पोंडीचेरी मुख्यमंत्री करेंगे विनय भाणावत का सम्मान

उदयपुर, लेकसिटी के विश्व विख्यात डाक टिकट करेंसी नोट एवं सिक्कों के संग्रहकर्ता विनय भाणावत का १५ अक्टूबर को पोंडीचेरी के मुख्यमंत्री थिरू एन.रंगासामी द्वारा सम्मान किया जाएगा। विनय भाणावत ने एक बार फिर अस्सिस्ट वल्र्ड रिकार्डस में अपना नाम दर्ज करा विश्व कीर्तिमान स्थापित किया और लेकसिटी को गौरवान्वित किया है। यह रिकार्ड विनय भाणावत ने भारतीय करेंसी नोटो में दस रूपये के नोट में आखिरी संख्या ७८६ वाले सर्वाधिक नोटों का संग्रह कर बनाया है। यह जानकारी देते हुए अस्सिस्ट वल्र्ड रिकार्डस के संस्थापक चेयरमेन आर.राजेन्द्रन ने बताया कि अस्सिस्ट वल्र्ड रिकार्डस का प्रथम वार्षिक समारोह ’’कम्बन कलाई आरागंम’’ में मनाया जा रहा है। समारोह में भाणावत को पोंडीचेरी के मुख्यमंत्री थिरू एन.रंगासामी प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करेगें।

आज भी मुस्लिम, कब्रस्तान और मदरसे ज्यादा कुछ नहीं मांगते

उदयपुर, ’’आजादी के ६५ साल बाद भी ६० से ७० प्रतिशत मुस्लिम ना इंजीनियरिंग कालेज की मांग करते है ना पोलोटेक्निक कालेज को और ना आईआईटी की अगर उनकी मांग है तो कब्रस्तान की जगह मदरसे की जगह, मदरसा में पेराटीचर्स आदि छोटी छोटी मांगे है।’’

यह कहना है राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मोहम्मद माहीर आजाद का। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होने कहा कि शिक्षा से ही तरक्की संभव है। और अब अल्पसंख्यक शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने लगे है। देश में १४ हजार मुस्लिम कालेज है जबकी राजस्थान में १४ सौ भी नहीं लेकिन अब धीरे धीरे यहां भी रूझान बढ रहा है और सरकार भी अल्पसंख्यकों को सहयोग कर रही है। उसी क्षेत्र में मुस्लिम छात्राओं के लिए निशुल्क छात्रावास एक कदम है जिसका शुभारम्भ पायलट एकेडमी के साथ मिलकर किया जा रहा है अभी भवन किराये पर लेकर शुरू किया जा रहा है बहुत जल्द जमीन लेकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

माहिर आजाद ने कहा कि खांजीपीर के कब्रस्तान का रास्ता नहीं है और रेल्वे की जमीन में होकर जाना पडता है तो इसके लिए रेलमंत्री सी.पी.जोशी से बात की जाएगी। माहीर आजाद ने उदयपुर में अल्पसख्ंयकों में शिक्षा की तारीप* करे हुए कहा कि राजस्थान में सबसे अधिक साक्षर और सरकारी नौकरियों में उदयपुर से ही है। माहीर आजद १५ सूत्रीय तिमाही बैठक की समीक्षा लेने उदयपुर आये थे। यहां से संभाग का दौरा करके मंगलवार को बांसवा$डा से जयपुर रवाना होगें। माहीर आजाद ने बताया कि मुख्यमंत्री पन्द्रह सूत्रीय कार्यक्रम के लिए उदयपुर के तीन सदस्यों को मनोनित किया है जिसमें डी.आई.खान, रियाज हुसैन ओर रविन्द्रपाल कप्पू अब यह तीन मेम्बर हर माह कलेक्टर से मिटींग कर शहर में अल्पसंख्यकों की समस्याओं को सरकार के सामने रखेगें जिसका निपटारा हो सके।

आबकारी विभाग ने अवैध शराब बनाने की तीन फैक्ट्री पकडी

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भारी मात्रा में शराब, शराब बनाने की सामग्री जप्त

