जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ सकते हैं अजहर

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Udaypur . पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरूद्दीन कांग्रेस के टिकट पर जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को करीब 9 घंटे चली बैठक में राजस्थान समेत कुछ राज्यों की सीटों को लेकर चर्चा हुई।

पार्टी ने संकेत दिए हैं कि अगली सूची एक-दो दिन में आ सकती है, जिसमें सौ नाम हो सकते हैं। पूरे नाम होली के बाद ही आने की सम्भावना है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी की चुनाव लड़ने की जगहों को लेकर लम्बी चर्चा हुई। अल्पसंख्यक की सीट को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ।

सूत्रों की मानें तो रात तक चली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मौजूदा सांसद सचिन पायलट, चन्द्रेश कुमारी, ज्योति मिर्घा, रघुवीर मीणा, सीपी जोशी, भरतराम मेघवाल, नमोनारायण मीणा, बद्रीराम जाखड़ आदि को फिर से टिकट दिए जाने के संकेत हैं। सचिन, सीपी जोशी की सीटों पर अदला-बदली की चर्चा है।

सूत्रों का कहना है कि पूर्व क्रिकेटर अजहरूद्दीन को जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इन दोनों स्थानों में भी जयपुर से अजहरूद्दीन के आने पर ज्यादा जोर है। सी.पी. जोशी के जयपुर ग्रामीण से आने की चर्चाओं के चलते लालचंद कटारिया को अजमेर भेजा जा सकता है।

उधर, टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर सचिन पायलट की पक्की दावेदारी है। कांग्रेस राजपा के किरोड़ी लाल मीणा से दौसा सीट को लेकर तालमेल बैठा सकती है। पार्टी का मानना है कि ऎसा होने से टोंक-सवाई माधोपुर व दौसा सीटों पर फायदा मिलेगा। ऎसे में नमोनारायण मीणा का पत्ता भी साफ हो सकता है।

लंबी फेहरिस्त से बढ़ी भाजपा की परेशानी

जयपुर शहर की सीट पर उम्मीदवार तय करना भाजपा के लिए भी बड़ा मुश्किल हो रहा है, क्योंकि दावेदार ज्यादा और बड़े हैं। इनमें विधायक घनश्याम तिवाड़ी, प्रदेश महामंत्री रामचरण बोहरा, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन शर्मा और उपमहापौर मनीष्ा पारीक के नाम लिए जा रहे हैं।

तिवाड़ी पिछली बार प्रत्याशी थे, लेकिन हार गए थे। इस बार अभी तक उनके मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। इसके अलावा पार्टी ने मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देने का निर्णय भी कर रखा है, इसलिए उनका दावा कमजोर हो जाता है, लेकिन जानकारों का कहना है कि केन्द्रीय स्तर पर तिवाड़ी की पहुंच और वरिष्ठ नेता का कद देखते हुए उन्हें “अंडरएस्टिमेट” नहीं किया जा सकता। पार्टी का एक वर्ग यह भी मानता है कि राजे भविष्य की किसी परेशानी से बचने के लिए टिकट देकर उन्हें केन्द्र में भेज सकती हैं, क्योंकि विधानसभा में अब तक तिवाड़ी के तेवर काफी तीखे रहे हैं।

अन्य नामों में रामचरण बोहरा राजे की व्यक्तिगत पसंद बताए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर विधायकों का समर्थन उनके साथ नहीं बताया जाता। सुमन शर्मा का दावा ब्राह्मण और महिला होने के नाते है। मनीष्ा पारीक ऎसा नाम है, जिसकी अभी ज्यादा चर्चा नहीं है, लेकिन राजे की ओर से अभी तक जिस तरह के चौंकाऊ नाम आ रहे हैं, उसमें पारीक एक नाम हो सकता है।

वैभव की दावेदारी पर संतुष्ट नहीं

झालावाड़ से अल्पसंख्यक को लड़ाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। जालोर-सिरोही से वैभव गहलोत के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व अभी वैभव की दावेदारी को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।

