यूनिवर्सिटी चुनाव मत गणना में नहीं रखी पारदर्शिता और की अपनी मनमानी

उदयपुर , यूनिवर्सिटी के चुनाव में मत गणना के दोरान विश्व विद्यालय के चुनाव अधिकारियों में पारदर्शिता की कमी दिखी और मुख्य चुनाव अधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी अपने किसी ख़ास चहेते प्रत्याशी को झीताने की कोशिश में लगे दिखे यहाँ तक की अन्य छात्र नेताओं द्वारा अटी धिक् निरस्त हुए मतों में भी चुनाव गणना में लिप्त अधिकारियों का हाथ बताया जा रहा है |

गणना शुरू होते ही सभी प्रेस कर्मियों को इकठ्ठा कर उन्हें अपने साथ लेकर गणना स्थल का एक दौरा करवा दिया | जेसे की बच्चों को खिलौना दे के बहलाया जाता है वेसे प्रेस कर्मियों को सभी गणना हो रहे कमरों का दौरा करवा कर एक जगह बाडा बंदी कर बैठा दिया गया और उनकी निगरानी में दो व्याख्याता लगा दिये तथा खुद चुनाव अधिकारी कैलाश सोडानी अपना मोबाईल बंद कर ताले में बैठ गए तथा सभी गणना हो रहे कमरों के ताले लगा कर गार्ड बैठा दिए गए जिनको ख़ास कर यह निर्देश दिए गए की कोई भी प्रेस कर्मी अन्दर नहीं आ सके |

पत्रकारों द्वारा लाख समझाने कि विधान सभा लोक सभा चुनाव में भी उन्हें हर १५ मिनट में अपडेट दी जाती है तो फिर यहाँ क्यों मीडिया को सुचना से दूर रखा जारहा है |

लेकिन चुनाव अधिकारी कैलाश सोडानी समेत सभी अधिकारी किसी ख़ास प्रत्याशी को झीताने के प्रयास में लगे दिखे इसीलिए प्रेस को गणना स्थल से दूर रखा यहाँ तक की शाम को ७ बजे भी जब सभी विश्व विद्यालय के परिणाम आगये और अन्दर से ख़बरें बहार चली गयी तब तक अन्दर बैठे पत्रकारों को कोई सुचना मुहय्या करने वाला नहीं था यूनिवर्सिटी के पिआरओ को भी बहार निकाल कर हाथ पर हाथ धरा कर बैठा दिया | शाम ७ बजे सभी पत्रकारों के जोरदार विरोध करने पर दरवाजे खोले और परिणाम बताये | इस सारी घटना को देख कर एसा लगता है की चुनाव अधिकारी द्वारा यह सारी कवायद और मीडिया को सुचना के अधिकार से भी दूर रखना अपने किसी ख़ास चहेते प्रत्याशी को झीताने के लिए की गयी थी और उसमे वे काफी हद तक कामयाब भी हो गए |

चुनाव अधिकारी ने तो प्रेस से इतनी दूरी बनाये रखी की पुलिस व् अन्य यूनिवर्सिटी के व्याख्याताओं द्वारा लाख समझाने के बावजूद भी वे एक बार भी प्रेस के सामने नहीं आये और न ही कोई अपडेट दी |

सारी कार्यवाही और मतगणना के दोरान गणना में लगे व्याख्याताओं की चुप्पी देख कर एसा लगता रहा जेसे की कोई कुलकी में गुड फोड़ने जेसी कार्यवाही की जा रहहि है |

इस सन्दर्भ में चुनाव अधिकारी कैलाश सोडानी से बात करनी चाहि लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं किया |

यूनिवर्सिटी रोड पर लगा छात्रों का मेला

यूनिवर्सिटी रोड पर सुविवि मुख्य द्वार से लेकर ठेठ आंनद प्लाजा तक छात्रों की रैलमपेल रही। सभी छात्र नेताओं के चुनावी कार्यालय इस मार्ग पर स्थित होने से मतदान व मतगणना के दौरान दिनभर मार्ग वाहनों व छात्रों की आवाजाही से भरा रहा। कई बार जाम भी लगा। मतगणना के दौरान तो बोहरा गणेश जी की और से यूनिवर्सिटी व बेकनी पुलिया की और से यूनिवर्सिटी की और जाने वाले मार्ग पर यातायात शाम ४ बजे से तीन चार घंटे तक के लिए पुरी तरह बंद रहा।

