मोना सिंह के एमएमएस का राज खुला!

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mona-singh-wallpaper-02-12x9मुंबई। पति, पत्‍नी और ‘वो’ के चक्‍कर में जहां एक नेता जी को मंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी, वहीं एक एमएमएस से बदनाम हुईं टीवी एक्‍ट्रेस मोना सिंह के लिए अच्‍छी खबर आ रही है। हालांकि यह सवाल अभी कायम है कि क्‍या मोना सिंह का कथित एमएमएस होली की मस्‍ती लेने के लिए किया गया मजाक था या फिर खुद मोना ने ही लोगों को अप्रैल फूल बनाने के लिए यह सब किया था? अब तक की जांच से जो पता चला है उसके मुताबिक असल में वह एमएमएस मोना सिंह का नहीं था।

 

मोना सिंह के कथित अश्‍लील एमएमएस का राज आखिरकार खुल ही गया है। मोना सिंह की शिकायत पर साइबर सेल ने इस एमएमएस की जांच की तो पता चला कि इसमें मोना का चेहरा चिपकाया गया है। इस बात को डिजिटल एक्सपर्ट्‍स ने प्रूव किया है। वहीं, चर्चा इस बात की भी है कि मोना सिंह इस एमएमएस के कारण बिग बॉस में भी जा सकती हैं। धर्मा प्रोडक्‍शन की असिस्‍टेंट डायरेक्‍टर स्‍नेहल गांधी ने यह चर्चा छेड़ी है। उन्‍होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि बिग बॉस को अपना पहला कंटेस्‍टेंट मिल गया है। (कैटरीना की बहन से लेकर करीना,प्रिटी का भी बन चुका है MMS)

 

बहरहाल, पुलिस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि हम अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि एमएमएस का कहां से लिंक है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि इस एमएमएस को दिल्‍ली के किसी इलाके से अपलोड किया गया था। पुलिस का कहना है कि हम उस स्‍थान और व्‍यक्ति का पता लगाने में जुटे हैं। हमने दो ऐसी क्लिप पाई है। लेकिन यह पांच से छह साल पुरानी हैं।

 

टेलीविजन एक्ट्रेस मोना सिंह के कथित एमएमएस से पूरी टेलीविजन इंडस्ट्री सकते में थी। बताया जा रहा था कि यह एमएमएस मोना का नहीं बल्कि उनकी हमशक्ल का है और किसी ने मोना को बदनाम करने के लिए यह अश्लील वीडियो लीक कर दिया है। मोना ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस जांच में जुट गई थी। आपत्तिजनक एमएमएस के सिलसिले में पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हुआ है। ‘जस्सी जैसा कोई नहीं’ सीरियल से पहचान बनाने वाली मोना ने अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत की थी। हालांकि, पुलिस अभी भी अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है।

 

बॉलीवुड में अफवाह ऐसी भी है कि एमएमएस लीक करना मोना सिंह का पब्लिसिटी स्‍टंट है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि जल्‍द ही मोना के ब्‍वॉयफ्रेंड विद्युत की फिल्‍म ‘कमांडो’ रिलीज होने वाली है। इससे ऐन पहले एमएमएस के जरिए असल में फिल्‍म को प्रचार दिलाने की कोशिश हो रही है। हालांकि, मोना इन अफवाहों को बकवास करार दे चुकी हैं।

इच्छा का किरदार उतरन को अलविदा कहेगा

Ichcha and Tapasyaकलर्स का लोकप्रिय शो, उतरन हमेशा से ही अपने किरदारों, कहानी और इच्छा तथा टप्पू के बीच के उतार-चढ़ाव भरे संबंधों के कारण जाना जाता रहा है। दोस्ती और रिश्तों की मिसाल पेश करने के बाद इच्छा और तपस्या की कहानी इस शो में आकर्षण का केन्द्र रही है। मगर अब किस्मत उनकी जिंदगियों में एक ठहराव लेकर आएगी और इच्छा के लोकप्रिय किरदार की इस शो से विदाई होगी। एक बड़ा मोड़ जो इस कहानी को आगे ले जाएगा, जिसमें तपस्या को अपनी बेटी को बचाते हुए गोली लग जाती है और उसकी हालत काफी गंभीर हो जाती है। जब तपस्या अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही होती है, उसी दौरान इच्छा का भी एक्सीडेंट हो जाता है और उसकी हालत भी गंभीर हो जाएगी। अपनी सहेली की बिगड़ती हालत को देख कर इच्छा अपना दिल तपस्या को दान करने का फैसला करती है क्योंकि वह मृत्युशय्या पर पड़ी होती है। इधर इच्छा अपनी अंतिम सांस लेती है और उधर इच्छा जी उठती है मगर इच्छा के दिल के साथ।

