मिलावटियों की भी होली आई

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शहर में कई जगह चल रहा है मिलावट का धंधा
होली पर दस हजार किलो मावा व करीब एक लाख लीटर दूध की खपत
उदयपुर। रंगों का त्योहार होली बस कुछ ही दिन दूर है…। होली का नाम आते ही जुबान पर लजीज पकवानों का टेस्ट आना लाजिमी है। घरों में मिठाइयों की खुशबू से ही पूरा माहौल मिठास से भर जाता है, लेकिन इन मिठाइयों की मिठास ही होली के रंग में भंग डालने का काम कर सकती है। दरअसल सिटी के घरों में पकवानों की तैयारियां शबाब पर होने के साथ मिलावटखोंरों की तैयारी भी पूूरी हैं। मुनाफे के रंग में रंगने के लिए इन्होंने शहर के अंदरूनी मार्केट में सिंथेटिक मावा और दूध की सप्लाई शुरू कर दी है। सूत्रों की माने, तो शहर में होली पर लगभग दस हजार किलो मावा व करीब एक लाख लीटर दूध की खपत की संभावना है। इसके चलते असली मावा और दूध की कमी का फायदा मिलावटखोर उठाएंगे और लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करेंगे।
ऐसे तैयार होता है सिंथेटिक मावा: नकली मावा तैयार करने के लिए पिसे हुए आलू, शकरकंद, आरारोट, बेकिंग पाउडर, ऑयल और असली मावे को मिक्स किया जाता है। जब नकली माल बाजार में लाया जाता है, तो इसे असली मावे में मिक्स करने के बाद देशी घी की केमिकल फ्रेंग्रेंस डालकर पिंडी बना दी जाती है। इन्हें चिकना दिखाने के लिए रिफाइंड ऑयल लगाया जाता है। सफेदी के लिए आरारोट लगाया जाता है।
अंधेरे में हो रहा खेल: शहर के आउटस्कट्र्स से ये धंधा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। उदयपुर में मिलावाटी मावे की दुकान पर रात के अंधेरे से सूरज की पहली किरण से पहले ही सिंथेटिक मावा तैयार कर दिया जाता है और सुबह होते ही शहर के कई दुकानों पर यह मावा बिकने के लिए आ जाता है।
इनमें भी हो सकती है मिलावट: होली के त्योहार पर केवल मावा व धी में ही नहीं, बल्कि नमकीन, ऑयल्स, रंग, बेसन व अन्य कई खाने की वस्तु में भी हो सकती है, जिसके कारण मुख्य रूप से हमें पैकिंग की गई वस्तु का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।
घर में ही करें जांच
>> मावा: मावा का टुकड़ा लें, उसमें टिंचर आयोडीन में मिला दे, तो बैंगनी कलर दे, यदि मिलावट की संभावना होती है। यह आयोडीन किसी भी कैमिस्ट की शॉप पर मिल जाएगा।
>> पनीर: पनीर या मावे को हाथ पर रगडऩे के गाद पाउडर की तरह चूरा बन जाए तो इसमें मिलावट की संभावना होती है।
>> दूध: यूरिया व पानी की मिलावट हो सकती है। पानी की मिलावट होगी, तो किसी सीधे सरफेस पर पानी सीधे बह जाएगा। दूध रुक-रुक कर बहेगा। दूध में यूरिया होने पर पांच एमएल में दो बूंद ब्रोमोथाइमोल मिलाए। दस मिनट में दूध का रंग ब्ल्यू हो जाएगा।
>> घी: घी में वनस्पति घी के मिलावट की संभावनाएं रहती है। टेस्ट ट्यूब में हाडड्रोक्लोरिक एसिड मिलाने के पांच मिनट बाद ऊपर की सतह पर वनस्पति घी दिखाई देगा।
यहंा हुई कार्यवाही
शहर के प्रतापनगर पुलिस ने कुछ ही समय पूर्व मुखबिर की सूचना पर मादड़ी क्षेत्र में एक दूध के व्यापारी के घर पर दबिश देकर वहां से लगभग दो सौ किलों नकली घी बराबद किया था। पुलिस ने आरोपी से नकली घी बनाने के सामन के साथ ही कई उपकरण भी बराबद किए।