नाबालिग बिकी सत्तर हजार में

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उदयपुर। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की एक नाबालिग युवती को गिरोह ने उदयपुर की मैरिज ब्यूरो संचालिका की मदद से राजसमंद के सेवंत्री गांव में 70 हजार रूपए में बेच दिया। आठ दिन तक युवती के साथ सेवंत्री में ही रहने के बाद मैरिज संचालिका उसे कोटा में छोड़कर भाग निकली। युवती ने जैसे-तैसे अपने घर पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। युवती की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसे खरीदने वाले मां-बेटे सहित चार जनों को गिरफ्तार किया।

मौके से मैरिज ब्यूरो की संचालिका फरार हो गई, जबकि उसका सहयोगी पुत्र व एक अन्य महिला हत्थे चढ़ गई। दमोह पुलिस ने बताया कि नाबालिग को खरीदने के आरोप में कसार सेवंत्री (राजसमंद) निवासी नरेश पुत्र मिश्रीलाल दवे, उसकी मां प्रभा दवे, उदयपुर के सेक्टर तीन में मैरिज ब्यूरो की संचालिका रजनी शर्मा के पुत्र मनोज व आशा पत्नी रमेश शर्मा को गिरफ्तार किया। फरार रजनी की तलाशी के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली जा रही है।

70 हजार में सौदा

रजनी ने प्रभादेवी के साथ युवती का 70 हजार में सौदा किया। उदयपुर में स्टाम्प व नोटरी करवाकर विवाह संबंधी लिखा-पढ़ी कर ली। दस्तावेजों में नारायण व रामवती ने पीडिता के बड़े पापा-मम्मी बनकर शादी करवा दी। नरेश पीडिता को अपने घर ले गया। वहां विरोध करने पर प्रभा उसे वापस रजनी के पास छोड़ गई। रजनी पीडिता को लेकर कोटा गई और उसे वहां छोड़कर भाग निकली। पीडिता लोगों से पैसे जुटाकर जैसे-तैसे अपने गांव पहुंची और पिता के साथ वहां थाने में पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की पुलिस ने यहां पहुंचकर अलग-अलग जगह दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

यह था मामला

उपाधीक्षक सरिता उपाध्याय ने बताया कि पीडिता दमोह में नारायणसिंह लोधी व रामवती के साथ पूडियां बेलने के लिए साथ जाती थी। रामवती की पुत्री वर्षा से नाबालिग के अच्छे रिश्ते थे। वर्षा के माध्यम से दोनो आरोपी इस नाबालिग को बांदरपुर में काम होने का कहकर गांव से ले गए। रास्ते में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे कोटा और वहां से ट्रेन में पीडिता को आरोपी उदयपुर लेकर आ गए। यहां उन्होंने उसे सेक्टर-3 निवासी रजनी शर्मा के सुपुर्द कर दिया। रजनी ने उसके यहां शादी के लिए लड़की ढूंढ़ने के आए प्रस्ताव पर राजसमंद के नरेश दवे के परिवार से सम्पर्क किया। नरेश की मां प्रभादेवी किसी कारणवश उदयपुर नहीं आ सकी तो रजनी युवती को लेकर सेवंत्री पहुंच गई।

उदयपुर में भूकंप के हल्के झटके

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उदयपुर। शहर में बुधवार रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। कई इलाकों में लोग घरों से बाहर आ गए। लोगों ने रात 9.52 से 9.55 बजे के बीच कम्पन महसूस किया। भूकंप का केन्द्र बिन्दु गोगुंदा-सायरा और पाली रहा। विशेषज्ञों के अनुसार रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 1.5 से 2 रही। उदयपुर शहर में भूकम्प की खबर आग की तरह फैल गई। लोग घरों से बाहर निकल आए। बच्चे ये सब देखकर एकाएक घबरा गए। भूकम्प विशेषज्ञ डॉ. जी.एस. भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने स्वयं विवि कैम्पस में कम्पन महसूस किया।

उनके अनुसार रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 1.5 से 2 रही तथा भूकम्प का केन्द्र बिन्दु उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र रहा। भारद्वाज ने बताया कि 1.0 से 2.9 तक रिक्टर पैमाने की तीव्रता वाला भूकम्प माइको श्रेणी का है, इस श्रेणी का भूकम्प महसूस होता है। इस श्रेणी का भूकम्प करीब छह महीने पहले ही भीम-पाली क्षेत्र में महसूस हुआ। इधर, शहर में रात को भूकम्प महसूस होने के बाद लोगों ने अपने परिचितों को मोबाइल पर फोन कर स्थिति बताई और उनके वहां की जानकारी ली। लोगों ने समाचार पत्रों के कार्यालयों में भी कॉल कर भूकम्प की सूचनाएं दी।