उदयपुर-चित्तौडग़ढ़ मार्ग पर बार बार लगा जाम

सुरजपोल से सेवाश्रम ब्रिज तक के मार्ग के बीच राजस्थान कृषि महाविद्यालय, साइंस कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज व बीएन कॉलेज स्थित है। इन सभी कॉलेजों में चुनाव हुए। छात्रों के बार बार सडक़ मार्ग पर आने से यह मुख्य मार्ग बार बार जाम हुआ। इसके चलते कई बार कॉलेज के बारह वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी। हालांकि यातायात पुलिस ने व्यवस्था को संभाला। सिख कॉलोनी चौराहे पर तो कई बार जाम लगा। इससे यातायात कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

पुलिस की मुश्तेदी से नहीं हुए झगड़े

छात्रसंघ चुनाव के दौरान प्रचार, मतदान व मतगणना के दौरान कई बार एबीवीपी व सीएसएस तथा अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति बनी लेकिन पुलिस प्रशासन की मुश्तेदी से कोई विवाद नहीं हुई। फर्जी मतदान को लेकर साइंस कॉलेज व कॉमर्स कॉलेज में एक बार माहौल बिगड़ा लेकिन पुलिस ने तत्परता से छात्रों को तितर बितर कर व्यवस्था को संभाला।

सीएसएस जाएगी कोर्ट, निष्पक्षता पर सवाल

सुविवि में पराजय के बाद छात्र संघर्ष समिति ने चुनाव परिणाम के साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन की चुनाव में पारदर्शिता पर सवाल उठाया है। छात्र संघर्ष समिति के सूर्यप्रकाश सुहालका ने कहा कि १७० वोटों को गलत तरीेके से रिजेक्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्र संघर्ष समिति की जीत हुई है। वे चुनाव परिणाम को कोर्ट में चुनौती देंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने किसी भी तरह से पक्षपात किए जाने से इंकार किया है।

सुविवि में ६१ व एमपीयूएटी में ८१ प्रतिशत मतदान

शनिवार को हुए छात्र संघ चुनाव में सुविवि में ६१.५ प्रतिशत मतदान हुआ। सुविवि में कुल ८१३० मतों से ५००२ वोट डाले गए। कॉलेज के अनुसार साइंस कॉलेज में २३७७ में से १५९६ वोटे डाले गए। इसी तरह आट्र्स कॉलेज में २३९४ में से १४०९, कॉमर्स कॉलेज में २५०१ में से १४४० तथा लॉ कॉलेज में ८५८ में से ५५७ वोट डाले गए। इधर एमपीयूएटी में ८१ प्रतिशत मतदान हुआ। विवि में ३१०४ कुल छात्र मतदाताओं में से २५१६ छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

12 साल बाद MLSU में ABVP का परचम

: पंकज बोराना सुविवि अध्यक्ष निर्वाचित

: सीएसएस के दीपक शर्मा को 100 वोटों से हराया

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर12 साल के अंतराल के बाद एबीवीपी ने जीत का परचम लहराया। एबीवीपी के पंकज बोराना 100 मतों से विजय रहे। एबीवीपी ने उपाध्यक्ष पद पर भी कब्जा कर लिया है।

मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ मतदान के बाद दोपहर करीब ढाई बजे से एफएमएस में मत गणना शुरू हुई। मतगणना में शुरुआती से दौर से लेकर आखिरी तक एबीवीपी के प्रत्याशी पंकज बोराणा आगे ही रहे। अंतत: उन्होंने 100 वोटों से विजय श्री हासिल की। पंकज बोराणा ने सुविवि में अध्यक्ष पद पर विगत दो बार से लगातार जीत दर्ज करा रही छात्र संघर्ष समिति के प्रत्याशी दीपक शर्मा को पराजीत किया। सुविवि में इससे पूर्व 2001-02 में एबीवीपी ने जीत दर्ज कराई थी।

यह स्थिति रही चारों पद पर

सुविवि में अध्यक्ष पद पर जहां पंकज बोराणा ने जीत दर्ज की है, वही महासचिव पद पर एनएसयूआई के देवेंद्र मीणा विजयी रहे। उपाध्यक्ष पद पर एबीवीवी के प्रवीण सिंह आसोलिया तथा संयुक्त सचिव पद पर कृतिका सिंघवी विजेता रही।

