खादी मेले में उमड़ी भीड़

उदयपुर,। टाउन हॉल प्रांगण में चल रही राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में रविवार को मेलार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। और लेकसिटीवासियों ने खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़े विभिन्न उत्पादों की जमकर खरीदारी की। शनिवार रात तक ६० लाख से अधिक की बिक्री हो चुकी थी। मेलार्थियों का रूझान देखकर स्टॉलधारियों का उत्साह भी बढ़ा है।

यह जानकारी देते हुए मेला व्यवस्थापक पप्पू खण्डेलवाल ने बताया कि रविवार को छुट्टी होने के कारण दोपहर बाद से ही मेलार्थियों का हुजुम खादी मेले में पहुंचने लगा। परिवार समेत आए मेलार्थियों ने अपनी आवश्यकता की वस्तुओं की जमकर खरीदारी की। मेले में महिलाओं को इस बार जैसलमेर की वुलन शॉल, पट्टु, बरड़ी, कशीदा शॉल, टाई एण्ड डाई शॉल, सिल्क की साड़ियों में ब्ल्यु चेरी, कांता, कटकी, बंधेज और लहेरिया साड़िया विशेष रूप से भा रही है और वे इसकी खरीददारी में भी विशेष उत्साह दिखा रहीं है। इसके अलावा सिल्क का कपड़ा, ड्रेस मैटेरियल, कलात्मक आकर्षक कपड़े के बेग, हेण्ड ब्लॉक प्रिंट, बेडशीट आदि भी मेले का आकर्षण बढ़ा रहे है। महिलाओं के लिए गर्म स्वेटर, जैकेट, गाऊन मेले में उपलब्ध है।

रविवार को महिलाओंं ने विभिन्न तरह के अचार, मुरब्बे, पापड़, बड़ी, नमकीन आदि की खरीददारी में भी रूचि दिखाई। चमडे व कपडे से निर्मित लेडिज पर्स व बेग उचित मूल्यों पर मेला स्थल पर उन्हें मिल रहे है। मेला स्थल पर चाट, पकौडी, मक्की राब आदि मेलार्थियों ने चटखारे लिये। महिला सहायता समूह द्वारा स्थापित समर्थन समिति के उत्पाद शहद व मधुमेह नाशक जामुन का सीरका भी मेला स्थल पर उपलब्ध है।

सोहराब की मोहब्बत जीती

 उदयपुर, 1 जनवरी। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में रविवार शाम नाटक ‘‘रूस्तम सोहराब’’ मंचित किया गया जिसमें दुश्मन की बेटी के साथ सोहराब का इश्क आखिर अमन दे गया।

शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित नाट्य संध्या में जयपुर के रंगकर्मियों ने ऋषिकेश शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘रूस्तम सोहराब’’ का मंचन किया। पारसी रंगमंच शैली पर आधारित इस नाटक में सोहराब डाकुओं द्वारा चुराये घोड़े को लेने के लिये दुश्मन देश में चला जाता है। वहां का शहंशाह उसे शाही मेहमान बना कर उसे घोड़ा वापस दिलाने का वचन देता है किन्तु उसका सिपहसालार सोहराब को दुश्मन मानता है व उसे धोखे से मारना चाहता है।

मगर शहजादी सोहराब के शोर्य से काफी प्रभावित होती है वह उससे मिलने मेहमान खाने जाती है व दोनों में प्रेम होजाता है। इसी प्रेम क ेचनते दो मुकों के बीच युद्ध के से हालात पैदा हो जाते हैं तथा षडयंत्र रचे जाते हैं। आखिर में जीत मोहब्बत की होती है और अमन की बरसात होती है।

पारसी शैली के संवादों में दर्शकों को खूब रास आया वहीं कलाकारों ने अपने सटीक अभिनय से प्रस्तुति को प्रभावी बनाया। प्रस्तुति में मंच संकल्पना ने दृश्यों को प्रभावी बनाया वहीं प्रकाश संयोजन सशक्त भाग रहा। नाटक का गीत संगीत अनुकूल बन सका।

 

