य तथा शोधार्थी तथा छात्र संघ अध्यक्ष अक्षय सिंह राणावत अन्य छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।

फोरेस्ट मैनेजमेन्ट संस्थान के विद्यार्थियों की क्षैत्रिय अनुभव सेमिनार

IMG_0937पानी की उपलब्धता अल्प जहां, उद्यमिता, समरसता व जीवन्तता अधिक वहां – मेहता

उदयपुर, जिन क्षैत्रों में बरसात की कमी से पानी की उपलब्धता अल्प रही है, वहां के समाज में उद्यमिता, समरसता व जीवन्तता अधिक है। राजस्थान के शेखावटी व मारवाड़ सहित पूरा पश्चिमी राजस्थान इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस क्षैत्र ने उच्च कोटि के साहित्यकार, उद्योगपति, रंगकर्मी दिये है। वहीं जहां पानी की बहुतायतता है, वहां आपसी मनमुटाव, झगड़े ज्यादा है। इस दृष्टि से यह अनुमान कि पानी की कमी युद्व का कारण बनेगी, नकारा जा सकता हैं।
यह विचार विद्या भवन पॉलीटेक्निक के प्राचार्य अनिल मेहता ने भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित भोपाल स्थित फोरेस्ट मैनेजमेन्ट संस्थान के प्रबन्धन विद्यार्थियों की क्षैत्रिय अनुभव सेमिनार में व्यक्त किये। मेहता ने कहा कि जल का बेहतर प्रबन्धन समृद्धि सुनिश्चित करता है, वहीं बैतरतीब दुरपयोग, अतिउपयोग, विनाश का सूचक है।
उदयपुर एवं भोपाल की झीलों की स्थिति का तुलनात्मक विवेचन करते हुए मेहता ने कहा कि भोपाल का झील संरक्षण मोडल ज्यों का त्यों उदयपुर के लिये लागू नहीं किया जा सकता है। झीलों की सही व वैज्ञानिक परिभाषा व समझ के अभाव में झीलें सिकुढ़ रही है। फोरेस्ट मैनेजमेंट संस्था के भास्कर सिन्हा ने कहा कि पर्यावरण व जल संरक्षण में संस्थाओं के निरन्तर प्रयास निःसन्देह प्रंशसनीय है तथापि सरकार व संस्थाओं में अधिक गतिशील समन्वय स्थापित करना होगा।
इस अवसर पर पॉलीटेक्निक द्वारा संचालित रोजगारोन्मूखी कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण देते हुए सीडीटीपी के सलाहकार सुधीर कुमावत ने कहा कि तकनीकी व्यवसायों में गांव स्तर पर स्वरोजगार स्थापित होने से पहाड़, पानी सहित समस्त प्रकृति संसाधन बच सकेंगे। विद्या भवन प्रकृति साधना केन्द्र के समन्वयक आर. एल. श्रीमाल ने युवाओं, पहाड़, पानी के संरक्षण के लिये विद्या भवन द्वारा किये जा रहे जमीनी प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने युवा समूह को झीलों की पर्यावरणीय स्थिति के बारे में मौके पर ले जा कर अवगत कराया।युवाओं को वन विभाग के अधिकारी डी. के तिवारी ने भी संबोधित किया।