यह है मिलावटी वस्तु
> प्योर धी में डालडा
> रिफाइंड ऑयल में मोबिल ऑयल
> पनीर में ड्राई मिल्क व रिफाइंड ऑयल
> स्वीट्स में ड्राई मिल्क
> गुलाब जामुन में आरारोट
> सोनपापड़ी व लड्डू में मेटानिल येलो
> मावा में ड्राई मिल्क
> शहद में चीनी
> मिल्क में ड्राई मिल्क
> प्योर मावा में सिंथेटिक मावा
: तीन मार्च से ही शहर में मिलावटखोरी को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है, जो होली के बाद तक चलेगी। किसी भी व्यापारी के पास नकली मावा या मिलावटी सामान मिलेगा, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
-अनिल भारद्वाज, फूड इंस्पेक्टर

बजट पास फिर भी पार्क खस्ताहाल

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उदयपुर। लाखों का बजट पास होने के बावजूद गोवर्धनविलास क्षेत्र के वार्ड १९ का शिव मंदिर पार्क उजाड़ है। स्थानीय पार्षद की मनमर्जी और लापरवाही के चलते कॉलोनी के लोगों परेशान है। आरोप है कि शिव मंदिर पार्क के लिए निगम से लाखों का बजट पास हुआ, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
कुछ काम नहीं हुआ: वार्ड 19 के विराटनगर स्थित पार्क के लिए नगर निगम से पार्षद ने लाखों का बजट पास करवा लिया है, लेकिन पार्क कि हालत खस्ताहाल हो रही है। पूरे पार्क में गंदगी और कचरे का ढेर लगा हुआ है। बच्चों के खेलने के लिए झूले, तो दूर अंदर जाने का रास्ता तक सही नहीं है। विकास के नाम पर स्थानीय पार्षद चंदा राव ने दिखावे के लिए सिर्फ एक ट्रेक बनवाया है, जिसकी टाइल्स उखड़ चुकी है। पार्क की एक दीवार पर प्लास्टर करवाया है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि इस पार्क पर लाखों का बजट पास होने के बाद भी विकास नहीं होता है, तो जरुर कहीं भ्रष्टाचार हुआ है।
भड़की पार्षद: क्रमददगारञ्ज ने जब स्थानीय पार्षद चंदा राव को पार्क में विकास नहीं होने की वजह पूछी, तो वे सरासर झूठ बोल गई कि वहां अभी भी काम चल रहा है और भड़क कर बोली कि आपको यही एक पार्क दिख रहा है क्या? मैंने वार्ड में और भी विकास के काम करवाए है। जब उनसे कहा गया कि वहां हाल में कोई काम नहीं चल रहा है और बजट पास होने के बाद भी कॉलोनी वासियों को यह उजाड़ पार्क ही देखने को मिल रहा है, तो पार्षद ने भड़कते हुए कहा कि आपको जो छापना हो छाप लो। इधर, उद्यान समिति अध्यक्ष सत्यनारायण मोची का भी कहना है कि बजट पास हुआ है, लेकिन काम क्यों नहीं हुआ है। यह जांच का विषय है। स्थिति साफ है कि पार्क का बजट पास हो चुका है। वर्क ऑर्डर निकल गए, लेकिन फिर भी काम नहीं हो रहा है, तो स्पष्ट है कि कहीं न कहीं भ्रष्टाचार हुआ है।
: पार्क का बजट पास हो गया है, काम भी शुरू हुआ है, लेकिन स्थिति खराब क्यों है, मैं जांच करवाता हूं।
-सत्यनारायण मोची, अध्यक्ष, उद्यान समिति नगर निगम

