हज़ारों स्काई लैंटर्न उड़ा कर ईको फ्रेंडली दिवाली मानाने का सन्देश दिया |

eco friendly diwali
उदयपुर | दीपावली से पूर्व शहरवासियों को दिया इको फ्रैंडली दीपावली मानाने का सन्देश – उड़ाए 3000 स्काई लैंटर्न
उदयपुर शहर की ऑनलाइन पोर्टल UdaipurBlog.com ने लगातार तीसरे वर्ष दिया शहर को
eco freindly दिवाली मानाने का सन्देश ।
रविवार शाम जब शहरवासी फतेहसागर पहुंचे तब हवा में उड़ते स्काई लंटर्न्स का अद्धभुत नज़ारा देख
काफी प्रसन्न दिखे सभी ने आगे चल कर कार्यक्रम में हिस्सा लिया तथा आमंत्रित सभी अतिथिगण ने भी
शहर- वासियों के साथ मिलकर स्काई लंटर्न्स उड़ाए ।
लगभग 4 -5 हज़ार लोगो ने कार्यक्रम को सफल बनाया ।
साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा संचालित स्वच्छ भारत अभियान का सन्देश भी स्काई लंटर्न्स पर लगाया गया । कार्यक्रम में मौजूद सभी युवाओ ने Eco Friendly दिवाली मानाने की शपथ ग्रहण की
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हिन्दुस्तान जिंक के छःमाही वित्तीय परिणामों की घोषणा

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दूसरी तिमाही में जस्ता-सीसा-चांदी का उत्पादन बढ़ा

95 % अंतरिम लाभांश की घोषणा
HZL-Dariba Smelting Complex
उदयपुर | हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने आज मुम्बई में आयोजित अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में 30 सितम्बर 2014 को समाप्त छःमाही व दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।

हिन्दुस्तान जिंक ने दूसरी तिमाही में खनित धातु उत्पादन, बिक्री योग्य, सीसा-जस्ता तथा चांदी उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि की है। कंपनी ने लाभ में वृद्धि के साथ ही 95 प्रतिषत अंतरिम लाभांष की भी घोषणा की गयी है।

‘‘हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन श्री अग्निवेष अग्रवाल जी ने कहा कि लण्दन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में जस्ता धातु की कीमते सकारात्मक रही है। आज हमारा सम्पूर्ण ध्यान कंपनी की परियोजनाओं की स्थिरता पर है तथा कंपनी की खनन उत्पादन क्षमता में वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी को बनाए रखने तथा लाभ में सुधार के लिए हम प्रतिबद्ध है।’’

वित्तीय वर्ष 2015 की दूसरी तिमाही में खनित धातु का उत्पादन 212,575 मैट्रीक टन हुआ जबकि, इसी वर्ष की पहली तिमाही में 163,131 मैट्रीक टन था जो 30ः की वृद्धि दर्षाता हैं जबकि गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 4ः उत्पादन की कमी हुई है। गतवर्ष कंपनी ने 221,646 मैट्रीक टन खनित धातु उत्पादन किया था।

इस छःमाही में खनित धातु का उत्पादन 375,706 मैट्रीक टन हुआ जो गतवर्ष की इसी अवधि में 459,471 मैट्रीक टन था।

एकीकृत रिफाइन्ड जस्ता में 25ःए सीसा में 18ःए तथा चॉदी के उत्पादन 21ः की बढ़ोतरी हुई। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस बार रिफाइन्ड जस्ता,सीसा एवं चांदी के उत्पादन में कमी आई है। जिसका मूल कारण व्यवस्थित कमी लाना एवं शटडाउन रहा है।

क्ंपनी के कर्मचारियों के दीर्घ कालीन वेतन समझौता लागू होने से उत्पादन लागत में 16 प्रति डालर की वृद्धि होगी तथा यह वृद्धि आने वाले वर्षों में भी चालू रहेगी।