होली के रंग पर महंगाई की मार

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मंहगाई की मार से मार्केट नहीं हो रहा गुलजार, होली के सामान हुए दोगुने महंगे
उदयपुर। सोनू इस बार होली में भी अपनी मम्मी से मीठी गुंझिया और मीठे पकवान मंागेगा। हालांकि उसे क्या मालूम कि मंहगाई ने गुंझिया की मिठास फीकी कर दी है। पिछली होली की तुलना में यह होली कुछ महंगी साबित हो रही हैं। लोगों का कहना है कि साल दर साल महंगाई किस कदर बढ़ रही है, इसका अंदाजा इस बार की होली को देखकर लगाया जा सकता है। मलालेदार दहीबड़े और होली पर बनने वाले पकवानों का भी महंगाई ने स्वाद बिगाड़ रखा है। होली के लिए रंग, गुलाल, पापड़, फल आदि सामानों के रेट सुनकर ही शहरवासियों के होश उड़ रहे हैं।
नमकीन पर भी मंहगाई का असर
होली पर बिकने वाले नमकीन खाद पदार्थों के दामों में पिछले साल से १० फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। इस कारण दुकानदार भी कम बिक्री होने का रोना रो रहे हैं। नमकीन आइटमों में कई कंपनियों ने अपने पापड़ और आलू चिप्स बाजार में उतारे हैं।
महंगाई में फल भी पीछे नहीं
होली पर आने वाले मेहमानों के लिए इस बार प्लेट में फल देखने को कम ही मिल सकते हैं। फल इतने महंगे हो गए हैं कि आम आदमी बात छोडि़ए, अच्छे-खासे लोग भी फल खरीदने से अपनी जेब झांकने को मजबूर हैं।
आसमान छूते जा रहे हैं दाम
होली पर रंगों का हुड़दंग अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन महंगाई हुड़दग मचाने लगी है। आलम यह है कि २९ रुपए किलो बिकने वाली चीनी पांच दिन में ३२ रुपए किलों तक पहुंच गई। इतना ही नहीं घी व तेल भी लगभग १५-१५ रुपए महंगे हो गए। ७६ रुपए किलो बिकने वाला सरसों का तेल अभी से ९० रुपए तक पहुंच गया। मजेदार बात तो यह है कि होली पर बनने वाले पकवानों में सबसे अधिक आटा और मैदा का यूज किया जाता है। आटा भी १८ रुपए से बढ़कर २२ रुपए किलो और मैदा २० से बढ़कर २३ रुपए किलो हो गया है। चना और बेसन १२, किसकिस ५० व काली मिर्च ३० रुपए मंहगी हो गई है।

दिखवाते हैं, कार्रवाई करवाते हैं

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उदयपुर। चित्रकूटनगर की पहाडिय़ों को काटने का सिलसिला नहीं थम रहा। यह छह महीने से चल रहा है। जब भी शिकायत की गई, तो अधिकारियों ने इसे गैर कानूनी मानते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। फौरी कार्रवाई भी गई की लेकिन फिर आंखें मूंद ली गई। कुल मिलाकर भू-माफिया को काबू नहीं किया जा सका।
क्रमददगारञ्ज ने १६ नवंबर, २०१३ को तत्कालीन यूआईटी अध्यक्ष रूपकुमार खुराना को बताया था कि रघुनाथपुरा व चित्रकूटनगर की पहाडिय़ां काटी जा रही है, तो उनका कहना था कि मेरी जानकारी में नहीं है। आपने बताया, तो अधिकारियों को मौके पर भेजूंगा। इसी प्रकार तत्कालीन यूआईटी सचिव डॉ. आरपी शर्मा ने भी यही कहा-क्रमेरी जानकारी में नहीं है। अधिकारी भेजकर कार्रवाई कराएंगे।ञ्ज अगले दिन १७ नवंबर को पूछा गया, तो श्री खुराना ने कहा-क्रमैंने अधिकारी भेजकर जांच करवाई और अभी काम रोक दिया गया है।ञ्ज
इसके कुछ दिन बाद पहाड़ काटने का काम दुगनी गति से शुरू हो गया। शिकायत करने पर वैसा ही जवाब मिला-दिखवाते है। जांच करवाते हैं। इस बीच तीन पहाड़ों पर रास्ता बनाकर बिजली की लाइन बिछा दी गई और दो पहाड़ों के बीच में करीब तीन-चार बीघा जमीन समतल करने का काम चार जेसीबी लगाकर आज भी चल रहा है। तीन दिन पहले आठ मार्च को यूआईटी सचिव एस. मेहता को बताया गया, तो उनका भी यही कहना था-मेरी जानकारी में नहीं है। अधिकारी भेजकर कार्रवाई करवाते हैं।

