उदयपुर। कोटड़ा उपकारागृह से करीब दो वर्ष पूर्व दीवार फांदकर भागे हत्या के आरोपी को पुलिस ने कल गिरफ्तार कर लिया। दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरोपी जाति बदलकर कृषक बनकर जीवन व्यापन कर रहा था।
पुलिस के अनुसार तीन वर्ष पानरवा थाना क्षेत्र में स्वयं के भाई-बहन की हत्या के मामले में गिरफ्तार माण्डवा निवासी कान्तिलाल पुत्र अन्ना भगोरा को गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय ने न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। आरोपी कान्तिलाल को कोटड़ा के उपकारागृह में रखा गया जहां से वह दिसम्बर 2012 में दीवार फांदकर फरार हो गया था। आरोपी परिवार के साथ जाति बदलकर आलम गांव से दस किलोमीटर दूर अमरूदों की खेती कर रहा था। सूचना पर पानरवा पुलिस ने मय जाब्ता उसे गिरफ्तार कर लिया।
दिसंबर 2012 में भागा था कैदी, परिवार के साथ गुजरात चला गया
केएमएस टीम का अजमेर आगमन पर स्वागत
अजमेर, देहरादून मे आयोजित 26वीं ऑल इंडिया इंटर स्कूल डब्ल्यू सी कश्यप बास्केट बॉल चैम्पियनशीप में जीत के बाद अजमेर आगमन पर ख्वाजा मॉडल स्कूल बास्केट बॉल टीम का जोरदार स्वागत किया गया। दरगाह नाजिम अशफाक हुसैन ने टीम की गुलपोशी कर स्वागत किया और खिलाड़ीयों को बेहतर भविष्य के लिए बधाई दी। गौरतलब है कि 16 नवंबर को ख्वाजा मॉडल स्कूल ने पिस्टल वीड कॉलेज, देहरादून में खेले गए मुकाबले में वुड स्टॉक स्कूल, मसूरी को शिकस्त दी थी। चैम्पियनशीप में बेहतर प्रर्दशन के लिए अखिलेष कुमार को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।
प्रवीण यादव
प्रशिक्षक बास्केट बॉल
ख्वाजा मॉडल स्कूल, अजमेर।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन सम्मानित करेगा देश-विदेश की विभूतियों को
आगामी 22 मार्च 2015 को होगा 33वां सम्मान समारोह, 29 नवंबर तक आवेदन आमंत्रित
उदयपुर, विश्व, देश, राज्य व अंचल स्तर पर समाज सेवा, विज्ञान, कला सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित करने के संबंध में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन उदयपुर ने विभूतियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। आगामी 22 मार्च 2015, रविवार को होने वाले 33वें महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन वार्षिक अलंकरण सम्मान समारोह में फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ विभूतियों को सम्मानित करेंगे। सम्मान के तहत प्रविष्टियां 29 नवंबर 2014 तक आमंत्रित की गई है। फाउण्डेशन इससे पूर्व अपने 32वें सम्मान समारोह तक 3955 विभूतियों का सम्मान कर चुका है।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा आयोजित 33वें महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन वार्षिक अलंकरण सम्मान समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि सम्मानों के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाएं आवेदन कर सकती हैं। आवेदन पत्र फाउंडेशन की वेबसाइट 222.द्गह्लद्गह्म्ठ्ठड्डद्यद्वद्ग2ड्डह्म्.द्बठ्ठ/ष्शद्यद्यड्डड्ढशह्म्ड्डह्लद्बशठ्ठ/ड्ड2ड्डह्म्स्रह्य/स्रश2ठ्ठद्यशड्डस्र.ड्डह्यश्च3 से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसके अलावा आवेदन पत्र सिटी पैलेस उदयपुर के बड़ी पोल स्थित काउंटर से प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक नि:शुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं।
डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा दिए जा रहे सम्मानों की फेहरिस्त में कर्नल जेम्स टॉड सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान अंतरराष्ट्रीय स्तर का होता है और मेवाड़ तथा राजस्थान में मानवता की सार्वभौम सेवा को समर्पित विश्व बंधुत्व की आस्था से संपन्न विदेशी मनीषा को दिया जाता है। चयन में प्राथमिकता मेवाड़ हेतु स्थाई मूल्य की सेवा वरीयता का आधार रहती है। हल्दीघाटी सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और यह सम्मान पत्रकारिता के माध्यम से समाज की स्थाई मूल्य की सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। हकीम खां सूर सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और यह सम्मान कौमी एकता, राष्ट्रीय अखण्डता, देशप्रेम एवं साम्प्रदायिक सद्भाव की स्थायी सेवा हेतु प्रदान किया जाता है। मेवाड़ हेतु इस प्रकार की सेवा की स्थायी उपादेयता को प्राथमिकता एवं वरीयता दी जाती है। महाराणा उदयसिंह सम्मान: यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और मानव कल्याण के लिए पर्यावरणीय समृद्धि एवं शाश्वत निर्माण में समर्पित कर्मनिष्ठा को दिया जाता है। स्थाई एवं शाश्वत मूल्य की पर्यावरणीय उपलब्धि मूलत: इसके चयन का आधार होगी। पन्नाधाय सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और यह सम्मान अपने निर्धारित कत्र्तव्यों के दायरे से ऊपर उठकर प्राण जोखिम में डालकर औरों के प्राणों की रक्षा करने वाले व्यक्तित्व को प्रदान किया जाता है। महर्षि हारीत राशि सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान समाज में आध्यात्मिक जागरण और समाज को धर्म निष्ठा की दृष्टि से संपन्न करने हेतु सेवा कार्य संपन्न करने वाली प्रतिभा को प्रदान किया जाता है। महाराणा मेवाड़ सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान समाज में शैक्षिक चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए स्थायी मूल्य की सेवाओं के लिए दिया जाता है। महाराणा कुंभा सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान साहित्यिक और ऐतिहासिक दृष्टि से समाज में जागृति लाने वाले व्यक्ति की स्थायी मूल्य की सेवा को दिया जाता है। महाराणा सज्जन सिंह सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान चित्रकारी, स्थापत्य कला एवं अन्य ललित कलाओं की स्थायी मूल्य की सेवा हेतु प्रदान किया जाता है। डागर घराना सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान राजस्थान में शास्त्रीय संगीत, भारतीय, शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाली प्रतिभा को यह सम्मान प्रदान किया जाता है। राणा पूंजा सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान मेवाड़ के आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कार्य करने वाले को दिया जाता है। अरावली सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान खेलकूद के क्षेत्र में अर्जित विशिष्ट उपलब्धियों के लिए राज्य के खिलाडिय़ों को प्रदान किया जाता है। इसके अलावा विद्यार्थी वर्ग के लिए वार्षिक अलंकरण सम्मानों में भामाशाह सम्मान, महाराणा राज सिंह सम्मान तथा महाराणा फतह सिंह सम्मान 2012-13 एवं 2013-14 के लिए प्रदान किए जाएंगे।
हिन्दुस्तान जिंक ‘आईआईएम नॉन-फेरस बेस्ट परफोरमेन्स अवार्ड’ से सम्मानित