वित्तीय वर्ष 2015 की दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने 3,749 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित किया जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 6ः अधिक है तथा 2,184 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ अर्जित किया जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 33ः अधिक दर्शाता है।

कंपनी ने पहली छमाही में अपनी खदान क्षमता में 21 प्रतिषत की वृद्धि की है जो 20.6 कि.मी. से 24.9 किमी हो गयी है।
तिमाही के दौरान कंपनी की कायड़ खदान में पर्यावरण स्वीकृति मिलने के परिणास्वरूप उत्पादन क्षमता 0.35 एमटीपीए से बढ़कर 1.0 एमटीपीए हो जाएगी।

कम्पनी के निदेशक मण्डल ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 95 प्रतिशत अंतरिम लाभांश घोषित किया है जो 2 रूपये के प्रति इक्विटी शेयर पर 1.90 रु. है जबकि गतवर्ष 1.60 रु. था। लाभांष का भुगतान दूसरी तिमाही के अंत में कर दिया गया है।

तीन दिनों में दस “पड़ाव” : नुक्कड़ नाटक

IMG_9792उदयपुर | नाट्य संस्था नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परफोर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों द्वारा आज अलसुबह गोवर्धन सागर पाल पर नुक्कड़ नाटक “पड़ाव” का सफल मंचन किया गया। नाट्यांश सोसाइटी के सचिव अमित श्रीमाली ने बताया की नाट्यांश के कलाकारों द्वारा पिछले तिन दिनों में इस नाटक के लगातार 10 मंचन विविध स्थानों पर किये गए |
श्रीमाली ने बताया की सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य न केवल मनोरंजन बल्कि इस तरह के मुद्दे को आम जनता तक भलीभांति पहुँचाना था, श्रीमाली ने बताया की पिछले तीन दिनों में विविध स्थानों पर मंचन के बाद अलग अलग संख्याओ में लोग मिले परन्तु सभी जगह की जनता ने कलाकारों के अभिनय और नाटक के केंद्रीय मुद्दे की काफी प्रशंसा की | चूँकि केंद्र वृद्ध माता पिता का था तो कितने ही स्थानों पर उपस्थित वृद्धजन भावुक हो उठे और कलाकारों की प्रशंसा करके उन्हें आशीर्वाद भी दिया |
यह नाटक हमारे देश में बुजुर्गों के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार और उनके अकेलेपन पर आधारित है। साथ ही इस नाटक में बुजुर्गों को उनके बच्चों द्वारा वृद्धाश्रम भेजने के मुद्धे पर भी प्रकाश डाला है। बुजुर्ग हमारी समस्या नहीं होते बल्की कई समस्याओं का समाधान होते हैं। हमें उनसे सिर्फ बात ही तो ।
नाट्यांश के इस नाटक में अश्फाक नुर खान, अमित नागर, अमित श्रीमाली, रेखा सिसोदिया, तरूण जोशी, आयुष माहेश्वरी, चेतन मेनारिया, अब्दुल मुबीन खान पठान, श्लोक पिम्पलकर और यथार्थ गोस्वामी ने अभिनय किया। नाटक का लेखन एवं निर्देशन मोहम्मद रिज़वान मन्सुरी ने किया।
नाटक का सारांश – यह नाटक एक मध्यम वर्गिय परिवार के इर्द-गिर्द घुमता है। एक बुजुर्ग जोड़ा अपने बच्चे के लिए हमेशा चिन्तित रहता है और लड़का उनके इस प्यार और देखभाल को बन्दीश समझता है और इसी के चलते वो अपने बुजुर्गों को घर से निकाल देता है। बाद में उसे अपनी गलती का एहसास होता है और वो बुजुर्ग को ढुढ़ने जाता है और उनसे माफी मांग कर घर चलने का आग्रह करता है। स्वाभीमानी माता-पिता उसके साथ वापस घर जाने से मना कर देते है।

