भाजपा ने की शिंदे के बयान की भत्र्सना

उदयपुर, भारतीय जनता पार्टी, शहर जिला उदयपुर ने जयपुर में सम्पन्न हुए कांग्रेस के चिन्तन शिविर में मंच से देश के गुहमंत्री सुषील कुमार शिंदे द्वारा राष्ट्रवादी संगठन को आतंकवाद से जो$डकर जो बयानबाजी की उसकी निंदा करते हुए कांग्रेस पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष को देष से माफी मांगने और गृहमंत्री जैसे जिम्मेदार पदों पर आसीन इस तरह की ओछी मानसिकता वाले वालों को बर्खास्त करने की मांग की।

पूर्व गृहमंत्री नगर विधायक गुलाबचन्द कटारिया ने केन्द्र सरकार के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा आरएसएस व भाजपा जैसे संगठनों को हिंदु आतंकवाद बताने की क$डी निन्दा करते हुए आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि आरएसएस वह संगठन है जहां पर राष्ट्रभक्त स्वयं सेवक तैयार होते हैं। पूरा देष गवाह है जब-जब भी देष व समाज पर संकट ख$डा हुआ संघ का स्वयं सेवक वहां पर तैयार ख$डा मिला। पूरा देष जान रहा है कि देष में आतंकवाद कहां और कैसे पनप रहा है? आतंकवाद की जननी खुद कांग्रेस पार्टी है। तुश्टीकरण की नीति और वोट बैंक को बचाने राश्ट्र की सुरक्षा इनके लिये कोई मायने नहीं रखती। देष में घुसपैठियों को कौन आमंत्रित कर रहा है। कौन उन्हें नागरिकता प्रदान कर रहा है। और कौन उन्हें वोट का अधिकार प्रदान कर रहा है। आसाम, पूर्वांचल व कष्मीर आतंकवाद व घुसपैठ के षिकार हैं, इसका जिम्मेदार कौन है। हाल ही में सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों ने बर्बरता का नंगा नाच करते हुए हमारे जवानों की नृषंस हत्या कर दी और हद तो यहां पार हो गई जब वो हमारे जाबांज का सिर काट कर ले गये और हमारी सरकार मूक बनकर रह गई। प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर मुंह खोलने में सात दिन लग गए। देष के सामने सवाल ख$डा है। देष की जनता खुद फैसला करे कौन देषभक्त है और कौन गद्दार?

कटारिया ने कहा कि गृहमंत्री के पद बैठा हुआ एक व्यक्ति केवल चापलूसी के लिए बेतुका बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व देष से माफी मांगे। इस तरह का चिन्तन करके राश्ट्र के सम्मुख यह पार्टी क्या रखना चाहती है।

भाजपा प्रदेष मंत्री प्रमोद सामर, षहर जिलाध्यक्ष दिनेष भट्ट, पूर्व विधानसभाअध्यक्ष षान्तिलाल चपलोत, सभापति रजनी डांगी ने देष के गृहमंत्री द्वारा राश्ट्रभक्त संगठन आरएसएस व भाजपा के प्रति जो विचार व्यक्त किये उसको उनकी औछी मानसिकता का प्रतीक बताया। सभी मोर्चों पर विफल, आमजन की कसौटी पर असफल कांग्रेस पार्टी स्वयं को पुन: प्रतिश्ठित करने, देष की जनता के समक्ष उजागर करो$डों-करो$डों के घपलों, भ्रश्टाचार, व्याभिचार, कालेधन, महंगाई से निपटने में पूर्ण विफल, देष के युवाओं को रोजगार देने, किसानों को सुविधाएं देने में विफल, जिनके षासन में बहु-बेटियां सुरक्षित नहीं, राश्ट्र सुरक्षित नहीं, चहुंओर आतंकवाद-नक्सलवाद-घुसपैठ से प्रभावित जनता का ध्यान भटकाने का एकमात्र फार्मूला है यह बयान।