उदयपुर, आबकारी टीम ने शहर में अवैध रूप से अंग्रेजी शराब बनापने के तीन कारखानों पर दबीश देकर शराब निर्माण सामग्री, उपकरण जब्त कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया।

आबकारी कमीश्नर दिनेश कुमार के निर्देश पर डी.ओ. कविता पाठक के नेतृत्व में ग्रामीण आबकारी थानाधिकारी भानुप्रताप सिंह मय टीम ने मुखबीर से मिली सूचना के आधार पर सोमवार को एकलिंगपुरा स्थित हीरालाल डांगी, कविता थून नदी के समीप मिनरल वाटर पै*क्ट्री तथा सेक्टर १४ स्थित मकान पर दबीश देकर एक ट्रक शराब की खाली बोतलें, २०० लीटर स्प्रीट, ७५ कर्टन अवैध शराब, ५ हजार ढक्कन, ५० हजार हॉल मार्क, २ हजार खलाी खोखे, कलर, एथेन्स एवं शराब मापक यंत्र जब्तकर डूंगला हॉल सेक्टर १४ निवासी प्रकाश पुत्र दिनेश जैन को गिरफ्तार किया जबकि हीरालाल डांगी, करण सिंह मौके से फरार हो गये। टीम ने आरोनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। पूछताछ में पता चला कि नकली शराब बनाने में दक्ष प्रकाश, हीरालाल डांगी, चिकलवास निवासी करणसिंह ने साझेदारी में कविता थूर नदी किनारे मिनरल वाटर प्लांट लगाकर उसकी आड में नकली शराब बनाना शुरू किया था। हीरालाल डांगी ने एकलिंगपुरा में किराये के मकान व सेक्टर १४ स्थित प्रकाश के मकान पर कच्चा व पक्का माल छुपाकर रखते थे। तैयार माल को आरोपी ग्रामीण क्षेत्रों में बेचने की जानकारी सामने आई है।

 

चीन की गुलामी से आज़ादी के लिए तिब्बतियों ने निकाला केण्डल मार्च

उदयपुर, चीन की गुलामी झेल रहे तिब्बत सासदों के साथ आये प्रतिनिधि मण्डल और समोर बाग में आये तिब्बतियों ने सत्य की ज्वाला अभियान के तहत सोमवार शाम केण्डल मार्च निकाला और तिब्बत की आजादी करने की प्रार्थना की।

तिब्बतीय सांसद करमा येशी अपने प्रतिनिधियों के साथ भारत सहित अन्य देशों का समर्थन जुटाने के लिये सत्य की ज्वाला अभियान के तहत देश के हर कोने में घूम रहे है और तिब्बत को चीन की गुलामी से आजाद कराने में जन समर्थन मांग रहे है। इसी के अंतर्गत सोमवार को शाम समोर बाग से करमा येशो सैंक$डों तिब्बतियों के साथ केण्डल मार्च कर गुलाबबाग स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचे और अपने देश को गुलामी की जंजीर से मुत्त* होने के लिये प्रार्थना सभा की। समोर बाग से शुरू हुई रैली में सबसे आगे सत्य की ज्वाला की प्रतीक मशाला लिये प्रतिनिधि मण्डल चल रहा था।

उसके पीछे समोर बाग में आये तिब्बतीय व्यापारी महिलाए पुरूष हाथों में केण्डल लिये चीन के विरोध में नारे लगाते हुए कतार में चल रहे थे। एक-एक को कतार में केण्डल लिये गुलाबबाग स्थित गांधी मूर्ति तक पहुंचे जहां प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें सांसद कमी येशी ने चीन के चंगुल से तिब्बत को आजाद कराने में समर्थन का आग्रह किया।

यूथ कांग्रेस के चुनाव की प्रक्रिया शुरू

उदयपुर, राजस्थान में युवक कांग्रेस के चुनाव की प्रक्रिया सोमवार से आंरभ हो गई। इसी क्रम में उदयपुर लोकसभा क्षेत्र चुनाव के लिए नियुक्त चुनाव अधिकारी विवेक गजटा सोमवार को उदयपुर पहुंचे।

