मासूमों के सामने पत्नी की हत्या

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उदयपुर। रोटी परोसने की बात पर बिफरे पति ने अपने मासूम तीन बच्चों के सामने पत्नी का सिर बाल पकड़ कर दीवार पर दे मारा, मुंह में लकड़ी डाली। एक वहशी की तरह उसे रातभर इतना पीटा कि दम निकल गया। इस हैवानियत से भी जी नहीं भरा, तो वह बच्चों के सामने ही उसे घसीटते हुए मकान से 35 फीट नीचे खादरे में डाल आया।

यह घिनौना घटनाक्रम रविवार रात नाई थाना क्षेत्र के नयागुड़ाफला मीणी गांव मे हुआ। सुबह मौके पर पहुंचे नाई थानाधिकारी जीतेन्द्र गंगवानी व अन्य पुलिसकर्मियों के समक्ष घटना के चश्मदीद उसके तीनों मासूम ने पिता फूला पुत्र लालू गमेती के कृत्य को बयां किया तो वहां मौजूद हर व्यक्ति के रोंगटे खड़े हो गए। पुलिस ने मृतका खेमली गमेती (30) का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा शव पीहर पक्ष के सुपुर्द किया। पुलिस ने मृतका के भाई काया आमलीघाटी (गोवर्घनविलास) निवासी अजबा पुत्र नाना डामोर की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी फूला पुत्र लालू गमेती को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी फूला रविवार को मीट लेकर आया था। पत्नी उसे पका रही थी, तभी आरोपी नशे में धुत्त होकर खाना परोसने की बात को लेकर उससे उलझ पड़ा। बात बढ़ने पर उसने पत्नी के साथ मारपीट की। हो-हल्ला होने पर पड़ोस में ही रहने वाले उसके पांच भाई व पड़ोस में ब्याही बड़ी बहन पेमली भी आ गई। सभी ने बीच-बचाव कर उसे छुड़वाया। कुछ देर बाद उसने फिर मारपीट करते हुए उसकी हत्या कर दी।

बापू ने कूटा जीजा को…

बापू राते जीजा ने खूब कूट्यो, वा रोई और नीचे पड़ी गी, तो लठ व लातुंं मारियो, वण डे बाद विने गेचीने ले ग्यो और खाड़ा में नाकि दी दो।अपनी मां खेमली गमेती को खो चुके चार वर्षीय मासूम भंवर ने जब हत्या की पूरी दास्तां पुलिस व घर वालों को बताई तो सभी चौंक गए। नाई के नयागुड़ा फला मीठी गांव में हुए इस घटनाक्रम के दौरान मौके पर उसके तीन बच्चे मुकेश (9), बेना (6) व भंवर (4) ने पूरा खूनी मंजर आंखो से देखा। तीनों बच्चे ने बताया कि मां के साथ मारपीट के दौरान उन्होंने उसे छुड़ाने का प्रयास किया तो पिता फूला मीणा ने उन्हें भी धक्के दिए। पुलिस ने हत्याकांड में साक्षी रहे तीनों मासूम के बयान लिए। सुबह पुलिस ने मौके से जैसे ही शव उठाया तो तीनों बच्चे मां को देख बिलख पड़े।

भाइयों व बहन ने भी की पुष्टि पुलिस ने बताया कि फूला छह भाइयों में से चौथे नम्बर का था। घटना के समय वे पास स्थित अन्य मकानों में थे। मारपीट के दौरान हो-हल्ला होने पर सभी वहां पहुंचे। समझाइश कर खेमली को छुड़वाया। एक बार वह मान गया लेकिन उसने फिर मारपीट की। रात को उसकी बड़ी बहन पेमली भी उसे छुड़ाने गई, लेकिन फूला नहीं माना।

किया गुमराह, भाई ने थाने पर सूचना

खेमली की मौत के बाद सुबह आरोपी फूला पांचों भाइयों के अलग-अलग घरों पर गया था तथा पत्नी के सांप के काटने से मौत होने की जानकारी देते हुए गुमराह करने लगा। भाइयों को मृतका के शरीर पर दिखी चोटों से समझते देर नहीं लगी। उन्होंने फूला को मौके पर ही मारपीट करने से मौत होना बताया तो वह फिर बिफर गया। छोटे भाई शिवा ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें कमरे में खाना तथा जगह- जगह चूडियां टूटी हुई मिली। एफएसएल टीम ने मौके से आवश्यक साक्ष्य जुटाएं।