भाजपा प्रदेष कार्यसमिति सदस्य मांगीलाल जोषी, युधिश्ठिर कुमावत, डॉ. किरण जैन, महामंत्री चन्द्रसिंह कोठारी, लोकेष द्विवेदी, मोतीलाल डांगी, वरीश्ठ उपाध्यक्ष भाजपा षहर जिलाउपाध्यक्ष कुन्तीलाल जैन, राजेन्द्र बोर्दिया, वन्दना मीणा, हंसा माली, गणेष व्यास, मंत्री मनोहर चौधरी, षंकर सालवी, राम लाल चौधरी, खुबीलाल पालीवाल, अरविन्द जारोली, करण सिंह षक्तावत, फूलसिंह मीणा ने राश्ट्रभक्त संगठन आरएसएस व भाजपा के लिए अनर्गल बयान की निन्दा करते हुए बयान को देष के लिए खतरनाक बताया।

भाजपा डॉ. मुखर्जी मण्डल अध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी चंचल कुमार अग्रवाल, सहप्रभारी राकेष षर्मा, कमल कुमावत, अनिल अग्रवाल ने कहा कि देष में एक के बाद एक आतंकी घटनाएं, घुसपैठ हो रही है। तुश्टीकरण की नीति के चलते आतंकवादियों व घुसपैठियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही और सरकार का इन लोगों को पूर्ण संरक्षण प्राप्त हैं। आतंकवाद के ल$डने का जो हथियार पोटा कानून था उसे भी खत्म कर आतंकवाद को खुली छूट दे रखी है।

केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में हिन्दु आंतकवादी पनपाने के बयान के विरोधमें सूरजपोल पर भारतीय मजदूर महासंघ के तत्वावधान में जोरदार प्रदर्शन किया और गृहमंत्री शिंदे का पुतला पंू*का। महासंघ के प्रदेश मंत्री कमलेन्द्र ङ्क्षसह पंवार के नेतृत्व में बडी संख्या में कार्यकर्ताओं का हुजूम नारेबाजी करता हुआ सूरजपोल पहुंचा जहां शिंदे का पुतला खडा कर जमकर नारेबाजी की ओर पुतला पंू*का। प्रदर्शनकारियों ने शिंदे के बयान को कांग्रेस की सोची समझी साजिश बताया तथा कहा कि यह देश को टुकडो में विभाजित करने की साजिश है। प्रदर्शन के मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, सभापति रजनी डांगी, महिला मोर्चाध्यक्ष अलका मंूदडा आदि मौजुद थे।

भूमाफिया के विरूद्घ जन मंच ने किया शंखनाद

उदयपुर, जरूरतमंदों के लिये अपना घर का सपना आवश्यक सुविधायुक्त आवास उपलब्ध हो। यह विचार के साथ जनमंच उदयपुर व शहर के अन्य लोगों ने वर्तमान सरकार की नीति एवं भूमि दलाल, माफिया व भ्रष्ट प्रशासन के विरोध में कलेक्ट्री पर धरने के साथ अपना घर का सपना का आंदोलन शुरू किया।

धरने के दौरान माकपा सचिव बी.एल. सिंघवी ने कहा कि अपना घर या मकान हर आदमी का सपना होता है ज्हां वह सुकून के पल बिताता है लेकिन वर्तमान सरकार, भूमि दलाल, व भ्रष्ट प्रशासन के गठजोड से आम आदमी का यह सपना चूर-चूर हो गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह एक आवास नीति घोषित करें, जिसमें समस्त जरूरतमंदों को एक निश्चित समय सीमा में अवश्य सुविधायुक्त आवास उपलब्ध करावें।

पूर्व विधायक एवं भाजपा जिला सचिव मेघराज तावड ने कहा कि आवासन मण्डल नगर विकास प्रन्यस पंगु बन गये है। वे आवास देने के बजाय भू माफियाओं के लिये भूमि रूपान्तरण व सुविधा उपलब्ध करवाने वाले ऐजेन्ट मात्र है। जनमंच के संयोजक अरूण व्यास ने कहा कि जिसे लोग धरती मां कहते थे आज वहीं धरती मां कुछ मुनाफाखोरो के लिये सिर्फ ज्यादा मुनाफे वाला उद्योग बना हुआ है और उन्होंने प्रशासन को भी भ्रष्ट कर रखा है। इस धंधे में राजनैतिक लोग ज्यादा लगे हुए है।

