अर्पहत बालिका के साथ दुष्कर्म

उदयपुर, । सराडा थाना पुलिस ने तीन बदमाशों के खिलाफ बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रकरण दर्ज किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार केजड गांव निवासी व्यत्ति ने केजड गांव निवासी अशोक पुत्र भेरूलाल मीणा, रमेश पुत्र गमाना, पन्नालाल पुत्र हकरा के खिलाप प्रकरण दर्ज करवाया। कि १३ नवंबर सांय पुत्री अपनी सहेली के साथ जंगल की तरफ शॉच के लिए गई। वापस लोटते समय कार लेकर आये आरोपी पुत्री को कार में डाल कर मायर जंगल की तरफ ले गये। जहां विरोध करने पर रमेश व पन्नालाल ने निचे गिरा कर हाथ पकड लिये तथा अशोक ने दुष्कर्म कर फरार हो गये। । सहेली के घर लोटने पर घटना की जानकारी देने के बाद तलाश में निकले परिजनों को दूसरे दिन तडके पुत्री मोके पर मिली। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की

मुख्यमंत्री ने देवास परियोजना द्वितीय शिघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए

देवास तृतीय एवं चतुर्थ चरण के सर्वे की घोषणा की

उदयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संक्षिप्त प्रवास के तहत मादडी बांध पहुंच कर देवास परियोजना का जायजा लिया तथा देवास परियोजना के तीसरे व चौथे चरण के सर्वे की घोषणा करते हुए दूसरे चरण को शीघ्र पूरा करने के आदेश दिये।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मानगढ धाम (बांसवाडा) से देवास परियोजना का जायजा लेने के लिए शाम चार बजे मादडी पहुंचे जहां अब तक हुई कार्य की विस्तृत रूप से समझा और मादडी बांध का जायजा लिया तथा आकोदडा बांध जिसका की कार्य अभी तक ४८प्रतिशत हुआ है तथा ठेकेदार के चले जाने से अटका पडा है। उसको जून २०१३ तक पूरा करने के निर्देश दिया। देवास परियोजना ३ व ४ जिसमे गोगुन्दा के पास नाथियावल गांव में ५०० एमसीएफटी का बांध प्रस्तावित है। यहां से १०.३८ किमी की सुरंगे बनेगी जो आकोदडा वाली मुख्य सुरंग से जुडेगी व गोगुन्दा के अम्बावा गांव के पास ५०० एमसीएफटी बांध प्रस्तावित है यहां ३.८८ किमी की सुरंगे बनेगी जो नाथियावल वाली सुरंग से जुडेगी। इस परियोजना के सर्वे की मुख्य मंत्री ने हरिझण्डी दे दी व सर्वे चार महिने मे पूरा कर रिपोर्ट देने को कहा इस सर्वे में ७८.९ लाख का खर्च आयेगा। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि देवास परियोजना ३ व ४ चरण को पूरा करने में लगभग ८०० करोड रूपये का खर्च आयेगा जो प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विधायक गुलाब चंद कटारिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार आयी थी तो कटारिया जी बहुत हो हल्ला कर रहे थे कि देवास का काम अटका पडा है जबकी हमने दूसरे चरण में खर्च हुए ३१० करोड में से २७० करोड रूपये इसी कांग्रेस सरकार में दिये है जबकी पिछली बीजेपी की सरकार थी जिसमें ३०करोड रूपये ही दिये गये थे। मुख्यमंत्री ने अपने अल्प प्रवास के दौरान बछार गांव पंचायत में राजीव गांधी सेवा केन्द्र का उदघाटन किया तथा वहां हुई संक्षिप्त सभा में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार और केन्द्र सरकार ने ग्रामीणों के विकास के लिये कई योजनाएं बनाई है जो धीरे धीरे क्रियान्वित हो रही है। इसी के अंतर्गत आज बछार जैसे छोटे से पंचायत में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ३०० मकान बन गये है। और आज राजीव गांधी सेवा केन्द्र भी खुल गया है अब ग्रामीणों को छोटे सरकारी कार्यो बिजली, पानी का बिल, मूल निवास, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र आदि के लिए चक्कर नहीं काटने पडेगें और सब यही हो जाएगा।

इससे पूर्व कारगेट रूकवा कर मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बने हुए एक मकान का जायजा लिया। मादडी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री की अगुवाई में सांसद रघुवीर मीणा, विधायक सज्जन कटारा शहर जिलाध्यक्ष कांगे्रस निलिमा सुखाडिया, विधायक गजेन्द्र ङ्क्षसह शक्तावत, जनजाति आयोग उपाध्यक्ष दिनेश तरवाडी आदि मौजुद थे।

PHOTO – Abdul Latif

गहलोत एवं केबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया महाराणा प्रताप हवाई हड्डे से राजकीय वायुयान द्वारा सांय ६ बजे जयपुर प्रस्थान कर गए।

पहनों तो कपडा, उतारो तो सूटकेस!