जीत के जश्न में डूबे कार्यकर्ता

पंकज बोराणा के चुनाव जितते ही एबीवीपी में हर्ष की लहर दौड़ गई। एबीवीपी कार्यकर्ता पंकज की जीत की घोषणा होते ही जश्न में डूब गए। यूनिवर्सिटी गेट के बाहर जमा एबीवीपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने पंकज को कंधे पर उठा लिया। बाद में यूनिवर्सिटी रोड पर विजय जुलूस निकाला गया।

छात्रों से किए वादे पूरे होंगे : पंकज

अपनी जीत के एबीवीपी के पंकज बोराणा ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि सभी छात्रों व संगठन के सहयोग के बिना यह जीत आसान नहीं थी। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व उन्होंने छात्रों से जो भी वादे किए वे सभी प्राथमिकता से पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी जीत से सुविवि में परिवारवाद का खात्मा हुआ है।

सुविवि में अध्यक्ष मतों की यह रही स्थिति

पंकज बोराणा (एबीवीवी) – 1613 (विजयी)

दीपक शर्मा (सीएसएस) – 1513

अजितेश राय (डीएसएस) – 772

गजेंद्र सिंह राणा (एनएसयूआई) – 946

कुल गिरे मत – 4744

रिजेक्ट – 397 वोट

जीत का अंतर – 100 वोट

 

लाठी चार्ज , हुडदंग के बिच हुई वोटिंग

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनावों के चलते शनिवार को कामर्स कॉलेज में फर्जी वोटिंग का आरोप लगाकर हंगामा मचा रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। इस दौरान छात्रों की ओर से पुलिस पर पथराव भी किया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को काफी दूर तक खदेड़ा। इससे पूर्व छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कामर्स कॉलेज में बनाए गए मतदान केन्द्र में घुसकर जमकर तोडफ़ोड़ की थी। पथराव के कारण डिप्टी गिर्वा की गाड़ी का कांच फूट गया और एक पुलिसकर्मी के पत्थर लगने के कारण चोंटे भी आई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मतदान के दिन कामर्स कॉलेज में मतदान हो रहा था। इसी दौरान डीएसएस और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने छात्र संघर्ष समिति (सीएसएस) के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पहले समझाईश का प्रयास किया। परन्तु छात्रों के नहीं मानने पर पुलिस ने छात्रों को कामर्स कॉलेज के डीन से बात करने के लिए कहा। डीन से बात करने के दौरान छात्रों नें हंगामा खड़ा कर कर दिया। डीन की समझाईश के बाद छात्र बाहर निकल गए। परन्तु तब तक बाहर की ओर हजारों की संख्या में सभी छात्र एकत्रित हो गए थे जो जबरन अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान कुछ छात्र जबरन मतदान केन्द्र के अंदर घुस गए और मतदान केन्द्र में तोडफ़ोड़ करनी शुरू कर दी। मतदान केन्द्र में जहां पर मतदाता लिस्ट जांच कर रहे अधिकारी को बाहर निकाल दिया और कुर्सियां और टेबल तोड़ दी।

इधर बाहर खड़े छात्रों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। मामला बढ़ता हुआ देखकर अन्य महाविद्यालयों में कानून व्यवस्था के लिए तैनात पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और भारी जाब्ते के साथ छात्रों को नियंत्रण में करना शुरू कर दिया। इसी दौरान कुछ छात्रों ने पुलिस जाब्ते पर पथराव करना शुरू कर दिया। छात्रों द्वारा पथराव करने से डिप्टी अताउर्ररहमान की गाड़ी की खिडक़ी की कांच फूट गया। यह देखकर अधिकारियों ने लाठी चार्ज करने के आदेश दे दिए। पुलिस अधिकारियों की ओर से आदेश मिलते ही पुलिसकर्मियों ने लाठी चार्ज करना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मियों ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। करीब आधे घंटे तक जमकर लाठी चार्ज हुआ। पुलिसकर्मियों के हाथ में जो भी छात्र आया उसे जमकर पीटा।