समाजवादी पार्टी के भंवरलाल वैरागी के अनुसार उदयपुर शहर का हर तीसरा व्यक्ति इन भू माफियाओं का सताया हुआ है। जो डरा धमका कर ठगी कर धोखे से अपनी पैतृक सम्पत्तियों को कोडियों में इनके हाथों बेचने को मजबूर कर देते है।

सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सुहालका ने कहा कि भू माफिया राजनेताओं के साथ मिलकर गरीब आदिवासियों किसान की जमीन धोखे से कोडियों की कीमत में खरीद कर उन पर प्लानिंग कर मुनाफा कमाने में लगे हुए है।

पार्षद राजेश सिंघवीने कहा कि राजस्थान में शहरी भूमि हदबंदी कानून पुन: लागू करा किसी भी व्यत्ति पास अधिकतम आवास योग्य भूमि को सीमा तय कर उससे अधिक भूमि को जब्त कर जरूरतमंदों को दी जावे। सभा में सभी ने आवासीय उपयोग हेतु कृषि भूमि में व्यवसाय पर रोक लगाने ऐसे व्यवसाय को अवैध घोषित करने, कृषि भूमि को गैर कृषक को बेचने पर रोक लगाने आदि आम आदमी को आवास की सुविधा मुहैया कराने की मांग की व सभा के उपरांत जन मंच की ओर से एक प्रतिनिधि मण्डल ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को देकर आम आदमी के घर के सपने को पूरा करने हेतु आवास नीति बनाने की मांग की। इस अवसर पर जन मंच उदयपुर की ओर से इस मुद्दे को जन आंदोलन बनाने का भी ऐलान किया गया।

 

जलदायकर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ

उदयपुर, भारतीय जलदाय कर्मचारी संघ जिला उदयपुर द्वारा पूर्व में दिये गये 5 सूत्री मांग पत्र को स्वीकृत कर विभाग द्वज्ञरा कर्यवाही नहीं किये जाने के विरोध स्वरूप सोमवार से राघवेन्द्र सिंह सारंगदेवोत के नेतृत्व में 11 कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ कर एक आम सभा की।

आम सभा को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि उदयपुर में लंबे समय से अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है। जिसके कारण विभाग को 55 करोड रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। जो जांच का विषय तो है ही तथा ऐसी अनियमितता करने वाले लोगों के खिलाफ जांच कर दोषी अधिकारी एवं ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जावें।

महासंघ के महामंत्री बृजराज आचार्य ने जलदाय श्रमिकों की मांगों पर सरकार से हुई वार्ता की जानकारी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने 10 फरवरी तक श्रमिकों की मांगो को पूरा किये जाने का आग्रह करते हुए कहा कि जिन योजना को नगर पालिका एवं पंचायती राज को सौंपे जाने के आदेश निरस्त नहीं किये तो फरवरी माह में पूरे प्रदेश के श्रमिकों का प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी जायेगी।

आचार्य ने उदयपुर के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भेदभाव का रास्ता छोडे तथा यूनियन के पदाधिकारियों के खिलाफ झूठे मुकदमे बनाकर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया तो वह सहन नहीं होगा।

 