दो घंटे अस्पताल अंधेरे में

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udaipur एम.बी. चिकित्सालय सोमवार रात दो घंटे अंधेरे में डूब गया। चिकित्सालय में लगाए गए चार जेनरेटरों में से सिर्फ एक के ही काम करने से इमरजेंसी और एमआईसीयू ही इस अंधेरे से बचे रहे। विद्युत निगम की मशक्कत के बाद रात सवा आठ बजे बिजली बहाल हो सकी।

विद्युतकर्मियों के अनुसार पीजी हॉस्टल के पास एक बिल्ली के बिजली की लाइन पर छलांग लगाने से यह फॉल्ट आया। बिल्ली बिजली की लाइन पर चिपक गई। बिल्ली के चिपकने से शॉर्ट सर्किट हो गया और कई जम्पर उड़ गए। विद्युत विभाग के दल ने वहां चिपकी बिल्ली को हटवाया और बाद में लाइन को दुरूस्त किया। मधुवन के सहायक अभियंता एस.पी. शर्मा ने बताया कि एमबी चिकित्सालय क्षेत्र में करीब पौन घंटे बिजली बंद रही। जबकि, वहां छह बजे के आसपास बिजली गुल हो गई जो सवा आठ बजे आई।

कैंडल लाइट डिनर!

अस्पताल में अंधेरे के दौरान जगह-जगह “कैंडल लाइट डिनर” की स्थिति बन गई। अंधेरा होने से लोगों को मोमबत्तियों का सहारा लेना पड़ा। मरीजों के परिजनों ने मोमबत्ती की रोशनी में भोजन किया।

चार में एक ही चला जेनरेटर

इधर, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. डी.पी. सिंह ने बताया कि पूरे अस्पताल परिसर में विद्युत आपूर्ति के मद्देनजर चार बड़े जेनरेटर लगाए गए हैं, लेकिन उनमें से फिलहाल एक ही काम कर रहा है। तीन में डीजल की व्यवस्था कर दी गई है, लेकिन वे चालू नहीं हैं। ऎसे में सिर्फ इमरजेंसी में बिजली बहाल रही। कार्डियोलॉजी वार्ड में भी कोई परेशानी नहीं हुई।

बच्चे घबराए

सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों के अस्पताल में हुई। अंधेरे के कारण बच्चे घबरा गए। नन्हें तो रोने भी लगे। ऎसे में उनकी माताओं को मोमबत्तियां जलानी पड़ी और लगातार उन्हें थपकियां देनी पड़ी।

उदयपुर में सार्क देशों के कुलपतियों का दो दिवसीय सम्‍मेलन

logoउदयपुर, दक्षिण एशियाई देशों के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का दो दिवसीय सम्मेलन बुधवार को फतह प्रकाश पैलेस के दरबार हाल में शुरु होगा। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन सुबह 11 बजे महामहिम राज्यपाल श्रीमती मारग्रेट अल्वा करेंगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. इंद्रवर्धन त्रिवेदी ने संवाददाता सम्‍मेलन में बताया कि सम्मेलन में देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कई शीर्षस्थ विद्वान् मिलकर दक्षिण एशिया में उच्च शिक्षा के आयामों के विकास से संबंधित चुनौतियों और संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में महाराणा मेवाड चेरीटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंदसिंहजी मेवाड, अफगनिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहम्मद हैदायती और हिन्दुस्तान जिंक लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी बतौर अतिथि अपने विचार रखेंगे।

सम्मेलन में गहन विचार मंथन के बाद दक्षिण एशियाई देशों में उच्च शिक्षा क्षेत्र में परस्पर सहयोग और आदान-प्रदान पर एक उदयपुर घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। इसका प्रमुख और आरंभिक सत्र अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो आर.बी.लाल के मुख्य आतिथ्य और अंगेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद की कुलपति प्रो. सुनयनासिंह की अध्यक्षता में होगा, जिसमें विद्वान विचार विमर्श के लिए आधार भूमि तैयार करेंगे। इसमें गुजरात की उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. जयंती रवि और भारतीय प्रबंध संस्थान के प्रो. थॉमस जोसेफ भी अपने विचार रखेंगे। सम्मेलन का समापन सत्र 17 अक्टूबर को भारतीय समाजविज्ञान अध्ययन एवं शोध परिषद के सचिव प्रो. रमेश दाधिच की अध्यक्षता में होगा।

