बिना वीजा के पाक सीमा में घुसा भारतीय बंदर

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इस्लामाबाद। एक भारतीय बंदर बिना वीजा के पाकिस्तान की सीमा में क्या पहुंच गया, उसके लिए तो आफत हो गई। बिना वीजा पाकिस्तान सीमा में घुसने पर इस भारतीय बंदर को बंधक बना लिया गया। इस बंदर को वहां के अधिकारियों ने पकडकर बहावलपुर चिडियाघर को सौंप दिया। भारतीय बंदर के सीमा में घुसने से अधिकारी जासूसी की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इस पर पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने पाक सरकार का जमकर मजाक बनाया। अखबार ने अपने पाठकों से राय ली कि पाकिस्तान में सीमा पार से एक बंदर के बिना वीजा घुस जाने से सरकार के खिलाफ भारत, अमेरिका या इजराइल की साजिश कैसे हो सकती है। पकडा गया बंदर एक मामूली बंदर है। इसा बात की पुष्टि बहावलपुर चिडियाघर के प्रबंधक ने भी की है। एक भारतीय संगठन ने इस बंदर को वापस लौटाए जाने की मांग की है। जबकि पाकिस्तान के कुछ अधिकारी इस बंदर को छोडने या लौटाने पर राजी नहीं हैं।

दुनिया की ख़बरें फोटो की ज़ुबानी

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भारत – अहमदाबाद भारत में कपास का उत्पाद

 

मिस्र – सैनिक शासन के खिलाफ प्रदर्शन

 

इराक -अमेरिकी सैनिकों का आखरी ग्रुप ईराक छोड़ते वक़्त , नो साल के अमेरिकी कब्जे के बाद इराक छोड़ा |

 

तिब्बत – फ़्रांस के लिले ने अपनी सौर उर्जा साईकिल पर किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान,ईरान, तुर्की और इटली के माध्यम से 13000 के आसपास किलोमीटर की यात्रा अभी तक तय की हे |

 

फ़्रांस – तेज़ हवाओं से किनारे पर फंसा २२० तन वजनी माल वाहक जहाज़ |

 

मेक्सिको सिटी – एक एजटेक नर्तकी अपने दोस्त का स्वागत करती एक धार्मिक समारोह के दोरान |

 

 

भारत – देहली में विशाल हनुमान की प्रतिमा के द्वार से बहार निकलता एक हिन्दुस्तानी परिवार |

 

इंडोनेशिया – एक संगीत प्रोग्राम के दौरान ६५ युवकों ने इस्लाम का अपमान किया जिसकी सजा उन्हें पुलिस स्टेंड के सामने पुल में बाल काट कर पानी में बेठा दिया

 

जोर्जिया – अपनी चुम्बकीय क्षमता का प्रदर्शन करता युवक |

 

पाकिस्तान – अपने घोड़े के साथ खेलता बच्चा |

 

 

कोलंबिया – सालसा डांस की एक मनमोहक मुद्रा

 

 

म्यांमार – मछुआरे अपनी नोकों के साथ

शांति संदेश रैली

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सर्व धर्म मैत्री संघ की ओर से क्रिसमस के मौके पर निकली शांति रैली का कई जगहों पर हुआ स्वागत

शांति का संदेश देने, सर्व धर्म समभव से निकली रैली जहां से गुजरी मानो, वहां शांति का माहौल बनता चला गया। रैली में उन सभी संदेशों का प्रदर्शन किया हुआ था, जो प्रत्येक धर्म ग्रंथों में कहे गए हैं। रैली में परियों का रूप धरकर बैठे और राहगीरों को शांति संदेश बांटते बच्चों में खुशी इस कदर थी, मानो प्रभु यीशु का दुनिया में आने ही वाले हैं। प्रभु यीशु के जन्म की झांकियां खुशहाली का संदेश दे रही थी। वहीं शांति संदेश वाहन पर बैठा सेंटा क्लॉज हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार रहा था। यह नजारा सर्व धर्म मैत्री संघ की ओर से क्रिसमस के मौके पर रविवार को निकली शांति रैली का था। पटेल सर्कल से शुरू हुई रैली की शुरुआत में आईजी गोविंद गुप्ता ने कहा कि समाज में शांति कायम करने के लिए निकलने वाली शांति रैली का लाभ सभी को मिलेगा। चौराहों पर विभिन्न धर्म गुरुओं ने शांति का संदेश दिया। अलीपुरा चर्च में समापन पर उदयपुर धर्म प्रांत के बिशप स्वामी जोसेफ पथालिल ने शांति संदेश दिया।