 

प्रशासन से मांगे मनवाने के लिए विधायक चढ़े टावर पर

लिखित में आश्वास के बाद नीचे उतरे विधायक

प्रशासन ने माना इसे अप्रैल फूल

टावर नही हटने पर दी जान देने की धमकी

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चित्तौडगढ, बडीसादडी के सत्तासीन कांग्रेसी विधायक को अपनी ही मांग मनवाने के लिए मोबाईल टावर पर चढना पडा। एक बारगी प्रशासन ने इसे अप्रैल फूल समझा, लेकिन हकीकत जानने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। विधायक पिछले कई समय से अपने निवास स्थान के नजदीक लगे मोबाईल टावर को हटाने की मांग करते आ रहे है।

u1aprph-8जिले की बडीसादडी विधानसभा के विधायक प्रकाश चौधरी अपनी मांगो को मनवाने के लिए सोमवार सुबह सवेरे ही मोबाईल टावर पर चढ गए। जिनके साथ अन्य ११ लोग भी शामिल थे। विधायक की मांग थी कि कस्बे में लगे मोबाईल टावर से लोगो को परेशानियां उठानी पड रही है। जिसकी शिकायत विधायक ने मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन तक कई बार की, लेकिन इसकी कोई सुनवाई नही हो पाई। रविवार रात्री को विधायक चौधरी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा था कि जल्द ही यह टावर नही हटे तो मैं इन्ही टावर पर चढ कर अपनी जान दे दूंगा, लेकिन प्रशासन ने इसे अप्रैलफूल मान कर काफी हल्के में लिया। सोमवार सवेरे विधायक प्रकाश चौधरी और मोहल्ले के अन्य ११ जने मोबाईल टावर पर चढ गए। जिसकी सूचना मिलते ही प्रशासन के हाथ पांच फूल गए। पुलिस जाप्ता एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिन्होने काफी मिन्नते की, लेकिन विधायक टस से मस नही हुए। आखिरकार विधायक द्वारा लिखित आश्वासन मांगे जाने पर प्रशासन ने उन्हे जल्द से जल्द मोबाईल टावर हटाने की लिखित में आश्वास दिया तब जाकर विधायक टावर से नीचे उतरे।

विधायक प्रकाश चौधरी ने टावर पर चढ दो युवको की मौत के लिए प्रशासन से एक करोड रूपसे के मुआवजे की मांग तथा अतिशीघ्र टावर हटाने की मांग करते रहे। बताया जाता है कि कोलोनी में पंच मोबाईल टावर लगे है। इनके आसपास पांच स्कूल पडते है। इन टावर के करीब रहने वाले लोगो को रेडिएशन के चलते खासी परेशानियां उठानी पड रही है। हाल ही में एक व्यवसायी की मौत हो चुकी है। इससे पहले भी कुछ लोग रेडिएशन से पीडित होकर जान गंवा चुके है। खद विधायक को गले का ऑपरेशन कराना पडा। उनकी पत्नि भी बीमारी हालत में है।

उल्लेखनीय है उक्त टावरो में से दो मोबाईल टावर विधायक प्रकाश चौधरी के भुआ के लडके बिहारीलाल चौधरी के भूखण्ड में है। बिहारीलाल चौधरी पूर्व में विधायक के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन किन्ही कारणो से इनकी टिकट नही मिल पाया। बिहारीलाल चौधरी पूर्व में नगर पालिका चैयरमेन रह चुके है और छ: बार पार्षद का चुनाव जीत चुके है।

सरपंच एवं पटवारी ने जीवित व्यक्ति का म्रत्यु प्रमाण जारी कर दिया

उदयपुर,हिरणमगरी थाना पुलिस ने सरपंच ग्रामपंचायत कानपुर एवं पटवारी हलका उमरडा सहित अन्य के खिलाफ फर्जी तरीके से जीवीत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर जमीन विक्रय करवाने का मामला दर्ज किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार हिरणमगरी थानान्र्तगत उमरडा निवासी भैरा पुत्र खेमा मीणा ने उमरडा निवासी गांगा पुत्र भैरा, गोटू पुत्र भैरास, सोहनी, गुलाबी पुत्री भैरा, उदी बाई पत्नी स्वभैरा, भैरूलाल पुत्र देवा मीणा, सरपंच ग्राम पंचायत कानुर वरदी देवी, उपरडा पटवार हलका पटवारी मोहनसिंह पटवारी, कातरवास खैरवाडा निवासी सतीश कुमार पुत्र रमेश कुमार मीणा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। कि आरोपियों ने षडयंत्रपूर्वक १५ मई ०२ को पटवारी एवं सरपंच की मिली भगत से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा आरोपी गांगा, गोटू, सोहनी, गुलाबी, उदीबाई ने वारिस नहीं होने के बावजूद फर्जी शपथ पत्र जरिये मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा अपने नाम का नामांतरण खुलवा दिया। आरोपियों ने पटवारी व सरपंच के साथ मिलकर उक्त भूमि का विक्रय भी करवा दिया। जबकि आज दिनांक तक मैं जीवित हु तथा आरोपी न तो मेरी जमीन के वारिस है और नहीं वे हकदार है। आरोपियों ने जीवित होने के बावजूद षडयंत्रपूर्वक दस्तावेज तैयार कर धोखाधडी की।

