पनिहारिन में लोक व पाश्चात्य नृत्यों की धूम

DSC_1274उदयपुर ,गुरू नानक कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा आयोजित पांच दिवसीय रंगारंग वार्षिकोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन शुक्रवार मिस पनिहारिन के चयन से हुआ। मिस पनिहारिन प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों के आयोजन के पश्चात् घोषित परिणामों में विजेता सुश्री अल्काश्री देवड़ा को मिस पनिहारिन का ताज पहनाया गया। प्रथम उपविजेता व द्वितीय उपविजेता का ताज क्रमशः सुश्री दिव्या शर्मा व सुश्री फूल सोनी को पहनाया गया।

DSC_1274 ALKASHREE DEVRA-MISS PANIHARIN DSC_0888 DSC_1076 DSC_1120 DSC_1261प्राचार्य प्रो. एन.एस. राठौड़ ने बताया कि मिस पनिहारिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति आई.वी. त्रिवेदी थे। विशिष्ट अतिथि के.एस. गिल, मनोहर सिंह सच्चर, सतनाम सिंह, डी.एस पाहवा व अमरपाल सिंह पाहवा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहिन्दरपाल सिंह लिखारी ने की। कार्यक्रम में एकल नृत्य, सामूहिक नृत्य व मिस पनिहारिन के लिए विभिन्न प्रतियोगिताए आयोजित हुई। एंगल समूह ने सागर पाणी भरवा जाऊंसा. लोक गीत पर शानदार नृत्य कर समां बांध दिया। युगल नृत्य में वंदना गुर्जर ने कण-कण में गूंजे जय जय राजस्थान. गीत पर मनमोहक नृत्य कर राजस्थानी रंगों की छटा विखेर सभी का मन मोह लिया। विनायक ग्रुप ने जय गणेशा देवा.भक्ति गीत पर शानदार प्रस्तुति देकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सिमरन डोडेजा ने कजरारे-कजरारे तेरे काले-काले नयना गीत पर जोरदार नृत्य कर पांडाल में दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। भानूप्रिया ने काल्यो कूद पड़यो मेला में सायकल पंचर कर लायो गीत पर पारम्परिक कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत कर परम्पराओं को जीवंत कर दिया
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपकुलपति आई.वी. त्रिवेदी ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में मौलिक प्रतिभा को विकसित करने की आवश्यकता है। शिक्षा व कला के माध्यम से विद्यार्थी जीवन में रचनात्मक प्रवृत्तियों का सूत्रपात होता है। उन्होंने कहा महिला उच्च शिक्षा का लक्ष्य नारी के मान-सम्मान व स्वाभिमान में अभिवृद्धि करना है। नारी शिक्षा के बढ़ावे से महिला में आत्म विश्वास का संचार होता है।
इससे पूर्व मिस पनिहारिन प्रतियोगिता के विभिन्न चरण आयोजित हुए। मिस पनिहारिन प्रतियोगिता में 20 छात्राओं ने भाग लिया। पहला राउण्ड परिचय का रहा जिसमें प्रतिभागियों ने सजेधजे पारम्परिक परिधानों में अपना परिचय दिया। द्वितीय राउण्ड टेलेंट राउण्ड था जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपना मौलिक प्रतिभा का परिचय दिया। तृतीय चरण प्रश्नोत्तरी राउण्ड था जिसमें निर्णायकों न प्रतिभागियों से प्रश्न पूछकर उनकी बौद्धिक क्षमता का आंकलन किया। घोषित परिणामों में विजेता रही सुश्री अल्काश्री देवड़ा को मिस पनिहारिन का ताज अतिथियों ने पहनाया।
प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. मुक्ता शर्मा, डॉ निशा मूंदड़ा व सीमा अग्रवाल थी। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. एन.एस. राठौड़, छात्रासंघ अध्यक्ष स्नेहा बागड़ी, के. एस. गिल, अमरपाल सिंह व डी.एस. पाहवा ने अपने विचार व्यक्त किए। सांस्कृतिक प्रभारी अनुराधा मालवीया ने पांच दिवसीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डॉ. मीनल कोठारी, विनिता वर्मा, अल्काश्री देवड़ा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. रेखा तिवारी व अनिल चतुर्वेदी ने किया व धन्यवाद उप-प्राचार्य डॉ. अनुज्ञा पोरवाल ने ज्ञापित किया।