सम्मेलन के पहले और दूसरे दिन दो सत्रों में पैनल चर्चा होगी। पहले दिन की चर्चा इरान के इस्लामिक आजाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हमीद सारेमी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें दक्षिण एशियाई देशों में कार्यक्रमों के आदान-प्रदान पर कर्नाटक के प्रो.बी.आर.अनंथन सहित कई कुलपति अपने विचार रखेंगे । दूसरे दिन दक्षिण एशियाई देशों में सहयोग, समन्वय और चुनौतियां विषयक चर्चा बांगलादेश के राजशाही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहम्मद मिजानुद्दीन की अध्यक्षता में होगी। इस सत्र की सह अध्यक्षता राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्रो. पूनम सक्सेना करेंगी और इसमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदोर के पूर्व कुलपति प्रो. बी.सी.छापरवाल विशेष अतिथि होंगे। इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वद्यालय के प्रो.पुष्पेश पंत सहित कई कुलपति और विद्वान अपने विचार रखेंगे। सम्मेलन के पहले दिन एक सत्र में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो.वी.के.पाठक सूचना संप्रेषण तकनीक और शिक्षा, श्रीलंका खुला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. विजिथा नन्यककारा ज्ञान के आदान-प्रदान से ग्रामीण कृषि समुदायों के सशक्तिकरण और आईआईटी, नई दिल्ली के प्रो. एमरेटस विनयशील गौतम दक्षिण एशिया में उच्च शिक्षा की नई प्रवृत्तियों की संभावनाओं पर व्याख्यान देंगे। सम्मेलन में समाजविज्ञान और मानविकी में उद्योग और नवाचार, आपदा प्रबंधन और नगर नियोजन में दूर संवेदन तकनीक का प्रयोग आदि विषयों पर विशेष तकनीकी सत्र भी होंगे।

अतिथि कुलपतियों को नगर और क्षेत्र की भव्य सांस्कृतिक विरासत से परिचित करवाने के लिए एक भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया है। अतिथि कुलपति और विद्वान सम्मेलन के दूसरे दिन विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी करेंगे। विश्वविद्यालय ने आयोजन के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। पहले दिन के उद्घाटन के बाद के तकनीकी सत्र वेदांता के सभागार और दूसरे के दिन के तकनीकी सत्र होटल रॉयल रिट्रीट में रखे गए हैं। सम्मेलन का अंतिम सपापन सत्र विश्वविद्यालय के जैव तकनीकी भवन में होगा, जिसमें सम्मेलन से संबंधित उदयपुर घोषणा पत्र जारी किया जाएगा।

छलक गया फतहसागर

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उदयपुर। फतहसागर झील पर आखिरकार जल ने जीत दर्ज करा दी है। बीती देर रात ओवरफ्लो गेट से गिरते पानी ने चादर का रूप ले लिया है, जिसका शहरवासियों को लंबे समय से इंतजार था। सोमवार को फतहसागर की चादर चलते देखने के लिए काफी संख्या में लोग ओवर फ्लो गेट पर जा पहुचे । सिंचाई विभाग ने रपट के आस पास रंग-बिरंगी रोशनी की व्यवस्था की है, जिससे रात में रपट से बहता फतह सागर का पानी विभिन्न रंगों में नजऱ आएगा। बारिश का दौर थमने के बाद छोटा मदार से पानी की आवक घट गई थी और साढ़े १२ फीट पहुंचने के बाद पानी की आवक बहुत धीमे हो गई, लेकिन रविवार को बड़ा मदार भी छलक गया और फतह सागर में एक बार फिर पानी की आवक बढ़ गई और पूरी तरह चादर चलने की उम्मीद छोड़ चुके शहरवासी और सिंचाई विभाग के अधिकारियों में भी इस बात से खुशी की लहर दौड़ गई।
दिल के करीब है एफएस :
एफएस (फतहसागर) हर शहरवासी के दिल के करीब है। चाहे युवा, बच्चे या बुजुर्ग। हर एक को यही आस लगी रहती है फतहसागर छलक जाए, जहां सुबह शाम बुजुर्ग लोग जाकर सुकून महसूस करत है।
बड़ा मदार छलका:
पिछले दिनों गोगुंदा की पहाडिय़ों में खासी बारिश ने बड़ा मदार को लबालब कर दिया और रविवार को वह छलक गया। वहां भी पर दिनभर लोगों का तांता लगा रहा। बड़ा मदर की कुल क्षमता 23 फीट है, जो रविवार को भर गया। इससे फतहसागर में पानी की आवक बढ़ गई और चादर चल गई