शहनाई पर भारी चुनावी बिगुल

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शादी को आगे बढ़ाने में बिगड़ रहा है बजट, मुहूर्त नहीं होने से मजबूरन मतदान के दिन ही करनी होगी कई शादियां
उदयपुर। चुनावी बिगुल शादी की शहनाइयों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। जिसके चलते सात फेरे लेने जा रही कई जोडिय़ों को कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल चुनाव की तारीख बाद में आई, जबकि कई परिवारों में शादियां पहले ही तय हो चुकी थीं। परमिशन, छुट्टियों का संकट जैसे तमाम झझंटों से बचने के लिए उन परिवारों में शादी की तारीखें आगे बढ़ा दी गई है या शादी की प्लानिंग को कुछ चेंज कर दिया है। चुनावी तारीख के होने से कई परिवारों को नए सिरे से व्यवस्थाएं जुटानी पड़ सकती है।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए १७ और २४ अप्रैल को मतदान होना है। ज्योतिषियों का कहना है कि इसी दिन सर्वाधिक सावे हैं, जिससे शादी वाले कई परिवारो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिन परिवारों में शादी का उत्साह था और अप्रैल के महीने में होने वाली शादियों के लिए तमाम व्यवस्थाएं भी हो चुकी थी, वे परिवार अब नए सिरे से बंदोबस्त करने में लग हैं। कारण है लोकसभा चुनाव। हालांकि अप्रैल में चुनाव होना पहले से तय था, लेकिन तारीखें तय नहीं होने के कारण कई परिवारों में शादियां तय कर ली गई। परेशानियों से बचने के लिए कुछ ने शादी आगे बढ़ा दी है, जबकि कुछ कोशिश में लगे हुए हैं।
सरकारी नौकरी वालों को खास समस्या: गौरतलब है कि शादी को आगे बढ़ाने का फैसला उन परिवारों में लिया गया है, जहां अधिकतर लोग या खुद दूल्हा, दुल्हन सरकारी नौकरी में है या माता-पिता सरकारी नौकरी में सेवा दे रहे हैं। शादी को आगे बढ़ाने का मुख्य कारण चुनाव को माना जा रहा है। सरकारी नौकरी करने वालों को छुट्टियां लेना अब संभव नहीं होगा, जिसके चलते उन्हें शादी की तारीखों को बदलना पड़ रहा है। शादी समारोहों से जुड़े लोगों का कहना है कि शादी की तारीख बदल जाने के कारण परिवारों को पहले से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
मुहूर्त हैं पर शादियां नहीं : इवेंट मैनेजमेंट वालों का कहना है कि अप्रैल, मई में मुहूर्त तो कई है, लेकिन शादियां गिनती की ही हो रही है। हर साल अप्रैल में बड़ी संख्या में शादियों होती है, लेकिन इस बार शादियां कम है। बीते साल की अपेक्षा इस बार महज ३० प्रतिशन बुकिंग ही हो पाई है। मुहूर्त तो है, लेकिन चुनाव के कारण लोग बुकिं ग करने में डर रहे थे। अधिकतर लोग अप्रैल की जगह मई में शादी करना पंसद कर रहे हैं, ताकि चुनावी माहौल में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। (शेष पेज 5 पर)
वाहनों की भी हो सकती हैं किल्लत
॥नगर परिषद और यूआईटी को नोटिस भेज दिया गया है कि चुनाव के दौरान किसी भी सार्वजनिक स्थान, स्कूल, सामुदायिक भवन और ऐसे स्थान जहां मतदान या चुनावी कार्य होना है, वहां की बुकिंग नहीं ली जाए। जिन परिवारों ने पहले ही बुकिंग करा ली है, उनकी बुकिंग निरस्त की जाए और उन्हें अन्य स्थान बुक करने की सलाह दी जाए।
-आशुतोष पेढऩेकर, जिला कलेक्टर, उदयपुर