उदयपुर , वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक को ‘लार्ज इण्टिग्रेटेड मैन्यूफेक्चरिंग प्लान्टस’ की श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए आईआईएम नॉन-फेरस बेस्ट परफोरमेन्स अवार्ड’ से पुरस्कृत किया गया है। यह अवार्ड कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इण्डियन इन्स्ट्यिूट ऑफ मेटल्स द्वारा राष्ट्रीय धातुकर्मी दिवस के अवसर पर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे में आयोजित एक भव्य समारोह में 14 नवम्बर, 2014 को प्रदान किया।
हिन्दुस्तान ज़िंक की ओर से यह अवार्ड अखिलेष शुक्ला, हैड-रिसर्च एण्ड डवलपमेंट एण्ड आषीस कुमार ने ग्रहण किया।
नगर निगम कर्मचारी संग चुनाव 2014
उदयपुर , नगर निगम उदयपुर में म्युनिसपल कर्मचारी संघ की आज सोमवार कोे नगर निगम, उदयपुर के संभागार में बैठक म्युनिसपल कर्मचारी संघ अध्यक्ष श्री सोमेष्वर मीणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई । उपाध्यक्ष श्रीमती सुनीता शर्मा ने बताया कि अध्यक्ष श्री सोमेष्वर मीणा, महामंत्री श्री अर्जुन राजोरा एवं संरक्षक श्री दिलखुष कावडिया की सेवानिवृति होने से नये अध्यक्ष का चुनाव किया जाना आवष्यक है । बैठक में अध्यक्ष चुनाव, सदस्यता फार्म भरवाने तथा सदस्यता शुल्क निर्धारण पर चर्चा की गई । सर्व सम्मति से श्री पवन कोठारी को अध्यक्ष चुना गया । इसके साथ ही श्री दिलीप भारद्वाज को महामंत्री एवं श्री चन्द्रांषु नागोैरी को कोषाध्यक्ष सर्व सम्मति से बनाया गया । चुनाव संरक्षक श्री दिलखुष कावडिया के दिषा निर्देष में सम्पन्न हुए । कर्मचारी संघ के सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा सहमति प्रदान की गई। नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री पवन कोठारी द्वारा सभी कर्मचारी बन्धुओं का आभार व्यक्त किया गया तथा समस्त कर्मचारी को उनकी समस्याओं एवं मुद्दों को प्राथमिकता से समाधान व निराकरण करने का आष्वासन दिया गया । श्री नरेन्द्र दोषी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।
विश्व धरोहर है अजंता की गुफाएँ: प्रो. जगताप
उदयपुर, इतिहास विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा आयोजित विस्तार व्याख्यान अजंता की गुफाओं के स्थापत्य, शिल्प एवं चित्रकला में मुख्य वक्ता नार्थ महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के प्रो. पी.डी. जगताप, मुख्य अतिथि प्रो. के. एस. गुप्ता, विशिष्ट अतिथि प्रो. सीमा मलिक तथा अध्यक्षता कला महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. फरीदा शाह ने की। व्याख्यान में उपस्थिति सभी विद्वानों, अतिथियों एवं श्रोताओं का स्वागत विभागध्यक्ष प्रो. दिग्विजय भटनागर द्वारा किया गया, उन्होने बताया कि अजंता की गुफाएं, बौद्ध स्थापत्य कला और चित्रकला की प्रमुख विरासत हैं। मुख्यवक्ता प्रो. पी. डी. जगताप ने बताया कि भारत में कुल ज्ञात 1500 प्राचीन गुफाओं मे से 1200 केवल महाराष्ट्र में मिली है और इनमें से 900 गुफाएँ बौद्ध धर्म से सम्बंधित है, जिन्हे विभिन्न काल अंतराल में हिन्दू शासकों द्वारा बनाया गया था। उन्होने बतलाया किया अजन्ता गुफाओं का महत्व स्थापत्य के साथ-साथ शिल्पकला, चित्रकारी और प्राकृतिक सौंदर्य के रूप में स्थापित है। इन गुफाओं से प्राप्त चित्रों मंे पद्मपाणि, दरबारी जीवन, भिक्षुक बुद्ध, मरणासन बुद्ध आदि महत्वपूर्ण है जिनका निर्माण प्राकृतिक रंगों से और पूर्ण बारीकी से किया गया हैं। इन चित्रों में प्रयुक्त नीला रंग विशेष रूप से ईरान से आयातित था। इसी के साथ गुफाओं का निर्माण अनायास या आकस्मिक रूप से नहीं बल्कि पूर्व नियोजित तरीके से किया गया था जो भारत की प्राचीन अभियांत्रिकी व्यवस्था का उत्कृष्ठ उदाहरण हैं।
