उदयपुर। हम प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने को मना करते हैं। कहते हैं कि प्लास्टिक के कैरी बैग पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। प्लास्टिक का उपयोग इस धरती के लिए एक अभिशाप की तरह है। दो दिन बाद इंडिपेंडेंस-डे है। हर साल की तरह इस साल भी लोगों के हाथों में प्लास्टिक के फ्लैग दिखाई देंगे। क्या ये फ्लैग पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे? ये फ्लैग जो नालियों में दिखाई देते हैं, ये अपने आप में बड़ी समस्या है? क्यों न प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करने की शुरुआत प्लास्टिक फ्लैग को बैन करने से करें।
पॉलीथिन पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है और शहर के लिए एक बड़ी समस्या हैं। ये शरीर के लिए खतरनाक है। बात यहां पर खत्म हो जाती तो भी गनीमत थी, लेकिन इसी पॉलीथिन से सरेआम नेशनल फ्लैग का मखौल उड़ाया जा रहा है, जो नेशनल फ्लैग सिर्फ कपड़े का होना चाहिए, वो पॉलीथिन में भी बड़े पैमाने पर मिल रहा है। ये फ्लैग किसी प्रोग्राम में कुछ देर के लिए लहराए जाएंगे, मगर बाद में इनका क्या होगा? पॉलीथिन बैग की तरह फ्लैग भी सड़क, गली या कचरे में नजर आएगा। पैरों के नीचे आएगा, नाली में जाएगा। क्या यही राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान है? पर्यावरण को नुकसान और राष्ट्र का अपमान, ये बिल्कुल नहीं चलेगा। आप अवेयर होंगे, तो नेताओं की नींद भी टूटेगी और प्रशासन भी जागेगा।
काफी बड़ा है कारोबार
प्लास्टिक फ्लैग के कारोबार की बात की जाए, तो राजस्थान एक बड़ा मार्केट है। 15 अगस्त से पहले के दिनों में इन फ्लैग्स का ािोक कारोबार लाखों रुपये का हैं। थोक विक्रेता की माने तो सिटी में ये प्लास्टिक फ्लैग एक रुपए से लेकर पांच रुपए तक में बिकते हैं।
रिटेल की १०० से अधिक दुकानें
पूरी सिटी में अधिकतर दुकानदार नेशनल फ्लैग को कैश कराते हैं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, जिन प्लास्टिक फ्लैग को सेल कर रहे हैं वो सिटी और पर्यावरण के लिए कितने नुकसानदायक हो सकते हैं। रिटेल व्यापारी के अनुसार सिटी में १०० से अधिक दुकानें हैं, जो नेशनल फ्लैग को पांच दिन पहले से ही सेल करना शुरू कर देती हैं।
सबसे अधिक स्कूलों में यूज
रिटेल व्यापारी के अनुसार सबसे अधिक इन फ्लैगों के खरीदार स्टूडेंट्स होते हैं। एक दिन पहले तक स्कूलों और स्टूडेंट्स में इनकी डिमांड होती है। उनका कहना है कि स्कूलों में इंडिपेंडेंस डे से पहले हमारे पास हजारों की संख्या में ऑर्डर आते हैं।
ये हैं मानक
॥ तिरंगा दोनों तरफ से सीधा होना चाहिए।
॥ तिरंगे पर बने चक्र की 24 तिल्लियां होनी चाहिए।
॥ तिरंगे की प्रिंटिंग में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और दूसरी तरफ भी तिल्लियां आगे-पीछे नहीं होनी चाहिए।
॥ तिरंगे की 60 इंच चौड़ाई और 90 सेटीमीटर लंबाई होनी चाहिए।
॥ तिरंगे के आर-पार नजर नहीं आना चाहिए।
ये मिलता है
॥ बाजार में सिंथेटिक, कॉटन, प्लास्टिक और तमाम तरह के फैब्रिक पर तैयार तिरंगे मिल रहे हैं।
॥ बाजार में मिल रहा तिरंगा एक तरफ से ही सीधा होता है और दूसरी तरफ सिलाई आती है।