इधर लाठीचार्ज से बचने के लिए छात्रों ने भी इधर-उधर भागना शुरू कर दिया। जानकारी के अनुसार पुलिस ने छात्रों को बीएन कॉलेज तक दौड़ाया और इधर साइंस कॉलेज तक भगाया। काफी देर तक लाठी चार्ज होने के बाद सभी छात्र वहां से भाग गए। इसके बाद कॉलेज में शांति का माहौल बन गया। जानकारी के अनुसार लाठीचार्ज के बाद मतदान का समय समाप्त होने के कारण पुलिस अधिकारियों ने मत पेटियों ने जाब्ते के साथ मतगणना स्थल पर भेज दिया। इधर पुलिस का भारी मात्रा में जाब्ता कामर्स कॉलेज के बाहर तैनात किया गया है।

साइंस कॉलेज में भिड़े एबीवीपी और एनएसयूआई

उदयपुर। इससे पूर्व साइंस कॉलेज में एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र भी आपस में भिड़ गए थे। सूत्रों के अनुसार इस कॉलेज में चुनाव के दौरान दोनों ही संगठनों के छात्र मतदान कर रहे छात्रों को अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों ही छात्र संगठनों के छात्र आपस में उलझ गए और मारपीट हो गई। मौके पर मौजूद जाब्ते की समझाईश के बाद मामला निपटा था।

 

 

“टाइगर” में दम है

फिल्म समीक्षा

निर्माता : आदित्य चोपडा

निर्देशक : कबीर खान

कलाकार : सलमान खान, कैटरीना कैफ, रणवीर शौरी, गिरीश कर्नाड

 

अपेक्षाओं से बढकर एक था टाइगर ने ओपनिंग ली है। इस फिल्म के प्रति दर्शकों में किस कदर उत्साह है उसका नजारा सिनेमा घरों पर टूटी भीड को देखकर लगाया जा सकता है। सलमान खान की इस फिल्म ने पहले दिन ऑपनिंग में करीब 30 करोड का व्यवसाय कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इसमें टिकट वृद्धि का भी भारी सहयोग रहेगा। कबीर खान ने जिस अंदाज में सलमान खान की फिल्म में एंट्री करवाई है, वह बेमिसाल है। इस दृश्य को देखते ही इस बात का अहसास हो जाता है कि दर्शकों को जबरदस्त एक्शन थ्रिलर देखने को मिलेगा।

 

सलमान खान ने फिल्म में रॉ के जासूस “टाइगर” की भूमिका निभाई है, जिसे एक वैज्ञानिक पर नजर रखने के लिए भेजा जाता है। टाइगर अपने मिशन को सफल बनाने के लिए वैज्ञानिक के घर में नौकरानी का काम करने वाली जोया से इश्क-मोहब्बत का नाटक करते-करते सच में चाहने लगता है लेकिन जब उसे उसकी असलियत पता चलती है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। आदित्य चोपडा के लिए काबुल एक्सप्रेस और न्यूयार्क जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुके निर्देशक कबीर खान की यह इस बैनर के लिए तीसरी फिल्म है। सलमान खान ने कबीर खान की फिल्मों के कुछ दृश्य देखने के बाद ही काम करने की हामी भर दी थी।

 

कबीर खान ने जहां अपने निर्देशन में कसावट रखी है वहीं उन्होंने कथानक में कोई भी पेच ढीला नहीं छोडा, जिसकी वजह से दर्शक एकटक होकर फिल्म को देखता है। उनकी इस सफलता में एक्शन का भारी सहयोग रहा है। हिन्दी फिल्मों में हॉलीवुड स्तर का एक्शन बहुत कम नजर आता है, लेकिन यहाँ कबीर खान ने पूरी तरह से जेम्स बॉण्ड स्टाइल का एक्शन दर्शकों को दिखाया है। क्यूबा और ईराक में फिल्माए गए दृश्यों को देखकर जेम्स बॉण्ड की कई फिल्मों की याद ताजा हो जाती है।

 