मुख्य अतिथि प्रो. के. एस. गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेवाड़ की चित्रकला में अजंता कला का प्रभाव परिलक्षित होता है, यहाँ भी रंगो का निर्माण प्राकृतिक रूप से किया जाता था एवं चित्रों की विषय वस्तु धर्म एवं संस्कृति आधारित थी। उन्होने प्राचीन भारतीय धरोहरों के क्षरण पर चिंता जताते हुए उनके संरक्षण पर बल दिया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि पी.जी. डीन. प्रो. सीमा मलिक ने इतिहास और साहित्य के
पारम्परिक सम्बन्ध को नई दृष्टि से व्याख्यायित किया और अजन्ता पर साहित्यिक दृष्टिकोण से शोध कार्य किये जाने पर बल दिया।
समारोह की अध्यक्ष कला महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. फरीदा शाह ने इस व्याख्यान को अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाते हुए कहॉ कि अजंता गुफाओं का भारतीय संस्कृति में एक विशिष्ट स्थान है तथा ये गुफाएँ वर्तमान में भी कलाकारों के लिए किसी पाठशाला से कम नहीं है।
इस आयोजन में डॉ. प्रतिभा, डॉ. ललित पाण्डे, डॉ. पी.के. सिंह, डॉ. आर. एन. पुरोहित, डॉ. गोपाल व्यास, डॉ. सुयशवर्द्धन सिंह, प्रो. नीरज शर्मा आदि उपस्थित थे। मानविकी संकाय की अध्यक्षा प्रो. मीना गौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ. पीयूष भादविया ने किया।
पार्षद प्रत्याशियों पर राज्य चुनाव आयोग का कोई अंकुश नहीं – खूब उड़ाओ पार्टियां
उदयपुर | नगर निकायों के चुनाव में राज्य चुनाव आयोग इस बार पार्षद बनाने वाले प्रत्याशियों पर मेहरबान है | और खर्च करने के अंकुश को थोड़ा ढीला किया हुआ है | जीतनी सख्ती लोकसभा विधान सभा में दिखाई दे रही थी अभी उनती सख्ती नहीं दिखाई दे रही है | बैनर और पोस्टर को छोड़ कर खूब करो पार्टियां कोई निगरानी वाला नहीं है ।
जहां लोकसभा विधान सभा के चुनाव में प्रत्याशियों के चुनावी कार्यालय में पानी की बोतलों और चाय के एक एक कप का हिसाब होता था आज वही पार्षद प्रत्याशियों के ऊपर इसका कोई अंकुश नहीं है | चुनाव आयोग मुख्य रूप से पोस्टर और बैनरों पर अधिक ध्यान लगा रहा है | अब खान पान के लिए प्रत्याशी चाहे जितना कार्यकर्ताओं पर खर्च करे मिर्ची बड़ा, कचोरी तो क्या हलवा पूड़ी से लेकर मर्जी हो वह व्यंजन खिला सकता है | राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगर निगम चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार द्वारा प्रचार सामग्री पर खर्च की जाने वाली राशि का ही हिसाब देना होगा। इसके लिए पूर्व में निर्धारित सीमा 40 हजार से बढ़ा कर इस बार 80 हजार रुपए कर कर दी गई है।
उम्मीदवार द्वारा खान-पान और सभा आदि पर खर्च के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से कोई रोक नहीं है। उम्मीदवार के कार्यालय आदि खोले जाने पर भी कोई अंकुश नहीं कोई निगरानी नहीं। नगर निगम चुनाव में प्रचार के लिए पोस्टर-बैनर, हैंडबिल, समाचार-पत्रों में विज्ञापन आदि पर खर्च के लिए आयोग ने 80 हजार रुपए की सीमा निर्धारित कर रखी है। इसका हिसाब भी मतगणना के बाद तीन दिन में पेश किया जाना है। खाने-पीने, चाय आदि पर खर्च की कोई लिमिट तय नहीं की है।
कोई विकास , कोई मोदी तो कोई सरकार की नाकामी गिना कर वोट मांग रहे है ।