चुनाव कार्यक्रम के संबंध में गजटा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सदस्यता अभियान ८अक्टूबर से आंरभ हो गया है तथा ४ नवम्बर को सम्पन्न होगा। सदस्यता अभियान की समाप्ति के बाद बूथ स्तर पर चुनाव होगें जिसमें ५ पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा जिसमें एक अध्यक्ष एक उपाध्यक्ष एवं तीन महामंत्रियों का चुनाव होगा। इसके बाद विधानसभा स्तर, लोक सभा स्तर, राज्य स्तर के चुनाव एक साथ जिला स्तर पर होगें। उन्होंने बताया कि विधानसभा स्तर,लोक सभा स्तर एवं राज्य स्तरीय चुनाव मे कुल दस पदाधिकारियों का चयन होगा।

अवैध निर्माण तोड़ने गया नगर परिषद का दल बैरंग लौटा

सभापति व आयुक्त एक दूसरे पर टालते रहे

उदयपुर, भूपालपुरा मे अवैध निर्माण तोडने गया नगर परिषद का दस्ता शाम को बैरंग लौटा और सभापति तथा नगर परिषद आयुक्त एक दूसरे पर आरोप मंढते रहे।

भूपालपुरा मेन रोड पर अखिलेश सुहालका और उनके साझेदारों द्वारा बनाया जा रहा चार मंजिला व्यवसायिक भवन की दो मंजिलों को तोडने पहुंचा नगर परिषद का दस्ता सुबह से शाम तक वहीं बैठा रहा लेकिन एक ईट भी नहीं हिला पाया। इस भवन की नगर परिषद से २ मंजिलों की ही स्वीकृति ली गई थी। जबकि इसको चार मंजिलो तक बढा दिया गया है। दो दिन पूर्व रात में छत डालने के विरोध में क्षेत्रवासियों ने रात के एक बजे सभापति की नींद से जगाया था जिसके बाद ठेकेदार और मजदूरों से काम बंद करवा वहां से रवाना किया उसी को क्षेत्र वासियों के अवैध निर्माण की शिकायत पर अतिक्रमण निरोध दस्ता वहां पहुंच तो गया लेकिन कुछ नहीं कर पाया। राजस्व अधिकारी नाना लाल रेगर का कहना है कि उन्हे पुलिस जाप्ता उपलब्ध नहीं हो सका और निर्माणकताओं ने कहा कि हम स्वयं गिरा देगें इसलिए आगे की कार्यवाही नहीं की जबकि सभापति का कहना है कि यह काम आयुक्त का है और वही इस बात का जवाब देगें। आयुक्त ने दबी जबान में स्वीकारा की आज कार्यवाही नहीं हुई शायद सभापति की मंशा नहीं थी इसको तोडने की अब मंगलवार को बोर्ड की बैठक है तो कोई कार्यवाही नहीं होगी। इसलिए यदि प्रशासनिक समिति ने उपर की दो मंजिलो की स्वीकृति देदी तो फिर कार्यवाही नहीं होगी।

अतिक्रमण तोडने का नाटक परिषद के अधिकारी और जनप्रतिनिधि दिन भर करते रहे लेकिन जब शाम को जवाब देने की बारी आयी तो एक दूसरे पर आरोप मढते नजर आये

पट्टे की मांग को लेकर हजारों सड़कों पर

उदयपुर, । माछला मगरा की तलहटी में बसी कच्ची बस्ती के लोगों ने पट्टे की मांग को लेकर रैली निकाली और कलेक्ट्री पर जमकर प्रदर्शन किया तथा सरकार व प्रशासन के खिलाप* नारे लगाए।