त्योहारी सीजन में बड़ी बाजारों में हलचल – बाजारों में छाई रौनक

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IMG-20141020-WA0010उदयपुर । शहर में त्योहारी सीजन के चलते लोग खरीदारी के लिए जुट गए है। शहर के मुख्य बाजारों की संकरी गालियों में रविवार को लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। गुरू पुष्य नक्षत्र में अच्छी ग्रहाकी के बाद धनतेरस से दीपावली तक अच्छे कारोबार की उम्मीद है। सोमवार सुबह से ही बाजारों में अच्छी भीड़ देखी गई। सुबह सुबह ही शहर के मालदासी स्ट्रीट, बाबुबाजार, अशवनी बाजार, मंड़ी, सिंधी बाजार आदी पर लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। सराफा, इलेक्ट्रॉनिक आयटम, ऑटोमाबाइल, दीप, पटाखों व गारमेंट्स सहित अन्य दुकानों पर लोगों ने जमकर खरीदारी की।
मुख्य बाजारों की संकरी गालियां होने से दिनभर कई बार जाम की स्थिती बनी। सबसे ज्यादा परेशानी मालदास स्ट्रीट व मंडी की नाल में वाहनों को निकलने में काफी समस्या आई, जिसके कारण यहां पर बार-बार जाम लगाता रहा। वहीं याताया व्यावस्था भी चरमराने लगी है, लेकिन कोई ट्रैफिक जवान तैनात नहीं होने से स्थिती बार-बार बिगड़ती रही।
ठेला गाड़ी बनी समस्या
शहर के मख्य में स्थित मंडी में ठेला गाड़ी पर दुकान लगाने वालों के कारण वाहन चालकों को काफी समस्या उठानी पड़ी। संकरा मार्ग होने के बावजूद भी ठेला रोड पर ही अपने छोटे-मोटे सामान बेचने लगते है और इनके कारण टै्रफिक व्यवस्था बिगड़ गई। मार्ग पर खड़े रहने के कारण अन्य वाहनों को निकलने में काफी दिक्कतें उठानी पड़ी।
लुभा रहे फैन्सी पटाखे :
IMG-20141020-WA0009पटाखा बाजार में दुकानों लग गई है। लव कुश स्टेडियम में लगी दुकानों में कई पटाखे आए है। लोगों को इस बार बाजार में फै ंसी पटाखे अधिक लुभाएंगे। जहां फुलझड़ी जलाने पर ट्रेन की आवाज निकलेगी। वहीं रंग दरबार के १२ शॅाट आसमान में दिखाई देंगे। १२ कलर म्यूजिक शॉट के साथ ही सितारे निकलेगें। इसके साथ ही उडऩ छतरी, म्यूजिकल ट्रेन के अलावा अन्य पटाखे भी लोगोंं के आकर्षण का कंछ्र बनेगें। स्कुलों की अवकाश होने के कारण पटाखों की दुकानों में भीड़ देखने को नहीं मिली। व्यापारियों ने बताया कि धनतेरस में लोगों की अच्छी भीड़ आने और उसके मुताबिक अच्छे व्यापार की उम्मीद है। पटाका व्यापारियों ने बताया कि हीरो-हीरोइनों के नाम के पटाके बाजार में आये है। जिसके करीना रॉकेट, केटरीना फुलझड़ी, मल्लिका शेरावत के नाम पर रस्सी बंब बिक रही है। इस बार गोङ्क्षवद और ऐश के नाम पर बमों की लड़ी बाजार में है।
कपड़ों की दुकानों पर भीड़ : शहर में रेडीमेट कपड़ों की दुकानों पर खासी भीड़ लगी हुई है दिवाली के चलते कई शो रूम्स पर विशेष ऑफर लगे हुए है जिसके चलते खासी भीड़ जमी हुई है और महिलाएं और पुरुष जम कर खरीददारी कर रहे है | शोरूम्स मालिकों के अनुसार इस बार युवाओं में ब्रांडेड कपडे खरीदने का काफी क्रेज दिख रहा है |
इलेक्ट्रॉनिक्स की बूम : बापूबाज़ार सूरज पोल आदि जगह इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के लिए खासे ऑफर्स का इंतज़ाम किया हुआ है और उदयपुर वासी जम कर खरीददारी करने में लगे हुए है | टाउन हॉल पर तो यह आलम है की शोरूम मालिकों ने अपनी दूकान के बाहर तक टीवी फ्रीज आदि जमा रखे है बड़े बड़े गेट लगेहुए है |
दुपहिया और चार पहिया वाहनों की बुकिंग : मंगलवार को धनतेरस होने से पिछले कई दिनों से आज के दिन वाहनों की डिलिवरी के लिए लोगों ने आर्डर बुक किये हुए है एक शोरूम्स मालिक के अनुसार सिर्फ धनतेरस के दिन १८०० दुपहिया वाहनों को डिलीवर करना है जिसकी तैयारी पिछले कई दिनों से कर रखी है |
सजावट के सामान से दुकानें सजीं :
दीवाली में घर-आंगन और मुख्य द्धार को सजाने के लिए कृ त्रिम फुलों की लड़ी, गुलदस्ते और आकर्षक मालाओं का बाजार भी सज गया है। कृत्रिम फू लों से सजी दुकानों बाहर तक सजी हुई है। वहीं विघुत झालरों की दुकानें भ्ज्ञी जगमगाने लगी है। दीवाली पर कमल और फुल मालाओं को बेचने माली समाज के लोग तैयारी कर रहे है।
दिया-बाती की दुकानें लगीं :
धन देवी मॉ लक्ष्मी की पूजा अर्चना के त्यौहार दीपावली में दिया और बाती का महत्व है। मिट्टी के दिये और रूई की बाती बेचने बाजार में दुकानों सजी हुई है। एक व्यापारी ने बताया की मिट्टी के छोटे दिये सबसे ज्यादा बिकते है। त्यौहार के सिजन में दिपक एक रूपये में एक मिल रहा है। वहीं चमकदार रंग-बिरंगे दिये भी ग्राहक पंसद कर रहे है। दीवाली पर घर में मॉ लक्ष्मी का आहान करने द्धार और आंगन में रंगोली सजाने बाजार में रंग बिंरगाी रंगोली सजाने बाजार में रंग बिंरगे रंगोली, मिठाई और फलों की दुकानों भी आकर्षक ढंग से सजाई गई है। श्री लक्ष्मी, गणेश की मूर्तियों तस्वीर बेचने वाले व्यापारी भी दुकान सजाने की तैयारी में है।