बोहरा समाज ने ख़ुशी से मनाई ईद

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उदयपुर। बोहरा समुदाय द्वारा आज इदुलअजहा हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। इस मोके पर सुबह बोहरवाड़ी व अन्य बोहरा की मस्जिदों में ईद की नमाज आदा की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। घरों में कुर्बानी कर फातेहा लगाया गया।
बोहरा समुदाय के सभी महिला-पुरूष, बच्चे सुबह बोहरवाड़ी स्थित मोयदपुरा मस्जिद, लुक्मानी मस्जिद और देवाली स्थित मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे। अकीदत के साथ ईद की नमाज अदा की गई। बाद में मर्सिये पढ़े और आमिल द्वारा वायज में कुर्बानी की अहमियत समझाई गई। नमाज अदायगी के बाद सभी ने एक-दूसरे के गले लगकर ईद की बधाई दी। नमाज के बाद कई घरों में कुर्बानी की गई और कुर्बानी के गोश्त को पड़ोसियों-रिश्तेदारों में बांटा गया।
मुस्लिम समाज की ईद १६ को :
मुस्लिम समुदाय की ईद १६ को मनाई जायेगी इस इसके लिए सभी मस्जिदों में नमाज़ की तय्यरिया करली गयी है । बकरीद को लेकर शहर की हाथीपोल मंदी में बकरों की खरीददारी भी बढ़ गयी है । आसपास के गाँव कस्बों से भी मुस्लिम समुदाय के लोग मंदी में बकरे खरीदने के लिए आरहे है । बकरों के भावों में इस बार गजब की तेजी है । मंदी में १० हज़ार से कम का कोई बकरा ही नहीं है

मिलीभगत और अवैध तरीके से सात करोड़ में बेच दिया तैयबियाह स्कूल

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उदयपुर। देहलीगेट पर बोहरा समाज के तैयबियाह हाई स्कूल की ५१०० वर्गफीट जमीन सात करोड़ रुपए में बेच दी गई है। इस अवैध बेचान में समाज के नेता और सरकारी अधिकारी शामिल है। पता चला है कि इस जमीन का कागजों में सौदा सात करोड़ में हुआ है, जबकि पर्दे के पीछे हुए लेन-देन में करोड़ों रुपए समाज के नेता और सरकारी अफसरों ने बांट लिए। यह संपत्ति वक्फ बोर्ड की सूची में १०६-१०७ नंबर पर दर्ज रजिस्टर है, जिसे इस तरह बेचना गैर कानूनी है।
बेची गई संपत्ति को तैयबियाह हाई स्कूल का अंतरंग भाग क्रबंगला पुख्ताञ्ज के नाम से जाना जाता है। पता चला है कि यह बेचान पूरी योजना का पहला कदमTayaBaya-School-182x300 हैं। समाज के कर्ता-धर्ता इस समूची संपत्ति को हड़पने की फिराक में हैं। उन्होंने स्कूल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। स्कूल के विक्रय से प्राप्त सात करोड़ रुपए नये स्कूल भवन के निर्माण पर खर्च किए जाने का प्लान बताया जा रहा है। यह संपत्ति महाराणा भूपालसिंह ने बोहरा समुदाय की कन्याओं की शिक्षा के लिए २१ जुलाई १९३५ को निशुल्क प्रदान की थी। भू-आबंटन पट्टे में यह स्पष्ट किया गया है कि जमीन केवल कन्या शिक्षा के लिए ही काम में ली जाएगी। किसी को हस्तांतरित नहीं की जा सकेगी। न ही रेहन, बेह, बख्शीस की जा सकेगी। यहां तक कि किराए भी नहीं दी जा सकेगी। पट्टे में यह चेतावनी भी अंकित है कि ऐसा पाए जाने पर भूमि मय बिल्डिंग जब्त कर ली जाएगी। यह उस समय की बात है, जब बोहरा समुदाय एकजुट था। उसके बाद यूथ और शबाब धड़े बन गए। इस हिसाब से इस संपत्ति पर दोनों धड़ों का स्वामित्व है। इस सबके बावूजद वक्फ की इस संपत्ति के बेचान को कानूनी जामा पहनाने के लिए एक अगस्त, २०१३ को नगर के एक समाचार पत्र में अंग्रेजी में क्रएक्सप्रेस ऑफ इंट्रेस्टञ्ज शीर्षक से एक विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई, जो कि पढऩे में भी नहीं आ रही थी। मामले का पता चलते ही यूथ गुट के जागरूक व्यक्तियों ने वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी को सारा मामला भेजा, लेकिन वहां से अब तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। यह हलचल होने पर समाज के सफेदपोशों ने विघ्न के अंदेशे को देखते हुए शिया दाउदी बोहरा जमात की ओर से आनन-फानन में गत १८ सितंबर, २०१३ को यह सामुदायिक जमीन सात करोड़ रुपए में गुपचुप बेच दी। वक्फ अधिनियम के अनुसार कोई भी संपत्ति जरिए नीलामी ही बेची जा सकती है, लेकिन इसे मार्केट वेल्यू ओर डीएलसी से कम दर में बेचकर सरकार को भी चूना लगाया गया है। पंजीयक ने भी मौका निरीक्षण न कर कम से कम १५ लाख रुपए की सरकारी आय का नुकसान किया है। रजिस्ट्री में विक्रेता डॉ. सैयदना की ओर से हकीमुद्दीन खापोलीवाला और खरीददार जूजरअली पिता शेख अब्दे अली जाकिर निवासी मोती मगरी स्कीम उदयपुर हैं।