कुंड में कूद युवती ने दी जान

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चित्तौडग़ढ़। दुर्ग स्थित फतहप्रकाश महल प्रांगण के पास बने भीमकोड़ी कुंड में कूदकर बुधवार दोपहर एक युवती ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारण स्पष्ट नहीं हो पाए।
दुर्ग पर रहने वाली हंसा (18) पुत्री रतनलाल तेली बुधवार दोपहर करीब 12.45 बजे फतहप्रकाश महल प्रांगण के पास बने भीमकोड़ी कुंड की ओर बदहवास अवस्था में पहुंची और कुंड में कूद गई। यह नजारा देख रही एक महिला ने हंसा को आवाज भी दी, मगर तब तक देर हो चुकी थी। कुछ ही देर में इसका पता चलने पर बड़ी संख्या में लोग कुंड पर इक_ा हो गए। शहर कोतवाल ज्ञानेंद्रसिंह राठौड़, एएसआई शिवसिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। पूर्व पार्षद बालमुकुंद मालीवाल भी पहुंचे। दुर्ग पर रहने वाले फोटोग्राफर, गाइड व अन्य युवकों ने कुंड में युवती की तलाशी की कवायद शुरू की। नगर परिषद के गोताखोरों को भी बुलाया गया। इस बीच, दुर्ग निवासी मनोहर वैष्णव, अखिलेश, भूपेंद्र आदि तैरकर व बलाई की सहायता से कुंड में ढूंढने लगे। पवननाथ व मनोहरनाथ भी पानी में कूदे। करीब 10 मिनट की मशक्कत के बाद दो बजे युवती के बाल बलाई में आ गए। इसके बाद पवननाथ व मनोहरनाथ समेत अन्य युवकों ने युवती के शव को बाहर निकाल लिया। डीएसपी कानसिंह भाटी ने भी मौका-मुआयना किया। शव को श्री सांवलियाजी सामान्य अस्पताल ले जाकर पोस्टमार्टम कराया गया। युवती की आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। युवती के मामा कैलाश तेली ने बताया कि हंसा की शादी गत वर्ष छोटीसादड़ी हुई थी। करीब महीने भर पहले ही वह ससुराल से पीहर आई थी। युवती के पिता रतनलाल कुंभानगर में एक फर्म पर काम करते हैं।

सटोरियों ने कहा- मोदी ही बनेंगे प्रधानमंत्री

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Gujarat's CM Modi wears traditional Indian turban as he waves to his supporters on second day of his fast in Ahmedabadनई दिल्ली। आम चुनाव की जंग में तमाम दल एक-दूसरे पर अभी निशाने ही साध रहे हैं, लेकिन सट्टा बाजार तो इस लड़ाई का फैसला भी कर चुका है। सट्टेबाजों का मानना है कि मई में नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे और एआईडीएमके की जयललिता जैसी सहयोगियों के दम पर एनडीए 272 का आंकड़ा पार कर लेगा। पंटर्स (सट्टा लगाने वाले) के गणित के मुताबिक, कांग्रेस 100 से कम सीटों पर सिमट सकती है।
देश के टॉप बुकमेकर्स (बुकीज) ने कल की देर शाम अपने दांव का खुलासा किया। उनके मुताबिक, बुरी से बुरी हालत में भी बीजेपी को 200 सीटें तो मिलेंगी ही और इस पर सट्टेबाजों ने 22 पैसे का दांव लगाया है। हालांकि 225 सीटों के टारगेट के लिए प्राइस 1.80 रुपए लगाई जा रही है। कुछ ऑपरेटर्स का मानना है कि बीजेपी 230-235 सीटें जीत सकती है, लेकिन इस रेंज पर कोई भी दांव नहीं लगा रहा है।
सट्टा कई संभावनाओं पर लगाया जाता है। इसमें आप यह दांव लगा सकते हैं कि बीजेपी 200 सीटें जीतेगी और अगर आपकी बात सही निकली, तो आपकी ओर से लगाए गए हर रुपए के लिए आपको 22 पैसे ज्यादा मिलेंगे। मसलन, अगर आपने एक लाख रुपए लगाए हों, तो आपको एक लाख 22 हजार रुपए मिलेंगे। माना जाता है कि अगर किसी बात पर लग रहे दांव में प्राइस कम हो, तो उस बात के सच होने की संभावना मजबूत होती है।
जिन ऑपरेटर्स से संवाददाता ने बात की, उन्होंने कहा कि 16 मई को मतदान पूरा होने तक उनका टर्नओवर 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है। बुकीज कांग्रेस के 85 सीटें जीतने की संभावना पर 1.60 रुपए देने को तैयार हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस के लिए 75 सीटों से आगे बढऩा मुश्किल होगा और समूचा यूपीए 100-150 सीटों तक सिमट जाएगा। मोदी के पीएम बनने पर सट्टा लगाने वालों को हर रुपए के बदले 42 पैसे, जबकि राहुल गांधी के पीएम बनने पर दांव लगाने वालों को 6.50 रुपए मिलेंगे। समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के पीएम बनने पर सट‌्टेबाजों को हर रुपये पर 11 रुपए मिलेंगे। ममता बनर्जी के पीएम बनने पर 16 रुपए का भाव चल रहा है। आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के पीएम बनने की संभावना पर भाव 500 रुपए का है।