॥ बाजार में मिलने वाले तिरंगे में 24 तिल्लियां हों ये जरूरी नहीं।
॥ बाजार में मिस प्रिंट तिरंगे भी सेल हो जाते हैं और उन पर एक ही तरफ प्रिंटिंग होती है।
॥ बाजार में मिलने वाले तिरंगे किसी एक मेजरमेंट के नहीं होते।
॥ बाजार में मिलने वाले तिरंगे हल्के कॉटन के बने होते हैं जिनके आर-पार आसानी से दिख जाता है।
ये अपमान है तिरंगे का
मेवाड़ ने रखी भारत की बुनियाद
उदयपुर। मेवाड़ और मद्रास के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। दोनों ही रियासतों के शासकों ने 12 अगस्त १९४७ को भारत संघ में शामिल होने की मंशा जताई। इसी के साथ १३ अगस्त १९४७ से देशी रियासतों के भारत में विलय की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई। यही कारण है कि उत्तर में मेवाड़ और दक्षिण में मद्रास को भारत संघ की बुनियाद रखने का गौरव हांसिल है। मेवाड़ के महाराणा भूपालसिंह ने तो बाकायदा क्रमेवाड़ का संविधानञ्ज भारत सरकार को समर्पित किया।
स्मैक के साथ सप्लायर गिरफ्तार
उदयपुर। प्रतापनगर पुलिस ने आज सुबह एक सप्लायर को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से १२० ग्राम स्मैक बरामद की है। पुलिस के अनुसार मुखबिर की सूचना पर देबारी में नाकाबंदी की गई। इस दौरान कांकरवा (चित्तौडग़ढ़) निवासी रतनसिंह बाइक पर उदयपुर की तरफ आ रहा था। पुलिस ने रोककर तलाशी, तो उसके पास से १२० ग्राम स्मैक बरामद हुई है। पूछताछ में रतनसिंह ने बताया कि वह यह स्मैक उदयपुर में बेचने के लिए आ रहा था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
N I C C का रक्षा बंधन पर बहनों के लिए विशेष पैकेज
उदयपुर । सावन के त्यौहार रक्षा बंधन पर N I C C ने बहनों के लिए विशेष ऑफर रखे है । जिसमे अपने यहाँ होने वाले मेकअप, ब्यूटी ट्रीटमेंट फेशियल आदि में बहिनों को दामों में भारी छूट दी है। N I C C की डायरेक्टर स्वीटी छाबड़ा ने बताया की सावन का ये त्यौहार विशेष कर सिर्फ बहनों का होता है। और रक्षा बंधन के अवसर पर हमारे यहाँ हर बहन के लिए स्पेशल पैकेज रखा गया है जिसमे। –
Glow Facial Worth – Rs. – 2000
Full Legs Waxing Worth Rs. – 550
Full Arms Waxing Worth Rs. – 450
1 Pedicure Worth Rs – 550
1 Manicure Worth Rs. – 550
1 Head Massage Worth Rs. – 500
1 Threading Worth Rs. – 100
Total Amount = 4700
Get 1 glow facial +1 pedicure + 1 manicure Absolutely free Worth Rs. – 3100
बांसवाडा में पत्रिका के क्राइम रिपोर्टर ने किया मिडिया को शर्मशार
उदयपुर । आज एक पुलिस के दलाल नुमा पत्रकार द्वारा गलत खबर देने की वजह से पुरे मिडिया को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है । घटना हुई बांसवाडा शहर में ईद के दिन राज तालाब एरिया में एक स्कूली वेन में अचानक आग लग गयी और अन्दर बैठे मासूम बच्चे और महिला शिक्षिकाए रोने चिल्लाने लगी । स्कूल की वेन का ड्राइवर बजाय आग बुझाने के मासूम जिंदगियों को मौत के हवाले कर भाग गया और दूर खड़े ईद की ड्यूटी पर लगे पुलिस कर्मी तमाशा देखते रहे, लेकिन वहां से नमाज़ पढ़ कर गुजर रहे राज तालाब और प्रथ्वी गंज के युवाओं ने किसी भी खतरे की परवाह किये बिना अपनी जान जोखिम में डाल कर वेन में से बच्चों और महिला शिक्षिकाओं बाहर निकाला और कार को धकेल कर तालाब के पास तक ले गए तब कही जा कर तमाश बिन बने राजस्थान पुलिस के जवान वहां आये और अपनी बहादुरी झाड़ने लगे ।