सर्दी ने बढ़ा दी गलन, निगम ने खोले रेन बसेरे

India Weather24उदयपुर। उदयपुर में पिछले दिनों से चल रही ठंडी बयार ने सर्दी बढा दी है। गई रात इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात थी। मौसम विभाग की माने, तो आगामी दिनों में सर्दी में इजाफा होगा एवं दिसंबर के आखिर में लेकसिटी में जमकर ठंड पड़ेगी। वहीं, बढ़ती सर्दी को देखते हुए नगर निगम द्वारा शहर के प्रमुख चौराहों पर रैन बसेरे भी स्थापित कर दिए गए हंै। लेकसिटी में पिछले दो दिनों से शाम होते ही ठंडी हवाएं चलने लगी है। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। बीती रात को पारा लुढ़कर नौ डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार आज दिन में अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री पर है। तेज ठंडी बयार ने पिछले दो दिनों से शहर के रात के तापमान में गलन का एहसास पहले ही करा दिया था।
मौसम विभाग की माने, तो आने वाले दिनों में लेकसिटी के तापमान में लगातार कमी होगी और दिसंबर के अंत तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी। सर्दी के बढऩे के साथ ही नगर निगम द्वारा स्थापित रैन बसेरों में बसने वालों की संख्या बढ़ गई है। इनमें यात्रियों एवं दिहाड़ी मजदूरों की संख्या में इजाफा हो गया है।
इसके लिए नगर निगम द्वारा शहर में पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। नगर निगम महापौर रजनी डांगी ने बताया कि शहर में बढ़ती सर्दी को देखते हुए चेटक सर्कल पर भंडारी दर्शक मंडप, उदियापोल पर निगम के सेक्टर कार्यालय की ऊपरी मंजिल पर तथा गोवर्धन विलास चुंगीनाके पर रैन बसेरे स्थापित किए जा चुके हैं। आगामी दिनों में शहर के प्रतापनगर क्षेत्र सहित कई अन्य क्षेत्रों में रैन बसेरे स्थापित किए जाएंगे।
रातों में पसरा सन्नाटा
गर्मी एवं बारीश के मौसम में शहर के पर्यटन स्थल फतहसागर एवं पिछोला झील के किनारे जहां शहरवासियों की भीड़ दिखाई देती है, वहीं शहर में बढ़ रही सर्दी के साथ ही रात नौ बजे बाद ये पर्यटन स्थल भी सुने दिखाई देने लगे हंै। रात 10 बजे बाद शहर की सडकों पर भी सन्नाटा पसरने लगा है।
बाजार में आई सर्दी की खुराक
सर्दी की दस्तक के साथ ही शहर के बाजारों में सर्दी की खुराक गजक, तिलपट्टी व पिनखजूर बिक्री के लिए बाजारों में आ गई है। तेज सर्दी के कारण इनकी मांग भी बढऩे लगी है। शहर के चौराहों एवं प्रमुख सब्जी बाजारों मे जगह-जगह थैलों पर ये सर्दी की खुराकें दिखाई देने लगी है।
समोर बाग में भीड़
सर्दी की दस्तक के साथ शहर में अक्टूबर से फरवरी माह तक समोर बाग में लगने वाले तिब्बतियन मार्केट में भी शहरवासियों की भीड़ दिखाई दे रही है। छुट्टी के दिन तो शहरवासी अपने परिवार सहित ऊनी वस्त्रों की खरीदारी में लगे रहते है। वहीं मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि इस बार ऊनी बाजार में कलरफुल जैकेट की मांग बढी है वहीं कई युवा इस बार क्रमल्टीपरपस स्कार्फÓ की ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, ताकि वाहन चलाते समय तेज सर्दी से चेहरे का बचाव किया जा सकें।

ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन के चुनाव 22 को

downloadउदयपुर,। दी उदयपुर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन के द्विवार्षिक चुनाव 22 दिसम्बर को होने जा रहे हैं। मतदान 22 दिसम्बर रविवार को प्रतापनगर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के संगठन कार्यालय पर चुनाव अधिकारी एडवोकेट जयकृष्ण दवे की देखरेख में सम्पन्न होंगे।
चुनाव अधिकारी एडवोकेट जयकृष्ण दवे ने जानकारी देते हुए बताया कि दी उदयपुर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन के जनवरी, 2014 से दिसम्बर, 2015 तक के लिए उपरोक्त पदों हेतु 22 दिसम्बर प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक प्रतापनगर ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संगठन कार्यालय पर मतदान किया जायेगा। नामांकन वापस लेने पश्चात कुल 13 उम्मीदवार मैदान में रहे है। जिसमें अध्यक्ष पद पर चंचल कुमार अग्रवाल, नवीन नागौरी, उपाध्यक्ष पद के लिये अजीतसिंह खिंची, महावीर प्रसाद चित्तौड़ा, श्यामसुन्दर भराड़िया, रामेश्वर प्रसाद राठी, सचिव/महामंत्री पद पर श्रीभगवान शर्मा, लाकेश चौधरी, सहसचिव पद पर ललित कुमार झंवर, धर्मपाल चौधरी, संजय जैन, कोषाध्यक्ष पद पर रमेशचन्द्र माहेश्वरी जगदीशचन्द्र पण्डा होंगे। मतदान पश्चात मतगणना होगी एवं परिणाम उसी समय घोषित किये जायेगें।