न तो रूद्राक्ष का खुलासा हुआ, न ही अक्षरा का

अक्षरा की हत्या को हुए चार दिन, गांव मे पूछताछ जारी
IMG_0290उदयपुर। न तो कोटा में अपहृत रूद्राक्ष की हत्या का खुलासा हुआ है और न ही उसी तर्ज पर शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र स्थित पाड़ा खादरी, साकरोदा में चार दिन बाद भी दो साल की अक्षरा की हत्या के मामले का खुलासा हो पाया है। हालांकि पुलिस अधीक्षक अजयपाल सिंह लाम्बा का दावा है कि महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं और जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।
पुलिस गांव में अक्षरा के परिजनों सहित अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है, लेकिन मृतक के परिवार से किसी की रंजिश होना भी सामने नहीं आ रहा है। पुलिस हत्या में परिवार के ही किसी व्यक्ति का हाथ होने की आंशका जता रही है। ग्रामीणों ने बताया कि अक्षरा का कोई भाई नहीं था। अक्षरा से तीन बड़ी बहनें ही हैं। हालांकि अक्षरा के घर में ही उसके बड़े पापा का लडक़ा रहता है। पुलिस ने रविवार को मृतक अक्षरा के पिता, चाचा, रिश्तेदारों, पड़ोसियों सहित ग्रामीणों से पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान दो युवकों से पूछताछ की गई जिसमें एक युवक ने बच्ची को बाइक पर ले जाते देखा बताया तो दूसरे ने केवल दोनों बाइक सवारों को ही देखा।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को पाड़ा खादरी निवासी उपसरपंच भैरू सिंह की पोती और रामसिंह की बेटी अक्षरा लापता हो गई थी। शनिवार सुबह अक्षरा घर के पीछे सौ मीटर दूर कुएं में शव मिला था। पुलिस हत्या का मामला मानकर तफ्तीश कर रही है।