त्वचा में आए कुदरती गोरापन – NICC beauty tips

sweeti-chhabaraकुदरत ने हमें तमाम ऎसी चीजें उपहार में दी हैं, जो हमारी हेल्थ के साथ-साथ खूबसूरती की भी देखभाल बखूबी करती हैं। बस आपको जरूरत है ठीक प्रकार से जानने की। लेकिन अगर स्किन की देखभाल में प्रति लापरवाही बरतने से स्किन पर उसका असर जल्द ही नजर आने लगता है। जैसे-मुंहासे, ब्लैक हेड्स, झांइयां और झुर्रियां आदि जल्दी ही नजर आने लगती हैं। साथ ही त्वचा बेजान और कांतिहीन हो जाती है। अगर स्किन की देखभाल नियमित और प्राकृतिक रूप से की जाए तो वह लम्बे टाइम तक जवां नजर आएगी। तो आईये जाने nicc की डायरेक्टर स्वीटी छाबड़ा से स्कीन को जवान रखने के उपाय।

 

 

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झांइयों के लिए पैक
एक चम्मच ताजा क्रीम में पांच पिसे हुए बादाम और कुछ बंूद नींगू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें।

सफेद तिल और हल्दी की बारबर-बारबर मात्रा लें और थोडे से पानी के साथ अच्छी तरह पीस लें। फिर इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। सूखने पर उबटन की तरह मलकर छुडाएं।

झांइयों पर पपीते का गूदा मलने से काफी लाभ होता है।

मुंहासों के लिए पैक
साने से पहले फेस अच्छी तरह साफ करें। फिर एक चम्मच हरी धनिया के जूस में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और चेहरे पर लगाएं। सूखने पर चेहरा साफ पानी से धो लें। ऎसा हफ्ते में दो बार करें।

1 चम्मच चंदन पाउडर, 1 छुटकी हल्दी पाउडर और 1 चम्मच दूध लें। इन सभी को अच्छी तरह मिलाकर चेहरे पर लगाएं। बीस मिनट बाद चेहरा धो लें।

 

 

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औयली स्किन के लिए
स्क्रब 4 चम्मच चावल का आटा और दो चम्मच गाढा दही एक साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे फेस पर हल्के हाथों से मलते हुए लगाएं।
3-4 मिनट बाद चेहरा साफ पानी से धो लें। 4 चम्मच चोकर, 1 चम्मच बेसन, 1 चम्मच शहद,1 चम्मच अण्डे की सफेदी और 1 चम्मच दही को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर बीस मिनट बाद धो लें।

 

 

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ड्राई स्किन के लिए फेसपैक
4 चम्मच शहद, 3 चम्मच बादाम का तेल और 1 चम्मच औलिव औयल को अच्छी तरह मिला लें। फिर इसे चेहरे पर आधा घण्टा लगाएं और हल्के कुनकुने पानी से चेहरा साफ कर लें।
यदि आप मौसम के अनुसार मेकअप करती हैं, तो यह आप के लिए फायदेमंद है। अब गरमी का मौसम है तो हर किसी का यही कहना होगा कि मेकअप टिक नहीं पाता, पसीने के कारण बह जाता है। लेकिन आप घबराएं नहीं, क्योंकि यहां हम आप को ऎसी जानकारी दे रहे हैं, जिस पर ध्यान दे कर आप मेकअप के बहने की परेशानी से बच जाएंगे।

