इस तरह करते थे राघवजी यौन शोषण…

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raghavउदयपुर मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री राघवजी को जिस नौकर राजकुमार दांगी (29) के कथित यौन शोषण के आरोप में गत शुक्रवार अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा, वही राजकुमार रविवार को मीडिया के सामने आया और उसने खुलासा किया सरकारी नौकरी का लालच देकर राघवजी उसका पिछले साढ़े तीन साल से दैहिक शोषण कर रहे थे।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ के सरकारी निवास पर अपने चाचा एवं भाई के साथ मीडिया के सामने आए राजकुमार ने विस्तार से अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि राघवजी के अलावा पिछले 22 साल से उनके सरकारी बंगले पर काम कर रहे शेरसिंह चौहान एवं उसके साले सुरेश चौहान भी उसे डरा-धमका कर यौन शोषण करते थे। उसने आरोप लगाया कि शेरसिंह चौहान की पत्नी रेखा चौहान से भी राघवजी के अनैतिक संबंध थे।

उसने कहा कि वह गरीब किसान परिवार का लड़का है और उसकी दो बहनें एवं तीन भाई हैं। दसवीं के बाद वह विदिशा जिले के अपने गांव तुमईयां से मण्डीदीप में काम की तलाश में आया और छोटा-मोटा काम करते हुए उसने स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की।
राजकुमार ने कहा कि चूंकि तत्कालीन वित्त मंत्री राघवजी उसके क्षेत्र के हैं, इसलिए वह वर्ष 2010 में उनके सरकारी आवास पर पहुंचा, जहां शेरसिंह से उसकी मुलाकात हुई। उसने राघवजी से उसकी मुलाकात कराई और उन्होंने सितंबर 2010 में सोम डिस्टलरी में सहायक लेखापाल की नौकरी उसे दिला दी।

उसने बताया कि इसी दौरान शेरसिंह ने उसे यह कहकर बंगले पर बुलवा लिया कि यहां रहकर राघवजी की सेवा करना और उनके हाथ-पांव दबाना…धीरे से उसे सरकारी नौकरी भी दिला दी जाएगी। उसने उसका कहना मान लिया और राघवजी के सरकारी बंगले के एक कमरे में रहने लगा, इस दौरान वह तेल मालिश कराने के साथ ही उससे हाथ-पांव दबवाते रहे।

राघवजी के नौकर ने कहा कि लगभग छह माह बाद उन्होंने (राघवजी) तेल मालिश के दौरान अपने निजी अंगों पर भी मालिश करने को कहा, उसे अटपटा लगा, लेकिन नौकरी के प्रलोभन में वह चुपचाप यह अन्याय सहता रहा। इस बीच शेरसिंह एवं सुरेश ने भी उसका यौन शोषण किया।

उसने देखा कि शेरसिंह की पत्नी रेखा के भी राघवजी से अनैतिक संबंध थे। एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि मंत्री और उसके अन्य नौकरों द्वारा जान से मारने की धमकी तथा नौकरी के प्रलोभन में वह इतने समय चुप रहा, लेकिन जब उसका अंतरमन कचोटने लगा, तो उसने मामले का भण्डाफोड़ करने का निश्चय किया।

इसी बीच भाजपा नेता शिवशंकर पटेरिया ने, जो अक्सर मंत्री बंगले पर आते रहते थे, उसे विश्वास में लेकर समूचा घटनाक्रम जाना और उन्होंने ही उसे दुष्कृत्य रिकार्ड करने के लिए पेन नुमा कैमरा दिया।

राजकुमार ने कहा कि उसने जब पटेरिया से सीडी मांगी, तो वह मुकर गए, जिसके बाद उसने एक अन्य नौकर घनश्याम कुशवाह की मदद से अपने मोबाइल कैमरे से मंत्री राघवजी के आप्राकृतिक कृत्य की सीडी तैयार कर ली।

यह पूछने पर कि उसके पिता भुजबल सिंह ने कल पुलिस में उसके खिलाफ बयान दिया और उसे नशे का आदी, मानसिक विक्षिप्त एवं ब्लैकमेलर क्यों बताया, राजकुमार ने कहा कि चूंकि उसका परिवार अत्यंत गरीब है, इसलिए भाजपा विधायक हरिसिंह सप्रे संभवत: उन्हें डरा-धमका कर अथवा लालच देकर ऐसा बयान देने के लिए वहां ले आए होंगे। उसके बारे में पिता द्वारा पुलिस को दिया गया बयान ‘बकवास एवं झूठ’ है।