पहली बार सलमान खान अपनी टपोरी और बेदिमागी कॉमेडी से बाहर आए हैं। जैसे ही परदे से एक्शन हटता है सलमान खान और कैटरीना कैफ की साफ-सुथरी हास्य स्थिति परदे पर देखकर दर्शक हंसने लगता है। पांच साल के लम्बे इंतजार के बाद सलमान और कैटरीना की जोडी परदे पर नजर आयी है। इन दोनों की लव स्टोरी और केमिस्ट्री में दम है। जब एक्शन नहीं होता, तो सलमान और कैटरीना अपनी कॉमिक टाइमिंग, रोमांस और इमोशनल सीन्स से दिल बहलाते हैं। टाइगर अपने दोस्त से कहता है कि मेरे इतने नाम हैं कि मां-बाप ने क्या नाम रखा था, वह भी भूल गया। वैसे भी टाइगर तो कुत्तों का नाम होता है।

 

कबीर खान ने अपने निर्माता की छवि को आकाश से टूटते हुए तारे के दृश्य में दर्शाया है। यशराज की हर फिल्म में नायक-नायिका आकाश से टूटते हुए तारे को देखते हैं और यहां भीर यही दृश्य फिल्माया गया है। इसके साथ ही कबीर खान ने न चाहते हुए दर्शकों की मांग को ध्यान में रखते हुए सलमान खान से शर्ट उतरवाई है, वैसे फिल्म में इस दृश्य को कतई आवश्यकता नहीं थी। निर्देशकों की नजर में यह भ्रम बैठा हुआ है कि जिस फिल्म में सलमान शर्ट उतार देते हैं वह बॉक्स ऑफिस पर हिट हो जाती है। सलमान, कैटरीना और कबीर खान के बाद इस फिल्म का छायांकन, संगीत (विशेष रूप से पाश्र्व संगीत), विदेशी लोकेशन्स और बेहतरीन और ताजा डांस स्टेप्स फिल्म को दर्शनीय बनाते हैं। एक्शन दृश्यों में गूंजता पाश्र्व संगीत दृश्यों के प्रभावीकरण में सहायक है।

 

गिरीश कनार्ड और रणवीर शौरी ने अपने अभिनय की गहरी छाप छोडी है। सब कुछ होते हुए भी कबीर खान मध्यान्तर के बाद कहानी पर कम और एक्शन पर ज्यादा निर्भर रहे हैं। ऎसा नहीं कि कथानक कमजोर पड जाता है या उसकी आवश्यकता नहीं रहती है लेकिन इस हिस्से में उन्होंने सलमान के एक्शन पर ज्यादा निर्भरता जताई है। सलमान ने उन्हें कहीं निराश नहीं किया है। हॉलीवुड स्टाइल में फिल्माया गया यह देसी बांड दर्शकों को रोमांचित करने के साथ-साथ हैरान भी करता है। इस फिल्म को देखने के बाद एक बात हम जरूर कहना चाहेंगे कि एक था टाइगर सलमान खान की लोकप्रियता का शिखर बिन्दु है। इस देखने के बाद दिमाग में एक प्रश्न कौंधता है कि अब सलमान खान अपने दर्शकों के लिए नया क्या लेकर आएंगे, क्योंकि पिछले पांच वर्ष में उन्होंने अपनी पांच फिल्मों के जरिए अभिनय की हर विद्या को दर्शा दिया है। इस फिल्म की सफलता के बाद निश्चित तौर पर दिसम्बर पर प्रदर्शित होने वाली दबंग की सफलता पर प्रश्न चिह्न खडा होता है। अगर अरबाज कुछ नया नहीं दे पाए तो निश्चित रूप से उन्हें झटका लगेगा।

आखिर जुमे की नमाज में उमडे अकीदतमंद

मुल्क की खुशहाली के लिए मांगी दुआएं

नमाज के बाद पढी गई अलविदा

उदयपुर, रमजान माह के आखरी जुम्मे के दिन शहर की सभी मस्जिदों में खुतबे के साथ जुम्मे की नमाज अदा की गई। नमाजियों की भीड को देखते हुए सभी मस्जिदों में विशेष इंतजाम किये गये थे। विभिन्न मस्जिदों में नमाज के बाद अलविदा पढी गई। जिसमें कल्बे आशिक है अब पारा-पारा, अलविदा अलविदा माहे रमजान प्यारा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था और जौके इबादत बढा था, हाए अब दिल में गम का गलबा अलविदा-अलविदा माहे रमजान अलविदा पढने के बाद हुजूर की शान में सलाम पेश कर मुल्क में खुशहाली व अमन चैन की दुआएं मांगी गई।