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लंदन। अगर आप विमान में सफर करते वक्त अपने सामान का अतिरिक्त किराया देने से बचना चाहते हैं तो आपके लिए एक ऎसा सूटकेस आया है, जिसे कपडे की तरह पहना जा सकता है।

आयरलैंड के एक व्यक्ति ने ऎसा ही एक सूटकेस तैयार किया है। इसे 15 किलोग्राम तक का सामान रखकर पहना जा सकता है। इससे हवाई सफर के दौरान अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकेगा। जैकेटगो नाम की इस ड्रेस में न सिर्फ आप कम्फर्टेबली अपना सामान रख सकते हैं बल्कि इसकी मदद से आप हवाई यात्रा करते वक्त अपने लगेज का किराया भी बचा सकते हैं।

समाचार पत्र “डेली मेल” के अनुसार पेशे से इंजीनियर जॉन पावर ने कोट रूपी सूटकेस तैयार किया है और इसकी कीमत 56 पाउंड रखी है। पावर का कहना है कि वह सप्ताह में दो बार सस्ती एयरलाइन से सफर करते हैं और ऎसी स्थिति में ज्यादातर खर्च सामान पर आ जाता है। इस तरह की एयरलाइन यात्रियों को अपने साथ विमान में एक छोटा थैला ले जाने की इजाजत देती हैं। इसी के मद्देनजर पावर ने यह अनोखा सूटकेस तैयार किया।

बाल ठाकरे का निधन

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मुंबई. शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे का लंबी बीमारी के बाद आज अपराह्न साढे तीन बजे निधन हो गया।  ठाकरे का इलाज करने वाले डाकटर ने शाम पांचबजे संवाददाताओं को बताया कि श्री ठाकरे  को हृदय की परेशानी हो गयी जिसे ठीक करने की कोशिश की गयी लेकिन हम उन्हें बचा नहीं पाये।

श्री ठाकरे के निधन की घोषणा आज शाम पांच बजे उनकाइलाज करने वाले डाकटर ने की।  श्री ठाकरे के निधन की घोषणा के पूर्व श्री ठाकरे के घरमातोश्री में उनके भतीजे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे अपनी पत्नी के साथ पहुंचे गये।
श्री राज के अलावा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतागोपीनाथ मुंडे, शर्मीला ठाकरे, विनोद तावडे और एकनाथ शिंदे भी मातोश्री पहुंचा गये। शिवसेना सांसद संजय राउत भी मातोश्री पहुंच गये हैं।
सूत्रों के अनुसार सभी बडे नेता मातोश्री पहुंच रहे हैं।  मातोश्री के बाहर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है।

एफडीआई पर पीएम की डिनर डिप्लोमेसी

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नई दिल्ली। संसद में एफडीआई पर विपक्ष के हमलों की धार कुंद करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यूपीए नेताओं के लिए आज रात्रि भोज का आयोजन किया है। भोज के दौरान संसद को सुचारू रूप से चलाने की रणनीति पर भी चर्चा होने की संभावना है। लगभग एक महीने तक चलने वाला संसद का शीतकालीन सत्र अगले हफ्ते से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इसी रणनीति के तहत सपा और बसपा के प्रमुख नेताओं को भी भोज दिया था।

मनमोहन सिंह ने पिछले सप्ताह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रात्रि भोज दिया था और इसके बाद रविवार को बसपा प्रमुख मायावती को दिन के भोजन पर आमंत्रित किया था। संसद में एफडीआई मुद्दे पर विपक्ष की ओर से मत विभाजन के प्रावधान वाले नियमों के तहत चर्चा करने या अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने को लेकर आशकित प्रधानमंत्री सहयोगी दलों और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दलों से तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहे हैं।

वाम दलों ने एफडीआई पर मत विभाजन के नियमों के तहत संसद में चर्चा कराने के प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इसके अलावा भाजपा, जदयू और इस मुद्दे पर संप्रग से अलग हुई तृणमूल काग्रेस ने भी ऐसे ही नोटिस दिए हैं।