ट्रेन से कटकर एक व्यक्ति की मृत्यु

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डूंगरपुर, कोतवाली थानान्तर्गत साबेला बाई पास के पास ट्रेन की पटरी पर ट्रेन से कट एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिपली अ थाना केशरीयाजी निवासी शंकर पुत्र कचरा अहारी जो कि विगत ५ वर्षो से सुरपुर अपने ससुराल में रहता था। दोपहर में अहदाबाद वाली टे्रन के आगे आ जाने से शंकर की मृत्यु हो गई। ट्रेन के चालक ने डंूगरपुर रेल्वे स्टेशन पहुंच जीआरपी थाने को सूचना दी। जिन्होने सदर थाना को घटनाक्रम से अवगत कराया। जिस पर द्वितीय अधिकारी हनुवंतसिंह मौके पर पहुंचे। लेकिन उक्त घटनाक्रम कोतवाली थाने का होने पर शहर कोतवाल ज्ञानेन्द्रसिंह मौके पर पहुंचे। मृतक के शव को मुर्दाघर में रखवाकर उसके परिजनों को पिपली अ में अवगत कराया गया। मंगलवार को पोस्ट मार्डम कराया जायेगा।

 

अस्थिया हटा कीचड़ में डाली

उदयपुर, मृतका मां की शमशान घाट से अस्थियां हटाने पर पुत्र ने पुलिस में शिकायत की।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चांदपोल चोहानों की गली निवासी नरेन्द्र गहलोत ने रानीरोड स्थित शमशान घाट पर कार्यरत सफाई कर्मी के खिलाफ रिपोर्ट दी की।18 जनवरी को मां की मृत्यु होने पर उनका रानीरोड स्थित शमशान घाट पर अङ्क्षतम संस्कार किया। सोमवार को अस्थियां लेने गये तो मोके पर नहीं मिली। काफी तलाश करने के बाद अस्थिया कींचड पडी टोकरी में मिली।रिपोर्ट में नरेन्द्र ने आम जन की भावना को देखते हुए सफाई कर्मी को पाबंद कर भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति नहीं करने की शिकायत की।

 

वन भूमि पर कब्जा करने वालों को जेल

उदयपुर, जरगाजी गुर्रा स्थित वन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास करने के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेजा।

सायरा थाना पुलिस ने जरगा वन क्षेत्र भूमि की 160 मीटर दीवार ध्वत कर कब्जा करने का प्रयास करने के आरोपी गणावल निवासी पुरा, रूपा पुत्र धन्ना, भूरा पुत्र पन्ना, नाथु पुत्र हरिंग,दल्ला पुत्र उमा गतेती को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेजा। प्रकरण के अनुसार वन नाका गुर्जरों का खेडा अन्र्तगत वनखण्ड जरगा नामी जगह गुर्रा मोटी बीवण वन क्षेत्र की 9 जनवरी को आरोपियों ने कब्जा करने की नियत से 160 मीटर दीवार ध्वस्त कर दी थी। गश्ती दल को इसका पता चलने पर सहायक वनपाल बनाराम ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाया था।

माइन्स श्रमिकों पर पत्थर बाजी

उदयपुर,बैकरिया थाना पुलिस ने आठ से अधिक श्रमिकों के खिलाफ माइन्स के श्रमिकों पर पत्थरबाजी करने का प्रकरण दर्ज किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार खेडा तला माइन्स के सुरक्षा अधिकारी मंगल सिंह पुत्र अनन्त सिंह ने भीमाणा जिला पाली निवासी चिनाद पुत्र खैता सहित 8 श्रमिकों के खिलाफ माइन्स में कार्यरत श्रमिकों पर पत्थरबाजी करने का प्रकरण दर्ज करवाया। कि 19 जनवरी को आये आरोपियों ने माइन्स क्षेत्र में चल रहे कार्य के दौरान आरोपियों ने पत्थरबाजी की। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। माइन्स में श्रमिकों एवं प्रबंधकों के बीच १४ सूत्री मांग को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले में अब तक ३ प्रकरण प्रबंधन की ओर से पुलिस में दर्ज करवायें है तथा एक बार राज्य के युवा मामलात एवं खेलमंत्री एवं जिला कलक्टर, एवं माइन्स प्रबंधकों, श्रमिकों नेताओं के बीच हुई वार्ता में भी कोई सुलह नहीं हो पाई थी। माइन्स में कार्यरत श्रमिकों के लिए राशन सामग्री ले जाते समय हडताली श्रमिकों ने रोका था। इस दौरान पुलिस ने ४ राउण्ड फायर भी किये थे।

क्या है दुनिया की सबसे महंगी दवा की कीमत?