पट्टे देने वाली बस्तियों में माछला मगरा कच्ची बस्ती का नाम नहीं होने पर सोमवार को माछला मगरा के निवासियों ने विरोध में रैली निकालकर कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाप* नारेबाजी की। रैली किशनपोल से सूरजपोल, देहलीगेट होते हुए कलेक्ट्री पहुंची जिसमें सैकडों युवकों के साथ महिलाएं थी जो पट्टा नहीं मिलने के विरोध में नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। संघर्ष समिति के संयोजक मुस्तप*ा शेख ने बताया कि माछला मगरा की तलहटी में रह रहे लोगों को अब तक पट्टे नही मिले है जबकि यहां पर लोग वर्षो से रह रहे है। प्रशासन का यह तर्क है कि यह जमीन वन भूमि है जबकि पूर्व में यह वन क्षेत्र से बाहर थी। शेख ने बताया कि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

फिल्म ‘महाराणा प्रताप’ १२ अक्टूबर को रिलीज होगी

महाराणा प्रताप की पृष्ठभूमि को दिखाया जाएगा फिल्म में

उदयपुर, मेवाड के सपूत एवं गौरव महाराणा प्रताप की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म ‘महाराणा प्रताप‘ शहर के पीवीआर व अशोका सिनेमा सहित देशभर में १२ अक्टूबर को रिलीज होगी।

आलोक संस्थान के निदेशक एवं फिल्म के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि फिल्म के द्वारा प्रताप की जीवनी को प्रस्तुत किया गया है। फिल्म का प्रमोशन ११ अक्टूबर को सुखाडिया ऑडिटोरियम में होगा। प्रमोशन के दौरान फिल्म में कार्य करने वाले स्थानीय कलाकारों एवं टीम द्वारा शहरवासियों से इस फिल्म को देखने की अपील की जाएगी। कुमावत ने बताया कि इस फिल्म के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पडी। फिल्म में उनके सहयोगी रहे मनमोहन भटनागर ने इस फिल्म का फिल्मांकन अपने सहयोगी टीम के साथ किया।

उन्होंने बताया कि जिस तरह प्रताप व अकबर कभी एक दूसरे से नहीं मिले इसी तरह फिल्म में अकबर की भूमिका निभाने वाले शिव चतुर्वेदी व महाराणा प्रताप की भूमिका निभाने वाले नारायण सिंह सिसोदिया भी शूटिंग के दौरान कभी आपस में नहीं मिल पाए। लेकिन आज वे दोनों भी एक मंच पर उनके साथ उपस्थित हुए।

पत्रकार द्वारा श्राद्घ पक्ष में इस फिल्म को रिलीज करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि श्राद्घ पक्ष में हम अपने पूर्वजों को श्रद्घांजलि अर्पित करते है एवं उन्हें याद करते है। उन्होंने कहा कि श्राद्घ पक्ष में फिल्म को रिलीज कर वे महाराणा प्रताप को अपनी ओर से सच्ची श्रद्घांजलि पेश कर चाहते है।

कुमावत ने बताया कि इस फिल्म में ९ गाने है। फिल्म का संगीत डॉ. प्रेम भण्डारी ने दिया है जबकि गीत माधव दरक, रामेश्वर सोनी, आचार्य चतुरसिंह, डॉ. प्रेम भण्डारी ने कलमबद्घ किए है। साथ ही इसमें मीरा बाई के भजन एवं पारंपरिक गीतों का भी समावेश है। फिल्म के ऑडियो राइट्स टी-सीरिज के पास है। इसके पश्चात पत्रकारों को फिल्म का प्री-व्यू दिखाया गया है।

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प्रयावरण के लिए हज़ारों ने चलायी साइकिल और लगाई दौड़

साइक्लोथोन व रन वॉक फॉर नेचर 2012 में 2500 लोगों ने भाग लिया

उदयपुर शहर में पर्यावरण संरक्षण एवं इकोफ्रेंडली लाइफ स्टाइल को बढ़ावा देने के लिए वन्यजीव प्रभाग उदयपुर एवं पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, पेसिफिक यूनिवर्सिटी, उदयपुर के द्वारा आयोजित उदयपुर साइक्लोथोन एवं वॉक फॉर नेचर द्वारा आयोजित किया गया।