पाक महीना रमजान के आखरी जुम्मे को बहुत बडी फजीलत मानी जाती है इसलिये हर मुस्लिम इस दिन नमाज अदा करने जाता है। आम जुम्मे के दिन की अपेक्षा इस दिन मस्जिदों में खासी भीड रहती है और इसी के चलते हर मस्जिद कमेटी द्वारा विशेष इंतजाम किये गये। पलटन मस्जिद, धोलीबावडी, मल्लातलाई आदि कई मस्जिदों में नमाजियों की संख्या को देखते हुए छत पर नमाजियों के बैठने की व्यवस्था टेन्ट आदि लगाकर करनी पडी।

जुमे की नमाज की जमात के पहले मस्जिदों में इमामों द्वारा तकरीरें पेश कर रमजान की फजीलत के बारे में बताया गया। तकरीर में इंसान को अपनी रूह को पाक करने के लिए पांच वक्त नमाज अदा करने और जिन पर रोजे फर्ज है उन्हें हर हाल में रोजे रखने की ताकीद की गई। इस मौके पर फीतरा (सदका) और जकात (अपनी आय का ४०वां हिस्सा दान) देने के बारे में बताया कि जकात और फीतरा जरूरतमंद और गरीबों में देना चाहिये तथा यह भी बताया गया कि फीतरा दिये बिना रोज़े पूर्ण नहीं होते है। इसलिये ईद की नमाज अदा करने के पहले हर मुस्लिम को अपना फीतरा दे देना चाहिये।

खुत्बे में विशेष रमजान को अलविदा का खुत्बा पढा गया। जिसमें यह संदेश दिया गया कि रहमतों और दुआओं का महीनों हमसे एक साल के लिये अलविदा हो रहा है। हर मस्जिद में जमात के साथ जुमे की नमाज की अदायगी के बाद दुआएं मांगी गई। इस दौरान लोगों ने अपने गुनाहों की मगफीरत के लिए अल्लाह से दुआ मांगी और एक-दूसरे से पूरे साल में हुई गलतियों की माफी मांगी। इसके पश्चात मस्जिदों में सलातों सलाम के पहले रमजान के रूखसत होने पर अलविदा पढी गई।

चित्तौ$डग$ढ संवाददाता के अनुसार रमजान माह के अन्तिम जुम्मे पर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने हजरत काजी चलफीर शाह दरगाह पर नमाज अता कर देश में अमन व खुशहाली की कामना की। शुक्रवार को हजरत काजी चलफीर शाह की दरगाह पर मुसिलम समुदाय के सैकडो लोगो ने पवित्र रमजान माह के अन्तिम जुम्मे पर नमाज अता कर देश में अमन व खुशहाली की कामना की।

सुविवि छात्र संघ चुनाव आज

रात भर चलेगा छात्र मतदाता को रिझाने का दौर

उदयपुर, सुविवि के छात्र संघ चुनाव में शुक्रवार की रात कयामत की रात होगी और हर प्रत्याशी अपना आखरी दांव लगा रहा है जिसकी कवायद शुक्रवार सुबह से शुरू हो गयी। और लिंग दोह कमेटी की धज्जियां उडाते प्रत्याशी दिल खौलकर पानी की तरह पैसा बहा रहे है।

मोहन लाल सुखाडिया विवि केन्द्रीय छात्र संघ अध्यक्ष तथा चारो संघटक कॉलेजों के अध्यक्ष के भाग्य का फैसला आठ हजार छात्र मिलकर कर आज करेंगे। युनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से भी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है तो इधर छात्र नेता भी अपनी पूरी तैयारी में है। शनिवार को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक वोटिंग होगी तथा २ बजे से मतगणना शुरू होगी। चारो संघटक कालेज के कुल ८१३० छात्र मतदान करेंगे।