मिले सैकड़ों स्वयंसेवकों के कदम

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उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से विजय दशमी पर्व के मौके पर शहर में नगर पथ संचलन निकाला गया। शहर में दो अलग-अलग जगहों से निकले संचलन का मिलन द्विवेणी के रूप में देहलीगेट पर हुआ। दोनों संचलनों में 1300 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्होंने पूर्ण गणवेश के साथ संचलन में कदम से कदम मिलाए।

देहलीगेट पर द्विवेणी संगम के बाद पथ संचलन बापू बाजार, सूरजपोल होते हुए टाउन हॉल में 10.55 बजे संपन्न हुआ। शहरवासियों ने संचलन मार्ग में खड़े रहकर स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा की।

विवेकानंद पथक :

एक पथ संचलन की शुरुआत विवेकानंद पथक के रूप में नगर निगम से हुई। परिसर में सुबह 9 बजे संपत होकर निकले स्वयंसेवक 10 बजे टाउन हॉल मुख्य मार्ग, सूरजपोल चौराहा, 10.11 बजे अस्थल मंदिर, 10.16 बजे मुखर्जी चौक, 10.21 बजे जावरियों का मंदिर, 10.25 बजे चौखला बाजार, 10.32 बजे नाड़ाखाड़ा चौक, 10.36 बजे नेहरु बाजार होकर 10.40 बजे देहलीगेट पहुंचे।

गोविंद गुरु पथक :

दूसरा संचलन गोविंद गुरु पथक के रूप में निकला।दूधतलाई मार्ग, सगसजी बावजी के यहां 9 बजे संपत होकर, 10 बजे समोर बाग मार्ग, 10.05 बजे शीतला माता मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, 10.12 बजे जगदीश मंदिर, 10.16 बजे घंटाघर, 10.21 बजे आयुर्वेद चिकित्सालय, 10.25 बजे हाथीपोल, 10.28 बजे बोहरवाड़ी, 10.32 बजे नीम का चौक, 10.35 बजे अश्विनी बाजार होकर 10.40 बजे देहलीगेट पहुंचे।

राख हुआ रावण

dussehra1उदयपुर । असत्य पर सत्य की जीत का प्रतिक दशहरा पर्व रविवार को उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस मोके पर मंदिरों में विशेष पूजा अनुष्ठान हुए गाँधी ग्राउंड में रावण कुम्भकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन हुआ और शहर भर में सनातन धर्म सेवा समिति द्वारा बिलोचिस्तान पंचायत के तत्वाधान में शोभायात्रा निकाली गयी। व् शोभायात्रा की समाप्ति पर विशेष आतिशबाजी का आयोजन हुआ जिसका आनंद गाँधी ग्राउंड में हजारों दर्शकों ने लिया ।
इस बार तिथियों में हुई घटत से नवमी और दशमी एक ही दिन आगई इसलिए नवरात्रि के अनुष्ठान का समापन और दशहरा एक ही दिन मनाया गया। विजयादशमी पर मंदिरों में पूजा अनुष्ठान कर भगवान् की प्रतिमाओं का विशेष श्रृंगार किया गया तथा विभिन्न प्रकारों के मिष्ठानों का भोग कर पूजा अर्चना की गयी ।
धूम धाम से निकली शोभा यात्रा :
दिन 3 बजे सनातन मंदिर शक्ति नगर से रावण का दहन करने के लिए भगवान राम, लक्ष्मण शोभायात्रा के रूप में निकल पड़े। शोभायात्रा में विभिन्न समाजों और संगठनों की कई झांकियां सजाई गई , जिनमें बाल विवाह निषेध, कन्या भ्रूण हत्या निषेध आदि को लेकर सामाजिक चेतना के संदेश दिए गए थे। भगवान राम दरबार के साथ ही रावण परिवार की झांकी भी सजाई गई है। शोभायात्रा मोहन तलरेजा ,अशोक खतुरिया , ओम प्रकाश,किशोर छाबड़ा एवं सिन्धी युवा संगठनों स्वयं सेवकों के मार्ग दर्शन में विभिन्न मार्गों से होती हुई शाम ६ बजे गाँधी ग्राउंड पहुची ।
आकर्षक हुई आतिशबाजी :
शाम ६ बजे शोभायात्रा गाँधी ग्राउंड में पहुचन के बाद भगवान् राम का राजतिलक हुआ और रावण दहन क पूर्व एक घंटे तक आसमान आतिशी नज़रों से जगमगा उठा आतिश बाजी नगर निगम के सहयोग से हुई। विभिन्न तरीके की आतिश बाजी से बच्चों और युवाओं में हर्ष की लहर दौड़ गयी कभी आसमान से बरसते फूल तो कभी जगमगाते सितारे मानो आसमान से धमाके के साथ सितारे टूट कर गिर रहे हो । आग का बहता झरना और चक्कर आतिश बाजी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। साथ ही एक साथ हुए १० से १५० हवाई धमाकों ने दशहरे की ख़ुशी दुगुनी हो गयी ।
हनुमान ने की लंका दहन :
रावण दहन के पहले राम भक्त हनुमान द्वारा लंका दहन किया गया हाथ में गदा उठाये हनुमान ने लंका में आग लगा दी लंका दहन होते ही धमाकों से आसमानdussehra-udaipur7 गुंजायमान हो गया । लंका दहन के लिए २५० बम लगाये गए थे जिससे लंका जलती गयी और धमाके होते गए ।