घटना के तुरंत बाद उन्ही पुलिस कर्मियों ने अपने पाले हुए राजस्थान पत्रिका (बांसवाडा एडिशन ) के महान क्राइम रिपोर्टर दिन दयाल को फोन कर बजाय युवाओं के खुद को हीरो बता दिया और कहा की हमने बच्चों को बचाया । उस पर भी कमाल किया राजस्थान के सिरमौर कहे जाने वाले राजस्थान पत्रिका के महान खोजी क्राइम रिपोर्टर ने जिसने पुलिस के पालतू होने का फ़र्ज़ निभाया और जहाँ उन जांबाज़ युवाओं को प्रोत्साहित करना था वहां उसने अपने यारों पुलिस वालों का एहसान चुकाया और उनको अपना आका मानते हुए खबर में उनकी वाहवाही की ।और तो और उसने उन पुलिवालों के कहने पर उस पर खबर में यह तक लिख दिया की वहां सहायता के लिए कोई नहीं आया जब की फोटो में साफ़ दिख रहा है की बच्चों की जान किसने बचाई और पुलिस क्या कर रही थी और भी इन क्राइम रिपोर्टर ने कमाल और बहादुरी का काम ये किया की जब स्थानीय युवा पत्रिका के ऑफिस विरोध दर्ज करने पहुचे और उसको फोटो बताते हुए कहा की बच्चों की जान पुलिस ने नहीं इन युवाओं ने बचाई है तो ये महान खोजी क्राइम पत्रकार कहते है की हम तो पुलिस के हवाले से खबर लगाते । सीधी बात की ये पत्रकार न हो कर पुलिस के खबरी दलाल हो गए।
और जब उदयपुर पोस्ट के रिपोर्टर ने इनसे बात करनी चाहि तो इन्होने अपनी तिसमारी बताते हुए कहा की जो मेने छाप दिया वो ही सही हे जो उखाड़्न है वो उखाड़ लो । और ये जो लोग ऑफिस में आये है वो २० – ३० तो क्या ५०० भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते । ऐसे ही दलाल और फर्जी पत्रकारों की वजह से आज मिडिया पर सवाल खड़े होते है । बांसवाडा में आज हर कोई मिडिया की कार्य शेली पर ऊँगली उठा रहा है । और इसे पुलिस के पाले हुए और बीके हुए पत्रकार कलम को बदनाम कर रहे है । ऐसे लोगों के हाथ में कलम ठीक वेसे ही होती है जेसे किसी बन्दर के हाथ में उस्तरा आजाना ।

इन युवाओं ने दिखाई अपनी जाबांजी :
जेसे ही वेन में से धुँआ निकला और ड्राइवर वेन छोड़ के भागा तो बच्चो और महिलाओं के रोने चिलाने की आवाज़ सुन कर वहां खड़े युवा शाहिद खान उर्फ़ पप्पू स्टेरिंग पर बैठ गया तथा अन्य, युवक नादिर सिन्धी, तौफिक सिन्धी, अनीस पिंटू खान , सैयद जुबेर अली , ज़हिर अहमद , दौड़ कर आये और बच्चों को बहार निकल और वें को धकेल कर दूर किया |

फतह सागर 6 फिट पार , लिंक नहर से पानी लगातार
उदयपुर। स्वरूपसागर लिंक नहर से पानी की आवक जारी रहने से 13 फीट पूर्ण भराव स्तर वाले फतहसागर का जलस्तर रविवार सुबह 6 फीट 2 इंच हो गया। लिंक नहर के गेट खोलने से पहले शनिवार सुबह फतहसागर का जलस्तर करीब 4 फीट था। बारिश होने से लेकसिटी के तापमान में लगातार गिरावट जारी है। हालांकि रविवार सुबह शहर में थोड़ी धूप खिली रही, लेकिन बादलों की मौजूदगी अभी भी बनी हुई है।
जलसंसाधन विभाग के एक्सईएन गोपाल दाणा ने बताया कि सीसारमा नदी से पीछोला में आवक बनी हुई है। पीछोला में सीसारमा से आवक बनी रहेगी तब तक लिंक नहर से पीछोला का पानी फतहसागर की ओर डायवर्ट होता रहेगा।