गैस चोरी से फल फूल रहे घर परिवार

उदयपुर। शहर में करीब 140 से अधिक गैस टंकी वितरण सेंटर बने हुए हैं। खास बात यह कि तकरीबन सभी सेंटर झाडिय़ों की ओट या सूनसान गलियों में ऐसी जगह है जहां से लोगों का आना-जाना काफी कम रहता है। ये ही वो जगह है जहां सधे हाथों से सिलेंडर की कैप खोलकर गैस चोरी का बड़ा कारोबार चलता है। कारोबार भी ऐसा कि सिलेंडर में पूरी गैस पाने का हकदार खरीदार इस चतुराई से की गई चोरी का अंदाजा ही नहीं लगा पाता।

शहर के सुंदरवास-बोहरा गणेश मार्ग, आयड़ क्षेत्र में धूलकोट के सूनसान मार्ग, सैक्टर-१४ क्षेत्र में इंद्रप्रस्थ कॉम्पलेक्स के सूनसान एरिये में हो चाहे फतहपुरा, साइफन, युनिवर्सिटी 100 फीट रोड एरिये में, हर जगह गैस टंकी वितरण सेंटर सूनसान एरिये में ही बनाए गए हैं। सभी जगह हॉकरों की हलचल रहती है। प्रावधान अनुसार टंकियों को इस तरह रखकर बेचना ही दंडनीय अपराध माना गया है लेकिन, रसद विभाग, जिला प्रशासन और गैस कंपनियों के अधिकारियों की अनदेखी के चलते कार्रवाई नहीं हो पाती है। इन सभी स्थानों पर चोरी-छिपे टंकियों से गैस निकालने का बड़ा कारोबार ही चल पड़ा है। हद तो यह है कि उपभोक्ताओं की आए दिन की शिकायत के बावजूद रसद विभाग ने पिछले कई महीनों के दौरान कोई जांच-कार्रवाई ही नहीं की है।

पीतल की पाइप से शुरू होती है आय

यह स्थिति सिर्फ जिला मुख्यालय पर नहीं वरन ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनी हुई है। इसके लिए शातिर हॉकर अपने पास पीतल की करीब एक फीट लंबी पाइप काम में लेते हैं। इन्हीं गैस टंकी वितरण सेंटर से उपभोक्ताओं को टंकी उपलब्ध कराने के नाम पर यह खेल चलाया जाता है। इसके लिए दो सिलेण्डर आमने-सामने लिटा कर बीच में उपकरण फंसा दिया जाता है और सिलेण्डर से दो-तीन लीटर गैस आसानी से निकाल ली जाती है। इस तरह छह या सात सिलेण्डरों से आठवां सिलेण्डर तैयार कर लिया जाता है। ऐसे तैयार किया गया हर सिलेण्डर उनके लिए 550 रुपए की ‘शुद्धÓ आय तथा उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा बन जाता है।

महिलाओं को दिया जाता है धोखा

सिलेंडर से गैस की चोरी करने के बाद उन पर कैप भी बड़ी चतुराई से ऐसे लगाई जाती है कि आसानी से अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। ये गैस सिलेण्डर उपभोक्ताओं तक ज्यादातर उसी समय पहुंचाए जाते हैं, जब घर में महिलाएं हो। यह खेल सिलेण्डरों की भीड़ के बीच, झाडिय़ों में, बंद कमरे में और हर उस जगह जहां दो सिलेण्डर आमने-सामने रखने की जगह मिल जाए, खेला जा सकता है। उपकरण भी इतना छोटा कि कहीं भी ले जाने या छिपाने में आसानी।

रखते हैं नकली तौल कांटा

हॉकर की साइकल के आगे लटका स्केल की भांति दिखने वाला लंबा कांटा अप्रामाणिक होता है। यह कांटा हल्का सा झटका देने पर दो से तीन लीटर तक का फर्क छिपा देता है। इसी हल्के झटके से गैस हॉकर कमाई कर लेता है। प्रामाणिक कांटा घड़ी जैसा दिखता है। इसमें घड़ी की सुई की तरह गोल घूमने वाला कांटा लगा रहता है। इसमें कोई भी गड़बड़ी आसानी से पकड़ी जा सकती है।