राजे सरकार ने आरएएस अफसरों को दिया दिवाली तोहफा

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6जयपुर। राज्य सरकार ने दिवाली से पहले सोमवार को एक आदेश जारी कर 121 आरएएस अफसरों को पदोन्नति का तोहफा दिया है।

इनमें से 20 को हायर सुपर टाइम स्केल, 21 को सुपर टाइम स्केल, 42 को सलेक्शन स्केल और 38 को सीनियर स्केल में पदोन्नति दी गई है।

हायर सुपर टाइम स्केल में पदोन्नत अधिकारियों में नानूमल पहाडिय़ा, कैलाश बैरवा, प्रतिभा सिंह, रामचंद्र ढेनवाल, पूरणचंद्र गुप्ता, रामकृष्ण पारीक, राकेश कुमार जायसवाल, इन्द्रसिंह राव, वीरेन्द्रसिंह बांकावत, ओम पारीक गुप्ता, जुल्फिकार बेग मिर्जा, शमसुद्दीन खान, शांतिलाल नागदा, रामदयाल मीणा, यज्ञमित्रसिंह देव, छोटीराम मीणा, प्रकाशचंद्र पवन, भैरूशंकर गर्ग, महेशचंद्र शर्मा, श्यामलाल गुर्जर शामिल हैं।
सुपरटाइम स्केल में पदोन्नत अधिकारियों में टीसी बोहरा, हरजीलाल अटल, किशनलाल बाठेडिय़ा, महावीरप्रसाद मीणा, खजान सिंह, एमएल चौहान, जमीन अहमद कुरैशी, लक्ष्मीनारायण मंत्री, सुनील कुमार शर्मा, पवन कुमार जैन, इकबाल खान, कल्पना अग्रवाल, धीरज कुमार, मनीषा अरोड़ा, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, सुनील शर्मा, पुष्पा सत्यानी, पुखराज सेन, श्रुति भारद्वाज, शंकरलाल शर्मा, प्रतापसिंह राजावत शामिल हैं।
सलेक्शन ग्रेड में रामदयाल मीणा, किरोड़ीलाल मीणा, दिनेश कुमार शर्मा, प्रदीप सांगावत, जयसिंह, संजू शर्मा, पंकज कुमार ओझा, ज्योति चौहान, अजरा परवीन, मुक्तबिहारी जांगिड, निमिषा गुप्ता, कैलाशचंद्र यादव, कालूराम, निशा मीणा, रामचंद्र खराड़ी, मोहम्मद सरवर आलम सिद्दीकी, सुभाष मेहरिया, सुनीता डागा, छोगाराम देवासी, कविता पाठक, श्वेता फगेडिय़ा, सीमा कुमार, रेणु खंडेलवाल, बिन्दू करुणाकर, दाताराम, हजारीलाल, आशु चौधरी, राजरानी शर्मा, राजेन्द्रसिंह राठौड़, बनवारीलाल रमन, प्रियंका जोधावत, नीतू राजेश्वर, ज्ञानचंद्र रेगर, मोहनलाल गुप्ता, यशोदानंदन श्रीवास्तव, राजेन्द्र प्रसाद सारस्वत, प्रकाशचंद्र जैन, अत्तरसिंह मेवला, रामशरण शर्मा, ओमप्रकाश जांगिड़, कृष्णावतार त्रिवेदी और सेवाराम स्वामी शामिल हैं।
सीनियर स्केल में दयानंद शर्मा, रामचंद्र पोटलिया, मोहनलाल वर्मा, महेन्द्रसिंह राठौड़, अशोक कुमार पुरस्वानी, चंदगीराम जाजरिया, सुरेश कुमार सिंधी, ओमप्रकाश शर्मा, सत्यनारायण आचार्य, लक्ष्मणसिंह शेखावत, कमरुद्दीन, चेनाराम चौधरी, अमिताभ कौशिक, चूनाराम विश्नोई, मोहनसिंह राजपुरेाहित, राधे प्रताप सिंह, पुष्कर राज शर्मा, कैलाशचंद्र शर्मा, पारसचंद्र जैन, अमानुल्ला खां, जगदीशचंद्र हेड़ा, विनय कुमार नंगायच, अरविंद कुमार सेंगवा, भागीरथ हावा, लोकेश कुमार गौतम, गोविंदसिंह देवड़ा, रामचंद्र बैरवा, भगवतसिंह देवल, ईश्वरसिंह राठौड़, योगेश कुमार श्रीवास्तव, राजेन्द्र पसाद चतुर्वेदी, करतार सिंह पूनिया, बृजमोहन बैरवा, होशियारसिंह, सुरेन्द्रसिंह मीणा, मेघराजसिंह मीणा, रामकृष्ण मीणा हर्षवर्धनसिंह राठौड़, छगनलाल बेनीवाल, मोहनलाल जाट, नरेन्द्र कुमार जैन, राकेश कुमार गुप्ता, हंसराज मीणा, भागीरथसिंह मीणा, मोहनलाल प्रतिहार शामिल हैं। ताज मोहम्मद एवं राधेश्याम मीणा को वेटिंग में रखा गया है।
सीनियर स्केल में पदोन्नत होने वाले सेवानिवृत्त एसएस चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, एमआर मन, अजयपाल ज्ञानी, बजरंगलाल वर्मा, श्रीकृष्ण शर्मा, करतारसिंह मीणा, श्याम लोट, नाथूलाल मीणा, नरेन्द्रपालसिंह, नारसिंह शामिल भगवती प्रसाद प्रजापत, वीरेन्द्रसिंह, अनुराग भार्गव एवं सुरेन्द्रसिंह तंवर शामिल हैं। कमला एवं अजय कुमार पाराशर को वेटिंग में रखा गया है।