इधर पीछोला का जलस्तर रविवार सुबह 9 फीट 3 इंच था। सीसारमा नदी में नांदेश्वर चैनल के साथ ही देवास टनल से भी पानी की आवक हो रही है। फतहसागर में लिंक नहर के साथ ही मदार नहर से मामूली आवक अभी जारी है।
इधर कैचमेंट में बीती रात तेज बारिश होने से गोवर्धन सागर पर चादर चलने का क्रम रविवार को भी बना रहा।
बीती रात हुई बारिश से बड़ी तालाब का जलस्तर बढ़कर 12 फीट, मदार छोटा तालाब का 16 फीट 11 इंच, मदार बड़ा तालाब का 9 फीट 6 इंच, उदयसागर का 17 फीट 3 इंच हो गया है। जयसमंद सहित अन्य जलाशयों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है।
पानी देखने झील व सीसारमा नदी किनारे लगी लोगों की भीड़ :
लंबे समय बाद झीलों में रफ्तार से पानी की आवक होने से रविवार को सुबह से ही पीछोला व फतहसागर किनारे पानी देखने वालों की भीड़ लगी रही। सीसारमा नदी के किनारे भी सुबह से लोगों का पहुंचना बना रहा।
रहमत की रिमझिम में खुदा तोहफा
उदयपुर । रहमतो के महीने के आखिर में ईद की खुशियों की अगुवाई रिमझिम बारिश ने की महीने भर के रोज़े के बाद खुदा ने ईद का तोहफा रोजदारों को दिया जिसको शहर के हर मोमिन ने मोबह्हत और खुलूस के साथ एक दुसरे को गले लगा कुबूला , मुबारकबाद के साथ ईद की खुशियाँ हर धर्म के दोस्तों के साथ बांटी । ईद के इस ख़ुशी के मोके पर सावन भी अपने आप को रोक नहीं पाया और कल रात से ईद के इंतज़ार में रिमझिम बन कर बरसता रहा । रोजदारों ने इस बारिश का स्वागत खुले दिल से किया और रिमझिम बारिश में शिर खुरमे की मिठास मुह में लिए नए पाक साफ़ लिबास में खुशबु लगा दिल में मोहब्बत बसा कर मस्जिदों में नमाज़ के लिए पहुचे।
हलाकि बारिश की वजह से चेतक स्थित पलटन मस्जिद में नमाजियों की तादाद कम रही लेकिन फिर भी लोग नमाज़ अदा करने के लिए पहुचे और मस्जिद के बहार टखनों तक भरे पानी में भी नमाज़ अदा की और ख़ामोशी के साथ खुतबा सुना और फिर एक दुरे के गले लग कर मुबारकबाद दी ।
मोहल्लों की मस्जिदे भरी रही :
बारिश की वजह से आज ईदगाह में कम लोग गए और अपने अपने मोहल्लों में नमाज़ अदा की घर से उसी जोश और खुलूस के साथ ईद की नमाज़ अदा करने निकले। धोली बावड़ी , सविना की बड़ी मस्जिद, मुल्ला तलाई की मस्जिद , सज्जन नगर की मस्जिद , महावत वाड़ी की मस्जिद, आयड़ मस्जिद आदि सभी जगह तय समयानुसा ९ से ९.३० के बिच ईद की नमाज अदा की गयी ।
ईदी और बच्चों की खुशियाँ :
घरों में शिर खुरमे की मिठास के साथ बच्चों ने बड़ों से अपनी ईदी ली और नमाज के बाद से शहर के विभिन्न जगहों पर टोलियों में ईद के जश्न मानने निकल पड़े। घरों में में भी महिलाओं ने एक दुसरे को बधाईया दी और महमानों को सेवईयां और शिर खुरमे से मुह मीठा करवाया
हाईकोर्ट बेंच के लिए की दुआ
उलेमाओं ने खुतबा पढ़ा, जिसे अकीदतमंदों ने इत्मीनान से सुना फिर दुआएं मांगी। पलटन मस्जिद में मौलाना मुर्तजा रिजवी ने ईद की नमाज के बाद सबके लिए दुआएं मांगी। उन्होंने शहर में हाईकोर्ट बेंच के लिए दुआ करने के साथ ही अच्छी बरसात और देश में अमनो अमान, तरक्की की दुआएं की।
देशभर में ईद, उदयपुर में रोजा
उदयपुर। महीने भर रोजे रखने के बाद देशभर में शुक्रवार को ईद का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया, जबकि उदयपुर संभाग में केवल राजसमंद जिले तथा डूंगरपुर के कुछ क्षेत्रों में ही आज ईद-उल-फितर की नमाज पढ़ी गई। बाकी जगह शनिवार को ईद मनाई जाएगी।