 

वर्दी पर दाग, 5 पुलिसवालों ने किया नाबालिग का गैंगरेप

rapeinranchi635220-12-2013-01-49-56Nचंडीगढ़ पुलिस के 5 पुलिसकरि्मयों पर 10वीं क्लास में पढ़ने वाली नाबालिग से रेप आरोप लगा है। चंडीगढ़ के खुaा लाहौरा की रहने वाली नाबालिग का पीसीआर में तैनात पांच पुलिस वाले करीब दो महीने तक उसका गैंगरेप करते रहे।

पांचों पुलिसवालों के खिलाफ शहर के सेक्टर-17 में शिकायत दर्ज कराई गई है। अभी तक दो पुलिस वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी आरोपियों की पुलिस को तलाश है। लड़की इससे परेशान होकर सुसाइड करने जा रही थी, तभी उसके भाई ने उसे बचा लिया और लड़की ने अपने भाई से सारी घटना शेयर की।

पार्षद ने की मदद

पीडिता के भाई ने अपने इलाके के पार्षद के माध्यम से पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया। भाजपा पार्षद का कहना है कि पीडिता के घर में कुछ दिन पहले कोई झगड़ा हुआ था उसके बाद पुलिस उनके घर आई थी। वहीं पर लड़की से एक कांस्टेबल की दोस्ती हो गई। उसके बाद दोनों का आपस में मिलना-जुलना शुरू हुआ। उसके बाद उसने अपने चार साथियों के साथ मिलकर उसके साथ दो महीने तक रेप किया। ा

पीडिता उससे तंग आकर अब सुसाइड करने की कोशिश की तभी घटना के बारे में पता चला। गिरफ्तार किए गए दो पुलिस वालों को रात में जब पुलिस मेडिकल टेस्ट के लिए सरकारी अस्पताल ले गई तो वहां पर गुस्साई पुलिस ने उनकी जमककर धुनाईकर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कारवाई भी शुरू कर दी।

रांची में 6वीं क्लास की छात्रा से गैंगरेप

झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू इलाके में बुधार को एक 13 साल की नाबालिग लड़की के साथ दो युवको ने गैंगरेप किया। जिसके बाद इलाके के लोगों ने गुरूवार को जमकर बवाल किया।

थाने पर प्रदर्शन किया सड़क जमा कर दी और जगह-जगह आग लगा दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिती को नियंत्रित किया। पुलिस ने एक आरोपी तो पकड़ लिया और कहा कि वे दूसरा आरोपी भी जल्द ही पकड़ लेंगे। घटना के बाद नाबालिग को रांची के एम्स में भर्ती कराया गया है।

घटना तब घटी जब पीडिता अपने घर से शाम को कॉपी लेने के लिए गई थी, तभी दोनों युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीडिता को जबरदस्ती घर लेजाकर उसके साथ रेप किया। पीडिता एक आरोपी को तो जानती थी। रेप के बाद आरोपी पीडिता को वहीं छोड़कर चले गए। उसके तीन घंटे के बाद पीडिता अपने घर पहुंची और उसके साथ आरोपी भी पहुंच गए।

पीडिता के घर में घुसकर आरोपियों ने उसे और उसकी बहन को इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी और पीडिता के बहन को कहा कि अगर उसने किसी को बताया तो उसके साथ भी ऎसा ही होगा। उस वक्त पीडिता के परिजन घर पर नहीं थे। जब मोहल्ले वालों को घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने पीडिता को रांची के एम्स में भर्ती कराया। थाने में शिकायत दर्ज कराई।

हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे अशफाक उल्ला खां

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ashfaq ullah khan

देश सेवा को सर्वोच्च मानने वाले अमर शहीद अशफाक उल्लाह खां हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे। काकोरी काण्ड के सिलसिले में 19 दिसम्बर 1927 को फैजाबाद जेल में फांसी पर चढ़ाए गए अशफाक उल्लाह खां ने समय समय पर ऎसे उदाहरण पेश किये जिनसे यह स्पष्ट होता था कि वह हिन्दू मुस्लिम एकता के न केवल प्रबल समर्थक थे बल्कि इस दिशा में रचनात्मक कार्य भी करते थे।

दिल्ली में गिरफ्तार किये जाने के बाद काकोरी काण्ड के विशेष न्यायाधीश सैय्यद एनुद्दीन ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वह अकेले मुस्लिम हैं इसलिए उनकी और भी जिम्मेदारी है। जेल में उनसे मिलने आये एक मित्र ने जब जेल से भागने की बात की तो उन्होंने जवाब दिया, “भाई किसी मुसलमान को भी तो फांसी पर चढ़ने दो।”

काकोरी काण्ड के नायक शहीद रामप्रसाद बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा में लिखा, कु छ साथी अशफाक उल्लाह के मुसलमान होने के कारण उन्हें घृणा की दृष्टि से देखते थे और हिन्दू मुस्लिम झगड़ा होने पर सजातीय लोग उन्हें गालियां देते थे और काफिर कहते थे, लेकिन अशफाक उल्लाह बिना हिचक अपने रास्ते पर बढ़ते गये। अशफाक उल्लाह खां के क्रातिकांरी आन्दोलन में दिये गये सहयोग को अपनी उपलब्धि मानते हुए बिस्मिल ने लिखा है कि लोगों के फांसी पर चढ़ने से जनता को एक संदेश मिलेगा जो भाईचारे को बढ़ाते हुए देश की आजादी और तरक्की के लिए काम करेगा। राष्ट्रीयता प्रबल समर्थक अशफाक उल्लाह एक अच्छे शायर भी थे। वह हजरत वारसी के नाम से शायरी किया करते थे। उनकी शायरी में ओज और माधुर्य के साथ राष्ट्रीय भावना थी। उनकी शायरी से झलकता था कि उनके मन में गुलामी और सामाजिक वैमनस्यता को लेकर कितनी पीड़ा थी।

स्वतन्त्रता के लिए आशावादी रहे इन क्रांतिकारियों में सदैव स्वतंत्रता की दृढ इच्छाशक्ति। उनका मानना था मरते बिस्मिल, रोशन, लाहिणी, अशफाक अत्याचार से, होंगे सैकड़ों पैदा इनके रूधिर की धार से.. पंडित रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जिला जेल में, अशफाक उल्लाह खां को फैजाबाद जिला जेल में और ठाकुर रोशन सिंह को इलाहाबाद जिला जेल में 19 दिसम्बर 1927 को फांसी दी गयी थी। फैजाबाद जेल में अशफाक उल्लाह खां की जब अन्तिम इच्छा पूछी गयी तो उन्होंने रेशम के नये कपड़े और इत्र मांगा। जेल वालों ने उनकी इच्छा तुरन्त पूरी कर दी। फैजाबाद जेल स्थित फांसीघर अब शहीद कक्ष के नाम से जाना जाता है।

बेटी से शादी करनी है, तो 10 लाख फेसबुक लाइक्स दो

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facebook। यमन में एक शख्स ने अपने होने वाले दामाद के सामने अजीब सी शर्त रखी। सलीम अय्याश नामक शख्स ने दामाद से अपनी बेटी का हाथ सौंपने की एवज में 10 लाख फेसबुक लाइक्स मांगे हैं। तएज शहर का सलीम पेशे से कवि है और फेसबुक पर काफी चर्चित हस्ती है। सलीम ने अपने भावी दामाद ओसामा के सामने प्रस्ताव रखा कि वो उनकी बेटी से शादी करना चाहते हैं तो उन्हें बदले में 10 लाख फेसबुक लाइक्स देने होंगे। इसके लिए ओसामा को दो साल तक का समय देने को तैयार है।