उदयपुर शहर से पिछले 15 दिन से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रकृति प्रेमियों में काफी उत्साह देखा गया। प्रातः 7 बजे लव-कुश स्टेडियम चेटक सर्किल से साइकिल मैराथन को एस.के. वर्मा, सेवानिवृत पी.सी.सी.एफ. राजस्थान, ने हरी झण्ड़ी दिखाकर रवाना किया। साइक्लोथोन में 700 प्रतिभागियों ने भाग लिया। लगभग 100 वरिष्ठ नागरिक एवं महिलाएं भी शामिल हुई।

साइक्लोथोन की प्रथम पंक्ति में सांसद उदयपुर श्री रघुवीर मीणा, सुबोध अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक टी.सी. डामोर, जिला कलेक्टर विकास भाले, मुख्यमंच निरीक्षक एन.सी. जैन आदि उच्च अधिकारी शामिल थे।

साइक्लोथोन के पूरे मार्ग में प्रतिभागियों हेतु जलपान की व्यवस्था रखी गई थी। ग्रीन उदयपुर, क्लीन उदयपुर का संदेश देते हुए मोहनलाला सुखाडिया यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में समाप्त हुई।

15 से 60 वर्ष के लोगों के लिए 21 किमी. व महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10.5 किमी. की दूरी रखी गई थी।

इसी तरह वन विभाग एवं पेसिफिक यूनिवर्सिटी के सहयोग से वॉक फॉर नेचर 2012 मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी से प्रारंभ की गई जिसको प्रो. आई.वी. त्रिवेदी, वाइस चांसलर (कुलपति), मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी व शरद कोठारी रजिस्ट्रार पेसिफिक यूनिवर्सिटी उदयुपर, ने हरी झण्ड़ी दिखाकर मैराथन को प्रारंभ करवाया। यह पदयात्रा भी 15 से 60 वर्ष के लोगों के लिए 10.5 किमी. व महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों के 5.5 किमी. की मैराथन रखी गई। उक्त वॉक फॉर नेचर में शहर के लगभग 1500 लोगों ने भाग लिया।

वन्यजीव सप्ताह का समापन समारोह मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में हुआ। समारोह के प्रारंभ में अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत आर.के. जैन उप वन संरक्षक द्वारा किया गया। खचाखच भरे ऑडिटोरियम में श्री रघुवीर सिंह मीणा सांसद, सज्जन कटारा विधायक, डॉ. वी.एस. सिंह अति. मुख्य सचिव वन राज. सरकार, ए.सी. चौबे मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राज., महानिरीक्षक टी.सी. डामोर आदि अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

सभी अतिथियों ने वन विभाग और पेसिफिक यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित अनूठे कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रसंशा की। अतिथियों ने शहर प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने के लिए सभी नागरिको की सहभागिता की अपेक्षा की।

मुख्य वन संरक्षक एन.सी. जैन ने वन्यजीव संरक्षण सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न गतिविधियों तथा वाइल्ड लाइफ विक नेचर फोटोग्राफी प्रतियोगिता, जंगल ट्रेकिंग, जंतुआलय भ्रमण आदि की जानकारी दी। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।

पॉवर पाइंट प्रजेन्टेेशन के द्वारा उदयपुर संभाग में उपस्थित विभिन्न संरमय स्थलों के बारे में बताया गया।

साइक्लोथोन एवं वॉक फॉर नेचर में निर्धारित समय में पूर्ण करने वाले प्रतियोगितायों के कूपन लॉटरी के माध्यम से पुरस्कार हेतु चयन किया और कुल 30 प्रतिभागियों को 2 रात व 3 दिन / 1 रात व 2 दिन प्रकृति के आगोश में सपरिवार निःशुल्क बिताने का पुरस्कार प्रदान किया गया।