घर के पिछवाड़े कुएं में मृत मिली 2 साल की अक्षरा

IMG_0290उदयपुर। साकरोदा के पाड़ा खादरी गांव में शुक्रवार सुबह से अपह्वत बताई गई 2 साल की बच्ची अक्षरा शनिवार सुबह मृत मिली। मकान के पिछवाडे खेत में स्थित कुएं से उसका शव बरामद हुआ। पुलिस का मानना है कि कुएं पर मंुडेर नहीं है लेकिन बच्ची वहां अकेली नहीं पहुंच सकती। कोई बच्चा उसे ले गया और हादसा हो गया। या, किसी निकटतम ने उसकी जान ले ली। हालांकि पुलिस ने अपहरण से इनकार किया है लेकिन हर पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है। अक्षरा उपसरपंच भैरूसिंह राजपूत की पोती थी, जो शुक्रवार सुबह 10 बजे घर से लापता हो गई थी।

शाम तक खेजबीन के बावजूद नहीं मिलने पर पिता रामसिंह ने यहां प्रतापनगर थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। परिजन ने पुलिस को बताया था कि काली बाइक पर सवार दो युवक बच्ची को ले गए। इस पर पुलिस ने जिलेभर में नाकाबंदी कराई थी लेकिन बालिका का कोई पता नहीं चला था। पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा, एएसपी रेवन्तदान, हनुमान प्रसाद मीणा सहित कई अधिकारी मौके पर पहंुचे और डॉग स्कवायड को भी मौके पर बुलाया।

सर्च के दौरान डॉग मकान व उसके पिछवाड़े खेत में 300 मीटर के दायरे में घूमता रहा। पुलिस ने शुक्रवार देर रात तक आसपास खूब खोजबीन की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। परिजनोें के शक के आधार पर पुलिस ने दामाद को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की।
सौ जवान लगाए, तब मिला शव