चुनावी खर्च पर निर्वाचन आयोग की पैनी नजर

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एक घंटे हैलीकॉप्टर की उड़ान का खर्च ८० हजार से २.५० लाख तक जोड़ा जाएगा
उदयपुर। विधानसभा चुनाव की तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों के चुनावी खर्चों पर निर्वाचन आयोग की पैनी निगाह रहेगी। निर्वाचन विभाग ना सिर्फ प्रत्याशियों के चाय-पान के खर्च का आंकलन करेगा, बल्कि हेलीकॉप्टर की उड़ानों पर भी विशेष नजर रखेगा। विभिन्न श्रेणियों के हेलीकॉप्टर के उपयोग पर प्रत्याशी के खाते में 80 हजार से लेकर 2.50 लाख रुपए तक जोड़े जाएंगे। हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हैलीपेड बनाने का खर्च भी अलग से जोड़ा जाएगा। निर्वाचन विभाग ने आचार संहिता लागू होते ही प्रत्याशियों के खर्च के आंकलन में जरूरी वस्तुएं और कार्यकलापों की दरें निर्धारित कर दी है। विधानसभा चुनाव के वक्त दरों को आधार मान कर ही लोकसभा चुनाव के लिए दरें निर्धारित की गई है, लेकिन इसमें विभिन्न श्रेणियों में आने वाले वाहनों के किराये में बढ़ोतरी की गई है। हैलीकॉप्टर के बढ़ते उपयोग को देखते हुए प्रति घंटे के हिसाब से हैलीकॉप्टर की दर तय की गई है।
खान पान खर्च : चाय चार रुपए, कॉफी आठ रुपए, समोसा कचोरी 10 रुपए, जलेबी 80 रुपए किलो, चपाती-सब्जी, अचार व लड्डू 35 रुपया प्लेट।
फूल-माला खर्च : छोटी फूल-माला आठ रुपए, बड़ी फूल माला 15 रुपए, एक्स्ट्रा बड़ी फूल मला 50 रुपए, पुष्प गुच्छा 20 रुपए, प्लास्टिक कुर्सी 3 रुपए, पाइप 3 रुपए, पंडाल छोटा मय कार्पेट 2 हज़ार रुपए, पंडाल बड़ा 4 हजार रुपए,
हैलीकॉप्टर खर्च : हैलीकॉप्टर का खर्च प्रति घंटे के हिसाब से तय किया गया है। बेल 429-1.6 लाख, बेल 407-85 हजार, एसएस 350बी 3-85 हजार, बेल 412 डॉफिन हैलीकॉप्टर 2.5 लाख, पांच सीटर हैलीकॉप्टर के लिए हैलीपेड निर्माण खर्च 15 हजार, छह सीटर हैलीकॉप्टर के लिए हैलीपेड निर्माण पर 30 हजार रुपए खर्च होगा।
वाहन खर्च : वाहन का खर्च प्रतिदिन के हिसाब से तय किया गया है। टैक्सी व कार 950-1700 रुपए नॉन एसी, कार एसी 1950 रुपए प्रति दिन, मिनी बस 3400 से 3900 रुपए तक, बस 4100 से 5400 रुपए तक।
कार्यालय : शहरी 20 रुपए प्रति वर्ग फीट शहरी क्षेत्र में, 10 रुपए प्रति वर्ग फीट ग्रामीण क्षेत्र में प्रति माह के हिसाब से किराया।
प्रचार सामग्री : झंडे 2-10 रुपए साइज के हिसाब से, स्टीकर 4-6 रुपए, पोस्टर तीन रूपये, बैनर पांच रुपए प्रति वर्ग फीट, होर्डिंग 10 रुपए प्रति वर्ग फीट, पेम्पलेट 180 रुपए प्रति हजार।
साउंड सिस्टम : एक हजार व्यक्तियों के लिए साउंड सिस्टम एक हजार रुपए, ऑटो रिक्शा में प्रचार एक हजार मय किराया और मजदूरी, साइकिल रिक्शा से प्रचार 500 रुपए मई किराया व मजदूरी, चुनाव कार्यालय पर साउंड सिस्टम लगाने का खर्च 250 रुपए जोड़ा जाएगा।

निःषुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का आयोजन

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उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड मटून माईन्स के सी.एस.आर कार्यक्रम के अर्न्तगत एवं पेसीफिक डेन्टल कॉलेज उदयपुर के संयुक्त तत्वावद्यान में एक दिवसीय निःषुल्क दन्त चिकित्सा षिविर का आयोजन मटून ग्राम पंचायत के ग्राम टिला खेडा में किया गया।
षिविर के दोरान डॉ. सुरेष दषोरा के नेतृत्व में उनके 10 सदस्यों की टिम ने 105 रोगीयों की जांच कि एवं आवष्यकतानुसार दांतों की सफाई और फिलिंग की, तथा गंभीर दन्त रोगियों को पेसिफिक डेन्टल कॉलेज उदयपुर रेफर किया गया जहां उनका निःषुल्क इलाज किया जाएगा। साथ ही सभी रोगीयों को दांतों का सही तरीके से रखरखाव की जानकारी दि।
षिविर का संयोजन हिन्दुस्तान जिंक मटून माईन्स के सी.एस.आर. अधिकारी डी.एस.चौहान व समन्वयक राकेश कुमार ने किया व मटून पंचायत के सरपंच श्री औनार सिह देवडा व ग्रामवासीयों ने शिविर को सफल बनाने में अपना महत्वपुर्ण योगदान दिया।

जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ सकते हैं अजहर

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Udaypur . पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरूद्दीन कांग्रेस के टिकट पर जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को करीब 9 घंटे चली बैठक में राजस्थान समेत कुछ राज्यों की सीटों को लेकर चर्चा हुई।

पार्टी ने संकेत दिए हैं कि अगली सूची एक-दो दिन में आ सकती है, जिसमें सौ नाम हो सकते हैं। पूरे नाम होली के बाद ही आने की सम्भावना है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी की चुनाव लड़ने की जगहों को लेकर लम्बी चर्चा हुई। अल्पसंख्यक की सीट को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ।

सूत्रों की मानें तो रात तक चली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मौजूदा सांसद सचिन पायलट, चन्द्रेश कुमारी, ज्योति मिर्घा, रघुवीर मीणा, सीपी जोशी, भरतराम मेघवाल, नमोनारायण मीणा, बद्रीराम जाखड़ आदि को फिर से टिकट दिए जाने के संकेत हैं। सचिन, सीपी जोशी की सीटों पर अदला-बदली की चर्चा है।

सूत्रों का कहना है कि पूर्व क्रिकेटर अजहरूद्दीन को जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इन दोनों स्थानों में भी जयपुर से अजहरूद्दीन के आने पर ज्यादा जोर है। सी.पी. जोशी के जयपुर ग्रामीण से आने की चर्चाओं के चलते लालचंद कटारिया को अजमेर भेजा जा सकता है।

उधर, टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर सचिन पायलट की पक्की दावेदारी है। कांग्रेस राजपा के किरोड़ी लाल मीणा से दौसा सीट को लेकर तालमेल बैठा सकती है। पार्टी का मानना है कि ऎसा होने से टोंक-सवाई माधोपुर व दौसा सीटों पर फायदा मिलेगा। ऎसे में नमोनारायण मीणा का पत्ता भी साफ हो सकता है।

लंबी फेहरिस्त से बढ़ी भाजपा की परेशानी

जयपुर शहर की सीट पर उम्मीदवार तय करना भाजपा के लिए भी बड़ा मुश्किल हो रहा है, क्योंकि दावेदार ज्यादा और बड़े हैं। इनमें विधायक घनश्याम तिवाड़ी, प्रदेश महामंत्री रामचरण बोहरा, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन शर्मा और उपमहापौर मनीष्ा पारीक के नाम लिए जा रहे हैं।