सिद्घ हस्तशिल्पियों एवं कुशल बुनकरों से राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु आवेदन मांगे

उदयपुर, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2012 के लिए सिद्घ हस्तशिल्पियों एवं कुशल बुनकरों को उनकी श्रेष्ठतम कलाकृतियों पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने हेतु जिले के हस्तशिल्पि निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक विपुल जानी के अनुसार आवेदन पत्र एवं कलाकृति 15 दिसम्बर तक क्षेत्रीय कार्यालय सहायक निदेशक (हस्तशिल्प) हस्तशिल्प विपणन एवं सेवा विस्तार केन्द्र उदयपुर में जमा करा सकते है। जो कलाकृतियां पुरस्कार हेतु प्रस्तुत कर रहे है उसका उत्पादन एवं निर्माण का पूर्ण विवरण भी संलग्न हस्तशिल्पी को करना होगा। जिस कलाकृति को राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार नही मिला है उसे प्राथमिकता दी जायेगी। पुरस्कार हेतु आवेदन पत्र जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते है।

राज्य विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा 15 को

उदयपुर, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर द्वारा आयोजित राज्य विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा (2013) रविवार 15 दिसम्बर को प्रात: 10 बजे से 12 बजे तक आयोजित होगी। राजकीय फतह उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ.एम.पी.सिंह ने बताया कि जिन परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा हेतु स्थानीय विद्यालय में आवेदन किये है उन सभी परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र दिनांक 14 दिसम्बर को अपराह्न 3 बजे तक रा.फतह.उमावि. उदयपुर से प्राप्त किये जा सकते है।

उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति आवेदन तिथि 20 तक बढाई

उदयपुर, राज्य सरकार के संशोधित आदेशानुसार उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन पत्रों की हार्ड कॉपी निजी महाविद्यालयों/ संस्थानों द्वारा जमा कराने की अंतिम तिथि ब$ढाई जाकर 20 दिसंबर 2013 निर्धारित की गयी है। विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह ने शिक्षण संस्थाओं से अविलम्ब कार्यालय में आवेदन पत्रों की हार्ड कॉपी जमा कराने को कहा है।