डॉग स्कवायड के मकान के आसपास ही घूमने पर पुलिस ने रात को घटनास्थल सीज कर दिया। शनिवार सुबह करीब 100 जवानों की 2 टीमों ने सर्च अभियान चलाया। तब पुलिस को खेत में बिना मंुडेर के कुएं में बच्ची का शव नजर आया। दोपहर को एमबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया।

मौत पर ग्रामीण रह गए अवाक
अक्षरा को मृत देख परिजन की रूलाई फूट पड़ी। शव मिलने की सूचना पर गांव व आसपास के क्षेत्रों से भीड़ मौके पर जुट गई। इस दौरान हर कोई इस सवाल को लेकर उलझन में नजर आया कि नन्हीं सी जान का दुश्मन आखिर कौन हो सकता है? पुलिस ने घटनास्थल के आसपास कई ग्रामीणों से पूछताछ भी की।

शक और जांच के तथ्य
– मकान से कुएं तक मार्ग के बीच में दो खेत हैं। इन खेतों में एक जगह कांटे की बाड़ है, दो जगह 3-3 फीट ऊंची पत्थर की कोट है। वहां बच्ची अकेली जा नहीं सकती है।
– पुलिस का कहना है कि अक्षरा मां-बाप की तीसरी बेटी थी। ऎसे में आशंका है कि किसी निकटतम ने उसकी जान ली हो। इस दृष्टि से भी परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
– परिजनों ने जिस दामाद हमेरसिंह पर रंजिश के चलते अपहरण का आरोप लगाया था, उससे उनका 9 माह पहले झगड़ा हुआ था। पुलिस ने उसकी मोबाइल कॉल डिटेल व घटना के समय की लोकेशन का पता लगाया। प्रारंभिक जांच में उसके खिलाफ अपहरण की कोई स्थिति सामने नहीं आई।
– परिजनों का कहना है कि बच्ची सुबह 10 बजे गायब हुई थी जबकि दोपहर 3 बजे उन्होंने बाइक सवार दो लोगों को बच्ची को ले जाते देखा था। इसे पुलिस यह कहकर खारिज कर रही है कि अपहर्ता 5 घंटे तक बच्ची को लेकर क्षेत्र में नहीं घूम सकता।
– जांच में सामने आया कि परिजन का किसी से कोई झगड़ा नहीं था। परिवार इतना धनाढ्य भी नहीं कि मामला फिरौती का हो।
– घटनास्थल के आसपास दोपहर 1.30 बजे तक एक महिला चारा काट रही थी। पास में गैस संयत्र का सायरन बजने के बाद वह खाना खाने घर गई थी और शाम 4 बजे लौट आई थी। पूछताछ में उसने अपहरण या कुएं के आसपास किसी के आने से इनकार किया है। पुलिस का मानना है कि घटना संभवत: दोपहर 1.30 बजे बाद की है। –

थाने में वकील की धुनाई की पुलिस ने

RPKGONL011201020146Z38Z59 AMउदयपुर। पारिवारिक विवाद में हुए झगड़े के एक मामले में रविवार को तब बवाल खड़ा हो गया, जब एक अधिवक्ता ने एएसआई पर मारपीट का आरोप लगाया। थाने पर अधिवक्ताओं के प्रदर्शन और घेराव के बाद एएसआई को लाइन हाजिर कर दिया गया।

मामले के मुताबिक, मल्लतलाई निवासी नरेन्द्र नागदा व उनके परिवार के बीच घरेलू विवाद चल रहा था। रविवार सुबह नरेन्द्र की मां व भाभी के मकान पर जाने पर बहस हो गई। बाद में पुलिस दोनों को थाने ले आई। नरेन्द्र का आरोप है कि पुलिस को उन्होंने बुलवाया लेकिन एएसआई माधूसिंह ने थाने मे अभद्रता, मारपीट की। इसकी सूचना पर बार अध्यक्ष भरत जोशी, गोपालसिंह चौहान, अनिल पालीवाल, कल्पित जैन, दिलीप पालीवाल, कैलाश भारद्वाज आदि थाने पहंुचे और प्रदर्शन-घेराव कर एएसआई को हटाने की मांग की। बाद में एएसपी रेवन्तदान ने एएसआई को लाइन हाजिर कर दिया।