एक अन्य सवाल के जवाब में उसने कहा कि वह अपनी जान के खतरे की वजह से पुलिस से बचता फिर रहा है, लेकिन वह चाहता है कि राघवजी के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करे तथा किसी मजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान दर्ज किए जाएं। (भाषा)

विवाहिता के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज

imagesउदयपुर। खेरोदा थाना क्षेत्र के धामणिया गांव में एक विवाहिता ने गांव के ही एक अन्य रिश्तेदार के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार धामणिया निवासी एक विवाहिता ने रिपोर्ट दी की गत एक जुलाई को वह उसके घर पर सो रही थी और उसका पति मजदूरी के लिए गया था। उसी दौरान कानूड़ी (वल्लभनगर) निवासी लोगर मीणा व उसका साथी भैरा मीणा वहां पर आए। दोनों ने उसके पिता की तबीयत खराब होने की बात कहकर उसे साथ चलने को कहा। विवाहिता ने उसकी बात मानते हुए दोनों के साथ चल दी। गांव से निकलते ही दोनों ने उसे पीयर न ले जाते हुए सांवरिया जी के पास एक होटल में ले गए। वहां विवाहिता के साथ तीन दिन तक दोनों ने दुष्कर्म किया। बाद में उसके जेवर खोलकर उसे पुन: धामणिया के लिए बस में बिठाकर वहां से फरार हो गए। विवाहिता ने गांव पहुंचकर आपबीती उसके पति को बताई। इस पर पति व विवाहिता ने खेरोदा थाने में दोनों आरोपियों के खिफाल दुष्कर्म का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

हमे झीलों में गन्दगी फ़ैलाने दो कलेक्टर साहब

pichola3-300x193उदयपुर, शहर की झीलों में अपना सीवरेज डालकर उन्हें प्रदूषित करने वाले होटलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने पर पुनर्विचार किया जा रहा है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने गत सात जून, २४ जून और २८ जून को नोटिस भेजकर करीब ८०० ऐसी इकाइयों को चेतावनी दी थी, जो अपना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं लगाकर सारी गदंगी झीलों और आयड़ नदी में डाल रही है। इनमें सर्किट हाउस, टूरिस्ट बेंग्लो, धर्मशालाएं, होटलों, माइंस, मार्बल प्रोसेसर, सोप स्टोन इकाइयां आदि शामिल है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने अपने नोटिस में हाईकोर्ट के २७ सितंबर, २०१२ के फैसले का हवाला दिया है, जिसमें व्यक्तिश: एसटीपी लगाने के आदेश पारित किए गए हैं। नोटिस में इन्वायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट १९८६ के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है, जिसमें इस प्रकार का प्रदूषण फैलाने पर पांच साल की कैद अथवा एक लाख रूपए का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा १० हजार रूपए की बैंक गारंटी जब्त करने और लाइसेंस निलंबित करने की धमकी भी दी गई है।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के नोटिस की पालना के लिए सप्ताहभर की अवधि बीत जाने के बाद कार्रवाई की आशंका से ग्रस्त उद्यमियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सेंट्रल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने तक राहत देने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान सरकार प्रदूषण नियंत्रण मंडल और हिंदुस्तान जिंक के बीच त्रिपक्षीय करार के तहत कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसकी बैंक गारंटी ढाई करोड़ रूपए भी जमा करा दी गई। ऐसे में व्यक्तिश: एसटीपी लगाने के लिए पाबंद करना चिंता का विषय है। होटल एसोसिएशन के बैनर तले दिए गए इस ज्ञापन में यह तर्क भी दिया गया है कि अभी अपचारित जल की निकासी की व्यवस्था भी नहीं है।
पता चला है कि होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल को जिला कलेक्टर ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधि मंडली का नेतृत्व एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष गलूण्डिया कर रहे थे। बताया गया है कि मनवाखेड़ा में केंद्रीय सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट २-३ साल में बनकर तैयार होगा। तब तक होटलों का सीवरेज झीलों में डालते रहने देने की छूट देने पर विचार चल रहा है।
:सभी होटल प्रबंधकों को नोटिस दे रखे है। बिना एसटीपी के कोई भी होटल या इंटस्ट्री नहीं चल सकती है। अगर प्लांट नहीं बनाया तो कार्रवाई की जाएगी।
-एच.आर. कसाना, क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल

शादियों की रहेगी धूम

shadiउदयपुर, घर में बजेगी शहनाई और राजा की आएगी बारात। जी हां, महीनेभर के ब्रेक के बाद 11 जुलाई से शादी-विवाह का सिलसिला फिर से शुरू होने जा रहा है, जो 16 जुलाई तक रहेगा। पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 11, 13 और 14 जुलाई का दिन सावों के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है।
19 से लग जाएगा ब्रेक : ज्योतिष बताते हैं कि शादी के ये सभी शुभ लग्न ऋषिकेश पंचांग के अनुसार हैं। इसके बाद 19 जुलाई से हरिसेन एकादशी शुरू हो रही है। ऐसे में शादी-विवाह के सिलसिले पर अगले तीन महीने के लिए ब्रेक लग जाएगा, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सभी देवता सोने के लिए चले जाते हैं। इस कारण देवठान एकादशी तक शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं होते हैं। हालांकि, 14 नवंबर को देवठान एकादशी से शादी-विवाह का सीजन शुरू होगा, जो 16 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा, जो 17 जनवरी तक रहेगा। इसके बाद 18 जनवरी से 14 फरवरी तक शादी के कई शुभ मुहूर्त हैं।
शादी-विवाह के 89 शुभ मुहूर्त : 2013 में शादी-विवाह के लिए कुल 89 शुभ मुहूर्त हैं। जुलाई में जहां सात लग्न हैं, वहीं अगस्त से अक्टूबर तक शादी के लिए कोई मुहूर्त नहीं है। इसके बाद नवंबर और दिसंबर में ही शहनाइयां बज सकेंगी।

इन्द्रदेव को प्रसन्न करने हेतु किया परसादी का आयोजन

Audichyasamj_badgaon_8julyबरसात की कामना करते हुए भगवान इन्द्रदेव को प्रसन्न करने हेतु गॉव के समस्त देवालयों में पूजा अर्चना की गई एवं सायं समाज के नोहरे में सामूहिक रुप से परसादी कर आयोजन किया गया जिसमें समाज के सदस्यों ने सपरिवार भाग लिया। परसादी में समाज की समस्त बहन-बेटियों को आमंत्रित किया गया।
समाज के अध्यक्ष केशव लाल व्यास ने बताया कि मुख्य पूजा गॉव के खे$डा माता मन्दिर में की गई जिसमें समस्त ग्रामवासियों की सुख समृद्वि एवं खुशहाली हेतु मंगलकामना की गई।

गुलाबचंद कटारिया को मिली स्थाई जमानत

images (9)उदयपुर. सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में आरोपी बनाए गए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया को कोर्ट से स्थायी जमानत मिल गई है।
एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि कटारिया की अर्जी पर बहस पूरी होने के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कटारिया को इस मामले में स्थाई जमानत दे दी।
जैन ने बताया कि कटारिया शनिवार को मुंबई पहुचेंगे और वे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थिति होंगे। कटारिया को 50 हजार की जमानत और 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है।
इधर, कटारिया को स्थाई जमानत मिलने की खबर मिलते ही कटारिया समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। कटारिया समर्थक सुबह से कोर्ट की ओर से सुनाए जाने वाले फैसले का इंतजार कर रहे थे।
गौरतलब है कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सीबीआई की ओर से पेश सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कटारिया को आरोपी बनाया गया है। इसको लेकर सात जुलाई को सुनवाई होगी।

रिमझिम के गीत सावन गाए……..

barishउदयपुर. मेवाड़ में गुरुवार को मानसून सक्रिय हो गया। उदयपुर शहर सहित आसपास क्षेत्र में सुबह से ही रुक-रुक कर रिमझिम बारिश का दौर देर रात तक जारी रहा जारी रहा।कई दिनों से उमस और गर्मी से परेशां शहर वासियों को रिमझिम बारिश की फुहार से कुछ राहत मिली
वागड़ में डूंगरपुर, बांसवाड़ा, गलियाकोट में कहीं तेज और कहीं मध्यम दर्जे की बारिश हो रही है। प्रतापगढ़ और धरियावद में बीती रात से ही कई इलाकों में तेज बारिश होने से नदी-नालों में पानी की आवक शुरू हो गई। उदयपुर शहर में मोसम सुबह से बारिश का मिजाज लिए हुए था दिन में कई बार तो एस लगा की काले घने बदल जम कर बरसेगें लेकिन तेन बारिश की सिर्फ आशंका ही रही और रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा । जब बारिश बंद होती तो उमस तेज हो जाती है और कुछ ही देर में बौछारें गिरने से लोगों को राहत मिल रही थी । अब लोगों की निगाहें नदी नालों में पानी की आवक पर टिकी हुई है।