भरत अध्यक्ष और महेंद्र महा सचिव

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उदयपुर.बार एसोसिएशन के रविवार को हुए चुनावों में भरत जोशी अध्यक्ष और महेंद्र नागदा महासचिव पद पर विजयी हुए।

युवा अधिवक्ता भरत ने सीधे मुकाबले में वरिष्ठ अधिवक्ता कनक कुमार मेहता को 477 वोट से हराया, जबकि महासचिव के लिए त्रिकोणीय संघर्ष में महेंद्र नागदा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी माधोसिंह राठौड़ को 365 मतों से हराया।

चुनाव अधिकारी सुरेश द्विवेदी ने बताया कि 1342 मतदाताओं में से 1157 ने मतदान किया। इसके अलावा उपाध्यक्ष पद पर गजेंद्रसिंह सोलंकी, सचिव विपुल जोशी, वित्त सचिव संदीपसिंह राव, पुस्तकालय सचिव संगीता नागदा चुनी गईं।

इस कार्यकारिणी का कार्यकाल दिसंबर 2012 तक रहेगा। यह पहला मौका है जब अध्यक्ष सहित सभी पदों पर युवाओं ने बाजी मारी।

डॉ. सैयदना की झलक पाने उमड़े लाखों अकीदतमंद

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सैयदना की एक झलक पाने के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ गुजरात और मध्यप्रदेश से पहुंचे अकीदतमंद

 उदयपुर। दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब रविवार दोपहर डूंगरपुर के गलियाकोट कस्बे में पहुंचे। उनके साथ उनके साहबजादे सैयदना मुफद्दल भाई भी थे। उनकी एक झलक पाने के लिए सैकड़ों की तादाद में दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग उमड़ पड़े। वे खंडवा के लोनावास से हेलीकॉप्टर द्वारा दोपहर 3.30 बजे डॉ. सैयदना गलियाकोट स्थित हेलीपैड पर उतरे।

उन्होंने सैयदी फखरुद्दीन शहीद साहब की दरगाह में जियारत की। डॉ. सैयदना की एक झलक पाने के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ गुजरात और मध्यप्रदेश से करीब तीन लाख अकीदतमंद गलियाकोट में जुटे। अकीदतमंदों ने उनका इस्तकबाल किया।

 अमन और तरक्की की दुआएं की

दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रवक्ता डॉ. बी. मुमिन ने बताया कि डॉ. सैयदना यहां राजस्थान की तरक्की और देश में अमन की दुआएं कर रहे हैं। यहां पहुंचने वाले जायरीन उनकी दुआएं ले रहे हैं और उनकी उम्र दराजी की दुआएं कर रहे हैं।

photho  by  – Shahid hussain  ( max studio ‘DUNGARPUR” )

 

photho  by  – Shahid hussain  ( max studio ‘DUNGARPUR” )

केसे तय करवाएं अपनी सैलेरी

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नेहा राज,..

 आप किसी अच्छी कंपनी में काम कर रहे हैं, पर मन में असंतोष है कि सैलेरी अच्छी नहीं मिल रही। ऎसी स्थिति हर किसी के साथ हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इंटरव्यू में सलेक्ट होने के बाद सैलेरी के विषय में खुलकर बात कर ली जाए। इस मुद्दे पर आपको समझदारी से काम लेना होगा।

 होमवर्क पूरा करें

ज्यादातर कैंडिडेट्स को कंपनी और सैलेरी स्ट्रक्चर के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। कई बार कैंडिडेट्स कह देते हैं कि मुझे अपने पद और लेवल के मुताबिक सैलेरी नहीं दी जा रही है। पर इससे पहले आपको कंपनी के सभी पदों और तनख्वाह के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए। यह भी याद रखें कि दो फम्र्स की ग्रेड्स समान नहीं हो सकती। साथ ही यह भी पता कर लें कि कंपनी की पे-स्केल, इंक्रीमेंट पॉलिसी और बोनस की नीति क्या है? इसके बाद अपने अनुभव, योग्यता और उपलब्धियों को इन कसौटियों पर परखें। कई बार इंडस्ट्री में मिलने वाले एक्सपोजर पर भी गौर किया जाता है। इसी के अनुरूप वेतन की बात की जाती है।

 घर तक कितना पहुंचेगा?