इंटरनेट कार

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उदयपुर , आज इंटरनेट का जादू हर खासो आम के सर चढ़ कर बोल रहा है और इंटरनेट के इसी प्रयोग को देखते हुए ब्रिटिश के वैज्ञानिकों ने पूरी कार ही इंटरनेट की बना डाली | और इस कार का नाम रखा है रिनस्पीड बैबू जेसा इसका नाम अनोखा हे वेसे ही इसका रंग और रूप भी आम कारों से जुदा है इस अनोखी कार में इंटरनेट की सुविधा दी गई है जिसकी मदद से आप ई-मेल, सोशल नेटवर्किंग साइट और ट्विटर का प्रयोग किया कर सकते हैं।

ताज लेक पैलेस में हुआ रोयल कार्निवाल

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उदयपुर , नए साल पर जहाँ हर जगह डी जे संगीत और मस्ती का धूम धडाका था वही लेक पैलेस ने अपने मेहमानों को नए साल की रात रोयल कार्निवाल का एक नया तोहफा दिया ,

लेक पैलेस को किसी रजवाड़े तरह सजाया गया |

झंकार में मेहमानों के लिए राजस्थानी साफा और चुनरी का इंतजाम किया था जहा सभी मेहमान राजस्थानी सफा बंधे नज़र आये और महिलाये राजस्थानी चुनरी बांधे नज़र आई |

तो सज्जन टेरेस पर लोक नृत्य का आयोजन किया था जहा महमान लोक कलाकारों के साथ नृत्य में दुबे नज़र आये , मेवाड़ टेरेस पर रजा महारानी हाट बाज़ार का इंतज़ाम था जहा कही जादू गर की कलाकारी तो कही चूड़ी बेचने वाली खी खिलखिलाहट नज़र आई |

वही लिली पोंड पर कालबेलिया नृत्य का आयोजन किया गया |

और आखिर में भव्य आतिश बजी का नज़ारा देखने को मिला

ताज लेक पैलेस एशिया की न. 1 होटल

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उदयपुर ,पिछले दिनों मुंबई में विश्व के अग्रणी होटल्स ग्रुप (LHW ) द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मलेन के दोरान उदयपुर की होटल ताज लेक पैलेस को गुणवत्ता और उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए प्रथम पुरूस्कार दिया गया |

सम्मलेन में विश्व के सभी अग्रणी होटल्स ग्रुप के मेंबर मोजूद थे ताज लेक पैलेस को यह सम्मान उसकी गुणवत्ता और यहाँ आने वाले मेहमानों के अनुभव , भोजन की गुणवत्ता होटल के रख रखाव आदि के आधार पर दिया गया |

उदयपुर की ताज लेक पैलेस पिछोला झील के बिच स्थित है और विश्व भर में खासी मशहूर होटल है जिसका सञ्चालन अभी ताज ग्रुप द्वारा किया जा रहा है |

 

जश्न के साथ 2012

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रंगबिरंगी रोशनी, मस्ती भरे संगीत और लोगों का हुजूम। नए साल के स्वागत में साल के अंतिम दिन उदयपुर के तमाम होटलों में और फार्म हॉउस में यह नजारा खूब देखने को मिला। कड़ाके की ठंड के बावजूद यहां दोस्तों और परिजनों के साथ भारी संख्या में आए लोगों ने एक-दूसरे को तोहफे और नए साल की बधाई दी।सुरक्षा के मद्दे नज़र पुलिस भी चक चोबंद थी , लोगों के उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिली और शाम से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई जो आधी रात के बाद तक देखने को मिली।

जगदीश चोक लाल घाट एरिये की होटलों और रेस्टोरेंटों में विदेशी पर्यटकों की मस्ती देखने को मिली |

हर होटल और रेस्त्रां गुब्बारों और रंगबिरंगी रोशनी वाली लडिय़ों से जगमगाता दिखा। सैंकड़ों की संख्या में मौजूद लोग यहां मौज-मस्ती के साथ डांस फ्लोर पे थिरकते दिखे और देर रात तक पार्टी मनाई। वीकेंड की वजह से लोगों का उत्साह सुबह से ही देखने को मिला।

 

बिग बॉस 5 में जापानी सुमो कुश्ती चैंपियन

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बिग बॉस ५ शो के अंतिम सप्ताह में ६०१-पौंड के जापानी सुमो कुश्ती चैंपियन यामामोटोयामा उर्फ यामा की ग्रैंड एंट्री का शो गवाह बनेगा। उनके वजन को देखते हुए और ६‘४‘‘ की ऊंचाई को मापते हुए, यामा न केवल सबसे लंबे सुमो कुश्ती करने वाले है बल्कि वास्तव में आज तक के सबसे लंबे जापानी इंसान है।