साइक्लोथोन में श्री हरीश सिंह धाबाई (85 वर्ष) एवं श्री विजय सिंह बीजापुर का उत्साह देखते ही बनता था। साइक्लोथोन एवं वॉक फॉर नेचर के रजिस्ट्रेशन फॉर्म 6 अक्टुबर के प्रतिभागियों को लॉटरी के माध्यम से तीन निःशुल्क साइकिल व 11 व्यक्तियों को 50ः छूट पर साइकिल पेसिफिक यूनिवर्सिटी की ओर से प्रदान की गई। अतिथियों ने लॉटरी से चयन होने पर हितेश वागेला, दीपेश चतुर्वेेदी, अभिलाष टी. एन. को समारोह के दौरान ही ऑडिटोरियम में साइकिल प्रदान की गई।

कार्यक्रम में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के 150 वॉलिन्ट्रीस एवं वन विभाग के अधिकारियों – कर्मचारियों ने विगत 1 माह से शहर में काफी प्रचार-प्रसार करके लोगों को उत्साहित किया। अंत में प्रो. के.के. दवे, निदेशक पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें सर पद- पदम्पक सिंघानिया यूनिवर्सिटी, रॉटरी क्लब, लाइन्स क्लब व अन्य समाजसेवी संगठनों, कॉलेज, स्कुलस् के विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। समारोह में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार शरद कोठारी, मुख्य वन संरक्षक राजीच गोयल, उप-वन संरक्षक आर.के. जैन, पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर, डॉ. योगेश जैन, रॉटरी अध्यक्ष सुशील भाटिया, ॅॅथ् के अरूण सोनी, मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी पदाधिकारी, पेसिफिक यूनिवर्सिटी के अधिकारी एवं छात्र एवं वन-विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

चीनी दासता से जूझते तिब्बत ने आंरभ किया गांधीवादी मुक्ति अभियान

जनसमर्थन के लिए निकली सत्य की ज्वाला अभियान टीम लेकसिटी पहुंची

आज निकलेगा केण्डर मार्च

उदयपुर, चीन की दासता का दंश झेल रहे तिब्बत का एक प्रतिनिधि मण्डल अपने देश को दासता से मुक्त कराने के लिए जनसमर्थन जुटाने के लिए भारत सहित अन्य देशों में सत्य की ज्वाला अभियान चला रहा है इसी क्रम में यह दल रविवार को उदयपुर पहुंचा तथा यहां सोमवार को केण्डल मार्च कर तिब्बत के समर्थन में आवाज उठाने की मार्मिक अपील करेगा।

यह जानकारी रविवार को यहां लेकसिटी प्रेस क्लब मे आयोजित पत्रकार वार्ता में तिब्बतियन संसद सदस्य करमा येशी ने दी। उन्होंने बताया कि तिब्बत पर चीन की हुकूत पिछले ६० वर्षो से चली आ रही है इसके साथ चीन की अपरिवर्ततीय क्रुरतावादी नीति के चलते तिब्बत की भूमि एवं जनमानस पर जबरन कब्जा करते हुए नर संहार,कारावास, मारपीट एवं उत्पीडन इत्यादि की शृंखला अभी भी चल रही है। इसके बावजूद तिब्बतियों ने अपने धर्म, संस्कृति, भाषा एवं राष्ट्रीयता के प्रति अत्यन्त महत्व दिया है और इसे अब तक संरक्षित रखने का प्रयास करते हुए सत्य की संघर्ष को जीवित रखा हुआ है।