अब आपके घर बनाने से पड़ोसी को मिलेगी खुशी, जानिए यह रोचक तथ्य

1179_14उदयपुर. नियमन के नए नियमों के लागू होने के साथ ही पड़ोसियों के झगड़े खत्म हो जाएंगे। जो भी व्यक्ति सेट बैक में जितना निर्माण करेगा, पड़ोसी को भी उतने ही निर्माण की अधिकृत स्वीकृति जारी कर दी जाएगी।
बहुमंजिला इमारतों में स्वीकृति के बिना निर्मित किसी भी मंजिल का नियमन नहीं किया जाएगा। ऐसे निर्माण को नगर निगम व यूआईटी द्वारा ध्वस्त किया जा सकता है। मॉडल नगरीय क्षेत्र भवन (अनियमित निर्माण / नियमबद्धता / नियमितिकरण) उपविधियां 2013 में इन नियमों को शामिल किया गया है।
राज्य सरकार ने सभी निकायों को इन नियमों की पालना के निर्देश जारी कर दिए हैं। अब निगम ने नए नियमों के अनुरूप नियमन करने की तैयारी शुरू कर दी है। मास्टर प्लान में दर्शाए गए भू उपयोग से विपरीत किए गए निर्माण का नियमन नहीं किया जाएगा। नए प्रावधान नगरीय क्षेत्र की चारदीवारी को छोड़कर शेष समस्त क्षेत्र में प्रभावशाली होंगे।
अतिरिक्त मंजिल का नियमन नहीं हो सकेगा
15 मीटर व इससे अधिक ऊंचाई के आवासीय भवन में यदि किसी निर्माणकर्ता ने 10 प्रतिशत तक स्वीकृति विपरीत निर्माण करवा लिया है तो उसका तो निर्धारित शुल्क जमा करवाने पर ही नियमन हो सकेगा। हालांकि किसी ने स्वीकृति के विपरीत अतिरिक्तमंजिल का निर्माण कर लिया है तो उसका नियमन नहीं किया जाएगा!
लगेगा अंकुश
नए नियम लागू होने से शहर में स्वीकृति विपरीत निर्माण व उसके नियमन के खेल पर अंकुश लग सकेगा। शहर में अभी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां स्वीकृति विपरीत दो या दो से अधिक मंजिलें बन चुकी हैं। जिनका नियमन भी हो चुका है।
पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी तो नहीं होगा नियमन
15 मीटर तक की ऊंचाई के भवन में 10 कारों की पार्किंग की स्वीकृति है और यदि 8 कारों की पार्किंग की ही जगह छोड़ी है तो भी नियमन नहीं किया जा सकेगा। एक कार की कमी तक छूट मिल सकती है। इधर, 15 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवन में निर्धारित कारों की संख्या से तीन कार कम की पार्किंग की जगह छोडऩे पर छूट मिल सकेगी।
इससे अधिक कारों की पार्किंग की जगह नहीं होने पर नियमन नहीं होगा। ये प्रावधान 300 वर्ग मीटर से अधिक बड़े भूखंडों पर लागू होंगे। 300 वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों को पार्किंग के नियम से मुक्त रखा जाएगा।
पार्किंग पर सख्ती
बहुमंजिला भवनों में पार्किंग के लिए स्थान रखने का प्रावधान होने के बावजूद कई लोग पार्किंग स्थल पर दुकानें बनाकर बेच देते हैं या पार्किंग के लिए छोड़े गए स्थान पर ही निर्माण करवा लेते हैं। इससे पार्किंग की समस्या खड़ी हो जाती है। नए नियमों से पार्किंग स्थल के प्रावधान की सख्ती से पालना होगी। इससे पार्किंग की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा।

सेट बैक में निर्माण के नियमन का दायरा तय
किसी व्यक्ति को दस फीट फ्रंट सेट बैक छोडऩा था लेकिन उसने 8 फीट ही छोड़कर निर्माण कर लिया है तो दो फीट में हुए अतिरिक्त निर्माण का नियमन हो सकेगा, मगर इससे ज्यादा निर्माण का नियमन नहीं हो सकेगा।
15 मीटर तक की ऊंचाई के किसी भवन के साइड (दायीं, बायीं तरफ) सैट बैक में 25 प्रतिशत तक का नियमन हो सकेगा।
15 मीटर की ऊंचाई तक के भवन के पीछे सैट बैक में 50 प्रतिशत एरिया तक नियमन हो सकेगा।
ये प्रावधान भी
बिना स्वीकृति निर्माण का नियमों के अनुसार निर्धारित दायरे का ही नियमन हो सकेगा। बालकनी की चौड़ाई, एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो), निर्धारित एरिया से अधिक बेसमेंट बनाने, नियमों से ज्यादा छज्जे निकालने व बिना अनुमति अतिरिक्त पोर्च निर्माण करने पर भी नियमन का दायरा तय किया गया है। अस्पताल व स्कूल जैसे संस्थागत भवनों में नियमन पर आवासीय दर से शुल्क वसूला जाएगा। औद्योगिक एवं होटल परिसर के नियमन पर डेढ़ गुना शुल्क वसूला जाएगा।