ज्यादातर युवा मैनेजर्स तनख्वाह फिक्स करवाते समय इस बात पर गौर करते हैं कि आखिर में कट-पिटकर कितने पैसे हाथ में आएंगे? वहीं कंपनियां टोटल कॉस्ट को ध्यान में रखती है। बातचीत के दौरान कैंडिडेट्स दूसरे फायदों को नजरअंदाज करते हैं, वहीं कंपनी सही टैलेंट को खोजने पर फोकस करती है। ज्यादातर कंपनियां मूल तनख्वाह में दीर्घावधि के इंसेंटिव जोड़ती है। इसके बारे में भी कैंडिडेट को ध्यान देना चाहिए। कैंडिटेट को कॉस्ट टू कंपनी के सभी पहलुओं को समझने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ-साथ पिछले सालों से तुलना की जा सकती है कि वैरिएबल कंपोनेंट्स के साथ कितना भुगतान किया जा रहा है।

 आपको चांद भी मिल सकता है!

सैलेरी नेगोसिएशन एक कला है। कई बार समय से पहले, जरूरत से ज्यादा मांग आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती है। आपको कंपनी की डिमांड के अनुरूप ही काम करना है। कंपनी जो काम आपको दे रही है, उसकी इंडस्ट्री में क्या वैल्यू है, यह आपको पता होनी चाहिए। इसके बाद इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि कंपनी आगे से क्या ऑफर कर रही है? कंपनी जो पैकेज ऑफर कर रही है, क्या वह इंडस्ट्री और वर्क टाइप के अनुसार नहीं हो, तो आप अपनी बात को पुरजोर तरीके से कह सकते हैं। कई बार आप इंतजार नहीं कर पाते और गलत सैलेरी की मांग के कारण ही नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। ऎसे में सही यही है कि आप दूसरे कैंडिडेट्स को मोल-भाव करने दें और अपने पत्ते छुपाकर रखें। आखिर में जितने कम कैंडिडेट्स होंगे, आपकी बात उतने ही ध्यान से सुनी जाएगी। हो सकता है कि फासला नजरों का धोखा हो और चांद आपकी पहुंच में हो।

 … पर मुट्ठी खुली रखनी होगी

कई बार कैंडिडेट बदमिजाज एटिट्यूड के साथ जाते हैं और तनख्वाह में एक फिक्स इजाफे की बात करते हैं। कैंडिटेट को लगता है कि बातचीत से पहले ही अपनी शर्तो को साफ कर दें। पर यह तरीका घातक हो सकता है। बाद में कई बार कैंडिडेट के साथ यही होता है कि चौबेजी छब्बेजी तो बन नहीं पाते, बल्कि दुब्बेजी बनकर रह जाते हैं। मतलब जहां आप कंपनी के मैनेजमेंट से मिलने से पहले ही आप शर्तो को गिना रहे थे, वहीं अब कंपनी अपनी तनख्वाह पर भी आपको रखने से परहेज कर रही है। कुल मिलाकर सैलेरी नेगोसिएशन के समय ज्यादा हार्ड बनने की कोशिश फिजूल है। इससे नुकसान आपका ही होगा। हो सकता है कि आपका काम शानदार हो और इंडस्ट्री में आपकी वैल्यू ज्यादा हो, पर कई बार दाव उल्टा पड़ सकता है। इसलिए होशियारी इसी में है कि ऑफर पर सोचने के लिए समय लें और सही तर्को के आधार पर अपनी बात को रखें।

 हमें कॅरियर चाहिए और पैसा भी

किसी भी शानदार कॅरियर को पैसे से तोलकर देखा जा सकता है, पर यह हमेशा याद रखें कि लालच का कोई अंत नहीं होता। कई बार सैलेरी से ज्यादा लर्निग प्रोसेस और अपाच्र्युनिटी ज्यादा मायने रखती है। जब सब कुछ बैलेंस हो, तभी पैसे की धुन रखनी चाहिए। कैंडिडेट्स को अपनी स्किल्स को इम्प्रूव करने और नए एम्प्लॉयर के अनुरूप सैट करने पर ज्यादा जोर देना चाहिए।

 पैसा के साथ-साथ काम भी बढ़ेगा

जो कैंडिडेट्स सिर्फ ज्यादा से ज्यादा सैलेरी के बारे में सोचते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि पैसे के साथ उन पर ज्यादा जिम्मेदारियां और ज्यादा टारगेट्स लादे जाने वाले हैं। अगर आप प्लेसमेंट कंसल्टेंट के संपर्क में हैं, तो खुद को राजा समझने की भूल न करें। आपको लचीला रूख भी अपनाना होगा। अगर काम करने का माद्दा और जुनून है, तो सैलेरी की मांग रखें, पर काम के लिए तैयार भी रहें।