६५ फिट ऊँचा लंका पति रावण पल भर में ख़ाक बना :
लंका दहन के बाद मेघनाद के पुतले में लक्ष्मण ने ने तीर से निशाना साधा और आग लगादी पहले मेघनाद की हुई लाल आँखों ने थोडा डराया लेकिन अगले ही पल पुरे पुतले ने आग पकडली इसके बाद कुम्भकरण पर निशाना साध के आग लगायी गयी कुम्भकरण का पुतला जल्दी ही जल उठा । आखरी में भगवान् राम ने अपना तीर कमान उठा कर रावण पर निशाना साधा और इसी के साथ ६५ फिट ऊँचे बने १० मुंह वाले रावण में में आग लगा दी आग लगते ही पहले रावण के पुतने ने अपने मुह से आग उगली फिर आँखों से चिनगारिया और देखते ही देखते लंका पति रावण अपने अहंकार के साथ ख़ाक हो गया ।
इस नज़ारे को देखने आये हजारों की संख्या में शहर वासियों ने जय श्री राम के उद्घोषो से माहोल राममयी बना दिया। बचों ने राम के उद्घोष के साथ तालियों से रावण के खात्मे का स्वागत किया ।

आज शाम कहर बरपाएगा “फैलिन” तूफान, मात्र 250 किमी दूर

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ओडिशा और आंध्रप्रदेश तट की ओर फैलिन तूफान तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार शाम 4-5 बजे के बीच इसके ओडिशा के गोपालपुर से टकराने की आशंका है। फैलिन गोपालपुर से मात्र 250 किलोमीटर दूर है।

मौसम विभाग के अनुसार तूफानी हवाएं 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की तरफ्तार से तटीय इलाकों में प्रवेश करेंगी। हालांकि मौसम विभाग से इसे “सुपर साईक्लोन” मानने से इंकार किया है।

भुवनेश्वर के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एस.सी. साहू ने बताया कि तूफान थोड़ा तीव्र हो बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। यह जगतसिंहपुर जिले में पारादीप के 590 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और गंजम जिले के गोपालपुर में 600 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में बना हुआ है।

उन्होंने बताया कि 205 से 215 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाले तेज चक्रवाती हवाएं पश्चिमोत्तर में बढ़ेंगी और गोपालपुर (ओडिशा) के करीब कलिंगपटनम और पारादीप के बीच उत्तरी आंध्रप्रदेश और ओडिशा तट को शनिवार शाम तक पार करेंगी।

राज्य सरकार ने बताया कि राज्य के दक्षिणी तटीय जिलों में अधिक नुकसान की आशंका के चलते आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पत्रकारों से कहा, आसन्न चक्रवात को लेकर कई समीक्षाएं की गई हैं। सरकार पूरी तरह से तैयार है।

पुरी के निचले इलाकों में रहने वाले 5,000 परिवारों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। अधिकारियों की शाम तक 30,000 और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना है।

विशेष राहत आयुक्त पी.के. मोहपात्रा ने बताया, हमारी गंजम जिले से करीब 100,000 परिवारों को स्थानांतरित करने की योजना है। वे सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिए जाएंगे।

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मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि अगले दो दिनों में राज्य के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। जबकि कुछ इलाकों में मूसलाधार वर्षा होगी।

शुक्रवार को राज्य के तट से दूर के इलाकों में तूफानी हवाओं की गति 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई। यह दक्षिण ओडिशा के तट से दूरस्थ जिलों में हवाओं की गति को 205-215 किलोमीटर प्रतिघंटा कर देगा।