तिवाड़ी पिछली बार प्रत्याशी थे, लेकिन हार गए थे। इस बार अभी तक उनके मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। इसके अलावा पार्टी ने मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देने का निर्णय भी कर रखा है, इसलिए उनका दावा कमजोर हो जाता है, लेकिन जानकारों का कहना है कि केन्द्रीय स्तर पर तिवाड़ी की पहुंच और वरिष्ठ नेता का कद देखते हुए उन्हें “अंडरएस्टिमेट” नहीं किया जा सकता। पार्टी का एक वर्ग यह भी मानता है कि राजे भविष्य की किसी परेशानी से बचने के लिए टिकट देकर उन्हें केन्द्र में भेज सकती हैं, क्योंकि विधानसभा में अब तक तिवाड़ी के तेवर काफी तीखे रहे हैं।

अन्य नामों में रामचरण बोहरा राजे की व्यक्तिगत पसंद बताए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर विधायकों का समर्थन उनके साथ नहीं बताया जाता। सुमन शर्मा का दावा ब्राह्मण और महिला होने के नाते है। मनीष्ा पारीक ऎसा नाम है, जिसकी अभी ज्यादा चर्चा नहीं है, लेकिन राजे की ओर से अभी तक जिस तरह के चौंकाऊ नाम आ रहे हैं, उसमें पारीक एक नाम हो सकता है।

वैभव की दावेदारी पर संतुष्ट नहीं

झालावाड़ से अल्पसंख्यक को लड़ाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। जालोर-सिरोही से वैभव गहलोत के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व अभी वैभव की दावेदारी को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।

नाबालिग बिकी सत्तर हजार में

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उदयपुर। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की एक नाबालिग युवती को गिरोह ने उदयपुर की मैरिज ब्यूरो संचालिका की मदद से राजसमंद के सेवंत्री गांव में 70 हजार रूपए में बेच दिया। आठ दिन तक युवती के साथ सेवंत्री में ही रहने के बाद मैरिज संचालिका उसे कोटा में छोड़कर भाग निकली। युवती ने जैसे-तैसे अपने घर पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। युवती की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसे खरीदने वाले मां-बेटे सहित चार जनों को गिरफ्तार किया।

मौके से मैरिज ब्यूरो की संचालिका फरार हो गई, जबकि उसका सहयोगी पुत्र व एक अन्य महिला हत्थे चढ़ गई। दमोह पुलिस ने बताया कि नाबालिग को खरीदने के आरोप में कसार सेवंत्री (राजसमंद) निवासी नरेश पुत्र मिश्रीलाल दवे, उसकी मां प्रभा दवे, उदयपुर के सेक्टर तीन में मैरिज ब्यूरो की संचालिका रजनी शर्मा के पुत्र मनोज व आशा पत्नी रमेश शर्मा को गिरफ्तार किया। फरार रजनी की तलाशी के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली जा रही है।

70 हजार में सौदा

रजनी ने प्रभादेवी के साथ युवती का 70 हजार में सौदा किया। उदयपुर में स्टाम्प व नोटरी करवाकर विवाह संबंधी लिखा-पढ़ी कर ली। दस्तावेजों में नारायण व रामवती ने पीडिता के बड़े पापा-मम्मी बनकर शादी करवा दी। नरेश पीडिता को अपने घर ले गया। वहां विरोध करने पर प्रभा उसे वापस रजनी के पास छोड़ गई। रजनी पीडिता को लेकर कोटा गई और उसे वहां छोड़कर भाग निकली। पीडिता लोगों से पैसे जुटाकर जैसे-तैसे अपने गांव पहुंची और पिता के साथ वहां थाने में पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की पुलिस ने यहां पहुंचकर अलग-अलग जगह दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

यह था मामला

उपाधीक्षक सरिता उपाध्याय ने बताया कि पीडिता दमोह में नारायणसिंह लोधी व रामवती के साथ पूडियां बेलने के लिए साथ जाती थी। रामवती की पुत्री वर्षा से नाबालिग के अच्छे रिश्ते थे। वर्षा के माध्यम से दोनो आरोपी इस नाबालिग को बांदरपुर में काम होने का कहकर गांव से ले गए। रास्ते में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे कोटा और वहां से ट्रेन में पीडिता को आरोपी उदयपुर लेकर आ गए। यहां उन्होंने उसे सेक्टर-3 निवासी रजनी शर्मा के सुपुर्द कर दिया। रजनी ने उसके यहां शादी के लिए लड़की ढूंढ़ने के आए प्रस्ताव पर राजसमंद के नरेश दवे के परिवार से सम्पर्क किया। नरेश की मां प्रभादेवी किसी कारणवश उदयपुर नहीं आ सकी तो रजनी युवती को लेकर सेवंत्री पहुंच गई।