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130118145632_medicine_304x171_bbc_nocreditदुनिया में कई ऐसी विरली बीमारियाँ हैं जो केवल गिने-चुने लोगों को ही होती हैं. ज़ाहिर है इन बीमारियों के लिए दवाएँ भी खास होती हैं और साथ ही इनकी कीमत भी.

 

स्कॉटलैंड में रहने वाली लेसली को पैरॉक्सीसमल नॉक्टरनल हेमोग्लोबिनूरिया (पीएनएच) नाम की बीमारी है.

इसके लिए वो सोलिरिस नाम की दवा लेती हैं जिसकी कीमत प्रति वर्ष दो लाख 50 हज़ार पाउंड यानी करीब दो करोड़ रुपए है. सोलिरिस दुनिया की सबसे महंगी दवाई है.

 

जो बीमारियाँ दुनिया में मुठ्ठी भर लोगों को ही होती हैं उनके लिए बनने वाली दवाओं को ‘ऑरफन ड्रग्स’ कहा जाता है.

 

लेसली की बीमारी भी ऐसी ही है. लेसली की हालत ये थी कि उन्हें सीढ़ियों पर भी कोई उठाकर ऊपर ले जाता था, कपड़े भी किसी और को पहनाने पड़ते थ .कभी कभी तो बिस्तर पर भी करवट लेना भी मुमकिन नहीं होता था. लेकिन सोलिरिस दवा लेने के बाद से उनकी जिंदगी बदल गई है.k

 

इतनी महंगी क्यों है दवाएँ

 

पर सवाल ये है कि सोलिरिस जैसी महंगी दवाओं की कीमत और उससे होने वाले फायदे को आँका जाए तो ये दवाएँ कितना कारगर साबित होती हैं?

 

सोलिरिस बनाने वाली कंपनी एलिक्सन का कहना है कि दवाई की कीमत उचित है क्योंकि इस दवा को बनाने में कंपनी को बहुत खर्चा आया और काफी जोखिम भी उठाना पड़ा.

 

कंपनी के मुताबिक सोलिरिस उपलब्ध होने से पहले एक तिहाई मरीज़ पाँच साल के अंदर ही मर जाते थे.

 

यूरोप में 60 से ज़्यादा ऑरफन ड्रग्स हैं यानी दुलर्भ बीमारियों के लिए बनी दवाएँ.सभी ऑरफन ड्रग्स सोलिरिस जितनी महंगी तो नहीं है लेकिन ये उद्योग बड़ी कमाई वाला उद्योग बन गया है.

 

थॉमसन रॉयटर्स लाइफ साइंसिज़ की डॉक्टर किरण मिकिंग्स कहती हैं, “ऑरफन ड्रग्स की बाज़ार में कीमत करीब 50 अरब डॉलर है और ये बढ़ रहा है, 60 फीसदी की दर से.”

 

हालांकि दवा उद्योग का कहना है कि बिरली बीमारियों की दवाएँ अगर महंगी हैं तो इसलिए क्योंकि इन पर होने वाली शोध की कीमत बहुत है.

 

‘मेरे लिए ये दवा बेशकीमती है’

ब्रिटिश फॉर्मास्यूटिकल उद्योग की डॉक्टर फ्रांसिस मैक्डॉनल्ड कहती हैं, “बाज़ार में नई दवा उतराने में करीब एक अरब पाउंड खर्च होते हैं. वैसे भी कई दवाओं के बीच से शायद एक दवा बाज़ार तक पहुँत पाती है. इसे बाकी सारी दवाओं का खर्च निकालना होता है.”