बड़ी है चुनौती
इस काम में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि यमन की पूरी जनसंख्या ही 2.4 करोड़ है। यहां इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बहुत कम है। लेकिन सलीम का कहना है कि मैं देखना चाहता हूं कि मेरी बेटी से प्यार करने वाला लड़का ओसामा शादी के लिए किस हद तक मेहनत कर सकता है।

इंटरनेट पर काफी चर्चा-
यह खबर यमन में इंटरनेट पर काफी चर्चा में है। सोशल मीडिया यूजर्स और ब्लॉगर्स इसके बारे में लिख रहे हैं और लोगों से ओसामा की शादी में मदद करने की अपील कर रहे हैं। इस मुहिम के बाद अब तक सलीम को लगभग 35 हजार लाइक्स मिल चुके हैं।

अनोखे दहेज का दूसरा पहलू
अपनी बेटी की शादी के लिए अनोखा दहेज मांगने वाले अय्याश का कहना है कि मैं अपने इस कदम से यमन की सामाजिक स्थिति की तरफ लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा हूं। देश में हाल में हुई असामाजिक घटनाओं की वजह से अब कोई अपनी शादी के लिए दहेज देने में समर्थ नहीं है। यमन जैसे देश में दहेज बड़ी समस्या और राजनीतिक मुद्दा भी है। यहां पर कुछ ही लोग ज्यादा दहेज देने में सक्षम हैं, ऎसे में ऎसे दहेज की मांग को भविष्य में अच्छे कदम के रूप में भी देखा जा सकता है।

कैटरीना ने ख्वाजा के दर पर मांगी धूम-3 की सफलता

katrina in ajmer
katrinakaif in ajmerअजमेर। अपनी फिल्म धूम-3 की सफलता के लिए अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने गुरूवार को ख्वाजा साहब के दर पर मत्था टेका। कैटरीना के साथ गुंडे फिल्म के निर्देशक अली अब्बास भी अपनी फिल्म की कामयाबी के लिए मन्नत मांगने आए। इस दौरान कैटरीना काले रंग के कपड़े पहन हुए थीं।

कैटरीना ने सुबह पौने छह बजे सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर मत्था टेका। वह 16 खंभा गेट से दरगाह में गई। इसके बाद उन्होंने जन्नती दरवाजे पर मन्नत का धागा बंाधा। कैटरीना के आने की भनक जब तक लोगों तक चल पाती तब तक वह वहां से निकल गई। कैटरीना के साथ ही यशराज बैनर्स की आगामी फिल्म गुंडे के निर्देशक अली अब्बास भी दरगाह में आए।

उन्होंने भी अपनी फिल्म की सफलता की दुआ मांगी। कैटरीना ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे। इसमें से केवल उनकी आंखें ही नजर आ रही थी। गौरतलब है कि यशराज बैनर्स के तले बनी धूम-3 में कैटरीना कैफ के अलावा, आमिर खान, अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा भी हैं।