घर के भीतर सप्ताहों की कैद के बाद प्रतिभागी एक नए चेहरे को देख कर निश्चित ही राहत की सांस लेंगे। बहरहाल, यह छोटे समय की बात होगी, विशेषकर जब उनको महसूस करेंगे प्रवेश करने वाले नए प्रतिभागी में एक बड़ी कमी है – वह अंग्रेजी को बोल अथवा समझ नहीं सकता है। कई खिताब जीतने वाला सुमो पहलवान घर में कुछ दिन बिताएगा और अभी तुनकमिजाज रहने वाले घर के सदस्यों को जरूर एक बहुत अधिक आवश्यक हास्य रूपी राहत देगा। बिग हाऊस के घर में रहने के दौरान यामा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उसके लिए घर के भीतर विशेष प्रबंध किए गए है। डायनिंग एरिया को सुमो पहलवाल की दिन प्रति दिन की गतिविधियों को करने हेतु पर्याप्त जगह देने के लिए एक बेडरूम-कम-एटिंग एरिया में बदला जाएगा। जापानी होने के कारण यामा फर्श पर बैठ कर खाते है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या घर के सदस्य उनके भोजन करने के दौरान उनका साथ देने में सक्षम होंगे। चूंकि सुमो पहलवान को भाषा की समस्या का भी सामना करना है, उन्हें तस्वीर वाले विशेष प्लेकार्ड भी दिए जाएंगे जो घर के सदस्यों को उनकी आवश्यकताओं को बताने में सहायता करेंगे। और अखिर में सुनिश्चित करने के लिए कि यामा मनोरंजक रहे घर में उनके रूकने के दौरान विशेष गतिविधियों की योजना तैयार की गई है जो दर्शकों को एक पेशेवर जापानी सुमो पहलवाल की जिंदगी में कुछ विशेष जानकारी देने में सहायता करेंगे।

फेसबुक पर अंगूठी की तस्वीर ने चोर को पहुचाया जेल

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वाशिंगटन। सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर एक अंगूठी की तस्वीर ने उसके चोर को जेल की सलाखों के पीछे करवा दिया। इस अंगूठी की कीमत 3200 डॉलर है। यही अंगूठी एक आभूषण स्टोर से चुराई गई थी। दरअसल जर्विस नाम के एक व्यक्ति ने यह अंगूठी चुराई थी और उसे अपनी प्रेमिका को सगाई में दी थी। जर्विस की प्रेमिका ने उस अंगूठी की तस्वीर फेसबुक पर डाल दी। फेसबुक पर अंगूठी की तस्वीर डालने से पुलिस को इस बारे में सुराग मिल गया और पुलिस चोर तक पहुंच गई।

तीजन बाई की पण्डवानी में प्रस्फुटित हुआ दुशासन वध

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उदयपुर, 29 दिसम्बर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव के नवें दिन गुरूवार को मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर ‘‘धरोहर’’ में पद्मभूषण से सम्मानित तथा देश की जानी मानी पण्डवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई ने पण्डवानी में महाभारत के प्रसंग ‘‘दुशासन वध’’ में कथा श्रवणकों के रोंगटे से खड़े कर दिये वहं इस अवसर पर सिद्दि धमाल व भांगड़ा ने दर्शकों को थिरकने के लिये प्रोत्साहित सा कर दिया।

उत्सव में रंगमंचीय कार्यक्रमों की शुरूआत राजस्थान के बाड़मेर की गैर से हुई। ढोल की थाप पर गैर नर्तकों ने होली के दिन याद ताजा करवाये। महाराष्ट्र की शब्दभेद कला में नारियल की तलाश जहां एक रोचक प्रस्तुत बन सकी वहीं बहुरूपिये सिकंदर अब्बास व उनके साथियों ने लोगों का मानेरंजन किया। इसके उपरान्त लावणी की बालाओं ने लास्य व लावण्य बिखेरा। सर्दी के माहौल के चलते नृत्यांगनाओं ने शीत ऋतु का अभिनय रोचक ढंग से किया।