चरित्र पर संदेह कर पत्नी को कुल्हाड़ी से मार दिया

frankieaxmkbउदयपुर, चरित्र पर संदेह के चलते पति कुल्हाडी से हमला कर पत्नी की हत्या कर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलने पर पिहर पक्ष ने चढोतरा कर दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोटडा थानान्र्तगत कोल्या गांव निवासी वसू पुत्र होमा खेर चरित्र पर संदेह के चलते कुल्हाडी से हमला कर पत्नी मजी (२४) की हत्या कर फरार हो गया। चार माह पहले सगाई होने के बाद से मजी पति वसू के पास ही रह रही थी। रविवार को पति पत्नी गांव में गये थे। जहां पत्नी के चरित्र पर संदेह होने पर होने के बीच कहासूनी हो गई। बीच रास्ते कोल्या नदी किनारे वसू मजी के सिर पर कूल्हाडी से हमला कर फरार हो गया। रविवार को घटना की सूचना मिलने पर कोटडा थानाधिकारी योगेश चौहान मय जाप्ता ने मोके पर पहुच मृतक का शव कोटडा चिकित्सालय मोर्चरी में रखवा मृतका के पीहर पक्ष को सूचना दी। इस पर हादसे की सूचना मिलने पर मृतका के पिता मियटा थाना माण्डवा रविया बूमडिया व परिजनों ने चढोतरा कर दिया। जहां दोनों पक्ष के बीच वार्ता जारी है। समाचार लिखे जाने तक कोई सुहल नहीं हो पाई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की।

सात निष्कासित कार्यकर्ता फिर भाजपा में शामिल

उदयपुर, । भाजपा देहात जिलाध्यक्ष सुंदरलाल भाणावत ने पिछले पंचायत चुनावों के समय पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण भाजपा से निष्कासित सात कार्यकर्ताओं को पुन: भाजपा में शामिल करने का निर्णय लेकर प्रदेशाध्यक्ष को इस बाबत अनुशंसा प्रेषित कर दी है।

भाजपा देहात प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि २०१० में पंचायत चुनावों के समय निश्कासित सात कार्यकर्ताओं हुंसाराम गरासिया गोगुन्दा विधानसभा प्रत्याशी २००८ (निवासी मेवाडों का मठ), श्रीमती गवरीदेवी वर्तमान प्रधान पंचायत समिति कोटडा (निवासी जोगीवड), बाबुलाल गमेती पंचायत समिति सदस्य (निवासी जेड), जमनालाल भील (निवासी कोटडा ), निर्मलकुमार गरासिया(निवासी जोगीवड), मुरारीलाल गरासिया (निवासी झाडोल), वेणीराम गमेती पुर्व पंचायत समिति सदस्य (निवासी गोगुन्दा) द्वारा पिछले कुछ समय से भाजपा के प्रति पुर्ण निष्ठा व समर्पण दर्षाने व उनकी कार्यक्षमता के कारण पुन: भाजपा की मुख्य धारा में सम्मिलित करने का निर्णय लेते हुए प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया को इस बाबत अनुशंसा प्रेषित कर दी है।

‘‘शुभलक्ष्मी’’ की सौगात से माँओं के खिले चेहरे

Shaktawat_pannadhayHosp_01-04-2013उदयपुर, , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणानुरूप सोमवार से आरंभ हुई मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना के चैक सोमवार को संसदीय सचिव गजेन्द्र सिंह शक्तावत ने तीन नव प्रसूताओं को सौंपे तो सभी के चेहरे खुशी से खिल उठे।