सो . मददगार

अवैध रूप से निजी कॉलोनाइजर्स ने काटी पहाडिय़ां

रिपोर्ट विनोद मोलपरिया

उदयपुर। महाराणा प्रताप खेल गांव के पास अवैध रूप से अरावली की पहाडिय़ां काटी जा रही है। यहां पर प्राइवेट कॉलोनाइजर्स ने पहाडिय़ां काट कर सड़कें बना दी, प्लाट काट दिए और बिजली के खंभे भी रोप दिए हैं, जबकि इसके लिए कोई प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी नहीं की गई है। फिर भी लगातार इस क्षेत्र में पहाडिय़ों को काटकर कॉलोनियां बसाई जा रही है।

 

हाथों हाथ बिक रहे हैं प्लाट

चित्रकूट नगर क्षेत्र में जमीनों की अच्छी कीमतों एवं खेलगांव पास होने के कारण भूखण्डों की मांग बढ़ रही हैं। यहां पर मुंह मांगे दामों पर हाथों-हाथ प्लाट बिक रहे हैं। चित्रकूट नगर में सरकारी जमीनों की डीएलसी दर भी कम से कम पंद्रह सौ रूपये प्रति स्कवायर फीट हैं। प्रतापनगर तक फोरलेन हाइवे को भी स्वीकृति मिल चुकी है। इससे हर कोई वहां पर प्लाट खरीदना चाहता है।

 

जल प्रवाह मार्ग को खतरा : शर्मा

सहायक वन संरक्षक डा. सतीश शर्मा का कहना है कि अगर पहाडिय़ों को काटा गया, तो जल प्रवाह मार्ग को खतरा हो जाएगा। इससे इस अंचल से गुजरने वाली आयड़, माही, बनास समाप्त हो जाएगी। पहाडिय़ों पर उगने वाली वनस्पति समाप्त हो जाएगी, जो पर्यावरणीय तंत्र को प्रभावित करेगी।

 

कोई सुनने को तैयार नहीं है

झील संरक्षण समिति के सह सचिव अनिल मेहता ने बताया कि उदयपुर में अरावली पर्वतमाला की चोटियां ही क्षेत्र के बेसिन के लिए वाटरशेड का निर्माण करती हैं। इससे शहर की झीलें भरी रहती हैं और भूजल का स्तर भी अच्छा बना रहता हैं। पिछले दिनों यूआईटी अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में उन्हें बताया गया था कि पहाडिय़ों का कटाव किस तरह से खतरनाक साबित हो सकता है। पहाडियों की लगातार कटिंग से पर्र्यावरणीय और जलविज्ञानी प्रभाव पड़ेगा जिससे उदयपुर का मूल स्वरूप ही समाप्त हो जाएगा।

 

गैरकानूनी हैं पहाडिय़ों को काटना

रिटायर्ड एसटीपी बीएस कानावत का कहना है कि यदि रघुनाथपुरा गांव की पहाडिय़ां काटी गई हैं और मकान बनाएं जा रहे हैं, तो ये गैरकानूनी हैं। पहाडिय़ों के कट जाने से उदयपुर की सुंदरता पर असर पड़ेगा। अगर यूआईटी ने यहां पर मकान बनाने की स्वीकृति दी है, तो गलत हैं। यूआईटी पहाडिय़ों पर रिसोर्ट के लिए स्वीकृति दे सकती हैं लेकिन वो भी इस शर्त पर कि उनको ८० प्रतिशत क्षेत्र में हरियाली विकसित करनी होगी और २० प्रतिशत क्षेत्र पर ही निर्माण कार्य किया जा सकेगा।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी

यूआईटी अध्यक्ष रुपकुमार खुराना ने बताया कि यदि रघुनाथपुरा गांव में पहाडिय़ां काटी गई है तो ये गलत है। मेरी जानकारी में नहीं है, आपने बताया है तो मैं आज ही मौके पर अधिकारियों को भेजता हुं।

यूआईटी के भू-अवाप्ति अधिकारी जगमोहन ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि लेंड कनवर्जन का काम यूआईटी सैकेट्री आरपी शर्मा एवं ओएसडी प्रदीप सांगावत करते हैं। मेरा काम लेंड एक्वीजिशन का है। रघुनाथपुरा गांव के मसले में मुझे जानकारी नहीं है।

यूआईटी ओएसडी प्रदीप सांगावत से पूछा गया तो उन्होनें बताया कि संभवतया ये खातेदारी की जमीन होगी, आप मुझे खसरा नम्बर बताएं तो पटवारी को बुलवाकर जांच करवा लेते हैं। इस पूरे मामले में ऐसा लगा मानो यूआईटी के अधिकारी आंखे मूंद कर सोए हुए हैं। शहर में पहाडिय़ां काट दी जाती है और उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं होती या वो इस बारे में जानना ही नहीं चाहते हैं।

सो . मददगार

कभी सुना है सास और दामाद की शादी!