कार्यक्रम में पद्म भूषण श्रीमती तीजन बाई प्रमुख आकर्षण रही। नृत्य, अभिनय, नाट्य और गायन की सिद्ध इस कलाकार ने अपनी ओजपूर्ण स्वरों में महाभारत दुशासन वध प्रसंग को रोचक ढंग से दर्शाया। तंबूरे के साथ तथा उसके कलात्मक प्रयोगों के अनुठे युग्म से इस प्रसंग में उन्होंने अपने आंगिक अभिनय से महाभारत के पात्र भीम, दुशासन, द्रौपदी इत्यादि को जीवंत बनाया। द्रौपदी द्वारा केश में दुशासन का रक्त लगाने का दृश्य अत्यंत प्रभावी बन सका।

कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार व निबूड़ा फेम गाजी खां मांगणियार व उनके साथियों ने गीत ‘‘झिर मिर बरसे मेह….’’ सुनाये वहीं इस अवसर पर बिहू नृत्य की प्रस्तुति ने असम के बिहू पर्व में युवा मन की तरंगों को उमंगपूर्ण ढंग से मंच पर अपनी दैहिक भंगिमाओं के साथ दर्शाया। कार्यक्रम में सिद्दि धमाल पर दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शक थिरक उठे वहीं भांगड़ा नर्तकों ने भी दर्शकों को नाचने व थिरकने पर मजबूर किया। भपंग वादक जुम्मेखां की शेरा शायरी पर दर्शकों ने ठहाके लगाये।

 

उत्सव के आखिरी दिन ‘‘झंकार’’ का आयोजन आज

नव वर्ष का अभिनन्दन को आ पहुंची देह व्यापारी बालाएं

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उदयपुर , लेकसिटी में इस बार नए साल का जश्न रंगीन होगा जश्न को लेकर होटल व् रेस्टोरेंट संचालकों ने तो अपने स्तर पर तय्यारियां प्रारंभ कर दी है |लेकिन इस बार शहर के समीप बने तथाकथित फार्म हाउसेस पर भी जश्न की तय्यारियां जारी है | नव वर्ष अभी नंदन के लिए निकट वर्ती राज्यों से देह व्यापारी बालाएं भी झीलों की नगरी में पहुच चुकी है |

हर वर्ष से कुछ हट कर होगा लेकसिटी में इस बार नए साल का जश्न कारण साफ़ है की मानसून मेहरबान रहा तो झीलों की नगरी का नेसर्गिक सोंदर्य खिल उठा अरावली की हरी भरी पहाडियों के मध्य स्थित झीलों की उठती लहरें मनो सैलानियों को आलिंगन कर निमंत्रण दे रही हे जल है तो जीवन है के सन्देश के साथ हरीतिमा की चादर ओढ़े अरावली की वादियाँ कोहरे व् बादलों की लुका छिपी में अपना सोंदर्य बिखेर कर मानो कह रही हों परदेसी बालम आओ नि पधारो म्हारे देश रे |

पलक पावडे बिछाये यहाँ के बाग़ बगीचे अतिथियों के अभिनन्दन को आतुर है इसी खुश नुमा माहोल को और भी रंगत देने के लिए निकट वर्ती राज्यों से देह व्यापारी बालाओं का आना शुरू हो गया है | इन बालाओं ने शहर के उपनगरीय क्षेत्रों में डेरा दाल दिया है |तथा अपने पुराने संपर्कों से ग्राहकों तक पहुच बना ली है |

सूत्रों परविशवास करें तो तिन खेपों में विभिन्न राज्यों से प्रयोजनार्थ लगभग १०० से अधिक बलाए लेकसिटी के जश्न को रंगीन बनाने पहुच चुकी है |तथा आगामी अंतिम दिन इनकी वृधि होने की आशंका है |

इधर शहर और बहार की होटलों पर आयोजित होने वाले जश्न मै अपनी पहचान हो जाने के भय से अब जश्न मानाने के लिए नए स्थानों के रूप मै फार्म हाउसेस खोज लिए गए है | जहाँ सिमित लोगों के साथ नए साल का जश्न प्रायवेसी में बनाये रखते हुए मनाया जा सके अधिकांश देह व्यापारी बालाएं इन्ही फार्म हाउसेस पर अपने जलवे बिखेरेगीं रंगीन मिजाज वालो के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है लेकिन निसंदेह पुलिस प्रशासन के लिए ये खबर अच्छी नहीं तथा लेकसिटी के बाशिंदों की संस्कृति को विकृत करने की इस परंपरा को रोकने के सभी प्रयास किये जाने चाहिए |