खुशगवार मौसम और झील का किनारा

आकाश में छाई काली घटाएं और गिरती रिमझिम बौछारों ने लोगों को घरों से निकलने को मजबूर कर दिया। सुबह से यहां पीछोला झील और फतहसागर के किनारे लोगों की भीड़ जमा होने लगी जो शाम तक खासी बढ गयी ।
स्कूल और कॉलेज की छुट्टी के बाद छात्र-छात्राओं के झुंड भी मौसम का मजा लेने के लिए झील किनारे पहुंच रहे हैं। झीलों के उस पार अरावली पर भी हरितिमा की चादर बिछ गई है।
इस नजारे को देखकर लोग अब पिकनिक की प्लानिंग कर रहे हैं। ऑफिसों और बाजारों में भी चहल पहल बढ़ गई है। बारिश से बचने के लिए छाते और रेन कोट की बिक्री बढऩे लगी है।

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निजी स्कूलों का यूनिफॉर्म में भी कमीशन का खेल

schoolउदयपुर। स्कूल खुल चुके हैं, अभिभावक जहां अपने बच्चों के पहली बार स्कूल जाने या अगली क्लास में प्रमोट होने पर खुश है, वहीं बढ़ती हुई स्कूल फीस को लेकर उनकी चिंताएं हैं। ऐसे में शिक्षा की दुकानें बन चुके निजी स्कूलों की यह कोशिश रहती है कि बच्चों के माता-पिता की जेब से किस तरह से ज्यादा से ज्यादा रूपया निकला जाए। यहां तक की यह निजी स्कूल हर एक बात के पैसे एंठने वाले ये स्कूल कमिशनखोरी से भी नहीं चुकते हैं। विशेषकर स्कूल यूनिफॉर्म पर जमकर कमीशन लेते हैं।
शहर के कुछ गिने चुने स्कूल की युनिफॉर्म के लिए दुकानों पर इन दिनों सुबह से देर रात तक भीड़ लगी रहती है। अभिभावक और बच्चे अपनी स्कूल यूनीफॉर्म के लिए इन्हीं दुकानों पर आते हैं। ऐसा नहीं है कि स्कूल यूनिफॉर्म अन्य कपड़ों कि दुकानों पर नहीं मिलती, लेकिन शहर की कुछ चुनिंदा दुकानों पर स्कूल वालों का कांट्रेक्ट होता है और स्कूल से हिदायत दी जाती है की यूनिफॉर्म निर्धारित दुकान से ही खरीदी जाए, क्योंकि वह दुकानदार कमिशन के रूप में एक मोटी रकम स्कूल को देता है। ये रकम वो घटिया क्वालिटी के कपड़े की स्कूल ड्रेस और अभिभावकों से डबल कीमत लेकर वसूलता है।