मुख्यमंत्री की बजट घोषणा का लाभ एवं एक अप्रेल से ही मिलना आरंभ हुआ था। राजकीय पन्नाधाय चिकित्सालय में सोमवार को जन्मी तीन बालिकाओं की माताओं वोरिया(भींडर) की श्रमती देऊ बाई, गणियागडा (गोगुन्दा) की नॉनी बाई एवं ढेलाणा(खेरवाडा) की श्रीमती रेणुका को बेटी के जन्म पर बधाई देते हुए श्री शक्तावत ने मुख्यमंत्री जी की सौगात को उन तक पहुंचाया। सभी को 2100-2100 राशि के चैक प्रदान किए और बताया कि ठीक एक वर्ष बाद 2100 रुपये का दूसरा चैक इस योजना के तहत देय होगा जबकि तीसरा चैक कन्या के पांच वर्ष की होने पर स्कूल प्रवेश के उपलक्ष्य में दिया जायेगा।

श्री शक्तावत ने सभी नवप्रसूता माँओं को पुत्री जन्म की बधाई पर पुष्प गुच्छ भेंट कर अभिनंदन भी किया। सभी महिलाओं ने सरकार का इस कल्याणकारी योजना के लिए आभार जताया।

शक्तावत ने कहा कि कन्याओं के जन्म पर सभी को गर्व महसूस होना चाहिये। सरकार ने कन्याओं के उज्ज्वल भविष्य की सुदृढ नींव तैयार की है इससे अभिभावकों को भी सम्बल मिलेगा और सभी समाजों में कन्याओं के शिक्षण पालन पोषण के प्रति और जागरूकता आयेगी। इस मौके पर जिला प्रमुख श्रीमती मधु मेहता, मावली विधायक पुष्करलाल डांगी, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, समाजसेवी पंकज शर्मा, श्रीमती नीलिमा सुखाडिया , राजसिंह झाला, जिला कलक्टर विकास सीताराम जी भाले, पन्नाधाय चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ. राजरानी शर्मा, उपाधीक्षक डॉ. पूनम पोसवाल, सीएमएचओ डॉ. आर.एन. बैरवा सहित बडी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी एवं चिकित्सकगण मौजूद थे।

सरकार को जाएगा ठोकर ओवरब्रिज का प्रस्ताव

images (1)उदयपुर , पूर्व में निरस्त किए जा चुके ठोकर चौराहे पर ओवर ब्रिज की एक बार फिर उम्मीद जाग गई है। जिला प्रशासन ने इसमें गंभीरता दिखाई है तथा यूआईटी से इसका प्रस्ताव मांगा है। निर्माण की संभावना पर प्रस्ताव स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। यूआईटी ने शहर के व्यस्ततम ठोकर चौराहे पर ओवर ब्रिज बनाया जाना प्रस्तावित किया था। इसके लिए काफी कार्रवाई होने के बाद पिछले साल जून माह में उदयपुर दौरे पर आए स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव जीएस संधू ने ओवर ब्रिज के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था। इसके बाद यूआईटी में ठोकर पर ओवर ब्रिज की फाइल बंद हो चुकी थी लेकिन शहर की आवश्यकता को देखते हुए कलेक्टर विकास एस. भाले ने इसमें गंभीरता दिखाई है तथा ठोकर पर ओवर ब्रिज का प्रस्ताव यूआईटी से मांगा है।पहले अध्ययन होगा योजना का प्रशासनिक अधिकारियो के अनुसार यूआईटी से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद पहले उसका अध्ययन किया जाएगा। ओवर ब्रिज की संभावना बनने पर इसका प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा जाएगा। अगर राज्य सरकार से स्वीकृति मिलती है तो एक और महत्वपूर्ण ओवर ब्रिज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। बताया जाता है कि कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव मांगे जाने के बाद यूआईटी अधिकारियों द्वारा इसकी फाइल तैयार किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अगले कुछ दिनों में ही जिला प्रशासन को प्रस्ताव मिल जाएगा। अवाप्ति की कार्रवाई कर चुकी है यूआईटी ठोकर पर ओवर ब्रिज के लिए यूआईटी की बड़ी कोशिशों के बाद ब्रिज के बीच में आने वाली जमीनों की अवाप्ति की स्वीकृति मिली थी। दरअसल जब ठोकर चौराहे पर ओवर ब्रिज बनाए जाने की योजना बनाई गई थी, तब इसका चौराहे के व्यापारियों द्वारा विरोध भी किया गया था। यूआईटी द्वारा बावजूद इसके योजना पर अटल रहते हुए राज्य सरकार से अवाप्ति की कार्रवाई की गई थी। यूआईटी की अवाप्ति की कार्रवाई भी अंतिम चरण में थी। इसी बीच योजना निरस्त कर दी गई थी। व्यस्ततम चौराहा है ठोकर ठोकर चौराहा भी शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक है। ठोकर चौराहा उदयपुर चित्तौड़ नीमच का मुख्य मार्ग होने के साथ ही मादड़ी इंडस्ट्रीयल एरिया के अलावा आयड़ क्षेत्र व दो प्रमुख यूनिवर्सिटी मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी,महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का लिंक चौराहा है। इसके चलते चौराहे पर दिनभर यातायात का दबाव बना रहता है।