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मेघालय। भारतीय समाज में सास और उसकी बेटी का पति यानि दामाद का रिश्ता मां-बेटे की तरह माना जाता है। वहीं मेघालय में सास और दामाद की शादी हो जाती है। मेघालय की गारो जनजाति में एक ऎसी परंपरा है जिसके तहत सास और दामाद की शादी हो सकती है। इसके बाद सास और दामाद का रिश्ता खत्म होकर पति-पत्नी का रिश्ता बन जाता है।

गारो जनजाति का एक नियम है कि शादी के बाद छोटी बेटी का पति घर जमाई बन कर ससुराल में रहने आ जाता है। इसके बाद इसे नोकरोम कहा जाने लगता है। नोकरोम को सास के मायके में पति के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता मिलती है। अगर किसी कारण से ससुर की मृत्यु हो जाती है तो सास की शादी नोकरोम से कर दी जाती है। इस शादी के बाद बेटी और सास दोनों का पति बनकर नोकरोम को दोनों की जिम्मेदारी उठानी पडती है।

टूथब्रश नहीं करने पर पत्नी घर छोड भागी

हरियाणा। एक पति के रोज टूथब्रश न करने से परेशान पत्नी ने उसे छोडकर चली गई। यह घटना हरियाणा के पानीपत की है। जानकारी के अनुसार एक पत्नी ने अपने पति को सिर्फ इसलिए छोड दिया कि वो रोज ब्रश नहीं करता था। पहले तो पत्नी ने प्यार के साथ से यह बात कही। लेकिन पति ने आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया। बाद में उकता कर जब पत्नी ने कठोरता से ब्रश करने को कहा तो पति ने पत्नी की ही पिटाई कर दी। कुछ ही समय बाद पत्नी अपने पति का घर छोड कर चली गई। पत्नी का कहना है कि पति इतना आलसी है कि न तो ब्रश करता है और न ही नहाता है।

ऎसे में उसके मुंह से इतनी बदबू आती है कि पास तक जा नहीं सकते। इससे बच्चों पर भी बुरा असर पड रहा है। पत्नी का कहना है कि जब तक पति रोज ब्रश करने और नहाने का वादा नहीं करता वो घर लौट कर नहीं आएगी। पत्नी के घर छोडकर जाने से जहां पति का घर बिखर गया वहीं इलाके में उसका विरोध शुरू हो गया। थक हारकर पति परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा और पत्नी को घर लौटाने की मांग की। केंद्र ने जब पत्नी से बात की तो उसने दो टूक अपनी बात कही।

केंद्र ने अपने अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बातचीत कराई और इसमे हल निकला कि पति पत्नी की शर्त मानकर रोज ब्रश किया करेगा। अगर पति इस काम में लापरवाही बरतता है तो पत्नी घर और बच्चों को छोडकर अपने मायके जाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है।

लापरवाह अफसरों के कारण गई कई जानें

उदयपुर। प्रतापनगर से अहमदाबाद रोड की तरफ जाने वाले बाइपास रोड पर चौराहे से लेकर पुराने टोल नाके तक बने मौत के डिवाइडरों ने कई लोगों की जाने ले ली है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, लेकिन नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं, जबकि इन डिवाइडरों को हटाने के लिए प्रतापनगर थानाधिकारी कई बार पत्र लिख चुके हैं।

एडीएम सिटी भी नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर जनहित में इन डिवाइडरों को हटाने की मांग कर चुके हैं। गौरतलब हैं कि प्रतापनगर से गोर्वधनविलास रोड तक बाइपास बना तब वसूली के लिए टोलनाका, डिवाइडर एवं रोड के मध्य एक कमरा बनाया गया था। टोल वसूली की समाप्ति के बाद कमरा तो हटा लिया गया, लेकिन डिवाइडरों को नहीं हटाया गया।

ये डिवाइडर ही मौत के डिवाइडर बन गए हैं, जिन्होंने अब तक सैंकड़ों मासूम लोगो की जाने ले ली है।

 

सो.- मददगार