लाल बत्ती में अटकी है अधिकारीयों की जान

अख्तर खान
सुप्रीम कोर्ट का, खूंटी दिया टंगाय। अफ सर अकड़ दिखा रहे, बत्ती कार लगाय।।
लाल सजाए है पुलिस,हरी प्रशासन कार। नहीं सुधरना चाहते, आदत से लाचार।।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी नहीं हटी लाल बत्ती, अधिकारी ही कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना।
उदयपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कलेक्टर सहित कई अधिकारी अपने वाहनों पर लाल बत्ती लगाए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ कर दिया है कि सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति ही लाल बत्ती का उपयोग कर सकते हैं। यानी विधायक, कलेक्टर और एसपी जैसे पदों पर बैठे लोग लाल बत्ती नहीं लगा सकते हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी अभी भी खुलेआम नियम विरूद्ध लाल बत्ती का उपयोग कर रहे हैं। नीली बत्ती का उपयोग पुलिस और आपात कालीन सेवाओं के लिए निर्धारित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी भी लाल बत्ती का उपयोग नहीं कर सकते, लेकिन शहर में पुलिस के आला अधिकारी लाल बत्ती और प्रशासनिक अधिकारी अभी भी नियम के खिलाफ नीली बत्ती का उपयोग कर रहे हैं।
इन वाहनों पर लगी है लाल बत्ती
जिला कलेक्टर आशुतोष पढ़णेकर की स्वीफ्ट पर अभी भी लाल बत्ती लगी हुई है। आईजी अमृत कलश के वाहन पर लाल बत्ती लगी हुई है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन की बोलेरो जीप पर भी लाल बत्ती नहीं उतारी गई।
पुलिस अधीक्षक महेश गोयल के वाहन पर भी लाल बत्ती लगी है। खान विभाग के आयुक्त और स्थानीय निकाय विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के वाहन पर भी लाल बत्ती है। यूआईटी सचिव के वाहन पर भी लाल बत्ती लगी हुई है।
इन अधिकारियों के वाहनों पर नीली बत्ती
जो प्रशासनिक अधिकारी लाल बत्ती नहीं लगा रहे हैं, उनका मोह नीली बत्ती में अटका हुआ है। कलेक्ट्री और कई ऐसे विभाग हैं, जहां आरएएस और प्रशासनिक अधिकारियों की गाडिय़ों पर नीली बत्ती लगी हुई है, जब कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नीली बत्ती पुलिस अधिकारियों और आपात सेवाओं के लिए हंै।
एडीएम यासीन पठान, रसद अधिकारी एमएल चौहान और रसद अधिकारी ग्रामीण के वाहन पर अभी भी नीली बत्ती लगी हुई है।
शहर में कैप लगाकर निकालते हैं वाहन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कई अधिकारी लाल बत्ती का प्रयोग करते हैं। ये अधिकारी शहर में लाल बत्ती पर कैप पहना देते हैं और जैसे ही शहर के बाहर हाइवे पर निकलते हैं। कैप हटाकर लाल बत्ती का प्रयोग करते हंै और उदयपुर से दूसरे शहर में जाते हैं, तो लाल बत्ती का रौब पूरी तरह दिखाते हैं।
परिवहन विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद परिवहन विभाग अवैध रूप से उपयोग में लाई जा रही नीली और लाल बत्ती लगे वाहनों के खिलाफ कारवाई नहीं कर रहा है। परिवहन विभाग के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति नहीं मिलने और सरकार की और से नई अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हंै।
कोर्ट का आदेश
* संवैधानिक पदों के व्यक्ति ही लाल बत्ती लगा सकते हैं। राज्यों में उनके समकक्षों को यह हक होगा।
* संबंधित व्यक्ति वाहन में नहीं है, तो बत्ती को ढंका जाए।
* पुलिस, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड व अन्य आपात एजेंसियों के वाहनों पर नीली, सफेद, बहुरंगी बत्तियां लगाई जा सकती है।

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हृदय सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यक्रम आयोजित