 

लेसली कहती हैं कि सोलिरिस लेने के बाद से उनकी ज़िंदगी बदल गई है
लेसली कहती हैं कि सोलिरिस लेने के बाद से उनकी ज़िंदगी बदल गई है

अब चर्चा इस बात पर है कि चंद मरीज़ों के लिए बनने वाली बेहद महंगी दवाओं का बोझ उठाने के लिए दवा उद्योग को सब्सिडी और कर रियायतें मिलनी चाहिए? या फिर इससे लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.

 

दरअसल आखिर में ये बहस इसी बात पर निर्भर करती है कि दवा का दाम क्या है और ज़िंदगी में उसकी असली अहमियत क्या है. लेसली जैसे मरीज़ों की बात करें तो उनके लिए सोलिरिस दवा बेशकीमती है.

 

लेसली कहती हैं, “मेरे परिवार के सामने वो स्थिति थी कि दस साल में मेरी मौत हो सकती थी. मेरे पति को बच्चों को अकेले ही पालना पड़ता. मेरे माता-पिता अपनी बेटी को खो देते. लेकिन अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”

 

स्कॉटलैंड में लेसली और आठ अन्य लोगों को इस तरह की महंगी दवा सरकार से मिल रही है.

 

दिल्ली बलात्कार: फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में भी सुनवाई बंद कमरे में

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130107085154_accused_in_a_gangrape_and_murder_case_512x288_afpदिल्ली में युवती से हुए सामूहिक बलात्कार मामले की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में भी बंद कमरे में होगी.

 

सोमवार को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई शुरु हुई और फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने पिछली अदालत के इस फ़ैसले को बरक़रार रखा कि सुनवाई के दौरान मामले से संबंधित लोगों के अलावा कोई और मौजूद नहीं रहेगा.

फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने पहले दिन सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद आरोप तय करने का फ़ैसला किया.

 

पैरामेडिकल छात्रा के साथ दिल्ली में गत 16 दिसंबर को चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. इनमें से एक अवयस्क है यानी उसकी उम्र 18 वर्ष से कम है.

सभी छह लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. इनमें से पाँच के ख़िलाफ़ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलेगा जबकि अवयस्क अभियुक्त के ख़िलाफ़ मामला किशोर अदालत में चलेगा.

 

युवती की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.

 

इस मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी.

 

‘एक और अभियुक्त अवयस्क’

 

फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के बाहर कुछ प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए थे
फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के बाहर कुछ प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए थे

सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश योगेश खन्ना की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के बाहर कई मीडियाकर्मी इस उम्मीद में समय से पहले पहुंचे कि उन्हें अदालत के भीतर से रिपोर्टिंग करने की इजाज़त मिलेगी.

 

कार्रवाई शुरू हुई और अभियुक्तों के वकीलों ने न्यायधीश के सामने दलील रखी कि चूंकि ये जुर्म किसी एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि पूरे समाज के ख़िलाफ़ किया गया है, इसलिए पूरे समाज को ये जानने का अधिकार है कि अदालत के भीतर क्या कार्रवाई होगी.

 

लेकिन न्यायधीश इस तर्क से संतुष्ट नहीं दिखे और मीडिया को अदालत के बाहर जाने का आदेश दे दिया.

पांच में से दो अभियुक्तों विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के वकील ने दावा किया कि विनय शर्मा की उम्र 18 साल से कम है और इसलिए उसका मामला किशोर अदालत में भेज दिया जाना चाहिए. हालांकि उनके पास ये साबित करने के लिए कोई कागज़ात नहीं थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वे पुलिस से अपील करेंगे कि विनय शर्मा की सही उम्र का पता लगाए जाने के लिए उसका बोन टेस्ट किया जाए.

 

उन्होंने दावा किया कि जिस दिन वारदात हुई उस दिन विनय शर्मा बाकी पांच आरोपियों के साथ था ही नहीं.

 

इससे पहले छठे अभियुक्त की सही उम्र पता लगाने के लिए उसका बोन टेस्ट किया गया है जिसकी रिपोर्ट कुछ ही दिनों में आने की संभावना है.