इसी को ध्यान में रखते हुए गत २००८ से समस्त तिब्बत में चीन की हिंसक नीति एवं सैनिकों द्वारा जिस तरह से नरसंहार और कारावास की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है उसका परिणाम कुछ इस तरह से देखा जा रहा है तिब्बती जनता मानव लोक में नरक लोक के भांति असहनीय दुख झेलने पर मजबूर है। अपनी पीडा ओर तिब्बत की सत्य को उजागर करने, परम पावन दलाई लामा की तिब्बत मे वापसी इन मुद्दो पर संयुत्त* राष्ट्र महासंघ, अन्तर्राष्ट्रीय सरकार व गैर सरकार मानवाधिकार आयोग एवं विभिन्न संस्थाओं का ध्यान आकर्षित करने हेतु विवश होकर आत्मदाह कर रहे है। विवशतापूर्ण घट रहे आत्मदाहों की शृंखला इन लोगों के बहुजन हिताययुत्त* दृढ निश्चय, साहस एवं जिज्ञासा को उजारकरने हेतु ६ जुलाई २०१२ क्यों कि यह दिन परम पावन दलाई लामा का जन्म दिवस भी है इसलिए इसी दिन सत्य की ज्वाला का अभियान प्रांरभ किया गया था तब से लेकर लगभग इस तीन महिनों में भारत के २५ प्रान्त, १०० महानगरों में इस अभियान का सम्मपन हुआ। इस दौरान स्थानीय भारतीय एवं तिब्बती जनताओं से हमे जो सहयोग प्राप्त हुए उसके लिएहम आभार प्रकट करना चाहते है। जहां एक और भारत मे अभी भी यह अभियान चलाया जा रहा दूसरी ओर २ सितम्बर २०१२ जो कि तिब्बत का प्रजातंत्र दिवस है उसी दिन पूरे विश्व में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसमें उत्तर अमेरिका,योरोप, अप्र*ीका,एशिया, आस्ट्रेलिया सहित ३० से अधिक देशों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के उदेश्य इस प्रकार है। येशी ने बताया कि अभियान का मुख्य उदेश्य सन १९५९, १९६१, १९६५ के दौरान संयुत्त* राष्ट्र महासंघ में तिब्बत पर रखे गये प्रत्येक तिब्बत में तत्कालीन बन रही गंभीर परिस्थिति को जांचने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि मण्डल को शीघ्रतिशीघ्र भेजने की मांग। तिब्बत में चल रहे तिब्बतियों के आशाओं की पूर्ति के लिए संयुत्त* राष्ट्र महासंघ द्वारा विशेष दायित्व लेने की मांग ।

मेशी के अनुसार इन मांगों को ध्यान में रखते हुए मुख्यतया भारत सहित अन्य देशों में सत्य की ज्वाला का अभियान चलाया जाएगा। जिसमें समर्थकों के हस्ताक्षर लिए जाएंगें। इन हस्ताक्षरों को १०दिसम्बर २०१२ के दिन न्यूयॉर्क स्थित संयुत्त* राष्ट्र के कार्यालय, जीनिवा स्थित संयुत्त* राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग कार्यालय और भारत स्थित संयुत्त* राष्ट्र के शाखा कार्यालयों में देकर इस अभियान का समापन करेंगे।

क्या है तिब्बतियन संसद : तिब्बतियन संसद के सदस्य करमा येशी ने बताया कि निर्वासित तिब्बति विगत ६० वर्षो से भारत की शरण मे है तथा यही उनका मुख्यालय है। तिब्बतियन संसदमें ४३ सदस्य होते है जिनका निर्वाचन पांच वर्ष के अंतराल में भारत मे रह रहे एक लाख तिब्बति करते है। यह संसद निर्वासित तिब्बतियों के मानवाधिकारों की रक्षा एवं देश वापसी के लिए अंतराष्ट्रीय सहयोग से जनसमर्थन जुटाने का प्रयास करती है।

क्रुर सत्य : तिब्बति नागरिक अपने ही देश में अल्संख्यक वाले इस छोटे से देश को अपना सैनिक अड्डा बनाने के उदेश्य से ७५ लाख चीनी तिब्बत में घुसकर स्थानिय नागरिकों को प्रता$िडत कर रहे है। मानवाधिकारों का उल्लघंन करते हुए उन्हे क्रुरतम यातनाएं दी जा रही है। अपने मुल्क की आजादी के लिए ५३ युवा आत्मदाह कर चुके है। यह सिलसिला जारी है। वर्तमान मे भारत मे निवासरत एक लाख १० हजार तिब्बति अपने देश की आजादी का परचम उठाए संघर्षरत है तथा भारत सरकार से अपने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए समर्थन की अपील कर रहे है।