DSC_7589-300x199उदयपुर। हृदय क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की तरफ से प्रेरणा दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सोसायटी की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया कि संस्था की तरफ से प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले प्रेरणा दिवस के तहत सुबह घूमने वाले लोगांे के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय गुलाबबाग में मेडिकल हैल्थ कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें सुबह भ्रमण करने वाले वृद्ध महिला व पुरुषों ने उत्साह के साथ अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई। सोसायटी के दिनभर चले सेवा कार्यों के तहत उदयपुर महिला बाल विकास समिति विकलांग आश्रम, मानव सेवा समिति एंव आशाधाम आश्रम की संस्थाआें में रहने वाले आश्रितों को भोजन प्रदान करवाया गया। संस्था द्वारा आरएनटी मेडिकल कॉलेज में सोसायटी के सदस्यों द्वारा 51 यूनिट रक्तदान किया गया। सोसायटी की आसपास के क्षेत्रों की सभी शाखाआें पर निराश्रित बच्चों में स्वेटर, जूते एंव जरूरतमंदों में कंबल व स्वास्थ्य केंद्रों पर फल वितरण के कार्यक्रम आयोजित हुए। यह सभी कार्यक्रम एसआरजी गु्रप के चेयरमैन विनोद जैन, अध्यक्ष राजेश जैन, सचिव अवनिश तिवारी एंव एवीपी वीएस कुंभट की उपस्थिति में संचालित किया गया।

जेलों के कैमरे हुए अंधे

images (7)उदयपुर। प्रदेशभर की जेलों में अपराधियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए कैमरे नाकारा हो चुके हैं। जेलों में मोबाइल फोन मिलने के मामले में जेल प्रशासन ने माना है कि उदयपुर सेंट्रल जेल सहित जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा व बीकानेर की जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरे पुरानी तकनीक हैं और अब वे कचरा बन चुके हैं। पूर्व में इन कैमरों को सुधारने के कई प्रयास किए, लेकिन कैमरों को सुधारने के भी प्रयास असफल रहे हैं। उदयपुर की सेंट्रल जेल के भी सीसीटीवी कैमरे पुरानी तकनीक के ब्लैक एंड व्हाइट है, जो नाकारा है।
हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश: हाईकोर्ट ने जेलों में बंदियों के पास मोबाइल मिलने पर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में सुनवाई करते हुए जेल प्रशासन को 16 अगस्त, 2013 के आदेश से निर्देश दिया था कि वे जेलों में सुधार व्यवस्था के संबंध में की गई कार्रवाई व सुझाव की रिपोर्ट पेश करें। इस पर कल जयपुर जेल प्रशासन ने रिपोर्ट पेश की। इस मामले में अदालत ने न्याय मित्र को कहा है कि वे भी दो सप्ताह में अपने सुझाव अदालत को बताएं। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने बंदियों के पास जेलों में मोबाइल फोन मिलने और जेल से अपराध को अंजाम देने की वारदातों को गंभीरता से लेते हुए 28 फरवरी, 2012 को स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए प्रदेश की सभी जेलों की तलाशी लेने का निर्देश भी दिया था और सरकार व जेल प्रशासन को कहा था कि वे सुनिश्चित करें कि जेलों में बंदियों के पास मोबाइल फोन व इलेक्ट्रोनिक उपकरण न मिलें।
जेल प्रशासन की रिपोर्ट: सेंट्रल जेल जयपुर के उपाधीक्षक प्रमोद शर्मा ने अदालती आदेश के पालन में हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर यह जानकारी दी कि उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा व बीकानेर की जेलों के कैमरे पुरानी तकनीक है, जिनको बार-बार दुरुस्त करवाना पड़ता है। इसकी रिपेयरिंग में भी काफी खर्च आता है। साथ ही जेल प्रशासन ने रिपोर्ट में कहा कि जेलों में मोबाइल रखना, उपयोग करना व उसकी सप्लाई करने को गैर जमानती अपराध माना जाए और अपराध के लिए मोबाइल का उपयोग करना भी दंडनीय बनाया जाए। जेलों में वार्डर, हैड वार्डर कैडर के पदों पर नियुक्ति हो। जेलों में तैनात स्टाफ की ड्यूटियों को समय-समय पर बदला जाए।
प्रदेश की जेलों में ये उपकरण जरूरी: रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि प्रदेश की सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे, सेलुलर जैमर्स, इलेक्ट्रोनिक डोर मेटल डिटेक्टर, हैंड मेटल डिटेक्टर, बायोमेट्रिक्स एसेसे कंट्रोल सिस्टम, बॉडी स्कैनर एंड बैग स्कैनर, डीप सर्च मेटल डिटेक्टर, एक्सरे मशीन व टेलीफोन बूथ जरूरी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जो जेल शहर व कस्बे के बीच में हों, उन्हें आबादी से दूर स्थापित किया जाए और आला अफसरों द्वारा जेल स्टॉफ की तलाशी ली जाए। साथ ही डीजी जेल द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया जाए।
:जयपुर जेल प्रशासन ने अदालत में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में क्या कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन यह बिलकुल सही है कि उदयपुर की जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे काफी पुरानी तकनीक के ब्लैक एंड व्हाइट है, जिन्हें बार-बार दुरुस्त करवाना पड़ता है और फिर खराब हो जाते हैं। जेलों में उच्च तकनीक की सुरक्षा की भी आवश्यकता है।
-कैलाश त्रिवेदी, जेल अधीक्षक