 

मामले में एक दूसरा मोड़ तब आया जब एपी सिंह ने दावा किया कि उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं कि अगर उन्होंने ये केस नहीं छोड़ा तो उन्हें गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ सकता है.

 

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अभियुक्त मुकेश सिंह के वकील की उस अपील पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने इस केस को दिल्ली से बाहर भेजने की अर्ज़ी लगाई है.

 

एपी सिंह ने अदालत से कहा है कि उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं
एपी सिंह ने अदालत से कहा है कि उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं

दूसरे अभियुक्तों के वकीलों ने भी इस केस को बाहर ट्रांसफर करने की इच्छा ज़ाहिर की है क्योंकि उनका कहना है कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का असर इस मामले के नतीजों पर पड़ सकता है.

सो.बी बी सी

ओबामा का शपथ समारोह

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अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने शपथ ग्रहण समारोह के पहले दिन वॉशिंगटन के मेट्रोपॉलिटन अफ्रीकन मेथोडिस्ट चर्च में आयोजित समारोह में शामिल हुए.
अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने शपथ ग्रहण समारोह के पहले दिन वॉशिंगटन के मेट्रोपॉलिटन अफ्रीकन मेथोडिस्ट चर्च में आयोजित समारोह में शामिल हुए.
अमरीका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा मंच पर से अपना भाषण देते हुए. ये उदघाटन समारोह वॉशिंगटन के नेशनल म्यूज़ियम बिल्डिंग में रविवार को आयोजित किया गया.
अमरीका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा मंच पर से अपना भाषण देते हुए. ये उदघाटन समारोह वॉशिंगटन के नेशनल म्यूज़ियम बिल्डिंग में रविवार को आयोजित किया गया.
वॉशिंगटन के नेशनल बिलडिंग में मिशेल ओबामा के भाषण के दौरान उन्हें बड़ी ध्यान से सुनते हुए राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा.
वॉशिंगटन के नेशनल बिलडिंग में मिशेल ओबामा के भाषण के दौरान उन्हें बड़ी ध्यान से सुनते हुए राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा.
नेशनल म्यूज़ियम में मौजूद दर्शकों के बीच भाषण के दौरान किसी बात पर अपनी राय ज़ाहिर करते हुए बराक ओबामा.
नेशनल म्यूज़ियम में मौजूद दर्शकों के बीच भाषण के दौरान किसी बात पर अपनी राय ज़ाहिर करते हुए बराक ओबामा.
समारोह के दौरान वहां इकट्ठा हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार करते राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पत्नी मिशेल के साथ. साथ में हैं उपराष्ट्रपति जोज़ेफ आर. बिदेन.
समारोह के दौरान वहां इकट्ठा हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार करते राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पत्नी मिशेल के साथ. साथ में हैं उपराष्ट्रपति जोज़ेफ आर. बिदेन.
ओबामा के भाषण के दौरान मंच पर मौजूद उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, डॉ जिल बिदेन और उपराष्ट्रपति जोजेफ़ आर बिदेन उन्हें सुनते हुए.
ओबामा के भाषण के दौरान मंच पर मौजूद उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, डॉ जिल बिदेन और उपराष्ट्रपति जोजेफ़ आर बिदेन उन्हें सुनते हुए.
बराक ओबामा के उदघाटन से पहले अमरीकी फौज के ओल्ड फीफे ड्रम कॉर्प्स के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
बराक ओबामा के उदघाटन से पहले अमरीकी फौज के ओल्ड फीफे ड्रम कॉर्प्स के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
उदघाटन समारोह के दौरान बराक ओबाका का चुंबन से अभिवादन करते हुए उनकी पत्नी मिशेल ओबामा. साथ में खड़े हैं उपराष्ट्रपति जोज़ेफ बिदेन.
उदघाटन समारोह के दौरान बराक ओबाका का चुंबन से अभिवादन करते हुए उनकी पत्नी मिशेल ओबामा. साथ में खड़े हैं उपराष्ट्रपति जोज़ेफ बिदेन.

 

 

सो.बी बी सी