कयामत की रात सारे दांव आजमाये : शुक्रवार की रात मतदान पूर्व आखरी रात है और इसकी तैयारी हर प्रत्याशी ने पहले ही कर ली है अपने समर्थक छात्र मतदाताओं को मोज मस्ती का प्रबंध सुबह से हो गया था सुबह ८ बजते ही दुर्गा नर्सरी रोड से युनिवर्सिटी गेट तक करीब ५०-६० ट्रावेल्स की बसे प्रत्याशियों ने अपने अपने समर्थक छात्रों की बाडाबंदी के लिये लगा दी और हॉस्टल घरों से छात्रों को लकर बसों में भरकर ले गये। कोई रिसोर्ट में तो कोई प*ार्म हाउस पर जहां दिन भर पार्टी और मौजमस्ती का दौर चलता रहा। लिंग दोह कमेटी की धज्जियां उडाते हुए प्रत्याशी पैसा पानी की तरह बहा रहे है। छात्र मतदाताओं को लुभाने के लिए रिसोर्ट फार्म हाउस पर अच्छे से अच्छा पकवान बनाये जा रहे है और उनको हर सुविधा मुहैया करायी जा रही है और शुक्रवार की रात शराब पार्टी का भी विशेष आयोजन रखा गया है। सूत्रों के अनुसार बडी स्थित फार्म हाउस पर एक संगठन के सारे छात्रों को ले जाकर बाडाबंदी कर दी है और वहां उन्हे शाम से ही अनलिमिटेड शराब की पेशकश की जाएगी। जितनी बसों में छात्रो को वहां ले जाया गया है मतदान के समय सीधा उन्हे वहां से लाकर मतदान कराया जाएगा।

लिंग दोह कमेटी की सिफारिशों की खुलेआम धज्जियां उडी : छात्र संघ चुनाव को लेकर लिंग दोह कमेटी ने सख्त निर्देश दिये कि प्रचार के लिए पोस्टर, झण्डे आदि प्रतिबंधित है और पांच हजार से अधिक एक प्रत्याशी खर्च नहीं कर सकेगा लेकिन लिंगदोह कमेटी के इस प्रावधान को ठेंगा दिखाते बडे बडे होर्डिंग्स, पोस्टर, झण्डियों से पूरा शहर पाट दिया और खर्च की बात करें तो लाखों रूपये एक ही प्रत्याशी लगा रहा है। सूत्रों के अनुसार दो मुख्य प्रत्याशियों में तो खर्च करने की होड मची हुई है । और दो प्रत्याशियों ने मिलकर ही करीब ५०-६० लाख रूपये खर्च कर चुके है। चुनाव अधिकारियों की जानकारी में होते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

किसमे कितना दम : केन्द्रीय छात्र संघ अध्यक्ष के चार उम्मीदवार मैदान में है एबीवीपी के पंकज बोराणा, सीएसएस के दीपक शर्मा, एनएसयूआई से गजेन्द्र राणा, और डीएसएस से अजितेश मैदान में है। कयास लगाये जा रहे है कि मुख्य दो प्रत्याशी छात्र संघर्ष समिति के दीपक शर्मा और एबीवीपी के पंकज बौराणा मे माना जा रहा है। दोनो प्रत्याशी आमने सामने भी है और एक दुसरे की खींचातानी चलते आये दिन दोनो प्रत्याशिया के बीच झगडे हो रहे है। शहर के कई भजपा के दिग्गज लगे हुए है और हर हाल में दीपक बोराणा को विजयी करने में हर रास्ता अपना रहे है और पैसा पानी की तरह बहा रहे है। छात्र संघर्ष समिति के दीपक शर्मा के परिवार में ही पूर्व तीन छात्र संघ अध्यक्ष है।और तीनो अपने जी तोड कोशिश कर रहे है। दीपक के पिता कैलाश शर्मा अपने पुत्र को छात्र संघ अध्यक्ष देखने के मोह में हर प्रयास कर रहे है।

डीएसएस की भी कोशिश जारी है लेकिन कई समर्थकों का सीएसएस में चले जाने से स्थिति कमजोर है। तथा एनएसयूआई कांग्रेस की अंदरूनी लडाई के चलते पिछडी हुई है।