बिग बी-किंगखान को भी पानी पिला देगा राज-शिल्पा का यह आलीशान बंगला

0155_mainलंदन के दिग्गज कारोबारी और राजस्थान रॉयल्स आईपीएल टीम के प्रमुख राज कुंद्रा का कारोबार दुनिया भर में फैला हुआ है। राज ने दुबई में अरबों रुपये का हीरों और स्टोन-जेम्स का बिजनेस भी फैला रखा है। ब्रिटेन के 198वें सबसे अमीर इंसान के घर से लेकर उनकी लाइफस्टाइल तक हर जगह इस दौलत का नजारा देखने को मिलता है।

 

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राजमहल नाम से जाने जाने वाले इस घर में कुल 7 कमरे हैं। राज ने इस घर को अपनी पहली पत्नी के कविता के लिए 2006 में खरीदा था। तब इसका इंटीरियर कुछ खास नहीं था। शादी से पहले राज के इस घर को शिल्पा ने पूरी तरह से डेकोरेट किया था।

 

ट्रीलाइनड ड्राइव-वे के साथ राजमहल के बाहर एक घोड़े का स्टैचू भी बना हुआ है। दो दरवाजों के साथ एंट्रेंस दिया गया है। साथ ही घर में प्रवेश करते ही दो बडे-बड़े पिलर बने हुए हैं, जिसे शिल्पा ने डेकोरेट करवाया था। घर में एक ग्रांड हॉल, 2 रिसेप्शन रूम, 7 लिविंग रूम, स्वीमिंग पूल, लार्ज साइज का कार गैरेज, ट्रिपल बालकनी और बड़ा सा गार्डन है।

दिलचस्प है कि 2006 में खरीदे गए इस घर को राज ने पत्नी से अलग हो जाने के बाद 2007 में 55 लाख पाउंड में बेच दिया था। और अपने परिवार के साथ रहने लगे।

 

घर को बेचने के बाद राज की मुलाकात शिल्पा से हुई। शिल्पा के कहने पर राज ने इस घर को वापस खरीदा। शिल्पा ने घर में बदलाव के लिए इंग्लैंड के अलग-अलग बाजारों से शॉपिंग की और कुछ हफ्तों में घर का नक्शा ही बदल दिया।

 

इन बदलावों में फ्लोरिंग, रिवायरिंग, स्टेट ऑफ आर्ट ऑटोमेटेड सेफ्टी और न्यू बाथरूम जैसे बदलाव शामिल हैं।

शिल्पा के ही कहने पर उनके पति ने राजमहल में सीढ़ियों के ऊपर एक पूजा घर बनवाया।

 

7370_untitled-4दिलचस्प है कि राज-शिल्पा का यह घर जिस एरिया में है वहां सिर्फ 420 घर ही बने हैं। ये सभी वीवीआईपी लोगों के हैं। शिल्पा के पड़ोसियों में क्लिफ रिचर्ड, एल्टन जॉन, जॉन लेनन जैसे कई सेलिब्रिटी शामिल हैं।

 

सरकार का आया आदेश, परिषद अब उदयपुर नगर निगम में तब्दील

9525_nagar-parishad-123उदयपुर. नगर परिषद उदयपुर को नगर निगम बनाने की घोषणा का आदेश सोमवार को जयपुर से उदयपुर पहुंच गया। निगम के आयुक्त सत्यनारायण आचार्य ने बताया कि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी आदेश सोमवार को उन्हें मिल गया।

आयुक्त ने बताया कि लिखित आदेश आते ही परिषद ने निगम के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। अब जो भी कागजी कार्यवाही होगी वह भी निगम के रूप में होगी। सभी शाखाओं को निर्देश दे दिए गए है कि उनके यहां से जो भी पत्राचार हो उस पर निगम लिखा जाए।

गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में उदयपुर नगर परिषद को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। उदयपुर के लोग लंबे समय से नगर परिषद को निगम बनाने की मांग कर रहे थे।

निगम का दर्जा मिलने से अब विकास की गति और तेज हो सकेगी। केंद्र की योजनाओं का शहर को लाभ मिल सकेगा। निगम में आवश्यक स्टाफ की भी नियुक्ति होने से जनता से जुड़े काम और तेजी से हो सकेंगे।