होली के बाद आएगी प्रत्याशियों की सूची

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Udaypur प्रदेश की लोकसभा सीटों के लिए भाजपा के प्रत्याशियों की सूची होली के बाद आएगी। विवादों से बचने और कांग्रेस की रणनीति पर नजर रखने के लिए यह निर्णय किया गया। भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की मंगलवार को हुई बैठक में सभी 25 सीटों को लेकर मंथन किया गया। इसके बाद प्रत्याशी चयन का फैसला मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी पर छोड़ दिया गया। अब विधानसभा चुनाव की तरह पांच वरिष्ठ नेता दावेदारों के नामों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद नामों का पैनल दिल्ली भेजा जाएगा। संभवत: 18 मार्च को पार्टी राजस्थान के प्रत्याशियों की सूची जारी कर देगी।

18 को होगी घोषणा

सूत्रों के मुताबिक पार्टी लोकसभा चुनाव में टिकटों को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं चाहती, इसलिए ऎनवक्त पर टिकट की घोषणा करना चाहती है। नामांकन की प्रक्रिया 19 मार्च से शुरू होगी और पार्टी 18 मार्च को संसदीय बोर्ड की बैठक में राजस्थान के प्रत्याशियों के नाम रखेगी। इसी दिन नाम घोषित होने की सम्भावना है। तब तक कांग्रेस के प्रत्याशियों की स्थिति भी काफी हद तक साफ हो जाएगी।

पांच सदस्यीय समिति तय करेगी नाम

विधानसभा चुनाव में चुनाव समिति ने पांच नेताओं की समिति को प्रत्याशी चयन का अधिकार सौंपा था। कुछ ऎसा ही इस बार भी किया जा रहा है। इन पांच नेताओं में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह, राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव और प्रदेश भाजपाध्यक्ष अशोक परनामी शामिल हैं। यह सभी चुनाव समिति की बैठक में आए नामों में से पैनल तैयार कर दिल्ली भेजेंगे। चुनाव समिति की बैठक भी इन्हीं नेताओं की मौजूदगी में हुई।

विधायकों को मौका नहीं

बैठक में अशोक परनामी ने विधायकों को टिकट दिए जाने का मुद्दा उठाया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को टिकट नहीं देने की बात पहले ही तय हो चुकी है। हालांकि, हारे हुए प्रत्याशियों के नामों की चर्चा बैठक में हुई। इसी कारण जयपुर शहर के दावेदारों के नाम पढ़ते वक्त विधायक घनश्याम तिवाड़ी का नाम नहीं बोला गया।

फिर मिलेगा टिकट

बैठक में वर्तमान सांसदों की सीटों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इस समय झालावाड़-बारां, चूरू, जालौर-सिरोही और बीकानेर से भाजपा के सांसद हैं। कयास लगाया जा रहा है कि इनको फिर मौका मिल सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की।

जोधपुर की बैठक आज

परनामी ने बताया कि 22 सीटों के विधायकों और लोकसभा प्रभारियों की बैठक बुधवार को जयपुर में होंगी। बैठक में दावेदारों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी चर्चा होगी। जोधपुर देहात अध्यक्ष के निधन के चलते बाड़मेर, जोधपुर और पाली लोकसभा क्षेत्र के विधायकों को जयपुर नहीं बुलाया गया है।

25 सीटों पर दावेदारों की सूची तैयार

चुनाव समिति की बैठक प्रदेश मुख्यालय में करीब डेढ़ घंटे तक चली। इसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने बताया कि सभी 25 सीटों पर दावेदारों की सूची तैयार कर ली गई है। अब वरिष नेता इस पर चर्चा करेंगे। चुनाव समिति के जिन सदस्यों ने जिस सीट से दावेदारी की थी, उन्हें उस सीट की चर्चा से अलग रखा गया। चुनाव समिति सदस्य रामचरण बोहरा और सुमन शर्मा जयपुर शहर, सतीश पूनिया व राव राजेन्द्र सिंह जयपुर ग्रामीण सीट से दावेदारी कर रहे हैं।