हजारों लोगों ने व्यवस्था एंव स्थिति पर स्लोगन के जरिए प्रकट की भावनाएं

उदयपुर, फतहसागर की पाल पर एक ऐसा अद्भुद नजारा था कि हजारों लोग एकत्रित हुए किसी जुलूस या झलसे में शामिल होने के लिए नहीं वरन् देश की जातिय एंव अनेक प्रकार की उस व्यवस्था एंव स्थिति के सन्दर्भ में, जिसकों लेकर देश का प्रत्येक नागरिक त्रस्त ही नहीं वरन् उसके साथ जी भी रहा है लेकिन बोल कुछ नहीं पा रहा है। पायोनियर इन्स्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेन्ट ने शहर के हजारों लोगों के लिए फतहसागर की पाल पर ऐसा मंच तैयार किया जंहा प्रत्येक व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत देश की उस व्यवस्था एंव स्थिति को लेकर स्लोगन के जरिए अपनी भावनाएं एंव विचार व्यक्त कर सके।

शहर की करीब ५ हजार जनता ने ‘गरीबी जाति देखकर नहीं आती तो फिर आरक्षण जाति आधार पर क्यों,‘आरक्षण व भ्रष्टाचार दोनों ही देश के लिए खतरनाक है‘, ‘कसाब को मेहमान मत बनाओं‘, ‘हमारा भारत कुदरत ही तरह है जो सिर्फ खुशियाँ देता है तो फिर इंसान क्यों भेदभाव करता है‘, ‘विदेशों से काला धन वापस लाओं‘, ‘अपना सुधार ही संसार की सबसे बडी सेवा है‘, ‘यदि हम भारत माता को माता कहते है तो इस देश में कन्या भ्रूण हत्या क्यों‘, ‘जब तक इस देश में गरीबों को खाना नहीं मिलेगा तब तक सही मायनों में आजादी संभव नहीं‘ सहित विभिन्न प्रकार के स्लोगन के जरिए अपनी भावनाएं एंव आक्रोश प्रकट किया।

पायोनियर इन्स्टीट्यूट के प्रतीक गुप्ता ने बताया कि संस्थान के विद्यार्थियों ने शहर में इस तरह के पहली बार फतहसागर की पाल पर आयोजित किए गए इस कार्यक्रम के लिए पाल पर करीब ९० फीट लम्बा व ५ फीट चौडा बोर्ड बनाया गया जिस पर शहर की जनता और विशेषकर युवाओं ने अपनी भावनाएं व्यक्त की। इस अवसर पर राष्ट्रगान का आयोजन किया गया जिसमें करीब ३०० शहरवासी शामिल हुए। कार्यक्रम पश्चात इस बोर्ड को कॉलेज में डिस्प्ले किया गया। पाल पर जनता ने मोमबत्तियां जला कर देश की जनता को शांति का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में महिला,बच्चों एंव युवाओं ने चेहरे पर तिरंगा बनाया। इस अवसर पर कोलाज,फेस पेन्टिग प्रतियोगिता के अलावा सास्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

युवाओं ने ली सद्भावना प्रतिज्ञा

उदयपुर,। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग के निर्देशानुसार पूर्व प्रधानमंत्री राजीवगांधी की जयन्ती के उपलक्ष्य में नेहरु युवा केन्द्र उदयपुर द्वारा शुक्रवार को सद्भावना दिवस पर युवाओं को प्रतिज्ञा दिलवाई गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व उपजिला प्रमुख लक्ष्मीनारायण पण्ड्या ने युवाओं को सद्भावना एवं राष्ट्रीय एकता के कार्य में महत्ती भूमिका निभाने का अनुरोध किया। कार्यक्रम की अध्यक्ष सराडा पंचायत समिति की प्रधान श्रीमती रेशमा मीणा ने युवाओं को सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने का अनुरोध किया।

’भूमि-भवन से अधिक आत्मा को चमकाने की जरूरत’

उदयपुर १७ अगस्त। आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने कहा कि आम व्यक्ति अपने भवनों, इमारतों, घरों को तो चमका देते है लेकिन इन सभी के बीच वे अपनी आत्मा को चमकाना भूल जाते है।

वे आज हिरण मगरी से.११ स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि हमनें अब तक अपने पुद्गल को बहुत चमका दिया लेकिन अब आत्मा को चकमाने की बारी है। आत्मा का शुद्घिकरण करना है। हमें अपनी आत्मा को ने केवल चमकाना है वरन् उसे संस्कारित भी करना है। हम जड द्रव्य के लिए लाखों रूपयें खर्च करते है लेकिन चेतन आत्मा की ओर ध्यान ही नहीं दे पाते है। इसलिए उसके लिए अब हमें पुरूषार्थ करना होगा।