राज्यभर के 125 ब्यूटिशियन 20 को उदयपुर में

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उदयपुर, 17 दिसम्बर। हेयर एण्ड ब्यूटी ऑर्गेनाइजेशन (एचबीओ) का राज्य स्तरीय प्रथम सम्मेलन मंगलवार 20 दिसंबर को होटल इंडिया इंटरनेशन में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में 16 शहरों के लगभग 125 ब्यूटी थेरेपिस्ट, हेयर ड्रेसर व मेकअप आट्र्रिस्ट भाग लेंगे।

शनिवार को प्रभात स्पा सैलुन पर आयोजित प्रेसवार्ता में एचबीओ के अध्यक्ष अशोक पालीवाल ने बताया कि सम्मेलन की मुख्य अतिथि ऑल इंडिया हेयर एण्ड ब्यूटी एसोसिएशन (एआईएचबीए) की अध्यक्षा संगीता चौहान होंगी। इस अवसर पर संगीता चौहान द्वारा एआईएचबीए की राजस्थान शाखा का शुभारंभ किया जाएगा। एक दिवसीय यह आयोजन प्रात: 9.30 से सायं 5.30 बजे तक होगा। इसी क्रम में 21 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जायेगी।

अशोक पालीवाल ने बताया कि एचबीओ का उद्देश्य एकता को बढ़ावा देना, शिक्षा का महत्व प्रतिपादित करना एवं प्रतियोगिताओं के साथ फैशन व ब्यूटी के क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए रोजगार के अवसर प्रदान करना है। संगठन द्वारा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं की तैयारियों के लिए समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में ट्राइबल कृष्णा की थीम पर फैशन 2012 रेम्प शॉ का आयोजन किया जाएगा जिसकी क्रिएटिव टीम में श्वेताशा पालीवाल, तृप्ति वैष्णव, मंजू शर्मा, पुष्कर सेन तथा आशा पालीवाल को शामिल किया गया है।

पालीवाल ने बताया कि सम्मेलन में बाल, नाखून, त्वचा आदि की देखभाल करने हेतु हेयर ड्रेसर व ब्यूटिशियन प्रजेन्टेंशन देंगे। सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर की टॉप ब्यूटी मेग्जिन सेलोन इंटरनेशनल, हनीमनी, आईडीवा, ब्यूटी टूडे तथा स्टाइल स्पीक के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

 

तेज चले और रहे मौत से दूर

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नेहा राज ,

सिडनी, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। एक नये अध्ययन के अनुसार 70 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र का व्यक्ति अगर पांच किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है, तो उसके लम्बे समय तक जीने की उम्मीद होती है।

सिडनी में कोंकोर्ड अस्पताल के शोधकर्ताओं ने “कोंकोर्ड हेल्थ एंड ऎजिंग इन मैन्स प्रोजेक्ट”(सीएचएएमपी) में हिस्सा लेने वाले 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 1,705 पुरूषों के चलने के तौर-तरीका का विश्£ेक्षण किया है।

अस्पताल के बयान के अनुसार अध्ययन में हिस्सा लेने वाले आधे लोगों का जन्म आस्ट्रेलिया में ही हुआ था, जबकि 20 प्रतिशत लोगों का जन्म इटली में हुआ। ब्रिटेन, ग्रीस और चीन में पैदा हुए लोगों को भी अध्ययन में शामिल किया गया था।

अध्ययन के दौरान कुल 266 मौतें हुई। परिणामों से पता चलता है कि इन सभी की चलने की औसतन रफ्तार 0.88 मीटर प्रति सेकेंड(एमपीएस) थी। वहीं 1.36 एमपीएस(पांच केएमपीएस) और इसके अधिक रफ्तार से चलने वाले लोगों में किसी की भी मौत नहीं हुई।

कैंसर के प्रति सचेत रहें – राज्यपाल

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उदयपुर, 16 दिसम्बर/ राज्यपाल शिवराज वी.पाटील ने चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों एवं मीडिया जगत का आह्वान किया कि वे केंसर जैसी गंभीर बीमारी की प्रभावी रोकथाम के लिए अग्रणी शोध कार्यों को बढ़ावा देते हुए आम जनता को जागरूक करने के लिये प्रतिबद्ध हां।

राज्यपाल आज यहां उदयपुर के इन्दर रेजीडेंसी में आयोजित ट्रांसलेशनल केंसर रिसर्च की चौथी कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