बीटेक छात्रा ने आत्महत्या की, शिनाख्त नहीं

RPKGONL011201020146Z38Z18 AMउदयपुर। शहर के पानेरियों की मादड़ी क्षेत्र में किराये के कमरे पर रह रही एक कॉलेज छात्रा ने रविवार रात फांसी का फंदा गले में डाल आत्महत्या कर ली। उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। हिरणमगरी पुलिस के अनुसार 20 वर्षीय उक्त छात्रा ने चार माह पहले उक्त कमरा किराये पर लिया था लेकिन वह वहां कम ही रहती थी। मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि कमरा देते समय उसने छात्रा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं ली थी।

उसे केवल इतना पता है कि उसका नाम दुर्गा था। वह दुर्गा जीनगर थी या दुर्गा बुनकर, इसे लेकर वह संशय में है। वह बीटेक की छात्रा थी लेकिन कहां की निवासी थी और किस कॉलेज में पढ़ती थी, इसकी भी उसे जानकारी नहीं है। पुलिस को उसके कमरे से मोबाइल फोन, डायरी या नाम-पते जैसी कोई चीज भी नहीं मिली।

बेटी का सिर काटने वाला दोषी करार, सजा का ऎलान आज

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Udaipur।जिला एवं सेशन न्यायाधीश बीएस कुमावत ने बेटी का सिर धड़ से काट उसकी हत्या करने के आरोपित बाप को दोष्ाी माना है। न्यायाधीश सजा के मामले में शनिवार को फैसला सुनाएंगे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 जून 2012 को चारभुजा तहसील के डूंगरजी का गुड़ा गांव निवासी आरोपित ओगड़सिंह सोलंकी पुत्र दौलतसिंह ने अपनी बेटी मंजू देवी की ( 20) तलवार से सिर काट कर नृशंस हत्या कर दी थी।

गुस्से में पागल ओगड़सिंह मुण्ड चोटी से पकड़कर गांव में घूमता रहा था। तत्कालीन चारभुजा थानाप्रभारी लालसिंह ने आरोपित को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया था। जांच मेें पता चला कि आरोपित बेटी के चाल चलन से नाराज था। कई बार उसने मंजू को समझाया था, लेकिन जब वह नहीं मानी तो ओगड़ सिंह ने उसकी हत्या कर दी।

लोक अभियोजक प्रदीप सांचीहर ने बताया कि मामले में 18 गवाह पेश किए गए, लेकिन सुनवाई के दौरान अधिकांश गवाह अपने बयानों से मुकर गए, लेकिन पुलिस द्वारा बरामद तलवार पर लगा खून, ओगड़सिंह के कपड़ों के खून के धब्बों के डीएनए को जब मृतका के डीएनए से मिलान किया गया तो यह एक पाया गया। डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट व पुलिस तफ्तीश के आधार पर न्यायाधीश ने मामले में ओगड़सिंह को दोषी पाया। सजा के बिन्दु पर शनिवार को विचार कर अंतिमरूप से फैसला सुनाया जाएगा।

चर्चित रहा मामला

बेटी की इस तरह नृशंस हत्या करने का यह मामला खासा चर्चित रहा था। जिला मुख्यालय, उदयपुर व जयपुर स्थित कई महिला संगठनों की खूब भत्र्सना की थी। महिला मंच व पीयूसीएल जयपुर की महिला संगठनों ने गांव में जाकर विरोध प्रदर्शन किया था। राज्य मानवाधिकारी के दल ने भी घटनास्थल का दौरा किया था। इधर, आरोपित ओगड़सिंह के लिए भी काफी लोगों में सहानुभूति दिखीा।