उदयपुर | नगर निगम चुनाव में भाजपा कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी वार्डों के पार्षद प्रत्याशी के साथ दौरे कर रहे है, जहां भाजपा के नेता जन प्रतिनिधि और पदाधिकारी पुरे आत्मविश्वास के साथ पिछले २० साल के निगम के विकास राज्य सरकार की उपलब्धियां और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सामने रख कर जनता के बीच में जा कर भाजपा के लिए वोट मांग रहे है, वही कांग्रेस, राज्य सरकार की नाकामी और पुछले २० सालों से शहर के विकास की धीमी गति अतिक्रमण और अवैध निर्माण व् वार्डों की बदतर हालत को लोगों के सामने रख कर इस बार कांग्रेस के बोर्ड बनाने का जनता से आग्रह कर रहे है |
एक और जहां भाजपा के नेता पदाधिकारी अपने ५५ के लक्ष्य के करीब पहुचने का दावा पुरे आत्म विशवास के साथ कर रहे है वही कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है |
क्या मुद्दे लेकर जा रहे है-
भाजपा : इस बार भाजपा जनता के बीच सबसे पहले तो नरेंद्र मोदी के नाम फिर राज्य सरकार और पूर्व नगर निगम द्वारा विकास के काम गिना कर वोट मांग रहे है |
पिछले चार बोर्ड ने शहर के विकास में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है और इसीलिए आज उदयपुर का नाम दुनिया के खूबसूरत शहरों में आता है | केंद्र में पिछली सरकार कांग्रेस की थी जिसने महगाई आसमान में पहुंचा दी थी और अब भाजपा सरकार के आने के बाद मंगाई पर लगाम लगी है | जनता अब केंद्र, राज्य के साथ साथ शहर में भी भाजपा की सरकार ही चाहेगी | अर्जुन लाल मीणा, सांसद, उदयपुर
पिछले २० साल से भाजपा का बोर्ड है और हर बोर्ड ने शहर का विकास किया है | जनता को हम पर राज्य सरकार पर और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है, और जनता इस बार भी भाजपा के प्रतिनिधि को ही वोट देकर बोर्ड में भेजेगी | और शहर का विकास और तेज गति से होगा क्यों कि राज्य में और केंद्र में हमारी सरकार है | ५५ हमारा लक्ष्य है हम इस लक्ष्य के हम बहुत करीब है | दिनेश भट्ट , भाजपा शहर जिलाध्यक्ष
कांग्रेस : शहर में बढ़ाते अतिक्रमण, अवैध निर्माण, पार्किंग समस्या साफ़ सफाई और गिना कर वोट मांग रहे है पिछले भाजपा के बोर्ड को फेलियर बता कर इस बार कांग्रेस को मौका देने की बात कह रहे है |
२० साल भाजपा का राज रहा और शहर का विकास धीमा रहा हमारी सरकार में पूरी सहायता मिलने के बाद भी आशा अनुरूप विकास नहीं हो पाया | शहर की साफ़ सफाई अतिक्रमण और पार्किंग मुख्य मुद्दा है जो आम शहर वासी की जरूरत भी है | हम जिस वार्ड में जा रहे है, वहां लोग सफाई और पार्किंग की समस्या से परेशान है | इस बार उम्मीद है कि कांग्रेस का बोर्ड बनेगा कितनी सीटें आएगी अभी कहना मुश्किल है | नीलिमा सुखाड़िया – कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष
पिछले २० सालों से भाजपा के बोर्ड में भ्रष्टाचार खुल कर हुआ है | अतिक्रमियों और अवैध निर्माण करने वालों के लिए स्वर्णिम युग रहा है, जो अब कांग्रेस का बोर्ड बनाने के बाद समाप्त होगा | शहर में गन्दगी का ढेर है प्रधान मंत्री कहते है सफाई करो और यहां की नगर निगम की नींद ही नहीं उड़ती | पिछले २० सालों में शहर का जितना विकास होना चाहिए नहीं हुआ है | जनता की छोटी छोटी जरूरते भी नगर निगम ने पूर्ति नहीं की है और अब जनता परिवर्तन चाहती है | दिनेश श्रीमाली – पूर्व प्रर्तिपक्ष नेता नगर निगम उदयपुर
नामांकन वापस लेने वाले बागी – ब्लैकमेलर्स या लूजर्स ?