श्री पाटील ने कहा कि केंसर रोग एक घातक रोग होने के बावजूद समय पर इलाज से निदान योग्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय परिवेश में जीवन शैली में परिवर्तन कर इस घातक रोग से बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि आम आदमी को केंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में तब पता चलता है जब रोगी केंसर रोग के अंतिम दौर तक पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक व प्रिन्ट मीडिया को चाहिए कि वे आम जन चिकित्सकों व विशेषज्ञों से रोग के लक्षणों के बारे में जागरूक करें ताकि वे समय रहते इस रोग की पहचान कर इसका इलाज करवा सके।

उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समाज के बीच स्वतंत्रा प्रवाह के लिए विशेषज्ञों को प्रोत्साहित करने की महती जरूरत है तभी विकास का वास्तविक लाभ हर वर्ग को मिल सकेगा।

इस सिम्पोजियम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं हवन के साथ हुआ, जिसकी विद्वानों ने वैज्ञानिक व्याख्या भी की। सिम्पोजियम में देश-विदेश के 200 से अधिक प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं।

आरंभ में प्रो.उमन वी.उमन ने स्वागत भाषण दिया जबकि भरत अग्रवाल ने सिम्पोजियम का परिचय दिया। राजेश ग्रोवर ने महामहिम राज्यपाल का परिचय दिया। जबकि कपिल मेहता ने गत आयोजनों पर विस्तार से जानकारी दी। आभार वर्षा गांधी ने जताया।

समारोह में सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो.महिप भटनागर, प्रो.सेन पाठक, जिला कलक्टर हेमन्त गेरा सहित देश- विदेश के विषय विशेषज्ञ मौजूद थे।

 

कल गलियाकोट आएंगे डा. सैयदना साहब

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रविवार शाम 4 बजे पहुंचेंगे, स्टेट गेस्ट होंगे, उदयपुर भी आने की संभावना, बोहरा समाज में खुशी की लहर

 रविवार शाम ४ बजे पहुचेगे गलियाकोट 

 दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु दाई फातिमी डा. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब रविवार को सरजमीं ए राजस्थान के कस्बे गलियाकोट (डूंगरपुर) आएंगे। साहबजादे (पुत्र) सैयदना मुफद्दल भाई भी उनके साथ रहेंगे। वे लोनावाला (खंडाला) से हेलीकॉप्टर से शाम चार बजे गलियाकोट स्थित हेलीपैड पर उतरेंगे, जहां से वे सैयदी फखरुद्दीन शहीद साहब की दरगाह में जियारत करेंगे और दरगाह परिसर में ही ठहरेंगे। सोमवार सुबह वापस उनके मुंबई जाने की सम्भावना है जब तक रहेंगे राज्य सरकार के मेहमान होंगे। उनके आगमन की खबर से बोहरा समाज में खुशी की लहर है और अकीदतमंदों ने उनके इस्तकबाल की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इनकी लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। शेख मुस्तफा के मुताबिक डा. सैयदना साहब गलियाकोट दरगाह परिसर में रहेंगे और तकरीर (प्रवचन) करेंगे। शनिवार से उनके प्रतिदिन का प्रोग्राम तय कर जारी किया जाएगा।

 कौन हैं डा. सैयदना साहब

दाई फातिमी डा. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब दाऊदी बोहरा समाज के 52वें दाई उल मुतलक (धर्मगुरु) हैं। उनके वालिद सैयदना ताहेर सैफुद्दीन के दुनिया से परदा लेने (इंतकाल) के बाद उन्हें यह पद हासिल हुआ। उनकी उम्र 101 वर्ष बताई जाती है। 13 साल की उम्र में उन्होंने दीनी तालीम पूरी कर ली थी। दुनिया के कई देशों में उनके मानने वाले हैं और वे ज्यादातर देशों की यात्रा कर चुके हैं। अरेबिक एकेडमी से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इजिप्ट की अल अजहर यूनिवर्सिटी से उन्होंने डाक्टर ऑफ इस्लामिक साइंस, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से डाक्टर ऑफ थियोलॉजी, इराक में करबला की अहलुल बेत यूनिवर्सिटी से शहादत ए तकदीर, कराची यूनिवर्सिटी से डाक्टर ऑफ लिटरेचर की उपाधि हासिल की है। जॉर्डन सरकार ने उन्हें स्टार ऑफ जॉर्डन से नवाजा है। टेक्सास सरकार ने भी उन्हें स्टार ऑफ टेक्सास से नवाजा है। मक्का, मदीना, जॉर्डन, इजिप्ट सहित कई देशों में धार्मिक परियोजनाओं में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।