मुस्लिम समुदाय के पवित्र माह रमजानुल मुबारक के आखिरी रोजे तथा ईद का त्योहार मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति रही। शहर में गुरुवार शाम को इफ्तार करने व मगरिब की नमाज पढऩे के बाद ईद का चांद ढूंढने के लिए लोग खुले मैदानों तथा मकानों की छतों पर चढ़े, लेकिन आसमान में बादल छाए रहने तथा मौसम साफ नहीं होने के कारण चांद का दीदार नहीं हो पाया, साथ ही आसपास के किसी अन्य क्षेत्र से भी चांद दिखने की शहादत (गवाही) नहीं मिलने के कारण ईशा की नमाज के साथ तरावीह की नमाज भी अदा की गई और शुक्रवार को 30वां रोजा रखने का निर्णय लिया गया। संभाग के चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद, डूंगरपुर और बांसवाड़ा में भी चांद नहीं दिखा, जिससे देर रात तक असमंजस की स्थिति बरकरार रही। वहीं भीलवाड़ा में भी चांद नहीं दिखने के कारण यहीं स्थिति रही। देशभर में चांद दिखने की खबरें आने के कारण स्थिति पशोपेश की हो गई, लेकिन चांद नहीं दिखने तथा आसपास के क्षेत्रों से भी कोई सूचना नहीं मिलने पर अंतत: ईशा की नमाज के साथ तरावीह भी पढ़ ली गई।
देर रात हुआ ऐलान
उदयपुर में कहीं भी चांद नहीं दिखने पर शुक्रवार को रोजा रखने का निर्णय किया गया, लेकिन राजसमंद में देर रात चांद दिखने की शहादत मिलने पर कुछ क्षेत्रों में ईद शुक्रवार को मनाने का निर्णय लिया। देसूरी के समीप रानी गांव की एक मस्जिद के पेश इमाम द्वारा चांद देखने की सूचना के बाद राजसमंद से राजनगर मस्जिद और मदीना मस्जिद के इमाम वहां (रानी) शहादत लेने के लिए करीब 11 बजे रवाना हुए, उनके वहां से लौटने तथा गवाही मिलने के बाद देर रात लगभग दो बजे शुक्रवार को ही ईद का त्योहार मनाने का ऐलान किया गया। अजमेर में भी शुक्रवार को ही ईद मनाने की सूचना मिलने पर डूंगरपुर जिले के गढ़ी, परतापुर, गलियाकोट में भी आज ही ईद मनाने का ऐलान हुआ। वहीं अजमेर वालो ने जयपुर वालों की शहादत पर शुक्रवार को ईद मनाना तय किया। भीलवाड़ा जिले में सुबह पांच बजे ईद का त्यौहार आज मनाने का ऐलान किया गया हालांकि इस दौरान लोगों ने सेहरी भी कर ली थी। कपासन में भी आज ईद मनाई गई।
हाजिर हो! थानों में कोतवालों का फरमान
उदयपुर। पूरे प्रदेश में जब से तबादलों का सिलसिला शुरू हुआ है। पुलिस महकमे में मानों खलबली मच गई है। कई तो अपनी मुहं मांगी जगह मिलने से खुश है, तो कई थोपी गई जगहों पर जुगाड़ करने में लग गए हैं। इन दिनों जिले में बदले गए कोतवाल बस इसी पशोपेश में लगे हैं कि नए थाने को कैसे संभाले और यहां पर कारोबार कैसे चलता है। खाली कोतवालों के तबादले की बात होती तो इतनी मुश्किल नहीं होती, लेकिन इस बार तो थानों से करीब-करीब सभी के तबादलों से परेशानी और बढ़ गई है।
हाइवे का थाना पहली पसंद: यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन पूरी तरह सत्य है। कोई भी थानेदार हाइवे का थाना पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है, क्योंकि एक तो यहां पर चांदी ही चांदी होती है और आबादी से थोड़ा दूर होता है तो ज्यादा किट-किट नहीं होती। कभी कभार ही उच्च अधिकारियों का थाने में आना होता है। इसलिए इस बार भी हाइवे के थाने पाने के लिए कोतवालों ने जयपुर तक कई चक्कर लगाए और कई तो सफल भी हो गए।