उदयपुर | राजनीतिक पार्टियों में बगावत के पीछे के कारणों को जानने के लिए जब राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान के विशेषज्ञों से चर्चा की, तो सामने आया कि बगावत करने वाले कुछ इनोसेंट जनप्रतिनिधियों को छोड़ दिया जाए, तो ज्यादातर लोग ब्लैकमेलर्स या फिर लूजर्स होते हैं। ऐसे लोग अपने फायदे और निजी हितों की पूर्ति के लिए पॉलीटिक्स ज्वाइन करते हैं। कुछ समय की राजनीतिक सक्रियता के बाद ये लोग अपनी लालसा को पूरा करना चाहते हैं, लेकिन जब ऐसे लोगों को सफलता नहीं मिलती है तो वह ब्लैकमेलिंग पर उतर आते हैं। राजनीति विज्ञान के अनुसार तीन तरह के बागी होते हैं। इनमें पहला, जिसको अपनी जीत का पक्का भरोसा होता है। दूसरा, जो अपनी पार्टी के प्रत्याशी को कमजोर करना चाहता है और तीसरा, वह जो लाभ का पद या धन लेकर बैठ जाता है, यह प्योर ब्लैकमेलिंग की श्रेणी में आता है। नगर निगम चुनाव में बगावत करने वाले भाजपा और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भी राजनीति विज्ञान के सूत्र के अनुसार तीन श्रेणियों में चिह्नित किया जा सकता है।
कल नामांकन वापसी के आखरी दिन 31 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए। इनमें भाजपा के 16 व कांग्रेस के 14 बागी शामिल हैं। इधर, चुनाव मैदान में भाजपा के चार और कांग्रेस के पांच बागी डटे हुए हैं।
बागी नंबर वन : इनमें वार्ड चार से कांग्रेस के बागी अजय पोरवाल जैसे नेता आते हैं, जिन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा है। ऐसे प्रत्याशी अत्यधिक आत्मविश्वास से भरे होते हैं। कई दफा ऐसे प्रत्याशियों को सफलता भी मिल जाती है, जैसे वल्लभनगर विधानसभा में भाजपा के बागी प्रत्याशी रणधीरसिंह भींडर निर्दलीय के रूप में उतरे और उन्हें सफलता मिली। यहां यह बताना भी जरूरी है कि श्री भींडर का चुनाव चिह्न क्रबल्लाञ्ज था और अजय पोरवाल का चुनाव चिह्न भी क्रबल्लाञ्ज है।
बागी नंबर टू : ऐसे बागी प्रत्याशी, जिन्हें यह तो पता होता है कि वह चुनाव नहीं जीतेंगे, लेकिन अपनी पार्टी के प्रत्याशी को नुकसान जरूर पहुंचा सकते हैं। राजनीति विज्ञान के अनुसार ऐसे प्रत्याशियों में भाजपा के वार्ड 33 से अशोक घरबड़ा, 42 से संतलाल अग्रवाल, 39 से मांगीलाल पूर्बिया, १९ से गिरीश वैष्णव। कांग्रेस में वार्ड 10 से गीता पालीवाल, 38 से रमा वैष्णव, 25 से चांदमल साहू, 34 से भगवतीलाल नैणावा आदि को शामिल किया जा सकता है।