परीक्षा में मिले ऐसे नंबर की खुली रह गई छात्रों की आखें

9909_11उदयपुर. सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय द्वारा घोषित परिणाम और हाथ में आई अंकतालिकाओं में दिन-रात का अंतर है। परिणाम में जो छात्राएं उत्तीर्ण थीं, अंकतालिकाओं में उन्हें फेल कर दिया गया है।
इतना ही नहीं, 100 में से 18 अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को पास, जबकि 62 अंक पाने वाली छात्राओं को फेल कर दिया गया है। यह परेशानी एमजी कॉलेज की बीएन दर्शनशास्त्र ऑनर्स पार्ट द्वितीय की छात्राओं के साथ हुई है।
अंकतालिकाओं में सामने आई गड़बडिय़ों को लेकर जब ये छात्राएं सुविवि के परीक्षा विभाग में गईं, तब भी कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया। छात्राओं के सामने सबसे बड़ी समस्या इस बात की है कि उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश के लिए 14 दिसंबर तक आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी है।
छात्राओं ने बताया कि बीए ऑनर्स एवं बीए द्वितीय वर्ष की सभी छात्राओं को अनिवार्य विषयों में अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया है, जबकि ये सभी छात्राएं पास हैं।
पता लगाएंगे, छात्राएं समस्याएं बताएं
॥अंक तालिकाओं में सामने आई त्रुटियों के कारणों का पता लगाएंगे। छात्राएं निर्धारित फॉर्मेट में अपनी समस्या की जानकारी दें।
प्रो. आई.वी. त्रिवेदी, कुलपति, सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी
कैसी कैसी परेशानी
पहले तो परिणाम देरी से घोषित किया गया। आया तो उसमें भी काफी गड़बडिय़ां हैं। कई बार परीक्षा विभाग से संपर्क किया, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। उत्तीर्ण होने के बावजूद कुल योग में कंपार्टमेंट लिखा है। कुछ छात्राओं के अनिवार्य विषयों में से अंक घटाकर वैकल्पिक विषयों में जोड़ दिए गए। बीए ऑनर्स, बीए द्वितीय वर्ष की सभी छात्राओं को अनिवार्य विषयों में फेल घोषित कर दिया गया है।

आज से रफ्तार पकड़ेंगे जनता के काम

bpl-300x202udaipur-nagar-nigam-300x224उदयपुर। आचार संहिता में फंसे जनता के काम आज से फिर तेजी पकड़ लेंगे। दफ्तरों में गठरियों में बंधी फाइलों की फिर से सार संभाल होगी और टेंडर-वर्क ऑर्डर जैसे काम शुरू हो जाएंगे। विधानसभा चुनाव के चलते 11 दिसंबर तक आचार संहिता लगाई गई थी। इस दौरान नगर निगम और यूआईटी जैसे निकायों में जनता से जुड़े सबसे ज्यादा कार्य अटक गए थे। ऐसे सभी कामों को आज से रफ्तार मिलेगी। निर्वाचन विभाग ने चार नवंबर की शाम 4.30 बजे से लेकर 11 दिसंबर तक आचार संहिता लागू की थी। शाम 4.30 बजे ही कई कार्यों पर रोक लग गई। उसके बाद ऐसे काम नहीं हो सके, जिनसे चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ सकता था। ऐसे में नगर निगम व यूआईटी में होने वाले जनता से जुड़े काम भी अटक गए थे।
साढ़े 3 माह मिलेंगे: आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार और जनता को काम करने के लिए मात्र साढ़े तीन महीने ही मिलेंगे। उसके बाद फिर से आचार संहिता लग जाएगी। लोकसभा का कार्यकाल मई में पूरा हो रहा है।
इसलिए मई अंत या जून प्रथम सप्ताह में लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद है और अप्रैल में आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में इस तरह के कार्य जो आचार संहिता में प्रभावित होते हैं, उन्हें पूरा करने के लिए दिसंबर के शेष 15 दिन तथा जनवरी से मार्च तक के तीन माह ही मिलेंगे।
चलेगा तबादलों का दौर
नई सरकार आते ही विभागों में जमकर चर्चा शुरू हो गई कि कांग्रेस शासन में जमे अधिकारियों को अब कुर्सी छोडऩी पड़ेगी। सरकार अब अपने ‘पालेÓ के अधिकारियों को नियुक्त करेगी। ऐसे अधिकारियों की सूची में पुलिस व प्रशासन के ऐसे कई अधिकारी हैं, जो पिछली सरकार के समय बदले गए थे, वे उदयपुर आने की तैयारी कर रहे हैं।
निगम और यूआईटी में होंगे काम: कच्ची बस्तियों व मकानों पट्टे बन सकेंगे। भवन निर्माण संबंधी स्वीकृति मिल सकेगी, जो लोग स्वीकृति नहीं मिलने से मकान का निर्माण नहीं कर पा रहे थे, उन्हें राहत मिलेगी। निगम की विभिन्न समितियों की मीटिंग हो सकेगी। समितियां निर्णय ले सकेंगी।