मुसलमानों के साथ न्‍याय नहीं करने के कारण कांग्रेस हारी, अब भाजपा से उम्‍मीदें

उदयपुर। जमाते इस्लामी हिंद ने कांग्रेस की हार का कारण अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों, दलितों और महिलाओं के साथ न्याय नहीं करना बताया है। जमाअत की प्रदेश सलाहकार परिषद की साधारण सभा की बैठक प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर खुर्शीद हुसैन की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

बैठक में पारित प्रस्ताव में प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के पीछे अन्य कारणों के साथ यह कारण भी बताया गया कि महंगाई पर नियंत्रण न कर पाना भी कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण रहा।

साथ ही नव निर्वाचित भाजपा सरकार से यह आशा व्यक्त की गई कि वह पिछली सरकार की गलतियों को सुधारेगी और उपरोक्त सभी वर्गों के साथ न्याय करेगी व महंगाई पर काबू पाने के साथ साथ अल्पसंख्यकों की धार्मिक व भाषाई पहचान और उनकी जान, माल, अस्मिता और उनके धर्मस्थलों की रक्षा करेगी।

प्रस्ताव में जमाअते इस्लामी बांग्लादेश के सहायक महासचिव मौलाना अब्दुल कादिर मौला की बांग्लादेश सरकार द्वारा की गई राजनीतिक हत्या की कड़ी निंदा की। प्रस्ताव में सभी न्यायप्रिय देशों, संगठनों तथा नेताओं से अपील की गई कि वे बांग्लादेश की सरकार पर दबाव डाल कर वहां चल रही अन्यायपूर्ण बदले की कार्रवाई को रुकवाएं। साथ ही भारत सरकार से भी अनुरोध किया गया कि वह अपने कूटनीतिक प्रभाव का प्रयोग कर वहां जारी सरकारी अन्याय को रुकवाने का प्रयास करे।

बजरी खनन को मुख्यमंत्री से मिली क्लीन चिट

images (5) लंबे समय से बजरी खनन पर लगी रोक पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को बजरी खनन के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। खनन की यह छूट फरवरी, 2014 तक 82 लीज धारकों को दी गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने अनुमोदन कर फाइल खनिज विभाग को भेज दी है। अब फाइल खनिज विभाग के निदेशक के पास जाएगी। यहां से संबंधित अधिकारियों के पत्र भेजा जाएगा। इसके बाद लीज धारकों से एग्रीमेंट किया जाएगा, तब जाकर बजरी खनन शुरू हो पाएगा।
खनिज विभाग के निदेशक डी.एस. मारू ने बताया कि इस प्रक्रिया में 4-5 दिन लग जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में मंगलवार-बुधवार से बजरी खनन फिर से शुरू हो सकता है। बजरी खनन पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद करीब 2 माह से रोक लगी हुई है। इस पर खनिज विभाग और ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वैलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।