हर स्कूल की अलग दुकान
प्रत्येक निजी स्कूल में हफ्ते में कम से कम दो अलग-अलग ड्रेस होती है। इसके अलावा एक स्काउड व स्पोट्र्स की ड्रेस अलग से होती है। इसके लिए स्कूल प्रबंधक शहर में पहले से तय एक दुकान निर्धारित कर लेते हंै। अभिभावकों को उसी दुकान पर जाकर ड्रेस लेनी होती है या फिर यूनिफॉर्म के पैसे स्कूल में जमा करने होते हैं और रसीद लेकर उस दुकान पर जाना होता है। स्कूल प्रबंधन के स्पष्ट निर्देश होते है कि स्कूल यूनिफॉर्म उसी दुकान से जाकर खरीदी जाए। कई स्कूलों ने यह व्यवस्था तो अपने स्कूल में ही कर रखी है, जिन्होंने यहां कमिशन पर एक टेलर को ठेका दे दिया है, जो बच्चों का नाप लेकर ड्रेस तैयार करता है।
घटिया क्वालिटी और दुगुनी कीमत
निजी स्कूलों की इस कमिशनखोरी के चलते दुकानदार अपनी मनमर्जी चलाते हैं। कपड़े की घटिया क्वालिटी रखते हैं और उस पर कीमत दोगुनी वसूलते हैं। एक स्कूल यूनिफॉर्म की नार्मल कीमत 300 से 500 की होती है, जबकि अभिभावकों को इसके 500 से 900 रूपये तक चुकाने पड़ते हैं। बच्चों के भविष्य और उनकी सुविधा के आगे बेबस अभिभावक सब कुछ समझते हुए भी कुछ नहीं कर पाते और डबल कीमत चुकानी पड़ती है।
किसी का अंकुश नहीं है इन पर
निजी स्कूलों की इस कमिशनखोरी पर किसी का कोई अंकुश नहीं है। हर स्कूल की अपनी अलग ही मनमानी और अपने ही नियम है। यह भी निर्धारित नहीं है कि हफ्ते में कितनी ड्रेस होनी चाहिए। कई स्कूलों में हफ्ते कि चार ड्रेसे होती है और सर्दी में फिर अलग ड्रेस। सरकार द्वारा भी ऐसे कोई नियम कानून नहीं है, जिससे इनकी इस मनमानी पर रोक लग सके।
शहर की चुनिंदा दुकानें
वैसे तो शहर में सैंकड़ों कपड़े की दुकानें हैं और वहां स्कूल ड्रेस भी उपलब्ध है, लेकिन स्कूलों के निर्देश के चलते शहर की कुछ ही चुनिंदा दुकाने हैं, जहाँ ड्रेस के लिए अभिभावकों को घंटों खड़े रह कर इंतजार करना पड़ता है और कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन दुकानों में बापू बाजार में अनुपम वस्त्रालय, लोढ़ा वस्त्रालय, राजलक्ष्मी, न्यू राज लक्ष्मी, शिरीन वस्त्रालय आदि शामिल है।

उदयपुर में खुलेगा पर्यटन पुलिस स्टेशन

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उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटकों की सुरक्षा और उनको होने वाली परेशानी के मद्देनजर उदयपुर में पर्यटन पुलिस स्टेशन खोलने की अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ने इस साल के बजट 2013-14  में राज्य के उदयपुर, जयपुर और जोधपुर में पर्यटन पुलिस स्टेशन बनाने की घोषणा की थी। बुधवार को इन तीन शहरों में पर्यटन पुलिस स्टेशन की अधिसूचना जारी कर दी गई। उदयपुर सहित राज्य के इन तीन शहरों में पर्यटक सबसे अधिक संख्या में आते है। यहां अक्सर पर्यटकों के साथ धोखा, दलालों से परेशानी, लपकों की समस्या आदि कई तरह की समस्याएं पर्यटकों को आती है। पर्यटकों की इन समस्याओं के समाधान के लिए पर्यटन पुलिस थाने खोले जा रहे हैं। अभी तक पर्यटकों की समस्या से निपटने के लिए ट्यूरिस्ट असिस्टेंट फोर्स काम कर रही थी।

हिरन मगरी में चैन स्नेचिंग

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dscn0027उदयपुर। शहर में पिछले कुछ दिनों से चेन स्नेचर फिर से सक्रिय हो गए हैं। पिछले एक सप्ताह में सोने की दो चेन लूट की वारदात हो चुकी है और आज सुबह हिरणमगरी सेक्टर चार में एक वृद्धा की सोने की चेन लूटने का प्रयास हुआ, लेकिन बदमाश चेन ले जाने में सफल नहीं हुए। शहर में बढ़ रही चेन स्नेचिंग की वारदातों से नाराज भाजपा नेताओं ने हिरणमगरी थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सेक्टर चार निवासी धूलीबाई पत्नी हेमराज जैन आज सुबह जैन मंदिर से दर्शन करके लौट रही थी, तभी बाइक सवार दो बदमाश आए, जिन्होंने धूलीबाई के गले से झपट्टा मारकर उसकी सोने की चेन खींचने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए हैं। इससे पूर्व इसी क्षेत्र में जैन समाज की दो वृद्ध महिलाओं की सोने की चेन लूट ली गई है। पुलिस की अनदेखी के कारण चेन स्नेचरों के हौंसले बुलंद है। अब तक पुलिस पिछली हुई तीन वारदातों में एक का भी पता नहीं लगा पाई है। शहर में बढ़ रही चेन स्नेचिंग की वारदातों के विरोध में भाजपा पार्षद हेमलता शर्मा, भूपेंद्र जैन, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष जिनेंद्र शास्त्री, लवदेव बागड़ी, जितेंद्र मारू, कन्हैयालाल साहू, महिला मोर्चा की अलका मूूंदड़ा और अन्य कार्यकर्ताओं ने हिरणमगरी थाने के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिस अधिकारियों को चेन स्नेचरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।