मौसम के बदले मिजाज ने बिगाड़ी सेहत

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उदयपुर। मौसम के दिन-रात बदलाव और तापमान के अंतर की वजह से अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हंै। अस्पताल में वायरल बुखार, जैसे खांसी, जुकाम, डायरिया के मरीज पिछले दिनों की तुलना में बढ़े हंै। ऐसे में आउटडोर के साथ इनडोर में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। महाराणा भूपाल चिकित्सालय के आउटडोर में सुबह इतनी भीड़ हो जाती है कि आउटडोर का टाइम समाप्त होने के बाद भी मरीजों की लाइन खत्म नहीं होती। प्राइवेट क्लीनिकों और निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
एग्जाम टाइम पर बुखार
इस बदलते मौसम में सबसे ज्यादा स्कूल में पढऩे वाले बच्चे और उनके अभिभावक परेशान है। बच्चों में खांसी और बुखार ज्यादा हो रही है, निजी और सरकारी अस्पताल में अन्य की तुलना में स्कूल में पढऩे वाले बच्चे ज्यादा परेशान है। सालभर की पढ़ाई में की गई मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। कई बच्चों को बीमारी के बावजूद भी परीक्षा देने जाना पड़ रहा है। परीक्षा से पहले पढ़ाई नहीं होने से रिज़ल्ट खराब होने की आशंका से भी बच्चे दुखी है।
ठंडी व खुली खाद्य सामग्री खाने से बचे
चिकित्सकों के अनुसार दिन में गर्मी और रात में सर्दी होने से वायरल की चपेट में आने की आशंका रहती है। इसलिए ऐसे मौसम में खान-पान का विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही बर्फ, फ्रीज का पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक का उपयोग अभी नहीं करना चाहिए।
:तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से पिछले डेढ़ सप्ताह से वायरल बुखार, खांसी, जुकाम के मरीज बढ़े हैं। बीमारियों से बचने के लिए इस सीजन में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ठंडी चीजों से बचे और सुबह व रात को गर्म कपड़े पहने।
-सीपी माथुर, फिजिशियन

इंदौर की रागिनी मक्कड़ और नादयोग अकादमी ने इंडियाज गोट टैलेंट का पांचवां एडिशन जीता

India's Got Talent Season 5 winner Ragini Makkhar and Naadyog Academy (7) दुनिया को एक ही जगह टिककर बैठने के लिए मजबूर करने वाले और हमारे देश में बसने वाले असीमित टैलेंट को नोट करने के बाद, बीट ब्रेकर, शुभ्रीत कौर घुम्मन एवं साई जमशीद को कड़ा मुकाबला देते हुए रागिनी मक्कड़ और नादयोग अकादमी को इंडियाज गोट टैलेंट के पांचवे एडिशन का विजेता घोषित किया गया। भव्य फाइनल में फनी ब्वॉयज, हसन रिजवी, सुभ्रीत कौर घुम्मन, रागिनी मक्कड़ और नादयोग अकादमी, साई जमशीद, अंशु कुमार, हरगुन कौर, बीट ब्रेकर्स, रोहित जयसवाल और अनुसूया चौधरी, 10 फाइनलिस्ट पहुंचे जिन्होंने इंडियाज गोट टैलेंट ट्राफी को जीतने के लिए अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए एक-दूसरे का मुकाबला किया। विजेता के रूप में रागिनी मक्कड़ और नादयोग अकादमी को 50 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, एक मारूति सेलेरियो और जूरी मेम्बर किरण खेर, मलाइका अरोड़ा खान एवं करण जौहर के सिग्नेचर वाली एक विशेष रूप से तैयार की गई ट्राफी मिली।
अपनी जीत के बारे में बताते हुए मेंटर रागिनी मक्कड़ ने कहा, इस लैंडमार्क को हासिल करने और इंडियाज गोट टैलेंट ट्राफी को जीतने के लिए हमने कड़ी मेहनत की और इस साल देश के प्रीमियर टैलेंट शो का विजेता बनने के बाद हम तो बस खुशी के मारे उछल ही सकते हैं। यह एक टीम वर्क और धुन ही है जिसने हमें जीत दिलाई है और आज दर्शकों से इतना अधिक प्यार और प्रशंसा पाकर हम बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।