राज्य सरकार ने चक्रवात के खतरे वाले 14 जिलों के अधिकारियों को स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए सतर्क कर दिया है।

क्या है सुपर स्टोर्म

नई दिल्ली। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय 23 जिलों पर शक्तिशाली तूफान फैलिन का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि बहुत कम लोगों को पता होगा की ये सुपर स्टोर्म है क्या।

मेघ गर्जन बारिश, कम दबाव का केंद्र और तेज हवाओं के साथ आने वाले से तूफान को ही सुपर स्टोर्म कहते हैं। समुद्र की स्तह से भाप बनकर उठे पानी से अपनी ताकत लेने वाले ऎसे स्टोर्म गर्म पानी के ऊपर बनते हैं।

ये स्टोर्म (तूफान) बादल बनकर बारिश करते हैं जब पानी भाप बनकर आसमान की तरफ ऊपर जाता है।

तूफान से निपटने के लिए सेना तैनात

नई दिल्ली। ओडिशा और आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहे भीषण चक्रवाती तूफान के प्रभावों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को चौकस और तैनात कर दिया गया है। रक्षा प्रवक्ता सितांशु कार ने शुक्रवार को बताया कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने तीनों सैन्य बलों को स्थिति से निपटने के लिए पूरी ताकत झोंकने का निर्देश दिया है।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि सेना द्वारा किए जाने वाले राहत कार्यो की कमान संभालने के लिए सेना कमान एवं नियंत्रण अधिकारियों को भुवनेश्वर भेजा गया है। भुवनेश्वर में वे नियंत्रण कक्ष कायम करके राहत अभियान चलाएंगे।

सूत्रों ने कहा कि सेना की इंजीनियर टुकड़ी को बागडोगरा औरमेडिकल टुकडी को गोपालपुर से रवाना किया गया है। सूत्रों के अनुसार सेना की इन्फेंट्री राहत टुकडियों को भी पूरी तरह चौकस कर दिया गया है।

वायु सेना ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल की टीमों को अपने दोगजराज विमान आईएल 76 विमान से रवाना किया है। 20 विमान और हेलीकॉप्टर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे हैं।

इसके अलावा नौसेना ने 30 राहत नौकाएं मुस्तैद कर दी हैं। वायु सेना ने दो सी-130 जे, दो एएन 32 विमान और 18 हेलीकॉप्टर इस आपदा से निपटने के लिए तत्पर कर दिए हैं।

मछुआरों को समंदर में जाने से मना किया गया

सूत्रों के मुताबिक तूफान 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तटीय ओडिशा की ओर आगे बढ़ रहा है। तूफान पहुंचने से पहले ही दोनों राज्यों में भारी बारिश हो रही है। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए कहा गया है। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया है कि मछुआरों को अंडमान समंदर और बंगाल की खाड़ी में जाने से मना किया गया है। उत्तर आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के समंदर में गए मछुआरों को तट पर लौटने के लिए कहा गया है।

14 जिलों में सरकारी कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द

ओडिशा की सरकार ने 14 जिलों में सरकारी कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी है। ओडिशा डिजास्टर रेपिड एक्शन फोर्स को तैनाती के लिए कहा गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सभी 14 जिलों के कलक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की और उनसे भोजन और दवाईयों का स्टॉक करने को कहा है। ओडिशा की सरकार ने नौ सेना और वायुसेना की मदद मांगी है। केन्द्र से हेलीकॉप्टरों और सुरक्षा बलों को तैयार रखने को कहा है। तूफान गिंजम,पुरी,खुर्दा और जगतसिंहपुर में तबाही मचा सकता है।

यही रफ्तार रही तो मारे जाएंगे हजारों लोग

ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक फैलिन तूफान की रफ्तार 1999 में आए चक्रवाती तूफान से ज्यादा है। 1999 में चक्रवाती तूफान से 15 हजार लोग मारे गए थे। विशेषज्ञों के मुताबिक शनिवार को जब तूफान आंध्र प्रदेश और ओडिशा में दस्तक देगा तब हवा की गति 205 से 215 किलोमीटर प्रतिघंटा रह सकती है। आंध्र का श्रीकाकुलम तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है।

ओडिशा के आपदा प्रबंधन मंत्री सूर्य नारायण पात्रा ने कहा कि हम प्रकृति के खिलाफ लड़ रहे हैं। इस बार हमने अच्छी तैयारियां की है। हमने 1999 से बहुत सीख ली है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। तूफान प्रभावित इलाकों के लिए हमने हेलीकॉप्टर और खाना तैयार रखा है।