बागी नंबर थ्री : ऐसे बागियों में दो तरह के लोग आते हैं, जो या तो दबाव के कारण नामांकन वापस ले लेते हैं या फिर पार्टी के बड़े नेताओं से सांठ-गांठ करके संगठन में पद या पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी से रुपया-पैसा लेकर बैठ जाते हैं। राजनीति विज्ञान के अनुसार ऐसे प्रत्याशियों में भाजपा से वार्ड दो के खूबीलाल पहाडिय़ा, चार से मदन, आठ से आभा आमेटा, 10 से दामोदर दिवाकर, 11 से विजय मेहता, दिनेश सोनी, 19 से भंवर जैन, 20 से शंभूसिंह देवड़ा, 22 से कनक जोशी, मोहन, यशवंत मेनारिया, 26 से लोकेश नागदा, 41 से विवेक सामर, 44 से सुशील देसरला, 47 से सिद्दिका, 49 से योवंतराज माहेश्वरी और कांग्रेस में वार्ड दो के किशन मेघवाल, चार के मुजीबुद्दीन, पांच से योगेश धाबाई, आठ से नूर बानो, नौ से कांता पालीवाल, 24 से आशा मालवीय, 26 से दिनेश राव, 37 से एनके जैकब, 38 से रजिया बानो, शकीला बानो, 39 से दीपक चौधरी, 46 से शाहिदा शेख, 48 से शब्बीर हुसैन और 55 से अरुण टांक आदि को शामिल किया जा सकता है।
एक्सपर्ट व्यू —–
पार्टी के लिए काम करने वाले नेता अपने काम का रिवार्ड चाहते हैं। उस रिवार्ड में उनकी चाहत होती है कि उन्हें चुनावों में टिकट मिले। जब मौका आता है तो ये स्वयं को एक्सपोज कर टिकट की मांग करते हैं और नहीं मिलने पर बागी खड़े हो जाते हैं। बागी तीन तरह के होते हैं। इनमें से एक वो, जिनको जीत का पक्का भरोसा होता है। दूसरे वो, जो अपनी पार्टी के प्रत्याशी को डेमेज करना चाहते हैं। तीसरे वो, जो लाभ का पद या रुपया लेकर संतुष्ट हो जाते हैं।
– संजय लोढ़ा, विभागाध्यक्ष, राजनीतिक विज्ञान विभाग, सुखाडिय़ा यूनिवरसिटी
बागी होना मानव स्वभाव है, जिसे अटेंशन सिकिंग बिहेवियर (ध्यान आकर्षण व्यवहार) कहा जाता है। चुनाव पूर्व राजनीतिक पार्टियों द्वारा जो पैनल बनाया जाता है। उसमें ये अपना नाम चलाते हैं। नाम चलने के साथ प्रचार शुरू कर देते हैं। अपने-आपको चुनाव लडऩे के अनुकूल मानना शुरू कर देते हैं, लेकिन जब ऐसे लोगों को टिकट नहीं मिलता तो हताश हो जाते हैं। हताशा, दो तरह की होती है, जो आक्रामकता और निराशा को जन्म देती है। आक्रामक लोग बागी होकर मैदान में उतर जाते हैं वहीं निराश लोग पद और धन लेकर बैठ जाते हैं।
निर्दलीय मारेगें बैट से चौके, उड़ायेगें पतंग और बिछायेगें अपनी चारपाई !