उदयपुर से मिलेगी कैंसर मरीजों को स्टेम सेल, आईआईएम के स्टूडेंट्स ने उठाया कदम

8606_32उदयपुर. आईआईएम उदयपुर व दात्री फाउंडेशन (चेन्नई) ब्लड कैंसर से पीडि़त मरीजों को स्टेम सेल उपलब्ध करवाएंगे। इसके लिए मंगलवार को आईआईएम परिसर में आमजन के स्वाब या ब्लड के नमूने लिए जाएंगे। इन नमूनों को चेन्नई भेजा जाएगा, जहां से मिलान होने के बाद संबंधित व्यक्ति से स्टेम सेल लेकर कैंसर पीडि़त मरीजों को दिए जाएंगे। इससे मरीजों को छह माह तक राहत मिल सकेगी। आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रो.जनत शाह ने बताया कि स्टूडेंट्स क्लब प्रयत्न की पहल पर यह जिम्मेदारी हाथ में ली गई है।

प्रयत्न के शितांशु ने बताया कि हमने एक शोध से जाना कि देश में ब्लड कैंसर से पीडि़त मरीजों को समय पर ब्लड तो उपलब्ध हो जाता है, लेकिन जीवन बढ़ाने वाला स्टेम सेल उपलब्ध नहीं होता है। इस पर हमने दात्री फाउंडेशन से संपर्क किया तो इस बात की पुष्टि हुई। उनका कहना है कि यह काम मुश्किल भरा है, क्योंकि दस हजार नमूनों में से कोई एक नमूना ऐसा होता है, जो संबंधित रोगी की जरूरत के अनुसार होता है।

सेल कॉम्बिनेशन मिलान हो सकेगा

कैंसर रोग विशेष डॉ. नरेंद्र राठौड़ कहते हैं कि स्वाब टेस्ट से यह पता चल जाएगा कि उस व्यक्ति का सेल कॉम्बिनेशन क्या है। किसी रोगी को आवश्यकता होगी तो उसके अस्थि मज्जा (बोन मेरो) से इन सेल का कलेक्शन कर मरीज को राहत दी जा सकेगी। स्वाब टेस्ट की इस प्रक्रिया को ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटिजन (एचएलए) कहा जाता है। इसमें एक ही कोशिका पूरे शरीर का प्रतिनिधित्व करती है।

आज होगा सेंपल कलेक्शन

प्रयत्न क्लब से मिली जानकारी के अनुसार सैंपल कलेक्शन का कार्य मंगलवार को दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक आईआईएम परिसर में ही किया जाएगा। बताया गया कि इसके लिए ज्यादा देर तक कतार में लगने की भी आवश्यकता नहीं रहती है। स्वाब नमूना देने में पांच मिनट का समय लगता है।

यह रहेगी प्रक्रिया

स्वाब व ब्लड में मौजूद स्टेम सेल का मिलान मरीज की स्टेम सेल से किया जाएगा। मिलान होने पर संबंधित व्यक्ति को चेन्नई भेजकर उसकी रीड की हड्डी से स्टेम सेल एकत्र किए जाएंगे। ये स्टेम सेल मरीज के शरीर में डाले जाएंगे। डॉक्टरों के मुताबिक रीड की हड्डी (बोन मेरो) में स्टेम सेल की संख्या सबसे ज्यादा होती है।

कलेक्शन- उदयपुर एवं अन्य शहरों में स्वाब (लार) के नमूने लिए जाएंगे। नमूनों की जांच चेन्नई में होगी। स्टेम सेल का मिलान ब्लड कैंसर पीडि़त से हो जाता है, तो नमूने देने वाले को सूचित किया जाएगा। इन सेल को उस मरीज तक पहुंचाने का कार्य दात्री फाउंडेशन करेगा।

मॉनिटरिंग- आईआईएम और दात्री ने विभिन्न वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई है। सोशल मीडिया पर भी इसे शीघ्र डाला जाना है। पीड़ित लोगों को आईआईएम में संपर्क करना होगा। मिलान होने पर उसे स्टेम सेल उपलब्ध करवाया जाएगा।

क्या है स्टेम सेल

स्टेम सेल शुरुआती कोशिका होती है, जो किसी भी तरह की कोशिका में परिवर्तित हो सकती है।