मालदार थाने : उदयपुर जिले के कुछ थानों को छोड़ दिया जाए, तो लगभग सभी थाने मालामाल ही रहते है। इनमें डबोक, सुखेर, प्रतापनगर, गोवर्धन विलास, ऋषभदेव, गोगुन्दा, कोटड़ा, मांडवा, बेकरिया थाना शामिल है। ये थाने राजस्थान को गुजरात से जोडऩे वाले हैं इसलिए इन थानों के हल्कों में तस्करी का कारोबार सबसे ज्यादा होता है। महीने की सैंकड़ों ट्रकों से हरियाणा की शराब राजस्थान होते हुए गुजरात पहुंचती है, जिनमें करोड़ों रुपए की अवैध शराब भरी होती है।
माफिया, हिस्ट्रीशीटर और
तस्करों को बुलावा
पता चला है कि कोतवाल अपने अधीनस्त से फोन लगवाकर सभी को बुला रहे हैं। कोतवाल का फरमान क्षेत्र के तस्करों, हिस्ट्रीशीटरों, भूमाफियाआें और उद्यमियों तक पहुंच रहा है। एेसे में कई तो मुलाकात करके आ गए हैं, लेकिन कई नए थानेदार का पिछला रिकॉर्ड चैक करने में लगे है कि इनसे जुगाड़ कैसे हो पाएगा।
मेवाड़ में थियेटर एज्यूकेशन काफी पहले शुरू हो जानी चाहिए थी: चौहान
उदयपुर। मेवाड़ में थिएटर एज्यूकेशन की शुरुआत काफी पहले हो जानी चाहिए थी। कारण यह है कि विश्व को नाट्य और कला संस्कृति से परिचित करवाने में राजस्थान सबसे अव्वल रहा है। यहां से जो कलाकार बॉलीवुड गए उन्होंने अपनी अलग से पहचान बनाई है। यह कहना है जितेंद्र चौहान (युधिष्ठिर) का। अवसर था, राजस्थान विद्यापीठ द्वारा थिएटर एज्यूकेशन की शुरुआत के अवसर पर सुखाडिय़ा रंगमंच पर आयोजित समारोह का। इस अवसर पर उपस्थित चाणक्य सीरियल फेम डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक ज्ञान को पहुंचाना ही थिएटर एज्यूकेशन है। व्यक्ति भले ही एक अच्छा और बड़ा कलाकार नहीं बनें, लेकिन उसमें वे पर्सनालिटी डवलपमेंट को लेकर सारे गुण विकसित हो जाना ही बड़ी बात है। कार्यक्रम में गुजराज की सीनियर कस्टम ऑफिसर रोली अग्रवाल भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थीं। उन्होंने भी विद्यापीठ के इस प्रयास की सराहना की। इस अवसर पर कोर्स से जुड़े ब्रोशर का विमोचन भी किया गया। कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने थिएटर एज्यूकेशन कोर्स की महत्ता एवं संचालन की सारी प्रक्रिया से रूबरू करवाया। कलाकार अशोक बांठिया ने कोर्स की रूपरेखा तथा प्रायौगिक ज्ञान की बारीकियों से लोगों को अवगत करवाया। चौहान ने बताया कि हर व्यक्ति में कलाकार छीपा होता है, जिसे बाहर निकालना जरूरी होता है। हमारे ग्रामीण और बीहड़ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों भी कला होती है।
इन कलाओं को निखारने के लिए या संबंधित कलाकार को मौका देने के लिए एक प्लेटफार्म होना जरुरी है, क्योंकि हर व्यक्ति मुंबई तक दौड़ नहीं लगा सकता है। लगा भी लेता हैं तो उसे मुकाम नहीं मिल पाता है। इस लिहाज से थिएटर एज्यूकेशन से जुड़े एक प्लेटफार्म का होना जरूरी है। वहीं डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि ज्ञान एवं कला का आदान-प्रदान करने वाला ही कलाकार होता है। कला और कलाकार का मुख्य उद्देश्य भी यही है। जब तक इस ज्ञान को हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचा पाएंगे, तब तक यह प्रक्रिया अधूरी है।