उदयपुर। नगर निगम चुनाव में सुबह रिटर्निंग अधिकारी ने चुनाव मैदान में शेष रहे निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए।
शुक्रवार को ३१ निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेने के बाद अब ५४ वार्डों के लिए १७३ प्रत्याशी शेष रहे है जिसमे ६३ प्रत्याशी निर्दलीय है | ५५ वार्डों में से वार्ड ३ के भजपा प्रत्याशी केसर सिंह पहले ही निर्दलीय विजेता घोषित होचुके है | निर्वाचन अधिकारी जिला कलेक्टर आशुतोष पेढणेकर ने बताया की भाजपा कांग्रेस के अलावा ६३ निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों को शनिवार को चुनाव चिन्ह आवंटित किये जाचुके है | कई निर्दलीय चुनाव चिन्ह को लेकर चर्चा में है | किसी को अपने बेट से चोका उड़ाने पर गर्व हो रहा है तो कोई निर्दलीय को अपने चुनाव चिन्ह पतंग के उड़ने का इंतज़ार है | कोई गरीब का निशान चारपाई को लेकर चर्चा में है | इनमें प्रमुख रूप से वार्ड 4 से कांग्रेस के बागी अजय पोरवाल को बैट चुनाव चिह्न दिया गया है। वे इसलिए भी हर्षित हैं कि गत विधानसभा चुनाव में वल्लभनगर सीट से भाजपा के बागी रणधीरसिंह भींडर को भी बैट मिला था और वे विजयी घोषित हुए थे। जिन निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह घोषित हुए है उनमे, वार्ड 1 में महेन्द्र कुमार कुमावत को बाल्टी, वार्ड 4 में अजय पोरवाल को बैट, आसिफ हुसैन को व्हिसल, वार्ड 5 में अशोक सोनी को बैट, मुकेश धायभाई को पतंग, यशवंत वैष्णव को हारमोनियम, वार्ड 6 में मोहम्मद फारूख को सिलाई मशीन, सुनील राठौड़ को चारपाई, वार्ड 8 में डाली बाई को पतंग, वार्ड 10 में गीतादेवी पालीवाल को पतंग, राजेश वैष्णव को मोमबत्ती, वार्ड 11 में भरत रामानुज को बैट, वार्ड 12 में रमा जसवाल को बैट, वार्ड 14 में राशिद को मोमबत्ती, वार्ड 16 में कस्तूरचंद सिंगारिया को चारपाई, वार्ड 19 में गिरीश वैष्णव को नारियल, वार्ड 20 में आसिफ मोहम्मद को बैट, वार्ड 23 में मांगीलाल सालवी को अलमारी, विमलेश छापरवाल को चारपाई, वार्ड 25 में चांदमल साहू को डीजल पम्प, वार्ड 26 में किशन कण्डारा को चारपाई, संतोष शर्मा को अलमारी, वार्ड 27 में विमलेश कण्डारा को चारपाई, वार्ड 32 में जगदीश सालवी को अलमारी, वार्ड 33 में दीपक गांधी को गैस का चूल्हा, दीपक शर्मा को टेलीफोन, रमेश बोराणा को गैस सिलेण्डर, विनोद को सिलाई मशीन, शिवशंकर कोि ऑटो रिक्शा, वार्ड 34 में भगवतीलाल नैणाव को टीवी, वार्ड 35 में हर्षित नागदा को नारियल, वार्ड 37 में रमेशचंद्र जोशी को कैमरा, वार्ड 38 में रमा वैष्णव को बैट, वार्ड 39 में मांगीलाल पूर्बिया को टेम्पो, जमनालाल सुथार को सिलाई मशीन, वार्ड ४क 0 में हेमराज लोहार को टॉर्च, वार्ड 41 में अर्जुन गोरण को चारपाई, वार्ड 42 में राजेश चौहान को टॉर्च, संतलाल अग्रवाल को टेलीफोन, वार्ड 44 में नजमा मेवाफरोश को सिलाई मशीन, प्रदीप कुमार को नारियल, वार्ड 50 में पूनम खोखर को चारपाई, वार्ड 52 में कैलाशदेवी को टेलीफोन, वार्ड 48 में अनिल कुमार माली को टीवी का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है।