उदयपुर में भूकंप के हल्के झटके

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उदयपुर। शहर में बुधवार रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। कई इलाकों में लोग घरों से बाहर आ गए। लोगों ने रात 9.52 से 9.55 बजे के बीच कम्पन महसूस किया। भूकंप का केन्द्र बिन्दु गोगुंदा-सायरा और पाली रहा। विशेषज्ञों के अनुसार रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 1.5 से 2 रही। उदयपुर शहर में भूकम्प की खबर आग की तरह फैल गई। लोग घरों से बाहर निकल आए। बच्चे ये सब देखकर एकाएक घबरा गए। भूकम्प विशेषज्ञ डॉ. जी.एस. भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने स्वयं विवि कैम्पस में कम्पन महसूस किया।

उनके अनुसार रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 1.5 से 2 रही तथा भूकम्प का केन्द्र बिन्दु उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र रहा। भारद्वाज ने बताया कि 1.0 से 2.9 तक रिक्टर पैमाने की तीव्रता वाला भूकम्प माइको श्रेणी का है, इस श्रेणी का भूकम्प महसूस होता है। इस श्रेणी का भूकम्प करीब छह महीने पहले ही भीम-पाली क्षेत्र में महसूस हुआ। इधर, शहर में रात को भूकम्प महसूस होने के बाद लोगों ने अपने परिचितों को मोबाइल पर फोन कर स्थिति बताई और उनके वहां की जानकारी ली। लोगों ने समाचार पत्रों के कार्यालयों में भी कॉल कर भूकम्प की सूचनाएं दी।

होली के रंग पर महंगाई की मार

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मंहगाई की मार से मार्केट नहीं हो रहा गुलजार, होली के सामान हुए दोगुने महंगे
उदयपुर। सोनू इस बार होली में भी अपनी मम्मी से मीठी गुंझिया और मीठे पकवान मंागेगा। हालांकि उसे क्या मालूम कि मंहगाई ने गुंझिया की मिठास फीकी कर दी है। पिछली होली की तुलना में यह होली कुछ महंगी साबित हो रही हैं। लोगों का कहना है कि साल दर साल महंगाई किस कदर बढ़ रही है, इसका अंदाजा इस बार की होली को देखकर लगाया जा सकता है। मलालेदार दहीबड़े और होली पर बनने वाले पकवानों का भी महंगाई ने स्वाद बिगाड़ रखा है। होली के लिए रंग, गुलाल, पापड़, फल आदि सामानों के रेट सुनकर ही शहरवासियों के होश उड़ रहे हैं।
नमकीन पर भी मंहगाई का असर
होली पर बिकने वाले नमकीन खाद पदार्थों के दामों में पिछले साल से १० फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। इस कारण दुकानदार भी कम बिक्री होने का रोना रो रहे हैं। नमकीन आइटमों में कई कंपनियों ने अपने पापड़ और आलू चिप्स बाजार में उतारे हैं।
महंगाई में फल भी पीछे नहीं
होली पर आने वाले मेहमानों के लिए इस बार प्लेट में फल देखने को कम ही मिल सकते हैं। फल इतने महंगे हो गए हैं कि आम आदमी बात छोडि़ए, अच्छे-खासे लोग भी फल खरीदने से अपनी जेब झांकने को मजबूर हैं।
आसमान छूते जा रहे हैं दाम
होली पर रंगों का हुड़दंग अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन महंगाई हुड़दग मचाने लगी है। आलम यह है कि २९ रुपए किलो बिकने वाली चीनी पांच दिन में ३२ रुपए किलों तक पहुंच गई। इतना ही नहीं घी व तेल भी लगभग १५-१५ रुपए महंगे हो गए। ७६ रुपए किलो बिकने वाला सरसों का तेल अभी से ९० रुपए तक पहुंच गया। मजेदार बात तो यह है कि होली पर बनने वाले पकवानों में सबसे अधिक आटा और मैदा का यूज किया जाता है। आटा भी १८ रुपए से बढ़कर २२ रुपए किलो और मैदा २० से बढ़कर २३ रुपए किलो हो गया है। चना और बेसन १२, किसकिस ५० व काली मिर्च ३० रुपए मंहगी हो गई है।